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महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की जल्द रिहाई की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की तत्काल रिहाई की याचिका खारिज कर दी है। उन्हें दाऊद इब्राहिम से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। सर्वोच्च अदालत ने आज उनके मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस स्टेज पर अदालत दखल नहीं देगी। अलबत्ता, पीठ ने कहा कि वे जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर सकते हैं।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की सर्वोच्च अदालत की पीठ ने कहा कि जांच के इस चरण में हम मामले में दखल देने के इच्छुक नहीं है। हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। पीठ ने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय की टिप्पणियां केवल इस तक सीमित हैं कि अंतरिम राहत दी जानी थी या नहीं। ये कानून में उपलब्ध उपचारों का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा।

उधर नवाब मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ्तार किया गया, जबकि यह मामला 1999 का है ? उन्होंने कहा कि विशेष अदालत 5000 पेज की चार्जशीट के चलते जमानत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि पहली नजर में मालिक के खिलाफ कोई मामला और पीएमएलए के तहत मामला नहीं बनता है।

आरटीपसीआर की जांच का दबाव न बनाये

जैसे -जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। वैसे -वैसे दिल्ली में कोरोना का कहर भी बढ़ रहा है।वही दिल्ली में सबसे ज्यादा मामले हैजा-उल्टी दस्त के सामने आ रहे है।ऐसे में अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा है। इन सब में चौकाने वाली बात ये है कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना रूपी भय का माहौल पनप रहा है। और वहीं फिर से आरटीपीआर की जांच कराने की मांग बढ़ने लगी है। मरीजों का कहना है कि गत दिनों पहले सरकार और अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि अब ऑपरेशन से पहले और ओपीडी में भी कोरोना की जांच और आरटीपीआर की जांच की जरूरत नहीं है।लेकिन फिर से कोरोना के मामले बढ़ने से, सरकार का आदेश आया नहीं है फिर आरटीपीआर जांच की बात डॉक्टर करने लगे है।ऐसे में मरीज असंमजस में है कि वे क्या करें। सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर का कहना है कि कोरोना को  लेकर जो वातावरण फिर से बनाया जा रहा है। वो ठीक नहीं है। इसके पीछे किसकी क्या मंशा है कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इस वातावरण इतना जरूर है कि आम जनमानस को काफी दिक्कत  हो सकती है। उनका कहना है कि दवा का कारोबार बढे लेकिन दवा बेचने के लिये कोरोना का बढ़ना ठीक नहीं है। 
दिल्ली में कोरोना के मामले इस लिये सामने आ रहे है। क्योंकि दिल्ली में जांच हो रही है । जबकि अन्य राज्यों में कोरोना को लेकर कोई हो हल्ला नहीं हो रहा है और न ही वहां कोई आरटीपीआर की जांच नहीं कराई जा रही है।
एसोसिएशन से जुड़े डाँ संपित का कहना है कि अगर सरकार को जनमानस की हेल्थ की चिंता है तो वे वजह जांच के लिये निजी अस्पतालों द्वारा थोपी जा रही है आरटीपीआर की जांच को रोके ताकि गैर कोरोना रोगी अपना इलाज करवा सकें।   

मध्य प्रदेश में बुलडोजर राजनीति का विरोध

उत्तर प्रदेश से सटे राज्य मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को भले ही एक साल से ज्यादा का समय है । लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत से गदगद भाजपा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही  विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है।बताते चलें मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा 2018 में सरकार बनाने से वंचित रह गयी थी। कांग्रेस ने सरकार बनाकर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था। फिर ऐन-केन प्रकारेण  राजनीतिक दांव लगाकर कांग्रेस को एक साल के शासन के बाद ही सत्ता से बाहर कर दिया था।
ऐसे में अब भाजपा नहीं चाहती है कि 2018 जैसा हाल हो, सो भाजपा ने अपनी चुनाव कमर कस ली है। मध्य प्रदेश भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा को इस बात का डर लग रहा है कि देश में बढ़ती महंगाई को विपक्ष चुनावी मुद्दा बना सकती है।सो सरकार अभी से जनता मनाने व  बताने  में लगी है। कि महंगाई तो रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से चल रही है। ऐसे में जनता का ध्यान भटकाने के लिये प्रदेश सरकार ने खरगोन मुद्दे को बड़ा बनाकर बुलडोजर चलाने की राजनीति शुरू कर दी है। ताकि सरकार समर्थक एक समूह विपक्ष के सामने अपनी बात रख सकें। मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता सुरेश सिंह कक्कू का कहना है कि भाजपा को 2023 में चुनाव जीतना बहुत मुश्किल हो सकता है। क्योंकि जनता सब जानती है। 2022 के मार्च महीने में पांच राज्यों में चुनाव जीतने के लिये भाजपा ने डीजल और पेट्रोल सहित गैस के दाम नहीं बढ़ाए थे। जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित हुए सरकार ने डीजल और गैस के दाम बढ़ाने शुरू कर दिये । लोगों ने बढ़ती महंगाई को लेकर विरोध किया तो सरकार ने खरगोन दंगा को बढ़ा चढ़ाकर दिखाना बंद कर दिया और बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया । लेकिन जनता अब बुलडोजर का विरोध करने लगी है। ऐसे में सरकार को सामने चुनावी चुनौती विकट है। 

पीएम मोदी के जम्मू दौरे से पहले आतंकी घटना; जवान शहीद, 2 आतंकी भी ढेर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से दो दिन पहले आतंकियों ने जम्मू के सुंजवां में सीआईएसएफ के एक प्रतिष्ठान के पास सैन्य बलों की बस पर हमला करने की कोशिश की। इसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की। इस मुठभेड़ में एक सुरक्षा अधिकारी (एएसआई) शहीद हो गया है जबकि 2 आतंकी भी मारे गए हैं। इस घटना में 9 जवान घायल हुए हैं। उधर इस घटना सहित जम्मू कश्मीर में दो आतंकी घटनाओं में कुल 6 आतंकी मारे गए हैं।

सुंजवां  मुठभेड़ में मारे गए आतंकी को फिदायीन हमलावर बताया गया है। पता चला है कि एक आतंकी ने सुसाइड जैकेट पहनी हुई थी। जम्मू के सुंजवां में चड्ढा कैंप के पास सुबह करीब सवा चार बजे आतंकी हमला हुआ। वहां सीआईएसएफ के 15 जवान एक बस में ड्यूटी पर जा रहे थे कि आतंकियों ने उसपर हमला कर दिया।  ग्रेनेड भी फेंका गया।

सीआईएसएफ ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद आतंकी भाग गए। हालांकि, इस मुठभेड़ में पांच जवान घायल हो गए जिनमें से सीआईएसएफ के एक एएसआई बाद में शहादत को प्राप्त हुए। अधिकारी का नाम एस पटेल बताया गया है जो सतना (मध्य प्रदेश) के रहने वाले थे। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों को दो एके47, एक सेटेलाइट फोन मिला है। दोनों आतंकी विदेशी थे।

सुंजवां की मुठभेड़ पीएम मोदी के जम्मू कश्मीर दौरे से दो दिन पहले हुई है। पीएम 24 अप्रैल को सांभा जिले का दौरा करेंगे। अब वहां सुरक्षा और कड़ी कर कर दी गयी है। मोदी एक रैली को भी संबोधित करेंगे।

उधर गुरुवार शाम बारामूला में हुई एक मुठभेड़ में कुल चार आतंकी मार गिराये गए हैं। इनमें लश्कर का टॉप आतंकी कमांडर युसूफ कांतरू भी शामिल है। पुलिस के मुताबिक वह बडगाम ज़िले में हाल ही में एक एसपीओ और उसके भाई, एक सैनिक और एक नागरिक की हत्या सहित नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की कई हत्याओं में शामिल था।

अमेरिका के खिलाफ एकजुट हों एशियाई देश : जिनपिंग

एशियाई देशों से अमेरिका के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को ‘वैश्विक सुरक्षा पहल’ का प्रस्ताव रखा है। एशिया वार्षिक सम्मेलन 2022 के बोआओ फोरम के उद्घाटन समारोह में जिनपिंग ने वैश्विक सुरक्षा के लिए छह सूत्री प्रस्ताव का उल्लेख किया।

जिनपिंग ने हिंद-प्रशांत रणनीति को लेकर अमेरिका पर सीधा हमला करते हुए कहा कि ‘एशियाई देशों को बाहरी ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।’ जिनपिंग ने कहा – ‘सभी देशों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से आपसी मतभेदों और विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए।’

चीनी नेता ने कहा – ‘सभी देशों को पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों ही क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए। साथ ही क्षेत्रीय विवादों, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा और जैव सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों पर एकजुट होकर काम करना चाहिए।’

जिनपिंग का बयान विवादित दक्षिण चीन सागर में विभिन्न देशों को चीन के खिलाफ एकजुट करने की अमेरिकी कोशिश पर निशाना साधने के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन अपने आक्रामक विस्तार का विरोध करने वाली अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति की आलोचना करता रहा है।

इस मौके पर जिनपिंग ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर भी विचार रखे। उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य हमले की निंदा करने से इनकार कर दिया और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के संभावित विस्तार से रूस की सुरक्षा को खतरा होने पर मास्को की चिंताओं का उल्लेख किया। आक्रमण को लेकर जिनपिंग ने कहा – ‘सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए।’

‘वैश्विक सुरक्षा पहल’ के अपने प्रस्ताव पर जिनपिंग ने कहा – ‘सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति को बनाए रखना चाहिए और विभिन्न देशों में लोगों की अपनाई गई विकास नीति और सामाजिक प्रणालियों का सम्मान किया जाना चाहिए।’

चीनी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि सभी देशों को एक-दूसरे की वैध सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लेने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए और अविभाज्य सुरक्षा के सिद्धांत को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा – ‘एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ सुरक्षा ढांचे का निर्माण करना चाहिए और दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा के महत्व की नीति का विरोध करना चाहिए।’

अफ़ग़ानिस्तान में शिया मस्जिद में विस्फोट, कई लोग हताहत

अफगानिस्तान में एक शिया मस्जिद में गुरुवार को हुए धमाके में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गयी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। तीन दिन पहले ही काबुल के शिया स्कूल में हुए धमाके में भी काफी लोगों की जान चली गयी थी।

रिपोर्ट्स के यह ब्लास्ट देश के उत्तरी इलाके में मौजूद मजार-ए-शरीफ की मस्जिद  हुआ है। कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। मजार-ए-शरीफ के तालिबान कमांडर मोहम्मद आसिफ वजीरी ने मीडिया को बताया कि धमाके में कम से कम 20 लोगों की जान चली गयी है या वो घायल हुए हैं। वजीरी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट नंबर दो में शिया मस्जिद में यह धमाका हुआ।

तालिबान सरकार के स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण प्रवक्ता जिया जेंदानी ने कहा कि करीब पांच लोग मारे गए हैं और 50 से अधिक घायल हुए हैं। याद रहे पश्चिमी काबुल के शिया हजारा इलाके के हाई स्कूल में भी तीन दिन पहले धमाका हुआ था जिसमें कम से कम 6 लोगों की मौत हो गयी थी।

बता दें शिया अफगानिस्तान में एक अल्पसंख्यक समुदाय है जिसे इस्लामिक स्टेट सहित सुन्नी चरमपंथी समूह निशाना बनाते रहे हैं। मजार-ए-शरीफ के कुछ लोगों के मुताबिक उन्होंने जोर का धमाका सुना और बाद में मस्जिद से धुंआ उठता देखा गया। धमाके से वहां घरों/दुकानों के शीशे टूट गए और भगदड़ मच गई।

देश की अखंडता, एकता से समझौता नहीं किया जा सकता, मोदी ने कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मोदी ने कहा कि प्रशासन की जो व्यवस्थाएं हैं उसके केंद्र में देश की एकता को मजबूत करने के मंत्र को हमें आगे बढ़ाना चाहिए।

सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र्र पहले (नेशन फर्स्ट) की बात दोहराते हुए  कहा – ‘हमारे हर काम में एक कसौटी होनी चाहिए। इंडिया फर्स्ट, नेशन फर्स्ट, मेरा राष्ट्र सर्वोपरि। हमारा देश राज्य व्यवस्थाओं से नहीं बना है। हमारा देश राज सिंहासन की बपौती नहीं रहा है न राज सिंहासन से यह देश बना है।’

पीएम ने कहा कि हम देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं कर सकते  हैं। मोदी ने कि देश में सदियों से जन सामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की परंपरा रही है। लोकतंत्र में शासन व्यवस्थाएं विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से प्रेरित हो सकती हैं लेकिन लोकतंत्र में यह भी जरूरी है कि प्रशासन की जो व्यवस्थाएं हैं उसके केंद्र में देश की एकता को मजबूत करने के मंत्र को हमें आगे बढ़ाना चाहिए।’

मोदी ने कहा – ‘हम नियमों और कानूनों के बंधन में जकड़ जाते हैं। कहीं ऐसा करके हम तैयार हुई युवा पीढ़ी को या उसके साहस और सामर्थ्य को हमारे इन नियमों के जंजाल में जकड़ तो नहीं रहे न? क्या हम उसके सामर्थ्य को प्रभावित तो नहीं कर रहे न? अगर यह कर  रहे हैं तो मैं शायद समय के साथ चलने का सामर्थ्य खो चुका हूं।’

द्वारका-नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी-वैशाली मेट्रो रुट पर विलंब से परेशान हुए लोग

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की ब्लू लाइन पर गुरुवार सुबह सेवाओं में विलंब हुआ जिससे हज़ारों लोग प्रभावित हुए और उन्हें दफ्तर पहुँचने में काफी देरी  हुई।

डीएमआरसी ने एक ट्वीट करके यात्रियों को मेट्रो लेट होने की  जानकारी दी है। ट्वीट में वैसे विलंब का कारण साझा नहीं किया गया है।

डीएमआरसी ने ट्वीट में लिखा है – ‘द्वारका सेक्टर 21 और नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी/ वैशाली रुट के बीच सेवाओं में विलंब हुआ है। अन्य लाइन पर सेवाएं सामान्य हैं। बता दें ब्लू लाइन वैशाली और नोएडा को द्वारका से जोड़ती है।

पता चला है कि ये विलंब तकनीकी परेशानी की वजह से आया। यात्रियों के मुताबिक मेट्रो हर स्टेशन से पहले काफी देर रुक कर चल रही थीं। सुबह वैसे भी दफ्तर जाने वालों की भीड़ होती है लिहाजा उन्हें मुश्किल झेलनी पड़ी। बहुत से लोग दफ्तर डेरी से पहुंचे।

ब्रिटिश पीएम जॉनसन गुजरात पहुंचे, कल दिल्ली में पीएम मोदी से मिलेंगे

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिन के दौरे पर भारत पहुंच गए हैं। जॉनसन प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात पहुंचे हैं। पीएम मोदी से उनकी शुक्रवार को भेंट होगी  पीएम जॉनसन आज शाम दिल्ली आ जाएंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जॉनसन और मोदी दोनों देश के बीच व्यापार, रक्षा और अन्य मुद्दों पर बात करेंगे। रिपोर्ट्स में जॉनसन को यह कहते हुए उद्धत किया गया है कि ने संकेत दिया है कि वो मु्क्त व्यापार समझौते के बाद भारत को अधिक वीज़ा देने के लिए तैयार हैं, जिससे दोनों देशों के बीच कई बिलियन पाउंड का द्विपक्षीय वार्षिक व्यापार बढ़ जाएगा।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री पहली बार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। वहां वे आपसी व्यापार के महत्वपूर्ण निवेश प्रस्तावों की घोषणा करने जा रहे हैं। उनकी यात्रा से भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते के प्रस्ताव में तेजी आने, हिंद प्रशात क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलने और रक्षा संबंधों के आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

भारत के अधिकारियों के मुताबिक जॉनसन यूक्रेन-रूस मसले पर कोई बात नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ जॉनसन की बातचीत हिंद प्रशांत क्षेत्र के हालात पर केन्द्रित रहने की संभावना है। ब्रिटेन भारत को रक्षा निर्माण का केन्द्र बनाने के मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में अपना सहयोग और देश सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण के लिए तैयार है।

गुजरात के विधायक मेवाणी को असम पुलिस ने किया गिरफ्तार, कांग्रेस को दे रहे समर्थन

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को बुधवार देर रात असम पुलिस ने गुजरात के पालनपुर के सर्किट हाउस से गिरफ्तार कर लिया। मेवानी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं    .

रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्‍हें देर रात अहमदाबाद ले जाने के बाद आज असम ले जाया जा रहा है। मेवानी ने सितंबर 2021 में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी। अभी यह साफ़ नहीं है कि दलित नेता और राजनीतिक दल राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक मेवाणी को क्यों गिरफ्तार किया गया।

मेवाणी के ट्विटर हैंडल से पता चलता है कि अधिकारियों के कहने के बाद उन्होंने हाल में पोस्ट किये कुछ ट्वीट्स को रोक दिया है। असम पुलिस ने उन्हें ट्रेन से अहमदाबाद से गुवाहाटी ले जा रही है। जिग्नेश गुजरात में वडगाम से विधायक हैं।

निर्दलीय जीतने के बाद मेवाणी ने पिछले साल कांग्रेस को समर्थन देने की। जेएनयू के पूर्व छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया था।