‘हल्की-सी सूजन को भी नजरअंदाज न करें’

शरीर में कहीं भी सूजन आ जाए तो यह किस खतरे का संकेत है?
यह खतरनाक है या बस यूं ही?
शरीर में सूजन किसी अंग विशेष में आ सकती है, जैसे कि केवल पांवों में, चेहरे पर या पेट में या यह सारे शरीर पर भी एक साथ हो सकती है. प्रायः शुरुआत में तो सूजन हल्की-हल्की ही होती है. ‘तनिक-सी पंजों पर आ जाती है, सर, वो भी केवल शाम आते-आते या सुबह उठता हूं तो आंखों के नीचे सूजन-सी लगती है.’ बस, ऐसा कहने वाले कितने ही मरीज होते हैं जिन्हें यह काफी दिनों से थी परंतु उन्होंने इसे बस यूं ही टाल दिया. क्या हल्की सूजन थकान, देर तक जागने, देर तक खड़े होने, खाने में कुछ आ जाने मात्र से हो जाती है? किसी जांच की जरूरत ही नहीं? बल््कि कई बार तो ऐसे लोग भी होते हैं जो कहते हैं कि ऊपर से तो पता नहीं चल रहा है, सर, पर अंदर-अंदर शरीर सूजा-सा लगता है और वजन भी बढ़ गया है.

तो सूजन के कई परिदृश्य हैं. हल्की सूजन, तगड़ी सूजन, रातों-रात आ गई सूजन, धीमे-धीमे बढ़ी सूजन, कोई दवा खाने के बाद आई सूजन और इसी तरह की अन्य सूजन. प्रश्न वही है कि यदि शरीर में सूजन है तो यह किस बात का संकेत हो सकता है.

शरीर में जो भी पानीनुमा द्रव्य है वह या तो खून के तौर पर रक्त की नलियों में बह रहा है या फिर शरीर की कोशिकाओं के अंदर भरा है, या फिर इनके बीच के पैकिंग मटीरियल में भरा है. यह द्रव्य इन तीनों जगहों के बीच आता-जाता रहता है. लगातार प्रवाहित है. और कुछ यूं प्रवाहित है कि खून, प्लाज्मा, प्रोटीन तथा खून या द्रव्य के प्रेशर के विभिन्न बलों की खींचतान के बीच बैलेंस बना रहे तो ठीक वर्ना…! वर्ना यह कि यह द्रव्य कोशिकाओं और रक्त की नलियों के बाहर ही शरीर के पैकिंग मटीरियल के स्पेस में एकत्रित होने लगेगा. यही सूजन पैदा करेगा. चप्पल पहनेंगे तो उसके निशान पांवों पर रह जाएंगे. उंगली या अंगूठे से दबाएंगे तो वहां एक गड्ढा-सा बन जाएगा. चेहरे पर आएगी तो आंखों के नीचे भरा-भरा और ज्यादा सूजन आ जाए तो पूरा चेहरा ही देवताओं टाइप भरा-भरा लगने लगेगा. पेट में द्रव्य भरेगा तो पेट बढ़ जाएगा, फूला-फूला लगेगा अौर यह सब उपर्युक्त बैलेंस के बिगड़ने का नतीजा होता है. यह बैलेंस दिल, किडनी, लीवर, रक्त में प्रोटीन की मात्रा, रक्त नलियों में बिना रुकावट के ठीक-ठाक रक्त प्रवाह, विभिन्न हॉर्मोंस आदि के तालमेल पर निर्भर करता है. इसका मतलब यह बना कि शरीर में सूजन हो तो बीमारी इनमें से कहीं भी हो सकती है. इस कठिन से प्रतीत होते पेचदार ज्ञान को मन में रखें और निम्न बातों का ख्याल धरें.

  • शरीर में कहीं भी सूजन दिखे, चाहे फिर वह कितनी भी हल्की लगे तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. हो सकता है जांच में कुछ भी न निकले पर हृदय, किडनी, लीवर आदि की जांचों में किसी बड़ी बीमारी के संकेत भी मिल सकते हैं. मैंने कितने ही केस देखे हैं जहां मामूली-सी सूजन की जांच कराने आए व्यक्ति के दोनों गुर्दे खराब निकले या उसके दिल का पंप बहुत खराब निकला.
  • यदि दारू का सेवन करते हों, दर्द की गोलियां खाते रहते हों, पहले कभी पीलिया हुआ हो, पहले कभी हार्ट अटैक हुआ हो, यदि दमे या बीपी की दवाइयां खाते हों, तब तो सूजन होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें. ऐसे केसों में सूजन होने पर पूरी जांच की आवश्यकता होती है.
  • यदि औरतों में केवल माहवारी के आस-पास सूजन आती हो, बाकी समय न रहती हो तो चिंता की कोई बात नहीं होती. जांचें तो तब भी लगती हैं, परंतु सब ठीक ही निकलता है. हां, महिला को यह शिकायत होती है कि जब सारी जांचें ही ठीक हैं तो फिर यह सूजन क्यों. यह सूजन हॉर्मोंस के कारण होती है. इसे नजरअंदाज कर दें.
  • यदि आप दवाइयां खाते हों (मान लें कि ब्लड प्रेशर आदि की) तो संभावना है कि दवा के कारण सूजन हो. बहुत-सी ऐसी दवाइयां हैं जिन पर कई बार डॉक्टर तक नहीं सोचते कि सूजन स्वयं उनके द्वारा दी गई दवाई से ही हो रही है. बेहतर है कि डॉक्टर से दबी जुबान में ही सही पर पूछ लें कि यह सूजन किसी दवा के कारण ही तो नहीं है.
  • सूजन का इलाज स्वयं न करने बैठ जाएं. नमक बंद कर दें क्या? सिकाई कर लें क्या? नमक के गुनगुने पानी में पांव डालकर बैठा करें क्या? ऐसा कुछ न करें. पहले डॉक्टर को दिखाएं फिर वह जो कहे वैसा करें. सूजन जानलेवा बीमारी का लक्षण भी हो सकती है इसलिए देर न करें.
  • गुर्दे की बीमारी की सूजन चेहरे पर, लीवर की प्रायः पेट से और दिल की बीमारी वाली सूजन पैरों से शुरू होती है. बाद में तो खैर यह पूरे शरीर पर फैल जाती है. इस पैटर्न के अपवाद भी खूब होते हैं.
  • हल्की सी सूजन भी तब दिखाई देती है जब बीमारी बहुत बढ़ चुकी होती है. शुरुआत में तो कई लीटर द्रव्य शरीर में वहां जमा होकर मात्र वजन ही बढ़ा सकता है बस. तो यदि अचानक ही पाएं कि भूख या भोजन के बढ़े बिना वजन बढ़ रहा है तो जांचें करा लें.
  • हाथ, पांव, घुटनों आदि के दर्द के लिए चाहे जब दर्द की गोली न खाएं. इससे आपके गुर्दे तबाह हो सकते हैं. यदि आपको यह आदत रही है तब तो सूजन होने पर तुरंत ही जांच कराएं.
  • कुल संदेश यह कि शरीर में हल्की सूजन को भी कभी नजरअंदाज न करें.   

बहुत सी दवाइयां हैं जिन पर कई बार डॉक्टर तक नहीं सोचते कि सूजन उनके द्वारा दी गई दवाई से ही हो रही है. बेहतर है कि डॉक्टर से पूछ लें.