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महाराष्ट्र विधान परिषद् चुनावों में पिटी भाजपा को 6 में 1 ही सीट, आरएसएस के गढ़ नागपुर में कांग्रेस की बड़ी जीत

महाराष्ट्र में पिछले साल सत्ता गंवाने वाली भाजपा को विधान परिषद के चुनाव नतीजों में झटका लगा है। कुल 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा सिर्फ एक ही सीट जीत पाई है जबकि शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 4 सीटें मिली हैं। दिलचस्प यह है कि इनमें से शिव सेना की एक भी सीट नहीं है जबकि कांग्रेस-एनसीपी को 2-2 सीटें मिली हैं। एक निर्दलीय की जीत हुई है। भाजपा को सबसे बुरी हार नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हुई जो पार्टी का गढ़ माना जाता है जहां कांग्रेस के जयंत दिनकर जीते हैं जबकि पुणे डिवीजन और नागपुर डिवीजन की सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है। नागपुर सीट का कांग्रेस के खाते में जाना भाजपा के लिए बड़ा झटका है क्योंकि  वहां पिछले 5 दशक से भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है।

विधान परिषद की 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज करने में सफलता मिली। बाकी 5 सीटों पर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का महाविकास आघाड़ी गठबंधन जीत गया है जिनमें कांग्रेस-एनसीपी को 2-2 सीट मिली हैं। एक साल के भीतर भाजपा के लिए राज्य में यह दूसरा बड़ा झटका है। बता दें भाजपा ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और एक निर्दलीय को समर्थन दिया था।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी की हार पर कहा – ‘महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव के परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं। हम ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रहे थे जबकि सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली है। हमसे तीनों पार्टियों (महाविकास आघाड़ी) की सम्मिलित ताकत को आंकने में चूक हुई।’

भाजपा की सबसे बुरी हार नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में हुई है जिसे पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस सीट से पूर्व में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस जीत चुके हैं। यहाँ चुनाव को महाविकास आघाड़ी और भाजपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था और भाजपा को यहां मात मिली है।

जीत के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा – ‘विधानपरिषद चुनाव में आघाड़ी की जीत गठबंधन पार्टियों के बीच एकता का सबूत हैं।’ धार पुणे निर्वाचन क्षेत्र से आघाड़ी के उम्मीदवार अरुण लाड ने एनडीए उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48 हजार वोटों से हराया। मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा – ‘चुनाव परिणाम पिछले एक साल में महाविकास आघाड़ी के विकास कार्यों पर मुहर की तरह हैं। भाजपा को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। विधानपरिषद चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन का उनका दावा खोखला साबित हुआ है।’

भाजपा अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर भी बचा नहीं पाई। पुणे डिविजन की स्नातक सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अरुण लाड और औरंगाबाद डिविजन की स्नातक सीट से सतीश चह्वाण ने जीत हासिल की है। धुले नंदुरबार की 1 सीट को भाजपा जीतने में कामयाब रही है जबकि एक सीट अमरावती में निर्दलीय आगे है।   पुणे स्नातक सीट से एनसीपी के अरुण लाड और औरंगाबाद की स्नातक सीट से सतीश चह्वाण ने जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस के जयंत दिनकर ने पुणे डिवीजन की सीट पर बाजी मारी है वहीं नागपुर डिवीजन की सीट भी कांग्रेस के खाते में गई है।

नागपुर सीट का कांग्रेस के खाते में जाना भाजपा के लिए बड़ा झटका है। वहां पिछले 5 दशक से भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की मतगणना के रुझानों में टीआरएस को बढ़त, भाजपा का भी अच्छा प्रदर्शन

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर अब तक के मतगणना रुझानों में  टीआरएस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। दोपहर 2.30 बजे तक के रुझानों के मुताबिक सत्तारूढ़ टीआरएस 64 सीटों पर आगे है जबकि पिछले चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली भाजपा बेहतर प्रदर्शन के साथ 42 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। अपने गढ़ में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 37 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस 3 सीटों पर सिमटती दिख रही है। शाम तक पूरे नतीजे सामने आने की संभावना है।

केसीआर की सत्तारूढ़ टीआरएस की 64 सीटों पर बढ़त है और अब तक 150 में से 146 सीटों के रुझान सामने आये हैं। ओवैसी की एआईएमआईएम, जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, को अब तक 37 सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि कांग्रेस को 3 सीटों पर। रुझानों के बाद भाजपा सांसद डी अरविंद ने कहा कि तेलंगाना राज्य में परिवर्तन शुरू हो गया है।

बता दें यह पहली बार था जब भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय नेताओं को इसी निगम चुनाव में झोंककर साफ़ कर दिया था कि वो पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रही है। उसके इस रुख ने टीआरएस को कुछ रक्षात्मक कर दिया था। चुनाव की कमान एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली थी। हैदराबाद में भाजपा को 40 से ज्यादा सीट मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी जबकि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से  ही कमजोर हालत में है जिसका फायदा भाजपा को मिला है।

इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इसे औवैसी का गढ़ माना जाता है और साफ़ दिख रहा है कि भाजपा यहाँ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में सफल रही है। चुनाव के दौरान यह आरोप भी बहुत लगे थे कि पर्दे के पीछे भाजपा ओवैसी की पार्टी से गुप्त समझौता कर चुकी है और उसके वोट भाजपा को ट्रांसफर करने की तैयारी है। भाजपा ने इन आरोप को नकार दिया था।

बता दें 2016 के निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों पर लड़कर 99 में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 में जीत मिली थी। तब भाजपा की यहां बुरी गत बनी थी। इस बार तस्वीर बदलने जा रही है और भाजपा निगम पर कब्ज़ा करने की स्थिति में दिख रही है। यदि यह रुझान अंत तक रहते हैं तो भाजपा का ही मेयर यहां बनेगा।

इस चुनाव में 46.55 फीसदी मतदान हुआ था। टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा 149, कांग्रेस 146 और एमआईएम 51 पर चुनाव लड़ रही है। देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को बीजेपी ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। भाजपा ने प्रचार के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, मंत्रियों स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस जैसे नेताओं को उतार दिया था। स्ने चुनाव प्रचार का रुख ही बदल दिया।

कोरोना वैक्सीन अगले कुछ हफ़्तों में, सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी बोले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार कहा कि देश में अगले कुछ हफ्तों में कोविड-19 रोधी वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 8 ऐसी वैक्सीन हैं, जिनका ट्रायल अलग-अलग स्टेज पर है। पीएम ने  यह जानकारी देश में कोरोनावायरस के हालात पर चर्चा के लिए एक वर्चुअल सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

बैठक में मोदी ने कहा – ‘माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्ते में कोविड-19 रोधी  वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी। वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं और इसके लिए देश में कोल्ड चेन की व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।’ पीएम ने कहा कि करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनका उत्पादन भारत में ही होना है। भारत की अपनी 3 वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है।

इस सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कुछ केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित थे। यह वर्चुअल बैठक देश में कोरोनावायरस के हालात पर चर्चा के लिए आयोजित की गयी। मोदी ने कहा – ‘अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. अभी दूसरे देशों की कई वैक्सीन के नाम हम बाजार में सुन रहे हैं लेकिन दुनिया की नजर कम कीमत वाली, सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इसलिए पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।’

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। फरवरी-मार्च की आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है। अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत जरूरी है।

भारत : अब तक 95,71,559 संक्रमित
इस बीच आज सुबह जारी किये गए स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 95,71,559 हो गई है। पिछले 24 घंटों में (शुक्रवाह सुबह 8 बजे तक) कोरोना के 36,595 नए मामले सामने आए जबकि पिछले 24 घंटों में 42,916 मरीज ठीक हुए। इन 24 घंटों में 540 संक्रमितों की मौत हो गयी। अब तक कुल 90,16,289 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 1,39,188 लोगों की जान गई है। देश में 4,16,082 एक्टिव केस वर्तमान में हैं जबकि रिकवरी रेट 94.19 प्रतिशत पर है।  पॉजिटिविटी रेट 3.12 फीसदी जबकि डेथ रेट 1.45 फीसदी है।

यह सरकार 5 साल पूरे करेगी, सरकार में किसी भी तरह का मतभेद नहीं है : जयंत पाटील

महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार ने अपना एक साल  पूरा कर लिया है आप इसे कैसे देखते हैं ?

सरकार का पहला साल ‘चुनौतियों भरा वर्ष’ था; क्योंकि सरकार के शपथ ग्रहण के सौ दिन बाद, विश्व के सबसे बडे़ संकट की चपेट में महाराष्ट्र भी आया। साल के लगभग आठ माह, राज्य कोरोना संकट से ग्रस्त रहा, जो अभी भी खत्म नहीं हुआ है। इस संकट के दौरान, महाराष्ट्र के ग्यारह करोड़ लोगों का विश्वास महाराष्ट्र सरकार के साथ रहा और आज राज्य इस संकट से उभर रहा है। इसलिए मैं सरकार की ओर से, महाराष्ट्र के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।

वैसे देखा जाए तो महाविकास अघाडी सरकार महाराष्ट्र में सबसे अद्भुत प्रयोगों में से एक है। ऐसा प्रयोग केवल महाराष्ट्र में 1977 में पुलोद (पुरोगामी लोकशाही दल)के समय हुआ था और उसके बाद 42 साल बाद 2019 में। 2019 के चुनावों में, महाराष्ट्र के लोगों का जनादेश का इशारा था कि राज्य के लोग बदलाव चाहते हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद, लोगों ने इस सरकार का गर्मजोशी से स्वागत किया। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर बने।

कोरोना संकट महाराष्ट्र में नहीं पूरे देश और विश्व का रहा है, महाराष्ट्र की स्थिति…संतोषजनक है?

कोरोना काल में इस तरह के भयावह संकट के दौरान, हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को बहुत सक्षम रूप से हैंडल किया। उनके साथ कैबिनेट के सभी मिनिस्टर थे, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए कि उनके जिलों में स्थिति हाथ से बाहर न निकले। महाराष्ट्र प्रशासन की कड़ी मेहनत और नागरिकों के सहयोग के साथ, हम इस चुनौती से निबटने में काफी हद तक सफल रहे हैं। राज्य के लोगों ने भी स्टेट गवर्नमेंट के ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ अभियान का सहज समर्थन किया।

विपक्ष का सरकार पर आरोप है कि वह फेल हो रही है…

बेवजह आरोप लगाना उनका काम है …बावजूद इसके कि एक ओर गवर्नमेंट कोरोना से जूझ रही थी, सरकार ने अन्य मामलों पर भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। किसानों को ऋण माफी का वादा किया गया था और सभी किसानों की ऋण माफी राशि जो मानदंडों को पूरा करती है, उनके खाते में जमा की गई है। बेमौसमी बारिश से राज्य के कुछ हिस्सों में भारी नुकसान हुआ। राज्य के खास लीडरान ने उन इलाकों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया। इस बात का ध्यान रखा कि मुआवजा जरूरतमंदों तक सही मायने में पहुंचे। सरकार की ओर से किसानों के लिए सहायता की घोषणा की गई। जब कोंकण तूफान की चपेट में आया, तो सरकार ने तूफान पीड़ितों की सहायता की घोषणा की और सुनिश्चित किया कि पीड़ित लाभान्वित हों।

महाराष्ट्र में निवेश बढ़ाने के लिए, महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 35,000 करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। इससे महाराष्ट्र में भारी निवेश आएगा। इस सरकार ने आरे में मेट्रो कार शेड का निर्माण रोकने का फैसला किया क्योंकि सभी मुंबईकर आरे जंगल को बचाना चाहते थे। सरकार का पहला फर्ज लोगों की इच्छा का सम्मान करना है।

मेगा पुलिस की भर्ती के हालिया फैसले ने न केवल राज्य के पुलिस बल को सक्षम बनाया है, बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किया है। महाराष्ट्र में स्टुडेंट्स को नयी अपार्चुनिटीज प्रोवाइड करने के लिए गूगल क्लासरूम लॉन्च करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला स्टेट भी बन गया है।

स्टेट गवर्नमेंट ने धारावी रिडेवलपमेंट के लिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की हैं और स्टेट हाउसिंग डिपार्टमेंट महानगरों को स्लम फ्री करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आपके डिपार्टमेंट की क्या उपलब्धि रही है…

यह मेरी या मेरे डिपार्टमेंट की उपलब्धि नहीं बल्कि पूरे सरकार की उपलब्धि है यह बात अलग है कि इस बार महाराष्ट्र के वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी मुझे दी गई। विशेष तौर पर हम राज्य में पानी की कमी वाले घाटियों के लिए पश्चिम की ओर बहने वाले पानी को बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, उदाहरण के लिए, गिरणा, तापी और गोदावरी क्षेत्रों में। हमने गोदावरी घाटी में मराठवाड़ा के लिए अतिरिक्त पानी के मोड़ पर ध्यान केंद्रित किया है। मेरा मानना है कि वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट में जितनी अधिक आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है, उतना ही किया जाना चाहिए।

दावे किए जा रहे हैं कि यह सरकार 5 साल तक नहीं चल पाएगी… और सबसे बड़ा यह है कि अलायंस गवर्नमेंंट में आपस में बहुत सारेे मतभेद हैं… शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को कोई तवज्जो नहीं देती…

बीजेपी का हमेशा से दावा यही रहा है कि यह सरकार 1 दिन भी नहीं चलेगी जिस दिन से सरकार का गठन हुआ उसी दिन से लेकर आज तक। पहले उन्होंने कहा कि 3 महीने में सरकार गिर जाएगी… 6 महीने में गिर जाएगी एक दिन नहीं चलेगी और सरकार 1 साल पूरा कर चुकी है और बहुत बढ़िया ढंग से दूसरी बात है कि इनके इनके पास तो कोई अधिकार ही नहीं है कि वह इस तरह से कह कि हमारे पास हमारे बीच में मतभेद हैं । शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच में बहुत बढ़िया तालमेल चल रहा है सब एक दूसरे की इज्जत करते हैं एक दूसरे को लेकर चलते हैं। आप याद कीजिए जब बीजेपी शिवसेना साथ में थी तब बीजेपी ने शिवसेना की कितनी बेइज्जती की थी। अब उन्हें लगता है कि जैसा उन्होंने किया वैसा हमारे बीच हो रहा होगा शिवसेना कर रही होगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।यह सरकार शरद पवार और सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में और सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में निश्चित रूप से पाँच साल पूरे करेगी।

कॉमेडियन भारती सिंह को जमानत दिलाने के आरोप में एनसीबी के दो अफसर निलंबित

मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड ड्रग्स मामले की जांच से जुड़े अपने दो अधिकारियों को जमानत दिलाने में मदद करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। दोनों अधिकारी कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया और करिश्मा प्रकाश के मामले की जांच कर रहे थे। दरअसल,  इन अधिकारियों को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि वे भारती समेत तीन लोगों की जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले में बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रही एनसीबी के ही अधिकारी जांच के घेरे में आ गए हैं। इससे एनसीबी मुंबई यूनिट में हड़कंप मच गया है। एनसीबी से मिली जानकारी के अनुसार, निलंबित किए गए दोनों अधिकारी कॉमेडियन भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिंबाचिया और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की मैनेजर करिश्मा प्रकाश केस में जांच अधिकारी हैं। एनसीबी के जोनल डॉयरेक्टर समीर वानखेडे ने उन्हें निलंबित कर उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया है।

एनसीबी को यह भी शक है कि करिश्मा प्रकाश को मिली अग्रिम जमानत में भी कुछ इसी तरह का ‘खेल’ हुआ था। एनसीबी के दो निलंबित अधिकारियों के साथ ही सरकारी वकील पर आरोपियों को मदद करने का संदेह जताया गया है, क्योंकि वकील तय समय पर मौजूद नहीं हुए थे।

बता दें कि भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया कुछ दिन पहले ही ड्रग्स मामले में लिप्त पाए गए थे। दोनों पति-पत्नी की इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन दोनों को दो दिन बाद ही 15-15 हजार रुपये के मुचलके पर एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने जमानत दे दी थी।

किसानों-सरकार के बीच चौथी बैठक भी बेनतीजा, अब 5 को फिर बातचीत; परगट सिंह ने पदम् श्री लौटाया

किसानों और मोदी सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर उपजे विरोध को लेकर गुरुवार शाम ख़त्म हुई चौथे दौर की बैठक भी बेनतीजा रही है। किसानों ने तीन कृषि कानूनों को संसद का विशेष सत्र बुलाकर वापस लेने की मांग पुरजोर तरीके से रखी, हालांकि सरकार ने साफ़ कह दिया है कि न तो क़ानून वापस होंगे न एमएसपी को लेकर कुछ फेरबदल होगा। अब एक और बैठक 5 दिसंबर को रखी गयी है, हालांकि, किसान इस बैठक में जाऐंगे या नहीं अभी साफ़ नहीं है। इस बीच पंजाब के जलंधर कैंट से कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी परगट सिंह ने अपना पदम् श्री अवार्ड लौटा दिया है। उधर आंदोलन के दौरान अब तक ठण्ड और अन्य कारणों से कम से कम 4 किसानों की मौत हो चुकी है।

साढ़े सात घंटे तक चली बैठक के बावजूद कोई हल आज नहीं निकल सका है। सरकार ने अगले दौर की एक और वार्ता के लिए किसानों को 5 दिसंबर को बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि किसानों के साथ फिर से एक बार परसों बैठक हो ताकि और ज्यादा स्पष्टता आए। किसान अपना आंदोलन खत्म करें, सरकार का दरवाज़ा खुला है और मुद्दा व्यापक है हम फिर बैठक करेंगे।

पता चला है कि बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एमएसपी पर सरकार के रुख को ‘धर्म’ की तरह बताया और कहा कि कानूनों में भी कोई फेरबदल संभव नहीं है। सुबह विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच 12 बजे से बैठक शूरू हुई। किसानों ने सरकार के सामने कृषि कानून वापस लेने की मांग रखी। लेकिन साढ़े सात घंटे बाद भी बैठक बेनतीजा रही। बैठक में किसानों ने मांग रखी कि एमएसपी पर पूरे देश में एक ठोस क़ानून हो अगर एमएसपी से नीचे कोई ख़रीदे तो उसपर क़ानूनी कार्रवाई  का कड़ा प्रावधान हो। साथ ही किसानों ने दोहराया कि तीनों कृषि कानून वापस हों।

आज की बैठक में सरकार के रुख से साफ़ दिख रहा है कि 5 दिसंबर की बैठक में भी शायद ही कोई नतीजा निकल पाए। किसानों ने साफ कर दिया है कि तीन कानूनों को आपस लेने और एमएसपी में कानूनी प्रावधान के बिना वह नहीं मानेंगे। सरकार यह दोनों चीजें करने के बिलकुल पक्ष में नहीं दिखती।

बैठक के दौरान किसान नेताओं ने शिकायत की कि जब हम बैठक के लिए आते हैं तो दिल्ली पुलिस जगह-जगह हमें रोक कर पूछताछ करती है, कहां जा रहे हैं ? क्यों जा रहे हैं ? आधा-आधा घंटा रोका जाता है। इस पर मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आप चिंता न करें, अगली बार से दिल्ली पुलिस की गाड़ी आपके वाहन के आगे-आगे चलेगी।

किसान आंदोलन धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलने की संभावना लग रही है। गुरुवार को यूपी और मध्य प्रदेश में किसानों ने जिस तरह विरोध प्रदर्शन किये हैं उसे देसखकर यही लगता है कि देश के दूसरे हिस्सों में भी यह आंदोलन उभर सकता है।

बुंदेलखंड किसान यूनियन ने आज कहा कि अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो मौजूदा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के पारित तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं।

इस बीच पंजाब के जलंधर कैंट से कांग्रेस विधायक और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी परगट सिंह ने अपना पदम् श्री अवार्ड लौटा दिया है। उधर आंदोलन के दौरान अब तक ठण्ड और अन्य कारणों से कम से कम 4 किसानों की मौत हो चुकी है।

राहुल गांधी ने ‘सबको कोरोना वैक्सीन की जरूरत नहीं’ वाले ब्यान पर केंद्र को घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार के उस ब्यान को लेकर निशाना साधा है जिसमें उसने कहा है कि देश में सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि वो देश को बताएं कि आखिर  इस मामले पर उनका रुख है क्या। याद रहे बिहार चुनाव में भाजपा ने सभी को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने का ऐलान किया था, जबकि हाल में पीएम ने कहा था कि वैक्सीन कब आएगी, यह अभी बताना मुश्किल है।

अब राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। गांधी ने केंद्र से सवाल किया कि आखिर इस मसले पर पीएम नरेन्द्र मोदी का रुख क्या है ? उन्होंने ट्वीट में कहा – ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी के लिए टीका उपलब्ध होगा। बिहार चुनाव में भाजपा कहती है कि प्रदेश में सभी के लिए कोरोना का टीका मुफ्त में उपलब्ध होगा। अब भारत सरकार का कहना है कि उसने कभी ऐसा नहीं कहा कि सभी को टीका मिलेगा। आखिर प्रधानमंत्री का रुख क्या है?’

बता दें मंगलवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि पूरे देश की आबादी को कोविड-19 का टीका लगाने के बारे में कभी कोई बातचीत नहीं हुई।  उन्होंने कहा – ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार ने पूरे देश की आबादी के टीकाकरण के बारे में कभी नहीं कहा।’ अब इस ब्यान के बाद केंद्र के कोरोना को लेकर रुख पर सवाल खड़े हो गए हैं।

राहुल गांधी का ट्वीट –
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
PM- Everyone will get vaccine. BJP in Bihar elections- Everyone in Bihar will get free vaccine. Now, GOI- Never said everyone will get vaccine. Exactly what does the PM stand by?

रजनीकांत 31 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान करेंगे, तमिलनाडु में चुनाव लड़ेंगे

तमिल सुपरस्टार रजनीकांत अब राजनीतिक पारी खेलने की तैयारी में हैं। गुरुवार को रजनीकांत ने एक ट्वीट करके जानकारी दी है कि वो 31 दिसंबर को पार्टी के नाम की घोषणा करके जनवरी में इसका गठन कर देंगे। रजनीकांत की यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तमिलनाडु दौरे के कुछ दिन बाद ही सामने आई है।

अटकलें थीं कि रजनीकांत राजनीति में जाएंगे। उन्हें तमिल क्षेत्र में ‘थलैवा’ कहा जाता है। उन्होंने अपने समर्थकों को बताया है कि नई पार्टी का गठन नए साल के शुरू में ही कर दिया जाएगा। पार्टी के नाम का ऐलान रजनीकांत 31 दिसंबर को कर देंगे।

तमिल स्टार ने एक ट्वीट में कहा कि वे 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे और फिर अगले साल जनवरी में इसे लांच करेंगे। रजनीकांत के ट्वीट से साफ़ जाहिर होता है कि वे अपनी नई पार्टी को विधानसभा के चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतार सकते हैं।

अपने ट्वीट में रजनीकांत ने कहा – ‘हम निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव जीतेंगे। हम एक ईमानदार, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और आध्यात्मिक राजनीति करेंगे। निश्चित रूप से एक आश्चर्य और चमत्कार होगा।’ इस ट्वीट से पहले हफ्ते के शुरू में चेन्नई में रजनीकांत ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी। इसमें नई पार्टी को लेकर चर्चा की गयी थी। रजनीकांत पहले ही ‘रजनी मक्कल मंद्रम’ का गठन कर चुके हैं जिसकी  जिला स्तर तक शाखाएं हैं।

बता दें तमिलनाडु में 2021 के मध्य में (अप्रैल या मई) में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह हाल में तमिलनाड का दौरा कर चुके हैं। भाजपा तमिलनाड पर पूरा फोकस कर रही है। रजनीकांत के अपनी पार्टी बनाने के ऐलान पर भाजपा की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह अभी पता नहीं है, क्योंकि पार्टी में यह चर्चा थी कि वह रजनीकांत को साथ लेकर सीएम के रूप में आगे कर सकती है।

किसानों के हक़ में अवार्ड वापसी का ऐलान, पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने अपना पदम् विभूषण लौटाया

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के प्रति देश भर में विरोध बढ़ता जा रहा है। अब तो देश के कई हिस्सों से खिलाड़ियों और अन्य हस्तियों ने किसानों के हक़ में अपने अवार्ड वापस करने का ऐलान करना शुरू कर दिया है। पंजाब के खिलाड़ियों के बाद अब गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पदम् विभूषण सम्मान लौटाने का ऐलान किया है।

बादल ने मोदी सरकार से किसानों के मसले पर जबरदस्त नाराजगी जताई है। बता दें उनकी पार्टी शिअद पहले ही मोदी सरकार से अपनी मंत्री का इस्तीफा करवा चुकी है। पार्टी ने एंडी से अलग होने का भी ऐलान कर रखा है।

बादल की यह घोषणा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की किसानों के मसले पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के तुरंत बाद आई है। अमरिंदर ने शाह से मुलाकात के दौरान किसानों का मसला जल्दी हल करने की मांग की है।

याद रहे तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के समर्थन में पूर्व खिलाड़ी भी आ गए हैं। सोमवार को जलंधर में पूर्व खिलाड़ियों ने किसानों की मांगे न माने जाने पर केंद्र सरकार से मिले अवार्ड वापस लौटाने की चेतावनी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार को 5 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है।

पद्मश्री पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवार्डी सज्जन सिंह चीमा, गोल्डन गर्ल के नाम से जानी जाती हॉकी ओलंपियन खिलाड़ी राजवीर कौर, ओलंपियन गुरमेल सिंह और पूर्व क्रिकेट कोच प्रोफेसर राजिंदर सिंह ने कहा कि वह भी किसान परिवार से हैं। पंजाब में किसानों की बुरी हालत को वह अच्छे तरीके से जानते हैं। उन्होंने कृषि सुधार कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अड़ियल रवैया छोड़ना चाहिए। किसान पहले शांतमयी प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई, जिस वजह से मजबूर होकर उन्हें दिल्ली कूच करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगे न मानी गई तो वह भी सैकड़ों पूर्व नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ दिल्ली कूच करेंगे और खेलों में दिए योगदान के बदले उन्हें मिले सभी केंद्रीय सम्मान वापस लौटा देंगे।

नहीं रहे मसालों के बादशाह एमडीएच कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल

अपनी मेहनत के बूते ऊंचाई छूने वाले और अपनी कम्पनी एमडीएच के मासलों के विज्ञापन से बेहद लोकप्रिय हुए मसालों के बादशाह और एमडीएच ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल का आज सुबह निधन हो गया। वह 98 साल के थे। कोरोना से स्वस्थ  होने के बाद दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।

बता दें पिछले साल ही उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। सुबह 5.38 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। एक समय  अपनी गुजर बसर करने वाले महाशय धर्मपाल

जीबट की जीती ज्यादती मिसाल थे। गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। साल 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए। तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे।

धर्मपाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक ही पढ़े थे, लेकिन उन्होंने व्यापार  बुद्धि का लोहा सबसे मनवा लिया।  गुलाटी अपने वेतन का करीब 90 फीसदी दान में दे देते थे। वह 20 स्कूल और एक अस्पताल भी चला रहे थे।

उनके जीवन परिचय के मुताबिक भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया। लेकिन साथ ही वे परिवार के लिए पैसा भी जोड़ते रहे। आखिर उन्होंने कुछ पैसा जोड़कर दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली। इस दुकान से मसाले का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं।

इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं। एमडीएच के 62 प्रॉडक्ट्स हैं। कंपनी उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है। धर्मपाल गुलाटी अपने उत्पादों का विज्ञापन भी खुद ही करते थे। उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज ‘ऐड स्टार’ भी कहा जाता था।