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आँनलाइन पढ़ाई में असहज और असहमति व्यक्त कर रहे है शिक्षक

कोरोना महामारी ने शिक्षा के सिस्टम को को तहस –नहस कर दिया है। आज शिक्षा, को सिस्टम में लाने के लिये तामाम जतन किये जा रहे है, कि शिक्षा अपने   पुराने तारतम्य में आ सकें । जिस प्रकार दुनिया भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में आँनलाइन शिक्षा का माँडल तेजी से विस्तार ले रहा है। वहीं मेडिकल काँलेज तक में भी आँनलाइन परीक्षा कराकर शिक्षा के स्वरूपों में नये बदलाव की शुरूआत कर रहे है। हालांकि तहलका संवाददाता ने उच्च शिक्षा से जुड़े प्रोफेसरों और छात्रों से बात की तो उन्होंने कहा कि माना कि कोरोना काल में आँनलाइन एक विकल्प तो हो सकता है। पर समाधान नहीं हो सकता है। आँनलाइन और आँफलाइन को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

बतातें चलें यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने अपने दिशा –निर्देश में जारी करते हुये कहा कि अब कंटेनमेंट जोन के बाहर यूनिवर्सिटीज और काँलेजों को खोला जाये और आँनलाइन ,आँफलाइन और मिश्रित मोड़ में पढ़ाई कराई जाये।यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से जारी दिशा –निर्देश के अनुसार कैंपस प्लेसमेंट , प्रयोगशाला, लाइब्रेरी और कक्षाओं में 50 प्रतिशत छात्रों को एक दिन में आने की अनुमति होगी। छात्रों को 6 फुट की दूरी का पालन करना होगा और मास्क लगाना जरूरी होगा। साथ ही कैंटीन पूरी तरह से बंद रहेगी। अपने दिशा-निर्देश पर इस बात पर पूरा बल दिया गया है, कि अगर किसी के संक्रमित मिलने पर कैंपस को फिर से बंद किया जायेगा।

अब बात करते है कि टीचर्स आँनलाइन पढ़ाई को लेकर असहज और असहमति व्यक्त कर रहे है। इसके पीछे उनके तर्क और तथ्य है कि उन्होंने ने कोरोना काल के पूर्व आँनलाइन पढ़ाई के बारे में सोचा तक नहीं था।अब आँनलाइन को लाईन में लाने में उनकी दिक्कत हो रही है कि कहीं वे पढ़ाई में कोई चूक ना कर जाये। सो असहज महसूस कर रहे है।

इस बारे में दिल्ली यूनिवर्सिटी की सहायक प्रो. सुचि वर्मा का कहना है कि आँनलाइन पढ़ाई के पक्ष में वे नहीं है। लेकिन कोरोना काल में एक विकल्प के तौर पर आँनलाइन पढ़ाई तो ठीक है। क्योंकि कोरोना जैसी संक्रमित बीमारी से बचना जरूरी है।उनका कहना है कि वे रसायन विज्ञान की सहायक प्रोफेसर है। जहां पर छात्रों को प्रयोगशाला में जाकर प्रयोग करने होते है। लैबों में जाकर टीचरों के समक्ष प्रयोग करना होता है। जब तक टीचरों और छात्रों के बीच परस्पर शिक्षा नहीं मिलती है। तब तक पढ़ाई को खास कर काँलेजों में आने वालें नये छात्रों को सही जानकारी व ज्ञान हासिल नहीं हो सकता है। प्रो. वर्मा का कहना है कि आमने-सामने टीचरों और छात्रों के बीच जो पढ़ाई होती है। उससे छात्रों के बीच जो प्रश्न होते है उनका समाधान तुरन्त टीचर करते है।दिल्ली यूनिवर्सिटी के सहायक प्रो. संजय कुमार का कहना है कि भले ही यूजीसी कहें कि आँनलाइन पढ़ाई होनी चाहिये पर टीचरों के समक्ष कोरोना काल में एक प्रकार से टीचरों के सामने में तकनीकी सिस्टम में पढ़ाना काफी असहज हो रहा है। बड़ी संख्या में टीचर आँनलाइन पढ़ाई से असहमत है और असहज महसूस कर रहे है। ज्यादा टीचरों का कहना है कि बदलते कोरोना के माहौल में और नौकरी बचाने के लिये तकनीकी सिस्टम के बीच तालमेल बैठाने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि महामारी ने सभी नये तरीकों पर नये तरीके से सोचने को मजबूर कर दिया है। हालत तो ये है कि अब .कोविड फ्री. कैंपस तक बन रहे है।

 जे एन यू  के छात्र कुमार पराग का कहना है कि कोरोना काल में जिस तरीके से सरकार अपनी मनमर्जी कर सरकारी सिस्टम को अपने तरीके चला रही है।जिसमें शिक्षा प्रणाली को तहस –नहस किया जा रहा है। क्योंकि सरकार के संकेतों पर गौर किया जाये तो आने वाले दिनों में कुछ सरकारी संस्थानों को छोड़ दे तो छोटे-छोटे संस्थानों में आँनलाइन पढ़ाई के माध्यमों से उन संस्थानों के भवनों और कैंपस को खाली कराया जायेगा। फिर धीरे-धीरे बड़े कैंपसों को।

अभिभावक पीयूष जैन का कहना है कि कोरोना काल ने हमें तामाम परेशानियों में डाला है, तो तामाम नये अनुभवों और स्वरूपों से परिचित करवाया है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में सारा सिस्टम तकनीकी पर ही निर्भर होगा। उसमें अगर शिक्षा प्रणाली तकनीकी के तहत आँनलाइन होती है। तो ठीक है। क्योंकि आँनलाइन सिस्टम पार्दशिता लाती है। आँनलाइन के माध्यम से जब काँलेजों की फीस जमा की जा सकती है तो पढ़ाई क्यों नहीं । क्योंकि आँनलाइन में पढ़ाई करने वाले छात्रों का कैंपस-कालेजों में आने –जाने का समय बचेगा। यातायात व्यवस्था वाधित नहीं होगी। हां इतना जरूर होना चाहिये छात्रों को काँलेज में आने के लिये एक दिन निर्धारित करना चाहिये ताकि छात्र- टीचर का परस्पर संपर्क बना रहे।

पूर्व शिक्षक केदार नाथ भट्ट का कहना है कि ये तो होना ही था । क्योंकि संकेत तो पहलें ही मिलने लगे थे कि तकनीकी का जिस तरीके से बोलबाला और दखल बढ़ रहा था तो शिक्षा विभाग कैसे बच सकता था। क्योंकि मोबाइल युग आने के बाद अस्पताल का एपायमेंट, रेल का टिकट, बैकों में रूपयों का आदान –प्रदान हो ही रहा था। तो ये बात तो समझ में आने लगी थी कि आने वालें दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी दखल ही नहीं देगा बल्कि अपने सिस्टम में शामिल ही करेगा।उनका कहना है कि तकनीकी से हमें तुरन्त तामाम जानकारियां मिलती है। पर ज्ञान नहीं मिलता है। ज्ञान को हासिल करने के लिये हमें जो सदियों से चली आ रही गुरू और शिष्य के बीच चली आ रही परम्परा के तहत ही पढ़ाई करना होगा।

आँनलाइन पढ़ाई को साजिश का हिस्सा बताते हुये जेएनयू के छात्रों का कहना है कि देश दुनियां में जो एक सिस्टम आँनलाइन का चला है वो घर बैठे पढाई कराने और घर बैठे काम करने को प्रेरित करता है। ताकि सरकारी भवनों को सरकार बड़ी आसानी से खाली करा सकें। छात्रों का कहना है कि जेएनयू को खाली कराये जाने के लिये फिछले सालों में काफी कम छात्रों के दाखिले हुये है। क्योंकि जेएनयू की कीमतीजगह पर सरकार की पहले से ही नजर है।

जेएनयू के एक प्रोफेसर का कहना है कि जब धीरे-धीरे सब कुछ खुल रहा है । बाजार खुल रहे है। चुनाव हो रहे है चुनावी सभाये हो रही है। आना-जाना हो रहा है। तब कोई कोरोना का डर नहीं दिख रहा है। तो अब ऐसा क्या हो रहा है कि आँनलाइन के माध्यम से पढाई पर ही बल दिया जा रहा है।

टीआरपी घोटाला : रिपब्लिक टीवी से पहली गिरफ्तारी, अ​सिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट 13 तक हिरासत में

टीआरपी घोटाले में मुंबई में गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। मंगलवार को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू ) ने रिपब्लिक टीवी से पहली गिरफ्तारी की है। चैनल के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह को सुबह उनके ठाणे स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। बाद में पुलिस ने उन्हें किला कोर्ट में पेश किया। मजिस्ट्रेट ने घनश्याम सिंह को 13 नवंबर तक सीआईयू की हिरासत में भेज दिया।

इससे पहले भी घनश्याम सिंह से टीआरपी घोटाला मामले में पूछताछ हो चुकी है। अपराधा शाखा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सिंह सिर्फ डिस्ट्रीब्यूशन हेड ही नहीं हैं, उनका ओहदा रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट का भी है। सिर्फ घनश्याम सिंह ही नहीं, टीआरपी केस में सीआईयू रिपप्ब्लिक टीवी चैनल में टॉप रैंक के आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है। इस केस में अब तक कुल 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें से दो आरोपी उमेश मिश्रा और आशीष चौधरी सीआईयू के अप्रूवर भी बन चुके हैं।

सीआईयू ने कई गवाहों के अब तक बयान दर्ज किए हैं। कई गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज कराए गए हैं। जिनके घर बैरोमीटर लगाए गए थे, उनमें से भी कुछ लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं।

अन्य चैनल भी जांच के घेरे में
सीआईयू ने कुछ आरोपियों की पिछले महीने रिमांड एप्लिकेशन में जिन कुछ चैनलों के मालिकों और संचालकों को आरोपी बनाया था, उनमें रिपब्लिक चैनल का भी नाम था। रिपब्लिक के अलावा न्यूज नेशन, डब्ल्यूओडब्ल्यू, फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा और महामूवी चैनल चैनल से जुड़े मालिक-संचालक भी जांच के घेरे में हैं।

खास चैनल देखने के दिए जाते थे पैसे
मामले में कुछ खास चैनलों को देखने के लिए लोगों को पैसे दिए जाते थे, भले ही उन लोगों की उस चैनलों में कोई दिलचस्पी न हो। रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी 2018 के अलीबाग के इंटीरियर डिजाइनर खुदकुशी केस में पिछले सप्ताह गिरफ्तार हो चुके हैं। हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत खारिज होने के बाद ​फिलहाल वह जेल में ही हैं। इन दिनों अर्नब को नवी मुंबई की तलोजा जेल भेज दिया गया है।

बिहार चुनाव के शुरुआती रुझानों में अब भाजपा-जदयू गठबंधन आगे

बिहार के शुरुआती रुझानों में अब भाजपा-जदयू गठबंधन आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथ गठबंधन से आगे हो गया है। अभी तक रुझानों में सुबह 11 बजे तक एनडीए बहुमत के आंकड़े से कहीं आगे 131 पर पहुंच गया है जबकि यूपीए 100 पर अटक गया है। एग्जिट पोल के विपरीत भाजपा बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही है और कांग्रेस पिछले आंकड़े से भी पीछे चल रही है। आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन की नजर ग्रामीण क्षेत्रों की गिनती पर टिकी हुई है, जहां उसको लगता है कि वह एनडीए से आगे चली जाएगी। एलजेपी भी अब मैदान में दिखने लगी है।
पोस्टल बैलेट की मतगणना के समय यूपीए आगे चल रहा था। उसके बाद शहरी क्षेत्रों की ईवीएम की गिनती हो रही है जहां भाजपा का प्रभाव ज्यादा है। हालांकि, दोनों एनडीए और यूपीए के बीच अंतर् जिस तरह बढ़ा है, उससे तेजस्वी खेमे की चिंता बढ़ी है। इस चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी, इसके साफ़ संकेत प्रचार में दिख रहे थे लेकिन फिलहाल भाजपा आगे चल रही है। तेजस्वी यादव अपने चुनाव में आगे चल रहे हैं।
वीआईपी पार्टी भी अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है जबकि एलजेपी, जो शुरू में कहीं दिखाई नहीं दे रही थी, वो अब 10 के करीब सीटों पर आगे है। इस चुनाव की घोषणा के बाद प्रचार में जब यह दिखने लगा था कि नीतीश कुमार अपना जलबा कायम नहीं रख पाएंगे, तब इस चुनाव में पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे कर दिया गया था। यहाँ तक कि जदयू के लोग भी मोदी के नाम पर वोट मांग रहे थे।
अभी पूरी तस्वीर साफ़ होने में कमसे कम तीन घंटे लगेंगे। भाजपा बार-बार दावा कर रही है कि आने वाले कुछ घंटों एनडीए अपना बहुमत जुटा लेगी। इस चुनाव में जब कांग्रेस को 70 सीटें आरजेडी ने दी थीं, तब यह कहा गया था कि यह बहुत ज्यादा हैं।  अभी तक के रुझानों से लगता है कि कांग्रेस उस लिहाज से प्रदर्शन नहीं कर पाई है, हालांकि, अभी भी वो 19 सीटों पर आगे है जो उसकी पिछली सीटों से काफी कम हैं।
आरजेडी इस चुनाव में लोगों की पहली पसंद बनी दिख रही थी लेकिन फिलहाल भाजपा उस से आगे है। चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी की सभाओं में उमड़ी भीड़ से जाहिर हो रहा था कि आरजेडी को जनता का बंपर समर्थन मिलने वाला है  लेकिन ऐसा हुआ नहीं दिख रहा।
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी बनी थी लेकिन उसने बड़ा दिल दिखाते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था, जिन्होंने बदले में तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इस चुनाव के प्रचार में पीएम मोदी ने आरजेडी के बराबर ही कांग्रेस को भी निशाने पर रखा था। उन्होंने राहुल-तेजस्वी की जोड़ी को ‘दो युवराजों’ की जोड़ी बताया था और साथ ही हर जनसभा में लालू प्रसाद यादव के ‘जंगलराज’ की बात कहकर भी जनता को अपने पाले में लाने की कोशिश की। यह चुनाव यदि यूपीए हारता है तो आरजेडी के लिए बड़ा झटका होगा।

अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में नहीं मिली अंतरिम जमानत

रिपब्लिक टीवी के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी से बॉम्बे हाईकोर्ट से आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में अंतरिम राहत नहीं मिली है। उन्होंने इसके लिए याचिका डाली थी लेकिन कोर्ट ने सोमवार को उन्हें अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जमानत के लिए अर्नब सेशन कोर्ट जा सकते हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को 2018 के एक आत्महत्या के मामले में अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोस्वामी की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्हें एक दिन पहले ही अलीबाग स्कूल से तलोजा जेल भेजा गया है।

बता दें गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक को गोस्वामी ने कथित तौर पर बकाया रकम का भुगतान करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन दोनों ने 5 मई, 2018 को आत्महत्या कर ली थी।

याद रहे महाराष्ट्र पुलिस ने अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोहरे मामले में कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने आज  अपने फैसले में उन्हें   इंकार कर दिया।और कहा कि वे चाहें तो सेशन कोर्ट जाएं। अदालत ने अपने फैसले में कोर्ट को 4 दिन में फैसला करने का भी निर्देश दिया है। सेशन कोर्ट में अर्नब पहले ही याचिका डाल चुके हैं।

प्रमुख फिल्म निर्माताओं की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ को नोटिस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कुछ प्रमुख फिल्म निर्माताओं की याचिका पर दो टीवी चैनल रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ पर सख्त टिप्पणी करते हुए उनसे जवाब तलब किया है। इन चैनल के वकील की अदालत ने जमकर क्लास लगाई।
बता दें फिल्म निर्माताओं ने एक माह पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि कुछ मीडिया घराने गैर जिम्मेदाराना तरीके से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इन चैनलों पर या सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का मानहानि करने वाले कंटेंट न प्रसारित किया जाएं। अब गैर जिम्मेदाराना बयान देने से रोकने संबंधी बॉलीवुड के प्रमुख फिल्म निर्माताओं की याचिका पर दो बड़े टीवी चैनलों से अदालत ने जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ से यह जवाब तलब किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘रिपब्लिक टीवी’ और ‘बेनेट कोलमैन ग्रुप’ से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सोशल मीडिया या उनके चैनलों पर कोई मानहानिकारक सामग्री ‘अपलोड’ न की जाए। बॉलीवुड को बदनाम करने और प्रमुख फिल्मी हस्तियों के खिलाफ गैरजिम्मेरदाना और अपमानजनक रिपोर्टिंग करने को लेकर दायर याचिका पर यह  सुनवाई हुई।
अजय देवगन फिल्म्स, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्यूनिकेशन नेटवर्क, रेड चिलीज एंटरटेमेंट, रिलायंस बिग एंटरटेमेंट, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, रॉय पूर फिल्म्स, सलमान खान फिल्म्स, विशाल भारद्वाज, यशराज फिल्म्स, आशुतोष ग्वारिकर प्रोडक्शन, धर्मा प्रोडक्शन, एक्सेल एंटरटेमेंट, कबीर खान फिल्म्स, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेंमेंट, वन इंडिया स्टोरिज, अरबाज खान प्रोड्क्शन, आमिर खान और शाहरुख समेत 34 बड़े फिल्म प्रोडक्शन हाउस और फिल्म एसोसिएशन ने यह याचिका डाली है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री  को बदनाम करने के इरादे से ऐसा किया गया। इतना ही नहीं, बॉलीवुड फिल्म कलाकारों के खिलाफ गैरजिम्मेरदाना और अपमानजनक रिपोर्टिंग भी की गई, जो असहनीय है। यह याचिका रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ और उनके सम्पादकों और  पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसा लगता है कि बॉलीवुड कलाकारों के खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया जा रहा है और स्टार्स की निजता के अधिकार के साथ हस्तक्षेप पर भी दखल दी जा रही है।
बता दें कि बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजूपत ने 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने जांच शुरू की थी, जो अब तक जारी है। इस बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कई खुलासे करते हुए ड्रग्स मामले में आरोपित सुशांत सिंह की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि इस दौरान टेलीविजन न्यूज चैनलों ने एक तरफा रिपोर्टिंग करते हुए बॉलीवुड को बदनाम किया।
अदालत ने टीवी चैनलों रिपब्लिक और टाइम्स नाउ को निर्देश दिया है कि पूरे बॉलीवुड को आरोपों के कठघरे में खड़े करने वाले गैरजिम्मेदाराना, अपमानजनक या मानहानिक करने वाले किसी भी कंटेंट से दूर रहें। बॉलीवुड सेलेब्रिटी के खिलाफ भी किसी भी तरह का मीडिया ट्रायल न करें।

आज आधी रात से दिल्ली ही नहीं, पूरे एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध

दिल्ली-एनसीआर में पिछले एक हफ्ते से वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर हालात बने हुए हैं। दिवाली को देखते हुए इसमें और बढ़ोतरी के आसार हैं। ऐसे में हालात कहीं ज्यादा गंभीर न हों, इसलिए दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने अपने आदेश में कहा कि जिन शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे और जलाए जा सकते हैं। एनजीटी के इस आदेश के साथ ही गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद में भी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लागू हो गया है।
देश के जिन राज्यों में वायु गुणवत्ता की स्थिति अच्छी नहीं हैं, उन शहरों में भी यह आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा। इस आदेश के मुताबिक, इस दौरान न तो कोई पटाखों की बिक्री कर सकेगा और न ही पटाखे जला सेगा। जिन शहरों वायु की गुणवत्ता ठीकठाक है, वहां पर सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति होगी, वह भी सिर्फ दो घंटे ही जला सकेंगे।

दिल्‍ली सरकार पहले ही लगा चुकी है प्रतिबंध

कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण ने दिल्ली-एनसीआर की हालत और खस्ता कर दी है। कोरोना के मामले में जहां तेजी से फिर बढ़ने लगे हैं, वहीं वायु प्रदूषण के चलते बिगड़ते हालात की आशंका के मद्देनजर दिल्ली सरकार व अन्य संस्थाओं से पहले से ही पटाखों पर प्रतिबंध की मांग उठने लगी थी। दिल्ली सरकार ने पहले ही आदेश जारी कर सात तारीख से ही पटाखों की बिक्री और जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा रखा है। इसी के बाद से बाकी एनसीआर के शहरों में प्रतिबंध की मांग उठने लगी थी। पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है।

एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने वीरवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखने से पहले संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पटाखे बनाने वालों के संगठन को भी सुना था। इंडियन फायरवर्क मैनुफक्चरर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने दलीलें रखीं। न्याय मित्र के तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी, केंद्र और सीपीसीबी की दलीलों पर भी गौर किया।

पटाखे बिक्री के सारे लाइसेंस रद्द

दिल्ली पुलिस ने पटाखे बिक्री के लिए जारी किए गए सभी तरह के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। रविवार को पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान में बताया गया कि राजधानी में पटाखे बेचने के सभी लाइसेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं और एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से पटाखे बेचने वालों को गिरफ्तार करके पुलिस उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 286 के अलावा एक्सप्लोसिव्स एक्ट की धारा 9-बी के तहत भी केस दर्ज कर रही है।

कश्मीर में घुसपैठ करते 3 आतंकी ढेर, अफसर सहित 4 जवान शहीद

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की एक बड़ी साजिश को रविवार को सुरक्षा बलों ने असफल कर दिया और घुसपैठ कर रहे 3 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, इस आपरेशन में एक अफसर समेत 4 जवान भी शहीद हो गए हैं।

जानकारी के मुताबिक कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया। हालांकि, मुठभेड़ के दौरान हुई गोलीबारी में सेना के एक अफसर और तीन जवान शहीद हो गए हैं। इनमें एक बीएसएफ का जवान है।

घटना  कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर की है जहां पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ के लिए भेजे गए आतंकवादियों ने जब भारत के इलाके में घुसने की कोशिश की तो चौकन्ने सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया। उन्हें ललकारा गया तो उनकी तरफ से  गोलीबारी शुरू हो गयी। सुरक्षा बलों ने जबावी कार्रवाई की और तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। इस आपरेशन में एक अफसर और तीन जवान शहीद हो गए।

बता दें सर्दियों में पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ में तेजी  जाती है।

सतर्क सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की हाल की ज्यादातर कोशिशों को नाकाम किया है। सीमा पर तलाशी अभियान में कई बार भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार भी बरामद किए गए हैं।

रात एक बजे बीएसएफ के गश्ती दल ने एलओसी की बाड़ के पास एलओसी से 3.5 किलोमीटर के नजदीक एंटी इनफिलट्रेशन ऑब्स्टेकल सिस्टम के निकट हरकत देखी गई। सुरक्षाबलों ने तुरंत आतंकियों को ललकारा औऱ गोलीबारी में एक आतंकी को ढेर कर दिया गया। गोलीबारी सुबह चार बजे तक चलती रही। क्षेत्र में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को भेजा गया।

नतीजे 10 को, लेकिन बिहार में आरजेडी-कांग्रेस ने अभी से शुरू की अपनी कसरत

बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी 10 नवंबर को आने हैं लेकिन वहां राजनीतिक गतिविधियां एग्जिट पोल के आते ही शुरू हो गयी हैं। ज्यादातर सर्वे में आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन को बढ़त दिखाई गयी है, हालांकि भास्कर के सर्वे में एनडीए की सत्ता में वापसी की बात कही गयी है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और अविनाश पांडे को बड़ी  जिम्मेदारी देते हुए बिहार का पर्यवेक्षक तैनात करते हुए उन्हें नतीजे से पहले पटना जाने के निर्देश दिए हैं। यह कांग्रेस नेता नतीजों से पहले भी आरजेडी नेताओं और पार्टी नेताओं से मंत्रणा करेंगे।

वैसे तो अभी एग्जिट पोल के ही रुझान सामने आये हैं, लेकिन इनमें से कमोवेश सभी ने आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन (यूपीए गठबंधन) को एनडीए के मुकाबले आगे रखा है। टुडेज-चाणक्य ने तो यूपीए महागठबंधन को 180 और भाजपा-जदयू-अन्य वाले एनडीए गठबंधन को महज 55 सीटों पर समेत दिया है। इसके विपरीत भास्कर अखबार ने एनडीए की दोबारा सरकार बनने का दावा सर्वे में किया है। कुछ सर्वे में यूपीए-एनडीए के कड़ी टक्कर बताई गयी है।

ऐसे में कांग्रेस ने सतर्कता बरतते हुए अभी से बिहार को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसका एक कारण चुनाव प्रचार के दौरान बिहार की जनता में भाजपा-जदयू सरकार के खिलाफ खुली नाराजगी का दिखना भी है। कांग्रेस इस चुनाव में 70 सीटों पर लड़ रही है और उसके नेताओं को पक्की उम्मीद है कि वह 30-35 के बीच सीटें हर हालत में जीतेगी।

पार्टी के एक नेता ने तहलका संवाददाता से बातचीत में कहा कि यदि टुडेज-चाणक्य जैसा नतीजा सच में आया तो कांग्रेस 45-50 सीटें भी जीत सकती है। यह माना जाता है कि यदि बिहार में जनता ने भाजपा के भी खिलाफ मत दिया होगा तो इसका सबसे बड़ा लाभ कांग्रेस को ही मिलेगा। ऐसे में उसकी सीटें आश्चर्यजनक रूप से ज्यादा हो सकती हैं। वहां कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को बहुत बेहतर चुनाव प्रबंधक माना जाता है। कहा तो यह भी जाता है कि आरजेडी, खासकर तेजस्वी यादव, को भी वे चुनाव प्रचार के दौरान सलाह देते रहे हैं और यह भी उनका ही सुझाव था कि राहुल गांधी के रोजगार वाले मुद्दे को चुनाव में मजबूती से उभारा जाए।

बिहार में आरजेडी से कांग्रेस के रिश्ते की बजह सोनिया गांधी रही हैं। यूपीए की सरकार के समय से ही, जब लालू प्रसाद यादव मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे, सोनिया गांधी उन्हें विशेष सम्मान देती थीं, जबकि लालू भी उनका खूब सम्मान करते थे। यही कारण रहा है कि कांग्रेस ने संकट के समय भी लालू का साथ नहीं छोड़ा। तेजस्वी राहुल गांधी को बड़ा भाई कहते हैं, जबकि सोनिया गांधी तेजस्वी को बेटे जैसा मानती हैं।

अब बिहार के नतीजे आने वाले हैं तो बेहतर की उम्मीद कर रही कांग्रेस ने अभी से तैयारी कर ली है। यदि नतीजे हक़ में आये तो निश्चित ही बिहार में बनने वाली सरकार में कांग्रेस का बड़ा रोल रहेगा। यह भी माना जाता है कि यदि कांग्रेस 35 के आसपास सीटें जीत जाती है तो उसका उप मुख्यमंत्री भी बन सकता है। हालांकि, यह भी तय है कि सोनिया गांधी के कारण कांग्रेस इसके लिए कभी तेजस्वी पर दबाव नहीं डालेगी।

अब सोनिया गांधी ने महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और अविनाश पांडे को अपना दूत बनाकर पटना जाने को कहा है। वे नतीजों से पहले भी आरजेडी और अपने नेताओं से मिल सकते हैं।

अब जबकि सभी निगाहें 10 नवंबर पर टिकी हैं, बिहार में सभी दल अपनी-अपनी तैयारी करते दिख रहे हैं। कांग्रेस के अलावा आरजेडी भी सक्रिय हो गयी है।  जानकारी के मुताबिक तीसरे चरण के मतदान के बाद बिहार सरकार के कुछ बड़े अफसरों ने तेजस्वी यादव को बधाई सन्देश भेजे हैं। इससे नतीजों का कुछ अनुमान लगाया जा सकता है।

जदयू खेमे में खामोशी है, जबकि सर्वे में बहुत सीटें नहीं लेते दिखाए गए एलजेपी के मुखिया चिराग पासवान को उम्मीद है कि उनकी सीटें 15 के आसपास तो होंगी ही।  भाजपा भी नतीजों का इंतजार कर रही है। उसके नेता यह पक्के तौर पर कह रहे हैं कि 10 नवंबर को सभी एग्जिट पोल फेल हो जाएंगे। एक भाजपा नेता ने कहा कि या तो भाजपा 90 सीटें जीतेगी या फिर 40 तक सिमट जाएगी। जदयू खेमे में सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति है और उसके नेता सिर्फ भगवान से दुआ कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर : बहिष्कार करने वाली पार्टियां मिलकर लड़ेंगी परिषद चुनाव

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटने और केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में हो रहे पहले चुनाव में राज्य के सभी दलों ने शामिल होने का फैसला लिया है। यह घाटी के लिए बहुत बड़ा बदलाव है। खास बात यह है कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए बने गुपकार गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी एवं पीपुल्स कांफ्रेंस पहली बार मिलकर चुनावी मुकाबले में शिरकत करेंगी।
घाटी के दिग्गज नेताओं की रिहाई के बाद जम्मू में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बठिंडी स्थित निवास पर हुई बैठक के बाद गुपकार गठबंधन ने प्रदेश में पहली बार हो रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया। गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला संयुक्त प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेंगे।
उधर, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह डीडीसी चुनाव में उतरेगी। प्रचार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने भी जम्मू-कश्मीर का रुख करना शुरू कर दिया है। ऐसे में पार्टी चिह्न पर हो रहे डीडीसी चुनाव के दिलचस्प होने के आसार हैं।
बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में डीडीसी की 280 सीटों और पंचायत व स्थानीय निकाय उपचुनाव 1 से 24 दिसंबर के बीच आठ चरणों में होंगे। 2018 में पंचायत चुनाव का नेकां व पीडीपी ने बहिष्कार किया था।

ऐसा राष्ट्रपति बनूंगा जो लोगों को बांटने नहीं जोड़ने का काम करेगा : राष्ट्रपति जो बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद जो बाइडन ने देश को अपने पहले संबोधन में पूरे अमेरिका को साथ लेकर चलने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा – ‘इस देश की जनता ने जवाब दे दिया है। उन्होंने हमें एक साफ जीत दी है। मैं ऐसा राष्ट्रपति बनूंगा जो लोगों को बांटने नहीं जोड़ने का काम करेगा। मैं समझ सकता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप समर्थक किस तरह निराश हुए हैं, मैं भी कई बार हुआ हूं, मगर हमें एक-दूसरे को एक मौका देना चाहिए।’ इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने बाइडन और कमला हैरिस की जीत पर उन्हें बधाई दी है।
बाइडन ने देश को अपने पहले संबोधन में पूरे अमेरिका को साथ लेकर चलने का वादा किया। उन्होंने कहा – ‘अमेरिका की जनता ने हमें एक संतोषजनक जीत दी है। हम साफ देख सकते हैं कि अमेरिका के लोगों में और दुनियाभर में किस तरह खुशी की लहर है।’ जीत के बाद बाइडन उपराष्ट्रपति निर्वाचित कमला हैरिस के साथ अपने  होम स्टेट डेलावेयर में जनता के सामने आए और उन्होंने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। दोनों ने अपने भाषण में पूरे अमेरिका को साथ लेकर चलने का संदेश दिया।
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडन ने कहा – ‘मैं अमेरिका को रेड-ब्लू नहीं यूनाइटेड स्टेट की तरह देखूंगा। मैं ऐसा राष्ट्रपति बनूंगा जो लोगों को बांटने नहीं जोड़ने का काम करेगा।’
बाइडन ने संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र किया और कहा – ‘मैं समझ सकता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप समर्थक किस तरह निराश हुए हैं, मैं भी कई बार हुआ हूं, मगर हमें एक-दूसरे को एक मौका देना चाहिए। आपस की गर्मागर्मी को कम कर साथ में काम करना चाहिए। हम प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं।’
उधर अपने भाषण में उपराष्ट्रपति निर्वाचित कमला हैरिस ने अपनी मां का शुक्रिया अदा किया। कमला ने कहा – ‘मैं अपनी मां श्यामला गोपालन हैरिस के प्रति आभारी हूं जो मेरी आज की सफलता के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। वह जब 19 साल की उम्र में भारत से अमेरिका आई थीं, तो उन्होंने नहीं सोचा था कि कभी ऐसा दिन भी आएगा। मगर अमेरिका में उनका विश्वास था कि यहां ये संभव है।’

भारत से बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर जो बाइडन को बधाई दी है।
मोदी ने ट्वीट करके कहा – ”बधाई हो जो बिडेन, आपकी शानदार जीत पर ! उप राष्ट्रपति के रूप में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में आपका योगदान महत्वपूर्ण और अमूल्य था। मैं भारत-अमेरिका संबंधों को अधिक से अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक बार फिर साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।”
मोदी ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति बनने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा – ‘सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए यह बहुत गर्व की बात है।’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बाइडन और कमला हैरिस को निर्वाचित होने पर बधाई दी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत से बाइडन को बधाई देने वाले सबसे पहले बड़े नेता थे। उन्होंने नतीजे आते की ट्वीट किया – ‘अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को बधाई। मुझे भरोसा है कि वह अमेरिका को एकजुट करेंगे और एक स्पष्ट दिशा का मजबूत भाव प्रदान करेंगे।’ राहुल ने एक और ट्वीट में कहा – ‘उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं कमला हैरिस को बधाई। हमें इसका गर्व होता है कि अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति की जड़ें भारत से जुड़ी हैं।’