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कोविड-19 के 83,341 नए मामले, अब तक 68,472 लोगों की मौत

देश में कोरोना के शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 83,341 नए मामले सामने आने के बाद अब तक कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 39,36,748 हो गयी है। संक्रमण से मरने वालों की संख्या अब 68,472 हो गयी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से 1096 लोगों की मौत दर्ज की गई है जबकि 83,341 लोग संक्रमित पाए गए हैं। देश में 8,31,124 कोरोना वायरस के एक्टिव मामले हैं। देश में अबतक कुल 68,472 लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। देश में अबतक कुल 39 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस मामले सामने आ चुके हैं।

देखा जाए तो भारत में कोरोनावायरस कोविड 19 के मामले दुनियाभर में सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोविड-19 के कुल मामले  39,36,748 हो चुके हैं। कुल मामलों में से अब तक 30,37,152 मरीज स्वस्थ हुए हैं।  आईसीएमआर के मुताबिक 3 सितंबर तक कोरोना वायरस के कुल 4,66,79,145 टेस्ट किए गए, जिसमें से 11,69,765 टेस्ट गुरुवार को किए गए। उधर मंत्रालय के मुताबिक भारत का कोविड-19 रिकवरी रेट 76 फीसदी से अधिक हो गया है।

मंत्रालय के मुताबिक पांच राज्यों तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में देश के कुल सक्रिय मामलों का 62 फीसदी हैं। अबतक देश में 4.50 करोड़ से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं जिनमें पिछले 24 घंटों के 11,72,000 टेस्ट शामिल हैं।

कोरोना की रोकथाम में सख्ती ना की गयी तो घातक परिणाम सामने आयेगे

कोरोना के बढते कहर को लेकर जनता लस्त और सरकार मस्त नजर आ रही है । देश में गत दो दिनों से संक्रमित मामलों की संख्या 83 हजार से ज्यादा आ रहे है और मरने वालों की संख्या भी एक हजार से अधिक है। फिर भी ना जाने सरकार से कहां पर चूक हो रही है । मामलों की संख्या में कमी नहीं हो रही। कोरोना के बढते मामलों को लेकर अब लोगों का कहना है कि सरकार ने अगर कोरोना की रोकथाम को लेकर सख्ती ना बरती तो इसके भयावह परिणाम सामने आयेगे। तहलका संवाददाता ने लोगों से बातचीत कर इस बात की पडताल की तो उन्होंने कहा कि सरकार ने जब जून माह में अनलाँक की प्रक्रिया शुरू की तो बाजारों,रे लवे स्टेशन, बसों में, अस्पतालों में , सब्जी  मंडियों में बडी सख्ती के साथ लोगों को जागरूक किया था और सख्त हिदायत दी थी कि भीडभाड एकत्रित ना होगी। जबकि तब मामले देश में 3 लाख से कम थे। पर अब ऐसा क्या हो गया कि सख्ती की बात तो दूर अब कोई कोरोना को लेकर फिक्रमंद ही नहीं दिखता है।

बताते चले जब देश में मामले कम थे तब रेलवे स्टेशनों में शरीर का तापमान चैक किया जाता था और सेनेटाइज भी किया जाता था और लोगों को मुंह में मास्क लगाने की संख्त हिदायत दी जाती थी। तब जाकर यात्रियों को रेलवे स्टेशन में प्रवेश दिया जाता था। इसी तरह बसों में भी यात्रियों के साथ-साथ ड्राईवरों और कंटेक्टरों को सेनेटाइज कर उनके शरीर का तापमान देखा जाता था। लेकिन अब तो ये कुछ हो नहीं रहा है। कहने को तो छोटी सी बात है । पर इसके स्वास्थ्य संबंधी परिणाम घातक हो सकते है। इसी तरह अस्पतालों और बाजारों में सब जगह लापरवाही आसानी से देखी जा रही है। जागरूक लोग अभी भी, तब घर से निकल रहे है जब उनको कोई विशेष आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ लोग वे वजह घरों से निकल रहे है वो भी बिना मास्क के जिससे कोरोना का संक्रमण बढ रहा है।सबसे गंभीर और चौकानें वाली बात ये है स्वास्थ्य संगठनों द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है फिर भी कोई विशेष असर पडता नहां दिख रहा है। कुछ लोग तो ऐसे भी है जो मास्क लगा रहे स्वास्थ्य को देख कर नहीं बल्कि पुलिस से चालान ना कट जाये । इस लिये दिखावे के तौर पर मास्क को मुंह और नाक के नीचे लटका कर चलते है।जबकि सच्चाई ये है कि शहरों के साथ अब गांव –गांव में कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिये है। जो देश की स्वस्थ्य व्यवस्था के लिये सही नहीं माना जा सकता है। जबकि गांव, कस्बों और जिला स्तरीय शहरों की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। और शहरों में कोरोना के बढते मरीजों के लिये अस्पतालों में भर्ती होने के बैडों की कमी पड रही है। ऐसे सरकार को कोरोना की रोकथाम को लेकर जल्द से जल्द संख्त कदम उठाने पडेगे । अन्यथा बहुत देरी ना हो जायेगी । संजय नागर , किशन पाल और रोमेश का कहना है कि सरकार तो प्रयास कर रही है पर जिनकी ड्यूटी लगाई गयी है वे ही लापरवाही को अंजाम दे रहे है। जैसे सेनेटाइज के लिये जो सामान आ रहा है गायब दिख रहा है। सरकार अगर इस मामले जांच करेगी तो बहुत कुछ गडबडछाला सामने आयेगा।

सुनवाई पूरी होने तक एनपीए नहीं बनेंगे बैंक खाते: सुप्रीम कोर्ट

मोरेटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज पर ब्याज लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने लोन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने के मामले में कहा है कि बैंकों ने किश्तों की अदायगी में छूट के चलते 31 अगस्त तक जो लोन खाते एनपीए घोषित नहीं किए हैं, वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक एनपीए नहीं होगें। मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

इससे पहले केंद्र की  ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हम कोई ऐसा फैसला नहीं ले सकते हैं जिससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो। उन्होंने कहा कि हमने ब्याज माफ नहीं करने का फैसला किया है, लेकिन पेमेंट का दबाव कम कर देंगे।

अब जब मोरेटोरियम के 6 महीने पूरे हो चुके हैं, तो ग्राहक कह रहे हैं कि इसे और बढ़ाना चाहिए। इससे भी अहम मांग ये है कि मोरेटोरियम पीरियड का ब्याज भी माफ होना चाहिए। क्योंकि, ब्याज पर ब्याज वसूलना तो एक तरह से दोहरी मार होगी। इसकी वजह ये है कि आरबीआई ने सिर्फ ईएमआई टालने की छूट दी थी, लेकिन बकाया किश्तों पर लगने वाला ब्याज तो चुकाना पड़ेगा।

इससे पहले मंगलवार को सरकार ने कहा था कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए मोरेटोरियम पीरियड 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार का यह जवाब इसलिए आया, क्योंकि 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस मामले में 7 दिन में स्थिति साफ की जाए। कोर्ट ने कमेंट किया था कि सरकार आरबीआई के फैसले की आड़ ले रही है, जबकि उसके पास खुद फैसला लेने का अधिकार है।

क्या है मोरेटोरियम
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आरबीआई ने मार्च में लोगों को मोरेटोरियम यानी लोन की ईएमआई 3 महीने के लिए टालने की सुविधा दी थी। बाद में इसे 3 महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए कर दिया गया। आरबीआई ने कहा था कि लोन की किश्त 6 महीने नहीं चुकाएंगे, तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। लेकिन, मोरेटोरियम के बाद बकाया पेमेंट पर पूरा ब्याज देना पड़ेगा। इसलिए ब्याज पर ब्याज लेने को लेकर सवाल उठाए गए थे।

बस डिपों, अस्पतालों और बाजारों में तापमान के नाम पर दिखावा

केन्द्र और दिल्ली सरकार चाहे कितने ही दावे करें कि वह कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये सतत प्रयास कर रही है। लेकिन धरातल पर हो रहा है, सब कुछ विपरीत। अस्पतालों और बस स्टैण्डों के साथ बाजारों में जमकर सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियाँ उडाई जा रही है । लोगों के तापमान चैक के लिये जो मशीन लिये गार्ड खडे होते है उनके हाथों में ज्यादात्तर मशीन खराब ही होती है। वे बस दिखावे के तौर पर चैक रहे है।  जिसका नतीजा ये है , कि देश में कोरोना का कहर लगातार बढता ही जा रहा है। आज देश में लगभग 85 हजार मामले सामने आये और दिल्ली में 25 सौ से अधिक मामले सामने आये है।दिल्ली के लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि सरकार अर्थ व्यवस्था के सुधार के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रही है।गरीब, दिहाडी मजदूरों और बेरोजगारों ने बताया कि जितने नियम कोरोना महामारी में बने है । उन सबका हम गरीबों को ही पालन करना  है । जैसे मास्क लगाना , सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना, जबकि अमीर और जो ठीक-ठाक जाँब में है ।उनको किसी प्रकार का कोई पालन नहीं करना पड रहा है, वे बिना मास्क के घूम रहे है।

अब बात करते है । उन लोगों की जिन लोगों ने अपनी पीडा बताते हुये सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर किया है जैसे एक बस में सिर्फ 20 ही सवारी को बैठाने का प्रावधान सरकार  ने सुनिश्चित किया है।  गरीब ,दिहाडी मजदूर और बेरोजगार जो रोजगार की तलाश में जाते है दिल्ली सरकार की बसों से ही जाते है। वे एक- दो घंटे पहले ही बस डिपो पर आ जाते है और लाइनों में लग जाते है। ताकि उनको बस में बैठने को मिल जाये और अपना रोगगार प्राप्त कर सकें।फिर भी बसों के अभाव में समय पर बस ना मिलने से कई लोग रोजगार पाने से बंचित रह जाते है। शाहदरा बस डिपों पर आप बीती बताते हुये । गिरजा प्रसाद , दिलीप कुमार और संतोष ने बताया कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा अगर परेशानी और आर्थिक तंगी किसी ने देखी है तो गरीबों ने । आज गरीब मेहनत से रोजी रोटी कमाना चाहता है। तो उसको साधन नहीं मिल रहे है, कि वो समय से काम को ज्वाइन कर लें। यहीं हाल दिल्ली सरकार के अस्पतालों का है जहां पर अस्पताल परिसर से ही  गरीब मरीजों के साथ ऐसा भेदभाव किया जाता है जैसे वे इस देश के नागरिक ना हो ।इलाज कराने आये मरीजों ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल हो या लोकनायक अस्पताल हो या अन्य सरकारी अस्पताल हो सब जगह उन मरीजों के साथ जिनकी अस्पताल में अप्रोच नहीं है । उनको परेशान किया जाता है। जबकि मरीजों का आरोप है कि अस्पतालों में कोई जाता है तो गेट पर हाथों में शरीर का तापमान चैक करने लिये जो मशीन लिये होते है ।उनमें तो आधी से ज्यादा दिखावे की है । किसी में भी सही तापमान की जानकारी नहीं आ रही है। बस दिखावा है। गरीब मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है। मरीज रतन और उनके साथ आये परिजनों ने बताया कि रतन को हार्ट में दिक्कत है । सफदरजंग अस्पताल गये तो डाक्टरों से मिलने से पहले और ओपीडी कार्ड बनने से पहले उनके साथ गार्डो ने ऐसा अमानवीय व्यवहार किया जैसे वे रोगी ना होकर अपराधी हो। रतन ने आपबीती बताई और कहा कि उनके साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया है तो उसकी मूल बात ये है कि उन्होंने गार्ड से बस इतना ही कहा कि दिखावे के तौर पर तापमान चैक ना करों क्योंकि जो मशीन से चैक कर रहे हो वो बंद सी ही इसलिये तापमान सही नहीं आयेगा। बस इस बात पर भडक कर गार्ड ने कहा कि कल आना और तभी ओपीडी कार्ड बनेगा। इस बात पर दोनों के बीच काफी कहा सुनी हुई । आखिरकार  रतन को बिना चैकअप के ही अस्पताल से लौटना पडा। समाजसेवी अशोक शर्मा का कहना है कि दिल्ली में कुछ अस्पताल दिल्ली सरकार के अधीन आते है तो कुछ केन्द्र सरकार से अधीन आते है। इस लिहाज से दोनों सरकारें अस्पतालों को लेकर अपनी अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान तो कर रहे है । पर हकीकत में स्वास्थ्य सेवा के नाम पर ना के बराबर सुविधा मिल रही है। सिर्फ आंकडे बाजी में उलझाया जा रहा है। यहीं हाल बाजारों का है जहां पर तापमान चैक के नाम पर दिखावा किया जा रहा है। जिससे कोरोना के मरीजों की पहचान आसानी से नहीं की जा रही है। ऐसे में लोगों काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है।और कोरोना के बढने का एक प्रमुख कारण भी बन रहा है। पर सरकारें इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है।

सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली में रेल पटरियों के आसपास 48,000 झुग्गी-झोंपड़ियां तीन महीने में हटाने का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने राजधानी दिल्ली में करीब 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोंपड़ियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया है कि अदालतें इसमें किसी तरह का ”स्टे” न दें।

जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने यह आदेश बुधवार को एमसी मेहता मामले में पारित किया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कोई भी अदालत इस मसले पर यदि अंतरिम आदेश (स्टे आदि) जारी करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा। साल 2018 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इन झुग्गियों को लेकर चिंताएं जाहिर करते हुए एक फैसला दिया था।

इसके बाद सर्वोच्च अदालत में रेलवे ने बताया था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण हैं जिसमें 70 किलोमीटर लाइन के साथ यह बहुत ज़्यादा है, जो कि क़रीब 48000 झुग्गियां है।

रेलवे ने कहा था कि एनजीटी ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था जिसके तहत इन झुग्गी बस्ती को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया था लेकिन राजनैतिक दख़लंदाज़ी के चलते रेलवे लाइन के आसपास का यह अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका है। रेलवे का कहना था कि बहुत से अतिक्रमण रेलवे के सुरक्षा ज़ोन तक में है जिन्हें बहुत चिंताजनक माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये झुग्गी बस्ती हटाने के लिए चरणबद्ध तरीक़े से काम किया जाए और रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए, जो कि तीन महीने में पूरा कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनैतिक दबाव और दख़लंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राजधानी में रेलवे पटरी के किनारे अतिक्रमण एक बड़ी समस्या रहे है। झुग्गियों से न सिर्फ रेलवे की विकास योजनाएं बाधित हुई हैं, सुरक्षित रेल परिचालन में भी यह बड़ी समस्या है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण समस्या दूर नहीं हो पा रही है।

दिल्ली में दया बस्ती, आजादपुर, ओखला, तिलक ब्रिज, वजीरपुर, शकूरबस्ती, किशनगंज, सराय रोहिल्ला में झुग्गियों को लेकर हालात ज्यादा खराब हैं। दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआइबी) के अनुसार रेलवे की 60 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर अवैध तरीके से लगभग 48 हजार झुग्गियां बनी हुई हैं, जिनमें से दस हजार से ज्यादा सेफ्टी जोन में (ट्रैक से 15 मीटर के अंदर) हैं।

पीएम मोदी का निजी ट्विट्टर अकाऊंट हैक, कुछ ही देर में कर दिया बहाल

पीएम नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट से जुड़े खाते को गुरुवार सुबह कुछ देर के लिए  हैक कर लिया गया। यह अकाउंट उनकी निजी वेबसाइट narendramodi_in से लिंक था। बाद में इसे बहाल कर दिया गया। ट्विटर ने इसकी जानकारी दी। उसने कहा कि इसे जल्दी ही बहाल कर दिया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अकाउंट पीएम मोदी की निजी वेबसाइट narendramodi_in से लिंक था। उनके इस अकाउंट पर करीब 25 लाख फॉलोवर्स हैं। अकाउंट हैक करने के बाद हैकर्स ने बिटक्वॉइन की मांग की। हैकर ने अपना परिचय बतौर जॉन विक दिया।

उधर ट्विटर ने एक ब्यान में कहा – ”हम इस गतिविधि से अवगत हैं और हैक किए गए खाते को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए गए। हम सक्रिय रूप से स्थिति की जांच कर रहे हैं। इस समय, हमें अतिरिक्त खातों के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है। आपके खाते को सुरक्षित रखने की सलाह मिल सकती है।”

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हैकर ने बिटकॉइन्स का इस्तेमाल करके कोविड -19 के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में चंदा मांगने वाले संदेश डाले थे। मैसेज में कथित तौर पर कहा गया कि यह अकाउंट जॉन विक (hckindia@tutanota.com) ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल को हैक नहीं किया है। याद रहे 30 अगस्त को साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबेल ने दावा किया था कि पेटीएम मॉल में डेटा ब्रीच के पीछे हैकर ग्रुप जॉन विक का हाथ है, जो पेटीएम की ई-कॉमर्स इकाई है।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ट्विटर ने कहा कि इस खाते के हैक होने और जुलाई में हुई घटना के बीच किसी भी संबंध का कोई संकेत या सबूत नहीं है। इससे पहले जुलाई में,  बराक ओबामा, बिल गेट्स जैसे हाई-प्रोफाइल उपयोगकर्ताओं के खातों को भी हैक किया गया था।

कोविड ग्राफ : एक दिन में रेकॉर्ड 83,883 मामले, अब तक 67,376 की मौत

भारत में कोविड-19 के मामलों का ग्राफ जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही ऊंचा होता जा रहा है। देश में आज सुबह 8 बजे तक अब तक के एक दिन के सबसे ज्यादा 83,883 नए मामले सामने आये हैं। इस तरह भारत में अब तक की कुल संक्रमितों की संख्या 38 लाख पार कर गई है। इस बीच खबर है कि दुबई में आईपीएल की तैयारियों में जुटे बीसीसीआई से जुड़े एक सदस्य टेस्ट में कोविड-19 पाए गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 38,53,406 हो गए हैं जबकि पिछले 24 घंटे मे 1,043 लोगों की मौत हुई है। इस तरह मरने वालों की कुल संख्या 67,376 हो गई है।

मंत्रालय के मुताबिक कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 77.09 फीसदी हो गई है जबकि मृत्यु दर घटकर 1.75 फीसदी रह गयी है। आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 8,15,538 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 21.16 फीसदी है। अब तक 29,70,492 मरीजों के ठीक होने से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 77 प्रतिशत के पार पहुंच गई है।

आईसीएमआर के मुताबिक दो सितंबर तक 4,55,09,380 नमूनों की कोविड-19 जांच हुई, जिनमें 11,72,179 नमूनों की जांच अकेले बुधवार को की गई। उधर खबर है कि आईपीएल की तैयारियों के लिये दुबई गए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से संबद्ध एक सदस्य कोविड-19 के परीक्षण में पॉजीटिव मिले हैं।

नोटबंदी गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर बड़ा आक्रमण था : राहुल

भारत के तमाम बड़े मुद्दों को लगातार उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि नोटबंदी देश के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर सबसे बड़ा आक्रमण था। राहुल गांधी का यह हमला तब आया है जब सरकार के आंकड़ों से दो दिन पहले देश को पता चला है कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है और जीडीपी विकास दर गिरकर माइनस 23 फीसदी पहुंच गयी है।

राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के उस फैसले से सिर्फ अमीरों का फायदा हुआ। कांग्रेस ने इसके साथ ही मोदी सरकार से नोटबंदी के नतीजों को लेकर कई सवाल पूछते हुए जनता को इनका जबाव देने को कहा है।

गांधी लगातार बिगड़ती अर्थव्यवस्था से लेकर कोरोना को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।

अब गिरती जीडीपी विकास दर को लेकर राहुल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना  साधा है। गांधी ने नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए कहा – ”नोटबंदी देश के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर सबसे बड़ा आक्रमण था। सरकार के इस फैसले से सिर्फ अमीरों को फायदा हुआ।”

कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अपनी वीडियो सीरीज का दूसरा भाग जारी किया। वीडियो में राहुल ने कहा – ”मोदीजी का कैश-मुक्त भारत दरअसल मजदूर-किसान-छोटा व्यापारी मुक्त भारत है। जो पासा 8 नवंबर, 2016 को फेंका गया था, उसका भयानक नतीजा 31 अगस्त, 2020 को सामने आया। जीडीपी में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को भी तोड़ दिया।”

राहुल गांधी ने वीडियो में कहा – ”नोटबंदी के दौरान पूरे देश की जनता बैंकों के सामने खड़ी होकर अपने पैसे को बैंक में जमा करवा रही थी, लेकिन भाजपा का कालाधन मिटाने का दावा भी झूठ निकला था। नोटबंदी के समय पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हुआ, आपने अपना पैसा अपनी आमदनी बैंक के अंदर डाली। फिर भी काला धन नहीं मिटा? गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला? सरकार आज तक बताने में असमर्थ है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से कैश निकलना था। उन्होंने कहा – ”प्रधानमंत्री के कैशलेस हिंदुस्तान का नुकसान किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस वालों को हुआ, जो कैश का प्रयोग करते हैं। नोटबंदी से देश के सबसे बड़े अरबपतियों को फायदा मिला। आपका पैसा आपके घरों में से निकाल कर उसका उपयोग सरकार ने बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ करने के लिए किया।”

याद रहे, इससे तीन दिन पहले गांधी ने अपनी वीडियो सीरीज में अर्थव्यवस्था के पहले हिस्से में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला था।कांग्रेस नेता ने पिछले 45 साल की तुलना में वर्तमान में बेरोजगारी दर को सबसे अधिक बताया और कहा कि इनफॉर्मल सेक्टर्स में 40 करोड़ से अधिक मजदूर अत्यधिक गरीबी में फंसे हुए हैं। पिछले चार महीने में करीब दो करोड़ लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं।

राहुल गांधी का ट्वीट –

@RahulGandhi
मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया। GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए।

भारत सरकार ने 118 चीनी मोबाइल ऐप्‍स बैन किये, इनमें पबजी भी शामिल

सीमा पर लगातार जारी तनातनी के बीच भारत सरकार ने बुधवार को चीन के 118 मोबाइल ऐप्‍स को बैन कर दिया है। इनमें पबजी भी शामिल है। इससे पहले 29 जून को भी भारत सरकार ने गलवान की हिंसक झड़प के बाद 59 और 28 जुलाई को 47 चीनी ऐप्‍स बैन कर दिए थे।

जानकारी के मुताबिक भारत सरकार अब तक देश में 224 चीनी ऐप्‍स को बैन कर चुकी है। जाहिर है चीन को इससे बड़ा झटका लगा है। ऐसी ही कार्रवाई पिछले दिनों अमेरिका ने भी की थी। अब जो ऐप भारत में बैन किये गए हैं उनमें पबजी भी शामिल है।

आज कुल 118 मोबाइल ऐप्‍स को बैन करने का आदेश भारत सरकार ने दिया है।

याद रहे सरकार ने गलवान में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद 29 जून को 59 जबकि 28 जुलाई को भी 47 ऐप्‍स बैन किये थे।

अब तीसरी बार भारत सरकार ने ऐसी कार्रवाई की है। इस तरह सरकार अब तक 224 चीनी ऐप्‍स बैन कर चुकी है। इनमें पबजी, लूडो ऑफ स्‍टार, इननोट शामिल हैं।

सरकार ने आज जो ऐप बैन किये हैं उनमें APUS Launcher Pro- Theme, Live Wallpapers, Smart, APUS Launcher -Theme, Call Show, Wallpaper, HideApps, APUS Security -Antivirus, Phone security, Cleaner, APUS Turbo Cleaner 2020- Junk Cleaner, Anti-Virus, APUS Flashlight-Free & Bright, Cut Cut – Cut Out & Photo Background Editor, Baidu, Baidu Express Edition, FaceU – Inspire your Beauty, ShareSave by Xiaomi: Latest gadgets, amazing deals, CamCard – Business Card Reader,  CamCard Business, CamCard for Salesforce, CamOCR, InNote, VooV Meeting – Tencent Video Conferencing, Super Clean – Master of Cleaner, Phone Booster, WeChat reading, Government WeChat, Small Q brush, Tencent Weiyun, Pitu, WeChat Work, Cyber Hunter, Cyber Hunter Lite, Knives Out-No rules, just fight!, Super Mecha Champions, LifeAfter, Dawn of Isles, Ludo World-Ludo Superstar, Chess Rush,  PUBG MOBILE Nordic Map: Livik, PUBG MOBILE LITE, Rise of Kingdoms: Lost Crusade, Art of Conquest: Dark Horizon, Dank Tanks,  Warpath, Game of Sultans, Gallery Vault – Hide Pictures And Videos, Smart AppLock (App Protect), Message Lock (SMS Lock)-Gallery Vault Developer Team, Hide App-Hide Application Icon, AppLock,  AppLock Lite, Dual Space – Multiple Accounts & App Cloner, ZAKZAK Pro – Live chat & video chat online, ZAKZAK LIVE: live-streaming & video chat app, Music – Mp3 Player, Music Player – Audio Player & 10 Bands Equalizer, HD Camera Selfie Beauty Camera, Cleaner – Phone Booster, Web Browser & Fast Explorer, Video Player All Format for Android, Photo Gallery HD & Editor, Photo Gallery & Album, Music Player – Bass Booster – Free Download, HD Camera – Beauty Cam with Filters & Panorama, HD Camera Pro & Selfie Camera, Music Player – MP3 Player & 10 Bands Equalizer, Gallery HD, Web Browser – Fast, Privacy & Light Web Explorer, Web Browser – Secure Explorer, Music player – Audio Player, Video Player – All Format HD Video Player, Lamour Love All Over The World, Amour- video chat & call all over the world, MV Master – Make Your Status Video & Community, MV Master – Best Video Maker & Photo Video Editor, APUS Message Center-Intelligent management, LivU Meet new people & Video chat with strangers, Carrom Friends : Carrom Board & Pool Game, Ludo All Star- Play Online Ludo Game & Board Games, Bike Racing : Moto Traffic Rider Bike Racing Games, Rangers Of Oblivion : Online Action MMO RPG Game, Z Camera – Photo Editor, Beauty Selfie, Collage, GO SMS Pro – Messenger, Free Themes, Emoji, U-Dictionary: Oxford Dictionary Free Now Translate, Ulike – Define your selfie in trendy style, Tantan – Date For Real, MICO Chat: New Friends Banaen aur Live Chat karen, Kitty Live – Live Streaming & Video Live Chat, Malay Social Dating App to Date & Meet Singles, Alipay, AlipayHK, Mobile Taobao, Youku, Road of Kings- Endless Glory, Sina News, Netease News, Penguin FM, Murderous Pursuits, Tencent Watchlist (Tencent Technology, Learn Chinese AI-Super Chinese, HUYA LIVE – Game Live Stream, Little Q Album, Fighting Landlords – Free and happy Fighting Landlords, Hi Meitu, Mobile Legends: Pocket, VPN for TikTok, VPN for TikTok,  Penguin E-sports Live assistant,  Buy Cars-offer everything you need, special offers and low prices, iPick, Beauty Camera Plus – Sweet Camera & Face Selfie, Parallel Space Lite – Dual App, Chief Almighty: First Thunder BC, MARVEL Super War NetEase Games, AFK Arena,  Creative Destruction NetEase Games, Crusaders of Light NetEase Games, Mafia City Yotta Games, Onmyoji NetEase Games, Ride Out Heroes NetEase Games, Yimeng Jianghu-Chu Liuxiang has been fully upgraded, Legend: Rising Empire NetEase Games, Arena of Valor: 5v5 Arena Games, Soul Hunters और Rules of Survival शामिल हैं।

जीडीपी और एनसीआरबी के आंकड़ों को बता विपक्ष बोला-देश मोदी की बनाई आपदाओं में फंसा

जीडीपी और एनसीआरबी के जारी ताज़ा आंकड़ों से मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर है। एक ओर लॉकडाउन और अन्य वजहों के चलते जहां विकास दर ऐतिहासिक निचले स्तर पर जा चुकी है, वहीं, एनसीआरबी के आंकड़े बेरोज़गारी के हालात को बयां कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 2019 में ही रिकॉर्ड किसानों-मजदूरों ने आत्महत्याएं की हैं, इसके अलावा पढ़े-लिखे लोग भी तंगी के चलते या नौकरी छूट जाने से फांसी के फंदे पे लटक रहे हैं। इन मामलों तेज़ी से बढ़ोत्तरी देखी गई है और अवसाद के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। अगले साल ये आंकड़े कहीं ज़्यादा भयावह हो सकते हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने बुधवार को देश में कोरोना के बढ़ते मामले, गिरती जीडीपी और चीन की घुसपैठ के मुद्दे पर ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि ‘भारत मोदी की बनाई हुई आपदाओं के बीच फंसा हुआ है।’ राहुल ने छह मुद्दे गिनाए- जो ये हैं।
●जीडीपी में -23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट।
●45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी।
●12 करोड़ लोगों की नौकरियां गईं।
●केंद्र सरकार, राज्यों को उनका बकाया जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही।
●कोरोना के हर रोज सबसे ज्यादा मामले और मौतें।
●सीमाओं पर बाहरी घुसपैठ।
इसके साथ ही कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, आम आदमी शायद जीडीपी का वित्तीय प्रभाव तो नहीं जानता, लेकिन यह जरूर समझता है कि नोटबंदी, गलत जीएसटी, देशबंदी के ‘डिजास्टर स्ट्रोक’ को भाजपा द्वारा ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताना सफेद झूठ है। उन्होंने कहा कि छह साल से गिरती अर्थव्यवस्था का इल्जाम ‘भगवान’ पर लगाना अपराध है। इसी अंधेर को आदमी की कमर टूटना कहते हैं।
इससे पहले कांग्रेस नेता ने कहा था कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है। असत्याग्रही इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन जैसे निर्णय हैं।