बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी का एकजुटता और सहयोग पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आज के समय में क्षेत्रीय सुरक्षा अब बेहद अहम हो गयी है। बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) शिखर सम्मेलन में मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे की बिम्सटेक में भूमिका को सराहते हुए कहा कि उन्होंने पिछले दो साल में कुशल नेतृत्व दिया है।

बिम्सटेक की स्थापना के 25वें वर्ष के इस शिखर सम्मलेन में प्रधानमंत्री ने कहा – ‘हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति ज़रूरी है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअप्स के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। हमें व्यापार सुविधा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को अपनाने की भी कोशिश करनी चाहिए।’

मोदी ने कहा कि ‘आज जब हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमारे बीच एकजुटता और सहयोग समय की मांग है।’

क्षेत्रीय सुरक्षा को बहुत अहम बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो साल के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्षे ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है, जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के नतीजे बिम्सटेक के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे, क्योंकि यह इसका 25वां स्थापना वर्ष भी है।

मोदी ने कहा – ‘आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। मारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों के असर से प्रभावित हैं। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा।’

पीएम ने कहा कि बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि महासचिव इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोडमैप तैयार करें। मोदी ने कहा – ‘बिम्सटेक को अधिक  सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूंगा।’ सेंटर के काम दो दोबारा शुरू करने के लिए मोदी ने तीन  मिलियन डॉलर का योगदान देने की भी बात कही।