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जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति, कमला हैरिस उप-राष्ट्रपति चुने गए

डेमोक्रेट उमीदवार जो बाइडन  नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। वे देश के 46वें राष्ट्रपति होंगे।   भारतीय मूल की डेमोक्रेट कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति चुना गया है। सीएनएन, एपी, बीबीसी के मुताबिक बाइडन ने राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को हरा दिया है और राष्ट्रपति चुने जाने के लिए जरूरी 270 से ज्यादा मत अभी तक हासिल कर लिए हैं। पेनसिल्वेनिया में जीत के साथ ही बाइडन की जीत का रास्ता साफ़ हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके बाइडन को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक के नतीजों में बाइडन को 284 और ट्रंप को 214 वोट मिले हैं। बाइडन की जीत की घोषणा के साथ ही अमेरिका में बाइडन समर्थकों का जश्न शुरू हो गया है और वे बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर इसका स्वागत कर रहे हैं।
जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। उनका जन्म 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। बाइडन ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद सिरैक्यूजयूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वह 1970 में न्यू कैसल काउंटी से पार्षद चुने गए। वे ओबामा के कार्यकाल, 2008 से लेकर 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो वह 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे।
बाइडन ने शनिवार को देश की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने ट्रंप के चुनाव नतीजों को ‘न मानने’ और मेल-इन वोटों में गिनती को धांधली बताने के बाद देश में राजनीतिक पारे को ठंडा करने की कोशिश की थी। अपने संबोधन में बाइडन ने ट्रंप का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्हें संबोधित करते हुए कहा – गुस्सा थूकिए, हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। हम सब अमेरिकी हैं।
साथ ही बाइडन ने अपने डेमोक्रेट समर्थकों से कहा – ‘इसमें कोई शक नहीं कि डेमोक्रेट्स चुनाव जीतने जा रहे हैं। अमेरिकी जनता ने हमें सरकार चलाने का जनादेश दिया है। देश चाहता है कि वो फिर एकजुट होकर आगे बढ़े। आप धैर्य रखें। आज हम वही साबित कर रहे हैं जो 244 साल पहले (1776 में) किया था। और वो यह है कि लोकतंत्र कामयाब और कारगर है। आपका हर वोट गिना जाएगा।’ देश में तनाव को देखते हुए बाइडन ने अपने समर्थकों से शांति बाजनाए रखने की भी अपील की है।
गिनती पर सवाल खड़े कर रहे ट्रंप ने कहा था – ‘बीते दो-तीन दिन में नंबर्स (वोट काउंट) किस तरह बढ़ रहे हैं, मैं इसका स्पष्टीकरण चाहता हूं। चुनाव की रात में मैं सभी राज्यों में लीड कर रहा था। जैसे ही कुछ दिन गुजरे, ये लीड कम हो गई। जैसे ही कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, शायद हमारी लीड भी बढ़ेगी। जो बाइडन को प्रेसिडेंट ऑफिस पर गलत दावा नहीं करना चाहिए। मैं भी ऐसा दावा कर सकता हूं। कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’
ट्रंप को लेकर अमेरिका में अब बड़े स्तर की चर्चा शुरू हो गयी है। यह आशंका जताई जाने लगी है कि ट्रंप हार के बावजूद ‘व्हाइट हॉउस’ छोड़ने में आनाकानी कर सकते हैं। ऐसा होता है तो यह अभूतपूर्व स्थिति होगी। इसमें अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और सेना का क्या रोल रहेगा, यह भी महत्वपूर्ण होगा।
सीक्रेट सर्विस का जिम्मा होता है कि वह व्हाइट हाउस में ”अवांछित तत्वों’ को  किसी भी सूरत में न रहने दे। बाइडन चुनाव जीत जाते हैं और ट्रंप व्हाइट हाउस न छोड़ने पर अड़ जाते हैं तो वो कानूनी रूप से ‘अवांछित तत्व’ माने जाएंगे। ऐसे में सीक्रेट सर्विस का रोल महत्वपूर्ण हो जाएगा और उन्हें ट्रंप को बाहर करना होगा। अमेरिका में चुनाव नतीजे आने के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसके चलते नया राष्ट्रपति जनवरी में जाकर ही पूर्ण अधिकार हासिल कर पाता है। फिलहाल तो नतीजे का इन्तजार है।
इस बीच अमेरिकी की सीक्रेट सर्विस ने बाइडन की जीत के बाद उनकी सुरक्षा को मजबूत कर दिया है और उनके घर के इलाके के आसमान को ‘नो फ्लाई जॉन’ घोषित कर दिया गया है। बाइडन 4 बड़े राज्यों पेन्सिलवेनिया, एरिजोना, जार्जिया और नेवादा में बढ़त हासिल की। उन्हें रिपक्लिन राज्य में भी बढ़त मिली।
पॉपुलर वोट में भी बाइडन ट्रंप से आगे हैं। बाइडन के जहां 74387118 पॉपुलर वोट हैं, वहीं ट्रंप के वोटों की संख्या 70205202 है। हालांकि, पॉपुलर वोट जीत में निर्णायक नहीं माने जाते लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि देश में राष्ट्रपति होने की पहली टर्म में ही ट्रंप अपने नए प्रतिद्वंदी से लोकप्रियता में पीछे हैं। बता दें पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी ट्रंप चुनाव जीतने के बावजूद पॉपुलर वोट पाने में अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी किलंटन से पिछड़ गए थे।

ज्यादातर सर्वे में बिहार चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन आगे

तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के साथ ही शनिवार शाम विभिन्न टीवी चैनेल के सर्वे में नीतीश सरकार के सत्ता से बाहर जाने के संकेत मिलते हैं। इन सर्वे में दोनों गठबंधन में कड़ी टक्कर दिखाई गयी है लेकिन सभी में आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन को बहुमत के ज्यादा पास दिखाया गया है। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

टुडेज़ चाणक्य के सर्वे में वोटों के अनुमान में जेडीयू-भाजपा-अन्य को 34 फीसदी,  आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन को 44 फीसदी और अन्‍य को 22 फीसदी वोट मिलते दिखाए गए हैं। दस फीसदी के इस अंतर् से सीटों में बड़ा फर्क आ सकता है।

टाइम्स नाउ-सी वोटर एग्जिट पोल में महागठबंधन को 120, एनडीए को 116, एलजेपी एक और अन्‍य को 6  गयी हैं।
रिपब्लिक भारत-जन की बात के सर्वे में एनडीए 91 से 117, महागठबंधन 118-138, एलजेपी 05 से 08 और अन्‍य 3-6 लेते दिखाए गए हैं।

एबीपी- सी वोटर के सर्वे में एनडीए 104-128, आरजेडी और सहयोगी 108 से 131, अन्‍य 04 से 08 वोट लेते दिखाए गए हैं।

मुख्‍यमंत्री पद के पसंद के लिए महागठबंधन के सीएम उमीदवार तेजस्वी यादव सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर चल रहे सीएम नीतीश कुमार के मुकाबले उन्हें कई जगह 10 फीसदी की बढ़त दिखाई गयी है। वोटिंग पर निर्णायक असर बेरोजगारी ने डाला है और महिलाओं ने तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा वोट दिए हैं।

राज्य में सरकार बदलना चाहते हैं के सवाल पर  63 प्रतिशत लोगों का जवाब हां में था जबकि सिर्फ 27 प्रतिशत का नहीं में। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे।

ट्रंप के चुनाव में ‘हार न मानने’ की बात पर आगे चल रहे बाइडन बोले – ‘गुस्सा थूकिये, हम दुश्मन नहीं हैं’

राष्ट्रपति ट्रंप के चुनाव नतीजों को ‘स्वीकार न करने’ और ‘कानूनी लड़ाई लड़ने’ की बात कहने के बाद चुनाव नतीजे आने से पहले ही राजनीतिक गातोरोध की स्थिति बनने लगी है। ट्रंप पिछले दो महीने से यह कह रहे हैं कि वे ऐसे चुनाव नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे, जिसमें उनकी हार दिखाई जाएगी। अब उनके डेमोक्रेट प्रतिद्वंदी जो बाइडन ने बिना उनका नाम लिए कहा है कि ‘गुस्सा थूकिए, हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। हम सब अमेरिकी हैं’। साथ ही समर्थकों से बाइडन ने कहा –  ‘इसमें कोई शक नहीं कि डेमोक्रेट्स चुनाव जीतने जा रहे हैं।’ फिलहाल चार बहुत महत्वपूर्ण राज्यों जॉर्जिया, नेवादा, पेनसिल्वेनिया और एरिजोना, जहां कुल 53 इलेक्टोरल वोट हैं और जो सारे चुनाव का खेल बदल सकते हैं, उनमें फिलहाल बाइडन आगे हैं।  जीत के लिए 270 वोट जरूरी हैं और बाइडन अभी तक ट्रंप से काफी आगे चल रहे हैं। इस बीच अमेरिकी की सीक्रेट सर्विस ने बाइडन की बढ़त को देखते हुए उनकी सुरक्षा को मजबूत कर दिया है और उनके घर के इलाके के आसमान को ‘नो फ्लाई जॉन’ घोषित कर दिया गया है।

बाइडन ने शनिवार देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने ट्रंप के चुनाव नतीजों को ‘न मानने’ और मेल-इन वोटों में गिनती को धांधली बताने के बाद देश में राजनीतिक पारे को ठंडा करने की कोशिश की। अपने संबोधन में बाइडन ने ट्रंप का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्हें संबोधित करते हुए कहा – गुस्सा थूकिए, हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। हम सब अमेरिकी हैं।

साथ ही बाइडन ने अपने डेमोक्रेट समर्थकों से कहा – ‘इसमें कोई शक नहीं कि डेमोक्रेट्स चुनाव जीतने जा रहे हैं। अमेरिकी जनता ने हमें सरकार चलाने का जनादेश दिया है। देश चाहता है कि वो फिर एकजुट होकर आगे बढ़े। आप धैर्य रखें। आज हम वही साबित कर रहे हैं जो 244 साल पहले (1776 में) किया था। और वो यह है कि लोकतंत्र कामयाब और कारगर है। आपका हर वोट गिना जाएगा।’ देश में तनाव को देखते हुए बाइडन ने अपने समर्थकों से शांति बाजनाए रखने की भी अपील की है।

अमेरिका के मीडिया में चुनाव में लेकर दो धड़े बने हुए हैं। इनमें मीडिया का एक बड़ा वर्ग बाइडन के साथ दिख रहा है। सीएनएन ने तो बाइडन को ‘प्रेजिडेंट इलेक्ट’ तक कहना शुरू कर दिया है। हालांकि, कल यह खबर आई थी कि फॉक्स न्यूज ने अपने टीम को बाइडन को मजबूत बढ़त के बावजूद ‘प्रेजिडेंट इलेक्ट’ न कहने की हिदायत जारी की थी।

उधर कुछ राज्यों में गिनती पर सवाल खड़े कर रहे ट्रंप ने कहा – ‘बीते दो-तीन दिन में नंबर्स (वोट काउंट) किस तरह बढ़ रहे हैं, मैं इसका स्पष्टीकरण चाहता हूं। चुनाव की रात में मैं सभी राज्यों में लीड कर रहा था। जैसे ही कुछ दिन गुजरे, ये लीड कम हो गई। जैसे ही कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, शायद हमारी लीड भी बढ़ेगी। जो बाइडन को प्रेसिडेंट ऑफिस पर गलत दावा नहीं करना चाहिए। मैं भी ऐसा दावा कर सकता हूं। कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’

ट्रंप को लेकर अमेरिका में अब बड़े स्तर की चर्चा शुरू हो गयी है। यह आशंका जताई जाने लगी है कि ट्रंप हार के बावजूद ‘व्हाइट हॉउस’ छोड़ने में आनाकानी कर सकते हैं। ऐसा होता है तो यह अभूतपूर्व स्थिति होगी। इसमें अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और सेना का क्या रोल रहेगा, यह भी महत्वपूर्ण होगा।

सीक्रेट सर्विस का जिम्मा होता है कि वह व्हाइट हाउस में ”अवांछित तत्वों’ को  किसी भी सूरत में न रहने दे। बाइडन चुनाव जीत जाते हैं और ट्रंप व्हाइट हाउस न छोड़ने पर अड़ जाते हैं तो वो कानूनी रूप से ‘अवांछित तत्व’ माने जाएंगे। ऐसे में सीक्रेट सर्विस का रोल महत्वपूर्ण हो जाएगा और उन्हें ट्रंप को बाहर करना होगा। अमेरिका में चुनाव नतीजे आने के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसके चलते नया राष्ट्रपति जनवरी में जाकर ही पूर्ण अधिकार हासिल कर पाता है। फिलहाल तो नतीजे का इन्तजार है।

इस बीच अमेरिकी की सीक्रेट सर्विस ने बाइडन की बढ़त को देखते हुए उनकी सुरक्षा को मजबूत कर दिया है और उनके घर के इलाके के आसमान को ‘नो फ्लाई जॉन’ घोषित कर दिया गया है।

अभी तक की गिनती में बाइडन 4 बड़े राज्यों पेन्सिलवेनिया, एरिजोना, जार्जिया और नेवादा में बढ़त पर हैं। ट्रंप की नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में बढ़त है, लेकिन इससे उन्हें लाभ नहीं होगा और पेन्सिलवेनिया में जीतना जरूरी होगा। सीएनएन के मुताबिक बाइडन को अब तक 253 और ट्रंप को 213 इलेक्टोरल वोट मिले हैं।राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए।

पॉपुलर वोट में भी बाइडन ट्रंप से आगे हैं। बाइडन के जहां 74387118 पॉपुलर वोट हैं, वहीं ट्रंप के वोटों की संख्या 70205202 है। हालांकि, पॉपुलर वोट जीत में निर्णायक नहीं माने जाते लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि देश में राष्ट्रपति होने की पहली टर्म में ही ट्रंप अपने नए प्रतिद्वंदी से लोकप्रियता में पीछे हैं। बता दें पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी ट्रंप चुनाव जीतने के बावजूद पॉपुलर वोट पाने में अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी किलंटन से पिछड़ गए थे।

अभी तक की गिनती के मुताबिक जॉर्जिया (16 इलेक्टोरल वोट) में 99 फीसदी गिनती के बाद बिडेन को ट्रंप पर 4,430 वोटों की बढ़त है। नेवादा (6 इलेक्टोरल वोट) में बिडेन अपने प्रतिद्वंदी ट्रंप से 22,657 वोटों से आगे निकल गए हैं। पेनसिल्वेनिया (20 इलेक्टोरल वोट) में बिडेन प्रतिद्वंदी ट्रम्प से 28,833 आगे हैं। यह राज्य हारने की स्थिति में ट्रंप के लिए व्हाइट हाउस का रास्ता असंभव हो जाएगा। एरिजोना (11 इलेक्टोरल वोट) में बिडेन रिपब्लिकन ट्रंप के मुकाबले एक प्रतिशत वोटों से आगे चल रहे हैं।

अब मास्क पहनों अभियान

अजीब बिडम्वना है, कि एक ओर तो राजधानी-दिल्ली इस समय बढ़ते प्रदूषण और कोरोना के मामले को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। और वहीं सरकार कहती है, कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। फिर भी बाजार में ढ़िलाई ही ढ़िलाई देखी जा रही है। जहां देखों वहां भीड़ ही भीड़ जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा ही है।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि जब तक दवाई नहीं है तब तक मास्क के सहारे ही कोरोना को हराना है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अब कोरोना के खिलाफ जागरूकता अभियान के तौर पर मास्क पहनों अभियान चलाया जायेगा।

इस बारे में भाजपा नेता राजकुमार सिंह का कहना है कि दिल्ली में जो कोरोना और प्रदूषण का कहर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उसमें दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि दिल्ली सरकार पहले डेंगू  विरोधी अभियान फिर प्रदूषण के विरूद्ध युद्ध अभियान अब कोरोना के भगाओँ के नाम पर मास्क अभियान ।

तहलका संवाददाता के दिल्ली निवासी पूरन सिंह ने बताया कि ये तो जग जाहिर है, कि सरकार कोरोना को रोकने में असफल रही है। अब लोगों को गुमराह करने के नाम पर तामाम जुमलेबाजी करने में लगी है। जिससे जनता को काफी दिक्कत हो रही है। डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि जब सरकार को पता था कि कोरोना का कहर है और हर साल प्रदूषण दिल्ली में कहर बनकर टूटता है। तो ऐसे में सरकार को पहले ही तैयारी करनी थी । जो नहीं की गई। जिसके कारण आज बच्चें, बुजुर्ग सांस सम्बंधी बीमारी से जूझ रहे है। बच्चों  को नेबुलाईजर तक दिया जा रहा है। प्रदूषण की वजह से डाँ बंसल का कहना है कि सरकार को ठोस कदम उठाने होगें अन्यथा कोरोना को रोकना मुश्किल होगा।

बताते चलें दिल्ली में रिकार्ड तोड़ मामले कोरोना के 5 हजार से ज्यादा गत 4 दिनों से आ रहे है। बीतें रोज तो 7 हजार से ज्यादा मामलें आये है।

ऑपरेशन ब्लू स्टार में जब्त चीजों की जानकारी न देना सही फैसला : सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग यानी सीआईसी ने 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में की गई कार्रवाई ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के दौरान बरामद वस्तुओं की जानकारी सार्वजनिक न करने के केंद्र के निर्णय को सही ठहराया है। सीआईसी वाईके सिन्हा ने कहा, आवेदनकर्ता ऐसी जानकारी मांग रहे हैं, जिसे आरटीआई के तहत उजागर नहीं किया जा सकता। इसलिए आयोग इस मामले में और हस्तक्षेप नहीं करेगा।
बता दें कि सेना ने जून 1984 में स्वर्ण मंदिर छिपे आतंकवादियों को निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार किया था। इस सैन्य ऑपरेशन में  493 उग्रवादी, आम नागरिक और 83 सैन्यकर्मी मारे गए थे। आरटीआई के तहत गुरविंदर सिंह चड्ढा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उस दौरान जब्त वस्तुओं की सूची और उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी तथा मृतकों की सूची मांगी थी।
मंत्रालय ने बताया कि सैन्य अभियान के दौरान चार हजार दस्तावेज, पुस्तकें, फाइल सोना-चांदी के आभूषण, रत्न, मुद्रा, सिक्के बरामद हुए थे। ये वस्तुएं और दस्तावेज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी या पंजाब सरकार को सौंप दिए गए थे। जब्त वस्तुओं की सटीक जानकारी न मिलने से असंतुष्ट चड्ढा ने मंत्रालय में पहली अपील दायर की, जिन्होंने आरटीआई की धारा 8, 1(ए) का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। आरटीआई की इस धारा के तहत सरकार उस जानकारी को देने से मना कर सकती है, जिससे देश की संप्रभुता और अखंडता प्रभावित होने की आशंका होती है।

तीन अहम राज्यों में बढ़त के साथ जीत के करीब बिडेन

पेनसिल्वेनिया, जॉर्जिया और नेवादा में महत्वपूर्ण बढ़त के साथ डेमोक्रेट जो बिडेन अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में 270 के आंकड़े को छूकर उससे भी आगे निकलने की स्थिति में पहुंच गए हैं। अमेरिका के मीडिया ने 46वें राष्ट्रपति के रूप में बिडेन की जीत को अब कुछ ही समय की बात बताया है। अभी तक बिडेन के 264 और ट्रंप के 214 वोट हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुछ राज्यों में गिनती में धांधली के आरोपों के साथ सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में हैं, हालांकि, सच यह भी है कि जॉर्जिया ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन का ही गवर्नर है लेकिन वहां बिडेन बढ़त पर हैं। ट्रंप की ऐसी ही दो याचिका आज सुबह ही खारिज हो चुकी हैं। बिडेन की जीत होती है तो उनकी उपराष्ट्रपति पद की भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति होंगी।

आज रात 7.45 बजे (भारतीय समय) तक की गिनती के मुताबिक जॉर्जिया (16 इलेक्टोरल वोट) में 99 फीसदी गिनती के बाद बिडेन के 49.4 फीसदी (24,49,582) वोट हो गए हैं जबकि इतने ही प्रतिशत के साथ ट्रंप के उनके कम 24,48,485 वोट हैं। नेवादा (6 इलेक्टोरल वोट) में 84 फीसदी गिनती के बाद 49.4 फीसदी (6,04,251) वोटों के साथ बिडेन अपने प्रतिद्वंदी ट्रंप 48.5 फीसदी (5,92,813) से आगे निकल गए हैं।

पेनसिल्वेनिया (20 इलेक्टोरल वोट) में 98 फीसदी गिनती के बाद बिडेन 49.5 फीसदी (32,95,327) वोट लेकर ट्रम्प 49.4 फीसदी (32,89,731) से आगे निकल गए हैं। यह राज्य हारने की स्थिति में ट्रंप के लिए व्हाइट हाउस का रास्ता खटाई में पड़ जाएगा।

हालांकि, नार्थ कैरोलीना (15 इलेक्टोरल वोट) में 94 फीसदी गिनती के बाद बिडेन 48.7 फीसदी (26,55,383) प्रतिद्वंदी ट्रंप 50.1 फीसदी (27,32,084) से पीछे हैं।

कौन जाएगा व्हाइट हॉउस, अमेरिका को इंतजार; बिडेन अभी भी हैं आगे

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में यहां की जनता अंतिम नतीजों का बेसव्री से इंतजार कर रही है। अभी तक के नतीजों में राष्ट्रपति और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप को 214 इलेक्टोरल वोट मिले हैं जिसमें उनका वोट प्रतिशत 47.86 फीसदी हैं जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेट उमीदवार जो बिडेन को 264 इलेक्टोरल वोट मिले हैं और उनका वोट शेयर 50.49 फीसदी है। बिडेन मजबूत लग रहे हैं, हालांकि अभी अंतिम नतीजे के बारे में कहना मुश्किल है। बिडेन ने विस्कॉन्सिन और मिशिगन में बढ़त बनाकर ट्रंप का रास्ता मुश्किल कर दिया है और वे 270 के जादुई आंकड़े को छूने की स्थिति में दिख रहे हैं। ट्रंप कुछ राज्यों में बिडेन की बढ़त (जीत) को कानूनी रूप से चुनौती देने की तैयारी में दिख रहे हैं, हालांकि वो वास्तव में कोर्ट जाएंगे, अभी कहना मुश्किल है। फिलहाल चार राज्यों जॉर्जिया, पेन्सिलवेनिया, एरिजोना और नेवाडा के नतीजों पर सबकी नजर है।
इलेक्टोरल वोट के मामले में ट्रंप को पेन्सिलवेनिया, नॉर्थ कैरोलिना, जॉर्जिया और नेवादा में जीत हासिल करनी जरूरी होगी। यह ‘बैटलग्राउंड’ हैं जहां रुझान साफ़ नहीं हैं। इनमें से नेवादा में बिडेन, नार्थ कैरोलिना में ट्रम्प, पेंसिल्वेनिया में ट्रंप, ऐरिजोना में बिडेन आगे हैं जबकि जार्जिया में ट्रंप और बिडेन लगभग बराबर हैं।
इस तरह अगला राष्‍ट्रपति चुनने की चाभी चार प्रमुख राज्‍यों जॉर्जिया, पेन्सिलवेनिया, एरिजोना और नेवाडा के हाथ में है। तीन में ट्रंप आगे हैं जबकि नेवाडा में बिडेन को बढ़त है। यदि बिडेन नेवादा में ही अपनी बढ़त बचा लेते हैं तो यह 6 वोट पाकर वे  राष्‍ट्रपति बन जाएंगे। ट्रंप भले जॉर्जिया, पेन्सिलवेनिया, एरिजोना में बढ़त बनाए हैं लेकिन बिडेन ने इसे लगातार कम किया है। पेन्सिलवेनिया में 20 इलेक्‍टोरल वोट हैं, जहां अभी तक की स्थिति के मुताबिक कांटे की टक्कर है और एरिजोना में भी यही स्थिति है, जहां 11 वोट हैं। अलास्‍का और कुछ अन्य राज्यों में वोटिंग चल रही है। ट्रंप को जीत के लिए इन सभी राज्यों में जीतना होगा।
ट्रंप टीम हार के खतरे को देखते हुए रिकॉउन्टिंग (दोबारा गिनती) की बात कर रही  है, लेकिन बहुत से जानकारों का कहना कि शायद ही इसका कोई लाभ ट्रंप को हो। टीम ट्रंप कोशिश कर रही है कि जिन राज्‍यों में बाइडेन के जीत का मार्जिन कम है, वहां पर दोबारा गिनती कराई जाए। उनकी नजर मिश‍िगन और विस्‍कोन्सिन पर है।
इस चुनाव में भारत के नजरिये से जो सबसे दिलचस्प तथ्य सामने आया है वह यह है कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हाल के महीनों में ‘प्रचार’ का ट्रंप को कोई फायदा नहीं दिखा क्योंकि अमेरिकी भारतीयों की पहली पसंद बिडेन रहे। अश्वेत और मुस्लिम भी बिडेन के साथ खड़े दिखे हैं। यह भी दिलचस्प आंकड़े सामने आये हैं कि जहां कोरोना के मामले ज्यादा हैं वहां ट्रंप को ज्यादा समर्थन मिला है।
अमेरिका में यह माना जा रहा है कि सक्रियता के मामले में ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों को पीछे छोड़ दिया है। वो राजनीतिक ध्रुवीकरण करने वाले नेता साबित हुए हैं। उनका जनाधार भी बढ़ा है। बिडेन जीत जाते हैं तब भी सीनेट में ट्रंप मजबूत रहेंगे। उनके समर्थक तो यहाँ तक मानते हैं कि ट्रंप यह चुनाव हार गए तब भी वे अगले चुनाव में मैदान में बहुत ताकत के साथ सामने आएंगे।
उधर ट्रंप के लिए िछले कुछ घंटों में उस समय असहज स्थिति बन गयी जब उनके दावों को ‘झूठ’ कहते हुए कई टीवी चैनल ने के लाइव भाषण को बीच में ही रोक दिया। एमएसएनबीसी के एंकर ने कहा – ‘ओके, हम यहां पर एक बार फिर से एक असामान्‍य स्थिति में हैं और न केवल अमेरिका के राष्‍ट्रपति को टोक रहे हैं बल्कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति के बयानों को सही कर रहे हैं।’ इसके कुछ देर बाद ही चैनल ने उनके लाइव प्रसारण को रोक दिया।
अमेरिका के टीवी चैनल एनबीसी और एबीसी ने भी ट्रंप के भाषण के लाइव प्रसारण को रोका। सीएनएन के जैक टेप्‍पर ने कहा – ‘अमेरिका के लिए कितनी दुखद रात है जब उन्‍हें अपने राष्‍ट्रपति से यह सुनने को मिल रहा है जो लोगों पर चुनाव पर कब्‍जा करने का झूठा आरोप लगा रहे हैं।’
हालांकि, इन सब से बेफिक्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा – ‘मैं असली (लीगल) वोटों की गिनती में बहुमत से जीत चुका हूं।’ ट्रंप ने आशंका जताई कि अवैध वोटों (मेल-इन वोट) के जरिए इस चुनाव को ‘चुराने’ की कोशिश हो रही है।

वोटों का हिसाब-किताब 

जॉर्जिया में 16 इलेक्टोरल वोट हैं जहां 99 फीसदी सीटों के आंकड़े आ चुके हैं और बिडेन और ट्रंप दोनों के 49.4 फीसदी (24,45,568 और 24,47,343) वोट हैं। नार्थ कैरोलीना में 15 इलेक्टोरल वोट हैं जहां 94 फीसदी सीटों के आंकड़े (गिनती) आए हैं और बिडेन 48.7 फीसदी (26,55,383) और ट्रंप 50.1 फीसदी (27,32,084) , नेवादा में 6 इलेक्टोरल वोट हैं और 84 फीसदी सीटों के आंकड़े आए हैं और बिडेन को 49.4 फीसदी (6,04,251) और 48.5 फीसदी (5,92,813) वोट, पेनसिल्वेनिया में 20 इलेक्टोरल वोट हैं और 95 फीसदी सीटों के आंकड़े के बाद बिडेन के 49.3 फीसदी (32,62,850) और ट्रंप के 49.6 फीसदी (32,85,239), आयोवा में 6 इलेक्टोरल वोट हैं और 99 फीसदी गिनती में बिडेन के 45 फीसदी (7,57,580) और ट्रंप के 53.2 फीसदी (8,96,286), एरिज़ोना में 11 इलेक्टोरल वोट हैं और 90 फीसदी  सीटों के आंकड़े में बिडेन को 50.1 फीसदी (15,28,319) और ट्रंप को 48.5 फीसदी (14,82,062), ओहियो में 18 इलेक्टोरल वोट हैं और 96 फीसदी सीटों के आंकड़े में बिडेन को 45.2 फीसदी (26,03,731) जबकि ट्रंप को 53.4 फीसदी (30,74,418) वोट मिले हैं।

टेक्सास में 38 इलेक्टोरल वोट हैं और वहां 85 फीसदी सीटों की गिनती में बिडेन को 46.4 फीसदी (52,11,603), ट्रंप को 52.2 फीसदी (58,60,494) वोट, न्यू हैम्पशायर में 4 इलेक्टोरल वोट हैं और 99 फीसदी सीटों के आंकड़े में बिडेन को 52.8 फीसदी (4,23,186) और ट्रंप को 45.6 फीसदी (3,65,277) वोट, फ्लोरिडा में 29 इलेक्टोरल वोट हैं और 99 फीसदी सीटों के आंकड़े में बिडेन को 47.9 फीसदी (52,84,377) जबकि ट्रंप को 51.2 फीसदी (56,58,690), मिशिगन में 16 इलेक्टोरल वोट हैं और वहां 99 फीसदी गिनती में बिडेन को 50.6 फीसदी (27,91,549) और ट्रंप को 47.9 फीसदी (26,46,423) जबकि विस्कॉन्सिन में 10 इलेक्टोरल वोट हैं और 99 फीसदी सीटों के आंकड़े में बिडेन को 49.6 फीसदी (16,30,542) और ट्रम्प को 48.9 फीसदी (16,09,734) वोट मिले हैं।

कोरोना को लेकर हाईकोर्ट के बाद वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आप सरकार पर आपत्ति व्यक्त की

राजधानी दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की आप पार्टी पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुये कहा है, कि दिल्ली सरकार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। अगर ऐसे ही मामले बढ़ते रहे तो दिल्ली जल्द से जल्द कोरोना की राजधानी बन जायेगी।

इस मामले में जाने-माने एडवोकेट पीयूष जैन ने कहा कि दिल्ली के लोगों के साथ दिल्ली सरकार प्रदूषण और कोरोना के मामले में मजाक कर रही है। सरकार की ना तो कोई गाइड लाईन है और ना ही सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई विशेष सुविधायें मरीजों को दे रही है। जिससे दिन व दिन कोरोना के संक्रमित मामले बढ़ रहे है। जिसके कारण दिल्ली में कोरोना से मौतों का मामला बढ़ रहा है।

दिल्ली में बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के सख्त टिप्पणी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता आलोक गुसाईं का कहना है कि सही मायने में आप पार्टी कोरोना और वायु प्रदूषण को लेकर अपनी जिम्मेदारी समझ ही नहीं रही है। सिर्फ सियासत कर जिम्मेदारी से बच रही है। कभी पराली के नाम पर सियासत तो कभी कोरोना के नाम पर सियासत, आलोक गुसाईं का कहना है जिस अंदाज में कोरोना के मामलें दिल्ली में बढ़ रहे उसको लेकर लोगों में भय है। लोग डर के मारे घर से ना निकल रहे है। सरकार की लापरवाही के कारण लोग अपने स्वास्थ्य के साथ खेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। उनका कहना है कि एक समय था कि दिल्ली को देश की बेहत्तर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर जाना जाता था , पर आज दिल्ली की स्वास्थ्य सेवायें लड़खड़ा रही है। जो सरकार की लापरवाही का नतीजा है।

जनरल एमएम नरवणे नेपाल सेना की मानद उपाधि जनरल रैंक से सम्मानित

भारत के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को नेपाल सेना की मानद उपाधि के जनरल रैंक से वीरवार को सम्मानित किया गया। उन्हें समारोह में एक तलवार और स्क्रॉल भी भेंट की गई। एक-दूसरे देश के सेना प्रमुखों को मानद उपाधि से सम्मानित करने की यह सात दशक पुरानी परंपरा है।
इसे भारत—नेपाल के बीच नक्शा विवाद की वजह से तनाव का सामना कर रहे दोनों देशों के रिश्तों को अब पटरी पर लौटने के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों देशों के संबंधों को सामान्य कर मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को ही काठमांडू पहुंचे थे।
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को ‘जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया। नेपाल सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा के निमंत्रण पर नरवणे काठमांडू पहुंचे हैं।

चीन ने भारत से वैध चीनी वीजा, रेसीडेंस परमिट वाले विदेशियों के आने पर अस्थाई रोक लगाई

चीन के वुहान प्रशासन के एयर इंडिया की फ्लाइट के 19 भारतीय यात्रियों के कोरोना संक्रमित पाने के दावे के एक हफ्ते के भीतर चीन ने गुरूवार को भारत से उन विदेशियों के अपने यहां आने पर अस्‍थायी तौर पर रोक लगा दी है जिनके पास वैध चीनी वीजा या रेसीडेंस परमिट है। भारत में अब तक कोरोना के 83 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं।

चीन ने यह कदम कोरोना के दोबारा संक्रमण फैलने की चिंताओं के बीच उठाया है और इसके लिए एयर इंडिया की फ्लाइट से संक्रमित यात्री आने को कारण नहीं बताया है। बता दें कोरोना को लेकर यह माना जाता है कि यह सबसे पहले चीन के वुहान में शुरू हुआ और वहां से दूसरे देशों में फैला।

अब चीन ने सजगता दिखाते हुए भारत से उन विदेशियों के अपने यहां आने पर अस्‍थायी रोक लगा दी है जिनके पास वैध चीनी वीजा या रेसीडेंस परमिट है। भारत में चीन के दूतावास  गुरुवार को कहा कि ‘भारत स्थित चीनी दूतावास/काउंसलेट इन श्रेणियों के धारकों के हेल्‍थ डिक्‍लेयरेशन फॉर्म पर मुहर नहीं लगाएंगे।’ याद रहे मार्च में चीन ने कोरोना महामारी के मद्देनजर अपने यहां विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

भारत में कोरोना मामले
दभारत में अब तक कोरोना के 83,64,086 मामले आ चुके हैं जबकि मौत का आंकड़ा 1,24,315 है। देश में कोरोना के दैनिक मामलों में एकाध दिन से फिर उछाल देखने को मिला है। आज सुबह 8 बजे तक एक बार फिर से कोरोना के एक दिन में 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 50,209 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान देश में कोरोना से 704 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोरोना से अब तक 77,11,809 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना के फिलहाल 5,27,962 एक्टिव केस देश में हैं।