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राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज 

दिल्ली के राजेंद्र नगर विधान सभा उप चुनाव को लेकर दिल्ली में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। बताते चलें राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से आप पार्टी से राघव चड्डा चुनाव 2020 में जीत कर आये थे। अब राघव चड्ढा राज्यसभा के लिये मनोनीत हो गये है। सो ये सीट खाली हो गई है। चुनाव 6 महीने के भीतर होने है। चुनाव को लेकर न तो अभी तारीख तय हुई है और न ही दिन, लेकिन सियासी तेज होती जा रही है।
राजेंद्र नगर विधानसभा उप चुनाव आप पार्टी ने अभी से कमर कस ली है। वहीं भाजपा अपनी जीत को पक्का करने के लिये भाजपा ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करनी शुरू कर दी है।कांग्रेस का कहना है कि आप और भाजपा को जनता ने देखा है। दोनों दल मिलकर जनता को गुमराह करने में लगे है। जबकि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी ऐसे ही जिसने दिल्ली में विकास किया है और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलकर राजनीति की है। वहीं भाजपा और आप पार्टी दोनों न तो महंगाई पर कुछ बोल रहे है। दिल्ली में बुलडोजर चलने की राजनीति को हवा दी जा रही है। जिससे दिल्ली में माहौल बिगड़ रहा है। 
खैर अब बात करते है राजेंद्र नगर विधानसभा की यहां के लोगों का कहना है कि आप पार्टी ने बिजली की सब्सिडी को लेकर जो कुछ कहां है उससे जनता में निराशा है। क्योंकि कोई भी ऐसा नहीं है जो ये कहे कि उसे 200 यूनिट बिजली नहीं चाहिये। भाजपा का कहना है कि उप चुनाव में आप पार्टी को जनता सबक सिखाएगी क्योंकि आप पार्टी ने दिल्ली में विकास  तो किया नहीं है। बल्कि जो जनता से वादे किये है उनको पूरा करने के नाम पर जनता को गुमराह करने में लगे है। फिलहाल राजेंद्र नगर उप चुनाव को लेकर दिल्ली की सियासी  दिन व दिन तेज होता जा रहा है।

श्रीलंका में हजारों सैनिक तैनात, राजपक्षे को सेना ने प्रदर्शनकारियों से बचाया

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के एक दिन बाद श्रीलंका में मंगलवार को हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी गयी है। जनता की तरफ से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी हैं और हिंसक झड़पें भी हुई हैं। हिंसा में अब तक एक सांसद समेत पांच लोगों की जान जा चुकी है। उधर प्रदर्शनकारियों के कोलंबो में महिंदा राजपक्षे के घर को आग लगाने के बाद सेना ने राजपक्षे को सुरक्षित बचा लिया है।

अब देशभर में हजारों सैनिकों को तैनात किया गया है। देश में कर्फ्यू भी जारी है। आर्थिक संकट के बाद देश में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। अब तक हुई हिंसा में एक सांसद समेत 5 लोग मारे जा चुके हैं और 200 के करीब घायल हैं।

महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि जनता का  गुस्सा इससे शांत नहीं हुआ है। पिछले कल हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोलंबो में महिंदा राजपक्षे के घर को आग लगा दी। हालांकि, सेना ने राजपक्षे को सुरक्षित बचा लिया है। पुलिस को आंसू गैस छोड़नी पड़ी और गोलियां दागनी पड़ीं।

श्रीलंका में भीषण आर्थिक संकट के बीच कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने निपटान संबंधी कठिनाइयों के कारण मंगलवार को छुट्टी घोषित कर दी। इससे पहले शेयर बाजार करीब एक सप्ताह तक बंद था। सीएसई ने एक परिपत्र में कहा कि कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज को बताया गया है कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका का रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम आज (10 मई) काम नहीं करेगा।

बिहार: जातीय जनगणना के लिए तेजस्वी यादव करेंगे पटना से दिल्ली तक पदयात्रा

इन दिनों बिहार में सियासत गरमाई हुई है। पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और अब राष्ट्रीय जनता दल व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पटना से दिल्ली तक जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर पदयात्रा करने का ऐलान किया है।

तेजस्वी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद नीतीश कुमार सरकार के रवैये के विरोध मे पदयात्रा का ऐलान किया।

जातीय जनगणना के मुद्दे पर सरकार पर घेरते हुए तेजस्वी ने कहा कि, “इन मुद्दे पर उनके प्रयास के कारण विधानसभा में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित हुआ और नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी हुर्इ।“

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, सभी राजनीतिक दल एक बैठक कर इस पर मंथन करे किंतु कोरोना महामारी के चलते सर्वदलीय बैठक में देरी हो रही है। किंतु इस मुद्दे पर सभी दलों से बात की जाएगी।

आपको बता दे, यह मुद्दा तब गरमाया जब असम में गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक बयान में देश मे र्इ-जनगणना कराने की बात कही और कहा कि बच्चे की जन्म की तारीख को जनगणना से लिंक किया जाएगा। यह सब अब एक सॉफ्टवेयर मे दर्ज किया जाएगा, जिससे की जनगणना की प्रक्रिया ऑटोमेटिक अपडेट होती जाएगी।

मोहाली में हमले की जांच का जिम्मा एसआईटी को, एनआईए टीम भी आएगी

पंजाब के मोहाली में पुलिस की खुफिया इकाई के मुख्यालय परिसर में सोमवार रात हुए हमले की जांच के लिए पंजाब सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। जहाँ धमाका हुआ है वहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी आ रही है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक मोहाली हमले में रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) का इस्तेमाल हुआ है। हमले में खालिस्तानी संगठन का हाथ होने की बात से इंकार नहीं किया जा रहा, हालांकि एजेंसियां सभी संभावनाओं की जांच कर रही हैं।

बता दें सोमवार रात मोहाली स्थित ख़ुफ़िया दफ्तर के परिसर में ग्रेनेड से हमला किया गया, जिससे इमारत की एक मंजिल की खिड़की के शीशे टूट गए। ‘तहलका’ की  जानकारी के मुताबिक हमले में जिस राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) का इस्तेमाल हुआ है, कुछ जानकारों ने उसे रूस में बना बताया है। हालांकि, जांच के बाद ही यह साफ़ होगा कि कौन सा ग्रेनेड इस्तेमाल हुआ है।

इस बीच पंजाब सरकार ने मोहाली में पुलिस की खुफिया इकाई के मुख्यालय परिसर में सोमवार रात हुए हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। जहाँ धमाका हुआ है वहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम भी आ रही है।

जानकारी के मुताबिक ख़ुफ़िया ब्यूरो (आईबी) ने इस तरह की आशंका को लेकर इनपुट पंजाब पुलिस को दिया था। पता चला है कि आईबी के इनपुट को पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ शेयर किया था, जिसके बाद करनाल से 4 खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे।

यह भी बता दें 24 अप्रैल को भी चंडीगढ़ स्थित बुड़ैल जेल के पास विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। पुलिस इन सभी घटनाओं की कड़ियाँ जोड़ने की कोशिश।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि किसी को भी पंजाब का माहौल ख़राब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दोहियों को बख्शा नहीं जाएगा। मान ने कहा – ‘हमले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। कुछ संदिग्ध व्यक्ति देखे गए हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी देख रही है।’

सरकार की नाकामी से अर्थव्यवस्था पर बुलडोजर और रुपया आईसीयू में : राहुल  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट को लेकर केंद्र सरकार पर जबरदस्त निशाना साधा। गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी नीतिगत पंगुता, धार्मिक टकराव और भ्रष्टाचार से अर्थव्यवस्था पर बुलडोजर चला दिया है और रुपया को ‘आईसीयू’ में पहुंचा दिया है।

एक फेसबुक पोस्ट में राहुल गांधी – ‘डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 77.4 रुपये के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री पहले ही पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये से अधिक और एलपीजी के दाम 1000 रुपये से अधिक करने का लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। अब रुपये के 100 की तरफ बढ़ने की बारी है।’

गांधी ने इस पोस्ट में आशंका जताई कि भारत गंभीर आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। आने वाले समय में यह संकट और गहराएगा और ऐसी स्थिति पैदा होगी जो भारतीय नागरिकों ने पहले कभी नहीं देखी होगी।

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री भारत की आर्थिक और सामाजिक वास्तविकताओं को छिपाकर नहीं रख सकते। अब समय आ गया है कि हालात को स्वीकार किया जाए और प्रचार के जरिये ध्यान भटकाने की बजाय समाधान की दिशा में काम किया जाए।

चिंतन शिविर को लेकर सोनिया ने की सीडब्ल्यूसी की बैठक

हाल की चुनावी हार के बाद खुद को संभालने में जुटी कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की जिसमें इसी महीने होने वाले चिंतन शिविर पर चर्चा की गयी। बैठक में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने शिरकत की।

जानकारी के मुताबिक बैठक में नव संकल्प शिविर के लिए विभिन्न समन्वय समितियों की तरफ से अलग-अलग विषयों पर बनाये गए दस्तावेजों पर चर्चा हुई। यह बैठक पार्टी मुख्यालय पर हुई जिसमें राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेता शामिल हुए।

नेताओं ने बैठक में पार्टी की भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की। बता दें कांग्रेस 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में ‘नवसंकल्प शिविर’ का आयोजन करने जा रही है। सोनिया गांधी ने इसके लिए हाल में राजनीति, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान और कृषि के अलावा युवा और सशक्तिकरण से संबंधित छह समन्वय समितियों का गठन किया था।

कांग्रेस के तीन दिवसीय ‘नवसंकल्प शिविर’ में देशभर के 400 शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है जो पार्टी को मजबूत करने के लिए सुझाव देंगे। इस शिविर में सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के अलावा, सांसद, प्रदेश प्रभारी, महासचिव और प्रदेश अध्यक्षों सहित वरिष्ठ नेता भाग लेंगे।

श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे ने पद से इस्तीफा दिया

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने आखिर सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच बढ़ रही हिंसा और लोगों की तरफ से विरोध प्रदर्शन के बाद राजपक्षे ने यह फैसला किया है।

याद रहे दो दिन पहले ही श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी। हाल के समय में यह दूसरी बार है कि श्रीलंका में आपातकाल लगाया है। आज भी श्रीलंका में लगातार कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

राष्ट्रपति भवन के बाहर सोमवार को धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर सरकार समर्थकों ने हमला किया जिसके बाद लोगों में नाराजगी फ़ैली है। एक दिन पहले ही आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका की राजधानी में पुलिस ने कर्फ्यू लागू कर दिया था। सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच सोमवार की झड़पों के बाद यह कर्फ्यू लगाया गया।

बता दें विरोध कर रहे लोग राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। झड़पों में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वैसे ख़बरें चल रही थीं कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इस्तीफा दे सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा, राजद्रोह कानून प्रावधानों की जांच-पुनर्विचार करेंगे

केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि उसने फैसला किया है कि राजद्रोह कानून के प्रावधानों की फिर जांच करने उनपर पुनर्विचार किया जाएगा। केंद्र ने यह बात सर्वोच्च अदालत में दायर नए हलफनामे में कही है। दो दिन पहले ही उसने पुराने समय से चल रहे राजद्रोह कानून का बचाव करते हुए सर्वोच्च अदालत से आग्रह किया था इस क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी जाएँ।

सर्वोच्च न्यायालय में आज केंद्र सरकार ने जो हलफनामा दायर किया है उसमें कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में, भारत सरकार ने धारा 124ए, देशद्रोह कानून के प्रावधानों का पुनरीक्षण और पुनर्विचार करने का निर्णय किया है। याद रहा सुप्रीम कोर्ट एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है।

सरकार का नया हलफनामा दो दिन पहले के उसके विचार से बिलकुल भिन्न है  जिसमें उसने औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून का बचाव करते हुए सर्वोच्च अदालत से इसे चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने को कहा था।

सरकार ने सोमवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं के आधार पर मामले में फैसला करने से पहले सुप्रीम कोर्ट से समीक्षा की प्रतीक्षा करने का आग्रह किया।

देशद्रोह कानून के दुरुपयोग के बड़े पैमाने पर आरोपों के बाद चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार से पूछा था कि वह महात्मा गांधी जैसे लोगों को चुप कराने के लिए अंग्रेजों के इस्तेमाल किए गए प्रावधान को निरस्त क्यों नहीं कर रही है। बता दें हाल के सालों में देशद्रोह कानून के दुरुपयोग के बड़े पैमाने पर आरोप लगे हैं। साथ ही केंद्र और राज्यों को इसे लेकर व्यापक आलोचना झेलनी पड़ी है।

शाहीन बाग में न चल सका बुलडोजर

शाहीन बाग में आज बुलडोजर नहीं चल सका, इसके पीछे की सियासत और ध्रुवीकरण को लेकर साफ कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में बुलडोजर की राजनीति जमकर चलेगी।
बताते चलें आज शाहीन बाग में आप पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ यहां के स्थानीय निवासियों ने जिस अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया इससे तो ये अंदाज लगाया जा सकता है कि शाहीन बाग के निवासी बुलडोजर के विरोध में किसी हद तक जा सकते है।
बुलडोजर को लेकर उनका कहना है कि एक विशेष जाति को टारगेट किया जा रहा है। जिसको लेकर वे आर-पार करने को तैयार है। डी यू के प्रो कुमार सुमन का कहना है कि बुलडोजर की आड़ में जो राजनीति की जा रही है उससे एक राजनीतिक दल अपने खोये हुये जनाधार को वापस पाने के लिये काम कर रही है। अगर बुलडोजर को नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में दिल्ली में जगह -जगह बुलडोजर चलेगा।
उनका कहना है कि बुलडोजर को लेकर केन्द्र सरकार अपनी कमियों को छिपाने का काम कर रही है। महंगाई और बेरोजगारी को लेकर जनता परेशान है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण को तो शांति के साथ हटाया जा सकता है। लेकिन बुलडोजर तो इसलिये ले जाया जाता है ताकि लोग इसी में उलझे रहे।
शाहीन बाग के लोगों का कहना है कि पहले जहांगीर पुरी और अब शाहीन बाग में बुलडोजर चलाने की जो साजिश की जा रही है। उससे दिल्ली में माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शाहीन बाग के लोगों का कहना है कि कोरोना काल से लोगों के रोजगार और काम धंधे कमजोर हुये है।ऐसे में सरकार को बुलडोजर चलाने जैसी बात तो करनी नहीं चाहिये।
डी यू के प्रो हरीश कुमार का कहना है कि दिल्ली में सियासी लड़ाई अगर किसी के बीच तो वो है आप पार्टी और भाजपा है । ऐसे में अगर कोई शाहीन बाग के रास्ते राजनीति चमकाना चाहता है तो वो है कांग्रेस पार्टी सो शाहीन बाग में अब कांग्रेस और आप पार्टी के बीच वोटों का बंटवारा होना निश्चित माना जा रहा है।य़ही शाहीन बाग के बुलडोजर की राजनीति है।   

आने वाले दिनों में बढ़ सकती है और महंगाई 

आने वाले दिनों और भी घरेलू गैस सिलेंडर के दाम और भी बढ़ सकते है।क्योंकि जब दो दिन पहले गैस सिलेंडर के दाम पचास रुपये बढ़ाये गये थे। तब कांग्रेस के अलावा किसी भी अन्य राजनीतिक दल ने बढ़ाये गये  दाम का विरोध नहीं किया है।
इसका मतलब ये है कि बढ़ती महंगाई को लेकर राजनीतिक दल दिखावे के तौर पर ही विरोध कर रहे है। जमीनी स्तर पर विरोध करने वाले न के बराबर है।बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अजीब सी स्थिति देश में बनती जा रही है।
कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं न ही कोई सरकार के विरोध में खुल कर सामने आ रहा है।आर्थिक मामलों के जानकार प्रो मनोज त्यागी ने बताया कि एक दौर वो था जब एक रुपये डीजल-पेट्रोल और गैस के दाम बढ़ते थे तब देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होते थे। तब सरकार बढे हुए दाम को वापस लेने में देर नहीं करती थी। लेकिन आज के राजनीतिक माहौल  में वो तासीर देखने को नहीं मिल रही है।जिसका नतीजा ये है कि अब महंगाई की मार चारो तरफ है। लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस के नेता अमरीश गौतम का कहना है कि सन् 2014 के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन के शासन काल के दौरान गैस के दाम पांच सौ से कम थे। तब 10 या 20 रुपये बढ़ जाते थे। तब भाजपा वाले देश में गैस सिलेंडर के नाम पर धरना प्रदर्शन करते थे। लेकिन आज सिलेंडर के दाम एक हजार के पार है।
लेकिन मौजूदा सरकार कुछ कर नहीं रही है। बल्कि रूस और यूक्रेन युद्ध के नाम पर दनादन गैस, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाये जा रहे है। जेएनयू के छात्र अमरदीप गोस्वामी का कहना है कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मामले में  भारत जैसे लोकतांत्रिक देश अगर कोई कुछ नहीं बोलता है और अगर सरकार उसको बोलने से रोकती है तो आने वाले दिनों में महंगाई का पहाड़ टूट सकते है।