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राजस्थान हाई कोर्ट में आज होगी बसपा की छह विधायकों वाली याचिका पर सुनवाई

राजस्थान में भले सामने से बागी सचिन पायलट गहलोत ही सरकार के खिलाफ दिख रहे हों, परदे के पीछे से भाजपा और बसपा भी सरकार को घेरने में जुटी हुई हैं। एक तरह से भाजपा को ‘फायदा’ देने वाले कदम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी है। इस पर आज सुनवाई होने वाली है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘कांग्रेस को सबक सिखाने’ वाले बसपा प्रमुख मायावती के ब्यान के बाद उनका नाम लिए बगैर बसपा को भाजपा की ‘बी’ टीम बताया है।

यह दिलचस्प है बसपा के इन विधायकों का कांग्रेस में विलय पिछले साल के आखिर में हुआ था। इस विलय के बाद राज्य सभा के भी चुनाव हो चुके हैं जिसमें इन विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया था। तब भी बसपा ने विलय पर सवाल नहीं उठाए थे। याद रहे दो दिन पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा विधायकमदन दिलावर की इसी से जुड़ी एक याचिका खारिज कर दी थी, हालांकि, अब उन्होंने नई याचिका डाली है।

अब बसपा की याचिका राजस्थान हाई कोर्ट में महासचिव सतीश मिश्रा की ओर दाखिल की गयी है जिसमें इन 6 विधायकों के विलय को चुनौती दी गई है।

बसपा के छह विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) विधायक दल का विलय कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ”अब बसपा गहलोत को सजा देना चाहती है”।

उधर बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा था कि राजस्थान में चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से सीएम अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके सभी विधायकों का अपनी पार्टी में विलय करा दिया।

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि सचिन पायलट का साथ दे रहे तीन विधायक वापस गहलोत के साथ लौटने वाले हैं। अभी तक गहलोत 102 विधायकों के साथ होने का दावा कर चुके हैं, जो पूर्ण बहुमत से एक ज्यादा है।

यूएई में जिस एयरबेस पर थे राफेल वहां गिरी थी ईरान की मिसाईल !

यह दावा किया है कि है कि फ्रांस से भारत आते हुए राफेल फाइटर यूएई में जिस एयरबेस पर ठहराव के लिए रुके थे, उस एयरबेस के पास ईरान की कुछ मिसाइल गिरी थीं। यह ईरानी मिसाइल अभ्यास का हिस्सा थीं। इस बीच यूएई से पांचों राफेल आज अंबाला या मौसम में गड़बड़ होने की स्थिति में जोधपुर में उतरेंगे।

जानकारी के मुताबिक एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के पांच राफेल लड़ाकू विमान यूएई के जिस अल-धाफरा बेस पर ठहराव के लिए रुके थे, उसके पास
यह ईरानी मिसाइल गिरी थीं। यही मिसाइल ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सैन्य अभ्यास के दौरान की बताई गयी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरानी मिसाईलें यूएई के अल-धाफरा बेस के पास गिरीं जिन्हें वास्तव में अभ्यास के दौरान होरमुज़ की खाड़ी में नकली अमेरिकी युद्धपोत पर दागी गई थीं। हालंकि, इससे राफेल को कोई खतरा नहीं बना।

इस बीच राफेल लड़ाकू विमान आज दोपहर तक अंबाला एयरबेस पर पहुंच जाएंगे। जानकारी के मुताबिक यदि मौसम में खराबी का कोई पेंच हुआ तो इन्हें  जोधपुर में भी उतारा जा सकता है। वायुसेना के अनुरोध पर स्थानीय प्रशासन ने अंबाला एयरबेस के आसपास के इलाके में धारा 144 लगा दी है ताकि असमाजिक-तत्व और मीडिया राफेल लड़ाकू विमानों की तस्वीरें न ले सकें और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा न हो। स्थानीय लोगों को भी छतों पर न जाने और फोटो न खींचने की सलाह दी गयी है।

अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइटर दोपहर 1 से 3 बजे के बीच अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया इस मौके पर खुद वहां राफेल विमानों की आगवानी के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही वहां एक क्लोज-डोर समारोह में राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल कराया जाएगा।  मीडिया को इस समारोह से दूर रखा गया है।

युवाओं में हेपेटाइटिस का खतरा बरर्तें सावधानी

अब वो दिन गये, जब कहा करते थे, कि युवाओं में बीमारी होने का खतरा कम होता है और बुजुर्गों में ज्यादा होता है। पर आज के आधुनिक युग में बदलती लाइफ स्टाइल की वजह से युवा भी तमाम बीमारियों के चपेट में आ रहे है।विश्व हेपेटाइटिस डे के अवसर पर डाक्टरों ने कहा कि युवाओं में हेपेटाइटिस का खतरा तेजी से बढ रहा है।लीवर की यह बीमारी कभी भी किसी उम्र में किसी को अपनी चपेट में ले सकती है। फिर भी जागरूक और लक्षणों को पहचान कर इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। इस बीमारी का उपचार एलोपैथ और आर्युवेद चिकित्सा पद्धति में है। जाने-माने आर्युवेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है।

हेपेटाइटिस ए-में लीवर में सूजन आ जाती है। भूख कम लगती है।यह गंदा पानी और दूषित भोजन से इस का वायरस फैलता है।

हेपेटाइटिस बी-इसमें शरीर में पीलापन आने लगता है इसका वायरस संक्रमित खून से शरीर में फैलता है।जिसकी वजह से उल्टी –दस्त और पेट में दर्द रहता है।

हेपेटाइटिस सी- में दूषित तथा संक्रमित रक्त के चढवानें से इसका वायरस तेजी से फैलता है।

हेपेटाइटिस डी- में जिन रोगियों को हेपेटाइटिस बी और सी है उनको हेपेटाइटिस डी होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसमें रोगी को हल्का सा बुखार आता है।

हेपेटाइटिस ई- में रोगी को बुखार के साथ शरीर में पीलापन आ जाता है और कमजोरी आती है। यह वायरस दूषित खानपान से फैलता है। एम्स के गैस्ट्रो के डाँ अनूप का कहना है कि इस बरसाती मौसम में वायरल बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है और हेपेटाइटिस वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाली एक खतरनाक बीमारी है।हेपेटाइटिस बरसाती मौसम में मानसून में तेज गति से फैलती है। कालरा अस्पताल के निदेशक डाँ आर एन कालरा का कहना है कि आजकल हर कोई आगे बढने की चाहत में स्वास्थ्य को दरकिनार करता जा रहा है।जिसके कारण तमाम बीमारियों की चपेट में आ रहा है। जैसे व्यायाम का अभाव , खान-पान में लापरवाही, तलीय पदार्थो और मंशालेदार भोजन का अत्याधिक सेवन जिससे बीमारी आ रही है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि  अगर किसी को कोई भी बीमारी है तो ये निश्चित है उसको दूसरी बीमारी आसानी से चपेट में ले सकती है। उनका कहना है कि लीवर , हार्ट, किडनी जैसी बीमारी का अगर समय पर उपचार ना करवाया जाये तो ये बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। डाँ विवेका कुमार का कहना है कि हेपेटाइटिस का टीका समय पर लगवाये और डाक्टरों द्वारा बताये गये दवाओं का कोर्स पूरा करें जिससे बीमारी को पूरी तरह से काबू किया जा सकें। क्योंकि चिकित्सा के क्षेत्र में नई – नई तकनीकों के जरिये जटिल से जटिल रोगों का उपचार संभव हुआ है।लीवर के रोगियों को शराब का सेवन और सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिये ।

देश में आज 4,96,988 लोग हैं संक्रमित, अब तक कोविड-19 से 33,425 की मौत  

देश में कोविड-19 के पिछले 24 घंटे में 47,703 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की अब तक की कुल संख्या 14,83,156 हो गयी है, हालांकि वर्तमान में करीब 4,96,988 लोगों का कोविड-19 का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। देश में इस महामारी से मरने वालों की संख्या अब 33,425 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आज सुबह आठ बजे जारी किए आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 9,52,743 हो गई है। उसके मुताबिक पिछले 24 घंटे में 654 और लोगों की मौत कोविड-19 से हुई है। संक्रमण से मरने वालों की संख्या अब 33,425 हो गई है। देश में अभी 4,96,988 लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में मरीजों के ठीक होने की दर 64.24 प्रतिशत और संक्रमण से मरने वालों की दर 2.25 प्रतिशत है। अभी तक के पुष्ट मामलों में देश में संक्रमित पाए गए लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। पिछले छह दिन में देश में लगातार कोविड-19 के 45,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं।

महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई में कोरोना के 1,033 नए मरीज सामने आए हैं और वहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,10,129 हो गयी है। पिछले 24 घंटे में वहां  39 मरीजों की मौत हुई है जबकि अब तक कुल 6,119 लोग की जान वहां इससे जा चुकी है।

गोरखपुर में कारोबारी के बेटे का अपहरण कर की हत्या

यूपी में कोरोना संकट के बीच अपहरण का धंधा मानो तेजी से फल फूल रहा है। अभी कानपुर का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब योगी के गढ़ गोरखपुर में अपहरण की बड़ी वारदात कर बदमाशों ने कारोबीरी के बेटे का अपहरण कर फिरौती की रकम न मिलने पर 14 साल के ‌किशोर की हत्या कर दी।

उत्तर प्रदेश में अपराध पर काबू पाने के तमाम सख्ती के दावों के बावजूद बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। गोरखपुर के पिपराइच में रविवार को दिनदहाड़े पान कारोबारी महाजन गुप्ता के 14 वर्षीय इकलौते बेटे बलराम की अपहरण कर लिया गया। इसके बाद बदमाशों ने पिता को फोन कर एक करोड़ की फिरौती मांगी। पैसे न मिलने पर मासूम की घोटकर हत्या कर दी। 14 साल के छात्र का शव सोमवार को घर से सात किलोमीटर दूर एक नाले में बोरे में मिला। पांच बहनों का इकलौता भाई था बलराम। महाजन जमीन का कारोबार भी करते हैं।

हत्या के बाद योगी सरकार की पुलिस सक्रिय हुई। आनन-फानन में एसएसपी ने दरोगा दिग्विजय सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच कराने का आदेश दिया।

इसके बाद पुलिस ने वारदात में शामिल सात में से पांच अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। पुलिस ने अपहरण और हत्या में शामिल इस सनसनीखेज मामले में निखिल, नितेश पासवान, दयानंद, रिंकू और अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया है। बाकी दो आरोपियों नितिन चौहान और अजय चौहान की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं।

जानकार ही मास्टरमाइंड
पुलिस के मुताबिक, दयानंद को मालूम था कि महाजन गुप्ता के पास रुपये है। क्योंकि, कुछ दिन पहले ही उसने अपने हिस्से की जमीन बेची थी और 35 लाख रुपये मिले थे। दयानंद भी प्रॉपर्टी का काम करता था इससे उसके पास पूरी जानकारी थी और उसने ही पूरी साजिकश के तहत अपहरण की वारदात के लिए बदमाशों को तैयार किया।

ट्विस्ट : फेसबुक पर सचिन पायलट के अकॉउंट में दोबारा से लौट आया कांग्रेस का ‘हाथ’ चिन्ह

एक बहुत ही दिलचस्प ‘ट्विस्ट’ में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बागी होकर इन दिनों अज्ञातवास में हैं, ने अपने फेसबुक अकॉउंट पर दोबारा कांग्रेस का चुनाव निशान ‘हाथ’ लगा लिया है। अभी यह पता नहीं कि क्या सचिन कांग्रेस से बातचीत कर रहे हैं या इसका कोई और कारण है, लेकिन उनके इस ट्विस्ट ने राजनीति के गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।

पायलट ने फेसबुक के अपने अकॉउंट में यह परिवर्तन आज ही किया है। पहले उन्होंने हाथ का यह चिन्ह हटा दिया था। हाथ, कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है, जिसकी बजह से यह चर्चा फिर शुरू हो गयी है कि क्या सचिन कांग्रेस में ही रहने के लिए पार्टी आलाकमान से कोई बात कर रहे हैं, या यह भी किसी ‘कानूनी पहलु’ का हिस्सा है।

सचिन पायलट ने फेसबुक पर आज अभी तक तीन पोस्ट की हैं। इनमें से पहली गोस्वामी तुलसी दास के संबंधित है जबकि दूसरी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस पर  शुभकामनाएं देने वाली पोस्ट है। तीसरी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस की है। इन तीनों में सचिन ने कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हाथ फिर वापस लाया है।

यदि एक दिन पहले रविवार की बात करें तो सचिन ने कारगिल विजय दिवस और अन्य पोस्ट्स में हाथ का यह चिन्ह नहीं लगाया था। सच तो यह है कि सचिन ने इस चिन्ह को बहुत पहले हटा लिया था, जब 19 विधायकों वाला मामला सामने आया था। आज की उनकी पोस्ट्स में कांग्रेस का ‘हाथ’ चिह्न वापस लौट आने से कई कयास शुरू हो गए हैं।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने आज फेसबुक पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं, जिसमें हाथ का चिह्न दिखाई दिया। उन्होंने पोस्ट में लिखा – ‘सेवा और निष्ठा के पर्याय और राष्ट्र की सुरक्षा और जनता की रक्षा के लिए सदैव निःस्वार्थ भाव से समर्पित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के समस्त जवानों और देशवासियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।’

इसके अलावा, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर भी फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। इन दोनों पोस्ट में नीचे के भाग में कांग्रेस पार्टी का चिह्न ‘हाथ’ दिख रहा है। जब उन्होंने हाथ चिन्ह हटाया था तभी उनके भाजपा में जाने की अटकलें शुरू हुई थीं, हालांकि, उन्होंने याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेजों से लेकर हाई कोर्ट तक यही कहा है कि कांग्रेस में हैं, और पार्टी नहीं छोड़ रहे।

गहलोत को बड़ी राहत, बसपा विधायकों को लेकर भाजपा, बसपा की याचिकाएं खारिज

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान हाई कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने भाजपा के विधायक मदन दिलावर की बसपा के 6 विधायकों से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है। इस तरह दिलावर की याचिका में एक पक्षकार बनने की बसपा की आज दायर अर्जी भी खारिज हो गयी है।

जानकारी के मुताबिक बसपा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अब जबकि मदन दिलावर की याचिका ही खारिज हो गई तो पक्षकार बनने की जरूरत नहीं है। याद रहे भाजपा विधायक मदन दिलावर ने बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दायर की थी।

दिलावर ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।  इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

याद रहे दिलावर ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने 4 महीने पहले बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने इसमें कहा था कि इन 6 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाए, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की।  अब 24 जुलाई को स्पीकर ने शिकायत को निस्तारित कर दिया जिसके बाद अब  हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो गई।

याद रहे साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में बसपा टिकट पर जीते संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा ने पिछले साल कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय कर लिया था जिसके बाद स्पीकर ने इसे मंजूर करते हुए आदेश जारी किया था कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह माना जाए।

आखिर सत्र बुलाने को राजी हो गए राजस्थान के राज्यपाल

राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच खबर आई है कि राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए आख़िरकार राजी हो गए हैं। इससे पहले उन्होंने कुछ किंतु, परंतु के सवाल उठाए थे, जिसको लेकर सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक बात पहुंचा दी।
राज्यपाल ने सोमवार दोपहर को राज्य कैबिनेट की मांग को स्वीकार करते हुए विधानसभा सत्र का आह्वान किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में बताया था कि उन्होंने राज्यपाल के ‘व्यवहार’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है।
हालांकि, राज्यपाल ने इससे इनकार किया कि वह जानबूझकर विधानसभा सत्र बुलाने में देरी कर रहे थे। कांग्रेस ने कहा था कि राज्यपाल ने ऐसा करके लोकतंत्र को बाधित करने का सबसे खराब तरीका अपनाया है।
इससे पहले राज्यपाल मिश्र ने विधानसभा का सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल के संशोधित प्रस्ताव को कुछ बिंदुओं के साथ गहलोत सरकार को वापस भेज दिया था।
…तो हाई कोर्ट के झटके से बिगड़ा भाजपा का खेल
वहीं राजस्थान में उहापोह को लेकर कांग्रेस राजस्थान राजभवन को छोड़कर आज देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट में भाजपा की ओर से दायर की गई, बीएसपी विधायकों के दलबदल की अर्जी खारिज हो गई, जिससे शायद उसका बनता दिखता ‘खेल’ बिगड़ गया। भाजपा विधायक ने बीएसपी के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी थी।

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ली

कांग्रेस ने राजस्थान मामले से जुड़ी सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली है। यह याचिका विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने दायर की थी। इस तरह लगता है कांग्रेस ने अपना पूरा ध्यान राजनीतिक लड़ाई पर फोकस कर लिया है। उधर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार की तरफ से विधानसभा का सत्र बुलाने  की मांग वाली फाइल कुछ और सवालों के साथ वापस सरकार को लौटा दी है।

स्पीकर सीपी जोशी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही अपनी याचिका वापस ले ली। जोशी ने अपनी याचिका में कहा था कि राजस्थान हाई कोर्ट ने उनके बागी विधायको को जारी नोटिस पर ‘स्टे’ लगा दिया है, जो स्पीकर के रूप में उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। स्पीकर की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट में ये जानकारी दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक से इंकार कर दिया था।

इस बीच पता चला है कि राज्यपाल ने एक दिन पहले की गयी गहलोत सरकार की विधानसभा सत्र बुलाने की लिखित मांग वाली फाइल दो नए सवाल पूछते हुए वापस लौटा दी है। इसमें राज्यपाल ने पूछा है कि क्या सरकार सत्र के दौरान विश्वास मत लाना चाहती है, क्योंकि मीडिया में इस तरह की ख़बरें हैं। राज्यपाल ने दूसरे बिंदु में कहा है कि कोरोना की आज की स्थिति में सभी विधायकों को जयपुर बुलाना इतना सरल नहीं है, लिहाजा 21 दिन का नोटिस सत्र के लिए देने के लिए क्या सरकार तैयार है ?

उधर कुछ महीने पहले सभी 6 विधायकों वाला बसपा विधायक दल कांग्रेस में शामिल कर गया था। लेकिन भाजपा ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी जिसपर राजस्थान हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। दिलचस्प यह है कि बसपा ने कांग्रेस में जा चुके अपने छह विधायकों को ‘व्हिप’ जारी करके कहा है कि ‘विधानसभा में वे गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करें’। यह विधायक गहलोत का समर्थन करते हैं।

भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरनाक, देश इसके खिलाफ एकजुट हो : राहुल गांधी, कांग्रेस सभी राजभवनों पर करेगी प्रदर्शन  

राजस्थान में राज्यपाल कलराज मिश्र के रोल को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को देश की जनता से अपील की कि उसे लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आना होगा। इस बीच कांग्रेस ने राजस्थान में राज्यपाल के आचरण की निंदा करते हुए देश भर में राजभवनों के सामने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। राजस्थान में कांग्रेस ने आज भी प्रदर्शन किया।
राहुल गांधी ने रविवार को लोकतंत्र के लिए गंभीर संकट बताते हुए देश की जनता से एकजुट होकर लोकतंत्र की रक्षा में आवाज उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि  हमें एकसाथ आना होगा। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि देश लोकतंत्र के हिसाब से चलेगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान कर रही है, जिसने एक उम्मीद के साथ कांग्रेस की सरकार चुनी थी और भाजपा को सत्ता से बाहर किया था।
कांग्रेस नेता ने राजस्थान के सियासी संकट पर कहा कि पैसे के जोर पर कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। राहुल ने कहा – ”देश कानून और संविधान से चलता है, सरकारें बहुमत से बनती और चलती हैं। भाजपा राजस्थान के 8 करोड़ लोगों का अपमान कर रही है।”
इस बीच राजस्थान के राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस 27 जुलाई से देशभर में धरना प्रदर्शन करेगी। केंद्र सरकार के खिलाफ देशभर में राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करेगी। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में राजभवन के बाहर भी धरना-प्रदर्शन होगा।
याद रहे शनिवार को कांग्रेस ने भाजपा के राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शनों का नेतृत्व पार्टी नेता कर रहे हैं, क्योंकि राजस्थान के मंत्री और विधायक होटल में रोके गए हैं।