Home Blog Page 866

दिल्ली में फिर भूकंप के झटके

देश की राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लॉक डाउन के समय में भूकंप ने लोगों में दहशत भर दी है। आज भूकंप की तीव्रता २.5 बताई गयी है।
कल भी ३.5 की तीव्रता के भूकंप के झटके दिल्ली में महसूस किये गए थे। उनका एपिसेंटर दिल्ली ही था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में आज के भूकंप के झटकों की तीव्रता २.5 थी जिसे ज्यादा नहीं माना जाता लेकिन इसने लोगों में दहशत भर दी है।
पिछले काफी दिन से हिमाचल के चम्बा में लगातार भूकंप आ रहे हैं। वहां पिछले १५ दिन में कमसे कम पांच बार भूकंप के झटके महसूस किये हैं।

पीएम कल १० बजे देश को संबोधित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सुबह १० बजे देश को संबोधित करेंगे। अभी यह पता नहीं है कि अपने संबोधन में वे क्या ऐलान करेंगे। वे किसानों और मजदूरों के लिए पैकेज का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि आपसी दूरी बनाए रखने को अभी जारी राख्या जाएगा, लिहाजा संभावना यही है कि लॉक डाउन चरणवद्ध तरीके से ही ख़त्म किया जाएगा।

अभी तक यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉक डाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन साथ ही पीएम कुछ रियायतों का भी ऐलान कर सकते हैं। वैसे अभी तक ज्यादातर विशेषज्ञ और राज्यों के मुख्यमंत्री भी लॉक डाउन कमसे काम ३० अप्रैल तक बढ़ाने का समर्थन करते दिखे हैं।

लॉक डाउन का फायदा दिखा है और यह भी दिख रहा है कि देश में कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। मरने वालों की संख्या भी ३०० के पार चली गयी है। ऐसे में लॉक डाउन को इस मौके पर ख़त्म करना बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है।

दूसरे गरीबों, मजदूरों और किसानों को लॉक डाउन से बहुत मुश्किल दौर देखना पड़ रहा है। यह माना जा रहा है कि मजदूर और गरीब लॉक डाउन अचानक लगने और उनका कोइ इंतजाम न किये जाने से सरकार से नाराज हैं। लिहाजा उनके लिए मोदी पैकेज का ऐलान कर सकते हैं।

पालघर की फैक्ट्ररी में घमाका, २ कर्मियों की मौत

महाराष्ट्र के पालघर में एक फैक्टरी में ब्लास्ट होने से दो लोगों की मौत हो गयी है और कुछ लोग घायल हुए हैं। अभी यह पता नहीं है कि घमाका कैसे हुआ।

जानकारी के मुताबिक यह धमाका फैक्टरी के रिएक्टर में हुआ है। जिन दो लोगों की मौत होने की खबर है वे दोनों फैक्टरी में कर्मचारी थे। इस धमाके में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। अभी यह पता नहीं है कि घमाका कैसे हुआ।

यह धमाका पालघर की एक फैक्टरी के रिएक्टर में सोमवार दोपहर हुआ है। उस समय वहां बहुत कम लोग थे। हालांकि, कितने लोग थे, इसका सही-सही पता नहीं है क्योंकि लॉक डाउन के कारण कायदे से वहां किसी को होना नहीं चाहिए था।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक जिन दो लोगों की जान गयी है वे दोनों फैक्टरी के ही कर्मचारी थे।

दिल्ली में भूकंप के झटके

दिल्ली में ५.४७ पर भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए हैं। यह झटके बहुत ज्यादा तेज थे।  लोग घबरा कर घरों से बाहर निकल आये। बताया गया है कि इसका एपिसेंटर दिल्ली में ही बताया गया है। शुरुआती ख़बरों में बताया गया है कि इसकी तीव्रता ३.४ थी।

यह झटके इतने तेज थे कि दीवारें और पंखे तेज हिलते महसूस किये गए। अभी तक किसी नुक्सान की कोइ खबर नहीं है। लोग अभी भी दर के कारण घरों के बाहर खड़े हैं।

यह झटके तेज थे। इनका एपिसेंटर कहाँ था अभी तक मालूम नहीं है। यह भी नहीं पता कि इनकी सेंटर कहाँ था। झटके गाजियाबाद में महसूस किये गए।

‘सोशल डिस्टेंसिंग’ नहीं ‘फिजिकल डिस्टेंसिंग’ शब्द बोला और लिखा जाए

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते और लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल गलत है और इस शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए। समाज विज्ञानियों और डब्ल्यूएचओ का भी मानना है कि वायरस के चलते एक-दूसरे से दूर रहने को सोशल डिस्टेंसिंग कहने से लोगों में गलत संदेश जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने भी सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) शब्द इस्तेमाल करने की बात कही है। इतना ही नहीं, डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल अपने ट्वीट में भी फिजिकल डिस्टेंसिंग ही लिख रहे हैं।
पर, भारत में सोशल डिस्टेंसिंग शब्द का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। समाज शास्त्रियों का कहना है कि महामारी में बचाव के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने की जगह अपने सामाजिक रिश्ते और मजबूत रखने होंगे।
अमेरिका की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस और पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डेनियल अल्ड्रिच शुरुआत से ही ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द के इस्तेमाल पर ऐतराज जताते रहे हैं। अपने शोधपत्र में  प्रोफेसर डेनियल अल्ड्रिच ने युद्ध, आपदा और महामारियों से उबरने में सामाजिक संबंधों की भूमिका पर एक शोध किया है उनका कहना है कि आपातकाल में उन लोगों के बचने की संभावना ज्यादा होती है जो सामाजिक तौर पर सक्रिय होकर जिंदादिल बने रहते हैं।
कड़वा सच तो यह भी है कि अधिक जनसंख्या घनत्व वाले मेट्रो व अन्य शहरी इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग का अमल किसी भी हालत में मुमकिन नहीं है। एक कमरे दर्ज़न भर लोग और एक टॉयलेट से कैसे इस पर अमल हो सकता है।
सोशल मीडिया ही नहीं, मेन स्ट्रीम मीडिया में भी सोशल डिस्टेंसिंग का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है और इस शब्द के इस्तेमाल से जाने-अनजाने समुदायों के बीच दूरी बढ़ाई जा रही है, जो समाज के साथ ही देश के लिए भी घातक साबित हो सकती है।

रोक के बावजूद तम्बाकू उत्पादों की बिक्री जोरों पर

कोरोना वायरस के तांड़व को रोकने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारें जी-जान से प्रयासरत हैं। पर वहीं दिल्ली – एनसीआर में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री जोरों पर है। हालांकि सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुये 22 मार्च 2020 के बाद ही तम्बाकू की बिक्री और उसके सेवन पर रोक लगा दी थी । फिर भी आज भी तम्बाकू की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसके कारण तम्बाकू का सेवन करने वाले जमकर तम्बाकू का सेवन कर जगह -जगह सड़कों पर थूक रहे हैं। हालांकि सरकार ने सख्त आदेश दिये है कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक पर थूकते पाया गया तो कानूनी कार्रवाई होगी। उसके बावजूद थूकने वालों को कोई डर नहीं है। वे जहां- तहां सार्वजनिक स्थानों पर थूकते देखे जा सकते है। तहलका संवाददाता ने दिल्ली के उन इलाकों में राशन और पान विक्रेताओं के घरों के आस-पास देखा तो तम्बाकू उत्पाद और गुटखा की बिक्री हो रही है। गुटखा खरीदने वाले महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर है। क्योंकि उनको गुटखा खाने की लत ने इस कदर आदि कर दिया हैै। कि वे पान वालों के घरों में जाकर और राशन की दुकान पर गुटखा खरीदते देखे जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक जब दिल्ली सरकार ने सिनेमा घरों और कई सार्वजनिक स्थानों को बंद करने की बात ही की थी। तब नशीले पदार्थ विक्रेताओं और तम्बाकू उत्पाद बिक्रेताओं ने ये जान लिया था। कि तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगेगी। ऐसे में गुटखा और बीडी, सिगरेट की जमाखोरी कर इन उत्पादों में मंहगे दामों में बेचा जाना लगा है। बताते चले नशीले पदार्थो की बिक्री करने वालों का नेटवर्क इस कदर है कि आज भी वे इस सोशल डिस्डेंस और लॉकडाउन के दौरान भी तम्बाकू उत्पादों को बडी सरलता से अपने ग्राहक तक पहुंचा रहे है। इस नेटवर्क में  शामिल लोग सप्लाई पैदल चलकर और सब्जियों के थैले में रखकर तम्बाकू और बीडी सिगरेट भेजी जा रही है। ऐसा नहीं है कि इस खेल में कोई सरकारी अफसर शामिल न हो।
तम्बाकू और बीडी ,सिगरेट का सेवन करने वालों का कहना है। कि लॉकडाउन और सोशल डिस्डेंस ही तो है। इसका मतलब ये नहीं है कि वे अपने शौक पूरे न करें। रहा सवाल तो वे सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा का सेवन नहीं करते हैं।
सबसे गंभीर बात तो ये है कि इस समय सारा सरकारी महकमा और पुलिस कोरोना वायरस के कहर से दो -चार हो रही है। ऐसे में कुछ व्यापारी वर्ग अपने लाभ को देखते हुये कोई मौका नहीं गंवाते है। जिसका नतीजा ये है। तम्बाकू और बीडी, सिगरेट की बिक्री जोरों पर है।
सूत्रों के मुताबिक इस समय तम्बाकू उत्पाद की जमाखोरी के कई स्थान दिल्ली में है जिनमें चावड़ी बाजार, शाहदरा, आनंद बिहार, मयूर विहार फेस 3, बंगाली मार्केट, पंजाबी बाग, बजीरपुर इंडस्ट्री और नेहरू पैलेस आदि शामिल हैं। जहां पर सुबह-सुबह ही माल की सप्लाई हो जाती है। किसी को भनक तक नहीं लगती है ।
ऐसी स्थिति सरकारी राजस्व को चूना लगाया जा रहा है और जमाखोर मुनाफाखोर बन कर चांदी कूट रहे हैं।
राशन की दुकान में गुटखा बेचने वाले नाम बदला हुआ  रमन ने बताया कि इस समय टीवी चैनलों में गुटखा का प्रचार किया जा रहा है, तो दुकानदार को बेचने में क्या दिक्कत है। सरकार को गुटखा की सप्लाई को पूरी तरह से बंद करनी होगी, तभी तम्बाकू उत्पाद पर रोक लगेगी अन्यथा कुछ नहीं होगा।

5 बच्चों के साथ माँ गंगा में कूद गई

लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के भदोही के जहांगीराबाद गंगा घाट पर रविवार तड़के एक महिला ने अपने पांच बच्चों को लेकर गंगा में छलांग लगा दी। महिला खुद तो तैरकर बाहर आ गई, लेकिन पांचों बच्चे डूब गए। बच्चों में तीन बेटियां और दो बेटे हैं।
पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार, गोपीगंज इलाके के जहांगीराबाद गांव निवासी मृदुल यादव की पत्नी मंजू यादव (36) देर रात अपने पांच बच्चों में शिवशंकर (6) केशव प्रसाद (3), आरती (11), सरस्वती (7) और मातेश्वरी (5) को लेकर जहांगीराबाद घाट पहुंची। सभी बच्चों को लेकर गंगा में छलांग लगा दी। पांचों बच्चे गंगा में डूब गए, वही मंजू तैरकर घाट के किनारे बैठी रही। सुबह जब ग्रामीणों ने पूछा रो मामले का खुलासा हुआ।
पूछताछ में मंजू ने बताया कि मैंने अपने पांचों बच्चों को गंगा में डुबोकर मार दिया। बताया गया कि बच्चों के पिता मृदुल यादव के अनुसार, वह बीती रात किसी रिश्तेदार को लेकर झारखंड गए थे। घटना की सूचना के बाद तत्काल बच्चों के पिता भी मौके पर पहुंच गए जिन्होंने बताया कि पत्नी दिमागी तौर पर फिट है। समझ में नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा कदम कैसे और क्यों उठाया।
वहीं, बच्चों की मां ने आरोप लगाया कि पति से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। जिसके बाद ही उसने यह कदम उठाया। फिलहाल मामले की पड़ताल जारी है और शवों की तलाश की जा रही है। इलाके में माहौल गमगीन हो गया है।

पटियाला में निहंगों का पुलिस पर हमला, एएसआई का हाथ काट डाला, सात गिरफ्तार, काफी हथियार भी मिले

लॉक डाउन के बीच एक बेहद खराब खबर पंजाब के पटियाला से आई है जहाँ  निहंगों ने उत्पात मचाकर उस वक्त एक एएसआई का हाथ काट दिया जब उसने निहंग से कर्फ्यू पास माँगा। शिरोमणी अकाली दल के नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। इस घटना से जुड़े ७ निहंगों को पुलिस ने बाकायदा कमांडो ऑपरेशन करके अब गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से काफी संख्या में हथियार मिले हैं।

घटना के मुताबिक रविवार को सुबह सब्जी मंडी के बाहर मुख्य गेट पर  निहंगों ने पुलिस पर हमला किया। हमले में कुछ और पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इन लोगों के पास के देसी कट्टा और पेट्रोल बम तक मिले हैं। पंजाब के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने मीडिया के लोगों को बताया है कि निहंगों के हमले में एएसआई हरजीत सिंह का हाथ कट गया जिसे पीजीआई, चंडीगढ़ में भर्ती किया गया है।

इस हमले में कई पुलिसकर्मी और मंडी बोर्ड के अधिकारी घायल हुए हैं। मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक उनसे (कर्फ्यू) पास दिखाने को कहा गया लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी से दरवाजे और वहां लगाए गए अवरोधकों (बेरिकेड) को टक्कर मार दी। इसके बाद इन निहंगों ने ड्यूटी पर उपस्थित पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।

जानकारी के मुताबिक पटियाला सदर थाने के प्रभारी और एक अन्य पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक हमले के बाद निहंग वहां से फरार हो गए। बाद में एडीजीपी राकेश चंद्र और कमांडो फोर्स वहां पहुंचे। उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने हमला कर दिया। पंजाब के मुख्या सचिव केबीएस सिद्धू के मुताबिक बलबेरा के गुरुद्वारे से ७ निहंगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास कुछ हथियार भी मिले हैं। आरोपी निहंग के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया गया है। शिरोमणी अकाली दल के नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि घटना को किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और उत्पात करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

कोरोना का कहर :महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक जारी रहेगा लॉकडाउन – सीएम ठाकरे

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सूबे के मुखिया उद्धव ठाकरे ने 21 दिनों के लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

कोरोना महामारी के चलते प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की थी। शुक्रवार को पीएम मोदी ने सभी राज्यों में कोरोना की स्थिति को लेकर से विडिओ कन्फेरस के जरिये बातचीत की। जिसके बाद चीफमिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ने की घोषणा की। इस बात की जानकारी खुद सीएम ठाकरे ने फेसबुक लाइव से दी।

बता दें कि, महाराष्ट्र में अब तक 1,276 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए है। जबकि इसमें से 110 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 188 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए है।

मई से चरणवद्ध खुलेगा लॉक डाउन, पहले धार्मिल स्थल खुलेंगे, फिर सब्जी बाज़ार, घरेलू उड़ानें १५ मई के बाद, स्कूल-कालेज मई आखिर में, पीएम का कल राष्ट्र संबोधन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  की तरफ से घोषित तीन सप्ताह का  राष्ट्रीय लॉकडाउन, जो १४ अप्रैल को समाप्त हो रहा है, दो और हफ्ते के लिए अप्रैल के अंत तक बढ़ाया जा सकता है। लेकिन पहली मई को भी सब कुछ पहले जैसा नहीं होगा, सरकार इसे लेकर अपना मन बना चुकी है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल (रविवार) को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।

सरकार में भरोसेमंद सूत्रों ने ”तहलका” को बताया कि सरकार जिस तरीके पर  विचार कर रही है, उसमें लॉक डाउन को चरणवद्ध तरीके से ख़त्म किया जाएगा। इसमें सबसे पहले यह होगा कि किसी भी स्थान पर वहां की क्षमता के आधा फीसदी से ज्यादा लोगों को जुटने नहीं दिया जाएगा। एक और अहम बात यह है कि ट्रेन और घरेलू उड़ान सेवाओं के बहुत जल्दी शुरू होनी की संभावना नहीं है और यह १५ मई से ही फिर शुरू होने की उम्मीद है।

सरकार के लॉक डाउन खोलने के अस्थाई कलैंडर के मुताबिक सरकार के इदारों से भी पहले धार्मिक स्थल फिर खुलेंगे और यह ५ मई को हो सकता है। फल और सब्जी बाजार ७ मई से खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन वैकल्पिक दिनों में। यानी एक दिन खुली और अगले दिन बंद और फिर अगले दिन खुली।

उधर मॉल, सिनेमा हॉल और वेडिंग हॉल मई के तीसरे सप्ताह में खुलने की संभावना  है, जबकि शैक्षणिक संस्थान मई के आखिर में जाकर खुलेंगे।

ट्रेनों और घरेलू उड़ानों के १५ मई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए, हालांकि, अभी और इंतजार करना होगा। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल  ३० जुलाई की तारीख पर विचार किया जा रहा है, और यह तय करने के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा कि क्या दुनिया कोरोनोवायरस के खतरे से उबर गयी है या नहीं।

सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यह प्रधान मंत्री कार्यालय के समक्ष अस्थायी योजना है और विभिन्न विशेषज्ञ समूहों ने जो प्रस्ताव दिया है, उसका सार है।

कोविड-१९ की स्थिति का जायजा लेने और राष्ट्रव्यापी तालाबंदी को १४ अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस बारे में विचार जानने के लिए, प्रधान मंत्री ने सभी प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शानिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित देश भर में वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन का विस्तार करना चाहते हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान, पीएम मोदी ने कहा, “मैं उनके लिए हमेशा उपलब्ध हूँ और कोई भी मुख्यमंत्री मुझसे बात कर सकता है और सुझाव दे सकता है। हमें कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना चाहिए। कोइ भी अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे। हालांकि, केंद्र मुख्यमंत्रियों को अपनी मजबूरियों के अनुसार कार्यक्रम तय करने की स्वतंत्रता देने का इच्छुक है। प्रधानमंत्री १२ अप्रैल रविवार को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं।