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पूर्वी दिल्ली: भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता को पूर्वी दिल्ली में बुधवार की शाम को गोली मारकर हत्या कर दी। 42 वर्षीय नेता की पहचान जितेंद्र उर्फ जीतू चौधरी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि जीतू चौधरी मयूर विहार फेज 3 निवासी और भाजपा के जिला मंत्री थे।

इस मामले की जानकारी पुलिस को तब प्राप्त हुई जब पुलिस कांस्टेबल ने जीतू चौधरी का शव खून से लतपत उनके घर के बाहर देखा। बताया जा रहा है कि जीतू को गोलियां लगी थी। और पुलिस के देखते ही उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया किंतु वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

आपको बता दे, पुलिस अधिकारी का कहना है कि घटनास्थल से पुलिस ने मौके से कुछ खाली कारतूस व अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए है। और कार्रवाई के अंतर्गत चश्मदीदों और सीसीटीवी फुटेज की तलाश की जा रही है। जिससे जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।

देश में कोविड केसो में 15 प्रतिशत का उछाल, पिछले 24 घंटों में करीब 2,380 नए मामले हुए दर्ज

देश में गुरुवार को पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के करीब 2,380 नए मामले दर्ज हुए है। कोरोना के नए केसो में करीब 15 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। साथ ही सक्रिय केसलोड 13, 433 और रिकवरी रेट 98.76 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में करीब 4,49,114 कोविड-19 टेस्ट भी हुए है। बीते पिछले 24 घंटे में करीब 56 लोगों की मौतें हुई है और 1,231 लोग कोविड-19 से ठीक भी हुए है। डेली पॉजिटिविटी रेट 0.53 प्रतिशत है।

आपको बता दे, भारत में कोरोना महामारी के मामलों में दोबारा से वृद्धि हो रही है। बीते दिन यानी बुधवार को नए मामलों में 15.1 प्रतिशत की इजाफा दर्ज किया गया था। और यह आंकड़ा बढ़कर 13,433 पर पहुंच गया था।

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते सरकार ने गुरुवार से मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। और यदि कोई व्यक्ति विशेष बिना मास्क के बाहर निकला तो उसका चालान होना संभव है।

हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश का संचयी कोरोना टीकाकरण कवरेज 187.07 करोड़ से अधिक हो गया है। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16 मार्च 2022 को शुरू किया गया था। अब तक, 2.53 करोड़ से अधिक किशोरो को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।

दिल्ली के जहांगीरपुरी अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट में आज होनी है सुनवाई

दिल्ली में एनडीएमसी की तरफ से पिछले सप्ताह चलाए गए जहांगीरपुरी अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसी के साथ दिल्ली नगर निगम ने तोड़फोड़ को बंद भी कर दिया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में दो जज जस्टिस एल नागेश्वर राव व जस्टिस बीआर गवई की बेंच करेगी।

जहांगीरपुरी हिंसा के बाद इलाके में हालात सामान्य हुए ही थे इसी बीच भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से बुधवार को इलाके में लगातार दो दिन ‘अतिक्रमण-रोधी अभियान’ चलाया जाना था। इस अभियान के अंतर्गत अवैध कब्जे को हटाया जाना था।

इससे संबंधित एनडीएमसी के सहायक आयुक्त ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था। साथ ही एनडीएमसी की ओर से 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की अपील भी की गई थी। पत्र में 20-21 अप्रैल की सुबह 9.30 बजे से इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बाहरी बल के साथ-साथ महिला पुलिस की तैनाती के लिए अनुरोध किया गया था।

जहांगीरपुरी हिंसा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था। इसी बीच ओवैसी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था और ट्वीट कर कहा कि, “भाजपा ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। भाजपा यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी अवैध कब्जे हटाने के नाम पर बिना नोटिस दिए लोगों के घर तोड़ने जा रही था। गरीब मुसलमानों ने जिंदा रहने की हिम्मत दिखाई था सिर्फ इसलिए उन्हें यह सजा दी जा रही था। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी अपना रुख साफ करने को कहा था।“

आपको बता दे, हाल ही में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गयी थी। शोभायात्रा के मस्जिद से गुजरने के दौरान धार्मिक संगीत बज रहा था साथ ही उसी वक्त अजान का भी समय था इसी दौरान दोनों पक्षों में बहस से शुरू हुई और गंभीर हिंसा में बदल गई।

बुलडोजर की राजनीति दिल्ली में असंभव

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर अगर सियासी दांव -पेंच को देखते हुए दिल्ली में बुलडोजर चलाया गया तो बुलडोजर की जद में एक साथ कई मकान आयेगे।ऐसे हालात में सरकार के पास क्या विकल्प है। कि दोषी का मकान या फ्लैट ही को गिराया जाये।

दिल्ली में जहांगीरपुरी में हुए दंगे के बाद कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर माफिया और अपराधियों के मकानों को गिराए जाने की मांग की है। ऐसे में नॉर्थ दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने बुलडोजर लेकर दोषियों के घरों के आस पास पहुंच गये है। बुलडोजर को देखते हुए वहां पर बवाल की स्थिति बन गयी।
पूर्व एमसीडी के अधिकारी श्याम सुन्दर का कहना है कि दिल्ली में जो सियासी खेल मौजूदा दौर में खेला जा रहा है। उससे तात्कालिक राजनीतिक फायदा तो सियासी दल ले सकते है। लेकिन दूरगामी राजनीतिक और सामाजिक परिणाम गलत हो सकते है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 30 से लेकर 50 गज के ज्यादा फ्लैट बने है जिसमें लोग अपना जीवन यापन करते है। और ये फ्लैट भी तंग गलियों में बने हुये है। फ्लैट भी आपस में सटे हुए है और इन फ्लैटों के पीछे भी फ्लैट बने हुये है।
अगर बुलडोजर चलता है कि तो आपस में सटे और पीछे सटे फ्लैटों का क्या होगा। वे जरूर टूट सकते है।कांग्रेस के नेता मुकेश कुमार का कहना है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मकान होते है। जो बड़े भी होते है। उनको बुल्डोजर के द्वारा तोड़ा जाता है। तो पड़ोसी के मकान को कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन दिल्ली में ये संभव नहीं है।
 
बताते चलें मौजूदा दौर में देश में बुल्डोजर को लेकर सियासत की जा रही है। लेकिन दिल्ली में अगर यहां बुलडोजर की राजनीति की गई तो उसका सियासी दल जरूर फायदा ले सकते है। लेकिन आम जनमानस को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

दिल्ली सरकार मास्क अनिवार्य करने की तैयारी में, मामले बढ़ने के बाद डीडीएमए की बैठक

केजरीवाल सरकार ने राजधानी दिल्ली में फेस मास्क लगाना अनिवार्य करने की तैयारी कर ली है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने यह फैसला किया है। डीडीएमए की बैठक से संकेत मिलता है कि सरकार मास्क नहीं  लगाने पर जुर्माने का प्रावधान भी कर सकती है। फिलहाल स्कूल बंद नहीं किये जा रहे हैं।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बुधवार को हुई बैठक में इस पर विस्तार से हुई चर्चा के बाद यह फैसला हुआ है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले कल ही कहा था कि जरूरत महसूस हुई तो सरकार सख्त फैसले लेने से नहीं  हिचकेगी।

जानकारी के मुताबिक मास्क नहीं लगाने पर 500 रूपये तक का जुर्माना भी तय किया जा सकता है। पता चला है कि बैठक में फिलहाल स्कूल बंद नहीं करने का फैसला हुआ है। सरकार विशेषज्ञों से बात कर सकती है। कोविड टेस्टिंग बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही दिल्ली और चार राज्यों को जांच, पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच सूत्रीय रणनीति का पालन करने की सलाह दे चुका है।

रूस ने यूरोपीय देशों के 31 राजनयिक निष्कासित किए

रूस ने तीन यूरोपीय देशों के 31 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने नीदरलैंड के 15 राजनयिकों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर  उन्हें दो हफ्ते के भीतर देश छोड़ने को कहा है।

राजनयिक भाषा में कोई व्यक्ति ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ तब घोषित किया जाता है, जब वह कुछ कहने या टिप्पणी के कारण अस्वीकार्य करार दिया जाता है। रूस की तरफ से यह कार्रवाई उसकी सेना के यूक्रेन में बड़े स्तर पर तबाही मचाने के बीच हुई है। बता दें अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश जहाँ रूस पर युद्ध विराम का दबाव बढ़ा रहे हैं वहीं उन्होंने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा भी की है।

यहाँ यह भी बता दें कि हाल में कुछ यूरोपीय देशों ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर रूसी राजनयिकों को अपना देश छोड़ने को कहा है। बेल्जियम के 12 राजनयिकों के अलावा रूस ने रविवार तक चार ऑस्ट्रियाई राजनयिकों को भी देश से भी बाहर जाने को कहा था। बेल्जियम ने रूस के इस फैसले को ‘अनुचित और निराधार’ करार दिया है। मॉस्को ने मंगलवार को लक्ज़मबर्ग के दूत को भी तलब किया था।

उधर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन में रूस के आक्रमण ने इस युद्ध को अनिवार्य रूप से अधिक ‘हिंसक, रक्तरंजित और विध्वंसकारी’ बना दिया है।

लाउडस्पीकर विवाद: नोएडा में धर्मस्थलों को नोटिस जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने लाउडस्पीकर को लेकर अपनी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। इसके तहत पुलिस ने करीब 900 धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी किया है। इनमे 602 मंदिर और 268 मस्जिद शामिल है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सुनिश्चित किया गया था कि आवाज धार्मिक परिसर से बाहर ना जाए। सूत्रों अनुसार पता चला है कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के संबंधित पुलिस अधिकारियों ने मंदिरों, मस्जिदों, सभी पूजा स्थलों, विवाह, भोज हॉल व डीजे संचालकों के स्थानों का दौरा किया। और इन सभी स्थानों पर तेज आवाज पर रोक लगाई गई है।

साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। और यदि कोई भी संचालन ध्वनि सीमा के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता तो उसे सख्त से सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा।

आपको बता दे, हाल ही में कुछ राज्यों में त्योहारों के दौरान कुछ हिंसक घटनाए घटित हुई थी। इसी के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। कि बिना अनुमति के कोई भी धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए। और लाउडस्पीकर से किसी भी दूसरे व्यक्ति को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली: जहांगीरपुरी में ‘अतिक्रमण-रोधी अभियान’ पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

एनडीएमसी की तरफ से जहांगीरपुरी अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसी के साथ दिल्ली नगर निगम ने तोड़फोड़ को बंद कर दिया गया है। हालांकि बुलडोजर कुछ देर तक चले परंतु अब मलबे को हटाने का कार्य जारी है।

एनडीएमसी मेयर राजा इकबाल का कहना है कि, इससे संबंधित उन्हे अभी तक हमें कोई ऑर्डर नहीं मिला है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर संजय गोयल का कहना है कि, जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण-रोध अभियान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में नहीं पता चला परंतु हम पहले आदेश पढ़ेंगे फिर उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई जारी करेंगे।

जहांगीरपुरी हिंसा के बाद इलाके में हालात सामान्य हुए ही थे इसी बीच भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से बुधवार को इलाके में लगातार दो दिन ‘अतिक्रमण-रोधी अभियान’ चलाया जाना था। इस अभियान के अंतर्गत अवैध कब्जे को हटाया जाना था।

इससे संबंधित एनडीएमसी के सहायक आयुक्त ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था। साथ ही एनडीएमसी की ओर से 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की अपील भी की गई थी। पत्र में 20-21 अप्रैल की सुबह 9.30 बजे से इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बाहरी बल के साथ-साथ महिला पुलिस की तैनाती के लिए अनुरोध किया गया था।

जहांगीरपुरी हिंसा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी बीच ओवैसी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था और ट्वीट कर कहा कि, “भाजपा ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। भाजपा यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी अवैध कब्जे हटाने के नाम पर बिना नोटिस दिए लोगों के घर तोड़ने जा रही है। गरीब मुसलमानों ने जिंदा रहने की हिम्मत दिखाई है सिर्फ इसलिए उन्हें यह सजा दी जा रही है। साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी अपना रुख साफ करने को कहा है।“

आपको बता दे, हाल ही मे हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गयी थी। शोभायात्रा के मस्जिद से गुजरने के दौरान धार्मिक संगीत बज रहा था साथ ही उसी वक्त अजान का भी समय था इसी दौरान दोनों पक्षों में बहस से शुरू हुई और गंभीर हिंसा में बदल गई।

नेटफ्लिक्स ने तीन महीने में दो लाख सब्सक्राइबर्स खोए

प्रमुख स्ट्रीमिंग टेलीविजन सेवा नेटफ्लिक्स ने पिछले करीब साढ़े तीन महीने में दो लाख के करीब सब्सक्राइबर्स को खो दिया है। एक दशक में ये पहली बार है कि नेटफ्लिक्स ने अपने ग्राहक खोए हैं। कंपनी ने मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस में अपनी सेवा के निलंबन को भी ग्राहकों में कमी का एक कारण माना है।

कंपनी ने 2022 की पहली तिमाही में अपने ग्राहकों के रैंक में कमी की बात स्वीकार की। इसके बाद नेटफ्लिक्स के शेयरों ने मंगलवार को गिरावट दर्ज करते हुए अपने मूल्य का एक चौथाई हिस्सा खो दिया है। कंपनी की तरफ से जाहिर की गयी जानकारी के मुताबिक नेटफ्लिक्स ने इस साल की पहली तिमाही 221.6 मिलियन ग्राहकों के साथ सम्पूर्ण की, और यह संख्या पिछले साल की अंतिम तिमाही से थोड़ी कम है।

नेटफ्लिक्स की जानकारी के मुताबिक उसने हाल में समाप्त तिमाही में 1.6 बिलियन डॉलर की शुद्ध आय दर्ज की जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये 1.7 बिलियन डॉलर थी। यह आंकड़े जारी होने के बाद नेटफ्लिक्स के शेयर 25 फीसदी गिरकर 262 डॉलर हो गए हैं। कंपनी के अनुमान करीब 222 मिलियन परिवार अपनी सेवा के लिए भुगतान कर रहे हैं, जबकि खातों को 100 मिलियन से अधिक अन्य परिवारों के साथ साझा किया जा रहा है।

कम्पनी (नेटफ्लिक्स) के एक बयान में कहा गया है – ‘हम उतनी तेजी से राजस्व नहीं बढ़ा रहे हैं जितना हम चाहते हैं। कई कारणों से हमारे सब्सक्राइबर कम हुए हैं। हमारा मानना है कि घरों में सस्ती ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा, स्मार्ट टीवी नहीं होना इसके कारण हैं। इसके अलावा सब्सक्राइबर्स अपने घरों में नहीं रहने वाले लोगों के साथ अपना खाता साझा करते हैं, जिससे कंपनी के सब्सक्राइबर कम हो रहे हैं।’

दिल्ली में दंगे के बाद सियासत तेज

जहांगीरपुरी दंगे को लेकर एक ओर तो दंगे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरपकड़ जारी है। वहीं सियासत भी हर रोज तेज होती जा रही है। भाजपा, कांग्रेस और आप पार्टी भी अपने-अपने राजनीतिक लाभ को लेकर बयानबाजी कर एक दूसरे पर आरोप लगाने में लगे है।
आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जहांगीरपुरी सहित रामनवमी से लेकर हनुमान जयंती तक कई राज्यों में 7 जगह दंगे हुए है।इस दंगे में सबसे ज्यादा लाभ किसको हुआ तो वह भाजपा को हुआ है। वहीं भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि आप पार्टी की वोट बैंक की राजनीति के चलते दिल्ली में बांग्लादेश के लोग रह रहे है। जिसके कारण दिल्ली में दंगे जैसे हालात बने हुये है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी के कार्यकर्ता ही इस मामले में दोषी पाये गये है। जबकि कांग्रेस के नेता अम्बरीश सिंह का कहना है कि आप पार्टी और भाजपा की गलत नीतियों की वजह से जहांगीरपुरी में दंगे भड़के है।
उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो सभी धर्मों को एक साथ लेकर राजनीति करती है। लेकिन आप एक धर्म के नाम पर तो भाजपा दूसरे धर्म के नाम पर राजनीति करती है। जिससे दोनों धर्मों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में जो सियासत चल रही है। जिसके कारण दिल्ली सहित पूरे देश में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
दिल्ली का राजनीति के जानकारी रामकुमार पाठक का कहना है कि दिल्ली में जो मौजूदा समय में  दंगे में दोषियों के  खिलाफ बुलडोजर चलाने की बात की जा रही है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर अगर दिल्ली में  बुलडोजर चला तो यहां पर स्थिति और बिगड़ सकती है।