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राष्ट्रपति चुनाव: एनडीए की मुर्मू 25 और विपक्ष के सिन्हा का 27 को नामांकन

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर साफ़ हो गयी है। विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है।
मुर्मू का नाम एनडीए में पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी सामने आया था लेकिन तब भाजपा ने रामनाथ कोविंद को प्राथमिकता दी थी। इससे पहले कांग्रेस के समर्थन करने के बाद विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे पहले सिन्हा ने टीएमसी से त्यागपत्र दे दिया और कहा कि वे विपक्षी एकता के लिए ऐसा कर रहे हैं।

उधर भाजपा ने एनडीए सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। मुर्मू झारखंड की राज्यपाल और ओडिशा सरकार में मंत्री रही हैं। जानकारी के मुताबिक एनडीए की द्रोपदी मुर्मू 25 को जबकि सिन्हा 27 जून नामांकन दाखिल करेंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना तय है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है और 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख है।

महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक जारी

महाराष्ट्र की राजनीति में जो भी उठापटक चल रही है। इससे तो ये निश्चित है कि इस राजनीति की पूरी पटकथा पहले से लिखी जा चुकी है। और सिर्फ व सिर्फ ये सियासी दिखावा भर हो रहा है।

जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास मंत्री व शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे की इस राजनीतिक चाल से तो नहीं लगता है कि वो इतना बड़ा साहसिक कदम उठा सकते है। जरूर इसके पीछे शिवसेना के किसी बड़े नेता का हाथ हो सकता है। नहीं तो इतनी बड़ी सियासी चाल एकनाथ शिंदे अपने दम पर चल दें।

महाराष्ट्र राजनीति के जानकार मधुकांत का कहना है कि शिवसेना और भाजपा के बीच सियासी दाल काफी समय से पक रही थी। जैसे ही लोकसभा चुनाव की आहट दिखने लगी और भाजपा को छोड़ अन्य दल मौजूदा समय में सत्ता पक्ष के सामने कमजोर दिखने लगे और कुछ नेताओं पर सीबीआई और ईडी की मार पड़ने लगी सो ये सब सियासी उफान मचने लगा है। उनका कहना है कि देर-सवेर देश की राजनीति पूरी तरह से हिंदुत्व के इर्द-गिर्द ही घूमेगी।

बताते चलें महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे ने जब दो माह पहले हनुमान चलीसा को लेकर हिन्दुत्व का राजनीति करनी शुरू कर दी थी। तभी से ये अनुमान लोगों को लगने लगा था कि देर-सवेर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

मौजूदा समय में जो भी महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहा है। इसमें जरूर भाजपा को सियासी लाभ मिल सकता है। लेकिन अगर यहां पर किसी पार्टी को नुकसान हो सकता है। तो वो है कांग्रेस पार्टी क्योंकि इस तोड़-फोड़ की राजनीति में कांग्रेस के कुछ विधायकों को टूटने का खतरा बना हुआ है।

यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझे उम्मीदवार

शरद पवार, फ़ारूक़ अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी से शुरू होकर राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की सुई पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम पर आकर अटक गयी है। वे विपक्ष के साझे उम्मीदवार हो सकते हैं। कहा गया है कि कांग्रेस भी सिन्हा के नाम पर सहमत है। विपक्ष के नेता इसकी आधिकारिक घोषणा कभी भी कर सकते हैं। बता दें, सिन्हा ने आज ही टीएमसी से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह विपक्षी एकता की दिशा में काम करने के लिए तृणमूल से अलग हट रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सिन्हा के नाम पर विपक्ष सर्वसम्मति से राय बना चुका है। यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की ओर से प्रस्तावित किया गया था, लेकिन पवार ने इनकार कर दिया था। गोपाल कृष्ण गांधी का नाम भी सामने आया था।

इधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा आज कहा – ‘यशवंत सिन्हा के कंपेन को आगे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।’ वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा – ‘हम चाहते हैं कि ऐसा प्रत्याशी सामने रखा जाए जो लोकतंत्र की रक्षा कर सके।

सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।’ याद रहे पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं के साथ संपर्क साधा था।

आज शाम भाजपा संसदीय दल की बैठक भी है जिसमें राष्ट्रपति पद के नाम को लेकर चर्चा होनी है। देखना होगा कि क्या आज ही एनडीए नाम घोषित करता है इन्तजार करेगा। अभी तक एनडीए में वैंकैया नायडु, आनंदी बेन पटेल, आरिफ मोहम्मद खान, मुख्तार अब्बास नक़वी जैसे बड़े नाम सुनने में आ रहे हैं।

महाराष्ट्र में सियासी हलचल, शिव सेना के 21 विधायक गुजरात में

तहलका ब्यूरो महाराष्ट्र की एमवीए सरकार की स्थिरता को लेकर काफी समय से चल रहे कयास मंगलवार को हकीकत में बदलते दिखे जब खबर आई कि मंत्री एकनाथ शिंदे 21 शिवसेना विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं। इसके बाद शिवसेना ने शिंदे को चीफ व्हिप पद से हटा दिया, हालांकि, शिंदे ने एक ट्वीट में कहा है कि ‘वे पक्के शिवसैनिक और बालासाहब के अनुयायी हैं’।

शिवसेना ने एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को नया चीफ व्हिप बनाया है। शिंदे अब पार्टी के विधायक दल के नेता नहीं हैं। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री शिंदे को लेकर कहा गया है कि वे पार्टी के 21 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत के मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं। पार्टी नेता उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे। यदि शिंदे शिवसेना से अलग हो जाते हैं तो उद्धव सरकार मुश्किल में फंस सकती है।

हालांकि, एकनाथ शिंदे ने आज एक ट्वीट में कहा – ‘हम बालासाहेब के पक्के शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं के बारे में सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे।’ पता चला है कि उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर और विधायक रवि फाटक को सूरत भेजा गया है ताकि वे शिंदे से संपर्क कर सकें।

इस बीच वरिष्ठ शिव सेना नेता और सांसद संजय राउत ने पूरे घटनाक्रम के बीच कहा – ‘यह मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने की भी साजिश है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। शिवसेना वफादारों की पार्टी है। एकनाथ शिंदे हमारे मित्र और पार्टी के वफादार हैं।’

पता चला है कि गुजरात गए विधायकों में एक नितिन देशमुख की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। विधायक की पत्नी प्रांजलि ने अकोला पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनके पति लापता हैं और उनसे संपर्क नहीं हो रहा।
शिकायत में कहा गया है कि उसने आखिरी बार अपने पति से 20 जून की शाम 7 बजे फोन पर बात की थी और जब उनका फोन बंद है, लिहाजा उनकी जान को खतरा है।

उधर शिवसेना की सरकार में सहयोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा – ‘हमारी सभी विधायकों से बात हुई है। देख रहे हैं आगे क्या होगा। आज की स्थिति पर अभी बात करना ठीक नहीं। ऐसा नहीं कह सकते कि अघाड़ी सरकार खतरे में हैं।’

अग्निवीर योजना के विरोध प्रदर्शन के चलते महंगा हुआ किराया

देशभर में अग्निवीर को लेकर जो भी हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुआ है। उससे शासन- प्रशासन की पोल ही नहीं खुली बल्कि देश में एक नये तरीके से यातायात महंगा हो गया है। आलम जनता को ट्रेनों में यात्रा करने में डर लग रहा है। कहीं ट्रेन में कोई अग्निवीर के विरोध में अप्रिय घटना न घट जाये। जिससे लोग ट्रेनों में यात्रा करने से कतरा रहे है। सैकड़ों ट्रेनों का परिचालन बंद होने से हवाई यात्रा महंगी हो गई है। कार वाले भी औने -पौने दाम मांग रहे है। गरीबों को यात्रा करना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है।

बिहार की जनता ने तहलका संवाददाता को बताया कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि नौकरी को लेकर सरकार द्वारा बनाई गई योजना का विरोध हो रहा है। और ट्रेनों के साथ-साथ सरकारी और निजी संपत्ति को जलाया जा रहा है। फिर सरकार कोई उचित व ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है?

विरोधी दल के नेताओं का कहना है कि सरकार की नीयत में खोट है तभी तो अग्निवीर को लेकर इतना विरोध हो रहा है। अन्यथा सरकार अन्य नौकरी की तरह वैकेंसी निकालती तो क्यों विरोध होता। लेकिन सरकार ने जानबूझकर हो हल्ला और विरोध प्रदर्शन करने के लिये ये सब किया है। जिससे कि देश के कई राज्यों के लोगों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। बिहार और पूर्वोत्तर के लोगों को दिल्ली सहित अन्य महानगरों में जाने के लिये कई गुना अधिक किराया देना पड़ रहा है।

राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव का प्रचार थम जाएगा आज

दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधान उपचुनाव का प्रचार आज शाम पांच बजे थम जायेगा। मतदान 23 जून को है। बताते चलें राजेन्द्र नगर विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा और आप पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है। जानकारों का कहना है कि उप चुनाव के परिणामों से दिल्ली की सियासत में एक नया बदलाव आ सकता है। तभी तो इस सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर स्थानीय नेताओं ने भाजपा के प्रत्याशी राजेश भाटिया के लिये घर-घर जाकर वोट मांगे है। और आप पार्टी के प्रत्याशी दुर्गेश पाठक के लिये दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर आप पार्टी के राज्य सभा सांसदों ने वोट मांगे है।

जानकारों का कहना है कि अगर उप चुनाव में आप पार्टी हारती है तो निश्चित तौर पर भाजपा की बड़ी जीत मानेगी जायेगी और लोगों का मोह भंग आप पार्टी होना बताया जायेगा। अगर भाजपा हारती है तो भाजपा के लिये आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव के लिये खतरे की घंटी माना जायेगा।

भाजपा का कहना है कि दिल्ली में आप पार्टी के प्रति लोगों की नाराजगी दिन व दिन बढ़ती जा रही है। क्योंकि दिल्ली में विकास कार्य रुक सा गया है। दिल्ली वालों को बिजली-पानी और बसों में यात्रा कराने वाली की राजनीति अब रास नहीं आ रही है। वहीं आप पार्टी के नेता का कहना है कि दिल्ली सहित पूरा देश अग्निवीर के विरोध में अग्नि में जल रहा है। चारों तरफ भाजपा का विरोध है। महगांई दिन व दिन बढ़ रही है। और सरकार लोगों का ध्यान बांटने के लिये आपस में लड़वा रही है। जिससे लोगों को भाजपा के प्रति नाराजगी है।

इस सीट का चुनाव परिणाम 26 जून को घोषित किया जायेगा। दिल्ली की राजनीति के जानकार प्रमोद कुमार का कहना है कि राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव के बाद ही दिल्ली के एमसीडी चुनाव के बारे में पता चल सकता है कि चुनाव एमसीडी के कब होगे।

पीएम मोदी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में कई अन्य नेताओं ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

आज यानी 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ‘मानवता के लिए योग’ थीम के अंतर्गत देश के अलग-अलग हिस्सों में योग दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कर्नाटक के मैसूर पैलेस के मैदान में करीब 15000 लोगों के साथ योगाभ्यास किया।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीएम बसवराज बोम्मई सहित तमाम अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहें। साथ ही इस मौके पर लोगों को संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “दुनियाभर में लोग सूर्योदय के साथ ही योग से जुड़ते जा रहें हैं, हमारा दिन योग के साथ शुरू हो। इससे बेहतर और क्या हो सकता है। हम योग से जुड़ी अनंत संभावनाओं को साकार करें।”

पीएम मोदी ने कोरोना महामारी का ज़िकर करते हुए आगे कहा कि भारत के आध्यात्मिक केंद्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया और आज वह योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है। साथ ही योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने योग दिवस के मौके पर नोएडा स्टेडियम में योग किया। इसके अलावा उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में योगाभ्यास किया।

इसी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नर्इ दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ वासियों को योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि योग को अपनी दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करने की अपील की।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “वर्तमान में हमने सिर्फ भौतिक साधनों को ही सफलता का पैमाना मान लिया है, जबकि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन के बिना हर सफलता अधूरी है, कोविड के दौर में योग की प्रासंगिकता और भी बढ़ी है। तन-मन से चुस्त-दुरूस्त रहकर ही हम गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपने को तेजी से साकार कर सकते है।“

आपको बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सैकड़ों दिल्लीवासियों के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस मौके पर उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत पूरी कैबिनेट मौजूद रही।

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, “आइए, हम भी दिल्ली की योगशाला का हिस्सा बनें। अगर आप भी योग करना चाहते है तो अपनी कॉलोनी के 20-25 लोग इकट्ठा होकर हमें 9013585858 पर फोन कीजिए, दिल्ली सरकार आपको मुफ्त में योग टीचर मुहैया कराएगी। दिल्ली की योगशाला आप सबके लिए है।“

परवाणु टिम्बर ट्रेल में फंसे 11 लोग; सभी सुरक्षित निकाले

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के परवाणु में सोमवार को केवल कार में तकनीकी गड़बड़ आने से 11 लोग उसमें फंस गए। अभी तक चले ऑपरेशन के बाद सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटना को लेकर बताया कि टिम्बर ट्रेल की केबल कार में तकनीकी खराबी आने के कारण उसमें 11 लोग फंस गए थे बचाव अभियान के बाद एनडीआरएफ की टीम ने अब सभी अब सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। उन्होंने बताया कि इस घटना की सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दी गयी है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं।

यह दूसरी बार है जब इस टिंबर ट्रेल में इस तरह लोग फंसे हैं। साल 1992 में भी इसमें कुछ लोग काफी घंटे तक तक फंसे रहे थे। उन्हें सेना की मदद से निकाला गया था।

दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा

दिल्ली के बाजारों में आज उस समय एक भय का माहौल देखने को मिला जब अग्निवीर को लेकर ये अफवाह थी कि दिल्ली में अग्निवीर को लेकर बाजारों को बंद नहीं किया गया तो आंदोलन कारी विरोध प्रदर्शन हंगामे दार कर सकते है। दिल्ली के छोटे और बड़े व्यापारियों ने बताया कि किसी भी प्रतिष्ठित संगठन ने घोषित बाजार बंद का आह्वान नहीं किया है। लेकिन मौजूदा हिंसक और उग्र प्रदर्शन को देखते हुए बाजारों को बंद तो नहीं किया गया है लेकिन बाजारों को और अपनी दुकानों को पूरा तरह से खोला नहीं गया है।

सदर बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि देश में माहौल दिन व दिन बिगड़ता जा रहा है। जिससे बाजार की हालत दिन व दिन पतली होती जा रही है। उनका कहना है कि कोरोना काल से जैसे -तैसे ऊभरे ही थे कि बाजारों पर सियासी खेल चलने लगा है। उन्होंने बताया कि भारत बंद को लेकर कुछ व्यापारी समर्थन कर रहे तो कुछ विरोध भी कर रहे है।

तहलका संवाददाता को गाजीपुर मंडी के व्यापारियों ने बताया कि बाजार पर भारत बंद के आह्वान का बुरा असर पड़ रहा है। आलम ये है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली बॉर्डर पर दर्जनों ट्रक और छोटे वाहन खड़े है। जिसमें सब्जी से लेकर अन्य बाजार में बिकने वाली वस्तु बाजार में नहीं आ पा रही है। व्यापारियों का कहना है कि अगर इस तरह का सिलसिला चलता रहा तो आने वाले दिनों में बाजार की हालत पूरी तरह से डगमगा सकती है। और आर्थिक हालत भी बिगड़ सकती है।कुल मिलाकर दिल्ली के बाजारों में आज सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है।

अग्निपथ के खिलाफ आज भारत बंद, दिल्ली में कड़ी सुरक्षा

एक तरफ जहाँ केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन अब देश भर में पहुँच गए हैं वहीं इसका विरोध करने वालों ने आज (सोमवार) भारत बंद का आह्वान किया है। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में युवाओं का अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध जारी है। बंद को देखते हुए राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कई रास्तों से आने-जाने पर रोक लगा दी है।

देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं और रेल और अन्य वाहन जलाये गए हैं। बिहार में आंदोलन का सबसे ज्यादा जोर है जहाँ सरकारी संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। बिहार में रेलवे ने सोमवार को करीब 350 ट्रेनें नहीं चलाने का निर्णय किया है और 20 जिलों में इंटरनेट सेवा सोमवार को भी बंद रहेगी।

योजना के विरोध के बीच अब कई संगठनों ने आज ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है। भारत बंद के ऐलान के बाद राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वाराणसी के कैंट स्टेशन पर भारत बंद के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात हैं और आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। शरारती और असामाजिक तत्वों पर ड्रोन कमरे से नजर रखी जा रही है।

भारत बंद के ऐलान के बाद राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। एहतियातन, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कई रास्तों से आने-जाने पर रोक लगा दी है। विशेष यातायात व्यवस्था के कारण नई दिल्ली में गोल डाक खाना जंक्शन, पटेल चौक, विंडसर प्लेस, तीन मूर्ति चौक, पृथ्वीराज रोड से आगे बसों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान 8 बजे से 12 बजे के बीच मोतीलाल नेहरू मार्ग, अकबर रोड, जनपथ और मान सिंह रोड से बचें। विशेष व्यवस्था के चलते इन सड़कों पर आवाजाही नहीं हो सकेगी।

गोल मेथी जंक्शन, तुगलक रोड जंक्शन, क्लेरिजेस जंक्शन, क्यू-पॉइंट जंक्शन, सुनहरी मस्जिद जंक्शन, मौलाना आज़ाद रोड जंक्शन और मान सिंह रोड जंक्शन से 8 बजे से 12 बजे के बीच जाने से बचें। इन रास्तों पर भी आवागमन बंद रहेगा। इसके अलावा गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने भी एडवाइजरी ने बहुत सारे रास्तों पर आने वाले वाहनों के रुट डायवर्ट किया है।