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देश में कोविड-१९ के कुल संक्रमितों की संख्या पांच लाख के पार, १५,७३१ की गयी है जान  

देश में कोविड-१९ के मामले शनिवार को ५ लाख के पार चले गए हैं और मरने वालों की संख्या भी १५,७३१ हो गयी है।

शाम तक के आंकड़ों  के मुताबिक आज तक कुल संक्रमित लोगों की संख्या ५,११,४७८ हो गयी है। अब तक कुल २,९७,०१३ लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। सक्रिय मामलों की संख्या १,९८,७३४ है। इस तरह ठीक होने वालों का प्रतिशत देश में ५८.०१ फीसदी है।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा १,५२,७६५ मामले हैं और वहां अब तक ७१०६ लोगों की जान गयी है। दिल्ली दूसरे नंबर है जहाँ ७७,२४० कुल सक्रमित हुए हैं जबकि २४९२ लोगों की मौत हुई है। तीसरे नंबर पर गुजरात है जहाँ संक्रमित लोगों की कुल संख्या ३०,०९५ है जबकि वहां १७७१ लोगों की जान गयी है।

तमिलनाड में भी संक्रमण तेजी से फैला है जहाँ ७४,६२२ संक्रमित मामलों में से ९५७ की जान गयी है। यूपी में २०,९४३ संक्रमितों में से ६३० की  मृत्यु हुई है और मध्य प्रदेश में १२,७९८ मामलों में से ४६ की मौत हुई है।

पश्चिम बंगाल में १६,१९० कुल संक्रमित हुए हैं जिनमें से ६१६ की जान गयी है जबकि राजस्थान में १६,६८० संक्रमित हुए हैं जिनमें से ३८० की मौत हुई है। ेलंगना में १२,३४७ संक्रमित, कर्णाटक में ११,००५ संक्रमित और आंध्र प्रदेश में ११,४८९ संक्रमित हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय हवाई सफर पर प्रतिबंध 15 जुलाई तक बढ़ा

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने अभी अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा सेवा को बंद रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को जारी एक आदेश के अनुसार व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा सेवा पर प्रतिबंध 15 जुलाई तक लागू रहेगा।
डीजीसीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आगे हालात के मद्देनजर चयनित मार्गों पर कुछ अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं को संचालन की अनुमति दी जा सकती है। यह प्रतिबंध कारगो ऑपरेशन (माल ढुलाई) और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से अनुमति प्राप्त उड़ानों पर लागू नहीं होगा। वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान रेल और विमान सहित सभी प्रकार के परिवहन पर रोक लगा दी गई थी। तभी से ये सेवाएं ठप हैं।
12 अगस्त तक रेलवे सिर्फ स्पेशल ट्रेनें ही चलाएगा
रेलवे बोर्ड ने वीरवार को गई ट्रेनों के संचालन पर लगी रोक को आगे बढ़ाने का एलान किया था। बोर्ड ने कहा था कि 12 अगस्त तक सभी मेल, एक्सप्रेस, पैसेंजर, लोकल और ईएमयू ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अगर 12 अगस्त तक किसी ने पहले से टिकट बुक करा रखा है तो उसे पूरी रकम वापस कर दी जाएगी। हालांकि इस दौरान स्पेशल श्रमिक ट्रेनें और पहले से चल रहीं 200 ट्रेनें यथावत चलती रहेंगी। रेलवे का कहना ही कि ज़रूरत और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कुछ और ट्रेनें भी चलाई जा सकती हैं।

दिल्ली के स्कूल ३१ जुलाई तक बंद रहेंगे : सिसोदिया

राजधानी दिल्ली में सभी स्कूल ३१ जुलाई तक बंद रहेंगे। एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी कुछ देर पहले दी है। अब घर पर फिर से ऑनलाइन क्लासें शुरू होंगी
सिसोदिया ने बताया कि वर्तमान हालत को देखते हुए यह फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में स्कूल दोबारा खोलने को लेकर फैसला नहीं किया गया। अब घर पर फिर से ऑनलाइन क्लासें शुरू होंगी
शिक्षा मंत्री ने बताया कि लॉक डाउन में भले पिछले कुछ दिनों में कुछ ढील दी गयी हो, कोविड-१९ की स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया गया है। सुबह ही मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की स्थिति को लेकर घबराने जैसी कोई बात नहीं है लेकिन सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।

इमरजेंसी लैंडिंग : एक्सप्रेस-वे पर उतरा वायुसेना का हेलीकॉप्टर

वायुसेना के एक चॉपर को शुक्रवार को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। हरियाणा के सोनीपत जिले में लैंडिंग के बाद तकनीकी खराबी दूर की गयी और एक घंटे के बाद यह चॉपर दोबारा उड़ गया। इस घटना में सभी सुरक्षित रहे।

जानकारी के मुताबिक यह घटना सोनीपत के कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे पर यमुना ब्रिज के पास की है जहाँ शुक्रवार सुबह करीब १० बजे तब तब अफरातफरी मच गयी जब एक हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग करानी पड़ी। उस समय वहां वाहन चल रहे थे लेकिन लोगों ने कुछ समस्या महसूस करते हुए वाहन रोक लिए।

 गया जब अचानक से एक हेलिकॉप्टर एक्सप्रेस-वे की तरफ बढ़ता नजर आया। देखते ही देखते हेलिकॉप्टर ने एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग कर दी। कोई कुछ नहीं समझ पाया। लैंडिंग की अहसास होते ही एक्सप्रेस-वे के टोल कर्मचारी दौड़ कर वहां पहुंचे और उन्होंने सड़क क्लीयर रखने में मदद की। हालांकि, वायुएना का एक कर्मी भी वहां दिख रहा था।

पता चला है कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हिंडन एयरबेस से अधिकारी और इंजीनियर मौके पर पहुंचे और हेलिकॉप्टर को ठीक किया।

चॉपर की खराबी एक घंटे में ठीक कर दी गयी और करीब ११.१० बजे हेलीकॉप्टर दोबारा उड़ान भरकर उड़ गया। हेलिकॉप्टर की लैंडिंग देखने के लिए आसपास के लोग भी वहां जुट गए।

कश्मीर में सीआरपीफ टीम पर हमला ; जवान और एक बच्चे की मौत

दक्षिणी कश्मीर के बिजबेहड़ा में शुक्रवार को सीआरपीएफ टीम पर आतंकियों के हमले में एक जवान और एक बच्चे की मौत हो गयी। इसके बाद सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गयी जो अभी चल रही है।

जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने इस हमले के बाद फिलहाल इलाके को सील कर दिया है। सीआरपीएफ की यह टीम अनंतनाग के बिजबेहड़ा हाईवे पर सिक्योरिटी में तैनात है। पूरे इलाके की घेराबंदी इ बाद आतंकियों की तलाश की जा रही है। फिलहाल बच्चे और शहीद जवान की पहचान नहीं हुई है।

सुरक्षा बलों ने गुरूवार शाम त्राल के चेवा उल्लर इलाके में एक मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। इस घटना में आतंकियों की फायरिंग में एक जवान और एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था, जिनका इलाज चल रहा है। बारामूला जिले के सोपोर इलाके में भी दो आतंकी मार गिराए गए थे। सभी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं।

बिहार में बिजली गिरने से ९०, उत्तर प्रदेश में ९ लोगों की जान गयी

बिहार में गुरुवार को बिजली गिरने और आंधी-तूफान से जबरदस्त तबाही हुई है। बिहार से आ रही ख़बरों के मुताबिक वहां बिजली गिरने से ९० लोगों की मौत हो गयी है जबकि उत्तर प्रदेश में ९ लोगों की जान गयी है। कई लोग घायल भी हुए हैं। बिहार सरकार ने मृतकों के निकट परिजनों को ४-४- लाख रूपये की राहत राशि देने की घोषणा की है।

जानकारी के मुताबिक बिहार में बिजली गिरने और आंधी तूफ़ान से भारी तबाही हुई है। बिहार से मिली ख़बरों के मुताबिक वहां बिजली गिरने से ९० लोगों के जान चली गयी है। उत्तर प्रदेश में भी बिजली गिरने से ९ लोगों की जान गयी है।

बिजली गिरने और आंधी-तूफान से बिहार में ९० लोगों की मौत होने की पुष्टि बिहार सरकार ने की है। वहां मृतकों के निकट परिजन को ४-४- लाख रूपये देने की घोषणा सरकार ने की है।

पता चला है कि गुरूवार को बिहार में सुपोल, गोपालगंज, अररिया जैसे स्थानों पर ज्यादा नुक्सान हुआ है। बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बिजली गिरने से कम से कम ९ लोगों की मौत हो गई है। अकेले देवरिया में बिजली गिरने से उसकी चपेट में आने वाले ७ लोगों की मौत हो गई और आधा दर्जन लोग झुलस गए। बाराबंकी में भी बिजली गिरने से दो लोगों की जान गयी है।

बिहार में सरकार ने बिजली गिरने से लोगों की जान जाने पर संवेदना जताई है और मृतकों के निकट परिजनों को ४-४- लाख रूपये देने का ऐलान किया है।

नेपाल में पीएम ओली की कुर्सी पर संकट के बादल, पार्टी प्रमुख प्रचंड ने मांगा इस्तीफा

भारत के साथ लिपुलेख को लेकर सीमा विवाद मोल लेने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है। उनकी कम्यूनिस्ट पार्टी टूटने की कगार पर है क्योंकि उनकी पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और पार्टी के कार्यकारी चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ओली की न सिर्फ आलोचना की है बल्कि उनसे इस्तीफे की मांग कर दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रचंड ने साफ़ तौर पर ओली को चेतावनी दे दी है कि वे यदि पीएम पद नहीं छोड़ते हैं तो वह पार्टी को दोफाड़ कर देंगे। इसके बाद ओली की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है। प्रचंड को पार्टी में काफी ताकतवर नेता माना जाता है।
हालांकि, अभी तक की ख़बरों के मुताबिक ओली ने अपना पद छोड़ने से इंकार कर दिया है। ओली ने सरकार का बचाव किया है और कहा है कि प्रशासन देशहित में काम कर रहा है। उनका आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी के नेता ही विपक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
उधर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में प्रचंड ने कहा कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने में नाकाम रही है। उन्होंने चेयरपर्सन और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर अदल-बदलकर पावर शेयरिंग के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।
दहल ने कहा – ”हम पार्टी के एकीकरण के वक्त सरकार को अदल-बदलकर चलाने के लिए सहमत हुए थे लेकिन मैंने खुद अपने कदम पीछे खींच लिए। सरकार का काम देखने के बाद मुझे लग रहा है मैंने ऐसा करके गलती की।”
प्रचंड ने कहा – ”अगर सरकार समाजवाद हासिल करने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है, तो पार्टी को अगले चुनावों में असफलता देखनी पड़ सकती है। सरकार और पार्टी दोनों संकट में हैं।”
वर्तमान घटनाक्रम से लग रहा है कि नेपाल में राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि ओली के भारत से सीमा विवाद में उलझने से नेपाल की जनता बंटी हुई है और बहुत से लोग यह मान रहे हैं कि भारत जैसे मित्र देश से नेपाल को नाराजगी मोल नहीं लेनी चाहिए।
उधर प्रचंड पार्टी में मजबूत होकर उभरे हैं और उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है। पार्टी के दो पूर्व प्रधानमंत्री और कुछ सांसद भी ओली के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी को लेकर भी ओली जनता के गुस्से का सामना कर रहे हैं। ओली को चीन समर्थक माना जाता है।

सीबीएसई बोर्ड की 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाएं सुप्रीम कोर्ट ने कीं रद्द

देश की सर्वोच्च अदालत ने सीबीएससी 10वीं और 12वीं की 1 से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। मामले में तीन राज्यों ने कहा था कि प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जिसके चलते परीक्षाएं अभी नहीं कराई जा सकती हैं। इसी को लकेर सुप्रीम कोर्ट में वीरवार को सुनवाई हुई।
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हालात सामान्य होने पर 12वीं के छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 12वीं के छात्रों का पिछली तीन परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।
बता दें कि अभी कई स्कूलों में आइसोलेशन सेंटर चलाए जा रहे हैं जिसके चलते परीक्षाएं नहीं कराई जा सकती हैं। इसके अलावा छात्रों को कुछ महीने बाद होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में भी शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। स्टूडेंट्स चाहें तो इंप्रूवमेंट एग्जाम देकर अपने नंबर बेहतर कर सकते हैं।
इससे पहले केंद्र और  सीबीएसई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि बाहरवीं कक्षा की बची हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला बृहस्पतिवार को लिया जाएगा।
एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली इन परीक्षाओं को कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से टाला गया है। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित करते हुए कहा था कि सरकार और बोर्ड छात्रों की परेशानी से अवगत हैं और अधिकारी इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेंगे। मेहता ने पीठ से इस मुद्दे को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वे अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराएंगे।

भारतीय आईटी प्रोफेशनल को बड़ा झटका, अमेरिका ने सस्पेंड किया एच1-बी वीजा

कोरोना महामारी से बुरी तरह जूझ रहा अमेरिका अब अपने यहां बढ़ती बेरोजगारी से परेशान है। इसी साल चुनाव भी होने हैं, ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर वो कार्ड खेलना चाह रहे हैं, जिससे अमेरिकियों का खुद को मसीह साबित किया ज सके। अब इसी कड़ी में ट्रंप ने एच1-बी वीजा निलंबित करने की घोषणा की है।
इस फैसले से भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल को बड़ा झटका लगा है। ये निलंबन साल के आखिर तक वैध रहेगा। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, ये फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए लिया गया है। बता दें कि अमेरिका में बेरोजगारी ऐतिहासिक लेवल पर पहुंच चुकी है और क़रीब 4 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह कदम उन अमेरिकियों की मदद करने के लिए आवश्यक था, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के कारण अपनी नौकरी खो दी है। इसी साल नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों से पहले ये ऐलान करते हुए ट्रंप ने विभिन्न व्यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के बढ़ते विरोध की अनदेखी की है।
ट्रम्प प्रशासन का यह निलंबन 24 जून से लागू होगा।  इससे बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे। यह उन आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगा जो अपने एच -1 बी वीजा को रिन्यू कराना चाहते थे।
ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले 2.4 लाख लोगों को झटका लग सकता है। बता दें कि अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को एच-1 बी वीजा कहते हैं। इस वीजा को कुशल कामगारों के लिए एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है। इसकी अवधि 6 साल तक कि होती है।

रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद महासचिव पद से इस्तीफा

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में टूटफूट से उसे झटका लगा है। पहले पार्टी के ५ विधान पार्षद (एमएलसी) ने पाला बदल लिया और अब पार्टी के दिग्गज नेता और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है। रघुवंश फिलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और ”एम्स” पटना में भर्ती हैं।

फिलहाल आरजेडी ने अपने इस वरिष्ठ नेता का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। लेकिन यदि वे अपने इस्तीफे पर अड़े रहते हैं तो पार्टी के लिए समस्या बन सकते हैं।

यह माना जा रहा है कि वह एक ज़माने में लालू प्रसाद यादव के विरोधी रामा सिंह की राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात और उनके राजद में शामिल होने की अटकलों के बीच रघुवंश प्रसाद ने यह कदम उठाया है।

राजद के लिए रघुवंश की नाराजगी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मंगलवार सुबह पार्टी के पांच विधान परिषद् सदस्य दिलीप राय, राधा चरण सेठ, संजय प्रसाद ,कमरे आलम और रणविजय सिंह नीतीश कुमार की जदयू में शामिल हो गए। विधान परिषद  अध्यक्ष ने राजद से आए जदयू के सभी सदस्यों को मान्यता देने में देरी नहीं की।

जिन रामा सिंह के राजद में आने की चर्चा से रघुवंश खफा हैं, उनकी पार्टी नेता ने तेजस्वी यादव से मुलाकात हुई थी। रामा सिंह के साथ सवर्ण समाज के कुछ और नेताओं के पार्टी में आने की चर्चा है। एक जमाना था जब रामा सिंह लालू यादव ही  नहीं, रघुवंश प्रसाद सिंह के भी कट्टर विरोधी थे और लगता है तल्खियां अभी ज़िंदा हैं। यह सारा घटनाक्रम तब हुआ है जब बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए जदयू, भाजपा, राजद और कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।