रफाल सौदे की जांच जेपीसी से क्यों नहीं, राहुल का सवाल; ट्वीटर पर शुरू किया ‘पोल’  

फ्रांस के मीडिया में रफाल लड़ाकू विमान में कथित घूसखोरी की जांच की खबर आते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को हाल के महीनों में सबसे ज्यादा उठाया है और लगातार सरकार को घेरा है। अब खबर आने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है और लोगों से पूछा है कि जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है। इसमें उन्होंने चार ऑप्शन भी दिए हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा – ‘चोर की दाढ़ी….’ और साथ में एक फोटो जोड़ी है जिसमें लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
राहुल का यह हमला फ्रांस के भारत के साथ 59 हजार करोड़ रुपये की रफाल डील में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच का आदेश दिए जाने के बाद आया है। कल ही फ्रांस की मशहूर खोजी मीडिया वेबसाइट  ‘मीडियापार्ट’ ने इस बात का खुलासा किया था कि रफाल को लेकर फ्रांस सरकार ने जांच शुरू कर दी है। इस खबर के बाद रफाल का मामला फिर गरमा गया है।
याद रहे संसद में कांग्रेस रफाल सौदे में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए जेपीसी की मांग करती रही है लेकिन सरकार ने यह कहकर इसका विरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर सरकार को ‘क्लीन चिट’ दे चुका है। शनिवार को यह खबर आने के बाद कांग्रेस के प्रधान प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर जमकर हमला बोला था।
अब रविवार को राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है।  इसमें उन्होंने लोगों से पूछा है – ‘जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? ऑप्शन :  अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए या ये सभी ऑप्शन सही हैं।’ राहुल का यह ट्वीट ख़ासा वायरल हो गया है और शाम 4.35 बजे तक 63,418 लोग इस पोल में हिस्सा ले चुके थे।
याद रहे शनिवार को भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके रफाल मामले में ट्वीट किया था – ‘चोर की दाढ़ी….’ लिखकर कमेंट किया था जिसमें एक लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
बता दें फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच 14 जून को औपचारिक रूप से शुरू हुई है। इस डील पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे, जब पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर गए थे।
वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि रफाल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे। दसॉ एविएशन ने हालांकि आरोप को खारिज करते हुए हुए दावा किया था कि अनुबंध को तय करने में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
डील में कथित अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में भी ‘मीडिया पार्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा’ की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पीएनएफ ने जांच का आदेश दिया था। ‘मीडिया पार्ट’ के पत्रकार यान फिलिपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से ‘दबा’ दिया गया था।