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कारगिल दिवस पर वीर शहीदों को याद किया

कारगिल विजय दिवस पर रविवार को दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा तीनों सेना प्रमुख भी उपस्थित थे। उधर ‘मन की बात’ में कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने का दुःसाहस किया था लेकिन जवाब में भारत की सेना ने जो पराक्रम दिखाया, उसे पूरी दुनिया ने देखा।
इधर दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक संदेश में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन को चेताया और कहा कि भारत पहले हमला नहीं करता है, लेकिन हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देने से भी पीछे नहीं हटता।
विजय दिवस की आज 21वीं वर्षगांठ है और पूरे देश में भारत के वीर सपूतों के अदम्य साहस और कुर्बानी को याद किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह ने शहीदों को नमन किया। मोदी ने कहा कि आज हम 1999 में हमारे देश की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प को याद करते हैं। उनकी वीरता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने ‘मन की बात’ के रेडियों संदेश में कहा – ”साथियों, कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था। भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था। लेकिन कहा जाता है न – बैरू अकराण सब काहू सों, जो कर हित अनहित ताहूं सों…यानि दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना। ऐसे स्वभाव के लोग जो (उनका) हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं। इसलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान की तरफ से पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई। लेकिन उसके बाद भारत ने जो अपनी ताकत दिखाई, सैनिकों ने जो पराक्रम दिखाया, उसे पूरी दुनिया ने देखा।”

अफगानिस्तान से 11 सिख भारत लौटे, बताया इस्लाम स्वीकार करने का डाला जाता था दबाव

अफगानिस्तान में रहने वाले 11 सिख रविवार को भारत आ गए। इनमें निदान सिंह सचदेवा भी शामिल हैं, जिन्हें एक महीने पहले तालिबानियों ने अपहृत कर लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने बताया कि उनपर इस्लाम स्वीकार करने का दबाव डाला जाता था।

निदान सिंह सहित यह 11 सिख अफगानिस्तान से विशेष विमान के जरिए काबुल से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआईए) पहुंचने पर इनका जबरदस्त स्वागत किया गया। भारत की धरती पर पहुंचते ही सभी की आंखें उल्लास से भर उठीं और नम भी हो गईं। निदान सिंह के साथ 16 वर्षीय एक  नाबालिग युवती सुनमित कौर भी है, जिसका अपहरण कर उसे जबरन मुस्लिम बनाकर निकाह करवाया जा रहा था।

निदान सिंह के 17 जून को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और उनकी रिहाई करवाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद भारत सरकार ने उन्हें रिहा करवाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई। तालिबानियों ने उनका अफगानिस्तान के पकटिया गुरुद्वारा से अपहरण कर लिया था। उनकी रिहाई करवाने में एक महीन लग गया था।

अफगानिस्तान से लौटे इन लोगों को लंबी अवधि के वीजा के तहत भारत में रहने की अनुमति होगी। इन सभी को छह महीने के लिए वीजा प्रदान किया गया है। इस बीच उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वे संभवता सीएए के तहत नागरिकता पाने वाले पहले विदेशी नागरिक होंगे।

निदान सिंह के साथ एक 16 साल की नाबालिग युवती सुनमित कौर भी है। उसका अपहरण करके जबरन मुस्लिम बनाकर निकाह करवाया जा रहा था। ये सभी लंबी अवधि के वीजा के तहत भारत आए हैं। नागरिकता संशोधन कानून के तहत इन्हें नागरिकता दी जाएगी।

निदान सिंह सचदेवा ने दिल्ली पहुंचने के बाद खुलासा किया कि उन्हें हर रोज पीटा  जाता था और पेड़ से बांधकर इस्लाम कबूल करने को कहा जाता था। उन्होंने कहा – ”मुझे नहीं पता कैसे हिन्दुस्तान का धन्यवाद करूँ, लेकिन हिंदुस्तान तो हिंदुस्तान ही है।

गहलोत सरकार ने राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए नया प्रस्ताव भेजा

विधानसभा सत्र बुलाने की अपनी मांग को जारी रखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा का 31 जुलाई को सत्र बुलाने के लिए नया प्रस्ताव भेजा है। इसमें सत्र बुलाने के लिए एजेंडा कोरोना वायरस महामारी बताया गया है। राज्यपाल की तरफ से अभी सिर्फ इतनी प्रतिक्रिया आई है कि वे नए प्रस्ताव की जांच-पड़ताल कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र में कहा कि सरकार 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है। नए प्रस्ताव में फ्लोर टेस्ट (बहुमत परीक्षण) कराने का जिक्र नहीं है। राज्यपाल ने कहा, “वह नए प्रस्ताव की जांच-पड़ताल कर रहे हैं”।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि विधानसभा का सत्र  बुलाने का एजेंडा कोरोनावायरस है। इसमें फ्लोर टेस्ट शब्द नहीं है। इससे पहले, राज्यपाल एक प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं। वैसे कहा जा रहा है कि सत्र में कुछ बिल पर चर्चा भी हो सकती है।

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कालराज मिश्रा पर विधानसभा का सत्र बुलाने के फैसले को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके ऊपर से कुछ दबाव है। सीएम गहलोत का कहना था कि वह सोमवार को एक सत्र चाहते हैं, जिसमें वह सरकार का बहुमत साबित करना चाहते हैं।

विधानसभा सत्र बुलाने का संशोधित प्रस्ताव 7 दिन के नोटिस के साथ राजभवन पहुंचा है। अब राज्यपाल को इस प्रस्ताव पर फैसला करना है।

तहलका एक्सपोज : जया जेटली समेत तीन भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार

समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज की करीबी जया जेटली और दो अन्य लोगों को 20 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। इस रक्षा सौदे का भंडाफोड़ तहलका न्यूज पोर्टल के सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन से हुआ था। विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट ने जेटली, उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरलवाल और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया। तीनों की सजा का एलान 29 जुलाई को किया जाएगा।

न्यूज पोर्टल *तहलका* ने जनवरी 2001 में ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ नामक स्टिंग किया था। इसमें काल्पनिक कंपनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति आर्डर के लिए इन लोगों द्वारा रिश्वत लेते दिखाया गया था। जया जेटली ने तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के आधिकारिक आवास पर काल्पनिक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आए मैथ्यू सैम्यूअल से 2 लाख रुपये की रिश्वत ली थी जबकि मुरगई ने 20 हजार रुपये लिए थे। एक अन्य आरोपी सुरेंदर कुमार सुरेखा बाद में इस मामले की गवाह बन गई थीं।

रक्षा मंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
तहलका के स्टिंग के सामने आने के बाद काफी बवाल मचा था। इसके चलते रक्षा मंत्री फर्नांडीज को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का भी नाम सामने आया था लेकिन उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी।

पैसों से जुड़े ऑनलाइन गेम पर सरकारें लगा सकती हैं प्रतिबंध : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें रमी, कार्ड गेम समेत उन सभी ऑनलाइन गेमों पर पाबंदी लगाने के लिए कानून बना सकती हैं, जिसमें पैसे का लेनदेन शामिल है।
हाईकोर्ट ने हाल ही में तेलंगाना सरकार के एक अध्यादेश के बाद तेलंगाना गेमिंग कानून-1974 में संशोधन करते हुए ऑनलाइन रमी गेम पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य के यूजर्स के रियल कैश गेम खेलने पर पूरी तरह से रोक है।
हाईकोर्ट ने अपना आदेश तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम के सिलुवई की याचिका पर दिया। सिलुवई और उसके दोस्तों के खिलाफ कुडनकुलम पुलिस द्वारा एक ग्रामीण इलाके में निजी भूमि पर ताश खेलने का मामला दर्ज किया था। आरोपियों ने कोर्ट में दलील दी थी कि दोस्तों ने फुटपाथ को अवरुद्ध नहीं किया और न ही उनके खेलने से किसी को असुविधा हुई। इसलिए मामले को खत्म कर देना चाहिए।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी पुगलेंधी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने 2003 में लॉटरी टिकटों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर जुए की लत के कारण कई अप्रिय घटनाओं को रोका था। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में ऑनलाइन गेम्स जैसे रमी, कार्ड गेम में लोग पैसे खर्च करते हैं। खासकर युवा अपने मूल्यवान समय और सोचने की क्षमता को बर्बाद कर रहे हैं। समाज भी अच्छा संदेश नहीं जा रहा, परिणाम भी नकारात्मक आ रहे हैं।
जस्टिस ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस तरह के ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाकर कानून पारित कर सकती हैं।  इसके पीछे की वजह बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा इसमें शामिल हो रहे हैं।

जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन भी जाएंगे : गहलोत, समर्थक विधायकों ने बैठक में किया पूरा समर्थन  

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कांग्रेस विधायकों के बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी, चाहे उन्हें राष्ट्रपति भवन तक क्यों न जाना पड़े और उनसे गुहार लगानी पड़े। गहलोत का एक बार फिर राज्यपाल से मिलकर विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह करने का भी कार्यक्रम है। उधर भाजपा के नेता भी आज शाम राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले हैं।

संभावना है कि गहलोत सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नए पत्र के साथ राजभवन जाएंगे। आज हुई बैठक में गहलोत ने विधायकों से कहा – ”भाजपा की साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति भवन जाऊंगा। अगर हमें राष्ट्रपति भवन या यहां तक कि प्रधानमंत्री के निवास पर धरना देना पड़े, तो हम यह भी करेंगे”।  गहलोत की इस बात पर तमाम विधायकों ने उनके समर्थन में हाथ उठाया।

गहलोत ने विधायकों को एकजुटता बनाए रखने और मजबूत रहने के लिए कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि उन्हें 21 दिन तक होटल में रुकना पड़ सकता है। इस समय यह विधायक जयपुर के फेयरमोंट होटल में रुके हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा – ”बहुमत हमारे साथ है”। गहलोत के यह कहते ही विधायकों ने दोबारा हाथ उठाकर उनका समर्थन किया।

याद रहे गहलोत शुक्रवार को भी राजभवन में समर्थक कांग्रेस विधायकों के साथ राज्यपाल से मिले थे और सत्र बुलाने का आग्रह किया था। बाद में गहलोत ने आरोप लगाया था कि ”राज्यपाल किसी के दवाब में सदन आहूत करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं”’। गहलोत ने देर रात केबिनेट की बैठक भी ली थी।

आज काफी देर चली केबिनेट बैठक में विधानसभा सत्र के आह्वान को लेकर राज्यपाल के उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गयी। सुबह राज्यपाल को एक प्रस्ताव भेजा गया, जिसमें यह बताया गया कि विधानसभा सत्र का फोकस, कोरोनावायरस का प्रकोप और परिणामी आर्थिक संकट होगा।

इस बीच विपक्षी भाजपा के नेता भी आज शाम राज्यपाल से मिले। बाद में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा नेताओं ने कहा कि शुक्रवार को राजभवन में कांग्रेस विधायकों का व्यवहार चिंताजनक था। उन्होंने गहलोत के कथित तौर पर राज्यपाल के घेराव वाले ब्यान पर भी चिंता जताई।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज कोविड-19 पॉजिटिव, खुद को क्वारंटाइन किया

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। खुद ट्वीट करके उनहोंने यह जानकारी दी है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा – ”मेरे प्रिय प्रदेशवासियों मुझमें कोविड-19 के लक्षण आ नजर रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहा हूं।” सीएम ने इसके बाद कहा है कि मैं कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहा हूं। मेरे संपर्क में जो भी लोग आए हों वो तुरंत अपनी जांए करवाए। इसके पहले उनके मंत्री अरविंद भदौरिया कोरोना पॉजिटिव मिले थे, साथ ही उनके स्टॉफ के कुछ लोग भी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं

चौहान ने कहा कि वे डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वयं को क्वारंटाइन कर रहे हैं  और इलाज कराएंगे। ”मेरी प्रदेश की जनता से अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना को निमंत्रण देती है”। चौहान कुछ दिन पहले लालजी टंडन के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने गए थी, आशंका है कि इसी दौरान वे किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आये, जो संक्रमित था।

सीएम ने कहा – ”मैंने कोरोना से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए लेकिन समस्याओं को लेकर के लोग मिलते ही थे। मेरी उन सब को सलाह है कि जो मुझसे मिले वह अपना टेस्ट करवा लें। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना का समय पर इलाज होता है तो कोरोना बिल्कुल ठीक हो जाता है। मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना की समीक्षा बैठक करता रहा हूं”।

उन्होंने कहा कि ”मैं यथासंभव अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोरोना की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा और मेरी अनुपस्थिति में यह बैठक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास और प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी करेंगे। मैं स्वयं भी क्वारंटाइन रहते हुए इलाज के दौरान प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के हर संभव प्रयास करता रहूंगा। आप सब सावधान रहें, सुरक्षित रहे और गाइडलाइन का पालन जरूर करें”।

चौहान का ट्वीट –

@ChouhanShivraj
मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझे #COVID19 के लक्षण आ रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले लोग क्वारन्टीन में चले जाएँ।

राजस्थान में आज मंत्रिपरिषद की बैठक, फिर होगी राज्यपाल से विधानसभा सत्र की मांग

राजस्थान में गहलोत मंत्री परिषद् की शनिवार शाम 4 फिर बैठक बुलाई गयी है जिसमें राज्यपाल से विधानसभा का सत्र दोबारा बुलाने के लिए प्रस्ताव पास किया जाएगा। पिछली रात भी राज्यपाल के सत्र को लेकर उठाए गए कुछ सवालों पर चर्चा के लिए गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर सत्तापक्ष से कुछ सवाल किए हैं जिनमें छह बिंदु शामिल हैं। मंत्रिपरिषद् की आज की बैठक में इनका जवाब राज्यपाल को भिजवाएगी। मंत्रिपरिषद की बैठक का समय भी बदला गया है लेकिन अब इसके लिए अब 4 बजे का समय तय किया गया है।

याद रहे गहलोत शुक्रवार शाम अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन गए थे और राज्यपाल से मिलकर विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह किया था। जिसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने यह भी कहा था कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसके अलावा भी उन्होंने कुछ सवाल किये थे।

इसके बाद राजभवन परिसर में कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया था। बाद में इस  मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी विधायकों से कहा, गांधीवादी तरीके से पेश आना है। ये हमारे राजप्रमुख हैं संविधान के हेड हैं। हम कोई टकराव नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहूत करने के लिए मंजूरी न दी हो। राज्यपाल महोदय केबिनेट के निर्णय से बंधे होते हैं। गहलोत ने कहा था – ”लगता है कि ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है”।

श्रीनगर में 2 आतंकी ढेर, एक जवान घायल

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में शनिवार को एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है। सीआरपीएफ का एक जवान भी इस मुठभेड़ में घायल हुआ है।

जानकारी के मुताबिक यह मुठभेड़ श्रीनगर के रणबीरगढ़ इलाके में हुई। सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि इलाके में आतंकी छिपे हैं जिसके बाद उन्होंने वहां पहुंचकर सर्च अभियान शुरू किया। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके में सेना का आतंकियों के खिलाफ यह अभी भी जारी है। अभी तक वहां 2 आतंकियों को मार गिराया गया है। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी जिसके बाद सुरक्षा बलों ने आपरेशन शुरू किया जिसमें आतंकी मारे गए जबकि  सीआरपीएफ का एक जवान भी घायल हुआ।

शनिवार सुबह ही इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना सुरक्षा बलों को मिली थी। सेना की 29 राष्ट्रीय राइफल्स ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ जवानों के साथ इस इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान अफवाहें रोकने के लिए इलाके में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। वहां करीब दो घंटो तक गोलीबारी हुई है।

असम के बाद बिहार में बाढ़ का कहर : 10 की मौत, 10 लाख लोग प्रभावित

असम के बाद अब बिहार में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। बिहार में  भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। राज्य के 10 जिलों में 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस बीच, बिहार मेंअलग अलग जगहों पर  10 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
राज्य आपदा नियंत्रण विभाग के मुताबिक, गोपालगंज जिले में मांझा ब्लॉक के पुरैया गांव, सारण जिले के बरौली ब्लॉक के देवापुर गांव और पूर्वी चंपारण जिले के भवानीपुर गांव में गंडक नदी के तटबंध टूट गए जिससे कई गांवों में पानी भर गया। बाढ़ के चलते दरभंगा और समस्तीपुर के बीच ट्रेन सेवा ठप है। रेलवे ने दरभंगा दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर या सीतामढ़ी नरकटियागंज होकर चलाने का फैसला लिया है।
तटबंध टूटने से गोपालगंज जिले के 45 गांवों के 50 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करने के लिए हेलिकॉप्टरों की मदद मांगी है। वाल्मीकि बैराज से 4,36,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी में बाढ़ आई है।
राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 22 और एसडीआरएफ की आठ टीमों को तैनात किया है। ये टीमें अब तक करीब 93,891 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचा चुकी हैं। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, श्योहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया जिले बाढ़ की चपेट में हैं। गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कंलाबालन, लालबकेया, अध्वरा, खिरोई और महानंदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पानी के सैलाब से असम में 130 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी बाढ़ प्रभावित राज्यों के सीएम से बात कर चुके हैं। इस बीच, हालत में खास सुधार नहीं देखने को मिला है। कई प्रदेशों में आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।