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आगरा में केमिकल फैक्टरी में आग

आगरा के सिकंदरा इलाके में एक केमिकल फैक्ट्री में आग लग गयी है। वहां धमाका होने की भी खबर है। अभी तक किसी जानमाल के नुक्सान की कोई जानकारी नहीं है।

पता चला है कि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां वहां पहुंची हैं।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक हालत को देखते हुए वहां आसपास के घरों को खाली कराया गया है। वायुसेना और रिफाइनरी से मदद मांगी गई है। आग बुझाने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी भी वहां से धुएं के घने काले बड़े गुबार उड़ते दिखाई दे रहे हैं।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक फैक्टरी में केमिकल बनता है जिसका इस्तेमाल जूते के सोल को जोड़ने में किया जाता है। आग की घटना दोपहर की है और अभी भी वहां भीषण आग लगी हुई है। अधिकारियों के मुताबिक आग फैलने की आशंका को देखते हुए फायर ब्रिगेड पूरी ताकत से वहां आग बुझाने में जुटा है।

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जहाँ यह आग लगी है वह आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सब्जी मंडी के समीप का इलाका है। वहां साथ साथ बनी टोप्लास्ट और आगरा केमिकल नाम की फैक्टरियों में आग की घटना हुई है। घटनास्थल से निकलता धुंआ पूरी इलाके में फ़ैल गया है।

कोरोना महामारी में चुनाव में लापरवाही से बढ़ सकते है मामले

लोकतंत्र में चुनाव एक उत्सव की तरह होता है। लेकिन महामारी के दौर में चुनाव जरूर हमें विचलित करते है। मौजूदा समय में कोरोना महामारी भारत में एक आपदा का रूप लिये हुये है। देश में हर रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे है। मौते भी हो रही है। ऐसे में मध्य-प्रदेश उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा आर-पार की तर्ज पर जो सियासत कर रही है। उसे इस महामारी के दौर में सही नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है।

राजनीतिक पार्टियां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान से लेकर मंत्रियों और विधायकों तक को कोरोना हो चुका है। कुछ तो विधायक अभी भी कोरोना का इलाज अस्पताल में करवा रहे है। फिर भी कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर मीटिंग कर रहे है। तहलका संवाददाता को मुरैना के नेता ने बताया कि जब से भाजपा में ज्योतारादित्य सिधिंया गये है तब से भाजपा बड़े उत्साह के साथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे है। यही हाल कांग्रेस के नेताओं का है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उपचुनाव में कोरोना महामारी को रोकने में केन्द्र और प्रदेश सरकार असफल हो गयी है । इसी मुद्दे पर जनता का सरकार के प्रति काफी रोष है।

खेर कुछ भी हो कोरोना को नजरअंदाज करके चुनाव में जो लापरवाही होगी । उससे जरूर देश में कोरोना का कहर बढ़ सकता है।

दिल्ली में मुठभेड़ के बाद बब्बर खालसा के 2 आतंकी गिरफ्तार

दिल्ली में आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के दो आतंकवादियों को पकड़ा गया है। उन्हें एक मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया और उनके पास से गोलाबारूद भी बरामद हुआ है।

जानकारी के मुताबिक यह मुठभेड़ उत्‍तर-पश्चिमी दिल्‍ली में हुई। हालांकि, इन दोनों को ज़िंदा पकड़ लिया गया। आतंकियों की पहचान भूपेंदर सिंह उर्फ़ दिलाबर सिंह और कुलवंत सिंह के तौर पर हुई है। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है। उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है।

यह दोनों आतंकी पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आतंकी पंजाब में कई संगीन वारदातों में ”वॉन्टेड” रहे हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज मुठभेड़ के बाद इन दोनों को पकड़ा। पहले यह खबर भी थी कि मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी भी हुई है।

पुलिस ने जानकारी दी है कि उसने भूपेंदर ऊर्फ दिलावर सिंह निवासी लुधियाना और कुलवंत सिंह निवासी लुधियाना को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। बता दें बाबर खालसा इंटरनेशनल खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद मिला है। इनमें छह पिस्टल और गोलियां भी शामिल हैं।

नीतीश ने वर्चुअल चुनाव रैली में किया उपलब्धियों का दावा, थपथपाई पीठ

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू ने तैयारी शुरू कर दी है। सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को पार्टी की पहली वर्चुअल रैली ‘निश्चय संवाद’ का आयोजन किया। विपक्ष के नाकामी के आरोपों को झूठ बताते हुए नीतीश ने कोरोना के खिलाफ उपायों को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई। साथ ही उन्होंने अपनी और मोदी सरकार (एनडीए) की उपलब्धियों का भी जिक्र किया।

पटना में पार्टी मुख्यालय में इस रैली का आगाज किया गया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में अपराध की दर में गिरावट आई है। उन्होंने कहा – ”कोरोना दुनियाभर का संकट है। हम लोगों को अपने राज्य में भी सजग रहना है। कोरोना काल में आर्थिक संकट पूरे देश में बढ़ रहा है। कोई नहीं जानता कि कल क्या होगा। सरकार कोरोना के इलाज के लिए बिहटा (पटना), पताही (मुजफ्फरपुर) में केंद्र 500-500 बेड का अस्पताल तैयार कर रही है। केंद्र की तरफ से काम हो रहा है और राज्य की तरफ से सहयोग भी किया जा रहा है।” नीतीश ने कहा कि भारत सरकार से राज्य को 10 हजार आरटी-पीसीआर जांच मशीन मिलने वाली हैं जबकि केंद्र राज्य को एक अमेरिकी मशीन कोबास 8800 भी देने वाला है।

नीतीश ने विपक्ष के आरोपों पर कहा – ”हम तो रोजगार सृजन भी कर रहे हैं। बोलने वाले पता नहीं कुछ भी बोल रहे हैं, उन्हें पता भी नहीं कि क्या काम चल रहा है। राज्य सरकार की तरफ से 5,50,246 योजनाओं में 14 लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन किया गया है। औसतन प्रतिदिन लगभग दस लाख लोगों को काम मिल रहा है।” सीएम ने जनता से कहा – ”मैं हाथ जोड़कर लोगों से कोरोना से बचने के लिए नियमों का पालन करने का आग्रह करता हूं। लोगों से अपील करता हूं कि वो बाकी लोगों से इन नियमों का पालन करवाएं।” उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर लोगों को कोरोना से और सतर्क रहना होगा। ”मैंने कई जगह लोगों को बिना मास्क देखा है। लोगों को सबको प्रेरित करना होगा, सभी लोगों को मास्क का प्रयोग करना है, सोशल डिस्टेंस का पालन करें। घर के बुजुर्ग, गंभीर बीमारी से पीड़ित, गर्भवती महिलाएं और बच्चे बेवजह और जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से बाहर न निकलें।”

उन्होंने कहा कि बाढ़ से हमारे 16 जिलों के 83 लाख लोग प्रभावित हुए। हमने एयरड्रॉप कर लोगों को सहायता दी। पांच लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया। सामुदायिक रसोई केंद्र में एक दिन में दस लाख से ज्यादा लोगों ने भोजन किया।

नीतीश ने कहा कि हमने साल 2005 में सत्ता संभाली और तब से लेकर हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं। बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है। इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था। लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ”हमने रोजगार देने के लिए नई प्रोत्साहन नीति लागू की है। दो लाख तीस हजार लोगों को जीविका समूहों के माध्यम से जोड़ा गया।”

कोरोना के मामले 42 लाख के पार, संक्रमण से हुई है 71,642 की मौत

देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर सोमवार सुबह आठ बजे तक 42 लाख के पार पहुंच गए हैं। अब तक इस संक्रमण से कुल 71,642 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग के आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से 1016 लोगों की मौत हुई है। वहीं इस दौरान संक्रमण के 90,802 नए मामले सामने आये हैं। देश में वर्तमान में 8,82,542 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जिनका इलाज चल रहा है।

देश में अबतक कुल 71,642 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। देश में अबतक कुल 42 लाख से अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। उधर महाराष्ट्र में एक्टिव मामलों की संख्या 2,36,208 पहुंच चुकी है जबकि वहां अबतक  26,604 लोगों की मौत हुई है।

राजधानी दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 20,909 हैं। साथ ही मरने वालों की संख्या 4,567 लोगों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु में एक्टिव मामलों की संख्या 31,635 है। वहीं मरने वालों की संख्या 7,836 है। यूपी में एक्टिव मामलों की संख्या 61,625  है और मरने वालों की संख्या 3920 पहुंच चुकी है। पश्चिम बंगाल में 23,218 संक्रमितों की संख्या की पुष्टि की जा चुकी है वहीं मरने वालों की संख्या 3562 है।

निजी अस्पताल में दोबारा कोरोना संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया

देश में लगातार कोरोना के बढ़ते मामले पहले से ही चिंता का सबब है, अब दोबारा से संक्रमित होने का मामला आने से परेशानी कहीं ज़्यादा बढ़ सकती है। देश में पिछले एक दिन में 90,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। बंगलूरू के फॉर्टिस अस्पताल ने जानकारी दी है कि वहां एक 27 वर्षीय महिला को दोबारा कोरोना का संक्रमण हुआ है।
डॉक्टर और वैज्ञानिक अब तक कह रहे थे कि एक बार कोरोना होने के बाद शरीर एंटीबॉडी बना लेता है, जिसके बाद दोबारा कोरोना होने की संभावनाएं कम रहती हैं। लेकिन बंगलूरू के निजी अस्पताल में सामने आया ये नया मामला इस दावे को झूठा साबित कर रहा है।
अस्पताल के मुताबिक, बंगलूरू में एक 27 साल की महिला में दोबारा कोरोना संक्रमण पाया गया है। यह पहला कंफर्म कोविड-19 का रीइनफेक्शन मामला है, जो सामने आया है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि इससे पहले यह महिला जुलाई में पॉजिटिव पाई गई थी और इलाज के बाद महिला का टेस्ट किया गया, जो निगेटिव आया। इसके बाद महिला को घर भेज दिया गया था। करीब सवा महीने बाद महिला में एक बार फिर हल्के लक्षण नज़र आये और टेस्ट करने के बाद पॉजिटिव पाई गईं हैं।

जीएसटी के दोषपूर्ण कार्यान्वयन ने अर्थव्यवस्था सर्वनाश की : राहुल

देश में एक तरफ गिरती इकॉनमी ने जनता की चिंता बढ़ा दी है, वहीं कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। सीमा पर चीन से तनाव अलग से बना हुआ है। कांग्रेस अब इन मसलों पर तेजी से भाजपा सरकार और पीएम मोदी को निशाने पर ले रही है। पार्टी की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा सक्रिय राहुल गांधी हैं, जो लगातार इन मुद्दों को उठा रहे हैं।

राहुल गांधी ने रविवार को मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए जीएसटी को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा इसके दोषपूर्ण कार्यान्वयन ने देश की अर्थव्यवस्था का सर्वनाश कर दिया है, और इसकी सबसे बड़ी मार जनता पर पड़  रही है। राहुल ने अपनी सीरीज के तीसरे वीडियो में कहा – ”यह (जीएसटी) अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के लिए दूसरा बड़ा आक्रमण है। जीएसटी यूपीए सरकार का आइडिया था। एक टैक्स, सरल टैक्स और साधारण। लेकिन एनडीए ने इसे जटिल बनाकर रख दिया।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि एनडीए सरकार की तरफ से लागू जीएसटी में चार अलग-अलग टैक्स हैं और टैक्स भी 28 प्रतिशत तक है। सबसे खराब बात यह है कि यह बहुत जटिल और समझने को बहुत मुश्किल टैक्स है। उन्होंने कहा – ”जो छोटे और मझोले व्यापार वाले हैं, वो इस टैक्स को भर ही नहीं सकते जबकि बड़ी कंपनियां बड़ी आसानी से भर सकती हैं, वे पांच-10 अकाउंटेंट लगा सकती हैं।”

इसके बाद वीडियो में राहुल गांधी ने पूछा – ”देश में ये चार अलग-अलग टैक्स रेट क्यों हैं ? देश में ये चार अलग-अलग टैक्स रेट क्यों हैं ? ये ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जिसकी जीएसटी तक पहुंच हो वो इसे आसानी से बदल पाए और जिसकी पहुंच न हो वो जीएसटी के बारे में कुछ न कर पाए। पहुँच किसकी है, हिंदुस्तान के 15-20 उद्योगपतियों की पहुंच है तो वे जो भी टैक्स का कानून वे बदलना चाहते हैं तो वे इस जीएसटी रेजीमे में आसानी से बदल सकते हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जीएसटी पूरी तरह से विफल है, यह गरीबों पर और छोटे और मझोले व्यवसायों पर हमला है। जीएसटी एक कर प्रणाली नहीं है, यह भारत के गरीबों पर आक्रमण है। छोटे दुकानदारों, छोटे और मझोले व्यवसायों, किसानों और मजदूरों पर आक्रमण है। राहुल ने कहा कि हमें इस आक्रमण को पहचानना होगा और मिलकर इसके खिलाफ हम सबको खड़े होना होगा।

उन्होंने कहा – ”एनडीए की जीएसटी का नतीजा क्या है? कि आज हिंदुस्तान की सरकार राज्यों को जीएसटी का पैसा ही नहीं दे पा रही है। प्रदेश कर्मचारियों को राज्य पैसा नहीं दे पा रहे हैं।

राहुल गांधी का ट्वीट –
@RahulGandhi
GDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)। इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे – लाखों छोटे व्यापार, करोड़ों नौकरियाँ और युवाओं का भविष्य,  राज्यों की आर्थिक स्थिति। GST मतलब आर्थिक सर्वनाश। अधिक जानने के लिए मेरा वीडियो देखें।

अभिनेता अर्जुन कपूर कोरोना पॉजिटिव, देश में एक दिन में रेकॉर्ड 90,632 केस

जिस रफ़्तार से देश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि यह जल्दी ही रोजाना एक लाख का आंकड़ा छू लेंगे। उधर इस वायरस से मरने वालों की संख्या भी 70 हजार के पार चली गयी है। उधर खबर है कि अभिनेता अर्जुन कपूर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

आज सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो आंकड़े जारी किये गए हैं उनके मुताबिक अब तक वायरस संक्रमण के एक दिन में पहली बार 90,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मंत्रालय के अनुसार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में (शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर रविवार सुबह 8 बजे तक) रेकॉर्ड 90,632 नए मामले सामने आए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या अब 41,13,811 हो गई है।

इन 24 घंटों में 1065 मरीजों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 70,626 हो चुकी है। पिछले काफी दिन से हर रोज मरने वालों की संख्या 1000 के आसपास चल रही है, जिससे यह खतरा भी बन रहा है कि भारत में मरने वालों की संख्या एक लाख का दुर्भाग्यपूर्ण आंकड़ा भी छू सकती है।

उधर पिछले 24 घंटों में 73,642 मरीज इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से उबर चुके हैं। यह एक दिन में ठीक होने वालों की भी सबसे बड़ी संख्या है। अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 31 लाख के पार जा चुकी है। देश में इस वक्त 8,62,320 सक्रिय मामले हैं।

आंकड़ों बताते हैं कि देश में रिकवरी रेट बढ़ोतरी के साथ 77.32 प्रतिशत पर पहुंच गया है। पिछले दो दिन में ठीक होने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। उधर खबर है कि अभिनेता अर्जुन कपूर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

मजदूरों ने बताया कि कोरोना बढ़ने का कारण वो नहीं है

जब देश में कोरोना महामारी को लेकर मार्च के आखिरी सप्ताह में लाँकडाउन लगा था, तब रोजी-रोटी कमाने आये मजदूरों को नौकरी जाने के कारण, अपने गांवों में जाने को मजबूर होना पड़ा था। वो भी तब संसाधन व वाहन नहीं थी , पैदल मजदूर अपने घरों में गये थे। अब अनलाँक होने से मजदूर फिर से शहरों में रोजी–रोटी और रोजगार के लिये आने लगे है।

मौजूदा समय में देश में खासकर शहरों में फिर से कोरोना की रफ्तार बढ़ने से अब इन मजदूरों को लोग शक की नजर से देखने लगे और आते –जाते लोग तंज कस रहे है कि कोरोना के मामलों के बढ़ने की जड़ दिल्ली फिर से आ रही है। मजदूरों का कहना है कि वे दिल्ली के पिछडे इलाकों में गरीब वस्तियों में रहते है। गरीबी के मारे है । लेकिन उनको कोरोना जैसी बीमारी नहीं है । फिर अब अफवाहें फैलाई जा रही है कि दिल्ली में बिहार , मध्य-प्रदेश और उत्तर –प्रदेश से जो मजदूर आ रहे है, उससे दिल्ली में कोरोना बढ रहा है। जबकि ये सच्चाई नहीं है।

उत्तर–प्रदेश, मध्य –प्रदेश और बिहार के मजदूरों ने तहलका संवाददाता को बताया कि दिल्ली में कोरोना की जांच चल रही है । जो बीमार हो रहे है। वे गांवों में भी हो रहे है । लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि जो दिल्ली में रोजी-रोटी के लिये वो ही कोरोना महामारी लेकर आ रहा है। मजदूर भोले सिंह ने बताया कि उनके भाई रमेश को बैक पैन की शिकायत पर दिल्ली सरकार के डीडीयू अस्पताल ले जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने कहा कि बीमारी फैलाने आ गये हो । गरीबी का मारा भोले सिंह सुनता रहा लेकिन उसके भाई रमेश की कहा सुनी हो गयी । मामला इतना बिगड गया बिना इलाज के ही भोला सिंह और रमेश को अपने घर आना पडा।

इसी तरह दिल्ली एनसीआर में तामाम तरह के मामले सामने आ रहे है। मजदूर नेता पीयूष कुमार ने बताया कि ये सरकार की लचर और दोहरी नीतियों का नतीजा है जो आज ऐसे मामले सामने आ रहे है। क्योंकि एक ओर तो सरकार का कहना है कि काम मे तेजी लाओं और वही कुछ लोग इस तरह का वाताबरण पैदा कर रहे है कि कोरोना के बढते मामलों को लेकर मजदूरों को दोषी ठहराकर अपनी गलतियों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है । फिलहाल जो भी हो पर मजदूरों के आने से कोरोना की संख्या नही बढ रही है । लेकिन ये बात बडी जोर- शोर उठाई जा रही है बाहरी लोगों के आने से कोरोना की गति ने जोर पकडा है। ये सब कोरोना से ध्यान भटकाने का खेल है ।

मिनिमम गवर्नेंस, अधिकतर प्राइवेटाइजेशन मोदी सरकार की सोच : राहुल

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकारी नौकरियों के सृजन पर रोक लगाने के आदेश पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है।  राहुल ने शनिवार को एक अखबार की रिपोर्ट शेयर करते हुए ट्वीट किया, मोदी सरकार की सोच, मिनिमम गवर्नेंस, ज्यादातर संस्थानों का निजीकरण करना है। कोरोना तो बस बहाना है, सरकारी दफ्तरों को स्थायी स्टाफ से मुक्त  बनाना है। युवा का भविष्य चुराना है और मित्रों को आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही राहुल ने लोगों से इसके खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी नई नौकरियों के सृजन पर रोक लगाने के आदेश को जनविरोधी बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। पार्टी नेता राजीव शुक्ला ने कहा, इस समय देश की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी हालत में है। निजी क्षेत्र में तो छंटनी चल ही रही है, लेकिन सरकार ने अपनी नौकरियों पर भी रोक लगा दी है। इस देश के युवा कहां जाएंगे, उन्हें कहां नौकरियां मिलेंगी, वे क्या करेंगे?
गंभीर संकट के इस दौर से उबरने के लिए सरकार को एक कदम आगे बढ़कर आना चाहिए, जैसे दुनिया के बाकी देश कर रहे हैं। कांग्रेस मांग करती है कि सरकारी नौकरियों को लेकर सरकारी आदेश तुरंत वापस लिया जाए और ज्यादा से ज्यादा नौकरियां सृजित करने पर ध्यान दिया जाए। बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने नए पदों के सृजन पर रोक लगा दी है, साथ ही पुराने खाली पदों को फिलहाल नहीं भरने का आदेश जारी किया है।