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हिमाचल के लिए कांग्रेस और भाजपा ने घोषित किये उम्मीदवार, धूमल को नहीं दिया टिकट

हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने क्रमशः 46 और 62 नामों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल को टिकट नहीं दिया है जबकि कांग्रेस ने अपने सभी प्रमुख लोगों को टिकट दिए हैं। दोनों ही दलों ने अपने कुछ विधायकों के टिकट काटे हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा ने देर रात अपनी सूची जारी की। पहली सूची में उसने 62 हलकों के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं। हिमाचल में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पार्टी ने सिराज से फिर टिकट दिया है। यह माना जाता है कि जयराम गृह जिले मंडी में चुनौती झेल रहे हैं। पार्टी ने दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल  को टिकट नहीं दिया है।

जानकारों के मुताबिक पार्टी को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है, क्योंकि धूमल का हिमाचल में व्यापक जनाधार है। उनके बेटे अनुराग ठाकुर केंद्र में मंत्री हैं जबकि दूसरे बेटे अरुण धूमल पिछले कल ही बीसीसीआई के चुनाव में आईपीएल के चेयरमैन बनाये गए हैं। पूर्व अध्यक्ष सतपाल सत्ती को भी पार्टी ने मैदान में उतारा है।

भाजपा की सूची में कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। उसकी सूची में पांच महिला, 11 अनुसूचित जाति (एससी) और 8 अनुसूचित जनजाति (एसटी) प्रत्याशी हैं।

उधर कांग्रेस ने आशा कुमारी, कौल सिंह ठाकुर, मुकेश अग्निहोत्री, कुलदीप चंद राठौर, राजेश धर्माणी, सुधीर शर्मा, धनी राम शांडिल, सुखविंदर सुक्खू, विक्रमादित्य सिंह सहित सभी बड़े चेहरों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने अब तक 46 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है।

प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हो गयी है। नामांकन भरने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है, 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है।

एलईटी आतंकी महमूद को वैश्विक प्रतिबंध सूची में डालने पर चीन ने अटकाया रोड़ा

भारत और अमेरिका के साझे रूप से एक एलईटी आतंकी पर प्रतिबंध के प्रस्ताव में चीन ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में रोड़ा अटका दिया है। पिछले चार महीने में यह चौथी बार है जब चीन ने ऐसा किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने दिसंबर 2016 में एलईटी के जिस आतंकी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था, उसी को लेकर यह प्रस्ताव लाया गया था।

हालांकि, चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में डालने के भारत-अमेरिका के साझे प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया।

याद रहे चीन ने किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने के प्रयास को पिछले चार महीने में चौथी बार बाधित किया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित किया।

पाकिस्तान रूस से उसी दर पर ईंधन खरीदने को तैयार जिस दर पर भारत ने खरीदा : इशाक डार

भारत के बाद अब पाकिस्तान भी रूस से सस्ता ईंधन खरीदने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने यह बात कही है। अमेरिका के दौरे पर गए डार ने कहा कि उनका देश रूस से उसी दर पर ईंधन खरीदने को तैयार है, जो पड़ोसी देश भारत को मुहैया कराया जा रहा है।

याद रहे हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक के रूप में चिन्हित किया था और कहा था कि उसके पास बिना किसी समझौते के परमाणु हथियार हैं।

बता दें डार हाल ही में पाकिस्तान के वित्त मंत्री नियुक्त किये गए हैं। डार ने कहा कि पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ से हुई कठिनाई के कारण पश्चिम को रियायती ईंधन के आयात में कोई समस्या नहीं होगी।

डार ने कहा – ‘मैंने वाशिंगटन में अपने प्रवास के दौरान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों, अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों के अधिकारियों के प्रमुखों के साथ 58 बैठकें की हैं।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक के अधिकारियों ने वहां एक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। पाक मंत्री ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान को 32.40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। पाकिस्तान को पुनर्वास कार्य के लिए 16 अरब डॉलर से अधिक की जरूरत है।

रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बने, शाह सचिव, धूमल आईपीएल के चेयरमैन

साल 1983 में भारत को विश्व कप जिताने वाली टीम के सदस्य रोजर माइकल हम्फ्री बिन्नी (रोजर बिन्नी) भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष बन गए हैं। मुंबई में बीसीसीआई के मुख्यालय में हुई वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।

बिन्नी का परिवार मूलता स्कॉटलैंड का था, हालांकि, पहले से भारत में रह रहे परिवार में बिन्नी का जन्म, भारत में ही हुआ। इसके साथ ही बीसीसीआई की नई टीम का चयन हो गया है।

बीसीसीआई के जो अन्य पदाधिकारी सर्वसम्मति से चुने गए हैं, उनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव, महाराष्ट्र भाजपा के नेता आशीष शेलार को कोषाध्यक्ष, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला को उपाध्यक्ष और देवजीत सैकिया को संयुक्त सचिव शामिल चुना गया है।

पिछली टीम में कोषाध्यक्ष रहे हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल आईपीएल के नए चेयरमैन बनाये गए हैं। आज की बैठक में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन पद के चुनाव को लेकर चर्चा नहीं हुई।

आईसीसी का अगला चेयरमैन अगले महीने मेलबर्न में बोर्ड की बैठक के दौरान चुना जाएगा। पहले सौरव गांगुली ने इस पद के लिए दिलचस्पी दिखाई थी, हालांकि माना जाता है कि उनकी बात को स्वीकार नहीं किया गया। आईसीसी चेयरमैन पद के लिए नामांकन की समय सीमा 20 अक्टूबर है और बीसीसीआई के इस पद के लिए अपने उम्मीदवार को नामित करने की संभावना फिलहाल नहीं दिखती।

रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता रह चुके हैं। सितंबर 2012 में उन्हें यह भूमिका मिली थी। उससे पहले वह अंडर-19 वर्ल्ड कप 2000 जीतने वाली भारतीय टीम के मुख्य कोच थे। उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भारत के लिए खेल चुके हैं जबकि स्टुअर्ट की पत्नी मयंती लैंगर टीवी का जाना-माना चेहरा है और मशहूर स्पोर्ट्स एंकर हैं।

पुस्तक समीक्षा-क्षेत्रीय दलों का सेंसेक्स,राज्यों की राजनीति का दस्तावेज

ज्योति
देश में एक दल से अन्य दलों का उदय होता रहा है। यह राजनीतिक दलों के विखंडन और उनसे नई पार्टियों के उदय में भी देखा जाता है। शिक्षाविद क्षेत्रीय दलों के उदय को एक जटिल और बहुआयामी घटना मानते हैं, जो वास्तव में 19वीं शताब्दी में देश में उभरी क्षेत्रीय चेतना और स्वतंत्रता के बाद सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के बीच अंतर्संबंध का नतीजा है। आजादी से पहले भी पूरे देश में राजनीतिक दल बहुतायत में थे, लेकिन तब उनका एकमात्र उद्देश्य अंग्रेजों के साम्राज्यवाद से आज़ादी हासिल करना था।

सामाजिक सुधार आंदोलनों से राजनीतिक दल भी उभरे। हिंदुओं और मुसलमानों के अपने स्वयं के राजनीतिक प्रभुत्व वाले आंदोलन भी उठे, जिन्होंने बाद में खुद को राजनीतिक दलों में स्थापित किया। संघीय व्यवस्था में लोकतांत्रिक राजनीति के प्रभुत्व के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय दलों का गठन असामान्य नहीं है। साथ ही, एक विविध समाज में मतभेद भी क्षेत्रीय राजनीति पर अपना प्रभाव डालते हैं, जो नई पार्टियों को जन्म देता है।

अकु श्रीवास्तव, पत्रकारिता, सम्पादन और लेखन की लंबी पारी खेल चुके हैं। उनकी नई किताब ‘क्षेत्रीय दलों का सेंसेक्स’, राज्यों की राजनीति की जानकारी के लिहाज से एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह जानना किसी के लिए भी बहुत दिलचस्प हो सकता है कि एक विशेष पार्टी का गठन कब हुआ, किन परिस्थितियों के कारण इसका गठन हुआ और यह अब कैसे कार्य कर रही है। हिंदी में अपनी तरह की यह पहली किताब है जो इन सभी जिज्ञासाओं का समाधान करती है। पुस्तक में क्षेत्रीय दलों की चर्चा है, लेकिन विषय से परे जाकर और कांग्रेस से टूटकर बनी नई पार्टियों के इतिहास को भी इसमें संजोया गया है जो पुस्तक को अधिक प्रासंगिक बना देता है।

क्षेत्रीय दलों के उदय ने निर्विवाद रूप से भारत की चुनावी राजनीति की प्रकृति को बदला है। साल 1990 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में क्षेत्रीय दलों की स्थिति में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद, राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी प्रतिस्पर्धा में शक्ति का एक नया संतुलन उभरा और यह था जाति और सामुदायिक राजनीति। क्षेत्रीय दलों ने वहां न केवल अपने-अपने राज्यों बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। और अब राज्य के भीतर अपनी पसंदीदा क्षेत्रीय पार्टी को वोट देने वाले मतदाता लोकसभा चुनाव में अपना नजरिया बदल लेते हैं। इस नए चलन को रेखांकित करते हुए क्षेत्रीय दलों की दिलचस्प कहानियां इस किताब में हैं।

पाठकों की सुविधा के लिए पुस्तक को पाँच भागों में विभाजित किया गया है। पुस्तक के आरंभ में एक विस्तृत ब्रीफिंग है, जिसमें लेखक ने क्षेत्रीय दलों और राष्ट्रीय दलों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है और भारतीय राजनीति पर उनके बढ़ते और गिरते प्रभाव पर प्रकाश डाला है। लेखक क्षेत्रीय दलों के उदय को स्वतंत्रता के बाद के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक मानते हैं।
लेखक का मानना है कि, असंतुलित क्षेत्रीय विकास, प्रतिस्पर्धा और जातीयता, जाति और धर्म की बढ़ती भावना आदि ने इस आग में ईंधन डाला। इस पुस्तक में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की राजनीति, नेताओं और घटनाओं का व्यापक ब्योरा है। पुस्तक में, लेखक ने पक्षों और उनके गठन के पीछे की कहानी के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने इन दलों के गठन, विकास और चुनावी सफलता में प्रमुख हस्तियों की भूमिका को भी रेखांकित किया है।

केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की मौत, इनमें दो पायलट भी

उत्तराखंड में एक हेलीकॉप्टर के हादसे का शिकार होने की खबर है। इसमें सात लोग सवार थे जिनमें सभी की मौत हो जाने की आशंका है। यह हादसा केदारनाथ के नजदीक हुआ है। हादसे में दो पायलट की भी मौत हो गयी है। डीजीसीए ने इसकी पुष्टि की है।

यह हादसा केदारनाथ धाम में दोपहर करीब 12 बजे हुआ है। हादसा केदारनाथ से दो किलोमीटर पहले गरुड़चट्टी में हुआ। हादसे का शिकार हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का बताया गया है। हादसे की जानकारी मिलती ही रेस्क्यू टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गईं हैं।

जानकारी के मुताबिक केदारनाथ धाम से करीब दो किलोमीटर पहले यह हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चला है। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से वापस लौट रहा था कि हादसे का शिकार हो गया। हादसा केदारनाथ से वापस लौटते समय गरुड़चट्टी के पास हुआ।

यह भी जानकारी मिली है कि जहाँ यह हादसा हुआ है वह केदारनाथ धाम जाने का का पुराना मार्ग है। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय हेलिकॉप्टर में छह लोग सवार थे। इनमें से छह लोगों की जान जाने की जानकारी मिली है।

पाकिस्तान संसद के आठ उपचुनाव में छह पर इमरान खान की पार्टी पीटीआई जीती  

पाकिस्तान में संसद की सात सीटों के लिए हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ शरीफ-भुट्टो  सरकार को करारा झटका लगा है। इसके अलावा पंजाब विधानसभा की दो सीटों पर भी जीत दर्ज की है। शरीफ की सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को  केवल एक सीट पर जीत मिली है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश में संसद और प्रांतीय विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे अधिक 8 सीटों पर जीत दर्ज की। मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच था।

पाकिस्तान में अगले साल संसद के चुनाव होने हैं और उससे पहले यह नतीजे इमरान खान की पार्टी पीटीआई के लिए काफी महत्वपूर्ण कहे जा रहे हैं। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के मुताबिक नेशनल असेंबली की आठ और पंजाब प्रांत की तीन विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ।

खान ने स्वयं संसद की सात सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से छह पर उन्हें जीत मिली।  कराची सीट पर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार ने उन्हें मात दी।  उनकी पार्टी को मुल्तान में भी हार का सामना करना पड़ा, जहां पीटीआई ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद की बेटी मेहर बानो कुरैशी का समर्थन किया था।

संसद की छह सीट के अलावा पीटीआई ने पंजाब विधानसभा की दो सीटों पर भी जीत दर्ज की। इससे पंजाब के उनके मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही की स्थिति और मजबूत हो गई है। पीटीआई ने नतीजों के बाद  कहा कि चुनाव नतीजे बताते हैं कि जनता किसके हक में खड़ी है।

एनआईए की गैंगस्टर-आतंकी-ड्रग तस्कर गठजोड़ के तहत 50 जगह छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को देश के कई हिस्सों में 50 जगह छापेमारी की है। यह छापेमारी गैंगस्टर-आतंकी-ड्रग तस्कर गठजोड़ के सिलसिले में की गयी है।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह छापे उत्तर भारत में 50 ठिकानों पर मारे हैं। इनमें ज्यादा छापे पंजाब और हरियाणा में हैं। हरियाणा के झज्जर में गैंगस्टर नरेश सेठी के ठिकाने पर एनआईए ने छापा मारा। उसकी टीम तड़के चार बजे ही सेठी के घर पहुँच गयी और छापे के दौरान स्थानीय डीएसपी और स्थानीय पुलिस को साथ रखा।

बताया गया है कि एनआईए ने नरेश सेठी की अवैध संपत्ति और बैंक डिटेल खंगालीं। साथ ही उसके परिजनों से भी पूछताछ की गयी है। एनआईए की टीम करीब पांच घंटे सेठी के घर पर रही। बता दें गैंगस्टर सेठी हत्या, फिरौती सहित अन्य कई संगीन मामलों में आरोपी है।

सेठी आजकल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसका नाम लॉरेंस बिश्रोई और अन्य गैंग के साथ भी जुड़ा रहा है। हरियाणा के सोनीपत में भी लॉरेन्स बिश्नोई गैंग्स के शार्प शूटरों और सोनीपत के कुख्यात गैंगस्टर राजू बसोदी और अक्षय पलड़ा के ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की है। बसोदी और पलड़ा उत्तर भारत में करीब दो दर्जन से ज्यादा संगीन आपराधिक घटनाओं के आरोपी हैं।

महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा पहले, कांग्रेस दूसरे, उद्धव शिवसेना तीसरे नंबर पर

भाजपा ने दावा किया है कि उसने महाराष्ट्र के ग्राम पंचायत चुनाव में 1079 में से 397 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में कांग्रेस ने दूसरी नंबर पर रहते हुए 134, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 110, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 128 और बाळासाहेबांची शिवसेना ने 114 सीटें जीती हैं। ग्राम पंचायत चुनाव में 300 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते हैं।

यह चुनाव रविवार को हुए थे। इनके नतीजों की घोषणा सोमवार देर शाम की गयी। भाजपा की प्रदेश इकाई के सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि पार्टी ने 397 सीट जीतकर ग्राम पंचायत चुनावों में पहला स्थान हासिल किया है। इस तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली बाळासाहेबांची शिवसेना के साथ उसके गठबंधन का साझा आंकड़ा 478 रहा है।

भाजपा 235 गांवों में सरपंच या ग्राम प्रधान का पद जीतने में सफल रही है जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही जिसने 134 सीटें जीतें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 110, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 128 और बाळासाहेबांची शिवसेना ने 114 सीटें जीती हैं। इस तरह विपक्षी कांग्रेस-उद्धव शिवसेना-एएसपी ने मिलाकर 372 सीटें जीती हैं।

इन चुनावों में 300 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस, दोनों शिवसेना और भाजपा सभी ने दावा किया है कि इनमें से अधिकतर उनके समर्थक हैं। कांग्रेस उम्मीदवार मुक्ता कोकर्डे नागपुर जिला परिषद की अध्यक्ष और कुंडा राउत उपाध्यक्ष चुने गए हैं। इनका चुनाव जिला परिषद सदस्यों की विशेष आम सभा की बैठक में किया गया।  जिला परिषद की प्रभावी ताकत 57 है।

बता दें नागपुर जिले में पंचायत समिति के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के चुनाव के परिणामों में कांग्रेस का दबदबा रहा। नागपुर कांग्रेस (ग्रामीण) के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने पत्रकारों से इसे एक ऐतिहासिक जीत बताया और दावा किया कि भाजपा जमीन खो रही है। उधर वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) की संगीता अधाऊ और सुनील फातकर को सोमवार को अकोला जिला परिषद का क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुना गया।

उधर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मतदाताओं ने बाळासाहेबांची शिवसेना के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा – ‘हमने (उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग होने का) जो कदम उठाया, वह सही साबित हुआ है।’

कश्मीर में हालात खराब, कश्मीरी पंडित के बाद आतंकियों ने 2 मजदूरों की हत्या की

केंद्र सरकार के तमाम दावों के विपरीत कश्मीर में आतंकी वारदातों में कोई कमी नहीं आ रही है। तीन दिन पहले एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद आतंकियों ने अब दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता इन हत्याओं पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि अब तो धारा 370 भी नहीं है तो क्यों यह हत्याएं हो रही हैं। इस बीच घाटी में कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद समुदाय के लोगों के प्रदर्शनों में मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी उभरती  दिख रही है।

तीन दिन पहले ही कश्मीर में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी जिससे यह आशंका जोर पकड़ रही है कि घाटी में आतंकी फिर से पाँव पसार चुके हैं और उनपर लगाम लगानी की कोशिशें पूरी तरह रंग नहीं ला पाई हैं। कश्मीरी पंडित  पूरण कृष्ण भट्ट की हत्या के बाद अब आतंकियों ने शोपियां में दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी है।

आतंकियों के ग्रेनेड का शिकार हुए दोनों दोनों मजदूर मनीष कुमार और राम सागर उत्तर प्रदेश में कन्नौज के रहने वाले थे। इन हत्याओं की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने ली है। एजेंसियों के मुताबिक यह हत्याएं करने वाले आतंकी एलईटी के  हाइब्रिड आतंकी हैं। पुलिस ने दवा किया है कि उसने हमलावर आतंकी इमरान बशीर गनी को पकड़ लिया है।

इन मजदूरों की हत्या दक्षिण कश्मीर के शोपियां में हरमन के पास तब की गयी जब आतंकियों ने उनपर ग्रेनेड फेंक दिया। इस तरह पिछले तीन दिन में आतंकियों ने तीन लोगों की टारगेट किलिंग की है जिनमें दो गैर कश्मीरी और एक कश्मीरी पंडित है।