विवाद, तनाव, महामारी के दौर में मिलकर काम जरूरी, एससीओ बैठक में बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि विश्व विवाद, तनाव और महामारी से घिरा हुआ है, ऐसे में हमें मिलकर काम करना है। मोदी मंगलवार को संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे जिसमें अन्य के अलावा रूस के नेता पुतिन, चीन के नेता जिनपिंग और पाकिस्तान के नेता शहबाज़ शरीफ भी शामिल हुए। पीएम ने ईरान के एससीओ परिवार में नए सदस्य के रूप में शामिल होने पर खुशी जताई।  

पीएम मोदी ने एससीओ में सुधार के प्रस्ताव का भी समर्थन किया। इस मौके पर अपने संबोधन में आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। मोदी ने कहा – ‘आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है।’

उन्होंने कहा कि आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ना होगा। मोदी ने कहा – ‘कुछ देश, क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को अपनी नीतियों के टूल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।’

अपने संबोधन में मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर सभी सदस्य देशों से मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा – ‘अफगानिस्तान की स्थिति का सीधा असर का हम सभी की सुरक्षा पर पड़ा है। अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश सदस्य देशों की तरह ही हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए एकजुट प्रयास करने होंगे। यह महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने या चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए न किया जाए।’

पीएम ने कहा कि भारत ने एससीओ के भीतर सहयोग के पांच स्तंभ स्थापित किए हैं जिनमें स्टार्टअप और इनोवेशन, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझी बौद्ध विरासत शामिल हैं। उन्होंने कहा – ‘पिछले दो दशक में एससीओ पूरे यूरेशिया क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है। इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत प्रमाण हैं।’