Home Blog Page 642

दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप के हलके झटके  

राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आसपास के इलाकों में सोमवार देर रात करीब 10.37 बजे भूकंप के हलके झटके महसूस किये गए। झटकों की तीब्रता 3.7 बताई गयी है। भूकंप का केंद्र हरियाणा का झझर था। जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ में भी हलके झटके लोगों ने महसूस किए।
यह झटके 10.37 बजे महसूस किये गए। घरों में बैठे लोगों  बिस्तर और सोफों में कम्पन महसूस किया जो करीब 3-4 सेकण्ड तक रहा। अभी तक किसी नुक्सान की कोई जानकारी नहीं है। यह झटके हलके थे।
भूकंप का केंद्र हरियाणा का झझर था और झटकों की रिक्टर स्केल पर तीब्रता 3.7 बताई गयी है। दिल्ली के अलावा नोएडा और गाजियाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। इसके अलावा हरियाणा के रोहतक और चंडीगढ़ में भी लोगों ने बताया कि उन्होंने हलके झटके महसूस किये।

भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी स्वामी स्टेन का निधन; रामचंद्र गुहा, राहुल ने जताया शोक

आदिवासी अधिकारों पर झारखंड में काम करने वाले कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इतिहासकार रामचंद्र गुहा से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने स्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया है, वहीं सामाजिक कार्यकर्ता आलोका कुजुर ने उनकी मौत को ‘हत्या’ बताया है। उधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में स्टेन की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्हें मेडिकल सर्विस वक्त पर क्यों नहीं दी गईं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने फादर स्टेन स्वामी को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उन्होंने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के एलगार परिषद के कार्यक्रम में भाषण दिया था और इसी को आधार बनाते हुए स्टेन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस कार्यक्रम के एक दिन बाद भीमा कोरेगांव में जबर्दस्त हिंसा हुई थी और कई लोगों की जान चली गयी थी।
स्वामी स्टेन की मौत पर 20 साल से झारखंड में आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाली संस्था ‘आदिवासी अधिकार मंच’ के नेता  आलोका कुजुर ने कहा कि 84 साल के बुजुर्ग फादर पार्किंसन बीमारी से ग्रसित थे और ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता के साथ एनआईए ने जो अमानवीय व्यवहार किया, वो चिंता का विषय है। उनके मुताबिक फादर पर कोरेगांव हिंसा में जो केस दर्ज हुआ वह फर्जी था। उनके खिलाफ आज तक कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ फिर भी इस उम्र में उन्हें जेल में बंद रखा गया। इससे जाहिर होता है उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। उनके मुताबिक ‘सभी सामाजिक कार्यकर्ता मानते हैं कि ‘केंद्र सरकार और एनआईए ने फादर स्टेन स्वामी की हत्या की’।
उधर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी ने अपना पूरा जीवन पिछड़ों, गरीबों के लिए काम करने में लगा दिया। उनका दुखद निधन एक न्यायिक हत्या का मामला है, इसके लिए गृह मंत्रालय और कोर्ट दोनों बराबरी से जिम्मेदार हैं।’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन की जानकारी पाकर दुखी हूं। एक मानवतावादी और ईश्वरीय इंसान जिससे हमारी सरकार मानवीय बर्ताव नहीं कर सकी। बतौर भारतीय बहुत दुखी हूं।’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट में कहा – ‘फादर स्टेन स्वामी के निधन की खबर से दुखी हूं। उन्होंने अपना जीवन आदिवासियों के अधिकारों में लगा दिया। मैंने उनकी गिरफ्तारी की जमकर मुखालफत की थी। केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्हें मेडिकल सर्विस वक्त पर क्यों नहीं दी गईं, जिनकी वजह से उनकी मौत हुई है।’
बता दें स्टेन स्वाम़ी का आज निधन हो गया। उनकी उम्र 84 साल थी और उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। दोपहर करीब 1.30 बजे बांबे हाई कोर्ट को उनकी मौत की सूचना दी गई। फादर स्टेन स्वामी भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुए थे। उन्हें तलोजा सेंट्रल जेल में रखा गया था। यहां स्वामी और एल्गर केस मे उनके साथी बंदी लगातार खराब स्वास्थ्य सुविधाओं की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद ही 29 मई को बांबे हाई कोर्ट के निर्देश पर उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।
स्टेन ने हाल ही में कोविड-19 को मात दी थी, हालांकि, इसके बाद उनकी हालत लगातार खराब ही रही थी। होली फैमिली हॉस्पिटल में भी उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। पिछले हफ्ते ही स्वामी ने हाई कोर्ट में एक अपील दाखिल की थी। इसमें उन्होंने यूएपीए के सेक्शन 43डी—5 को चैलेंज किया था। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार को एक नोटिस जारी किया था जिसमें स्वामी के खराब स्वास्थ्य हालात को लेकर शिकायत की गई थी।

महाराष्ट्र विधानसभा में 12 भाजपा विधायक साल के लिए निलंबित, शेलार ने ठाकरे सरकार को ‘तालिबान सरकार’ बताया  

भाजपा-शिव सेना में ‘दोस्ती’ की चर्चा की बीच सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के  मॉनसून सत्र के पहले दिन सदन में जहाँ जबरदस्त हंगामा हुआ वहीं कृषि कानूनों और ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा कर रहे 12 भाजपा विधायकों को एक साल की अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। भाजपा के विधायक इस निलंबन के खिलाफ राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम बना रहे हैं। भाजपा के एक विधायक आशीष शेलार ने निलंबन से क्रुद्ध होकर ठाकरे सरकार को ‘तालिबान सरकार’ कहा है।
जैसे ही भाजपा विधायकों ने कृषि कानूनों और ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा करना शुरू किया, अध्यक्ष ने उन्हें शांत रहने को कहा। लेकिन जब शोर हंगामे में बदल गया तो स्पीकर ने भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया। इस दौरान कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी की गई।
निलंबित विधायकों में आशीष शेलार, हरीश पिंपले, संजय कुटे, नारायण कुचे, गिरीज महाजन, अभिमन्यु पवार, बंटी बांगडीया, योगेश सागर और अतुल भातखलकर आदि के नाम शामिल हैं।
इस मामले पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ये झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा – ‘हम ओबीसी रिजर्वेशन के लिए अपने 12 विधायक कुर्बान करने को तैयार हैं। कहानियां बनाई जा रही हैं। भाजपा से किसी ने गाली नहीं दी।’ उधर पार्टी विधायक आशीष शेलार ने कहा – ‘ठाकरे सरकार ‘तालिबान’ की तरह काम कर रही है। मैं इस कार्रवाई की निंदा करता हूं। न तो मैंने और न ही किसी अन्य विधायक ने भास्कर जाधव को गाली दी। भाजपा के किसी भी सदस्य ने केबिन में गाली-गलौज नहीं की। मैंने उनसे माफी भी मांगी, इसके बावजूद उन्होंने हमें सस्पेंड कर दिया।’
इस घटना को फडणवीस के सुबह के उस ब्यान के विपरीत बताया जा रहा है जिसमें उन्होंने भविष्य में भाजपा-शिव सेना में संबंध सुधरने जैसे संकेत दिए थे। निश्चित ही आज की विधानसभा की घटना से शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में खटास आ सकती है। शिवसेना नेता संजय राउत ने भी आज ही कहा था कि भाजपा के साथ आमिर खान और किरण राव जैसे रिश्ते हैं, भारत-पाक जैसे नहीं। हमारे राजनीतिक रास्ते बेशक अलग हैं, लेकिन दोस्ती हमेशा बरकरार रहेगी।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना के बीच कोई दुश्मनी नहीं है। पिछले दिनों सीएम उद्धव ठाकरे ने भी पीएम मोदी के साथ एक विशेष बैठक की थी जिसे लेकर काफी चर्चा रही थी।

प्रधानमंत्री ने ओलंपिक्स में क्वालीफाइड हुए भारतीयों को दी शुभकामनाएं

‘चीयर4इंडिया’ संदेश के साथ टोक्यो जाने वाले एथलीटों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दी और लोगों से ओलंपिक में भारतीय दल का समर्थन करने को भी कहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक पॉडकास्ट ‘मन की बात’ के नवीनतम एपिसोड में कहा कि, “जब प्रतिभा, दृढ़ संकल्प, भक्ति और खेल भावना एक साथ आती है, तो चैंपियन पैदा होते है। हमारे देश में कई एथलीट भारत के लिए उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए छोटे शहरों और कस्बों से आते हैं। टोक्यो में होने वाले आगामी ओलंपिक में भाग लेने के वाले एथलीटों के बीच ऐसी कई प्रेरणादायक कहानियां देखने को मिल सकती है। टोक्यो के रास्ते में एथलीटों ने अपने उतार चढ़ाव के साथ वर्षों की कड़ी मेहनत की होती है।

वे न केवल अपने लिए बल्कि अपने देश के लिए भी यात्रा कर रहे हैं। एथलीटों को भारत का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व करना चाहिए और लोगों का दिल जीतना चाहिए। मैं उन पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहता, इसलिए मैं अपने सभी देशवासियों से प्रत्येक एथलीट के पीछे रैली करने के लिए कह रहा हूं, ”

पिछले साल शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक को कोरोना महामारी के चलते टाल दिया गया था। जिससे की वे इस वर्ष 23 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलेगा। टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले भारतीयों की संख्या 115 है।

प्रणव मुखर्जी के पूर्व सांसद बेटे अभिजीत टीएमसी में शामिल

दो बार के पूर्व कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं। वरिष्ठ पार्टी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने सोमवार को मुखर्जी को टीएमसी में शामिल किया।
विधानसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पानी  कांग्रेस के लिए यह एक झटका है। बता दें जंगीपुर से कांग्रेस टिकट पर जीतकर सांसद रह चुके अभिजीत मुखर्जी के बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी भी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं। अभिजीत आज तृणमूल भवन, कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में टीएमसी के सांसद और लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और टीएमसी के प्रदेश महासचिव और मंत्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में टीएमसी में शामिल हुए।
कुछ रोज पहले अभिजीत मुखर्जी ने सीएम ममता बनर्जी के सांसद भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक की थी जिसके बाद ही उनके टीएमसी में शामिल होने की अटकलें टैग रही थीं। आज कार्यक्रम में टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी ने अभिषेक बनर्जी के माध्यम से टीएमसी में शामिल होने की अपील की थी। ममता बनर्जी की सहमति के बाद आज उन्हें टीएमसी में शामिल किया गया है।
अभिजीत नलहाटी से विधायक रहने के अलावा दो बार जंगीपुर से सांसद रहे हैं। अभिजीत नई आज टीएमसी में जाने के बाद कहा – ‘आज मैं एक कांग्रेस छोड़कर  दूसरी कांग्रेस में आया हूँ। मैं अपने राजनीतिक अनुभव को भारत को भाजपा से मुक्त करने और समाज को एकजुट करने की ममता बनर्जी के लड़ाई में इस्तेमाल करूंगा।  सांप्रदायिक भाजपा की ताकत को ममता बनर्जी ने रोक दिया है। उनके सहयोग से पूरे भारत में भाजपा को रोकने में सफलता मिलेगी।’

मिट जायेंगे लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं, आरजेडी के स्थापना दिवस पर बोले लालू

पहले से थोड़ी कमजोर सेहत, लेकिन तेवर वही पुराने। तीन साल बाद लालू प्रसाद यादव सोमवार को फिर राजनीतिक मंच पर दिखे। अवसर था उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का 25वां स्थापना दिवस। लालू दिल्ली में थे और वर्चुअल जरिये से उन्होंने पटना में अपनी पार्टी के लोगों को संबोधित किया। उनके निशाने पर नीतीश कुमार और उनकी बिहार सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा सब थे। तेवर वहीं पुराने वाले थे, भले स्वास्थ्य कारणों से आवाज थोड़ी कमजोर थी। लालू ने कहा – ‘हम लोगों को विश्वास दिलाना चाहते हैं, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। हम मिट जाएंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।’
लालू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपने संबोधन में बिहार की नीतीश कुमार सरकार की नाकामियां गिनाईं और महंगाई, बेरोजगारी, बड़े पैमाने पर निजीकरण, सरकारी सम्पतियों की बिक्री से लेकर तमाम वर्तमान मुद्दों की बात उठाते हुए मोदी सरकार को तो घेरा हे वहीं अयोध्या के बाद मथुरा का नारा देने के लिए भाजपा पर भी निशाना  साधा। फिर कहा – ‘अगर बेटा तेजस्वी और पत्नी राबड़ी नहीं होते तो मैं रांची में ही  दम तोड़ देता। इन लोगों ने मुझे दिल्ली ‘एम्स’ में भर्ती कराया। काफी इलाज हुआ है जो थोड़ी कमी रह गयी है वह भी दूर होगी और हम जल्द पटना आएंगे। पटना ही नहीं जल्द बिहार में अपने लोगों के बीच में आएंगे।’
वरिष्ठ नेता ने मोदी सरकार और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा – ‘कोरोना तो है ही लेकिन उससे बढ़कर महंगाई, बेरोजगारी ने लोगों की कमर तोड़ दी है। रेल के  निजीकरण सी लेकर जहाज सबको औने पौने भाव में बेचा जा रहा है। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। इतनी गरीबी, महंगाई, इतना भाव अगर पेट्रोल और डीजल का बढ़ता रहा तो यह लोग चलना दूभर कर देते। लेकिन (वर्तमान राज में) यहां तो कोई सुनवाई ही नहीं है।’
लालू यादव ने कहा कि डीजल और पेट्रोल का दाम बढ़ने से गरीब के ऊपर सारा बोझ गरीब के ऊपर पड़ता है। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा – ‘कहा गया था 10 करोड़ नौजवानों को नौकरी देंगे हम, बेहतर भारत बनाएंगे, सब लोगों को कहा गया था। लेकिन आज बेकारी में कैसी मार पड़ी है, जीएसटी से, नोटबंदी से। बहुत बड़ा आर्थिक संकट है देश के ऊपर। देश हजारों वर्ष पीछे चला गया, कोरोना की वजह से, सभी लोगों के मुंह पर मास्क लगाकर घरों में बंद हैं, एक दूसरे मिल नहीं सकते, सृष्टि का पालन सब लोग कर रहे हैं।’
उनके भाषण से साफ़ लगा कि अस्पताल के दिनों में भी वे लगातार ख़बरों को देखते  रहे हैं और उन्हें सभी मुद्दों की पूरी जानकारी है। लालू ने कहा – ‘कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। लोग व्याकुल हैं, डर रहे हैं, जितनी मौतें हुई हैं देश में कोरोना की वजह से उसकी गिनती नहीं की जा सकती। बिहार में जितने लोग मरे हैं, कोरोना से चिकित्सा के अवभाव में, इस सबसे अव्वल दर्जे में पटना को गिना जाने लगा, कोई आदमी नहीं जाने लगा पटना और बिहार में, गांव में जो मरे सो मरे, लेकिन शहर की बात है, कितने बड़े पैमैने पर लोग बीमारी से ग्रस्त रहे और कोई चीजों का प्रबंध नहीं हुआ।’
आरजेडी नेता लालू बिहार की नीततीश सरकार पर भी खूब बरसे। कहा – ‘बिहार में कोई ऐसा दिन नहीं जब 4-5 अलग-अलग जगह मर्डर नहीं होता हो। आज हमारा बिहार बहुत पीछे है। लाखों लाख प्रवासी मजदूर बने हैं। आज भी लाखों लोग निकलकर जाते हैं रोजी रोजगार के लिए। प्रवासी मजदूरों की वापसी पर राजद कार्यकर्ताओं ने अच्छा काम किया। लोगों को विश्वास है कि एक दल है जो तमाम समस्यायों से निजात दिलाएगा।’
उन्होंने बेटे तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा – ‘मुझे खुशी है कि तेजस्वी के भाषण में ज्ञान तो है ही लेकिन मेरे बड़े लड़के तेज प्रताप ने लगातार जो भाषण किया, उस भाषण में दम है। इतनी कम उम्र में तेजस्वी यादव समझदार है। बिहार जैसे राज्य में नैया को पार लगाना। इतनी सीट हासिल की (विधानसभा चुनाव में), इतना दौरा किया, हमको उम्मीद नहीं थी पहले, लेकिन लोगों के आशीर्वाद से आगे बढ़ रहे हैं और पार्टी के हर कार्यकर्ता और हर नेता को साथ लेकर चल रहे हैं।’
लालू ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का भविष्य उज्ज्वल है, और निकट भविष्य में हम देश को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, मिट जाएंगे लेकिन हम टूटने वाले नहीं है। कहा कि
वो (विपक्षी) जंगल राज की बात करते थे। लेकिन वह गरीब लोगों का राज था। सैकड़ों वर्ष से रोटी एक तवे पर जल रही थी एकतरफा, उसे जनता के गरीबों के सहारे पलट दिया। रोटी को पलटा, और लगातार क्रम शुरू हुआ इसलिए लोगों को बहुत तकलीफ हुई कि जंगल राज आ गया।
अपने स्वास्थ्य को लेकर भी आरजेडी नेता ने कार्यकर्ताओं को जानकारी दी। कहा कि  ‘एम्स’ में काफी सेवा हुई, काफी इलाज किया, थोड़ रह गया है, थोड़ा थोड़ा है इसे भी खत्म किया जाएगा। खाली खाने पीने पर परहेज करना है, पानी से परहेज करना है, सब बोलते हैं पानी से परहेज करो। हम जल्द ही राजधानी पटना सहित बिहार राज्य के हर जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। बहुत जल्द हमको अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

फिलीपींस का सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त, 45 जवानों की मौत, 50 बचाए

दक्षिणी फिलीपींस में रविवार को सैन्य बलों को ले जा रहे वायुसेना के एक सी-130 विमान के उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे उसमें सवार 96 जांबाजों में से 45 की मौत हो गई। इसमें सवार 50 से अधिक को बचा लिया गया। विमान के उतरने से पहले ही कुछ जवानों ने छलांग लगा दी, जिससे उनकी जान बच गई।
फिलीपींस के रक्षा मंत्री डेल्फिन लोरेंजाना ने समाचार एजेंसियों को बताया कि हादसे के बाद घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना ने बताया कि विमान में तीन चालकों और चालक दल के पांच सदस्यों समेत 96 लोग सवार थे। बाकी सभी सेना के जवान और अफसर थे। कई सैनिक अब भी लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि विमान चालक जीवित बचे लोगों में शामिल हैं, लेकिन वे गंभीर रूप से जख्मी हैं। इसके साथ ही जहां पर विमान गिरा वहां मौजूद कम से कम चार ग्रामीण भी घायल हुए हैं। हादसे का शिकार हुआ लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस फिलीपींस  को सैन्य सहायता के रूप में इस साल सौंपे गए अमेरिकी वायु सेना के दो पूर्व विमानों में से एक था।
चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सिरिलिटो सोबेजाना ने बताया कि विमान रविवार को दोपहर 12 बजे से ठीक पहले सुलु प्रांत में पर्वतीय कस्बे पाटीकुल के बांगकल गांव में उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।अधिकारियों की ओर से बताया गया कि हादसे में बचे या गंभीर घायलों में से कम से 50 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी जवानो की तलाश की जा रही है।

धामी ने उत्तराखंड के सीएम पद की शपथ ली,  11 मंत्री भी बने

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने रविवार को देहरादून में एक समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से पद की शपथ ली। दिलचस्प यह रहा कि धामी के शपथ समारोह में कई समर्थक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य नेता के समर्थन में नारे लगाते रहे। यह माना जा रहा है कि धामी को मुख्यमंत्री बनाने से कुछ वरिष्ठ विधायक बहुत नाराज हैं। धामी के साथ 11 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें ज्यादातर पुराने चेहरे हैं।
धामी के अलावा आज 11 मंत्रियों सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह, सुबोध उन्याल, अरविन्द पांडये, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्य और यतीश्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ली।
उधर संकेत मिल रहे हैं कि उत्तराखंड में धामी को सीएम बनाने से भाजपा में तूफ़ान मच गया है और कई वरिष्ठ विधायक नाराज हो गए हैं जिससे आने  राज्य में राजनीतिक अस्थिरता भी पैदा हो सकती है। सतपाल महाराज धामी का नाम घोषित होने की बाद भी काफी समय तक दिल्‍ली में जमे रहे। उनके समर्थन में काफी विधायक हैं, हालांकि आज सतपाल  मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर पर मंत्री के रूप में शपथ ली।
उनके अलावा हरक सिंह रावत और वरिष्ठ नेता बिशन सिंह चुफाल भी नाराज  बताये जा रहे हैं। इस दौरान नाम सीएम धामी आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्रियों तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले।

रफाल सौदे की जांच जेपीसी से क्यों नहीं, राहुल का सवाल; ट्वीटर पर शुरू किया ‘पोल’  

फ्रांस के मीडिया में रफाल लड़ाकू विमान में कथित घूसखोरी की जांच की खबर आते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को हाल के महीनों में सबसे ज्यादा उठाया है और लगातार सरकार को घेरा है। अब खबर आने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है और लोगों से पूछा है कि जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है। इसमें उन्होंने चार ऑप्शन भी दिए हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा – ‘चोर की दाढ़ी….’ और साथ में एक फोटो जोड़ी है जिसमें लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
राहुल का यह हमला फ्रांस के भारत के साथ 59 हजार करोड़ रुपये की रफाल डील में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच का आदेश दिए जाने के बाद आया है। कल ही फ्रांस की मशहूर खोजी मीडिया वेबसाइट  ‘मीडियापार्ट’ ने इस बात का खुलासा किया था कि रफाल को लेकर फ्रांस सरकार ने जांच शुरू कर दी है। इस खबर के बाद रफाल का मामला फिर गरमा गया है।
याद रहे संसद में कांग्रेस रफाल सौदे में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए जेपीसी की मांग करती रही है लेकिन सरकार ने यह कहकर इसका विरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर सरकार को ‘क्लीन चिट’ दे चुका है। शनिवार को यह खबर आने के बाद कांग्रेस के प्रधान प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर जमकर हमला बोला था।
अब रविवार को राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है।  इसमें उन्होंने लोगों से पूछा है – ‘जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? ऑप्शन :  अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए या ये सभी ऑप्शन सही हैं।’ राहुल का यह ट्वीट ख़ासा वायरल हो गया है और शाम 4.35 बजे तक 63,418 लोग इस पोल में हिस्सा ले चुके थे।
याद रहे शनिवार को भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके रफाल मामले में ट्वीट किया था – ‘चोर की दाढ़ी….’ लिखकर कमेंट किया था जिसमें एक लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
बता दें फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच 14 जून को औपचारिक रूप से शुरू हुई है। इस डील पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे, जब पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर गए थे।
वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि रफाल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे। दसॉ एविएशन ने हालांकि आरोप को खारिज करते हुए हुए दावा किया था कि अनुबंध को तय करने में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
डील में कथित अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में भी ‘मीडिया पार्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा’ की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पीएनएफ ने जांच का आदेश दिया था। ‘मीडिया पार्ट’ के पत्रकार यान फिलिपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से ‘दबा’ दिया गया था।

चंद महीने के ‘बिना चुने’ मुख्यमंत्री तीरथ विवादों से चर्चा में रहे

उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदलकर तीरथ सिंह रावत को कमान सौंपी, पर वह चार महीने भी इसे चला न सके। संवैधानिक संकट और सांसदी का ख्याल रखते हुए फिलहाल आलाकमान ने पिथौरागढ़ के युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी है। पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता शायद कोई कमाल दिखा सके। क्योंकि इससे पहले कोरोना काल में तीरथ सिंह रावत ने शपथ लेने के साथ ही विवादित बयान और फैसलों को लेकर चर्चा में रहे और पार्टी की भी किरकिरी करवाते रहे।

तीरथ रावत को अपनी ही पार्टी के उनसे पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लिए गए फैसलों को उलटने से शुरू हुआ, जो उन्होंने अपने चार साल तक सत्ता चलाने के दौरान किए थे। आलाकमान ने मार्च में उनसे इस्तीफा दिलवा दिया था। भाजपा नेताओं ने इस बदलाव को त्रिवेंद्र की कथित गलतियों के चलते सही करार देने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही नेता किस मुंह से तीरथ रावत को सही करार दे सकेंगे। त्रिवेंद्र की तरह से तीरथ रावत की भी छुट्टी हो चुकी है।
तीरथ सिंह रावत के प्रमुख विवादित   फैसले और बयान
गैरसैंण पर फैसला पलटा
संघ से ताल्लुक रखने वाले तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद, कैबिनेट के फैसले के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं के बाद राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को राज्य में तीसरा प्रशासनिक प्रभाग घोषित करने के त्रिवेंद्र के फैसले को निलंबित कर दिया।

तीरथ की कैबिनेट ने इस फैसले के पीछे जन भावनाओं का हवाला दिया था। बता दें कि इससे पहले कुमाऊं क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर उठी थी, जिसमें त्रिवेंद्र के इस्तीफे की मांग तेजी से की गई थी।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा
हरिद्वार कुंभ में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और संतों की अप्रैल में हुई बैठक में तीरथ सिंह रावत ने पिछले साल 15 जनवरी को त्रिवेंद्र द्वारा गठित उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा की घोषणा की थी। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित चार प्रमुख मंदिरों और कई अन्य मंदिरों को बोर्ड के दायरे में लाया गया। विभिन्न मंदिरों और उनके पुजारी और पंडों और विहिप के सदस्य बोर्ड को खत्म करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग कर रहे थे।

मंत्रिमंडल का विस्तार
12 सदस्यीय राज्य मंत्रिपरिषद में, 2017 में सरकार बनने के बाद से कैबिनेट के दो पद खाले थे और 2019 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद यह मंत्रालय भी रिक्त हो गया था। विधायकों की बार-बार मांग के बावजूद त्रिवेंद्र ने विस्तार नहीं किया था। कैबिनेट और उनके पास 50 से अधिक विभाग थे। त्रिवेंद्र की जगह नए सीएम तीरथ ने दो दिन बाद मंत्रिपरिषद पूरी की।

महामारी अधिनियम में दर्ज मामले वापस लिए
तीरथ कैबिनेट की पहली ही बैठक में कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन के दौरान दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया। त्रिवेंद्र शासन के दौरान राज्य भर में लगभग 4,500 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान लौटे भाजपा कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं और प्रवासी मजदूरों के खिलाफ कई मामले दर्ज थे।

सरकार का सालाना समारोह रद्द किया
तीरथ सरकार ने राज्य में अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 18 मार्च को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ‘बातें कम काम ज्यादा’ थीम के साथ आयोजित होने वाले समारोहों को रद्द कर दिया था। त्रिवेंद्र ने अपने निर्वाचन क्षेत्र डोईवाला में एक मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की थी जहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। पिछले महीने तीरथ ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एक बुकलेट ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ जारी की थी।

नियुक्तियों को रद्द करना
तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र द्वारा विभिन्न आयोगों, बोर्डों और निगमों में मंत्री रैंक के साथ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए लोगों को हटाने का फरमान जारी कर दिया। तीरथ ने इन पदों पर नई नियुक्तियां नहीं की।

चार धाम यात्रा
पिछले हफ्ते तीरथ सरकार ने दो चरणों में चार धाम यात्रा शुरू करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की थी। कैबिनेट के फैसले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के रोक के बावजूद, सरकार ने यात्रा खोलने का निर्णय 25 जून को लिया था। हालांकि सरकार को बाद में अपना फैसला बदलना पड़ा और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चारथाम यात्रा स्थगित कर दी।

मोदी को भगवान राम और कृष्ण जैसा बता डाला
शपथ लेने के चार दिन बाद, रावत ने हरिद्वार में एक कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से की और कहा कि भविष्य में मोदी की राम और कृष्ण की तरह प्रशंसा की जाएगी। आज मोदी जी के सामने विभिन्न देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाने के लिए लाइन होते हैं, कब मेरा नंबर आयेगा। पहले यह हाल था कि भहारत का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कहं दूर जा के खड़ा होता था। बगल में भटकने भी नहीं देते थे। लाइन में नंबर भी नहीं हो था। आज नया भारत मोदी जी के कारण है। मोदी का चमत्कार है। मैं तो कई बार कहता हूं लोगों को द्वापर में त्रेता में राम-कृष्ण हुए हैं और राम ने भी यही समाज के काम किया था इसलिए लोग भगवान मानने लग गए। आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप में हम मानने लगेंगे वो काम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहा है उसकी जय जयकार। मोदी है तो मुमकिन है।

महिलाओं के जींस पर ‘संस्कारी’ टिप्पणी
तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने हवाई सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी बगल में बैठी एक युवती की फटी जींस से उसके मूल्यों पर विवादित बयान दे डाला था। जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे, हाथ देखे तो कई कड़े थे… बच्चे दो साथ में उनके थे। मैंने कहा बहनजी कहां जाना है…दिल्ली जाना है, हस्बैंड कहां हैं। जेएनयू में प्रोफेसर हैं, तुम क्या करती हो…मैं एक एनजीओ चलाती हूं। एनजीओ चलाती हैं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार दोगी?

राशन बांटने में बयानबाजी से नहीं चूके
रावत ने कहा कि हर घर में प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का काम किया। जसके 10 थे तो 50 किलो ले गया, 20 थे तो एक क्विंटल ले गया, दो थे तो 10 किलो हिस्से आया। लोगों ने स्टोर बना लिए, खरीदार सामने ढूंढ लिए। इतना बढ़िया चावल आया, कभी सामान्य जीवन के लिए आपने लिया नहीं होगा।