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केजरीवाल के आवास पर भाजपाइयों ने सीसीटीवी कैमरे तोड़े : सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आवास पर तोड़फोड़ की गयी है। एक ट्वीट में सिसोदिया ने कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीएम के आवास पर हमला करके सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा बैरियर तोड़ दिया।

सिसोदिया ने ट्वीट में कहा कि जब यह घटना हुई पुलिस वहां मौजूद थी। उन्होंने कहा कि इस हमले में मुख्यमंत्री के घर के बाहर लगे सिक्योरिटी बैरियर और सीसीटीवी के अलावा बूम बेरियर तोड़े गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हमले में कथित तौर पर भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।

बता दें भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज सीएम केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया।  भाजपा का यह प्रदर्शन कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को लेकर केजरीवाल टिप्पणी  की एक टिप्पणी विरोध में किया गया। इस प्रदर्शन के बाद ही तोड़फोड़ की यह घटना सामने आई है।

इस घटना के बाद आप नेता संजय सिंह ने एक ट्वीट करके कहा  – ‘लोकप्रिय मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी के आवास पर भाजपाई गुंडे हमला कर देते है और दिल्ली पुलिस उन्हें रोकने की जगह उनके साथ खड़ी दिखती है। भाजपाइयो याद रखना सबका हिसाब लिया जाएगा, ये लोकतंत्र है यहां जनता वक़्त आने पर तुम्हे वोट की लाठी से पीटेगी।’

मनीष सिसोदिया का ट्वीट –
‘दिल्ली में मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी के घर पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर CCTV कैमरे और सिक्योरिटी बैरियर तोड़ दिए हैं। गेट पर लगे बूम बेरियर भी तोड़ दिए हैं।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी का एकजुटता और सहयोग पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आज के समय में क्षेत्रीय सुरक्षा अब बेहद अहम हो गयी है। बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) शिखर सम्मेलन में मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे की बिम्सटेक में भूमिका को सराहते हुए कहा कि उन्होंने पिछले दो साल में कुशल नेतृत्व दिया है।

बिम्सटेक की स्थापना के 25वें वर्ष के इस शिखर सम्मलेन में प्रधानमंत्री ने कहा – ‘हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति ज़रूरी है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअप्स के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। हमें व्यापार सुविधा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को अपनाने की भी कोशिश करनी चाहिए।’

मोदी ने कहा कि ‘आज जब हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमारे बीच एकजुटता और सहयोग समय की मांग है।’

क्षेत्रीय सुरक्षा को बहुत अहम बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो साल के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्षे ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है, जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के नतीजे बिम्सटेक के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे, क्योंकि यह इसका 25वां स्थापना वर्ष भी है।

मोदी ने कहा – ‘आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। मारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों के असर से प्रभावित हैं। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।’

पीएम ने कहा कि बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि महासचिव इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार करें। मोदी ने कहा – ‘बिम्सटेक को अधिक  सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूंगा।’ सेंटर के काम दो दोबारा शुरू करने के लिए मोदी ने तीन  मिलियन डॉलर का योगदान देने की भी बात कही।

एमसीडी चुनाव को टाले जाने के पीछे की सियासत 

आखिरकार जिसका डर था वो ही बात अब सामने आने लगी है। दिल्ली के लिये सबसे महत्वपूर्ण दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव टाले जाने की संभावना दिन व दिन प्रबल होती जा रही है। वैसे ही एमसीडी चुनाव को लेकर मामला अदालत में विचाराधीन है। आप पार्टी ने तो साफ आरोप भाजपा पर लगाया है कि वो चुनाव में हार के डर के कारण चुनाव से दूर भाग रही है। इसलिये चुनाव को टाला जा रहा है।
बताते चलें चुनाव को टाले जाने को लेकर असल में बात कुछ और ही है। क्योंकि चुनाव में आप पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों ने चुनाव से पूर्व एमसीडी की सभी सीटों पर सर्वे करवाया तो आप पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों की काफी हालत पतली है। इसकी वजह साफ है। लोगों का मानना है कि एमसीडी में कांग्रेस और भाजपा को मौका दिया है। क्यों न एक बार आप पार्टी को मौका देकर देखा जाये।
दिल्ली में गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के बीच आप पार्टी की अच्छी-खासी पकड़ है। साथ ही बड़े वर्ग के बीच भी पकड़ बनती जा रही है। ऐसे में दिल्ली में एमसीडी के चुनाव में आप पार्टी को जनता मौका देना चाहती है। दिल्ली एमसीडी के जानकार नलिनी सिंह का कहना है कि एमसीडी की राजनीति कहने को तो छोटी है लेकिन इसके सियासी मायने काफी बड़े है। एमसीडी के चुने हुये पार्षद किसी भी मामलें विधायक से कम नहीं है। जनता का सीधा संपर्क पार्षद से होता है। इसलिये अब चुनाव जब तक टाले जाने की संभावना है। जब तक आप पार्टी के विरोध में कोई राजनीतिक माहौल नहीं बन जाता है।
जानकारों का कहना है कि जब से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ये कहा कि एमसीडी में  आप पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल कर रही है। तब से विरोधी दलों में ये बड़ी बैचेनी है  क्योंकि केजरीवाल ने जब भी कुछ भी चुनाव को लेकर कहा है। तब कुछ न कुछ सियासी बदलाव सामने आये है।बताते चले दिल्ली में नेताओं का कहना है कि एमसीडी के चुनाव एक साल तक के लिये टाले जा सकते है। 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एमएलसी चुनाव के बीच पार्टी के कई सदस्यों को किया बर्खास्त

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजीपुर में एमएलसी चुनाव की गहमागहमी के बीच मंगलवार को सपा का विरोध करने पर पार्टी के पूर्व एमएलसी कैलाश सिंह और गाजीपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय यादव समेत कई अन्य सदस्यों को पार्टी से बर्खास्त किया।

एमएलसी की 36 सीटों पर 9 अप्रैल को मतदान होना है और इसकी मतगणना 12 अप्रैल को होगी। इसी बीच अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी सहयोगी अपना दल (के), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के नेताओं के साथ बैठक भी की।

सूत्रों अनुसार, इस बैठक में उत्तर प्रदेश विधायक और अखिलेश के चाचा नेता शिवपाल यादव व अपना दल के नेता पल्लवी पटेल मौजूद नहीं रहें।

आपको बता दे हाल ही में उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 255 सीटों पर जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है। जबकि समाजवादी पार्टी को 111 सीटों पर जीत हासिल हुई और वे मजबूत विपक्ष के रूप में ऊभरी।

पाकिस्तान : एमक्यूएम के साथ छोड़ने से अल्पमत में इमरान सरकार, कुर्सी बचाना कठिन  

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में दिख रही है। सरकार में साझीदार उनकी पार्टी की प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) ने पीटीआई को टाटा कहते हुए विपक्षी बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ जाने का ऐलान कर दिया है। इमरान खान  के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव 3 अप्रैल को आने की संभावना है, जबकि 31 मार्च की तारीख भी इसके लिए तय हुई थी।

इस उलटफेर के बाद पकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में बहुमत का गुना-भाग पूरी तरह पलट गया है। पीपीपी के नेनृत्व वाले विपक्ष के पास अब 177 सदस्य हो गए हैं जबकि अब इमरान खान के नेतृत्व वाले सत्तापक्ष के पास फिलहाल सिर्फ 164 सदस्य  हैं। बता दें पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, और बहुमत के लिए किसी भी गठबंधन को 172 सदस्यों की ज़रुरत रहेगी।

आज के घटनाक्रम से पहले इमरान खान की पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 179 सदस्य थे। अब, एमक्यूएम-पी के गठबंधन छोड़ने के बाद, पीटीआई के पास 164 सदस्य ही रह गए हैं।  इससे पीएम इमरान खान को बड़ा झटका लगा है।, क्योंकि उसने इससे संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है।

उधर पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्आज एक ट्वीट में कहा – ‘संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम एक समझौते पर पहुंच गए हैं। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी इस समझौते की पुष्टि करेंगे। इसके बाद हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।’

तीन दिन पहले इस्लामाबाद में एक  इमरान खान ने अपनी ताकत दिखाने के  लेकिन पाकिस्तान में अब राजनीतिक हालत बदलते दिख रह हैं। सेना भी इमरान खान से नाराज बताई जा रही है। ऐसी स्थिति में इमरान खान के लिए कुर्सी बचाना मुश्किल दिखने लगा है। इमरान ने नए घटनाक्रम के बाद कहा – ‘मेरी सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है और इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है।’

इमरान का यह भी आरोप है कि देश (पाकिस्तान) में कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। इमरान ने तीन दिन पहले रैली में  भी कहा था कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे के जरिए कोशिश की जा रही है और हमारे ही लोगों को इसमें इस्तेमाल किया जा रहा है।’,

कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और टीआरएफ के दो आतंकी ढेर

जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के रैनावाड़ी क्षेत्र में बुढ़वार तड़के एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। कश्मीर पुलिस के मुताबिक दोनों आतंकवादी राज्य में कई आतंकी हत्यायों में शामिल थे।

पुलिस के मुताबिक इन आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। पुलिस ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मारे गए एक आतंकी के पास से मीडिया पहचान पत्र (आईडी) मिला है।

पुलिस ने एक ट्वीट में कहा – ‘लश्कर के मारे गए स्थानीय आतंकवादियों में से एक के पास मीडिया का एक पहचान पत्र (आईडी) मिला है। ये मीडिया के दुरुपयोग का एक स्पष्ट मामला है।’ बता दें आज सुबह श्रीनगर के रैनावाड़ी इलाके में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा/द रेजिस्टेंस फ्रंट (एलईटी/टीआरएफ) के यह दो आतंकी मारे गए हैं।

अमेरिका की अपने नागरिकों को सलाह: जेके और भारत-पाक सीमा के पास यात्रा न करें

अमेरिका ने अपने नागरिकों से भारत की यात्रा करते समय ज्यादा सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए उन्हें जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर यात्रा नहीं करने की सलाह दी है।

अपने नागरिकों के लिए इस नई ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिका ने कहा है कि ‘इन दिनों अपराध और आतंकवाद के कारण भारत की मुश्किलें थोड़ी बढ़ी हैं’। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा – ‘छिटपुट हिंसा विशेष रूप से एलओसी पर और कश्मीर घाटी के पर्यटन स्थलों जैसे श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम में होती रहती है। भारत सरकार विदेशी पर्यटकों को एलओसी के कुछ क्षेत्रों में जाने से रोकती है।’

अमेरिका ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान सीमा के दोनों किनारों पर एक मजबूत सैन्य उपस्थिति है। इसे एक वजह बताते हुए अमेरिका ने अपनी नई ट्रैवल एडवाइजरी में अपने नागरिकों के लिए यह निर्देश जारी किए हैं।

याद रहे हाल में अमेरिका ने कोविड-19 को लेकर एक लेवल 1 ट्रैवल हेल्थ नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया है कि जो देश में कोविड-19 के न्यूनतम स्तर का संकेत देते हैं वहां  सकते हैं। अमेरिका को लग रहा है कि भारत में कोविड के मामले में हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि, उसने जम्मू-कश्मीर और भारत-पाक सीमा पर अपने नागरिकों को यात्रा न करने की सलाह दी है।

चीन को झटका, श्रीलंका और भारत के बीच तीन विंड फ़ार्म बनाने पर समझौता

भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर की कोलंबो यात्रा के बीच श्रीलंका से रिश्तों में और बेहतरी की तरफ एक बड़े कदम के रूप में भारत और श्रीलंका के बीच मंगलवार को तीन विंड फ़ार्म बनाने की 12 मिलियन डालर की एक परियोजना के समझौते पर दस्तखत हुए हैं।

भारत के लिए यह समझौता इस लिहाज से भी ख़ास है क्योंकि चीनी फर्म को इस परियोजना से दरकिनार किया गया है। चीन पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में जिस तरह प्रभाव बढ़ाने में लगा हुआ था, उसे देखते हुए यह भारत की बड़ी सफलता है।

इस समझौते के मुताबिक दक्षिण भारत और श्रीलंका के बीच तीन छोटे द्वीपों पर विंड टरबाइन बनाने के लिए 12 मिलियन डॉलर की परियोजना 2019 में चीनी फर्म को दी गई थी। परियोजना का खर्चा एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की जगह भारत करेगा।

एक साझे बयान में श्रीलंका के अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि भारत एडीबी के स्थान पर धन मुहैया कराने पर सहमत हो गया है। याद रहे कुछ दिन पहले ही श्रीलंका में चीनी राजदूत ने परियोजना बंद होने पर नाराजगी जताई थी और चेतावनी दी कि भविष्य में इसका ‘नकारात्मक सन्देश’ जाएगा।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की कोलंबो की यात्रा के बीच यह समझौता हुआ है। साझे बयान के मुताबिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत हुए हैं।

दवाओं के दाम बढ़ाये जाने का विरोध

सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्ष तो कोई मौका ही नहीं छोड़ते है। लेकिन आज देश में महंगाई के चलते हालात कुछ ऐसे होते जा रहे है कि आम जनमानस के साथ बाजार से जुड़े लोगों ने सरकार की नीतियों के विरोध आवाज बुलंद कर दी है।
गैस, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से विरोधी दल तो सड़कों पर ही है। साथ ही अब 1 अप्रैल से दवाओं के दाम बढ़ने से कुछ दवा व्यापारी सरकार की नीतियों के विरोध में हाथों में काली- पट्टी बांध कर विरोध जता सकते है। दवा व्यापारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि दवा की कीमतें तो वैसे ही बहुत बढ़ी हुई है। अगर अपैल से दवाओं के दाम में 10 प्रतिशत तक बढ़ाया गया तो गरीबों को दवाओं को खरीदना बहुत मुश्किल हो सकता है।क्योंकि कोरोना काल से अब तक गरीब और मध्यम वर्ग काम धंधा बहुत हल्का रहा है। ऐसे में सरकार को इस बारे में अपना फैसला बदलना होगा। अन्यथा गरीब को दवा ले पाना मुश्किल होगा।
दवा व्यापारियों का कहना है कि सरकार एक ओर तो अनेक औषधियों में डिस्काउंट दे रही है और जन औषधियों से सहित तमाम अनेकों नाम से दवा स्टोरों का खोल रही है। वहीं मेडिकल स्टोरों में मिल रही दवाओं के दाम बढ़ा रही है। इससे ड्रग-माफिया रातों-रात अरबों का लाभ ले जायेगा ।दवा व्यापारी दिलीप कुमार का कहना है कि देश में अगर कहीं कोई बड़ी कमाई है तो दवाई के कारोबार में है।
उन्होंने बताया कि जब से ये बात मीडिया में सामने आयी है कि दवाई के दामों में 10 प्रतिशत तक दाम बढ़ सकते है। तब से देश के कई बड़े दवा कारोबारियों ने दवाओं की जमाखोरी करना शुरू कर दी है।उन्होंने दवा व्यापारियों की ओर से सरकार को कुछ सुझाव दिये है। अगर दवा बाजार में 1 अप्रैल से बढ़े हुए दामों के साथ मरीजों को बेचते है। तो दवा के रैपर पर 1 अप्रैल 2022 की ही डेट हो अन्यथा पुरानी जमा की हुई दवाओं को नये दामों में बेचेगें। जो मरीजों के साथ अन्याय होगा।

आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील विचाराधीन, सुप्रीम कोर्ट को बताया यूपी सरकार ने

कुछ महीने पहले देश की राजनीति में तूफ़ान लाने वाले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दायर याचिका पर यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किये अपने जवाब में बताया है कि मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है। साथ ही सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया है कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध नहीं किया।

इस मामले पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ बुधवार को सुनवाई करेगी। आज सर्वोच्च अदालत में दायर अपने जवाब में यूपी सरकार ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में उसने आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी का पूरा विरोध किया था।

इसके अलावा सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा में एक गवाह पर हमला करने के आरोपों से भी इनकार किया है। सरकार ने अदालत को बताया कि होली त्यौहार पर रंग फेंकने को लेकर निजी विवाद को लेकर गवाह पर हमला हुआ था।

सरकार ने इन आरोपों को भी अदालत में दायरा जवाब में गलत बताया है कि हमलावरों ने गवाह को यह कहकर धमकी दी थी कि चुनाव में फिर भाजपा जीत गई है लिहाजा उसका ‘ध्यान’ रखेंगे। जवाब में कहा गया है कि चश्मदीदों (झगड़े के  दौरान) ने ऐसे किसी बयान से इनकार किया था। सरकार ने अदालत कि हिंसा के  पीड़ितों/गवाहों के परिजनों को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई गयी है।

बता दें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर अपने वाहन से चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल कर मारने का आरोप है। उनकी जमानत को अदालत में चुनौती दी गयी है। सर्वोच्च न्यायालय ने 16 मार्च को यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि क्यों न उनकी (आशीष) जमानत रद्द कर दी जाए।