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सिडनी में भारतीय क्रिकेटरों पर लगातार दूसरे दिन नस्ली टिप्पणी  

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज के तीसरे मैच में लगातार दूसरे दिन भारतीय क्रिकेटरों पर नस्ली टिप्पणी की गई। इस कारण चौथे दिन रविवार को 10 मिनट तक खेल भी रुका रहा। इस बीच, सुरक्षाकर्मियों ने स्टेडियम से टिप्पणी करने वाले छह दर्शकों को उठाकर मैदान से बाहर ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया।

इस मामले में बीसीसीआई पहले ही मैच रेफरी से घटना की शिकायत दर्ज करा चुका है। रविवार को मोहम्मद सिराज के खिलाफ फिर टिप्पणी की गई। इससे पहले शनिवार को सिराज के साथ ही तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को निशाना बनाकर कमेंट किये गए थे। दर्शकों के इस भद्र व्यवहार की चौतरफा निंदा हो रही है।

ज्यादातर क्रिकेटरों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस बीच, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली जो इस समय यपितृत्व अवकाश लेकर भारत लौट आए हैं। कोहली ने सिराज के खिलाफ की गई नस्ली टिप्पणी को ‘अभद्र व्यवहार की चरम सीमा’ करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। नस्ली दुर्व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। सीमा रेखा पर क्षेत्ररक्षण करते समय मुझे भी घटिया बातें सुननी पड़ी हैं और यह अभद्र व्यवहार की चरम सीमा है। मैदान पर इस तरह की घटनाएं देखना दुखद है।

 बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि रविवार को दर्शक दीर्घा से सिराज को कथित रूप से ब्राउन डॉग और बिग मंकी कहा गया। सिराज ने कप्तान अजिंक्य रहाणे और स्क्वॉयर लेग अंपायर से इस बाबत शिकायत की। एक दिन पहले भी सिराज और बुमराह के लिए अपशब्द कहे थे।

देवेंद्र फड़नवीस, राज ठाकरे की सुरक्षा पर कैंची? ठाकरे सरकार विरोधियों के निशाने पर

ठाकरे सरकार ने राज्य में भाजपा नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को कम कर दिया है, जिसमें विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस भी शामिल हैं। भाजपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे, पूर्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल, राजकुमार बडोले, शोभताई फड़नवीस, अंबरीश अत्रम, सुधीर मुनगेश्वर, विधायक राम कदम, प्रसाद लाड, माधव भंडारी, मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कृपा शंकर सिंह की सुरक्षा व्यवस्था में कटौती कर दी गयी है।

सरकार ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले, पूर्व मंत्री आशीष शेलार, दीपक केसरकर, पूर्व राज्यपाल राम नाइक, फड़नवीस अमृता की पत्नी और बेटी दिविजा की सुरक्षा को कम करने का फैसला किया है। एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे की जेड सुरक्षा हटा दी गई है और उनके काफिले में एक बुलेटप्रूफ वाहन को भी हटा दिया गया है। हालांकि, कई मामलों में अदालत में सरकार का प्रतिनिधित्व कर चुके वकीलों उज्जवल निकम और कांग्रेसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

विधान परिषद के सभापति रामराजे नाइक-निंबालकर और बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। शिवसेना के विधायक वैभव नाइक के साथ, साथ संदीपन भौमरे, अब्दुल सत्तार, दिलीप वाल्से-पाटिल और सुनील केदार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर और विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल को वाई दर्जा दिया गया है, जबकि पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा, युवा सेना के सचिव वरुण देसाई और राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष राजेश क्षीरसागर को एक्स-स्तरीय सुरक्षा दी गई है।

भाजपा नेताओं ने पुलिस सुरक्षा कटौती की आलोचना की है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि ठाकरे सरकार ने यह फैसला बदला लेने के लिए किया है। विधायक राम कदम ने सरकार पर विपक्ष को चुप कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

भाजपा के गोपीचंद पडलकर ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके घरों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है जिन्हें जरूरत नहीं है। देवेंद्र फडणवीस की सुरक्षा को हटाने का निर्णय उन्हेंने बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया है।

सुरक्षा कटौती के साथ, अब राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का खेल जारी है। इस बीच, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने गृह मंत्री अनिल देशमुख को फोन कर और उनकी सुरक्षा कम करने को कहा। विपक्ष का आरोप है कि शरद पवार को फोन सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को निराधार करने की एक कोशिश है। भाजपा सांसद नारायण राणे ने चेतावनी दी है कि उनकी जान को खतरा है यदि उन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचा तो उसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि

केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। उत्तर प्रदेश में कानपुर के एक प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। यह जानकारी शनिवार को केंद्र की ओर से दी गई।

केंद्र की ओर से बताया गया कि देश में अब तक सात राज्य एवियन इंफ्लूएंजा की चपेट में आ चुके हैं। कई राज्यों में कौवों समेत अन्य पक्षियों की मौत की खबरें आ रही हैं।

केंद्र के अनुसार, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में इस बीमारी की पुष्टि होने बाकी है। इन राज्यों ने अपने यहां मृत पाए गए पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और इनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इस बीच, कर्नाटक और ओडिशा सरकारों ने अपने यहां बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं मिलने का एलान किया है।

दिल्ली में तीन बड़े पार्क बंद
राजधानी दिल्ली में बर्ड फ्लू की आशंका में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। दिल्ली के तीन पार्कों संजय झील, द्वारका सेक्टर 9 और उत्तम नगर के हस्तसाल के पार्क को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। बता दें कि एक दिन पहले ही शुक्रवार को इन तीनों जगहों पर तीन दर्जन से अधिक कौवे मृत पाए गए थे। इसके साथ ही दिल्ली में गाजीपुर मंडी को अगले 10 दिन के लिए बंद कर दिया गया है। यानी इस दौरान मुर्गा मंडी पूरी तरह से बंद रहेगी साथ ही किसी भी राज्य से पक्षियों की खरीद पर रोक लगा दी गई है।

महाराष्ट्र के भंडारा सरकारी अस्पताल में आग की घटना में 10 बच्चों की मौत

महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में एक बड़े हादसे में आग की घटना में 10 बच्चों की मौत हो गयी है। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से तीन महीने के बीच बताई गयी है। घटना शुक्रवार रात की है। कुछ बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में रात 2 बजे अस्पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट में आग लग गयी। इस आग में 10 बच्चों की जान चली गयी जबकि सात बच्चों को बचा लिया गया है। आग लगने की बजह शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाव अभियान चला कर कुछ बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग लगते समय वार्ड में कुल 17 बच्चे थे। बच्चों की मौत से उनके परिजनों पर ग़मों का पहाड़ टूट पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना पर गहरा दु:ख जताया है।

जानकारी के मुताबिक अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न यूनिट में जिस समय आग लगी 17 बच्चे भर्ती थे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने सात बच्चों को बचा लिया। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से तीन महीने के बीच बताई गयी है।

आईएसआई की जासूसी करने में सेना का पूर्व जवान गिरफ्तार

पाकिस्तानी सीमा पर पठानकोट में तैनाती के दौरान से ही जवान सौरभ शर्मा सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियों को दुश्मन देश को भेजने लगा था। छह साल बीत जाने के बाद अब उसे यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है। उसी की निशानदेही पर गुजरात के गोधरा से अनस को भी दबोचा गया है। सौरभ शर्मा हापुड़ का रहने वाला है।
2014 से गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी व अन्य देशों को भेजता था। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, सौरभ को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। एटीएस के अनुसार, शुरुआती पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
उसने बताया कि वह गोपनीय सूचनाएं व्हाट्सएप के जरिये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक महिला अधिकारी को भेजता था। बदले में उसे उस महिला ने विभिन्न माध्यमों और बैंक खातों में पैसे भेजे थे। सूत्रों के मुताबिक, कुछ पैसे सौरभ ने  पत्नी के खातों में भी स्‍थानांतरण करवाएं हैं। इस मामले की भी जांच की जा रही है।

मशहूर फैशन डिजाइनर सत्य पॉल का निधन

विख्यात फैशन डिजाइनर और भारतीय साड़ी को मॉडर्न पुट देने के लिए जाने जाने वाले सत्य पॉल का 79 वर्ष की आयु में कोयम्बटूर में निधन हो गया। उनके पुत्र पुनीत नंदा ने बताया कि पॉल को दिसंबर में दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने सतगुरु के इशा फाउंडेशन योग केंद्र में ले आये थे, जहां पर उन्होंने आखिरी सांस ली।
नंदा ने सोशल मीडिया पर लिखा, 2 दिसंबर 2020 को दौरा पड़ने के बाद वह अस्पताल में थे और वह अस्पताल से जल्द से जल्द बाहर आना चाहते थे। अंतत: डॉक्टरों ने उन्हें इशा योग केंद्र ले जाने की अनुमति दे दी। बता दें कि 2015 से इशा योग केंद्र ही उनका घर था।
सतगुरु ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, अपने नाम के अनुरूप ही एक शानदार उदाहरण सत्य पॉल ने अथाह जुनून और अविश्वसनीय भागीदारी के साथ जीया। भारतीय फैशन उद्योग पर आपका विशिष्ट दृष्टिकोण ही आपके लिए श्रद्धांजलि है। हमारे साथ आपका रहना सौभाग्य की बात है।
साठ के दशक में रिटेल से की शुरुआत 
सत्य पॉल ने 60 के दशक में रिटेल कारोबार से अपना सफर शुरू बकिया था। बाद में उन्होंने भारतीय हथकरघा उत्पादों को यूरोप और अमेरिका के महंगे रिटेल स्टोर तक पहुंचाया। 1980 में उन्होंने एल’अफेयर के नाम से भारत में पहला साड़ी बुटीक खोला। इसके बाद उन्होंने फैशन की दुनिया में के आयाम गढ़े। उनकी एक अलग पहचान बन गई थी।

ट्रम्प राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हुए, अमेरिकी संसद की झड़प में 4 लोगों की मौत, संसद ने बाइडन के नाम पर लगाई मुहर

एक बड़े घटनाक्रम में राष्ट्रपति ट्रम्प सत्ता हस्तांतरण के लिए तैयार हो गए हैं। अब से कुछ देर पहले ट्रम्प ने कहा कि हालांकि वे चुनाव नतीजों से सहमत नहीं हैं, फिर भी अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। उधर अमेरिका की संसद में हिंसक झड़प में गुरुवार को 4 लोगों की मौत हो गयी है। इस बीच अमेरिकी संसद ने जो बाइडन के राष्ट्रपति चुने जाने पर मुहर लगा दी है।

अभी तक यह चर्चा थी कि ट्रम्प सत्ता छोड़ने को लेकर आना कानी कर सकते हैं। अब से कुछ देर पहले ट्रम्प ने कहा कि वे हालांकि चुनाव नतीजों से सहमत नहीं है लेकिन  अपना पद छोड़ देंगे। अमेरिकी संसद ने भी आज जो बाइडन के राष्ट्रपति चुने जाने पर मुहर लगा दी है। इससे उनका नए राष्ट्रपति के रूप में पद संभालने का रास्ता साफ़ हो गया है।

चुनावी नतीजों को लेकर जारी खींचतान के बीच अमेरिका हिंसा की आग में झुलस रहा है। अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग में इलेक्टोरल वोटों की गिनती के दौरान अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। यह झड़प देखते ही देखते हिंसक हो गई, जिसमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार से कोरोना को लेकर गाइडलाइन बनाने को कहा

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को किसान आंदोलन पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र से पूछा है कि क्या किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर नियमों का पालन किया जा सकता है। सर्वोच्च अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘हमें नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं। आप भीड़ को लेकर गाइडलाइन बनाइए।’ इस मामले में अब 11 जनवरी को सुनवाई होगी।

आज की सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर चिंता जताई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर नियमों का पालन किया जा सकता है ? प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि हमें नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं। अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो तबलीगी जमात की तरह ही दिक्कत हो सकती है।

बता दें कि निजामुद्दीन स्थित मरकज केस और कोविड लॉकडाउन के दौरान भीड़ इकट्ठा करने की परमिशन देने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार ने निजामुद्दीन मरकज में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति देकर लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला था। तबलीगी जमात में हजारों लोगों को इकट्ठा किए जाने की सीबीआई जांच की मांग किए जाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें बताएं कि क्या हो रहा है? मुझे नहीं पता कि किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं, किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी यही समस्या उत्पन्न हो सकती है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम हालात के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। याचिकाकर्ता के वकील परिहार ने कहा कि मौलाना साद का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मौलाना साद के ठिकाने के बारे में कोई बयान नहीं दिया गया। इस पर सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोविड न फैले। जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।

आज की सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि सरकार को भीड़ इकट्ठा होने को लेकर गाइडलाइन बनानी चाहिए।

इस बीच किसानों का कहना है कि सरकार ने मांगी नहीं मानीं तो 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर परेड होगी। किसानों का कहना है कि आज का मार्च उसी का ट्रेलर है। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के लिए दिल्ली बुलाया है।

अमेरिकी कैपिटोल में हिंसा के बाद राष्ट्रपति ट्रंप को ट्विटर, फेसबुक और अब इंस्ट्राग्राम ने भी ‘लॉक’ किया

अमेरिका में सोशल मीडिया में लगातार राष्ट्रपति चुनाव में धांधली से जुड़ी पोस्ट करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी थी। यही नहीं फेसबुक और यूट्यूब ने भी उनके वीडियो को हटा दिया था। अब नए घटनाक्रम में एक और सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम ने भी गुरूवार को डोनाल्‍ड ट्रंप को लॉक करने का ऐलान कर दिया है।

यह सारा घटनाक्रम राजधानी वॉशिंगटन में पार्लियामेंट बिल्‍डिंग कैपिटोल में राष्‍ट्रपति  ट्रंप समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद घटा है। इसके बाद सोशल मीडया प्‍लेटफार्म ने उन पर रोक लगाने जैसी सख्‍ती दिखाई है। अमेरिकी  राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर ट्विटर ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी। उधर फेसबुक और यूट्यूब ने उनका वीडियो हटा दिया था।

अब गुरुवार को इसी घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया की एक अन्य साइट इंस्टाग्राम भी ट्रंप को लॉक करने की घोषणा कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी ने कहा – ‘हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इंस्टाग्राम अकाउंट को 24 घंटे के लिए बंद कर रहे हैं।’ उधर फेसबुक के उपाध्यक्ष गॉय रोसेन ने बुधवार को कहा था कि ‘ट्रम्प के वीडियो को हटा दिया गया है क्योंकि इससे हिंसा और भड़क सकती है।’

हिंसा का घटनाक्रम तब हुआ जब वॉशिंगटन की कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिकी कांग्रेस इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर बहस कर रही थी। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थकों ने हजारों की तादाद में प्रदर्शन शुरू कर दिया। कैपिटोल परिसर यह प्रदर्शन तब शुरू हुए थे, जब ट्रंप ने अपने समर्थकों को दिन में संबोधित करते हुए उनसे कैपिटल बिल्डिंग की तरफ मार्च करने की अपील की। जब समर्थक हिंसक हो गए तो ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति की अपील की और उनसे कहा कि हमारी पुलिस का सहयोग कीजिए, वो वास्तव में हमारे साथ हैं। आप लोग शांति बनाएं।

कैपिटोल परिसर में प्रदर्शनकारियों के घुसने के करीब दो घंटे बाद ट्रंप ने यह वीडियो पोस्ट किया था। प्रदर्शनकारी इलेक्टोरल कॉलेज के नतीजों पर संसद के संयुक्त सत्र में व्यवधान डालना चाहते थे। सत्र में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की पुष्टि होनी थी।

किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाल सरकार को चेताया

किसानों ने आज ट्रैक्टर निकाल कर सरकार के सामने जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर साफ कर दिया है, कि किसान तब तक आंदोलन समाप्त नहीं करेगा, जब तक तीनों कृषि कानून को सरकार वापिस नहीं ले लेती। तहलका संवाददाता को गाजीपुर और सिंघू बार्डर के आंदोलनकारी किसानों ने बताया कि ये सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के लिये ही काम कर रही है। इस सरकार को अडानी और अम्बानी चला रहे है। किसानों का आंदोलन अपने अधिकारों के लिये सर्दी के मौसम में खुली सड़कों पर है। पर सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। किसान जोगी सिंह ने बताया कि 8 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली किसान की बैठक के पहले सरकार को ट्रैक्टर रैली कर साफ संदेश दे दिया है कि अभी तो किसानों का ये मामूली सा प्रदर्शन है। अगर मांगों को नहीं माना गया तो आर –पार का प्रदर्शन होगा। किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में ये ट्रैक्टर रैली निकाली गयी है। किसान नेता चंद्रपाल ने बताया कि अभी तो दिल्ली बार्डर में ही किसानों का प्रदर्शन हो रहा है। बहुत ही जल्दी उत्तर –प्रदेश में होगा। जिसको सरकार नियंत्रित नहीं कर पायेगी।

दिल्ली –एनसीआर में  डटे किसानों ने साफ कह दिया है कि अगर मांगों को नहीं माना तो 26 जनवरी को महिलायें रैली निकाल कर सरकार को बता देगें ।किसानों ने कहा कि 43 दिन हो गये है किसानों को आंदोलन करते हुये फिर भी सरकार मांगों को मानने में आना –कानी कर रही है।