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यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण हादसे में पांच लोगों की मौत, दो अभी भी गंभीर

यमुना एक्सप्रेस वे पर सुबह 5 बजे भीषण हादसा हुआ। जिसमें चार महिलाएं और एक पुरुष की मौत हो गर्इ साथ ही अन्य दो व्यक्ति अभी भी गंभीर हालत में है। यह हादसा तेज रफ्तार बोलेरो कार के उसके आगे जा रहे डंपर में जा घुसने से हुआ।

दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है किंतु दोनों घायल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है। बताया जा रहा है कि बोलेरो में पूना और कर्नाटक से दो परिवार सवार थे।

आपको बता दे, जेवर टोल प्लाजा के पास तेज रफ्तार बोलेरो कार अनियंत्रित हो गई और डंपर में जा घुसी। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मौके पर कोतवाली पुलिस और रेस्क्यू टीम पहुंच गर्इ और घायलों को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने दुर्घटनास्थल पर जांच कर यातायात को खुलवा दिया है और डंपर को भी कब्जे में ले लिया गया है जिससे दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू की जाएगी।

बुलडोजर के चलते लोगों को परेशानी

दिल्ली में बुलडोजर चलने से जो भी सियासी हंगामा चल रहा है। उससे सियासतदानों को जरूर सियासी लाभ हो सकता है। लेकिन बुलडोजर के चलने से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान हो रहा है।
तहलका संवाददाता को शाहीन  बाग और नजफगढ़ सहित अन्य लोगों ने बताया कि बुलडोजर को तो कम चलाया जा रहा है पर हंगामा ज्यादा मचाया जा रहा है। लोगों को हर रोज पुलिसिया तांडव से जूझना पड़ता है। और हर रोज स्कूल से आने-जाने वाले बच्चों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है।
शाहीन बाग के निवासी सलीम खान का कहना है कि, बुलडोजर तो वापस कर दिया था उसके बाद जो बुलडोजर का भय बना हुआ है वो ठीक नहीं है। ऐसे में एमसीडी के कर्मचारी बुलडोजर का भय दिखाकर लोगों से सांठगांठ करने में लगे है। नजफगढ़ के धर्मपाल सिंह का कहना है कि जैसे ही दिल्ली में एमसीडी के चुनाव हो जायेगे तो फिर सियासी बुलडोजर देखने को नहीं मिलेगे।
उन्होंने आगे कहा कि, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह दिल्ली में बुलडोजर सफल नहीं होगे।
दिल्ली का भौगोलिक ढांचा और इमारतों की स्थिति कुछ और है। ऐसे में बुलडोजर का जो भय दिखाया जा रहा है। वो पूरी तरह से गलत है।
व्यापारियों ने बताया कि बुलडोजर का हो हल्ला दिखा कर दुकानों का बंद करना पड़ता है। जिससे रिहायशी इलाकों में  खुली दुकानों पर काफी असर पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि बुलडोजर जो चल रहा है वो तो ठीक है पर दुकानें बंद हो रही है। सरकार को इस मामले में कोई कारगर कदम उठाने की जरूरत है।ताकि आम जनमानस को कोई दिक्कत न हो सकें।

पुनरीक्षण तक वर्तमान राजद्रोह कानून पर रोक: सुप्रीम कोर्ट

वर्तमान राजद्रोह कानून पर बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। अब  इस क़ानून पर पुनरीक्षण होने तक नया मामला दर्ज नहीं हो सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार, 124ए के तहत कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एसजी ने कहा कि हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है।  हम एक संज्ञेय अपराध को नहीं रोक सकते जो कि किया जाएगा। लेकिन हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है। एफआईआर तभी दर्ज हो, जब एसपी स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी को लगता है कि देशद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए।

अदालत में एसजी ने कहा कि आप (सुप्रीम कोर्ट) निर्देश दे सकते हैं कि जमानत के आदेश पर शीघ्र निर्णय किया जाए। लेकिन इससे परे एक ऐसे कानून पर बने रहना गलत होगा, जिसकी संवैधानिकता को पहले ही आंका जा चुका है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस प्रस्ताव का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा इस क़ानून पर रोक लगनी चाहिए।

हिमाचल विधानसभा परिसर में खालिस्तानी झंडा मामले में एक गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार और चहारदीवारी पर रविवार को खालिस्तानी झंडा लगाने और नारे लिखने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। विशेष जांच टीम ने पंजाब के रोपड़ जिले में यह गिरफ्तारी की है।

इस मामले में एक शख्स फरार है। हिमाचल पुलिस की विशेष जांच टीम ने पंजाब में  रोपड़ जिले के मोरिंडा से हरबीर सिंह नाम का एक युवक गिरफ्तार किया है। एक युवक फरार होने में सफल रहा।

याद रहे 8 मई की सुबह हिमाचल विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तानी झंडे बंधे पाए गए थे। बाहर की ओर से दीवारों पर खालिस्तान के नारे लिखे हुए थे।  इस घटना के बाद हड़कंप मच गया था और झंडों को हटाकर दीवारों पर तुरंत पुताई कराई गई थी।

प्रारंभिक जांच के बाद एसआईटी का गठन किया गया था। इस घटना के बाद पता चला था कि खुफिया अलर्ट मिला था कि कोई घटना हो सकती है। यह अलर्ट 26 अप्रैल को जारी किया गया था कि जिसमें सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम को पत्र भेजकर कहा था कि शिमला में भिंडरावाला और खालिस्तान का झंडा फहराया जाएगा।

इसके बाद पुलिस ने रविवार को ही गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। अब एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है।

दिल्ली सरकार ने दी दो नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, अब जनता को मिलेगा ट्रैफिक जाम से आराम

दिल्ली की सड़कों पर अक्सर ट्रैफिक जाम रहता है जिससे लोगों को खासतौर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ट्रैफिक जाम के चलते लोगों को देरी से दफ्तर पहुंचना व अन्य कई प्रकार की और भी मुसीबतों से गुजरना पड़ता है।

दिल्ली की जनता को ट्रैफिक जाम की मुसीबत से आराम देने के लिए मंगलवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी की बैठक मे दो प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई, जिसमें कॉरिडोर डेवलपमेंट और फ्लाईओवर निर्माण योजना के तहत 724.36 करोड़ रूपये की लागत वाले इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी पर मुहर लगी है।

इन दो प्रोजेक्ट में पहला पंजाबी बाग फ्लाईओवर और राजा गार्डन फ्लाईओवर के बीच कॉरिडोर डेवलपमेंट जो की करीब 352.32 करोड़ रूपये की लागत के साथ व दूसरा करीब 372.04 करोड़ रूपये की लागत वाला आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर तक फ्लाईओवर निर्माण की परियोजना शामिल है।

आपको बता दे, पंजाबी बाग फ्लाईओवर और राजा गार्डन फ्लाईओवर के बीच कॉरिडोर रिंग रोड का हिस्सा है। साथ ही वन-वे फ्लाईओवर व कम क्षमता वारे चौराहों के चलते वर्तमान में यहां भयंकर ट्रैफिक जाम होता है।

किंतु इस कॉरिडोर पर ट्रैफिक जाम का एक बड़ा कारण यह भी है कि यह कॉरिडोर रोहतक रोड एनएच-10 का उपयोग कर हरियाणा का ट्रैफिक आता है साथ ही उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, गुडगांव, एनसीआर व अन्य हिस्सो को जोड़ने का काम करता है जिससे यहा अक्सर ट्रैफिक का की समस्या पैदा होती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम का दिल्ली एम्स में निधन

संचार घोटाले से सुर्ख़ियों में आये हिमाचल के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम का बुधवार तड़के दिल्ली में निधन हो गया। वे 94 साल के थे। सुखराम को हिमाचल के मंडी में एक अस्पताल में भर्ती कराने के बाद सुधार नहीं होने पर 7 मई को प्लेन से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किया गया था, जहाँ उन्होंने आज अंतिम सांस ली।

उनके एक पोते आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया पर दादा के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए उनके निधन की सूचना दी है। सुखराम के दूसरे पोते सलमान खान की मुहँबोली बहन अर्पिता खान के पति अभिनेता आयुष शर्मा हैं। उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक जताया है। याद रहे एक साल पहले प्रदेश के दिग्गज नेता और पांच बार के सीएम वीरभद्र सिंह का भी निधन हो गया था।

सुखराम का जन्म हिमाचल के कोटली में 27 जुलाई, 1927 को हुआ था। वह 1993 से 1996 तक केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे। वह मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य थे। उन्होंने पांच बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीता।

साल 1996 में जब सुखराम संचार मंत्री थे तब 2011 में उन्हें भ्रष्टाचार के लिए 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। सुख राम ने 1963 से 1984 तक मंडी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। वह 1984 में लोकसभा के लिए चुने गए और राजीव गांधी सरकार में एक मंत्री बने। राजीव गांधी सरकार ने उन्हें रक्षा उत्पादन और आपूर्ति, योजना और खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री बनाया। 1993 से 1996 तक सुख राम केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संचार विभाग रहे।

वह 1996 में मंडी लोकसभा सीट से फिर सांसद बनें लेकिन दूरसंचार घोटाले के बाद कांग्रेस पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया। चुनाव के बाद भाजपा सरकार गठबंधन में शामिल हो गए। राम ने 1998 में मंडी सदर से विधानसभा चुनाव लड़ा और 22000 से ज्यादा मतों के भारी अंतर से जीते। उनके बेटे अनिल शर्मा 1998 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे।

साल 2003 के विधानसभा चुनाव में, राम ने मंडी विधानसभा सीट बरकरार रखी, लेकिन 2004 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस में शामिल हो गए। शर्मा ने 2007 और 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मंडी विधानसभा सीट जीती थी। 2017 में, चुनाव से पहले, सुखराम शर्मा अपने पोते आश्रय शर्मा के साथ भाजपा में शामिल हो गए। कहा जाता है कि यह उनका ही प्रभाव था कि मंडी जिले की 10 में से 9 सीटों पर भाजपा को जीत मिली।

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की सेहत पर अटकलें, मस्तिष्क के रोग से हैं पीड़ित !

एक रिपोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेरेब्रल (ब्रेन) न्यूरिस्म नाम की बीमारी से पीड़ित बताया गया है। इसे इस लिहाज से घातक रोग कहा जाता है कि यह मस्तिष्क की बीमारी है, जिसमें उसकी धमनियों में फुलाव आने से उनमें खून भर जाता है। धमनियों के इस उभार के फूटने का दर रहता जो खतरनाक हो सकता है। चीनी राष्ट्रपति को लेकर यह रिपोर्ट तब सामने आई है जब उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लग रही हैं।

मीडिता रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2021 के आखिर में जिनपिंग को इन्हीं कारणों के चलते अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह अनुमान है कि चीनी राष्ट्रपति ने सर्जरी के बजाय पारंपरिक चीनी दवाइयों से इलाज को प्राथमिकता दी जिसके चलते धमनियां नरम और एन्युरिज्म कमजोर पड़ जाते हैं।

कुछ समय से चीनी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लग रही हैं। खासकर, इस वजह से कि वो कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद बीजिंग विंटर ओलिंपिक तक किसी भी विदेशी नेता से मिलने से बचते रहे थे।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मार्च, 2019 के शुरुआत में, जिनपिंग की इटली यात्रा के दौरान, उनकी चाल-ढाल में थोड़ा अंतर दिखा था। कुछ जानकारों ने नोटिस किया था कि वो चलते समय हलके से लंगड़ा रहे थे। इसके बाद फ्रांस यात्रा में उन्हें बैठते समय सपोर्ट लेते देखा गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यही नहीं अक्टूबर, 2020 में शेन्झेन में एक जनसभा में देरी से पहुँचने पर उनके स्वास्थ्य को  उठे क्योंकि फी धीमे भाषण दे रहे थे, वहीं उन्हें लगातार खांसी आ रही थी और उनकी आवाज भी काफी धीमी थी।

अब घर बैठे मिलेगी शराब

दिल्ली सरकार लाने वाली है पैगाम, जिससे लोग घर बैठे लगा सकेंगे जाम, इसी कड़ी में आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार इस मसौदा की रूपरेखा तैयार कर रही है। ताकि लोगों को घर बैठे क्वालिटी वाली शराब मिल सकें।
सरकार का मानना है कि शराब की तस्करी और नकली शराब को रोकने के लिये सरकार होम डिलीवरी करेगी। होम डिलीवरी से सरकार के साथ-साथ शराब पीने वालों को लाभ मिलेगा। उनको घरों बैठे शुद्ध शराब मिलेगी। नकली शराब के सेवन से बचेगें और ब्लैक में शराब नहीं लेनी होगी । साथ ही शराब की दुकानों के बाहर लम्बी-लम्बी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।

बताते चलें जब दिल्ली में कोरोना के चलते तमाम पाबंदियां लगी थी तब दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों को खोला था। ताकि सरकार को राजस्व मिलता रहे।दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के नेता अमरीश सिंह का कहना है कि सरकार कुछ कर सकें न कर सकें लेकिन इतना जरूर है कि सरकार घर  बैठे शराब को पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास रत है। इससे सरकार की मंशा का मालूम होता है कि सरकार किस दिशा में बढ़ रही है।
जबकि दिल्ली के लोगों का कहना है कि सरकार अपनी मनमर्जी इस कदर कर ही है कि दिल्ली की गलियों में शराब की दुकान खोल दी है। जिससे गलियों में शराबियों का जमावड़ा  जहां -तहां लगा रहता है।आये दिन शराब पीने वाले हुडदंग मचाते रहते है। लोगों को काफी परेशानी होती है। अब तो शराब सरकार खुद शराब पीने वालों को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार शराबियों को घर बैठे शराब मुहैया कराएंगी।जिससे अब घरों में किलकिल मचेगा।
जानकार का कहना है कि दिल्ली सरकार आबकारी नीति के तहत जो भी शराब को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उससे सरकार का राजस्व तो बढ़ेगा लेकिन घरों में माहौल भी बिगड़ेगा।   

मशहूर संतूर वादक संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन

पद्मभूषण से सम्मानित मशहूर संतूर वादक और संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा (84) का मंगलवार सुबह निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उनके निधन से संगीत के एक युग का अंत हो गया है। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।

पंडितजी के परिजनों ने बताया कि उन्हें सुबह 9 बजे दिल का दौरा पड़ा। वह ठीक थे और अगले सप्ताह भोपाल में होने वाले कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे। उनका नियमित डायलिसिस होता था फिर भी वह लगातार काम करते रहते थे।

पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर बड़ी शख्सियतों ने शोक जताया है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला और मशहूर सरोद वादक अमजद अली खान शामिल हैं।

उन्हें संगीत में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। वह पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है।

बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं।

प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट में कहा – ‘पंडित शिव कुमार शर्मा जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। वह संतूर वादन के पुरोधा थे और उनका योगदान अतुलनीय है। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है और मैं हमेशा उन्हें बहुत याद करूंगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा। ओम शांति।’

दिवंगत भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को मरणोपरांत 2022 का पुलित्जर अवार्ड

साल 2022 के पुलित्जर अवार्ड के लिए दिवंगत भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दिकी को चुना गया है। सिद्दिकी पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानियों की गोली का शिकार होकर शहीद हो गए थे। सिद्दीकी को 2018 में भी फोटो फीचर कैटेगरी में पुलित्जर पुरस्कार मिल चुका है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार देर शाम साल 2022 के लिए पुलित्जर पुरस्कार के विजेताओं की सूची जारी की गई जिसमें रॉयटर्स के लिए काम करने वाले भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी शामिल हैं। बता दें पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र में अमेरिका का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है।

फीचर फोटोग्राफी के लिए रॉयटर्स के अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे के साथ दानिश सिद्दीकी को मरणोपरांत पुलित्जर पुरस्कार के लिए चुना गया है। कमेटी ने यूक्रेन के पत्रकारों को 2022 के पुलित्जर पुरस्कार विशेष प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया है।

अमेरिका में 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुए हमले, अफगानिस्तान से वापसी और फ्लोरिडा में सीसाइड अपार्टमेंट टावरों के ढहने की कवरेज को लेकर पत्रकारिता के शीर्ष सम्मान की लिस्ट में शामिल किया है।

सिद्दीकी को  2018 में भी फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिल चुका है। तब उन्हें म्यामांर के अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय पर हो रही हिंसा की तस्वीरों के लिए अपने एक सहयोगी और पांच अन्य के साथ पुरस्कार मिला था।