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आंदोलनकारी किसानों से मिले केजरीवाल; राहुल गांधी ने कहा, ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द होने से कम कुछ मंज़ूर नहीं

किसानों के आंदोलन में तेजी देख अब राजनीतिक दल उनके समर्थन में बोलने लगे हैं। कांग्रेस, जो शुरू से ही खुले रूप से किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है, के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों से मिले हैं। सोमवार को उन्होंने अपने सदस्यों के साथ किसानों से भेंट की। उधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, जो शुरू से ही किसानों के हक़ में मुखर रहे हैं, ने मंगलवार को एक ट्वीट करके कहा कि ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे  और कुछ भी मंज़ूर नहीं !’
बता दें किसान आंदोलन के 12वें दिन लाखों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसे कांग्रेस सहित अन्य दलों ने भी समर्थन दिया है। इसके अलावा उनकी मोदी सरकार से 9 दिसंबर को एक और बैठक प्रस्तावित है जबकि पिछली बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकला है क्योंकि किसानों ने साफ़ कर दिया है कि कृषि क़ानून आपस लिए बगैर वो आंदोलन नहीं रोकेंगे।
पंजाब और हरियाणा कांग्रेस के सभी सांसद 11 बजे से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठेंगे। पंजाब के 8 और हरियाणा से एक राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा धरने में शामिल होंगे। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी 9 दिसंबर को किसानों के प्रदर्शन पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे जबकि एनसीपी और समाजवादी पार्टी, बसपा समेत 11 विपक्षी दलों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है। सपा नेता अखिलेश यादव भी धरने पर बैठे हैं। उधर भारतीय किसान संघ भारत बंद में शामिल नहीं होगा क्योंकि उसका कहना है कि ‘वार्ता से सहमति होने के बाद बंद नहीं होना चाहिए’।
उधर सिंघु बार्डर पर धरना कर रहे किसानों से सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मिले। केजरीवाल ने कहा – ‘हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं। उनकी सभी मांग जायज हैं। जब किसान बॉर्डर पर आए तो केंद्र सरकार और  दिल्ली पुलिस ने 9 स्टेडियम हमारी सरकार से अस्थायी जेल बनाने के लिए मांगे थे। उनका प्लान था, किसानों को दिल्ली आने देंगे और जेल में रखेंगे। हम लोगों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और स्टेडियम वाली बात नहीं मानी। हमारे ऊपर दबाव था। कई फोन आए थे  लेकिन हम नहीं झुके।’ सीएम ने किसानों के लिए किए गए इंतजामों का भी जायजा लिया।
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा –  ‘अडानी-अंबानी कृषि क़ानून रद्द करने होंगे और कुछ भी मंज़ूर नहीं’!’

सर्वोच्च न्यायालय ने नए संसद भवन के प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगाई, किसी भी आदेश से पहले कोई निर्माण नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तरीके पर नाराजगी जताई है। प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगाते हुए सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि किसी भी आदेश से पहले निर्माण संबंधी कोई काम नहीं किया जाएगा। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 10 दिसंबर को इसकी आधारशिला रखा जाना प्रस्तावित है।

इस प्रोजेक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर सुनवाई की जा रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। लेकिन सर्वोच्च अदालत का कोई फैसला आने से पहले ही काम शुरू हो जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। हालांकि, अदालत ने नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम पर रोक नहीं लगाई है। सोमवार को प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई में कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर किसी भी आदेश से पहले निर्माण संबंधी कोई काम नहीं किया जाएगा। साथ ही कोई तोड़फोड़ भी नहीं की जाएगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि नए संसद भवन का शिलान्यास कार्यक्रम किया जा सकता है और इसपर रोक नहीं है।

आज अदालत में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत की बात मान ली है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि कोई भी फैसला आने से पहले काम शुरू नहीं किया जाएगा। बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 10 दिसंबर को इसकी आधारशिला रखा जाना प्रस्तावित है।
नई संसद के निर्माण के साथ प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन, साझा केंद्रीय सचिवालय के अलावा तीन किलोमीटर लंबे राजपथ फिर से विकसित किये जाना का प्रस्ताव है। उपराष्ट्रपति आवास को नॉर्थ ब्लॉक और प्रधानमंत्री के आवास को साउथ ब्लॉक के पास शिफ्ट किये जाने की भी बात कही गयी है। स्पीकर ओम बिड़ला के मुताबिक नया संसद भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और दुनिया के बेहतरीन भवनों में से एक होगा।

आंध्र के एलुरु में रहस्यमय बीमारी का कहर, 292 गिरफ्त में, एक की मौत

आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के एलुरु में रहस्यमय बीमारी काहर बनकर आई है। इसकी चपेट में सबसे ज़्यादा बच्चे हैं। कई बच्चों की उम्र तो चार साल से भी कम है। रविवार रात तक 292 लोग इस रहस्यमय बीमारी की चपेट में आ चुके थे। इनमें से एक प्रौढ़ व्यक्ति की मौत हैओ गई।
स्वास्थ्य महकमे से जुड़े अधिकारियों को संदेह है कि यह दूषित पानी पीने का मामला हो सकता है। हालांकि, वायरल इंसेफेलाइटिस की आशंका भी वजह ही सकती है।
एलुरु सरकारी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, बीमार पड़ने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके मद्देनजर 100 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। महज 12 घंटे अंतराल में 140 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया, जिन्हें फिलहाल छुट्टी दे दी गई है। बीमारी के लक्षण में ​मतली आना और बेहोशी शामिल है।
लोगों के अचानक बीमार पड़ने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। इलाके जिलाअधिकारी ने कहा, बीमार लोगों के खून के नमूने लिए गए हैं और जांच की जा रही हैं। एलुरु शहर के कुछ इलाके और चार सोसायटी के लोग बीमार हुए हैं।  प्रभावित इलाकों में पानी की जांच के लिए डोर टू डोर सर्वे करने का फैसला किया गया है।
आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ए काली कृष्णा श्रीनिवास ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि स्थानीय डॉक्टरों की मदद के लिए विजयवाड़ा से टीम भेजी गई है। यह टीम बीमारी के कारणों और उसके निदान का काम करेगी।

दूसरे टी-20 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त बनाई

ऑस्ट्रेलिया से वन-डे सीरीज 1-2 से हारने के बाड़े भारत ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया से तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। दूसरे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हरा दिया। हार्दिक पांडये को ‘मैन आफ द मैच चुना गया’ जिन्होंने 22 गेंदों में 42 नाबाद रन बनाए।  कप्तान के रूप में कोहली ने टी-20 सीरीज जीतने का सिलसिला बनाए रखा है।

भारत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20.0 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 194 रन बनाए थे। जवाब में 195 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की टीम ने 19.4 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 195 रन बनाए।

भारत के लिए शिखर धवन ने 52, विराट कोहली ने 40, केएल राहुल ने 30, सैमसन ने 15 और अय्यर ने 12 रन बनाए। भारत के लिए बॉलिंग में नटराजन ने 2, शार्दुल और चाहल ने 1-1 विकेट लिया।

मैच में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान मैथ्यू वेड के अर्धशतक के दम पर 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 194 रन बनाए।

भारत ने इस मैच में 3 बदलाव टीम में किए थे। रवींद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल को मौका दिया गया, जबकि मोहम्मद शमी को आराम देकर उनकी जगह शार्दुल ठाकुर टीम में आए। वहीं, मनीष पांडे के स्थान पर श्रेयस अय्यर को मौका मिला। उधर, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच चोटिल थे जबकि जोश हेजलवुड को आराम दिया गया। फिंच के स्थान पर मार्कस स्टोइनिस और हेजलवुड की जगह डैनियल सैम्स को जगह मिली। मिचेल स्टार्क की जगह एंड्रयू टाय टीम में चुने गए।

भारत की टीम को 195 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और केएल राहुल ने तूफानी शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले 5 ओवर में 56 रन जोड़े। हालांकि, अगले ही ओवर में केएल राहुल 22 गेंदों में 30 रन बनाकर एंड्रयू टाय की गेंद पर स्वेप्सन के हाथों कैच आउट हुए। धवन ने अच्छी पारी खेली और वो 52 रन बनाकर आउट हुए।

संजू सैमसन इस मैच में भी फेल रहे और 15 रन बनाकर कैच आउट हो गए। कप्तान विराट कोहली ने 40 रन की पारी खेली और डेनियल शम्स की गेंद पर 40 रन बनाकर आउट हो गए।

टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया के लिए आज कप्तानी कर रहे मैथ्यू वेड और डार्सी शॉट ने पारी की शुरुआत की। कप्तान वेड ने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए टीम को तेज शुरुआत दिलाई। चार ओवर में 46 रन जोड़कर भारत के खिलाफ ठोस शुरुआत की। पांचवें औवर में पिछले मैच में डेब्यू करने वाले टी नटराजन ने भारत को पहली सफलता दिलाई। 9 गेंद पर 9 रन बनाकर शॉट श्रेयस अय्यर द्वारा बाउंड्री पर लिए गए शानदार कैच के बाद वापस लौटे।

पावरप्ले में ऑस्ट्रेलिया ने एक विकेट गंवाकर 59 रन जोड़े।इस दौरान वेड ने 24 गेंद पर 47 रन बनाए। वेड ने 25 गेंद पर 10 चौके और 1 छ्क्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया और वे 58 रन बनाकर रन आउट होकर वापस लौटे। स्मिथ के शॉट पर भारतीय कप्तान विराट कोहली से कैच छूटा और उन्होंने निराशा में स्ट्राइकर के छोर की तरफ गेंद फेंका और केएल राहुल ने वेड को रन आउट कर वापस भेजा।

किसान-सरकार बैठक बेनतीजा, एक और बैठक 9 को संभव, किसानों ने बैठक में ‘मौन विरोध’ प्रदर्शित किया  

तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और केंद्र सरकार में 5 घंटे से ज्यादा चली 5वीं बैठक भी शनिवार को बेनतीजा ख़त्म हो गयी। एक और बैठक 9 दिसंबर को 11-12 बजे हो सकती है। किसानों ने सरकार से कहा है कि जो उसका फैला है वह लिखित में किसानों को दे जिसके बाद ही वो अगली बैठक को लेकर फैसला करेंगे। आज दिलचस्प यह भी रहा कि किसानों ने बैठक में मौन विरोध किया। किसान पहले ही 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान कर चुके हैं।

विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बातचीत में किसानों ने साफ कर दिया कि वे अपनी मांगों से टस से मस नहीं होंगे। उधर आज भी किसानों ने सरकार का खाना नहीं खाया और एक वाहन से उनके लिए अपना खाना विज्ञान आया। किसान नेताओं ने लाइन में लग कर प्लेट में भोजन लिया और वहीं जमीन पर बैठकर खाना खाया।

बता दें इस बैठक से पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह कैबिनेट के वरिष्‍ठ साथियों को आवास पर बुलाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि नरेंद्र सिंह तोमर इस मीटिंग में मौजूद रहे। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से बातचीत आग्रह किया कि वो प्रदर्शन में शामिल बुजुर्गों और बच्चों को घर भिजवा दें।

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग में केंद्र सरकार से साफ कहा कि वो अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा – ‘हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं चुनेंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं। हम कॉर्पोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार फायदे में रहेगी न कि किसान।’

एक मौके पर बैठक में किसान नेताओं ने साफ कह दिया कि सरकार को हमारी मांगों पर एक फैसला लेना होगा वरना, हम बैठक से बाहर जा रहे हैं। बैठक के दौरान, किसानों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक का पॉइंटवाइज जवाब देने की मांग की। इसपर सरकार राजी हो गई। बैठक में किसानों ने कहा कि उन्‍हें इस पूरे विवाद का कोई अंतिम और पक्‍का हल चाहिए।

महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में फिर बढ़ी तकरार – राहुल गांधी पर पवार के बयान से नाराज कांग्रेस ने दी चेतावनी

महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार में बयानबाजी के बाद तकरार बढ़ती दिख रही है। ऐसे हालात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी से पैदा हुई है। पवार के बयान से कांग्रेस बेहद खफा है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य में स्थिर सरकार चाहते हैं तो उसके शीर्ष नेतृत्व पर अनावश्यक टीका-टिप्पणी करना बंद करें।

प्रदेश कांग्रेस की कार्याध्यक्ष और महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा है कि अगर आप महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं तो आपको कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर गलतबयानी बंद करनी चाहिए। सभी को गठबंधन के नियमों का पालन करना चाहिए। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का निर्माण लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर ही हुआ है।

उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी के कुछ नेताओं के एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार की जानकारी मुझे मिली है। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते अपने सहयोगी दलों से कहना चाहती हूं कि अगर आप इस सरकार को स्थिर रखना चाहते हैं तो कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी और उनकी आलोचना करने से बचें।

राहुल गांधी पर क्या थी पवार की टिप्पणी
शरद पवार ने एक मराठी मीडिया को दिए साक्षात्कार में राहुल गांधी की राजनीतिक क्षमता को लेकर टिप्पणी की थी। अपनी किताब में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की ही तरह पवार ने कहा था कि राहुल में काफी हद तक निरंतरता की कमी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए पवार का यह बयान नागवार गुजरा।

राजस्थान में मेरी और महाराष्ट्र गठबंधन सरकार गिराने की साजिश : गहलोत

राजस्थान में तीन महीने के बाद फिर राजनीतिक हलचल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया है कि राजस्थान में उनकी और महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है। गहलोत ने यह आरोप  बैठक में लगाए हैं।

गहलोत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने का फिर से खेल शुरू होने वाला है और महाराष्ट्र में भी सरकार गिराने की साजिश की चर्चा है। बैठक में गहलोत ने कहा – ‘देश के गृहमंत्री अमित शाह हमारे विधायकों को बैठाकर चाय-नमकीन खिला रहे थे और बता रहे थे कि पांच सरकार गिरा दी है, छठी भी गिराने वाले हैं। धर्मेंद्र प्रधान उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जजों से बातचीत करने की बातें कर रहे थे। अमित शाह ने हमारे विधायकों से एक घंटे मुलाकात की थी और  पांच सरकारें गिराने के बाद छठी भी गिरा देने की बात शाह ने कही थी।’

गहलोत ने कहा कि ‘भाजपा की तरफ से इससे पहले सरकार गिराने की कोशिश के गवाह कांग्रेस नेता अजय माकन रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन भी इस कार्यक्रम में जुड़े हुए थे। इस घटना के दौरान  माकन 34 दिन होटल में हमारे विधायकों के साथ रहे थे। इस घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस नेता अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, अविनाश पांडे यहां आकर बैठ गए। उन्होंने नेताओं को बर्खास्त करने का फैसला किया, तब जाकर सरकार बची।’

उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गजलोट के आरोप पर कहा कि कांग्रेस के भीतर ही झगड़ा है जिसकी वजह से वह (सीएम) परेशान हैं। इसके लिए भाजपा  पर बिना कोई सुबूत के आरोप लगाकर हमला बोल रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, न्यूनतम मज़दूरी 15,492 रुपये

लंबे अरसे कोरोना महामारी के दौरान अच्छी खबर सामने आई है। दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली अकुशल, अर्धकुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। नई दरें एक अक्तूबर 2020 से लागू होंगी।
दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस फैसले का लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा। असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों के महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती, जिन्हें न्यूनतम मजदूरी ही मिलती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन देने का ऐलान किया है।
महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के लिए मासिक 15,492 व दैनिक 596, अर्धकुशल श्रमिकों के लिए मासिक 17,070 व दैनिक 657 रुपये, कुशल श्रमिकों के लिए मासिक 18,797 व दैनिक 723 रुपये मजदूरी तय की गई है।
सुपरवाइजर व लिपिक वर्ग के कर्मचारियों में बिना मैट्रिक को मासिक 17,069 व दैनिक 657 रुपये , मैट्रिक से गैर स्नातक को मासिक 18,797 रुपये और दैनिक 723 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले को मासिक 20,430 रुपये मिलेंगे। यह फैसला एक अक्टूबर से लागू भी कर दिया गया है।

ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में किसी को बहुमत नहीं, टीआरएस को मिलीं 56 सीटें  

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की कुल 150 सीटों में से नतीजों में 56 सीटें लेकर टीआरएस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, हालांकि किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। टीआरएस की सीटें पिछली बार के मुकाबले बहुत घट गयी हैं, जबकि भाजपा ने बड़ी छलांग लगाते हुए 48 सीटें जीती हैं और दूसरे नंबर पर रही है। अपने गढ़ में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पिछली बार की तरह 44 सीटें जीतने में सफल रही। कांग्रेस बहुत कमजोर प्रदर्शन करते 2 सीटों पर सिमट गयी। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीआरएस अपना मेयर बनाने के लिए क्या एआईएमआईएम से समर्थन लेगी या किसी दल में टूट-फूट होगी।

केसीआर की सत्तारूढ़ टीआरएस 56 सीटें जीतकर पहले से कमजोर हो गयी है। ओवैसी की एआईएमआईएम, जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थी, अब तीसरे नंबर पर चली गयी, उसका स्ट्राइकिंग रेट सबसे बेहतर रहा है। नतीजों के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि तेलंगाना राज्य में परिवर्तन शुरू हो गया है।

बता दें यह पहली बार था जब भाजपा ने अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय नेताओं को इसी निगम चुनाव में झोंककर साफ़ कर दिया था कि वो पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए मैदान में उतर रही है। उसके इस रुख ने टीआरएस को कुछ रक्षात्मक कर दिया था। चुनाव की कमान एक तरह से गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली थी। हैदराबाद में भाजपा को 48 सीट मिलना उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी जबकि कांग्रेस तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से  ही कमजोर हालत में है जिसका फायदा भाजपा को मिला है।

इस चुनाव में 1,122 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इसे औवैसी का गढ़ माना जाता है और साफ़ दिख रहा है कि भाजपा यहाँ प्रभावशाली प्रदर्शन करने में सफल रही है। चुनाव के दौरान यह आरोप भी बहुत लगे थे कि पर्दे के पीछे भाजपा ओवैसी की पार्टी से गुप्त समझौता कर चुकी है और उसके वोट भाजपा को ट्रांसफर करने की तैयारी है। भाजपा ने इन आरोप को नकार दिया था।

बता दें 2016 के निगम चुनाव में टीआरएस ने 150 वार्डों पर लड़कर 99 में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को 44 में जीत मिली थी। तब भाजपा की यहां बुरी गत बनी थी। इस बार तस्वीर बदलने जा रही है और भाजपा निगम पर कब्ज़ा करने की स्थिति में दिख रही है। यदि यह रुझान अंत तक रहते हैं तो भाजपा का ही मेयर यहां बनेगा।

इस चुनाव में 46.55 फीसदी मतदान हुआ था। टीआरएस सभी 150 वार्ड पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा 149, कांग्रेस 146 और एमआईएम 51 पर चुनाव लड़ी थी।

देश के किसी भी नगर निगम चुनाव को भाजपा ने पहली बार इतनी आक्रमकता से लड़ा। भाजपा ने प्रचार के लिए अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, मंत्रियों स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, तेजस्वी सूर्या, देवेंद्र फडनवीस जैसे नेताओं को उतार दिया था। स्ने चुनाव प्रचार का रुख ही बदल दिया।

किसानों का 8 को ‘भारत बंद’ का ऐलान; कल देश भर में प्रदर्शन, कारपोरेट और पीएम के पुतले फूंकने की घोषणा की

मोदी सरकार के तीन किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने केंद्र के मंत्रियों से पांचवें दौर की बातचीत से पहले शुक्रवार को ऐलान किया कि इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ किया जाएगा। उधर देश के बड़े खिलाड़ियों ने ऐलान किया है कि उन्हें जो आवार्ड मिले हैं वे किसानों के हक़ में उन्हें 7 दिसंबर को लौटा देंगे।

किसानों ने आज प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सभी तरफ से बंद करेंगे। कहा कि संशोधन स्वीकार नहीं ऐन और कल की बैठक में भी  कानून वापस करने को कहेंगे। किसानों ने कहा कि कल केंद्र सरकार ने माना था कि कानून में संशोधन की जरूरत है। लेकिन हमने सरकार को कहा कानून वापस लेकर ही आंदोलन ख़त्म होगा।

आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि कल पूरे देश में कॉरपोरेट घरानों और मोदी के पुतले फूकें जायेंगे। कहा कि कानून वापस लेने तक पीछे नहीं हटेंगे। मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर मोदी सरकार कानून वापस ले।

उन्होंने कहा कि किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बता दें कल सरकार और किसानों की फिर से बैठक होनी है जिससे पहले यह फैसला आया है। कल दोपहर 2 बजे किसानों के साथ सरकार की बैठक होनी है।

किसानों ने कहा है कि कल देश के कई हिस्सों में किसानों का धरना प्रदर्शन होगा। किसान तीन कृषि कानून वापस करवा कर ही रहेंगे। कल पीएम और कारपोरेट के पुतले जलाए जाएंगे।