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राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश में भाजपा नेता गिरफ्तार

राजस्थान में सियासी साजिश का खेल खुल्लमखुल्ला शुरू हो चुका है। शुक्रवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त करके कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश को लेकर केस दर्ज भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है।
सीएम गहलोत ने कहा, ‘हमें कोरोना वायरस से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हम वही कर रहे हैं , लेकिन भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। ऐसा अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय पर नहीं था।
2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन करने में गर्व किया जाने लगा है। गहलोत ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण के संकट के इस दौर में भाजपा के नेताओं ने मानवता और इंसानियत को ताक पर रख दिया है। ये लोग सरकार गिराने में लगे हैं।  भाजपा नेता सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार तोड़-फोड़ करें …खरीद फरोख्त के काम में लगे हैं।’
गहलोत ने इस बारे में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि सरकार को गिराने के लिए ये लोग अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस तरह का खेल खेल रहे हैं, वे तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव से पहले हर विधायक को 25-25 करोड़ रुपये ऑफर दिया गया था।
हालांकि उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी और पूरे पांच साल चलेगी। गहलोत ने कहा हमने तो अगला चुनाव जीतने की तैयारी भी शुरू कर दी है, इसी हिसाब से बजट पेश किया गया और इसी के अनुरूप सता चलाई जा रही है।
आरोप आधारहीन हैं : सतीश पूनिया
गहलोत के आरोप पर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक चालाक राजनीतिज्ञ हैं, वे अपनी सरकार की विफलता के लिए भाजपा को दोष देने का प्रयास कर रहे हैं। उनके आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। उनके पास संख्याबल है, उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कौन करेगा।

पुलिस को भी न्याय तंत्र पर भरोसा नहीं!

दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का कानपुर के पास ही शुक्रवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से लाकर एनकाउंटर किया जाना, साबित करता है कि अपने सड़े हुए पुलिसिया सिस्टम को भी न्यायतंत्र पर भरोसा नहीं। यह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक साबित होने वाला है।
पुलिस-अपराधी नेक्सस नई बात नहीं है। ऐसा भी नहीं कि एक विकास दुबे को टपकाने से बाकी के विकास दुबे सहम गए हों। वो आज भी घर में बैठकर मुस्करा रहे होंगे, और पुलिसिया व न्याय के खोखले हो चुके तंत्र का मखौल उड़ा रहे होंगे। आखिर इतनी हिम्मत इनको सरकारी पनाह से ही तो मिलती है!
कानपुर के बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की बेरहमी से हत्या किया जाना और फिर हफ्ते भर फरार रहना भी हज़ारों सवाल खड़े करता है। विकास ने माना था कि सीओ से खुन्नस थी, क्योंकि वो उसकी आपराधिक गतिविधियों से वाकिफ था और एक्शन लेने चाहता था। सीओ दुबे के एक पैर से लंगड़ाने की बात कह चुका था। 2 जुलाई को हत्याकांड में सबसे बेरहमी से कत्ल विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का ही किया था।  सिर में कई गोलियां दागने के बाद, उसका एक पैर कुल्हाड़ी से काट डाला था। कुछ मुखबिर किस्म के बुजदिल चौबेपुर थाने के खादीधारी तब भी पहले ही मैदान छोड़कर भाग गए थे। मतलब हर तंत्र में छेद ही छेद हैं।
इससे पहले ही दुबे का बाप पुलिस को कोर्ट में देख लेने की ‘धमकी’ दे चुका था, जो तंत्र की पोल खोलने के लिए काफी थी। आखिर लोगों का हमारी अदालतों और जजों पर भरोसा क्यों कम हो रहा, इस पर गंभीर चिंतन की ज़रूरत है। अदालतों में बैठे जजों को भी अपना आकलन करना होगा, वर्ना सड़क पर ही न्याय मिलने लगेगा तो फिर अदालतों, सरकारों और संसद का क्या काम?

मुठभेड़’ में विकास दुबे की मौत, ८ पुलिस कर्मियों की हत्या का था मुख्य आरोपी  

नाटकीय घटनाक्रम में ”पकड़े” जाने के बाद कानपुर के बिकरू में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे, जिसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था, रास्ते में भौती के पास उसका वाहन हादसे का शिकार हो गया। विकास दुबे की इस हादसे के बाद हुई ”मुठभेड़” में मौत हो  गयी है। इस घटना में दो पुलिस जवानों के घायल होने की भी खबर है। इस सारे घटनाक्रम से ढेर सारे सवाल भी खड़े हो गए हैं, जिनमें सबसे बड़ा यही है कि जिस अपराधी ने २४ घंटे पहले चुपचाप समर्पण कर दिया, उसने अब भागने की कोशिश की। उसकी मौत की पुष्टि कर दी गयी है।

घटनास्थल पर गोलीबारी हुई थी, इसकी तस्दीक गाँव वालों ने की है। पता चला है कि जब उसे अस्पताल लाया गया उसकी छाती सहित ऊपर का हिस्सा खून से सना हुआ था। जाहिर है, इस सारे नाटकीय घटनाक्रम पर बहुत सवाल उठ खड़े हुए हैं। यह आरोप लगते रहे हैं कि जिन ”बड़े और ताकतवर” लोगों को अपने नाम सामने आने का डर था, वो नहीं चाहते थे कि विकास जिंदा रहे। इस मुठभेड़ की आशंका कल से ही जताई जा रही थी। इस घटना में दो पुलिस जवानों के घायल होने की भी खबर है।

पता चला है कि जब उसे अस्पताल लाया गया वो मर चुका था। अभी तक यह सामने लाया गया है कि वाहन के ”पलटने” के बाद विकास ने कथित रूप से साथ बैठे पुलिस अधिकारी से हथियार छीनने और भागने की कोशिश की। घटनास्थल पर गोलियों की आवाज भी सुनी गयी। हालांकि, इस सारे मामले पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक विकास इस सारे घटनाक्रम में गंभीर रूप से घायल हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। पता चला है कि उसे कमर और छाती में गोली भी लगी है। अभी तक यह नहीं मालूम कि वाहन का हादसा कैसे हुआ और उसने कैसे भागने की कोशिश की। उसके साथ बड़ी संख्या में पुलिस थी, जिस कारण सारे घटनाक्रम पर वाल उठ रहे हैं। पता चला है कि उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी।

पता चला है कि विकास की मौत टीवी चैनलों पर आने के बाद उसकी माता की तबीयत खराब हो गयी है।

गैंगस्टर विकास दुबे के दो और बदमाश मुठभेड़ में ढेर

कानपुर के बिकरू में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे का एक और करीबी कुख्यात प्रभात मिश्रा मारा गया है। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने का प्रयास किया। उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात को ढेर कर दिया गया। दूसरी ओर, विकास दुबे गैंग के ही बऊआ दुबे उर्फ प्रवीण को पुलिस ने इटावा में मार गिराया। ये दोनों बदमाश 2 जुलाई को बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल थे। पिछले एक हफ्ते में विकास दुबे गैंग के पांच बदमाश ढेर किए जा चुके हैं।  इससे पहले तीन बदमाश प्रेमप्रकाश पांडे, अतुल दुबे, अमर दुबे भी पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

इटावा के एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि वीरवार सुबह बकेवर इलाके के महेवा कस्बे के पास बऊआ और उसके 3 साथियों ने एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी (डीएल-1 जेडए-3602) को लूटा था। चेकिंग के दौरान सिविल लाइन इलाके की कचौरा घाट रोड पर पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया, लेकिन इसी बीच उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में 50 हजार का इनामी बदमाश बऊआ मारा गया। उसके साथी फरार हो गए। मुठभेड़ स्थल से एक पिस्टल, एक दुनाली बंदूक और कारतूस मिले हैं।

चौबेपुर थाने के एसओ और दरोगा गिरफ्तार
कानपुर के जिस थाने में बिकरू गांव आता है, उस चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों पर मुखबिरी का शक होने के साथ ही विकास से मिलीभगत के गंभीर आरोप हैं। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि तिवारी और शर्मा 2 जुलाई को बिकरु गांव में मौजूद थे, लेकिन, शूटआउट शुरू होते ही दोनों मौके से भाग गए थे। एसएसपी दिनेश प्रभु ने बताया कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को जानकारी दी थी कि पुलिस की रेड पड़ने वाली है।

आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार

आखिर कानपुर पुलिसकर्मी हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे गिरफ्तार हो गया है। उसे गुरूवार सुबह करीब ९ बजे उज्जैन के महाकाल के मंदिर परिसर में गिरफ्तार किया गया, जहाँ वो पूजा करने आया था। हैरानी की बात यह है कि जिस  विकास दुबे को एक दिन पहले फरीदबाद में देखा गया था, वो अचानक इतनी दूर उज्जैन सुरक्षित पहुँच गया। यह भी आश्चर्य है कि उसको पकड़ते वक्त पमीडिया के लोग भी वहां मौजूद थे।

जानकारी के मुताबिक वो उज्जैन के महाकाल मंदिर में वो संरेंडर करना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस को उसकी जानकारी मिल गयी।  अधिकारीयों  किया है कि पकड़ा गया व्यक्ति विकास दुबे ही है। मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मी उसे संदिग्ध मानकर उसपर नजर रखने लगे। पुलिस को भी सूचना दे दी गयी।

पुलिसवाले विकास को पकड़ कर ले गए। महाकाल मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड ने यह जानकारी पुलिस को दी थी। उसपर ५ लाख का इनाम था।

इससे पहले पुलिस ने गुरुवार सुबह ही मुठभेड़ में विकास दुबे के दो और साथियों प्रभात मिश्रा और बउअन को ढेर कर दिया।

गैंगस्टर के राइट हैंड अमर दुबे की 9 दिन पहले हुई थी शादी

कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के राइट हैंड और शॉर्प शूटर अमर दुबे को यूपी एसटीएफ ने बुधवार तड़के हमीरपुर के मौदहा में मार गिराया। विकास दुबे के फरार होने के बाद अभी तक पुलिस की पांच लोगों के साथ मुठभेड़ हो चुकी है। जिसमें पुलिस ने तीन को मार गिराया है और दो बदमाशों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।
गैंगस्टर और वांटेड में शामिल अमर दुबे बिकरू हत्याकांड के मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे के मामा अतुल दुबे का चचेरा भाई है। गांव के लोगों की माने तो विकास अमर दुबे पर आंख बंद करके भरोसा करता था। अमर निशाना लगाने में माहिर था। विकास के एक इशारे पर वो गोलियों की बौछार कर देता। नौ दिन पहले ही 29 जून को ही उसकी शादी हुई थी।
हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने अमर का एनकाउंटर कर दिया। अमर की दादी का कहना है कि पोते ने मेरी बात सुनी होती तो मारा नहीं जाता। अमर मूल रूप से कानपुर के शिवली थाना इलाके का था, लेकिन जब से वह विकास के साथ आया तब से वह बिकरू गांव में ही रह रहा था। विकास का तकरीबन पूरा कुनबा आपराधिक गैंग में शामिल है।
रंगदारी वसूलने से लेकर शराब के ठेकों से वसूली करने का काम अमर दुबे के ही जिम्मे था। अमर के खिलाफ चौबेपुर थाने में पांच आपराधिक केस दर्ज हैं। कानपुर हत्याकांड के बाद पुलिस ने अमर के सिर पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था।
विकास के सिर पर अब 5 लाख का इनाम
कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद मुख्य आरोपी विकास दुबे अब भी फरार है। यूपी पुलिस अभी तक पकड़ नहीं सकी है। अब उसके सिर पर 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख का इनाम घोषित कर दिया है। चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिस वालों को लाइन हाजिर किया जा चुका है। थाना प्रभारी के अलावा दो दरोगा और एक सिपाही को मुखबिरी में सस्पेंड किया जा चुका है।

मोदी का मानना है कि दुनिया उनके जैसी है, वह सोचते हैं कि हर एक की कीमत है या उसे डराया जा सकता है : राहुल गांधी

चीन पर लगातार मोदी सरकार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच चल रही बयानबाजी के बीच गांधी ने अब सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा है। गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्‍ट पर सरकार के जांच समिति गठित करने के मामले में राहुल गांधी ने एक ट्वीट में बिना इसका जिक्र करते हुए कहा है कि ”मोदी का मानना है कि दुनिया उनके जैसी है। वह सोचते हैं कि हर एक की कीमत है या उसे डराया जा सकता है।”

राफेल से लेकर चीन तक के मसले पर पीएम मोदी से सीधे ”लोहा” लेते रहे राहुल गांधी ने इस ट्वीट में जो पूरी बात कही है वो यह है – ”श्री मोदी का मानना है कि दुनिया उनके जैसी है। वह सोचते हैं कि हर एक की कीमत है या उसे डराया जा सकता है।  वह यह कभी नहीं समझेंगे कि जो लोग सच्चाई के लिए लड़ते हैं, उनकी कोई कीमत नहीं है और उन्हें डराया नहीं जा सकता है।”

राहुल का यह ट्वीट मोदी सरकार के गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्‍ट पर जांच समिति गठित करने के बाद आया है। मोदी सरकार ने बुधवार को ही ही कहा है कि गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों के खिलाफ वित्तीय लेन-देन में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच की जाएगी।

इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार सुबह एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के आयकर और वित्तीय दान से जुड़े नियमों के कथित उल्लंघन के खिलाफ जांच के लिए मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया है।

जाहिर है इस पर राजनीति तेज हो गयी है। राहुल गांधी ने बिना इसका जिक्र किये ट्वीट किया है।

गृह मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है कि ”जांच का फोकस गांधी परिवार के संचालित किए जाने वाले ट्रस्टों के प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए), इनकम टैक्स एक्ट और फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट जैसे कानूनों के उल्लंघन पर रहेगा। गृह मंत्रालय के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक इस समिति के प्रमुख होंगे।

राहुल का ट्वीट –
@RahulGandhi
Mr Modi believes the world is like him. He thinks every one has a price or can be intimidated. He will never understand that those who fight for the truth have no price and cannot be intimidated.
4:20 PM, Jul 8, 2020

गैंगस्टर विकास दुबे का साथी अमर मुठभेड़ में ढेर

देश भर को हिलाकर रख देने वाले उत्तर प्रदेश के बिकरू गांव में ८ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में अब पुलिस तेजी दिखा रही है। देश के लोगों में इस घटना से उपजे गुस्से को देखते हुए पुलिस ने अब इस घटना के मुख्य आरोपी और इनामी अपराधी विकास दुबे को हर हाल में पकड़ने की ठान ली है। बुधवार को उसका रिश्तेदार और दायना हाथ अमर दुबे एक मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ में हुई फायरिंग में एक एसआई और एसटीएफ का सिपाही भी घायल हो गए।

विकास के ज्यादातर नजदीकी मारे या पकड़े गए हैं, और संभावना जताई जा रही है कि विकास भी अब जल्दी ही पकड़ा जाएगा या किसी मुठभेड़ में मारा जाएगा। पुलिसवालों की हत्या के छठे दिन पुलिस ने विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को मुठभेड़ में मार दिया। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने हमीरपुर में अमर को मार गिराया। फायरिंग में एसआई मनोज शुक्ला और एसटीएफ का एक सिपाही घायल हो गया।

अमर बिकरू के शूटआउट में भी शामिल था और विकास का दायना हाथ कहा जाता था। पुलिस ने अमर पर २५ हजार का इनाम रखा था। दूसरी ओर विकास के साले ज्ञानेंद्र प्रकाश को मध्य प्रदेश के शहडोल से हिरासत में लिया गया है।

बताया जा रहा कि मंगलवार को विकास फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था,  लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया। वह फरीदाबाद के सेक्टर-८७ में कथित तौर पर रिश्तेदार के घर रुका था। उसके साथी अंकुर और प्रभात होटल में रुके हुए थे। उनसे मिलने ही विकास होटल गया था। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास फरार हो गया।

अब अंकुर और प्रभात को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है जिनके पास से दो पिस्टल मिली हैं। दिलचस्प यह है कि ये यूपी पुलिस की हैं। बिकरू शूटआउट में बदमाशों ने ८ पुलिसवालों की हत्या कर कर उनके हथियार भी लूट लिए थे।

आखिर फिनलैंड की वायुसेना ने प्रतीक चिह्न से क्यों हटाया स्वास्तिक

फिनलैंड की वायुसेना ने स्वास्तिक को अपने प्रतीक चिह्न से हटा दिया है। दो पंखों के साथ स्वास्तिक का निशान वहां की वायुसेना कमांड का प्रतीक था। इसे हिटलर की नाजी सेना और उसकी क्रूरता के साथ जोड़कर देखा जाता था। वायुसेना ने बिना किसी घोषणा के इस चिह्न का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
इस बदलाव पर सबसे पहले हेलसिंकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तेइवो तैवैने ने गौर किया। फिनलैंड की आजादी के बाद 1918 में फिनिश वायुसेना का गठन हुआ था, तभी से वो स्वास्तिक का इस्तेमाल कर रहे थे। ये हिटलर की नाजी सेना से बहुत पहले का दौर था। 1945 तक सफेद बैंकग्राउंड पर नीले स्वास्तिक का चिन्ह उनके हवाई जहाजों पर बनाया जाता था।
फिनलैंड ने उस वक्त नाजी जर्मनी का साथ दिया था, लेकिन इस प्रतीक का उद्देश्य नाजी के प्रति समर्थन दिखाना नहीं था।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद स्वास्तिक को हवाई जहाजों से हटा दिया गया लेकिन वायुसेना के कुछ यूनिट ने प्रतीक चिन्हों के तौर पर, झंडों या सजावट के लिए और वर्दियों पर इसका इस्तेमाल जारी रखा था।
जनवरी 2017 से ही वायुसेना कमांड का प्रतीक चिह्न वायुसेना के सर्विस प्रतीक चिह्न से मिलता जुलता है–एक सुनहरे चील के साथ पंखों का एक चक्र।
स्वास्तिक के बारे में जानें
स्वास्तिक शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ भलाई या अच्छा भाग्य होता है। हजारों वर्षों से भारत समेत दुनिया की कई सभ्यताएं स्वास्तिक का इस्तेमाल करती आ रही हैं। 20वीं सदी में स्वास्तिक पश्चिमी फैशन का भी हिस्सा बन गया था। 1920 में अडोल्फ हिटलर ने स्वास्तिक को अपनी नेशनल सोशलिस्ट पार्टी का प्रतीक चिह्न बनाया। हिटकर की क्रूरता और नरसंहार के कारण स्वास्तिक को पश्चिमी देशों में नाजीवाद और यहूदी विरोधी माना जाने लगा।

देश में कोविड-१९ मामले ७ लाख के पार

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संंख्या सात लाख के पार चली गयी है। पिछले २४ घंटे में देश में २२,२५२ नए मामले सामने आये हैं जबकि ४६७ लोगों की जान चली गयी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-१९ के मामले ७,१९,६६५ तक पहुँच गए हैं। इस संक्रमण के कारण अब तक २०,१६० लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले २४ घंटे में ४६७ से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि २२,२५२ से अधिक नए कोरोना केस रिपोर्ट किए गए हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में मरीजों के ठीक होने की मौजूदा दर ६०.८६ है जिसे काफी अच्छा माना जा सकता है। देश में कोरोना से मृत्यु र २.८२ प्रतिशत है। नए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित पांच राज्य – महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तर प्रदेश हैं।
महाराष्ट्र २११९८७ मामलों के साथ सबसे ऊपर है। उसके बाद तमिलनाडु आता है जहाँ ११४९८७ जबकि दिल्ली १००८२३, गुजरात ३६७७२ और उत्तर प्रदेश २८६३६ हैं। हालांकि, बिहार में सबसे काम टेस्टिंग की बात भी सामने आ रहे है जिससे वहां संक्रमित मामलों की सही संख्या ज्यादा हो सकती है।
संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें ९०२६ महाराष्ट्र में हुई हैं जबकि दिल्ली में ३११५  गुजरात १९६०, तमिलनाडु १५७१ और उत्तर प्रदेश ८०९ हैं। दिल्ली में सरकार तेजी से टेस्ट करा रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच संभव हो रही है।