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राहुल की ‘गरीब योजना’ पर बरसे मोदी 

लगातार दूसरे चुनाव में भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरूआत मेरठ से करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद को ”मजबूत चौकीदार” बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की देश के २५ करोड़ गरीबों को सालाना ७२,००० रूपये देने की घोषणा को काउंटर करते कहा – ” जो लोगों के खाते नहीं खुलवा सकता वह उसमें पैसे कैसे डाल  सकता है”।
मोदी ने कहा – ” मैं चौकीदार हूं, और चौकीदार कभी नाइंसाफी नहीं होने देता”। उन्होंने कहा कि एक तरफ ”फैसला लेने वाली” सरकार है, तो दूसरी तरफ ”फैसले टालने वाली” सरकार है। मोदी ने भाषण में एयर स्ट्राइक से लेकर मिससँ शक्ति तक का उल्लेख अपनी उपलब्धियों में किया और कहा ऐसा देश में एक निर्यायक नेतृत्व के चलते ही संभव हो सका।
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने जमीन से लेकर आसमान तक सर्जिकल स्ट्राइक की। मोदी ने कहा कि यह उनकी ही सरकार है जिसने लोगों के घरों तक बिजली कनेक्शन देने, मकान देने का काम किया। ”युवाओं को लोन देकर रोजगार सृजक बनाने का काम एनडीए की सरकार ने किया है। सामान्य वर्ग के गरीबों को दस  फीसदी आरक्षण हमने दिया। ईमानदार करदाताओं को ५ लाख की कर योग्य आय पर कर छूट दी।”
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस (विपक्ष) के लोग भारत को हमेशा कमजोर बनाकर रखना चाहते हैं। ”मैं इनसे जानना चाहता हूं कि किसके इशारे पर, किसको फायदा पहुंचाने के लिए आप लोग ऐसा ढुलमुल रवैया अपनाते रहे। आज देश अपनी सामर्थ्य बढ़ा रहा रहा है, अपनी ताकत बढ़ा रहा और अंतरिक्ष में चौकीदारी कर रहा है तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है।”
मोदी ने कहा – ”मैं किसी तरह का बोझ नहीं रखता, क्योंकि मेरे पास अपना कुछ नहीं, जो कुछ है वो देश का दिया है। चिंता तो उसको होती है जो खोने से डरता है, जिन्हें वंश और विरासत का सोचना है।” पीएम ने कहा की वे देश के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहने वाले व्यक्ति हैं। कोई भी राजनीतिक दबाव, कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव, आपके इस चौकीदार को डिगा नहीं पाएगा और न कोई डरा पाएगा।
विपक्ष को ”महामिलावटी” की संज्ञा देते हुए मोदी ने कहा कि जब इन लोगों की सरकार थी, तो आए दिन देश के अलग-अलग कोने में बम धमाके होते थे। ये आतंकियों की भी जात और पहचान देखते थे और उसी आधार पर पहचान करते थे कि इसे बचाना है या सजा देनी है।”

कश्मीर में ३ आतंकी ढेर 

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में गुरूवार को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। सुरक्षा बलों को शोपियन जिले के यरवन जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों के होने की सूचना मिली थी जिसके बाद वहां आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए। आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन आल आउट अभी जारी है जिसमें पिछले समाये में कई आतंकी मारे गए हैं।
यह मुठभेड़ गुरूवार सुबह शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुरू हुई जिसमें तीन आतंकियों को मारा गया। यह एक साझा अभियान था जिसमें सीआरपीएफ, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों को ढेर किया। मारे गए  आतंकियों के पास भारी तादाद में हथियार बरामद हुए हैं।
गौरतलब है कि इस साल अभी तक ६४ आतंकी ढेर किए जा चुके हैं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा ४४ था। शोपियां में अभी कुछ और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है इस वजह से कार्रवाई अब भी जारी है। सुरक्षा के लिहाज से शोपियां में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
उधर कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में भी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और वहां भी कुछ आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। बांदीपोरा और शोपियां में २३ मार्च को भी सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए थे। इनमें दो पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे, जिन्होंने १२ वर्ष के एक लड़के को बंधक बनाकर उसकी हत्या कर दी थी।

राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई तो राहुल की योजना की सफलता संभव : अर्थशास्त्री

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ”न्याय योजना” जिसमें देश के २५ करोड़ गरीबों को सालाना ७२,००० रूपये देना सुनिश्चित करने का ऐलान किया गया है को लेकर  उठाये हैं और आर्थिक विशेषज्ञों ने अपने-अपने मत दिए हैं। हालांकि, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति होगी तो हमारी अर्थव्यवस्था से इतना पैसा निकलना संभव है। याद रहे राहुल गांधी की घोषणा के मुताबिक इस योजना का पैसा महिलाओं के खाते में जमा होगा।
गौरतलब है कि इस योजना पर करीब ३.६० लाख करोड़ का खर्च होने की सम्भावना है। प्रो अरुण कुमार का कहना है कि ३. ६० लाख करोड़ रुपया हमारी जीडीपी का १.८   फीसदी है और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाकर अर्थव्यवस्था से इतना पैसा निकाला जा सकता है। उनके मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और गरीबी गहराई है जिसकी चिंता सबको है। यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों को सालाना ६,००० रुपये की समर्थन राशि देने के लिए ७५,००० करोड़ की घोषणा अपने बजट में की।
अरुण कुमार के मुताबिक ”न्याय योजना” के लिए पैसा जुटाना सबसे बड़ी बात होगी।
उन्होंने कहा – कुछ दिन पहले यह रिपोर्ट आई थी कि देश के सबसे अमीर नौ लोगों के पास देश की ५५ फीसदी दौलत है। भारत में करीब १५० अरबपति हैं, जो जापान से भी ज्यादा है हालाँकि वहां की प्रति व्यक्ति आय भारत से ३० गुना है। इस लिहाज से देखा जाए तो देश में आर्थिक असमानता लगातार बढ़ी है। सरकार चाहे तो। .५  फीसदी वेल्थ टैक्स लगाकर १ ५० लाख करोड़ रुपये इस योजना के लिए निकाल सकती है।
प्रोफेसर कुमार का कहना है कि टैक्स में छूट हमारी जीडीपी का छह फीसदी यानी ५-६ लाख करोड़ रुपए है। ”इसे खत्म तो नहीं लेकिन कुछ कम किया जा सकता है। केलकर कमेटी की रिपोर्ट में भी यही कहा गया था कि सरकार टैक्स रेट कम करे और टैक्स में छूट घटाए। ऐसा करने पर कम से कम एक लाख करोड़ जुटाए जा सकते हैं।  केंद्र सरकार ने पहले से ही गरीब किसानों के लिए ७५,००० करोड़ का प्रावधान कर रखा है, इसे भी इसमें शामिल किया जा सकता है। लिहाजा, अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो योजना के लिए पैसे जुटाए जा सकते हैं और इसका वित्तीय घाटे पर कोई प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।”
राहुल गांधी की न्याय योजना से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को लेकर अरुण कुमार का कहना है कि इस योजना के लागू होने लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी जिसकी वजह से थोड़ी बहुत महंगाई भी बढ़ सकती है। ”लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव यह पड़ेगा कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिलना भी शुरू हो जाएगा जो अभी नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही सुस्त पड़े छोटे-मझोले उद्योगों की गति भी बढ़ेगी।  जिससे रोजगार भी बढ़ेगा और सरकार का टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा।”

शत्रुघ्न कल आएंगे कांग्रेस में 

बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा गुरूवार को कांग्रेस में शामिल हो जायेंगे। उनसे एक दिन पहले बुधवार को दिल्ली में जानी मानीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस में शामिल हो गईं। उन्हें मुंबई उत्तरी सीट से टिकट मिल सकता है जहाँ से गोविंदा कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं।
राहुल गांधी से मिलने के बाद उर्मिला का कांग्रेस में आने का रास्ता साफ़ हो गया। एक प्रेस कांग्रेस में रणदीप सुरजेवाला ने उनके कांग्रेस में आने की घोषणा की। मुंबई  मिलिंद देवड़ा और वरिष्ठ नेता संजय निरुपम भी इस मौके पर उपस्थित थे।
राहुल गांधी ने उर्मिला मातोंडकर को पार्टी में शामिल होने पर बधाई दी और उन्हें गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। मातोंडकर कांग्रेस के टिकट पर उत्तरी मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। पिछले चुनाव में इस सीट पर संजय निरुपम बड़े  थे। पहले गोविंदा कांग्रेस टिकट पर दो बार जीत चुके हैं।
कांग्रेस में आने के बाद मातोंडकर ने कहा – ”आज के दौर में हमें ऐसा नेता चाहिए जो सबको साथ लेकर चलने वाला नेता हो। जो सबको न्याय दिलाने में यकीन करता हो।
 साधारण शब्दों में कहा जाए तो वह सबको साथ लेकर चलने वाला हो। मेरी नजर में नेता ऐसा ही होना चाहिए, यह सब कुछ राहुल गांधी में है।”
गोविंदा ने २००४ में उत्तरी मुम्बई सीट से पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक को पराजित किया था। हालांकि राम नाइक को वर्ष २००९ में संजय निरूपम के हाथों भी हार का सामना करना पड़ा था परन्तु २०१४ की मोदी लहार में गोपाल शेट्टी ने संजय निरूपम को पराजित कर दिया था। अब यदि उर्मिला मातोंडकर को मुंबई उत्तरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जाता है तो उनका मुकाबला भाजपा के सांसद गोपाल शेट्टी से ही होगा।

गोवा में उपमुख्यमंत्री सुदीन की छुट्टी 

भाजपा ने आधी रात को आपरेशन दलबदल कर पहले तो महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) को दो विधायकों को अपने पाले में मिला लिया और बुधवार दिन में एमजीएम के नेता और उप मुख्यमंत्री सुदीन धवलीकर को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सीएम सावंत ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को संबोधित पत्र भेजकर  धवलीकर को हटाए जाने की सूचना दी है। सावंत ने कहा – ”मैंने सुदीन धवलीकर को कैबिनेट से हटा दिया है। रिक्त सीट को भरने का निर्णय शीघ्र किया जाएगा।”
पर्रिकर के निधन के बाद नया मुख्यमंत्री चुनने के वक्त धवलीकर ने अपना दावा पेश किया था। भाजपा इससे चिड़ी बैठी थी और उनके दो विधायकों को आधी रात को अपने साथ मिलाने के १२ घंटे के भीतर उपमुख्यमंत्री और एमजीपी के नेता सुदीन धवलीकर को मंत्री पद से हटा दिया गया। धवलीकर के पास लोक निर्माण मंत्रालय था। अब एमजीपी से भाजपा में शामिल हुए विधायक दीपक पावस्कर को मंत्री बनाया जा सकता है।
एमजीपी और भाजपा के नेताओं के बीच बढ़ती कड़वाहट के बीच सीएम सावंत ने  अपने वरिष्ठतम मंत्री को हटाने का निर्णय किया। इस बीच धवलीकर ने इसे लेकर जहां पार्टी विधायकों (जो भाजपा में शामिल हुए हैं) को चेतावनी दी, वहीं भाजपा पर भी हमला बोला। एमजीपी नेता ने कहा – ”रात को चौकीदारों ने एमजीपी पर जो डकैती डाली, उससे गोवा के लोग स्तब्ध हैं। गोवा के लोग यह देख रहे हैं। इस पर क्या करना है यह फैसला जनता लेगी।”
मंगलवार आधी रात को तीन एमजीपी विधायकों में से दो ने क्षेत्रीय पार्टी से अलग होकर स्पीकर से भाजपा में शामिल होने (अपने दल के विलय) का पत्र सौंपा जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। एमजीपी के दोनों विधायकों मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर के पार्टी में आने के बाद से ३६ सदस्यों वाले सदन में भाजपा विधायकों की संख्या अब १४ हो गयी है।

राहुल की योजना पर टिप्पणी, नीति  आयोग अध्यक्ष से जवाब मांगा ईसी ने 

तीन दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी मास्टर स्ट्रोक ”न्याय योजना”  पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को टिप्पणी करना महंगा पड़ा है। कुमार ने राहुल की इस योजना पर सवाल उठाये थे। चुनाव आयोग ने अब उनकी इस टिप्पणी पर उनसे दो दिन में जवाब माँगा है। कुमार नौकरशाह हैं और उनकी टिप्पणी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आ सकती है।
याद रहे राजीव कुमार ने ट्वीट कर राहुल गांधी की गरीबों को सालाना ७२,००० रूपये देने (न्याय योजना) की घोषणा को ”चांद लाकर देने जैसा वादा” बताया था। कुमार ने लिखा – ”इस अव्यवहारिक योजना से देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। सरकारी खजाने को जो घाटा होगा, उसे पूरा नहीं किया जा सकेगा।” राजीव कुमार एक नौकरशाह है लिहाजा चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। राजीव ने अपने ट्वीट के बाद एक अखबार में छपी खबर को भी शेयर किया था जिसमें राहुल की योजना को नुक्सान वाली बताया गया था।
जानकारों के मुताबिक इस टिप्पणी पर राजीव कुमार से चुनाव आयोग विस्तृत ब्योरा मांग सकता है। कुमार यह टिप्पणी करके फंस गए हैं। अब चुनाव आयोग ने राजीव कुमार के खिलाफ संज्ञान लेते हुए इसे आचार संहिता का उल्लघंन माना है।  माना जा रहा है कि चुनाव आयोग एक-दो दिन में राजीव कुमार को नोटिस भेज कर जवाब-तलब कर सकता है। चुनाव आयोग को यह सब नागवार इसलिए गुजरा है क्योंकि राजीव कुमार नौकरशाह और नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं। उन्हें राजनीतिक दलों के चुनावी अभियान पर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार यहाँ तक कह गए थे – साल २००८ में चिदंबरम वित्तीय घाटे को २.५ फीसदी से बढ़ाकर छह फीसदी तक ले गए। यह घोषणा (राहुल की न्याय योजना) उसी पैटर्न पर आगे बढ़ने जैसा है। राहुल गांधी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके प्रभाव की चिंता किए बिना घोषणा कर बैठे। अगर यह स्कीम लागू होती है तो हम चार कदम और पीछे चले जाएंगे।”
 यही नहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने यह भी कहा – ”इससे ऐसा हो सकता है कि वित्तीय घाटा बढ़कर ३.५  फीसदी से बढ़कर छह फीसदी तक हो जाए।  क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हमारी रेटिंग घटा दें। हमें बाहर से लोन न मिले। इसका नतीजा यह होगा कि लोग हमारे यहां निवेश करना रोक देंगे।”

भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बना : मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक राष्ट्रीय प्रसारण में ऐलान किया कि भारत के वैज्ञानिकों की एक बड़ी सफलता से भारत ने अंतरिक्ष में नया इतिहास लिखा है। भारत के वैज्ञानिकों ने ३०० किलोमीटर दूर एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। यह एक सफल परीक्षण था।
पीएम ने कहा – ”देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। मिशन शक्ति एक कठिन ऑपरेशन था। वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति ऑपरेशन पूरा किया। भारत ने आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया है। इस बड़ी उपलब्धि के लिए मैं एक बार फिर सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।”
मोदी ने कहा – ”अब तक दुनिया के तीन देश अमेरिका, रूस और चीन को अंतरिक्ष में यह उपलब्धि हासिल थी। भारत अब चौथा देश बन गया है। भारत के लिए यह गर्व का पल है। वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ३०० किलोमीटर दूर एनईओ (लो अर्थ ऑर्बिट) में एक लाइट सैटलाइट को मार गिराया है। यह पूर्व निर्धारित लक्ष्य था। उसे ऐंटि सैटलाइट (ए-सैट) मिसाइल से गिराया गया। केवल तीन मिनट में सफलता के साथ यह मिशन पूरा हुआ। यह ‘मिशन शक्ति’ बहुत कठिन मिशन था। इसमें बड़ी तकनीकी क्षमता की जरूरत थी। वैज्ञानिकों ने सभी निर्धारित लक्ष्य और उद्देश हासिल किए। यह गर्व की बात है।”
पीएम ने कहा – ”ऐंटी सैटलाइट वेपन ए -एसएटी सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया गया। मैं इसके लिए डीआरडीओ के सभी वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई देना चाहता हूं। मिशन शक्ति भारत के सपनों को सुरक्षित करने की दिशा में एक अहम कदम है। मिशन शक्ति एक बहुत मुश्किल ऑपरेशन था, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे लॉन्च के सिर्फ तीन मिनट में ही हासिल कर लिया है।”
मोदी ने कहा – ”देश के लिए आज गर्व का दिन है। लो अर्थ ऑर्बिट में एक लाइव सैटलाइट को मार गिराया गया। यह परीक्षण किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं करता। इस समय स्पेस और सैटलाइट का महत्व बढ़ते ही जाना है। शायद उसके बिना जीवन मुश्किल हो जाए। अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों द्वारा मिशन शक्ति ऑपरेशनन पूरा कर लिया। यह पराक्रम भारत में ही विकसित एक सैटेलाइट से किया गया।”

नोटबंदी बड़ा घोटाला : विपक्ष

चुनाव के पास देश के विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगते हुए नोटबंदी के नाम पर देश के साथ गद्दारी करने का गंभीर आरोप लगाया है। अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी नेताओं ने एक वीडियो भी जारी किया है और दावा किया है इसमें कथित रूप से भाजपा नेताओं, कुछ बैंकर्स का स्टिंग किया गया है और यह वीडियो दिसंबर, २०१६ का है।
वैसे विपक्ष के नेताओं ने इस वीडियो की सत्यता पर अभी कोइ दावा नहीं किया है, यानी इसके कंटेंट की प्रमाणिकता सही है या गलत इसपर इन नेताओं ने कोइ दावा नहीं किया है। एक साझे ब्यान में विपक्षी दलों ने दावा किया कि ”यह वीडियो पत्रकारों ने मिलकर नोटबंदी की खास जांच (स्टिंग) के दौरान बनाया है।” साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजद के मनोज झा, शरद यादव उपस्थित थे।
प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा – ”कुछ चौकीदारों ने देश के साथ गद्दारी की है और आम आदमी की जेब से पैसा छीन लिया है।” इस वीडियो में दिखाया गया कि पांच करोड़ के ५०० के नोट आए और तीन करोड़ के २००० के नोट दे दिए गए, ये सभी ३१ दिसंबर, २०१६ के बाद हुआ, ऐसा विपक्ष का दावा है।
सिब्बल ने यह भी कहा कि वह इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। न ही वह कह रहे हैं कि ये वीडियो उनका है। उन्होंने कहा – ”ये वीडियो उन्हें एक वेबसाइट से मिला है, जिसमें कुछ चौंकाने वाली बात सामने आई हैं। हम चाहते हैं कि इस वीडियो में जो दिखाया गया है, उसकी जांच हो। केंद्र सरकार की ओर से ८ नवंबर, २०१६ को ५००  और १००० रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने ही नोटबंदी का ऐलान किया था। तभी से विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।”
उधर कांग्रेस मीडिया सेल के इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने एक ब्यान में कहा कि नोटबंदी स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। ”इस घोषणा से प्रधानमंत्री का मकसद भाजपा को समृद्ध करना और गरीब जनता को उनकी मेहनत की कमाई से वंचित करना था। अमीरों को आहत पहुँचाने के नाम पर, भाजपा ने खुद को समृद्ध किया।”
प्रेस नॉट के मुताबिक माना जाता था कि डिमोनेटाइजेशन का मकसद  आतंकवाद, काला धन, जाली मुद्रा और भ्रष्टाचार को मिटाना था |  लेकिन इनका असली उद्देश्य तो देश का खज़ाना लूटना था। ”वास्तव में डिमोनेटाइजेशन एक बहुत बड़ा खोटाला है, जिसने काले धन के अवैध लेन-देन में मदद की |”
 सुरजेवाला ने कहा – ”इस तरह के लेन-देन न केवल गुजरात में, बल्कि पूरे देश में हुए । ऐसा ही एक एपिसोड महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के गोदाम में काले धन को बदले जाते हुए दर्शाता है । डिमोनेटाइजेशन, भाजपा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक को लूटने और भारत की गरीब जनता को दंडित करने का एक ज़रिया था |”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ”हम आने वाले कुछ हफ़्तों के अंदर इस घोटाले के कुछ और डिटेल्स का खुलासा करेंगे, जिसमें कथित रूप से बैंकर्स, पब्लिक ऑफिशल्स, भाजपा के नेता और कार्यकर्ता और कई अन्य लोग शामिल हैं, जिनके बिना यह संभव नहीं था। इन एपिसोड्स में हम भारतीय रिज़र्व बैंक के कामकाज पर भी प्रकाश डालेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी इस प्रकरण में  किस हद तक शामिल थे, ये आगे की जांच का विषय है | यह स्पष्ट है कि भाजपा में शीर्ष पर बैठे कई व्यक्ति कथित रूप से इस उद्यम में शामिल थे। जैसे ही इन टेप्स के कंटेंट्स प्रमाणित हो जाते है, यह स्पष्ट हो जाएगा कि जिम्मेदार लोगों ने देशद्रोह का कार्य किया है।”

रवि शंकर प्रसाद को दिखाए काले झंडे 

भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद को मंगलवार को पटना  पहुंचते ही जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा और बाह भी अपनी ही पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं की तरफ से। प्रसाद को भाजपा नेतृत्व ने पटना से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह मैदान में उतारे गए हैं हालाँकि उनका  वाले सिन्हा के समर्थक नहीं बल्कि भाजपा के ही राजसभा सदस्य आरके सिन्हा के समर्थक थे।
आज की घटना से लगता है कि रविशंकर प्रसाद के लिए पटना चुनौती भरा साबित होने वाला है। अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद प्रसाद मंगलवार को पहली बार पटना आये और आते ही उन्हें विरोध झीलना पड़ गया। प्रसाद को न केवल काले झंडे दिखाए गए, भाजपाइयों ने वहां बड़ी संख्या में उपस्थित होकर उनके ”वापस जाओ”  के नारे भी लगाए।
सिंह और प्रसाद के समर्थक मौके पर आपस में भिड़ गए। जमकर बबाल हुआ। प्रसाद को सम्भवता ऐसी विपरीत स्थिति का अंदेशा नहीं रहा होगा। उन्हें इस परिस्थिति के चलते असहज भी होना पड़ा। प्रसाद और सिन्हा के समर्थक भिड़ने से भाजपा के लिए खतरे की घंटी माना जाएगा।
रविशंकर प्रसाद वापस जाओ के नारे लगने से जाहिर है सिंह से प्रति उनकी नाराजगी रहेगी। रविशंकर प्रसाद पटना से भाजपा  उम्मीदवार हैं जबकि सिंह राज्यसभा के सांसद। पटना एयरपोर्ट पर यह पूरा वाक्य हुआ लिहाजा टीवी चैनलों के लोगों ने भी इसे कैद कर लिया जो वहां प्रसाद के आने की कवरेज करने पहुंचे थे।
जयाप्रदा भाजपा में
इस बीच समाजवादी पार्टी से दो बार सांसद रहीं फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गईं। प्रदा को भाजपा सपा के आजम खान के ख़िलाफ़ रामपुर से चुनाव में उतार सकती है।

भाजपा दिग्गज नाराज

भाजपा को अपने पैरों पर खड़ा कराने वाले दो दिग्गज भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी पार्टी के वर्तमान नेतृत्व से बहुत नाराज हैं। इन दोनों को कुछ अन्य के साथ जिस तरीके से चुनाव से बाहर किया गया है और उन्हें खुद चुनाव से हटने का ब्यान देने के लिए कहा गया उससे इन वरिष्ठ भाजपा नेताओं में गुस्सा भर गया है। गिरिराज सिंह भी सीट बदलने से बहुत खफा हैं और इसे अपने स्वाभिमान को चोट बता रहे हैं।
जोशी ने तो सार्वजनिक रूप से अपना गुस्से का इजहार कर दिया है। जोशी ने बाकायदा अपने हलके के मतदाताओं को चिट्ठी लिखकर बताया है कि कैसे भाजपा नेतृत्व की तरफ से उनपर दवाब बनाया गया कि वे किसी भी सीट से चुनाव न लड़ने का ऐलान पार्टी मुख्यालय आकर करें। उन्हें यह सन्देश पार्टी महासचिव रामलाल की तरफ से दिया गया।
पार्टी की इस ”अपील” को मुरली मनोहर जोशी ने सीधे तौर पर नकार दिया। जोशी ने कहा – ”ये पार्टी के संस्कार नहीं हैं। अगर हमें चुनाव न लड़वाने का फैसला हुआ है तो कम से कम पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हमें आकर सूचित करना चाहिए। हम पार्टी दफ्तर आकर इसकी घोषणा नहीं करेंगे।”
मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक चिट्ठी भी जारी की है।  इस चिट्ठी में जोशी ने लिखा – ”पार्टी महासचिव रामलाल की ओर से मुझे कहा गया है कि मैं कानपुर या फिर किसी ओर सीट से चुनाव न लड़ूं।”
आडवाणी के नजदीकियों की तरफ से भी कुछ इसी तरह की आडवाणी की नाराजगी की ख़बरें छनकर बाहर आई हैं। आडवाणी ही वो नेता हैं जो भाजपा को दो सीटों से १८२ तक अपने बूते पहुँचाने में सफल हुए थे और आज पार्टी जहाँ पहुँची है उसमें आडवाणी का बहुत बड़ा रोल रहा है। यही नहीं पार्टी के प्रति आडवाणी के समर्पण को बहुत सम्मानजनक नजर से देखा जाता है। आज भी भाजपा में आडवाणी के लाखों मुरीद हैं।
कहते हैं आडवाणी को महासचिव रामलाल की तरफ से ही चुनाव न लड़वाने का फरमान सुनाया गया और पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता (पार्टी अध्यक्ष शाह या मोदी) ने उनसे सीधे बात नहीं की जिससे आडवाणी बहुत आहत हैं। यह आडवाणी  जिन्होंने मोदी को सीएम बनवाया और हर संकट में उनकी मदद के लिए भी आगे आये। ऐसे में आडवाणी का आहात होना वाजिब भी दिखता है।
कहते हैं  कलराज मिश्र, शांता कुमार और करिया मुंडा अन्य नेता हैं जिन्हें पार्टी की तरफ से खुद चुनाव नहीं लड़ने वाला ब्यान देने के लिए कहा गया था। उमा भारती भी अपनी तरफ से चुनाव न लड़ने की बात कह चुकी हैं जिसके बाद उन्हें भाजपा का उपाध्यक्ष बना दिया गया। एक और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज भी चुनाव से इंकार कर चुकी हैं हालाँकि उन्होंने इसके लिए स्वास्थय को कारण बताया था।
बेगूसराय से टिकट के मसले पर वरिष्ठ नेता गिरिराज भी बहुत नाराज हैं। भले वे प्रदेश नेतृत्व को अपना टिकट बदलने का जिम्मेबार बता रहे हैं लेकिन उनके नजदीकियों का कहना है कि टॉप लेवल से इशारे के बिना ऐसा कैसे हो सकता है कि उनका हल्का बदल दिया जाए। वे भी उन्हें भरोसे में न लेने का आरोप लगा रहे हैं। गिरिराज ने इसे अपने स्वाभिमान का मसला मान लिया है। ”जो मेरे स्वाभिमान से खिलबाड़ करेगा, मेरे लिए स्वाभिमान के सामने बाकी सब तुच्छ है।” बेगुसराए में कन्हैया कुमार उनके मुकाबले में होंगे, यदि वे पार्टी का फैसला मानकर चुनाव में उतरे तो।