देश के कई हिस्सों में फरवरी के आखिरी हफ्ते में अचानक तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश समेत ओडिशा से लेकर राजस्थान तक में गर्मी का अहसास होने लगा है। भुवनेश्वर में तो तामपान 40 डिग्री को छू गया, जबकि जोधपुर में 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। मेरठ में भी पारे ने रिकाॅर्ड तोड़ दिया है।
मौसम विभाग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 10 साल में फरवरी माह में इतना तापमान नहीं रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गर्मी का असर खासतौर से देखा जा रहा है। इसके पीछे वजह विशेषज्ञ पश्चिमी विक्षोभ को मान रहे हैं, जिसकी वजह से कुछ जगह बूंदाबांदी भी हुई है। पर तापमान से राहत मिलती नहीं दिा रही है।
सुबह होते ही धूप के साथ धूल भरी हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं। लोग और शर्ट और टी-शर्ट में घूमने लगे हैं। वर्ष 2021 की फरवरी में दिन का तापमान पिछले सालों से कुछ ज्यादा तल्ख है। पश्चिमी यूपी में पारा 32 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबकि पिछले10 सालों में देखें तो फरवरी वर्ष 2018 में तापमान 31 डिग्री रहा था। 20 से 26 फरवरी तक मौसम के ट्रेंड को देखें तो अधिकतम तापमान सामान्य से औसतन पांच से छह डिग्री ज्यादा रहा है।
वहीं, राजस्थान के जोधपुर में अब पश्चिमी व दक्षिणी हवाएं चलने से अधिकतम तापमान शुक्रवार को 35.6 डिग्री पहुंच गया, वहीं न्यूनतम तापमान भी पिछले दो दिनों में 16 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। यही कारण है की सुबह व शाम की ठंड खत्म हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौजूदा हालात में तो तापमान में लगातार बढ़ोतरी की संभावना है। लेकिन पहली मार्च व उसके आसपास तापमान में हल्की गिरावट आएगी। जोधपुर का अधिकतम तापमान में तीन दिनों में करीब तीन डिग्री बढ़ गया है। खास बात यह है कि दिन गर्म हैं पर रात में हल्की ठंड घुली हुई है। न्यूनतम तापमान ज्यादातर शहरों में अब 15-17 डिग्री के आसपास चल रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते एक मार्च से तापमान में आंशिक गिरावट दर्ज किए जाने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट हो सकती है। तीन और चार मार्च को हल्के बादल छाए रहेंगे। बारिश की संभावना हाल फिलहाल नहीं है।
भुवनेश्वर में तापमान 40 तो जोधपुर में 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा
डीजीसीए ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाई
विमान नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के प्रतिबंध को 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है।
डीजीसीए (DGCA) ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है। पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है, जिसको देखते हुए डीजीसीए ने और एक महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने का फैसला किया है।
डीजीसीए के दिशा- निर्देशों के अनुसार ‘भारत से’ और ‘भारत के लिए’ अनुसूचित अंतराराष्ट्रीय यात्राओं को 31 मार्च 2021, रात 11 बजकर 59 मिनट तक के लिए निलंबित किया जा रहा है। जबकी, दिशा- निर्देशों में ये भी स्पष्ट है कि विशेष परिस्थितियों में चुनिंदा जगाहों पर उड़ानों को अनुमति दी जा सकती है।
इससे पहले डोमेस्टिक फ्लाईट्स को उड़ान की अनुमति दे दी गई थी। पर, पहले के मुकाबले इनकी संख्या काफी कम है। कोविड-19 के बदलते हालातों के बीच समय समय पर इसमें बदलाव किए जाते रहे हैं।
गौरतलब है, पिछले साल 23 मार्च से देश में कोरोना महामारी के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन पर रोक लगा दी गई थी।
यूसुफ पठान ने क्रिकेट को कहा अलविदा
करोड़ों लोगों की पसंदीदा टीम में अपनी तूफानी बल्लेबाजी के तौर पर उन्हें याद किया जाएगा। इसके अलावा स्पिन गेंदबाजी से भी समय-समय पर अपना कारनामा दिखाते रहे हैं। यूसुफ के छोटे भाई इरफान पठान ने भी पिछले साल संन्यास ले लिया था। शुक्रवार 26 फरवरी को दोपहर यूसुफ पठान ने सोशल मीडिया पर एक संदेश के जरिये क्रिकेट को अलविदा करने का ऐलान किया।
संदेश में यूसुफ ने लिखा कि मैं अपने परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों, टीमों, कोचों और पूरे देश का सहयोग और प्यार करने के लिये तहेदिल से शुक्रिया करता हूं। अब तक जिन्होंने भी सहयोग दिया उन सभी का धन्यवाद। वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए टी20 विश्व कप के दौरान अपने इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज किया था। 2008 में पाकिस्तान के खिलाफ यूसुफ ने वनडे करियर की शुरुआत की थी। साल 2012 में इस खिलाड़ी ने आखिरी बार कोई इंटरनेशनल मैच खेला था।
उन्होंने देश के लिए 57 वनडे और 22 टी20 खेले। वनडे में उन्होंने दो शतक और तीन अर्धशतक की मदद से 810 रन बनाने के साथ 33 विकेट भी लिए। टी20 में यूसुफ के नाम 236 रन हैं और 13 विकेट हासिल किए।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से, नतीजे 2 मई को
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को देश भर में पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह चुनाव 27 मार्च से शुरू होंगे और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। सबसे बड़े राज्य पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान होगा। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। सभी राज्यों के नतीजे 2 मई को एक साथ आएंगे। तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294, असम में 126, पुडुचेरी में 30 और केरल में 140 सीटों पर चुनाव होंगे।
एक प्रेस कांफ्रेंस में शुक्रवार शाम मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावों का ऐलान किया। असम में 3 चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का 27 मार्च को, पहली अप्रैल को दूसरे चरण और 6 अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान होगा। केरल में एक चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होंगे। तमिलनाड में 6 अप्रैल को एक चरण में होगा। पुड्डुचेरी में 6 अप्रैल को मतदान होगा।
अरोड़ा ने बताया कि पोलिंग स्टेशनों पर पीने के पानी, बिजली, वेटिंग एरिया, सैनिटाइजर, मास्क, सोप वाटर, वील चेयर आदि की व्यवस्था की जाएगी। चुनाव के दौरान किसी भी समस्या के लिए इलेक्शन कमीशन ने टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया है।
आज की तारीख में इन पांच राज्यों में असम में ही भाजपा की सरकार है। तमिलनाड में 24 मई, पश्चिम बंगाल में 30 मई, असम में 31 मई, पुडुचेरी में 8 जून और केरल में पहली जून को विधानसभा का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है।
बता दें बंगाल में विधानसभा की सबसे ज्यादा 294 सीटें हैं जहाँ 2016 के चुनाव में टीएमसी को 211 सीटों के साथ भारी भरकम बहुमत मिला था। वामपंथी-कांग्रेस गठबंधन को 76 सीटें मिली थीं जबकि भाजपा को महज 3 सीटें ही मिल पाईं थीं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कहीं बेहतर प्रदर्शन करके 42 से में 18 सीटें जीतकर भाजपा उम्मीद कर रही है कि जनता उसे विधानसभा चुनाव में जीता देगी लेकिन उसका मुकाबला बहुत मजबूत ममता ममता बनर्जी से है।
बंगाल के बाद तमिलनाड का नंबर आता है जहाँ विधानसभा की 234 सीटें हैं। पिछले चुनाव में वहां 134 सीटें जीतकर एआईएडीएमके गठबंधन की सरकार बनी थी। डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 98 सीटें मिली थीं। यह चुनाव दिग्गज नेताओं जयललिता और करूणानिधि की अनुपस्थिति में होगा जिनकी इस दौरान मृत्यु हो गयी।
उधर केरल में पिनराई विजयन की अगुआई में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार सत्ता में है। केरल में 140 सीटों के लिए वामपंथी गठबंधन और कांग्रेस गठबंधन में टक्कर होगी। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी केरल से ही सांसद हैं लिहाजा कांग्रेस वहां जीत की उम्मीद कर रही है। पिछले चुनाव में वामपठनी गठबंधन को 91 और कांग्रेस गठबंधन को 47 सीटें मिली ठईं जबकि भाजपा ने भी एक सीट जीती थी। इस बार भाजपा मेट्रो रेल के चेहरे ई श्रीधरन को आगे लाने की तैयारी की है जिन्होंने हाल में भाजपा ज्वाइन की है।
असम में सर्वानंद सोनवाल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। असम में 126 सीटों पर चुनाव होगा जहाँ 2016 में भाजपा को 86 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को 26 के अलावा एआईयूडीएफ को 13 सीटें। कांग्रेस यहाँ तरुण गोगोई की अनुपस्थिति में चुनाव में उतरेगी जिनका हल में निधन हो गया।
पुडुचेरी में नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस पिछले लगभग पांच साल से थी लेकिन कुछ समय पहले इसके कुछ विधायक दलबदल कर गए जिससे अल्पमत में आने के बाद स्तीफा देना पड़ा। राज्य में राष्ट्रपति शासन के तहत चुनाव होंगे। पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है और वहां 30 सीटें हैं। वहां विधानसभा में 3 नामित (नॉमिनेटेड) सदस्य भी होते हैं। अब जबकि चुनाव तारीखों का ऐलान हो गया है, चुनावों की गहमागहमी भी शुरू हो गयी है।
कहाँ कितनी सीटें
पश्चिम बंगाल – 294
असम – 126
केरल – 140
तमिलनाडु – 234
पुड्डुचेरी– 30
कहाँ किसकी सरकार
पश्चिम बंगाल – तृणमूल कांग्रेस
असम – भाजपा
केरल – एलडीएफ
तमिलनाडु – एआईएडीएमके
पुड्डुचेरी – राष्ट्रपति शासन (25 फरवरी से)
23 वर्षीय श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को जमानत
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को श्रम अधिकार कार्यकर्ता 23 वर्षीय नवदीप कौर को जमानत दे दी। कौर को 12 जनवरी को हरियाणा के सोनीपतगढ़ में औद्योगिकी इकाई का कथित तौर पर घेराव और उगाही के मामले में गिरफ्तार किया गया था। कौर के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने बताया कि अदालत ने नवदीव कौर की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।
नवदीप कौर ने जमानत याचिका में दावा किया है कि पिछले महीने सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद थाने में उसकी कई बार बेरहमी से पिटाई की गई। इतना ही नहीं, उसके बाद बदसुलूकी भी की गई। कौर ने कहा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया और हत्या के प्रयास, हमले और सरकारी अधिकारी को धमकाने के आरोप लगाए थे। उन पर झूठे केस थोप दिए गए।
नवदीप के मामले में हाईकोर्ट ने एक ई-मेल मिलने के बाद खुद ही सुनवाई शुरू की थी। इस ई-मेल में कहा गया था कि नौदीप को हरियाणा पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया था।
श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि वह केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रही थीं। पंजाब के मुक्तसर की रहने वाली नवदीप कौर हरियाणा की करनाल जेल में बंद है। नवदीप तब सुर्खियों में आई थीं, जब अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने सोशल मीडिया पर ये दावा किया था कि नवदीप को पुलिस के दौरान प्रताड़ित किया गया और उनका यौन शोषण भी हुआ।
देशभर में आज पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और जीएसटी की खामियों के खिलाफ बंद
देश के परिवहन और व्यापारिक संगठनों ने आज पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की खामियों के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया है। यह बंद आज सुबह 6 बजे से शुरू होकर शाम 8 बजे तक चलेगा।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स ने (जीएसटी) नियमों की समीक्षा की मांग करते हुए यह बंद किया जा रहा है। वहीं, इस बंद से जुड़े कारोबारी, ई-वे बिल और तेल की बढ़ती कीमतों का विरोध भी कर रहे है।
इस बंद में करीब 8 करोड़ छोटे कारोबारी शामिल रहेगे। और देश के करीब 1 करोड़ ट्रांसपोर्टर और लघु उद्योग और महिला उद्यमियों भी इस बंद मे मौजूद होगी।
इस बंद ने पूरे देश के बाजार बंद रहेंगे और कोई भी व्यापारिक गतिविधियां नहीं होंगी। बताया जा रहा है इस बंद में देश के सभी राज्यों के ज्यादातर व्यापारिक संगठन शामिल हो रहे हैं।
गौरतलब है, हाल ही में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स एक्ट में किए गए संशोधन किए गए हैं, जिसके खिलाफ ये बंद किये जा रहे हैं। देशभर में बाजारें और सड़को पर बंद का असर दिखना शुरू हो गया है, कई शहरो में बाज़ार और सड़के सूनी है।
मार्च में जनता महँगाई की और मार झेलने को रहे तैयार
पेट्रोल की तरह किसानों ने 50 रुपये लीटर का दूध 100 रुपये में बेचने का किया ऐलान
दिल्ली नगर निगम उपचुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की दौर
चुनाव 28 फरवरी को है
दिल्ली नगर निगम में होने वाले उपचुनाव की पांचों सीटों को लेकर दिल्ली की सियासत में आरोप –प्रत्यारोप का दौर चल रहा हो पर, ये उपचुनाव आगामी साल 2022 में होने वाले नगर निगम चुनाव की पठकथा और रूप रेखा तैयार कर रहे है। बताते चले चुनाव 28 फरवरी को है। इस उपचुनाव में आप औप भाजपा के बीच मुकाबला है। कांग्रेस भी जोर -आजमाइस और पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में है।
उपचुनाव में इस बार बिजली –पानी और सड़कों के निर्माण के अलावा कोरोना को भी चुनावी मुद्दा बनाया गया है। आप पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि आप पार्टी ने जो भी वादें किये है, उनको हर हाल में पूरा किया है। दिल्ली में बिजली –पानी फ्री में दी जा रही है। जो किसी भी राज्य में नहीं दी जा रही है।दिल्ली में महिलाओं को बसों में फ्री में यात्रा जैसी सुविधायें दी जा रही है।जिससे जनता का विश्वास आप पार्टी के प्रति बढ़ा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरीष गौतम का कहना है कि उपचुनाव की पांचों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रहे है। कांग्रेस की ओर जनता रूख बढ़ा है। भाजपा की मंहगाई और आप पार्टी के झूठे वादों से जनता तंग आ चुकी है। अमरीश गौतम का दावा है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस के परिणाम चौकाने वाले साबित होगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि दिल्ली की जनता जानती है, कि आप पार्टी ने दिल्ली में विकास नहीं किया है। कोरोना काल में भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर आला कामान जो देश की सेवा की है।और देश को सही मायने में भाजपा आगे ले जाने के लिये काम कर रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस और आप पार्टी के पांचों प्रत्याशियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।
फ़रवरी 2020 के दिल्ली दंगे सुनियोजित थे: किताब
मदीहा रज़ा
दिल्ली दंगों के एक वर्ष बाद उन दंगों पर लिखी गई किताब ‘दिल्ली दंगे- साजिश का खुलासा’ का लॉन्च मंगलवार को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में किया गया। राजधानी में पिछले साल फरवरी महीने में हुए दंगों पर लिखी इस किताब में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी 2020 से लेकर 26 फरवरी 2020 तक घटी घटनाओं का जिक्र किया गया है।
किताब में लिखा गया है कि किस तरह से सुनियोजित ढंग से देश की राजधानी को जलाने की तैयारी की गई थी। इस किताब के लेखक आदित्य भारद्वाज और आशीष कुमार अंशु हैं।
कॉल फॉर जस्टिस की तरफ से दिल्ली दंगों की बरसी पर एक दिन का कार्यक्रम आयोजन किया गया। जहां प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को लान्च किया गया । इस कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन डॉ. जसपाल चौहान ने किया। जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा, अधिवक्ता नीरज अरोड़ा, पत्रकार आदित्य भारद्वाज शामिल रहे।
किताब के बारे में लेखक आदित्य भारद्वाज ने कहा – “किताब में आप को दिल्ली में हुए दंगों की साजिश का पता चलेगा, इस किताब में विस्तार से लिखा गया है कि कैसे दिल्ली में दंगे सुनियोजित तरीके से हुए” इन दंगों की पृष्ठभूमी पहले ही तैयार करली गई थी। पुलिस चार्जशीट में भी यही तथ्य सामने आ रहे हैं।
कॉल फॉर जस्टिस के संयोजक नीरज अरोड़ा ने दिल्ली में हुए दंगों की प्लानिंग के बारे में विस्तार से बताया। उनहोने दिल्ली दंगे और किसान आंदोलन को एक जैसा बताते हुए कहा कि दिल्ली दंगों और किसान आंदोलन के बीच काफी समानता है। दोनों में एक ही तरह का नेतृत्व काम कर रहा था।
मोनिका अरोड़ा ने कहा कि जिस तरह दिल्ली दंगे भड़काए गए। उसी तरह से अब कृषि कानूनों को लेकर भी किसानों को भड़काया जा रहा है।
पत्रकार आदित्य भारद्वाज ने बताया कि, वो खुद उस इलाके में रहते हैं जहां ये दंगे हुए थे। उनके अनुसार दंगों की प्लानिंग बहुत पहले ही हो चुकी थी। दंगा उस समय शुरू किया गया, जब घरों में पुरूष नहीं थे। जबकि जिन दुकानों और जगहों पर हमला किया जाना था, वो पहले से ही तय किया गया था। उसके लिए सारे हथियारों का बंदोबस्त भी किया गया था।
पुस्तक के अन्य लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप महापात्रा ने कहा कि झगड़े आचानक होते है पर इन झगड़ो की पृष्ठभूमि पहले ही तैयार कर ली गई थी। दिल्ली दंगों की साजिश एक अंतरराष्ट्रीय साजिश थी।
पुस्तक के अंग्रेजी वर्जन के लेखक मनोज वर्मा ने सड़को पर बैठकर अंदोलन करने का विरोध करते हुए कहा- कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का और आंदोलन करने का पूरा अधिकार है, पर यह सही नही के लोग सड़क पर बैठ कर, रास्ते रोक कर अपनी बात मनवाये।
गौरतलब है कि दिल्ली में बीते वर्ष 23 फरवरी को हुई हिंसा में 581 लोगों के घायल होने की और 53 लोगों की मौत की जानकारी है। इन दंगो मे शामिल 755 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और 1818 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है।
टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत मिली
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार 22 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को मंगलवार को जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस ने चार दिन की रिमांड मांगी थी। अतिरक्ति सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने रवि को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर यह राहत दी। साथ ही अदालत ने पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य को भद्दी और गंदी करार दिया।
जमानत पर सुनवाई के दौरान दिशा रवि के वकील ने इस पर खासा जोर दिया कि दिशा का खालिस्तानी मूवमेंट से कोई लिंक नहीं है और उनपर देशद्रोह का मामला कायम नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध किया। पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर दिशा रवि को जमानत मिलती है तो वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस के तर्क को महज अनुमान करार दिया।
अदालत ने कहा कि अभियुक्त का अतीत साफ-सुथरा है और कोई आपराधिक छवि नहीं है। जज ने कहा, डरावने और गढ़े गए सबूतों को ध्यान में रखते हुए मुझे लड़की को जमानत न देने के लिए कोई ठोस कारण नहीं मिला है। दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल की एक टीम बेंगलुरु से गिरफ्तार कर दिल्ली लाई। उसकी पुलिस रिमांड मंगलवार को ही समाप्त हुई थी।
इस बीच, मामले में ही दिशा रवि के सह आरोपी शांतनु मुलुक ने अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया।
मुलुक द्वारा दिए गए आवेदन पर बुधवार को अतिरक्ति सत्र जज धर्मेन्द्र राणा की अदालत में सुनवाई होने की संभावना है। बंबई उच्च न्यायालय ने मुलुक को 16 फरवरी को दस दिन के लिए ट्रांजिट जमानत दे दी थी।










