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पॉयलट कांग्रेस के जहाज से ‘बाहर’, मंत्री पद, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त, डोटासरा नए कांग्रेस अध्यक्ष

राजस्थान कांग्रेस के संकट के बीच पार्टी ने मंगलवार को घोषणा की कि भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार गिराने का षडयंत्र रचने और उन्हें समझाने के बावजूद सरकार गिराने की कोशिश करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, दो मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सचिन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। गोबिंद सिंह डोटासरा को नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। हेम सिंह शेखावत सेवा दल का अध्यक्ष बनाया गया है। पॉयलट को हालांकि, अभी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से नहीं हटाया गया है।

एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और आलाकमान के दूतों रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने इसका ऐलान किया। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने एक षड्यंत्र करके पूर्ण बहुमत से चुनी सरकार को गिराने की कोशिश की है। ईडी और आयकर विभाग के जरिये सरकारी इदारों का केंद्र की भाजपा सरकार ने गहलोत सरकार को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा।

विधायक दल की बैठक में यह सारे फैसले किये गए और एक प्रस्ताव पास किया गया। गहलोत खेमे ने दावा किया है उसके पास बहुमत है और सरकार को कोई खतरा नहीं है। अब देखना है कि सचिन पायलट क्या फैसला करते हैं उनके गुट के ज्यादातर विधायक किसी भी सूरत में भाजपा में नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में संभावना है कि पॉयलट क्षेत्रीय दल या किसान मोर्चा जैसे कोई संगठन बनाने का ऐलान करें।

तीन दिन से चल रहे घटनाक्रम के बाद यह नतीजा निकला है। बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पूरी ताकत कांग्रेस के सरकार बनाने के लिए झौंक देने वाले सचिन पायलट को ऐसे कांग्रेस से जाना पडेगा, शायद इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।

दुष्कर्म की धमकी देने में यूट्यूबर शुभम मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज

गुजरात की स्टैंडअप कॉमेडियन को दुष्कर्म की धमकी देने वाले यूट्यूबर शुभम मिश्रा के खिलाफ आखिरकार पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वडोदरा पुलिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने शुभम को हिरासत में ले लिया है। आरोपी के खिलाफ धारा 294 (अश्लीलता), 354 (ए), 504 व अन्य धाराओं  के तहत मामला दर्ज किया है।
दरअसल, कॉमेडियन का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसको लेकर उनपर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का मजाक उड़ाया है। ये वीडियो अप्रैल 2019 का है। इसके बाद कॉमेडियन की काफी अलोचना भी हुई।
शुभम ने बाकायदा वीडियो बनाया
यूट्यूबर शुभम मिश्रा ने उभरती कॉमेडियन के खिलाफ छत्रपति शिवाजी महाराज का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो पर कई लोगों ने आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि शुभम ने उनको दुष्कर्म की धमकी दी।
स्वरा भास्कर ने की थी शिकायत
शुभम मिश्रा का वीडियो सामने आते ही अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इस बात की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से लेकर पुलिस और महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से भी की। हालांकि दोनों ने अपने अपने वीडियो के लिए माफी मांग ली।  इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने गुजरात पुलिस को तत्काल धमकी देने वाले के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार करने को कहा। उसी के बाद मामला दर्ज किए आरोपी को दबोच लिया गया।

एम्स में प्रशासन की मनमर्जी से पोस्टिंग के विरोध में कर्मचारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोरोना काल में, इस समय प्रशासन और कर्मचारियों के बीच परस्पर तालमेल के अभाव में मामला इस कदर गरमाता जा रहा है। कि कर्मचारियों को इसकी शिकायत सीधी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाँ हर्षवर्धन  से की है।एम्स के कर्मचारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण सैकडों स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना जैसी बीमारी से जूझना पडा है।बताते चले एम्स में तमाम पदों पर , पदों के विरूद्ध सैकडों कर्मचारी कार्य को अंजाम दे रहे है।इसकी पुष्टि एम्स की वेबसाइट पर प्रशासन द्वारा विभिन्न कैडर की वरीयता  सूची में साफ झलक रहा है।गत 6 माह पहले ही प्रोजेक्ट कार्य में बरसों से काम कर रहे तीन दर्जन से अधिक कर्मियों को न्यायालय के आदेशों से स्थायी किया गया है।नियमानुसार यह पोस्ट अस्पताल की किचन में होती है और इन्हें नियुक्ति के साथ ही सीधे वहां पदस्थापित किया जाना था ।परन्तु इन सभी को एम्स प्रशासन के भर्ती कार्यालय में लंबे समय तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया । जबकि  वहां मात्र बामुश्किल से दस ही कर्मी  ही बैठाये जा सकते है। चौकाने वाली बात ये है कि इनमें ज्यादात्तर को कुक, मशालची बेयर्स पद पर नियुक्ति दी गई थी।जबकि प्रोजेक्ट में यह अन्य पदों पर कार्यरत थे।सबसे गंभीर बात एम्स में इस ये बात उभर कर आयी है कि एम्स में ऐसी घटनाओं के होने से एम्स की साख और विश्वसीनता को धक्का लगता है।

कमोबेश स्थिति ये बहुत से कैडर के कर्मी के साथ है।एम्स के कर्मचारी प्रसासन पर अपनी मनमर्जी से अपने चहेतों को पोस्टिंग देते रहे है।मेडिकल रिकार्ड का काम देखने की बजाय मेडिकल रिकार्ड तकनीशियन एग्जाम सेक्शन , स्थापना कार्यालय व अन्य विभागों में कार्यरत है। इसी तरह लैब कार्य के लिये नियुक्त किये  गये तकनीकी कैडर के बहुत से कर्मी अपना मूल काम ना कर अन्य विभागों में कम्प्यूटर, स्टोर्स, मीडिया सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों में कार्य कर रहे है।एम्स के कर्मचारियों का कहना है कि एम्स में प्रसासन की लापरवाही का नतीजा ये है कि गत एक दशक से अधिक समय से एम्स के जनसंपर्क अधिकारी का पद खाली पडा है जिसके कारण एम्स में मीडिया को जानकारी प्राप्त करने में काफी दिक्कत का सामना करना पडता है।

आरटीआई कार्यकर्ता अजात शत्रु का कहना है कि एम्स प्रशासन स्वयं स्वीकार करता है कि बहुत से कैडर की वर्क प्रोफाइल में मौजूद नहीं है।उनका कहना है कि एम्स में फैली धाधंलीबाजी के विरोध में कर्मचारी चुप बैठने वाले नहीं है । इसकी शिकायत जल्द से जल्द प्रधानमंत्री से करेंगे ताकि भ्रष्ट्राचार को रोका जा सकें।

‘जादूगर’ अशोक गहलोत सरकार की जंग में विजयी, साथ 108 विधायक, पॉयलट के भी फिलहाल कांग्रेस में रहने की संभावना

यह 2018 के दिसंबर की बात है जब राजस्थान के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत का चयन किया। इसके तुरंत बाद तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर अपने दाएं-बाएं गहलोत और सचिन पॉयलट की फोटो डालकर लिखा – ”यूनाइटेड कलर्स ऑफ  राजस्थान”। आज करीब 19 महीने के बाद राजस्थान कांग्रेस की एकता का यह रंग दोनों की जंग खुलकर सामने आने के बाद थोड़ा ”मटमैला” हो गया है। अनुभवी अशोक गहलोत ने सोमवार को अपने से कहीं कम अनुभवी सचिन पॉयलट को सरकार बचाने की जंग में संख्या बल के आधार पर ”मात” दे दी। उनके साथ 108 विधायक (गहलोत समेत 109) हैं। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कल और आज परदे के पीछे से ”रोल” निभाया है और सचिन पॉयलट के कांग्रेस में बने रहने की भी बहुत संभावना है।

सचिन पॉयलट इस ”हार” के बावजूद कांग्रेस से बाहर चले जायेंगे, अभी कहना मुश्किल है। हो सकता है सचिन कांग्रेस के भीतर ही रहकर अपनी लड़ाई लड़ें। हो सकता है कि उनके कुछ लोगों को मंत्री पद दे दिए जाएं। सुबह जयपुर में कांग्रेस दफ्तर के बाहर पॉयलट की तस्वीर वाले जो पोस्टर हटाए गए थे, उन्हें फिर लगाने की कोशिश दिखी है। यह दिलचस्प है। सचिन के कांग्रेस के भीतर रहने से गहलोत  सरकार की मजबूती की ज्यादा गारंटी रहेगी, यह कांग्रेस भी समझती है।

भाजपा में उनके जाने की अटकलें सिर्फ इस आधार पर लगीं कि वे अपने समर्थक विधायकों को जयपुर से एक ऐसे राज्य के रिजॉर्ट (मानेसर, हरियाणा) में ले गए, जहाँ भाजपा की सरकार है। बहुत ज्यादा संभावना नहीं है कि ज़िंदगी भर भाजपा से लड़ने वाले पॉयलट मध्य प्रदेश के अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह भाजपा में चले जायेंगे। पिछले दो दिन के राजनीतिक संकट के दौरान पॉयलट ने एक बार भी कांग्रेस नेतृत्व, गहलोत या पार्टी की निंदा नहीं की है। न भाजपा या उनके बीच किसी गठजोड़ के कोई साफ़ संकेत मिले हैं, जैसा सिंधिया के मामले में हुआ था।

”तहलका” की जानकारी के मुताबिक संकट के इस दौर में सचिन पॉयलट की जम्मू  कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और अपनी पत्नी के भाई उमर अब्दुल्ला से भी बात हुई थी। इसमें क्या चर्चा हुई पता नहीं, लेकिन समझा जाता है कि अब्दुल्ला ने उन्हें सोच समझकर ही फैसला करने का सुझाव दिया। पक्का नहीं, लेकिन अब्दुल्ला ने उन्हें कांग्रेस नहीं छोड़ने की सलाह दी।

विधायक दल की बैठक के बाद भी सचिन ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद या उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा अभी नहीं दिया है। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी चाहते हैं कि सचिन पॉयलट कांग्रेस में रहें और उनकी कुछ ”नाराजगियों” को दूर किया जाये, भले गहलोत ”सरकार में सुपर बॉस” रहें। सारे घटनाक्रम में प्रियंका गांधी को राहुल ने ही आगे किया और कहते हैं उमर अब्दुल्ला का भी इसमें ”रोल” दिखा है।

विधायक दल की बैठक में 102 विधायक थे, और कुछ किन्हीं कारणों से नहीं आ सके। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक गहलोत संख्या बल के आधार पर सचिन पर भारी रहे हैं, और सचिन समर्थक विधायकों को छोड़कर भी उनके साथ 108 विधायक हैं। हालात बता रहे हैं कि संकट फिलहाल टल गया है।  सचिन कांग्रेस में ही रहेंगे, यही ज्यादा संभावना है।

यह पॉयलट ही हैं जिनके नेतृत्व में कांग्रेस ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीता था। ज़मीन पर सारा काम सचिन ने ही किया था, कांग्रेस में दिल्ली से लेकर जयपुर तक सभी इसे जानते हैं। गहलोत को शायद अब आलाकामन कहेगी, टकराव नहीं सचिन से प्यार के साथ चलें !

सचिन और बागी विधायक बैठक में आएं, कोई मामला है तो मिलकर सुलझा लेंगे : सुरजेवाला

विधायक दल की बैठक जिसे दो बार टाला गया है, से ऐन पहले कांग्रेस ने एक प्रेस  कांफ्रेंस करके बागी तेवर दिखा रहे सचिन पॉयलट और उनके समर्थक विधायकों से इस बैठक में आने की अपील की है। पार्टी ने कहा है कि मोदी सरकार और भाजपा जितने भी हथकंडे कर ले, वो सरकार को नहीं गिरा पाएंगे। पार्टी ने पहले ही इसके लिए व्हिप जारी की हुई है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी फिलहाल शुरू नहीं हुई है और इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।

उधर सचिन पॉयलट की तरफ से मीडिया में यह रिपोर्ट आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि ”वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं”, हालांकि उनके जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आने संभावना काम दिख रही है। यह भी जानकारी मिली है कि जयपुर में कांग्रेस दफ्तर से ऐसे तमाम पोस्टर और होर्डिंग हटाए जाने लगे हैं, जिनमें सचिन पॉयलट की तस्वीर हैं।

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जयपुर भेजे गए वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि सचिन और सभी विधायकों से अपील की कि वे बैठक में शामिल हो जाएँ। उन्होंने कहा वे कांग्रेस की तरफ से, अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से सचिन और विधायकों से   कह रहे हैं कि मतभेद हों भी तो भी उनपर बात हो सकती है। सचिन और सभी साथी पूरे कांग्रेस को परिवार में सभी बहुत ही प्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि ”आपके कहीं और जाने से कांग्रेस ही नहीं आपको भी नुक्सान होगा। परिवार में रहना ही हम सब और प्रदेश की जनता के लिए सही है”। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले ४८ घंटे में  सचिन पायलट से शीर्ष नेतृत्व और अन्य नेताओं की बात हुई है। उन्होंने कहा संगठन और पार्टी से ऊपर कोई नहीं है। सुरजेवाला की इस अपील से साफ़ लग रहा है कि सचिन के लिए यह आखिरी अवसर है, और उसके बाद पार्टी उनपर सीधी कार्रवाई कर सकती है।

सुरजेवाला ने कहा कि सचिन प्रदेश कांग्रेस के माननीय अध्यक्ष हैं और उपमुख्यमंत्री भी हैं। ”व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन राजस्थान की जनता किसी भी प्रतिस्पर्धा से ऊपर है।” आयकर और ईडी के छापों पर सुरजेवाला ने कहा कि ”भाजपा लोकतंत्र की मंडी में यह खरीददारी नहीं कर पायेगी। भाजपा के अग्रिम विभाग आयकर और ईडी अपनी ड्यूटी पर लग गए हैं। मोदी और अमित शाह ने यह शुरू करवाई हैं। जान लें, पैसे के बल और सरकारी संस्थानों के दुरूपयोग के बूते भी  आप राजस्थान की चुनी हुई सरकार नहीं गिरा पाएंगे।

गहलोत के नजदीकियों पर आयकर, ईडी के छापे

राजस्थान में सरकार बचाने और सरकार गिराने की जंग के बीच केंद्र सरकार भी लगता है ”सक्रिय” हो गयी है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार सुबह आयकर और ईडी के छापे पड़े हैं। भाजपा ने इसमें किसी राजनीतिक कोण से इंकार किया है, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा केंद्र में अपनी सरकार के इदारों को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि उसका सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाने का सपना चकनाचूर हो गया है।

जयपुर में गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले ”आम्रपाली ग्रुप” पर भी इनकम टैक्स छापा पड़ा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे भैभव गहलोत के एक प्रतिष्ठान पर भी ईडी ने रेड डाली है। राजनीतिक हलकों में आयकर और ईडी की इस कार्रवाई को शुद्ध रूप से राजनीति से जोड़कर देख्या जा रहा है। कांग्रेस ने इसे सीधे-सीधे भाजपा का सत्ता का दुरूपयोग करना बताया है।

जानकारी के मुताबिक जयपुर और अन्य जगह करीब १० छापे आयकर और ईडी ने मारे हैं। पता चला है कि इनमें से एक छापा तो वहां पड़ा जहाँ कांग्रेस को समर्थन करने वाले दो विधायक रुके हैं।

राजस्थान कांग्रेस संकट के बीच सोनिया ने तीन नेता जयपुर भेजे, राहुल का भी सचिन को भरोसा  

राजस्थान में संकट को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे (प्रभारी राजस्थान) को जयपुर जाने को कहा है। वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पॉयलट के बीच चल रही लड़ाई के गंभीर रुख ले लेने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला किया है। राहुल गांधी ने भी सचिन पायलट को कहा है कि उनकी सारी बातें सुनी जाएंगी।

गहलोत ने आज रात ९ बजे पार्टी विधायकों की बैठक बुला रखी है। प्रभारी अविनाश पांडे पहले से जयपुर में हैं जबकि सुरजेवाला और माकन के देर रात जयपुर पहुँचाने की संभावना है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सचिन पायलट से कहा है कि उनकी सारी बातें सुनी जाएंगी और सभी मतभेद को ख़त्म किया जाएगा। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी इस घटनाक्रम से बहुत आहत हैं, और वे किसी भी सूरत में सचिन को कांग्रेस से नहीं जाने देना चाहते हैं।

गहलोत आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा की सरकार गिराने की कोशिश में है। सारे फसाद की शुरुआत तब हुई जब उपमुख्यमंत्री सचिन पॉयलट को पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक के कार्यालय (एटीएस और एसओजी) से एक पत्र मिला है जिसमें एक प्रकरण में ब्यान दर्ज कराने के लिए समय, तारीख और जगह बताने के लिए कहा गया है। माना जाता है कि पायलट इसे अपना अपमान मान रहे हैं और इससे बहुत नाराज हैं।

वैसे सचिन पायलट के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी एसओजी का नोटिस दिया गया है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के १० विधायक मानेसर चले गए हैं। यह पायलट खेमे के हैं और उनके फोन भी बंद हैं।

मध्य प्रदेश से सबक लेते हुए राजस्थान के वर्तमान संकट को हल करने की कांग्रेस में गंभीर कोशिश शुरू हो गयी है। राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस से नाराज चल रहे राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक २२ विधायक शनिवार को तावडू स्थित आईटीसी ग्रैंड होटल में पहुंचे थे। देर शाम सचिन पायलट दिल्ली चले गए। पॉयलट और गहलोत  जिन अन्य विधायकों को एसओजी का पत्र मिला है वह विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले से जुड़ा है। इसी के बाद राजनीति ज्यादा गरमाई है। सीएम गहलोत ने आज रात पार्टी के विधायकों और मंत्रियों की बैठक के अलावा सोमवार सुबह १०.३० बजे विधायक दल की बैठक भी बुलाई है।

गहलोत ने पूछताछ के लिए इस बुलावे के मामले में साफ़ किया है कि ”कांग्रेस विधायक दल ने एसओजी से भाजपा नेताओं के खरीद-फरोख्त की जो शिकायत की थी, उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप और अन्य कुछ मंत्रियों और  विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। मीडिया में कुछ जगह इसे अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सचिन से उनका पूरा स्नेह है।”

इस बीच कांग्रेस महासचिव और राजस्थान में पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं। ”सरकार सही स्थिति में है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सचिन पायलट से संपर्क की कोशिश की जा रही है। भाजपा  सरकार गिराने की कोशिश कर रही है लेकिन सफल नहीं होगी”।

पांडे की दिल्ली गए कई विधायकों से भी बातचीत हुई जिसके बाद कई विधायक जयपुर वापस लौट गए हैं। पांडे ने कहा कि ”एसओजी के नोटिस पर सभी को जांच में सहयोग करना चाहिए। इसमें क्या नुकसान है”। एसओजी ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के मामले में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत के तथ्यों के आधार पर स्वत: संज्ञान (सू-मोटो) लेते हुए शुक्रवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

 उधर घटनाक्रम से चिंतित वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साफ तौर पर सार्वजनिक रूप से माना कि वह राजस्थान के हालात को लेकर कांग्रेस के लिए चिंतित हैं। उन्होंने ट्वीट किया – ”पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या हम तब जागेंगे जब सबकुछ हमारे हाथ से निकल चुका होगा?”

कुलमिलाकर आज रात की बैठक तो अहम है ही, दिल्ली से आ रहे नेताओं की भूमिका भी इस मामले को ख़त्म करने की होगी। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी किसी भी सूरत में मामला यहीं ख़त्म करना करना चाहते हैं।

ड्रग तस्करी में हथियारों के साथ बीएसएफ का जवान गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के मामले में हुई है। मीडिया रिपोर्ट में जवान पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला बताया गया है। आरोपी जवान जम्मू के सांबा सेक्टर में तैनात था।
अधिकारियों ने रविवार को बताया है कि गिरफ्तार जवान के पास से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुए हैं। हालांकि जवान के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। आरोपी के पास से 80 कारतूस, एक पिस्तौल, 12 बोर के दो कारतूस और दो मैगजीन के साथ तीन मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। बीएसएफ पाकिस्तान के साथ लगती 3,300 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की रक्षा में तैनात है।
फिलहाल, जवान के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। पंजाब पुलिस जवान से पूछताछ कर रहे हैं कि वह ड्रग तस्करी किसके लिए कर रहा था और इतने हत्यारों के साथ वह कहां जा रहा था। बता दें कि पंजाब से सटे पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार ड्रग तस्करी के कई मामले सामने आते रहे हैं और सबसे ज्यादा पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में ड्रग तस्करी का कारोबार चलता है।

मौसमी बीमारियों के साथ कोरोना का खतरा और घातक

कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है बल्कि बरसाती मौसम में डेंगू , स्वाइन फ्लू के साथ –साथ जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढने से कोरोना का संक्रमण तेजी से शहरों के साथ –साथ गांव-गांव में विकराल रूप धारण करता जा रहा है।

डाँक्टरों और  वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षण से इस बात की पुष्टि भी हुई है कि बरसाती मौसम में संक्रमित बीमारियों के कारण बच्चे, युवा और बुजुर्ग को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पडता है। नीति आयोग के सदस्य डाँ वी के पाँल  पहले ही मौसमी बीमारियों खासकर बरसाती मौसम में सावधानी बरतने की अपील कर चुके है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना काल में संक्रमण से बचने के लिये सावधानी बरतनी चाहिये । क्योंकि जिनको हार्ट रोग, मधुमेह और उच्चरक्त चाप की शिकायत है, उन्हें जरा सी स्वास्थ्य संबंधी अगर दिक्कत है, तो डाक्टरी परामर्श लेना चाहिये और इलाज भी करवाना चाहिये।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर एन कालरा का कहना है कि शहरों के साथ अब गांवों में कोरोना के मामले बढने से इस बात की आशंका बढने लगी है कि गांवों में समय रहते काबू ना पाया जा सका तो परिणाम घातक हो सकते है।डाँ कालरा का कहना है कि डेंगू , चिकुनगुनिया, मलेरिया और जलजनित से होने वाली बीमारियों के लक्षण कोरोना जैसे ही होते है। इसमें रोगी को हल्का बुखार ,  खांसी का आना जैसे लक्षण होते है। इसलिये कोरोना के नाम पर घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इलाज करवाये ताकि कोरोना को काबू पाया जा सकें ।उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के वैज्ञानिकों  अध्ययन से इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना और डेंगू दोनों के ही एंटीवाँडी आपस में मिश्रित होकर संक्रणण की जांच को प्रभावित करते है,जिसके चलते फाँल्स पाँजीटिव रिर्पोट आने की संभावना बढ जाती है। डाँ कालरा का कहना है कि कोई भी रोग ऐसा नहीं है जिसका ईलाज ना निकला हो  कोरोना के ईलाज को लेकर वैक्सीन आने से कोरोना को काबू पा लिया जायेगा। लेकिन तब तक सावधानी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। संक्रमित स्थानों में जाने से बचें।गांबों में आज भी स्वास्थ्य सेवायें लचर है ऐसें में कोरोना का बढना चिंता की बात है । सरकार के साथ आम लोगों को जागरूक होना होगा।

ऐश्वर्या बच्चन, बेटी आराध्य बच्चन भी कोविड-१९ पॉजिटिव

बच्चन परिवार में अमिताभ और अभिषेक के बाद ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन भी कोविड-१९ पॉजिटिव पाए गए हैं। अमिताभ और अभिषेक को कल की पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती किया गया था। ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन के लक्षण भी हलके पाए गए हैं।

मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के सह कमिश्नर विश्वास मोटे ने इस जानकारी की पुष्टि की है। अभी यह जानकारी नहीं है कि ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन भी अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। संभावना यही है कि दोनों को एहतियातन अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक परिवार में अन्य की रिपोर्ट नेगेटिव नेगेटिव आई है जिनमें अमिताभ की पत्नी जया भी शामिल हैं। रेपिड टेस्ट में ऐश्वर्या बच्चन और उनकी बेटी आराध्य बच्चन की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, लेकिन स्वैप टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।