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कोरोना की दोनों डोज़ ले चुके पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पॉजिटिव हुए, एम्स में भर्ती

Official Portrait of the Prime Minister Dr. Manmohan Singh.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सोमवार शाम कोरोना पॉजिटिव होने के बाद एम्स, दिल्ली में भर्ती किया गया है। याद रहे मनमोहन सिंह (88) को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया है। मनमोहन सिंह को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं लेकिन वे इसके बाद भी वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
पूर्व पीएम को एम्स में ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया हैऔर उनका ईलाज किया जा रहा है। मनमोहन सिंह के संक्रमित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी , कमलनाथ और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। दिल्ली में भी कोरोना के ग्राफ में तेजी से बढ़ोतरी  रात 10 बजे से 26 अप्रैल तक लॉक डाउन लगाने की घोषणा की जताई है।

कंपनी को बदनाम करने के आरोप में विधायक पर 10 करोड़ मानहानी का दावा

वैल प्रोटेक्ट मैनपावर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपंनी के डायरेक्टर मनोज कुमार सिंह ने तहलका संवाददाता को
बताया कि उनकी अपनी कंपनी कोरोना काल से पहले और अब तक सारे नियम कायदे और कानून के तहत
दिल्ली में सरकारी और गैर सरकारी कंपनियों में सेवायें दे रही है। लेकिन दिल्ली के विधायक सौरभ भारद्वाज
उनकी कंपनी की छवि को बदनाम करने में लगे है।

उन्होंने बताया कि ईस्ट दिल्ली एमसीडी में जो काम मिला हुआ है। उसको विधायक गलत सूचना के आधार पर कंपनी की  साख को बट्टा लगा रहे है। मनोज कुमार सिंह का कहना है कि कंपनी को बदनाम करने के आरोप पर विधायक ने 10 करोड़ रूपये का मानहानि का दावा ठोका है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में विधायक ने मांफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया जायेगा।

लाँकडाउन की घोषणा के साथ राशन और शराब की दुकान पर उमड़ी भीड़

दिल्ली में जैसे ही, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 19 अप्रैल की रात 10 बजे 26 अप्रैल की सुबह 5 बजे तक का सम्पूर्ण लाँकडाउन लगाने की घोषणा की, वैसे ही दिल्ली में लोगों ने अपने –अपने घरों में राशन का सामान खरीदकर रखने की होड़ सी मचा दी। राशन की दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई । वहीं दिल्ली में शराब की दुकानों में लम्बी-लम्बी कतारें देखी गई है। बताते चलें, कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में दिन पर दिन इजाफा होने से और मौतों का आंकड़ा बढ़ने से दिल्ली में वैसे ही लोगों के बीच डर का माहौल था।

दिल्ली में लाँकडाउन की घोषणा पर लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि दिल्ली में रात का तो कर्फ्यू था ही। अब 6 दिनों का कर्फ्यू देखों, कोरोना की चेन को तोड़ने में कितना कारगर होता है। ये तो आने वाले दिनों में ही सामने आयेगा। राशन का समान खरीदने वाले विमल कुमार और गृहणी सुरेखा का कहना है कि इस बार का कोरोना लोगों में डर
पैदा कर रहा है कि कब क्या हो जाये। ऐसे में अपने घरों में राशन को रखना उन्होंने उचित ही समझा है। दिल्ली का कोई भी ऐसा बाजार देखने को नहीं मिला है जहां पर शराब की दुकान हो और वहां पर शराब पीने वालों ने जमकर शराब की खरीददारी ना की हो। बताते चलें पिछली साल 2020 में लाँकडाउन लगने पर शराब के शौकीनों को शराब ना मिलने पर काफी परेशानी हुई थी।
एडवोकेट पीयूष जैन ने लाँकडाउन को लेकर सरकार के फैसले पर कहा है कि वैसे ही कोरोना के कारण पिछले साल से अब तक लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है। अब जैसे- तैसे लोगों ने निकलना शुरू किया और बाजार थोड़ा-थोड़ा चलने लगा तो फिर से लाँकडाउन से बाजार काम धंधा चौपट हो जायेगा। ऐसे में सरकार को लाँकडाउन के अलावा अन्य विकल्प पर ध्यान देना होगा। अन्यथा कोरोना के साथ –साथ लोगों को रोजी –रोटी की समस्या से जूझना होगा। जो लोगों के लिये मुसीबत बन सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के लाँकडाउन का कोई लाभ नहीं होता है जब दिल्ली में दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के लोगों के आने-जाने पर पाबंदी ना लगे। तो कोरोना को कैसे रोका जा सकता है। इसलिये कोरोना गाइड लाईन पर सख्ती से पालन करने की जरूरत है।

दिल्ली में आज रात से 26 अप्रैल तक लॉक डाउन : केजरीवाल

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत केजरीवाल सरकार ने राजधानी दिल्ली में 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉक डाउन लगा दिया गया है। आज रात 10 बजे से यह आदेश लागू हो जाएगा और अगले सोमवार सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। जरूरी सेवायें जारी रहेंगी लेकिन बेवजह किसी को बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा।
बता दें पिछले हफ्ते वीकेंड का कर्फ्यू लगाया गया था जिसे अब पूरी हफ्ते का कर दिया गया है। फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने आज उपराज्यपाल से मुलाकात की और कोरोना के बढ़ते मामलों पर चर्चा की। इसके बाद फैसला किया गया कि एक हफ्ते का लाक डाउन लगाया जायेगा। मेट्रो भी सीमित संख्या में सवारियों के साथ जारी रहेंगी।
केजरीवाल ने कहा कि वे हमेशा लॉक डाउन के सख्त खिलाफ रहे हैं लेकिन दिल्ली के अस्पताल में बेड, आक्सीजन की बड़ी कमी है और इसी स्थिति में संक्रमण को फैलने से रोकना बहुत जरूरी है। कहा कि 6 दिन के लॉक डाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी और विवाह में 50 लोगों के लिए विशेष पास जारी किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सस्टम कोलैप्स नहीं किया है लेकिन स्थिति भयावह है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि वे दिल्ली छोड़कर न जाएँ  क्योंकि लॉक डाउन बहुत छोटा है। केजरीवाल ने कहा पब्लिक ट्रांसपोर्ट वहीं जा सकेगा जो जरूरी सेवा से जुड़ा होगा। गैरजरूरी लोगों के बाहर निकलने पर सख्ती की जाएगी।
सीएम ने घोषणा की कि लॉक डाउन 26 अप्रैल तक लागू किया जा रहा है और यह आज (सोमवार) रात से शुरू हो जाएगा। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इस दौरान वो सभी नियम लागू रहेंगे जो वीकेंड कर्फ्यू के लिए केजरीवाल सरकार ने लगाए हैं।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कोरोना बरपा रहा कहर

राजधानी नई दिल्ली और इससे सटे उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। रोजाना मरीजों की तादाद और मृतकों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। पिछले 24 घंटों में जहां दिल्ली में 25 हजार से ज्यादा तो उत्तर प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आए।

रविवार को दिल्ली में 25,642 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 161 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई। दिल्ली में संक्रमण दर की रफ्तार बेहद तेज गति से बढ़कर करीब 30 फीसदी पहुंच गई है। राजधानी के 115 निजी कोविड अस्पतालों में करीब सभी आईसीयू बेड भर चुके हैं और 90 फीसदी कोविड वार्ड के बेडों पर मरीज मौजूद हैं।
कोरोना से खराब होते हालातों के बीच दिल्ली सरकार ने नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों को कोविड के मरीजों के लिए 80 फीसदी बेड आरक्षित करने का आदेश दिया है। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह व्यवस्था पोर्टल पर भी दर्शानी होगी, कि कहां पर कितने बेड खाली हैं।

वहीं, उत्तर प्रदेश मरीजों की जांच के साथ ही संक्रिमतों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। संक्रमण की दर रविवार को 12.93 फ़ीसदी पर पहुंच गया है। जबकि 14 अप्रैल को यह 9.76 फ़ीसदी थी। रविवार को यहां पर 30,596 नए मरीज पाए गए हैं। अब यूपी में कुल मरीजों की संख्या 8,51,620 हो गई है।

यूपी में सबसे ज्यादा मरीज राधानी लखनऊ में 5551, प्रयागराज में 1711, कानपुर नगर में 1839, वाराणसी में 2011, गौतम बुध नगर में 700, गाजियाबाद में 253, गोरखपुर में 781, मेरठ में 782, बरेली में 868, झांसी में 994, मुरादाबाद में 357, आगरा में 440 व हाथरस में सबसे कम 23 मरीज मिले। सबसे ज्यादा मौतें भी राजधानी लखनऊ में ही दर्ज की गईं।  इसके बाद प्रयागराज व कानुपर में साथ ही इस सूची में नोएडा और गाजियाबाद का नाम भी है।

दिल्ली में कोरोना की दहशत से, अब अपने घर गांव जाने को मजबूर है लोग

देश में बढ़ते कोरोना के बीच लोगों में इस बात की दहशत हो रही है। कि आने वाले दिनों में कोरोना का कहर ना रूका तो, वो कहां जायेगे और क्या करेगें। देश के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिये बिस्तरों की कमी पड़ रही है। कई अस्पतालों में तो आँक्सीजन के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे है। बताते चलें दिल्ली में आज तीस हजार के आस –पास मरीजों की संख्या पहुंचने पर, दिल्ली में रह रहे बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोगों में दहशत है।

उत्तर प्रदेश के जिला बलिया निवासी तेजेन्द्र कुमार ने बताया कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में इजाफों हो रहा है और मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। ऐसे में वे अपने घर- गांव जाने को मजबूर है। मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर के नौगांव तहसील के निवासी जगदीश का कहना है कि देश में कोरोना की कहर लोगों में डर पैदा कर रही है। जगदीश के परिजनों का कहना है कि जो भी शुभ और अशुभ हो अपने घर गांव में हो । इस लिये वे अब अपना काम धंधा बंद कर हमेशा के लिये नौगांव जा रहे है। जगदीश 5 साल से दिल्ली में गन्ना का रस बेचतें थे। अब धंधा भी चौपट हो रहा है। मकान का किराया निकालना मुश्किल हो रहा था।
बिहार निवासी प्रभु रंजन का कहना है कि कोरोना का कहर अब महीनों तक का नहीं है । बल्कि सालों साल का है। दिल्ली में ऐसे तामाम लोग है जिन्होंने तहलका संवाददाता को बताया कि वे सालों साल से रेहड़ी पटरी लगाकर काम करके अपने घर परिवार का अच्छे से पालन पोषण करते रहे है। लेकिन पिछले साल 2020 में कोरोना काल के लाँकडाउन को तो सहन कर गये थे। लेकिन इस बार का कोरोना तो पूरी तरह से धंधा पानी को चौपट कर रहा है और स्वास्थ्य से खेल रहा है। इसलिये मजबूरी में वे दिल्ली को छोड़ कर अपने घर –गांव जाने को मजबूर है।

राहुल गांधी ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपनी सभी रैलियां रद्द कीं कहा-” ऐसे हालात में बड़ी जनसभाएं करने का अंजाम सोच लें”

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महामारी से लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दी हैं। वे देश के पहले राष्ट्रीय नेता हैं जिन्होंने इस तरह की घोषणा की है। अपने फैसले की जानकारी देते हुए राहुल गांधी ने देश के सभी राजनेताओं को सलाह देते हुए एक ट्वीट में लिखा है कि वे ऐसे हालात में बड़ी जनसभाएं करने का अंजाम सोच लें।
राहुल गांधी की पश्चिम बंगाल की चुनाव रैलियां तय थीं लेकिन कोरोना के मामलों और जनता को चुनावी रैलियों में कोरोना संक्रमण का ख़तरा देखते  हुए गांधी ने चुनाव रैलियां न करने का फैसला किया है। एक ट्वीट में कांग्रेस नेता ने तमाम राजनेताओं को सलाह देते हुए लिखा कि वे ऐसे हालात में बड़ी जनसभाएं करने का अंजाम सोच लें।
अपनी चुनावी रैलियां रद्द करने की घोषणा करने से थोड़ी देर पहले राहुल ने एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। मोदी के बंगाल की एक रैली में भीड़ को देखकर यह कहने पर ” कि उन्‍होंने यहां इतनी भीड़ पहली बार देखी है, पर तीखा कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा – ‘बीमारों और मृतकों की भी इतनी भीड़ पहली बार देखी है।’
राहुल ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार कोविड-19 की परिस्थितियों से निपटने में बुरी तरह नाकाम रही है। इससे पहले भी राहुल गांधी ने कोरोना वायरस महामारी को मोदी की ओर से लाई गई तबाही करार दिया था। उन्‍होंने कहा था, ‘शमशान और कब्रिस्तान– जो कहा सो किया।’ देश में अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी की रिपोर्ट के बाद से राहुल ने एक और ट्वीट में कहा, ‘अस्पताल में कोई परीक्षण नहीं हो रहा है, कोई बिस्तर नहीं है, कोई वेंटिलेटर नहीं है, कोई ऑक्सीजन नहीं है, कोई टीका नहीं है, बस उत्सव का ढोंग है पीएम केयर्स ?’

कोरोना के रेकॉर्ड मामले
बता दें भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 2,61,500 नए मामले सामने आये ए हैं जो कोरोना शुरू होने के बाद एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। लगातार चौथे  दिन देश में दो लाख से अधिक कोविड मामले दर्ज किए गए हैं। शनिवार को 2,34,692 और गुरुवार को 2,00,739 और शुक्रवार ,को 2,17,353 मामले दर्ज किए। देश में कुल कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 1,47,88,109 हो गई है। इन 24 घंटों में कोविड-19 से 1,501 लोगों की मौत हुई है।

दमड़ी ना जाये, चाहे चमड़ी चली जाये

पहले खुद समझों फिर बाद में दूसरों को समझाओं तो बात बनती है।लेकिन कोरोना काल में खुद तो आदमी समझ नहीं रहे है। दूसरों को समझाने में लगे है। ऐसे में बात बनती कम है , बिगड़ती ज्यादा है। तहलका संवाददाता ने दिल्ली में लगे दो दिन के कर्फ्यू के दौरान आज दिल्ली के कई इलाकों में पड़ताल की तो बात ये निकल कर सामने आयी कि कोरोना काल को सियासतदाँन अपने तरीके परिभाषित करने में लगे है। सुबह से ही दिल्ली में चाय की दुकानों में पहले की तरह भीड़ देखी गयी है। इसी के साथ अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों में आधी दुकान की शटर खोले समानों की बिक्री हो रही है। कहने का मतलब सिर्फ इतना ही है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिये दिल्ली सरकार ने भले ही सप्ताहांत दो दिन का कर्फ्यू लगाया हो। लेकिन धरातल पर कर्फ्यू जैसा कोई माहौल देखने को नहीं मिला है।इतना जरूर है कि लोग एक दूसरे से कोरोना से बचने की सलाह देते दिखे।बतातें चलें लोगों का कहना है कि कोरोना बीमारी लम्बी चलने वाली है। तो कब तक घरों में रहे । उनका कहना है जितना बन पड़ रहा है। उतना परहेज कर रहे है।

यानि की अब लोगों ने कोरोना बीमारी को हल्कें में ले रहे है। कोई अगर गंभीरता से कोरोना से बचने की जानकारी देता है। तो उसका मजाक भी उड़ाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता और कोरोना काल में लोगों का जागरूक करने लेकर हर संभव मदद पहुंचाने वाले केन्द्रीय फिल्म बोर्ड के सदस्य राजकुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली में अगर लोगों ने कोरोना गाइड लाईन का पालन नहीं किया तो, आने वाले दिनों में कोरोना का विस्तार होगा।जिससे कोरोना की रोकथाम मुश्किल होगी।

व्यापारी प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि लोगों ने ये मान लिया है कि दमड़ी ना जाये , चाहे चमड़ी चली जाये। यानि की व्यापारिक नुकसान ना हो, चाहे जान का खतरा आये जाये। तो ऐसे में कर्फ्यू का लगना, ना लगना बराबर है। लोगों का कहना है कि कोरोना को अगर सही मायने में रोकना है तो, कड़ाई से सरकार को पालन करना होगा। अन्य़था सब यूं ही दिखावा साबित होगा।

लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत, अभी एम्स में हैं भर्ती

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गयी है। अदालत ने शनिवार को उन्हें यह जमानत दी। लालू आजकल दिल्ली एम्स में इलाज के लिए भर्ती हैं।
लालू को झारखंड हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दुमका कोषागार से तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध निकासी के मामले में जमानत दी है। चारा घोटाला से जुड़े मामलों में लम्बे समय से जेल की सजा काट रहे आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव अस्पताल से बाहर आएंगे या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। बता दें दुमका कोषागार गबन मामले को लेकर इससे पहले भी लालू की जमानत पर कई बार सुनवाई हुई है।
याद रहे चारा घोटाले के मामले में दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के केस में हाईकोर्ट ने लालू यादव को यह जमानत दी है। झारखंड हाईकोर्ट में शनिवार को जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने दुमका कोषागार मामले में सुनवाई को बाद आरजेडी प्रमुख को जमानत देने का फैसला सुनाया। बता दें दुमका कोषागार से तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध निकासी मामले से पहले लालू यादव को चाईबासा और देवघर मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
लालू इस समय दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। उन्हें रांची जेल से एम्स दिल्ली में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। अभी उनका वास्थ्य उतना बेहतर नहीं बताया जाता है लिहाजा यह कहना मुश्किल है कि जमानत मिलने के बावजूद वे अस्पताल से बाहर आएंगे या नहीं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा दोबारा संक्रमित, अस्पताल में भर्ती

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा दोबारा से कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें बेंगलुरु की अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि ‘हल्का बुखार आने के बाद मैंने कोरोना जांच करवाई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उन्होंने लिखा- मैं ठीक हूं, डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं। मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं जो हाल के दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं। वे सतर्क रहें और एकांतवास में रहें। ऐसे लोगों को जांच जरूर करवा लेनी चाहिए।
इससे पहले 77 वर्षीय येदियुरप्पा पिछले साल दो अगस्त को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उस समय भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बाद में रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद राहत की सांस ली थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने तेज बुखार और थकान के बाद वीरवार को बेलगावी में उपचुनाव प्रचार के लिए निर्धारित अपना दौरा छोटा कर दिया था। इससे पहले आज उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर और शीर्ष अधिकारियों के साथ करीब डेढ़ घंटे तक राज्य में कोविड-19 के हालात पर आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की थी और 18 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही थी।
कर्नाटक में कोरोना के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। एक दिन पहले राज्य में 14,738 नए मामले आए थे और 66 मरीजों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कर्नाटक में संक्रमितों की कुल संख्या 11.09 लाख हो गई है और अब तक 13,112 लोग जान गंवा चुके हैं।

देश में ऑक्सीजन की कमी और आपूर्ति पर पीएम ने की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में चिकित्सा ग्रेड की ऑक्सीजन की कर्मी की तमाम खबरों के बीच पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। पीएमओ के ओर से जारी बयान के अनुसर, बैठक के दौरान स्वास्थ्य, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, इस्पात, सड़क परिवहन व अन्य मंत्रालयों की ओर से संबंधित जानकारियां प्रधानमंत्री से साझा की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय और राज्य सरकारों के साथ सहयोग सुनिश्चित करने को कहा।
मोदी ने देश में ऑक्सीजन आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और कोरोना से प्रभावित 12 राज्यों में अगले 15 दिनों में इसके अनुमानित इस्तेमाल की स्थिति की समीक्षा की है। बता दें कि देश में कोरोना से सबसे ज्यादा 12 राज्य प्रभावित हैं। इसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। गौरतलब है कि सरकार ने विदेशों से ऑक्सीजन आयत करने का फैसला किया है।