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राजस्थान में मेरी और महाराष्ट्र गठबंधन सरकार गिराने की साजिश : गहलोत

राजस्थान में तीन महीने के बाद फिर राजनीतिक हलचल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया है कि राजस्थान में उनकी और महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है। गहलोत ने यह आरोप  बैठक में लगाए हैं।

गहलोत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने का फिर से खेल शुरू होने वाला है और महाराष्ट्र में भी सरकार गिराने की साजिश की चर्चा है। बैठक में गहलोत ने कहा – ‘देश के गृहमंत्री अमित शाह हमारे विधायकों को बैठाकर चाय-नमकीन खिला रहे थे और बता रहे थे कि पांच सरकार गिरा दी है, छठी भी गिराने वाले हैं। धर्मेंद्र प्रधान उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जजों से बातचीत करने की बातें कर रहे थे। अमित शाह ने हमारे विधायकों से एक घंटे मुलाकात की थी और  पांच सरकारें गिराने के बाद छठी भी गिरा देने की बात शाह ने कही थी।’

गहलोत ने कहा कि ‘भाजपा की तरफ से इससे पहले सरकार गिराने की कोशिश के गवाह कांग्रेस नेता अजय माकन रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी इस कार्यक्रम में जुड़े हुए थे। इस घटना के दौरान  माकन 34 दिन होटल में हमारे विधायकों के साथ रहे थे। इस घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे यहां आकर बैठ गए। उन्होंने नेताओं को बर्खास्त करने का फैसला किया, तब जाकर सरकार बची।’

उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गजलोट के आरोप पर कहा कि कांग्रेस के भीतर ही झगड़ा है जिसकी वजह से वह (सीएम) परेशान हैं। इसके लिए भाजपा  पर बिना कोई सुबूत के आरोप लगाकर हमला बोल रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, न्यूनतम मज़दूरी 15,492 रुपये

लंबे अरसे कोरोना महामारी के दौरान अच्छी खबर सामने आई है। दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली अकुशल, अर्धकुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। नई दरें एक अक्तूबर 2020 से लागू होंगी।
दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस फैसले का लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती, जिन्हें न्यूनतम मजदूरी ही मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन देने का ऐलान किया है।
महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के लिए मासिक 15,492 व दैनिक 596, अर्धकुशल श्रमिकों के लिए मासिक 17,070 व दैनिक 657 रुपये, कुशल श्रमिकों के लिए मासिक 18,797 व दैनिक 723 रुपये मजदूरी तय की गई है।
सुपरवाइजर व लिपिक वर्ग के कर्मचारियों में बिना मैट्रिक को मासिक 17,069 व दैनिक 657 रुपये , मैट्रिक से गैर स्नातक को मासिक 18,797 रुपये और दैनिक 723 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले को मासिक 20,430 रुपये मिलेंगे। यह फैसला एक अक्टूबर से लागू भी कर दिया गया है।

ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में किसी को बहुमत नहीं, टीआरएस को मिलीं 56 सीटें  

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की कुल 150 सीटों में से नतीजों में 56 सीटें लेकर टीआरएस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, हालांकि किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। टीआरएस की सीटें पिछली बार के मुकाबले बहुत घट गयी हैं, जबकि भाजपा ने बड़ी छलांग लगाते हुए 48 सीटें जीती हैं और दूसरे नंबर पर रही है। अपने गढ़ में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पिछली बार की तरह 44 सीटें जीतने में सफल रही। कांग्रेस बहुत कमजोर प्रदर्शन करते 2 सीटों पर सिमट गयी। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीआरएस अपना मेयर बनाने के लिए क्या एआईएमआईएम से समर्थन लेगी या किसी दल में टूट-फूट होगी।

केसीआर की सत्तारूढ़ टीआरएस 56 सीटें जीतकर पहले से कमजोर हो गयी है। ओवैसी की एआईएमआईएम, जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, अब तीसरे नंबर पर चली गयी, उसका स्ट्राइकिंग रेट सबसे बेहतर रहा है। नतीजों के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि तेलंगाना राज्य में परिवर्तन शुरू हो गया है।

बता दें यह पहली बार था जब भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय नेताओं को इसी निगम चुनाव में झोंककर साफ़ कर दिया था कि वो पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रही है। उसके इस रुख ने टीआरएस को कुछ रक्षात्मक कर दिया था। चुनाव की कमान एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली थी। हैदराबाद में भाजपा को 48 सीट मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी जबकि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से  ही कमजोर हालत में है जिसका फायदा भाजपा को मिला है।

इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इसे औवैसी का गढ़ माना जाता है और साफ़ दिख रहा है कि भाजपा यहाँ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में सफल रही है। चुनाव के दौरान यह आरोप भी बहुत लगे थे कि पर्दे के पीछे भाजपा ओवैसी की पार्टी से गुप्त समझौता कर चुकी है और उसके वोट भाजपा को ट्रांसफर करने की तैयारी है। भाजपा ने इन आरोप को नकार दिया था।

बता दें 2016 के निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों पर लड़कर 99 में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 में जीत मिली थी। तब भाजपा की यहां बुरी गत बनी थी। इस बार तस्वीर बदलने जा रही है और भाजपा निगम पर कब्ज़ा करने की स्थिति में दिख रही है। यदि यह रुझान अंत तक रहते हैं तो भाजपा का ही मेयर यहां बनेगा।

इस चुनाव में 46.55 फीसदी मतदान हुआ था। टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा 149, कांग्रेस 146 और एमआईएम 51 पर चुनाव लड़ी थी।

देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को भाजपा ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। भाजपा ने प्रचार के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, मंत्रियों स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस जैसे नेताओं को उतार दिया था। स्ने चुनाव प्रचार का रुख ही बदल दिया।

किसानों का 8 को ‘भारत बंद’ का ऐलान; कल देश भर में प्रदर्शन, कारपोरेट और पीएम के पुतले फूंकने की घोषणा की

मोदी सरकार के तीन किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने केंद्र के मंत्रियों से पांचवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार को ऐलान किया कि इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ किया जाएगा। उधर देश के बड़े खिलाड़ियों ने ऐलान किया है कि उन्हें जो आवार्ड मिले हैं वे किसानों के हक़ में उन्हें 7 दिसंबर को लौटा देंगे।

किसानों ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सभी तरफ से बंद करेंगे। कहा कि संशोधन स्वीकार नहीं ऐन और कल की बैठक में भी  कानून वापस करने को कहेंगे। किसानों ने कहा कि कल केंद्र सरकार ने माना था कि कानून में संशोधन की जरूरत है। लेकिन हमने सरकार को कहा कानून वापस लेकर ही आंदोलन ख़त्म होगा।

आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि कल पूरे देश में कॉरपोरेट घरानों और मोदी के पुतले फूकें जायेंगे। कहा कि कानून वापस लेने तक पीछे नहीं हटेंगे। मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर मोदी सरकार कानून वापस ले।

उन्होंने कहा कि किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बता दें कल सरकार और किसानों की फिर से बैठक होनी है जिससे पहले यह फैसला आया है। कल दोपहर 2 बजे किसानों के साथ सरकार की बैठक होनी है।

किसानों ने कहा है कि कल देश के कई हिस्सों में किसानों का धरना प्रदर्शन होगा। किसान तीन कृषि कानून वापस करवा कर ही रहेंगे। कल पीएम और कारपोरेट के पुतले जलाए जाएंगे।

महाराष्ट्र विधान परिषद् चुनावों में पिटी भाजपा को 6 में 1 ही सीट, आरएसएस के गढ़ नागपुर में कांग्रेस की बड़ी जीत

महाराष्ट्र में पिछले साल सत्ता गंवाने वाली भाजपा को विधान परिषद के चुनाव नतीजों में झटका लगा है। कुल 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा सिर्फ एक ही सीट जीत पाई है जबकि शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 4 सीटें मिली हैं। दिलचस्प यह है कि इनमें से शिव सेना की एक भी सीट नहीं है जबकि कांग्रेस-एनसीपी को 2-2 सीटें मिली हैं। एक निर्दलीय की जीत हुई है। भाजपा को सबसे बुरी हार नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हुई जो पार्टी का गढ़ माना जाता है जहां कांग्रेस के जयंत दिनकर जीते हैं जबकि पुणे डिवीजन और नागपुर डिवीजन की सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है। नागपुर सीट का कांग्रेस के खाते में जाना भाजपा के लिए बड़ा झटका है क्योंकि  वहां पिछले 5 दशक से भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है।

विधान परिषद की 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज करने में सफलता मिली। बाकी 5 सीटों पर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का महाविकास आघाड़ी गठबंधन जीत गया है जिनमें कांग्रेस-एनसीपी को 2-2 सीट मिली हैं। एक साल के भीतर भाजपा के लिए राज्य में यह दूसरा बड़ा झटका है। बता दें भाजपा ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और एक निर्दलीय को समर्थन दिया था।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी की हार पर कहा – ‘महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव के परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं। हम ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रहे थे जबकि सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली है। हमसे तीनों पार्टियों (महाविकास आघाड़ी) की सम्मिलित ताकत को आंकने में चूक हुई।’

भाजपा की सबसे बुरी हार नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हुई है जिसे पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस सीट से पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस जीत चुके हैं। यहाँ चुनाव को महाविकास आघाड़ी और भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था और भाजपा को यहां मात मिली है।

जीत के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा – ‘विधानपरिषद चुनाव में आघाड़ी की जीत गठबंधन पार्टियों के बीच एकता का सबूत हैं।’ धार पुणे निर्वाचन क्षेत्र से आघाड़ी के उम्मीदवार अरुण लाड ने एनडीए उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48 हजार वोटों से हराया। मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा – ‘चुनाव परिणाम पिछले एक साल में महाविकास आघाड़ी के विकास कार्यों पर मुहर की तरह हैं। भाजपा को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। विधानपरिषद चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन का उनका दावा खोखला साबित हुआ है।’

भाजपा अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर भी बचा नहीं पाई। पुणे डिविजन की स्नातक सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अरुण लाड और औरंगाबाद डिविजन की स्नातक सीट से सतीश चह्वाण ने जीत हासिल की है। धुले नंदुरबार की 1 सीट को भाजपा जीतने में कामयाब रही है जबकि एक सीट अमरावती में निर्दलीय आगे है।   पुणे स्नातक सीट से एनसीपी के अरुण लाड और औरंगाबाद की स्नातक सीट से सतीश चह्वाण ने जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस के जयंत दिनकर ने पुणे डिवीजन की सीट पर बाजी मारी है वहीं नागपुर डिवीजन की सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है।

नागपुर सीट का कांग्रेस के खाते में जाना भाजपा के लिए बड़ा झटका है। वहां पिछले 5 दशक से भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की मतगणना के रुझानों में टीआरएस को बढ़त, भाजपा का भी अच्छा प्रदर्शन

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर अब तक के मतगणना रुझानों में  टीआरएस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। दोपहर 2.30 बजे तक के रुझानों के मुताबिक सत्तारूढ़ टीआरएस 64 सीटों पर आगे है जबकि पिछले चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली भाजपा बेहतर प्रदर्शन के साथ 42 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। अपने गढ़ में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 37 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस 3 सीटों पर सिमटती दिख रही है। शाम तक पूरे नतीजे सामने आने की संभावना है।

केसीआर की सत्तारूढ़ टीआरएस की 64 सीटों पर बढ़त है और अब तक 150 में से 146 सीटों के रुझान सामने आये हैं। ओवैसी की एआईएमआईएम, जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, को अब तक 37 सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि कांग्रेस को 3 सीटों पर। रुझानों के बाद भाजपा सांसद डी अरविंद ने कहा कि तेलंगाना राज्य में परिवर्तन शुरू हो गया है।

बता दें यह पहली बार था जब भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय नेताओं को इसी निगम चुनाव में झोंककर साफ़ कर दिया था कि वो पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रही है। उसके इस रुख ने टीआरएस को कुछ रक्षात्मक कर दिया था। चुनाव की कमान एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली थी। हैदराबाद में भाजपा को 40 से ज्यादा सीट मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी जबकि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से  ही कमजोर हालत में है जिसका फायदा भाजपा को मिला है।

इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इसे औवैसी का गढ़ माना जाता है और साफ़ दिख रहा है कि भाजपा यहाँ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में सफल रही है। चुनाव के दौरान यह आरोप भी बहुत लगे थे कि पर्दे के पीछे भाजपा ओवैसी की पार्टी से गुप्त समझौता कर चुकी है और उसके वोट भाजपा को ट्रांसफर करने की तैयारी है। भाजपा ने इन आरोप को नकार दिया था।

बता दें 2016 के निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों पर लड़कर 99 में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 में जीत मिली थी। तब भाजपा की यहां बुरी गत बनी थी। इस बार तस्वीर बदलने जा रही है और भाजपा निगम पर कब्ज़ा करने की स्थिति में दिख रही है। यदि यह रुझान अंत तक रहते हैं तो भाजपा का ही मेयर यहां बनेगा।

इस चुनाव में 46.55 फीसदी मतदान हुआ था। टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा 149, कांग्रेस 146 और एमआईएम 51 पर चुनाव लड़ रही है। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। भाजपा ने प्रचार के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, मंत्रियों स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस जैसे नेताओं को उतार दिया था। स्ने चुनाव प्रचार का रुख ही बदल दिया।

कोरोना वैक्सीन अगले कुछ हफ़्तों में, सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी बोले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार कहा कि देश में अगले कुछ हफ्तों में कोविड-19 रोधी वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 8 ऐसी वैक्सीन हैं, जिनका ट्रायल अलग-अलग स्टेज पर है। पीएम ने  यह जानकारी देश में कोरोनावायरस के हालात पर चर्चा के लिए एक वर्चुअल सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

बैठक में मोदी ने कहा – ‘माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्ते में कोविड-19 रोधी  वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी। वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और इसके लिए देश में कोल्ड चेन की व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।’ पीएम ने कहा कि करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है। भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है।

इस सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कुछ केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित थे। यह वर्चुअल बैठक देश में कोरोनावायरस के हालात पर चर्चा के लिए आयोजित की गयी। मोदी ने कहा – ‘अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. अभी दूसरे देशों की कई वैक्सीन के नाम हम बाजार में सुन रहे हैं लेकिन दुनिया की नजर कम कीमत वाली, सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इसलिए पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।’

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है।

भारत : अब तक 95,71,559 संक्रमित
इस बीच आज सुबह जारी किये गए स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 95,71,559 हो गई है। पिछले 24 घंटों में (शुक्रवाह सुबह 8 बजे तक) कोरोना के 36,595 नए मामले सामने आए जबकि पिछले 24 घंटों में 42,916 मरीज ठीक हुए। इन 24 घंटों में 540 संक्रमितों की मौत हो गयी। अब तक कुल 90,16,289 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 1,39,188 लोगों की जान गई है। देश में 4,16,082 एक्टिव केस वर्तमान में हैं जबकि रिकवरी रेट 94.19 प्रतिशत पर है।  पॉजिटिविटी रेट 3.12 फीसदी जबकि डेथ रेट 1.45 फीसदी है।

यह सरकार 5 साल पूरे करेगी, सरकार में किसी भी तरह का मतभेद नहीं है : जयंत पाटील

महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार ने अपना एक साल  पूरा कर लिया है आप इसे कैसे देखते हैं ?

सरकार का पहला साल ‘चुनौतियों भरा वर्ष’ था; क्योंकि सरकार के शपथ ग्रहण के सौ दिन बाद, विश्व के सबसे बडे़ संकट की चपेट में महाराष्ट्र भी आया। साल के लगभग आठ माह, राज्य कोरोना संकट से ग्रस्त रहा, जो अभी भी खत्म नहीं हुआ है। इस संकट के दौरान, महाराष्ट्र के ग्यारह करोड़ लोगों का विश्वास महाराष्ट्र सरकार के साथ रहा और आज राज्य इस संकट से उभर रहा है। इसलिए मैं सरकार की ओर से, महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।

वैसे देखा जाए तो महाविकास अघाडी सरकार महाराष्ट्र में सबसे अद्भुत प्रयोगों में से एक है। ऐसा प्रयोग केवल महाराष्ट्र में 1977 में पुलोद (पुरोगामी लोकशाही दल)के समय हुआ था और उसके बाद 42 साल बाद 2019 में। 2019 के चुनावों में, महाराष्ट्र के लोगों का जनादेश का इशारा था कि राज्य के लोग बदलाव चाहते हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद, लोगों ने इस सरकार का गर्मजोशी से स्वागत किया। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर बने।

कोरोना संकट महाराष्ट्र में नहीं पूरे देश और विश्व का रहा है, महाराष्ट्र की स्थिति…संतोषजनक है?

कोरोना काल में इस तरह के भयावह संकट के दौरान, हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को बहुत सक्षम रूप से हैंडल किया। उनके साथ कैबिनेट के सभी मिनिस्टर थे, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए कि उनके जिलों में स्थिति हाथ से बाहर न निकले। महाराष्ट्र प्रशासन की कड़ी मेहनत और नागरिकों के सहयोग के साथ, हम इस चुनौती से निबटने में काफी हद तक सफल रहे हैं। राज्य के लोगों ने भी स्टेट गवर्नमेंट के ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान का सहज समर्थन किया।

विपक्ष का सरकार पर आरोप है कि वह फेल हो रही है…

बेवजह आरोप लगाना उनका काम है …बावजूद इसके कि एक ओर गवर्नमेंट कोरोना से जूझ रही थी, सरकार ने अन्य मामलों पर भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। किसानों को ऋण माफी का वादा किया गया था और सभी किसानों की ऋण माफी राशि जो मानदंडों को पूरा करती है, उनके खाते में जमा की गई है। बेमौसमी बारिश से राज्य के कुछ हिस्सों में भारी नुकसान हुआ। राज्य के खास लीडरान ने उन इलाकों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। इस बात का ध्यान रखा कि मुआवजा जरूरतमंदों तक सही मायने में पहुंचे। सरकार की ओर से किसानों के लिए सहायता की घोषणा की गई। जब कोंकण तूफान की चपेट में आया, तो सरकार ने तूफान पीड़ितों की सहायता की घोषणा की और सुनिश्चित किया कि पीड़ित लाभान्वित हों।

महाराष्ट्र में निवेश बढ़ाने के लिए, महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 35,000 करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। इससे महाराष्ट्र में भारी निवेश आएगा। इस सरकार ने आरे में मेट्रो कार शेड का निर्माण रोकने का फैसला किया क्योंकि सभी मुंबईकर आरे जंगल को बचाना चाहते थे। सरकार का पहला फर्ज लोगों की इच्छा का सम्मान करना है।

मेगा पुलिस की भर्ती के हालिया फैसले ने न केवल राज्य के पुलिस बल को सक्षम बनाया है, बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किया है। महाराष्ट्र में स्टुडेंट्स को नयी अपार्चुनिटीज प्रोवाइड करने के लिए गूगल क्लासरूम लॉन्च करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला स्टेट भी बन गया है।

स्टेट गवर्नमेंट ने धारावी रिडेवलपमेंट के लिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की हैं और स्टेट हाउसिंग डिपार्टमेंट महानगरों को स्लम फ्री करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आपके डिपार्टमेंट की क्या उपलब्धि रही है…

यह मेरी या मेरे डिपार्टमेंट की उपलब्धि नहीं बल्कि पूरे सरकार की उपलब्धि है यह बात अलग है कि इस बार महाराष्ट्र के वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी मुझे दी गई। विशेष तौर पर हम राज्य में पानी की कमी वाले घाटियों के लिए पश्चिम की ओर बहने वाले पानी को बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, उदाहरण के लिए, गिरणा, तापी और गोदावरी क्षेत्रों में। हमने गोदावरी घाटी में मराठवाड़ा के लिए अतिरिक्त पानी के मोड़ पर ध्यान केंद्रित किया है। मेरा मानना है कि वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट में जितनी अधिक आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है, उतना ही किया जाना चाहिए।

दावे किए जा रहे हैं कि यह सरकार 5 साल तक नहीं चल पाएगी… और सबसे बड़ा यह है कि अलायंस गवर्नमेंंट में आपस में बहुत सारेे मतभेद हैं… शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को कोई तवज्जो नहीं देती…

बीजेपी का हमेशा से दावा यही रहा है कि यह सरकार 1 दिन भी नहीं चलेगी जिस दिन से सरकार का गठन हुआ उसी दिन से लेकर आज तक। पहले उन्होंने कहा कि 3 महीने में सरकार गिर जाएगी… 6 महीने में गिर जाएगी एक दिन नहीं चलेगी और सरकार 1 साल पूरा कर चुकी है और बहुत बढ़िया ढंग से दूसरी बात है कि इनके इनके पास तो कोई अधिकार ही नहीं है कि वह इस तरह से कह कि हमारे पास हमारे बीच में मतभेद हैं । शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच में बहुत बढ़िया तालमेल चल रहा है सब एक दूसरे की इज्जत करते हैं एक दूसरे को लेकर चलते हैं। आप याद कीजिए जब बीजेपी शिवसेना साथ में थी तब बीजेपी ने शिवसेना की कितनी बेइज्जती की थी। अब उन्हें लगता है कि जैसा उन्होंने किया वैसा हमारे बीच हो रहा होगा शिवसेना कर रही होगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।यह सरकार शरद पवार और सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में और सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में निश्चित रूप से पाँच साल पूरे करेगी।

कॉमेडियन भारती सिंह को जमानत दिलाने के आरोप में एनसीबी के दो अफसर निलंबित

मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड ड्रग्स मामले की जांच से जुड़े अपने दो अधिकारियों को जमानत दिलाने में मदद करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। दोनों अधिकारी कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया और करिश्मा प्रकाश के मामले की जांच कर रहे थे। दरअसल,  इन अधिकारियों को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि वे भारती समेत तीन लोगों की जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले में बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रही एनसीबी के ही अधिकारी जांच के घेरे में आ गए हैं। इससे एनसीबी मुंबई यूनिट में हड़कंप मच गया है। एनसीबी से मिली जानकारी के अनुसार, निलंबित किए गए दोनों अधिकारी कॉमेडियन भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिंबाचिया और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश केस में जांच अधिकारी हैं। एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेडे ने उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया है।

एनसीबी को यह भी शक है कि करिश्मा प्रकाश को मिली अग्रिम जमानत में भी कुछ इसी तरह का ‘खेल’ हुआ था। एनसीबी के दो निलंबित अधिकारियों के साथ ही सरकारी वकील पर आरोपियों को मदद करने का संदेह जताया गया है, क्योंकि वकील तय समय पर मौजूद नहीं हुए थे।

बता दें कि भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया कुछ दिन पहले ही ड्रग्स मामले में लिप्त पाए गए थे। दोनों पति-पत्नी की इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन दोनों को दो दिन बाद ही 15-15 हजार रुपये के मुचलके पर एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जमानत दे दी थी।

किसानों-सरकार के बीच चौथी बैठक भी बेनतीजा, अब 5 को फिर बातचीत; परगट सिंह ने पदम् श्री लौटाया

किसानों और मोदी सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर उपजे विरोध को लेकर गुरुवार शाम ख़त्म हुई चौथे दौर की बैठक भी बेनतीजा रही है। किसानों ने तीन कृषि कानूनों को संसद का विशेष सत्र बुलाकर वापस लेने की मांग पुरजोर तरीके से रखी, हालांकि सरकार ने साफ़ कह दिया है कि न तो क़ानून वापस होंगे न एमएसपी को लेकर कुछ फेरबदल होगा। अब एक और बैठक 5 दिसंबर को रखी गयी है, हालांकि, किसान इस बैठक में जाऐंगे या नहीं अभी साफ़ नहीं है। इस बीच पंजाब के जलंधर कैंट से कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी परगट सिंह ने अपना पदम् श्री अवार्ड लौटा दिया है। उधर आंदोलन के दौरान अब तक ठण्ड और अन्य कारणों से कम से कम 4 किसानों की मौत हो चुकी है।

साढ़े सात घंटे तक चली बैठक के बावजूद कोई हल आज नहीं निकल सका है। सरकार ने अगले दौर की एक और वार्ता के लिए किसानों को 5 दिसंबर को बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि किसानों के साथ फिर से एक बार परसों बैठक हो ताकि और ज्यादा स्पष्टता आए। किसान अपना आंदोलन खत्म करें, सरकार का दरवाज़ा खुला है और मुद्दा व्यापक है हम फिर बैठक करेंगे।

पता चला है कि बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एमएसपी पर सरकार के रुख को ‘धर्म’ की तरह बताया और कहा कि कानूनों में भी कोई फेरबदल संभव नहीं है। सुबह विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच 12 बजे से बैठक शूरू हुई। किसानों ने सरकार के सामने कृषि कानून वापस लेने की मांग रखी। लेकिन साढ़े सात घंटे बाद भी बैठक बेनतीजा रही। बैठक में किसानों ने मांग रखी कि एमएसपी पर पूरे देश में एक ठोस क़ानून हो अगर एमएसपी से नीचे कोई ख़रीदे तो उसपर क़ानूनी कार्रवाई  का कड़ा प्रावधान हो। साथ ही किसानों ने दोहराया कि तीनों कृषि कानून वापस हों।

आज की बैठक में सरकार के रुख से साफ़ दिख रहा है कि 5 दिसंबर की बैठक में भी शायद ही कोई नतीजा निकल पाए। किसानों ने साफ कर दिया है कि तीन कानूनों को आपस लेने और एमएसपी में कानूनी प्रावधान के बिना वह नहीं मानेंगे। सरकार यह दोनों चीजें करने के बिलकुल पक्ष में नहीं दिखती।

बैठक के दौरान किसान नेताओं ने शिकायत की कि जब हम बैठक के लिए आते हैं तो दिल्ली पुलिस जगह-जगह हमें रोक कर पूछताछ करती है, कहां जा रहे हैं ? क्यों जा रहे हैं ? आधा-आधा घंटा रोका जाता है। इस पर मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आप चिंता न करें, अगली बार से दिल्ली पुलिस की गाड़ी आपके वाहन के आगे-आगे चलेगी।

किसान आंदोलन धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलने की संभावना लग रही है। गुरुवार को यूपी और मध्य प्रदेश में किसानों ने जिस तरह विरोध प्रदर्शन किये हैं उसे देसखकर यही लगता है कि देश के दूसरे हिस्सों में भी यह आंदोलन उभर सकता है।

बुंदेलखंड किसान यूनियन ने आज कहा कि अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो मौजूदा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के पारित तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं।

इस बीच पंजाब के जलंधर कैंट से कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी परगट सिंह ने अपना पदम् श्री अवार्ड लौटा दिया है। उधर आंदोलन के दौरान अब तक ठण्ड और अन्य कारणों से कम से कम 4 किसानों की मौत हो चुकी है।