गूगल प्ले म्यूजिक होगा बंद, यूट्यूब म्यूजिक लेगा जगह
देश में रेकार्ड कोविड-19 मामले सामने आए, कुल संक्रमित 27 लाख के पार
बहुत से विशेषज्ञों की इस राय कि भारत में कोविड-19 अभी चरम (पीक) पर नहीं पहुंचा है, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 64,531 नए मामले आये हैं और 1092 की मौत हुई है। देश में अब तक संक्रमण के कुल मामले 27 लाख के पार पहुंच गए हैं, हालांकि, वर्तमान में संक्रमित लोगों की संख्या 6,76,514 है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आज सुबह 8 बजे तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड19 के अब तक के कुल मामले 27,67,274 हो चुके हैं। इसमें से सक्रिय मामले (वर्तमान में संक्रमित) मामले 6,76,514 हैं। अब तक 20,37,871 मरीज ठीक हुए हैं और 52,889 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना से रिकवरी रेट 72 फीसदी से अधिक हो चुका है।
वैसे भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के अब तक के सबसे ज्यादा 64,531 न मामले सामने आए हैं और 1092 लोगों की मौत हुई है। उधर आईसीएमआर के मुताबिक देश भर में 17 अगस्त तक 3,17,42,782 सैंपल्स (कोविड19 टेस्ट) किये गए। अकेले 18 अगस्त को 8,01,518 सैंपल्स की टेस्टिंग हुई। देश में महामारी से मृत्यु दर 2 फीसदी से नीचे है, जो दुनिया भर में सबसे कम दर वाले देशों में शामिल है।
दिल्ली में बुधवार को होटल खोलने को मंजूरी दे दी गई हालांकि, जिम अभी बंद रहेंगे। राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के 1,398 नए मामले सामने आए हैं जबकि 1,320 ठीक हुए हैं और 9 लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई है। अब दिल्ली में कुल मामले 1,56,139 हैं जिनमें वर्तमान में संक्रमित मामले 11,137 हैं जबकि अब तक 4,235 लोगों की मौत हुई है।
सबसे ज्यादा मामले अभी भी महाराष्ट्र में हैं जहाँ पिछले 24 घंटे में 13,165 नए मामले सामने आए हैं और 346 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह 9,011 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। राज्य में अब तक 21,033 लोगों की मौत हुई है और वर्तमान में सक्रिय मामले 1,60,413 हैं।
गूगल का सर्वर डाउन, जीमेल से ईमेल में दिक्कत
सुशांत मामले की जांच सीबीआई करेगी : सुप्रीम कोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत, जिनकी दो महीने पहले मुंबई में संदिग्ध हालात में मौत हो गयी थी, की जांच का मामला सीबीआई को देने के हक़ में फैसला सुनाया है। सुशांत के परिवारजन इस मामले को सीबीआई को देने की मांग कर रहे थे। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सुशांत की मौत से जुड़ी बिहार पुलिस के सामने दर्ज की गयी एफआईआर को भी उचित ठहराते हुए मुंबई पुलिस को इस जांच में सहयोग का आदेश दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में जांच नहीं की बल्कि सिर्फ पूछताछ (मृत्यु का मामला) की थी। कोर्ट ने मुंबई पुलिस को सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को भी कहा है। जाहिर है सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब सुशांत मामले की जाँच सीबीआई के जिम्मे आ गयी है।
चर्चा है कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुशांत के परिजनों ने इसका स्वागत किया है। सुशांत के मित्र रहीं अंकिता लोखंडे ने सके बाद ट्वीट में कहा – ‘यह न्याय की जीत है’।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी केस सीबीआई को सौंपे जाने पर खुशी जताई है। अभी तक इस मामले में काफी सक्रिय रहीं एक्टर कंगना रणौत ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
भाजपा ने बताया पीएम केयर्स का पैसा कहां-कितना खर्च किया
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, राजीव गांधी फाउंडेशन एक फैमिली फाउंडेशन था। आपको मालूम है कि उसे चीन से भी मदद मिली थी। उस फाउंडेशन की रिपोर्ट में भारत के बाजार को चीनी उत्पाद के लिए खोलने की बात भी कही गई थी।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राहुल ने पहले दिन से देश की एकता को कमजोर करने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि देश के डॉक्टर-नर्सेज, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी जैसे कोरोना योद्धाओं के सम्मान में ताली बजाई जाए, इसका भी राहुल गांधी ने मजाक उड़ाया।
राहुल के ‘कुटिल’ मंसूबों को झटका : नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, पीएम केयर्स को लेकर सर्वोच्च अदालत का फैसला राहुल गांधी के कुटिल मंसूबों और उनके सहयोगियों की कोशिशों को तगड़ा झटका है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की दुर्भावना और द्वेषपूर्ण कोशिशों के बावजूद सत्य की चमक बरकरार रहती है। उन्होंने कहा कि राहुल के हल्ला मचाकर दोषारोपण करने की आदत को जनता ने लगातार नकारा है और उसी जनता व अन्य ने पीएम केयर्स कोष में दिल खेलकर दान किया है।
आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप मिली ‘ड्रीम इलेवन को, इसमें भी है चीनी कंपनी की हिस्सेदारी, वीवो के 440 के मुकाबले ड्रीम 11 देगी सिर्फ 222 करोड़
चीनी कंपनी ‘वीवो’ के हाथ से निकली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल स्पॉन्सरशिप मंगलवार को भारत की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ‘ड्रीम इलेवन’ को मिली है। उसने इस साल के लिए इसके 222 करोड़ रूपये अदा किये हैं। इससे पहले वीवो इसके लिए हर सीजन के 440 रूपये अदा कर रही थी। दिलचस्प यह है कि ड्रीम इलेवन कंपनी में चीनी कंपनी ‘टेंसेंट’ की कुछ हिस्सेदारी है।
आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने मंगलवार इसकी जानकारी दी है। बता दें ‘ड्रीम इलेवन’ भारत की एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी है जो फैंटेसी क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी और बास्केटबॉल गेमिंग में काम करती है। साथ ही ड्रीम इलेवन देश की पहली गेमिंग कंपनी है, जो यूनिकॉर्न बनी। इसके फाउंडर भवित शाह, हर्ष जैन हैं और कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है।
जानकारी के मुताबिक ‘ड्रीम इलेवन’ में चीनी कंपनी ‘टेंसेंट’ की कुछ हिस्सेदारी है। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद वीवो ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया था। इसके बाद इसके लिए बिड आमंत्रित की गयी थीं। पहले बाबा रामदेव की पतंजलि भी आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल थी। टाटा का नाम भी सामने आया था।
पीएम केयर्स फंड का पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट
कोरोना की शुरुआत के समय 28 मार्च को मोदी सरकार की तरफ से बनाए गए प्राइम मिनिस्टर्स सिटिजन असिस्टेंस ऐंड रिलीफ इन इमर्जेंसी सिचुएशंस (पीएम केयर्स फंड ) को लेकर दायर याचिका का निपटारा करते हुए मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का पैसा नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स फंड का पैसा ट्रांसफर करने को लेकर आज हुई सुनवाई में कहा कि एनडीआरएफ में पैसा ट्रांसफर करने का आदेश नहीं दिया जा सकता। न ही किसी नई आपदा राहत योजना की अभी जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर दायर दायर याचिका आज खारिज कर दी गई। एक एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) यह याचिका दायर कर मांग की थी कि पीएम केयर फंड में जमा रकम को कोरोना महामारी के मद्देनजर एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए। अदालत ने इसके लिए आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति और कॉरपोरेट के लिए कोई वैधानिक बाधा नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार पीएम केयर्स फंड की राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि ये दोनों फंड अलग हैं।
इससे पहले इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में पीएम केयर फंड में जमा हुई राशि को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच के सामने कहा था कि पीएम केयर फंड स्वैच्छिक फंड है जबकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ फंड बजट आवंटन के दायरे में हैं।
उधर सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से दलील पेश करते हुए कहा था कि हम किसी पर सवाल नहीं उठा रहे है लेकिन पीएम केयर फंड का गठन नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के प्रावधान के विपरीत है। दवे ने कहा था कि एनडीआरएफ का ऑडिट सीएजी करता है लेकिन सरकार कह रही है कि पीएम केयर फंड का ऑडिट प्राइवेट ऑडिटर से कराया जाएगा।
पीएम केयर फंड के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर पीएम केयर फंड का बचाव किया था। अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय और राज्यों के आपदा में राहत कार्यों के लिए पीएम केयर फंड दूसरे किसी फंड पर रोक नहीं लगाता है। इन फंड में लोग स्वेच्छा से डोनेट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि एनडीआरएफ जैसी वैधानिक फंड होने के बावजूद ऐसे कोष यानी पीएम केयर फंड के गठन पर कोई रोक नहीं है।
वैसे पीएम केअर्स फंड पर विपक्ष का मोदी सरकार पर लगातार हमला रहा है। कांग्रेस इसके ऑडिट की मांग कर चुकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस फंड के पैसे आवंटित करने की जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक 31 मई तक कोरोना से लड़ाई के लिए 3100 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इनमें 2000 करोड़ रुपये स्वदेशी वेंटिलेटर पर, 1000 करोड़ रुपये प्रवासी मजदूरों की देखभाल और 100 करोड़ रुपये वैक्सीन की रिसर्च पर खर्च किये गए हैं या हो रहे हैं।