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ममता का ‘मास्टर स्ट्रोक’ – नंदीग्राम से भी लड़ेंगी चुनाव, भाजपा में जाने वाले सुवेंदु का माना जाता है गढ़

भाजपा को उसके ही अंदाज में जवाब देते हुए सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर ‘मास्टर स्ट्रोक’ चला है। ममता के करीबी सुवेंदु अधिकारी ने हाल में भाजपा ज्वाइन की थी और ममता ने उनके ‘गढ़’ में ही उन्हें ललकार दिया है। सुवेंदु के मजबूत किले नंदीग्राम में एक बड़ी रैली में ममता ने यह ऐलान कर सुवेंदु ही नहीं, भाजपा को भी बैकफुट पर ला दिया है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद सुवेंदु ने ममता पर कई आक्रमण किये थे। लेकिन ममता ने एक ऐसी चाल चल दी है जिसके सामने सुवेंदु के लिए बड़ी दिक्क्तें खड़ी हो सकती हैं। ममता ने हज़ारों लोगों की भीड़ में जब यह ऐलान किया था तो रैली में आये लोगों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया।

ममता ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव भवानीपुर के साथ-साथ नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ेंगी। ममता के ऐलान के बाद सुवेंदु अधिकारी खेमे में हड़कंप मच गया है। अधिकारी पिछले महीने ही ममता का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। ममता ने रैली में कहा – ‘नंदीग्राम मेरे लिए लकी है। नंदीग्राम से शुरुआत की है। मैं नंदीग्राम को भूली नहीं हूं। रक्त से सने उस दिन को कैसे भुलूंगी।’

ममता ने इस मौके पर कहा – ‘कुछ लोग इधर-उधर कर रहे हैं। उतना चिंता करने की बात नहीं है। तृणमूल का जब जन्म हुआ था, उस समय वे नहीं थे। कोई-कोई जा ही सकते हैं। अच्छा ही किया है। राजनीति में तीन लोग होते हैं। लोभी, भोगी, त्यागी। किसी दिन त्यागी मां का गोद नहीं छोड़ेंगे। भाजपा के नेता दिल्ली से बोल रहे हैं या तो जेल या घर में रहें। भाजपा वॉशिंग मशीन और वॉशिंग पाउडर है। काला होकर घुसेगा और सादा होकर निकलेगा। बंगाल को बिक्री करने नहीं देंगे। जिंदा रहने पर बंगाल को बिक्री करने नहीं देंगे। यह मेरा चैलेंज है।’

सुभेंदु का नाम लिए बिना ममता ने कहा – ‘आप देश के प्रधानमंत्री हों या उपराष्ट्रपति हों या राष्ट्रपति हों, आप देश के नेता बने, लेकिन जब तक जिंदा रहूंगी, बंगाल को बिक्री करने नहीं दूंगी।’

शिव सेना की ताल
भाजपा के लिए परेशानी बढ़ाने की बात करते हुए शिव सेना ने सोमवार को ऐलान किया कि वह पूरे बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। यह आरोप रहा है कि असदुदीन ओवैसी से भाजपा बंगाल में चुनाव लड़वा रही है, ताकि सेक्यूलर वोट बांटे जा सकें। हालांकि, भाजपा और ओवैसी दोनों इसे गलत बताते रहे हैं। अब शिव सेना की घोषणा से भाजपा के हिन्दू वोट बाँटने का खतरा पैदा हो सकता है।

उधर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन के बीच सीटों और कुछ अन्य मुद्दों पर तकरार के चलते साझी बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में दोनों दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कांग्रेस ने 120 से 130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वाममोर्चा इस पर सहमत नहीं हो रहा। यह भी चर्चा है कि वाम मोर्चा-कांग्रेस बात नहीं बनी तो टीएमसी से भी कांग्रेस का समझौता हो सकता है।

सुशांत सिंह राजपूत मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, मीडिया ट्रायल हुआ; रिपोर्टिंग के लिए गाइडलाइन्स जारी कीं

सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया ट्रायल की बात मानते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को रिपोर्टिंग की मीडिया गाईडलाइंस जारी की हैं। मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि मीडिया ट्रायल से मामले पर प्रभाव पड़ता है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में मीडिया से कहा कि पुलिस को दिया आरोपी का ब्यान न चलायें। इसके आलावा अदालत ने मीडिया से कहा कि ख़ुदकुशी केस में परिवार से बात न करें। साथ ही एविडेन्स एक्ट समझकर गवाहों के ब्यान न चलाएं।

अदालत ने कहा कि मीडिया ट्रायल से प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा अदालत ने आरोपी की तस्वीर न छापने/चलाने को कहा है।  दायर की गयी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट का यह आदेश आया है।

बता दें सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया के एक बड़े वर्ग की रिपोर्टिंग की काफी निंदा हुई है। जिस तरह से कुछ लोगों को बिना सबूत टारगेट किया गया और उन्हें कठघरे में खड़ा किया गया, उसे लेकर बहुत से सवाल उठे थे। खुद प्रभावितों ने इसे रिपोर्टिंग की जगह बदनाम करने का आरोप लगाया था। अपने आदेश में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो टीवी चैनलों का नाम भी लिया है लेकिन कहा कि फिलहाल अदालत उनपर कोई कार्रवाई नहीं कर रही।

मुम्बई पुलिस ने भी उस दौरान मीडिया ट्रायल की निंदा करते हुए उसे बदनाम करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने कहा कि जांच चल ही रही थी और मीडिया के एक वर्ग ने लोगों को अपने हिसाब से आरोपी बताना शुरू कर दिया था।

फिलहाल बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश आने और रिपोर्टिंग की गाइडलाइंस बनने से अब माना जा रहा है कि देश के अन्य हिस्सों और अन्य मामलों में मीडिया को संयम बरतना होगा और जिम्मेवारी से रिपोर्टिंग करनी होगी।

दिल्ली एम्स में बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक की हुई शुरूआत

दिल्ली के एम्स में सोमवार केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का उद्घाटन किया। यह ब्लॉक प्लास्टिक सर्जरी व जले हुए पीड़ित मरीज़ों की सुविधा के लिए है जिससे इन मरीजों को राहत मिलेगी साथ ही इस ब्लॉक के अंतर्गत 100 बैड की व्यवस्था की गई है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 70 लाख से अधिक जलने के केस पाए जाते है।

डॉ हर्षवर्धन ने प्लास्टि सर्जरी और बर्न्स ब्लॉक की स्थापना के पीछे के उद्देश्य को समझाते हुए कहा कि, ”बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का लक्ष्य हैं, जलने से होने वाली मौतों की संख्या को कम करना। क्योंकि जले हुए रोगियों में मृत्यु का सबसे महत्वर्पूण निर्धारक संक्रमण है। इस सुविधा में 30 रोगियों के लिए आईसीयू में व्यक्तिगत क्यूबिकल और किसी भी क्रॉस संक्रमण को रोकने लिए 10 निजी बेड है।

यह ब्लॉक एक साल में 5000 बर्न एडमिशन और 15000 बर्न इमरजेंसी से निपटने के लिए सुसज्जित है। इससे बड़े पैमाने पर हतहतों की बड़ी संख्या से निपटने में मदद मिलेगी, जिससे मरीजों को मिलने वाली क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार आपातकालीन वार्ड में परिवर्तित किया जा सकेगा। साथ ही आघात केंद्र के साथ ब्लॉक का एकीकरण कुछ ही समय में आघात टीम को आसान सहायता भी प्रदान करेगा। जिससे निश्चित रूप से बर्न रोगियों की मौतों की संख्या में कमी आएगी।

कभी 10 करोड़ यूजर वाला भारतीय मैसेंजर एप हाइक 21 से होगा बंद

इन दिनों जहां निजता नीति को लेकर सबसे बड़ा मैसेजिंग एप व्हाट्सएप आलोचनाओं के घेरे में है तो उसके प्रतिद्वंद्वी सिग्नल और टेलीग्राम जैसे एप सामने आ गए हैं। पर इस बीच एक बड़ा भारतीय मैसेजिंग एप बंद होने जा रहा है।
करीब आठ साल पहले शुरू हुआ भारतीय मोबाइल मैसेजिंग एप हाइक 21 जनवरी से बंद हो जाएगा। इसकी वजह कंपनी ने अभी स्पष्ट रूप से नहीं बताई है। हाइक एक समय भारत का सबसे बड़ा फ्री-वेयर एप बन गया था। अगस्त 2016 में इसके सर्वाधिक एक्टिव 10 करोड़ हो गए थे।
वर्ष 2016 में ही फॉक्स्वैगन और टेनसेन जैसी कंपनियों ने इसमें 43.6 करोड़ डॉलर जैसा भारी भरकम निवेश भी किया था। हालांकि पिछले दो साल से व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग एप के मुकाबले इसे कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ा। इसके बाद इसके यूजर की संख्या लगातार घटने लगी।  2019 तक महीने में सक्रिय रहने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या दो करोड़ बची।
हाइक एप कंपनी के सीईओ केविन भारती मित्तल ने बताया कि 21 जनवरी से यह काम करना बंद कर देगा। ऐसे समय में जब लोग व्हाट्सएप का विकल्प तलाश रहे हैं, हाइक के बंद होने पर जानकार आश्चर्य में हैं। हाइक मैसेंजर के उपयोगकर्ता अपना डाटा एप से डाउनलोड कर सकेंगे। बता दें कि इससे पहले एक समय काफी चर्चित ऑरकुट भी बंद हो चुका है। याहू ने भी अपनी कई सेवाओं को बंद कर दिया है।

दिल्ली में वैक्सीनेशन ड्राइव का आज पहला दिन : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जायजा लेने पहुंचे अस्पताल

दिल्ली में आज पहली वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरूआत हो गई है। वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना वैक्सीन अभियान का जायजा लेने दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचे।

दिल्ली में 81 स्थानों पर वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है। पहले दौर में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी और फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “आज से देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू हो रही है। दिल्ली में 81 जगहों पर वैक्सीनेशन साइट हैं। LNJP हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन की सुविधाओं का जायजा लिया है। अब तक 8 लोगों को टीका लग चुका है और 30 लाभार्थी लाइन में हैं।

उनहोने बताया टीकाकरण अभियान बहुत अच्छे से चल रहा है. जिन्हें टीका लगा है उनसे मेरी बात हुई है किसी को कोई परेशानी नहीं है। सब खुश हैं कि अंत में कोरोना से छुटकारा मिलेगा।

बताया जा रहा है दिल्ली में रोजाना 8,100 लोगों को टीका लगेगा. एक्सपर्ट का कहना है वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।

आने वाले समय में 1000 सेंटर तक बनाये जाएंगे, जहां दिल्ली में टीका लगाया जाएगा. हेल्थकेयर वर्कर्स (स्वास्थ्यकर्मियों) के बाद फ्रंटलाइन वर्कर जैसे दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस और फिर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा.

देश के अन्य राज्यों मे भी आज कोरोनावायरस महामारी के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया है।

सांसद शताब्दी रॉय ने कहा टीएमसी में ही रहेंगी, भाजपा में नहीं जा रहीं  

भाजपा को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और सांसद शताब्दी रॉय ने शनिवार को कहा कि वे टीएमसी में ही रहेंगी, भाजपा में नहीं जाएंगी। उनके भाजपा में जाने की बातों को अफवाह बताते हुए रॉय ने कहा कि ममता बनर्जी जो कहेंगी, वो वहीं करेंगी।

शताब्दी रॉय ने आज कहा कि उनके टीएमसी छोड़कर भाजपा में जाने की बात महज अफवाह है। रॉय का यह ब्यान उनकी अभिषेक बनर्जी से मुलाकात के बाद आया है। बनर्जी सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता हैं। शताब्दी ने कहा – ‘मैं टीएमसी में ही हूँ। इसी पार्टी में रहूंगी। मैंने अपनी समस्या से पार्टी को अवगत करा दिया है। फिलहाल मेरी जो समस्या है, उसे पार्टी सुलझा लेगी।’

हाल में चर्चा थी कि रॉय दिल्ली जाकर भाजपा नेताओं से मिल सकती हैं। उन्होंने इसे सिर्फ अटकल बताया और कहा कि उनका दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। बता दें रॉय टीएमसी की सांसद हैं और उन्होंने कहा – ‘ममता बनर्जी जहां मुझे बुलाएंगी, मैं वहीं जाऊंगी। हां, कुछ समस्याएं थीं जो दूर कर ली जाएंगी। पार्टी में सभी एकजुट हैं। मैं टीएमसी के साथ हूं। जिस किसी को भी पार्टी से प्यार है, वो पार्टी के साथ ही रहेगा।’

उनको लेकर विवाद तब पैदा हुआ था जब अपनी एक फेसबुक पोस्ट में शताब्दी रॉय ने लिखा कि ‘उनके संसदीय क्षेत्र में चल रहे पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में उन्हें नहीं बताया जा रहा है और इससे उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंची है। यदि वह कोई फैसला करती हैं तो शनिवार दोपहर दो बजे लोगों को उसके बारे में बताएंगी।’ यह माना जाता है कि रॉय बीरभूम जिला, जहाँ से वे सांसद हैं, के जिला टीएमसी अध्यक्ष अनुव्रत मंडल से मतभेद हैं।

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एमएस को पत्र लिख ‘कोवैक्सीन’ लगवाने से मना किया, कोविशील्ड टीके की मांग

कोरोना वैक्सीन को लेकर आशंकाओं के बीच देश में आज न से शुरू हो गए टीकाकरण अभियान के बीच दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल अस्पताल) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने चिकित्सा अधीक्षक को एक पत्र लिखकर ‘कोवैक्सीन’ लगवाने से मन कर दिया है और उन्होंने आग्रह किया है कि इसके बजाय उन्हें ‘कोविशील्ड’ का टीका लगाया जाए। इन डाक्टरों ने लिखा है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स कोवैक्सीन के मामले में पूर्ण परीक्षण की कमी के बारे में थोड़ा आशंकित हैं और बड़ी संख्या में टीकाकरण में भाग नहीं ले सकते हैं।

सरकारी डाक्टरों का यह पात्र तब सामने आया है जब आज देशभर में कोविड-19 टीकाकरण शुरू हो गया है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा कि ‘हमें कोवैक्सीन के बजाय कोविशील्ड का टीका लगाया जाए। हम आरडीए आरएमएल अस्पताल के वर्तमान सदस्य हैं। हमें पता चला है कि आज अस्पताल की तरफ से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। हमारे अस्पताल में सीरम इंस्टीट्यूट के   निर्मित कोविशील्ड के बजाय भारत बायोटेक का निर्मित कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है।’

अपने पात्र में इन डाक्टरों ने कहा – ‘हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि रेजिडेंट डॉक्टर्स कोवैक्सीन  के मामले में पूर्ण परीक्षण की कमी के बारे में थोड़ा आशंकित हैं और बड़ी संख्या में टीकाकरण में भाग नहीं ले सकते हैं। इस प्रकार टीकाकरण का उद्देश्य कामयाब नहीं हो पाएगा। हम आपसे कोविशील्ड वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने का अनुरोध करते हैं, जिसने टीकाकरण से पहले ट्रायल के सभी चरणों को पूरा किया है।’

बता दें राजधानी दिल्ली में आज 81 स्थानों कोविड-19 वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। दिल्ली में 75 केन्द्रों पर ‘कोविशील्ड’ और छह स्थानों पर ‘कोवैक्सीन’ के टीके लगाए जा रहे हैं। इन स्थानों को सरकारी और निजी अस्पतालों में विभाजित किया गया है। इनमें केन्द्र सरकार के छह अस्पताल एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल अस्पताल और दो ईएसआई अस्पताल शामिल हैं।

इनके अलावा बाकी के 75 केन्द्रों में सभी 11 जिलों में स्थित दिल्ली सरकार के  संचालित अस्पताल भी शामिल हैं जैसे एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, बीएसए अस्पताल, दिल्ली राजकीय कैंसर संस्थान, आईएलबीएस अस्पताल आदि। इनमें मैक्स, फोर्टिस, अपोलो, और सर गंगाराम अस्पताल भी शामिल हैं। यह साफ़ नहीं है कि किन छह स्थानों पर भारत  बायोटेक का विकसित किया गया ‘कोवैक्सीन’ टीका लगाया जा रहा है।

पहले भी इन टीकों को लेकर श वाल उठे रहे हैं। खासकर कोवैक्सीन को लेकर भले प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि लोगों को अफवाहों में नहीं आकर टीका लगाना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षित हैं। 

भारत में कोरोना टीकाकरण शुरू, प्रधानमंत्री मोदी ने की शुरुआत

भारत में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शनिवार को शुरू हो गया। एम्स, दिल्ली के फ्रंटलाइन सफाईकर्मी को पहली वैक्सीन लगी जबकि एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी कोविड-19 का टीका लगाया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विश्‍व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में की। पहले चरण में तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को मुफ्त में टीका लगेगा।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा – ‘आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था।  कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे।’

भारत के सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों के 3006 टीकाकरण केन्‍द्र आपस में आज जुड़े हैं। पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी।

वैसे इतिहास गवाह रहा है कि दुनिया में महामारी की वैक्सीनेशन को तैयार करने, इसके ट्रायल करने और शुरुआत करने में आमतौर बरसों लग जाते हैं। लेकिन कोरोना का मामला अलग रहा है और बहुत काम महीनों में ही एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं।

पीएम ने कहा कि कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से चल रहा है। ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और भारत के टैलेंट का जीता जागता उदाहरण है। भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है, जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। वैक्सीनेशन अभियान से पहले पीएम ने कहा कि सबने चीन में अपनों को छोड़ा हम वापस लाये। आज सबसे पहली वैक्सीन फ्रंटलाइन सफाईकर्मी को एम्स, दिल्ली में लगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा – ‘आज मैं बहुत खुश और संतुष्ट हूं। हम पिछले एक साल से पीएम के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह वैक्सीन कोविड-19 की लड़ाई में संजीवनी का काम करेगी। आज एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी वैक्सीन की पहली खुराक ली।

किसानों-सरकार के बीच आज की बैठक बेनतीजा, 19 को फिर बैठेंगे

किसानों और सरकार के बीच 9वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है। शुक्रवार की इस बैठक में दोनों पक्ष अपने मुद्दों पर अड़े रहे। दोनों के बीच एक और बैठक 19 जनवरी को होगी।

आज की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘हमने सरकार को यह बताया है कि हमारी सबसे बड़ी मांग तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की है। कानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर कानून लाना पड़ेगा।’ टिकैत ने कहा अगली बैठक 19 जनवरी को होगी और उससे पहले हम साझी बैठक करेंगे।

दिल्ली के विज्ञान भवन में यह बैठक दोपहर 2 बजे शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिका पर 12 जनवरी के फैसले के बाद दोनों के बीच यह पहली बैठक थी। किसानों ने साफ़ किया है कि तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने और एमएसपी को कानूनी बनाने से कम वो किसी बात पर समझौता नहीं करेंगे।

उधर किसानों का केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन का आज 51वां दिन है। आज की बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा था जो किसानों और सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक थी। कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की अस्थाई रोक के आदेश के बाद यह दोनों के बीच पहली बैठक थी।

बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे। आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है।

राहुल और प्रियंका गांधी भी कांग्रेस के किसान समर्थक धरने में सड़क पर उतरे, बोले क़ानून वापस हों

कांग्रेस के किसानों के समर्थन में देशव्यापी धरने पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी सड़कों पर उतरे। किसानों से बात करने के लिए राहुल गांधी एक ट्रक पर चढ़ गए। राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेती, कांग्रेस अपना आंदोलन जारी रखेगी।

राहुल और प्रियंका पंजाब के कांग्रेस सांसदों से भी मिले हैं। धरने के दौरान राहुल ने कहा – ‘किसानों को तबाह करने के लिए तीन कानून लाए गए हैं। अगर हम इसे अभी नहीं रोकते हैं, तो यह अन्य क्षेत्रों में भी होता रहेगा। नरेंद्र मोदी किसानों का सम्मान नहीं करते और केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को सिर्फ थकाना चाहते हैं।’

अभी भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं। धरने के दौरान राहुल एक ट्रक पर चढ़ गए। गांधी ने कहा – ‘जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते तब तक कांग्रेस आंदोलन को वापस नहीं लेगी। भाजपा सरकार को कानून वापस लेने ही होंगे।’

किसानों की 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की काल पर गांधी ने कहा – ‘इस पर बहस  क्यों होना चाहिए? किसान परेड करना चाहते हैं, तो क्या हो जाएगा? मोदी जी को समझना चाहिए कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। सरकार को पीछे हटना पड़ेगा।   कांग्रेस पार्टी भी पीछे नहीं हटेगी। ये किसानों पर आक्रमण है। यानी देश पर हमला है। मोदी जो किसानों का है उसे कुछ उद्योगपति को देना चाहते हैं। वो देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन चला कोई और रहा है। मुझे दया आती है। नाम के प्रधानमंत्री हैं।  ये बात किसानों को समझ आ गई है, युवाओं को भी समझ आ जाएगी।’

राहुल गांधी किसानों को खालिस्तानी बताने की साजिशों से भी सख्त नाराज हैं। राहुल ने कहा – ‘अब देश के किसान खालिस्तानी हो गए ! थोड़ी शर्म करनी चाहिए। चीन जो अंदर आया है, वहां क्या प्रधानमंत्री खड़े हैं ? किसके बेटे खड़े हैं? आज वो खालिस्तानी हो गए।’

कांग्रेस नेता ने इस मौके पर रोजगार को लेकर कहा कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। राहुल ने कहा – ‘मोदी कहते हैं कि कोरोना से नुकसान हो गया। देश के युवाओं को समझना पड़ेगा कि मोदी और उनके दो-तीन उद्योगपति मित्र आपसे आपका सबकुछ छीन लेना चाहते हैं। एयरपोर्ट, पोर्ट सबकुछ केवल पांच लोग चला रहे हैं। किसानों को समझना पड़ेगा कि आपको थकाया जा रहा है। वो समझते हैं कि किसान थक कर चले जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होगा।’

बैठक जारी  
इस बीच विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच 9वें दौर की बैठक इस समय चल रही है। बैठक से ‘तहलका’ को मिले इनपुट्स के मुताबिक बैठक में साफ़ किया है कि सरकार को तीनों क़ानून वापस लेने होंगे। बैठक 3 बजे शुरू हो गयी और अभी जारी है। अभी यह साफ़ नहीं है कि बैठक कितनी देर चलेगी और इसका क्या नतीजा रहेगा। एक किसान नेता ने इस संवाददाता को बताया कि सरकार समय खींच रही है, वह क़ानून कभी वापस नहीं लेगी।