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उत्तर प्रदेश: आज शाम थम जायेगा सातवें चरण का चुनाव प्रचार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर का 7 वें चरण का चुनाव प्रचार आज शाम 5 बजे थम जायेगा। आखिरी दौर के 7 मार्च को होने वाले चुनाव में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नदर, वाराणसी, मिर्जापुर , चंदौली और सोनभद्र पुर जिले की विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। आखिरी दौर के चुनाव को लेकर जहां राजनीतिक दलों ने तूफानी दौरा तेज कर दिये है। वहीं सियासी शब्दों के वाणों से एक दूसरे दलों पर राजनीतिक आरोप-प्रत्योरोप लगाये जा रहे है।
बताते चलें 7 चरणों में विधानसभा सीटों जो हलचल  प्रदेश वासियों ने देखी है। उसको लेकर लोगों का कहना है कि चुनाव के पहले जो आशंका थी कि चुनाव के दौरान हिंसा और मारपीट जैसी घटनायें ज्यादा होगी। पर वो नहीं हो सकी है। क्योंकि इसके पीछें प्रदेश का कुशल प्रशासन रहा है। प्रदेश में शांति पूर्ण चुनाव कराने में प्रदेश के आला अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था चाँक चौबंद रखी है।
प्रदेश की राजनीति क् जानकार अमन सिंह परमार ने बताया कि देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की राजनीति की अहम् भूमिका है। क्योंकि सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा ती सीटें इसी प्रदेश में है। इसलिये केन्द्र की सरकार यानि दिल्ली का रास्ता उ्तर प्रदे्श से ही जाता है। इसलिये प्रदेश में  जब भी विधानसभा के चुनाव हुये है। तब ही पूरे् देश के नेताओं का आना-जाना  रहा है। इस बार के प्रदेश के चुनाव में सपा और भाजपा के बीच चुनाव को कांटे की टक्कर बताया गया हैा वहीं बसपा को कई विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण व निर्णायक भूमिका में बताया गया है।
अमन परमार का कहना है कि सियासत में संभावना बनी रहती है। जबतक परिणाम घोषित न हो जाये। सो अभी तो सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है। लेकिन इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता है कि किसी दल के सहयोग के बिना भी किसी दल की सरकार न बने।फिलहाल चुनाव का शोर -शराबा आज शाम से पूरे प्रदेश में थम जायेगा।

पेशावर में शिया मस्जिद में आत्मघाती हमले के बाद विस्फोट में 30 की मौत

पाकिस्तान के पेशावर इलाके में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद में हुए भयंकर विस्फोट में 30 लोगों की मौत गयी। इस विस्फोट में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमला एक आत्मघाती हमला हो सकता है।

यह विस्फोट तब हुआ जब जुमे की नमाज के दौरान किस्सा ख्वानी बाजार के रिसालदार इलाके में शिया मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक विस्फोट में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर है।

पेशावर में अधिकारियों के मुताबिक घटना में घायलों की संख्या बहुत अधिक है और 20 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर भेजी गयी हैं। बचाव कार्य बाद पैमाने पर जारी है। विस्फोट में घायल लोगों को लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती किया गया है।

विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और जिम्मेवार लोगों की तलाश की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमला एक आत्मघाती हमला हो सकता है। हमलावर ने गेट पर पुलिस गार्ड को गोली से भूनकर मार दिया।

लखीमपुर खीरी मामले के आरोपी आशीष को जमानत का विरोध, सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड मामले में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस मामले पर सुनवाई अब 11 मार्च को होगी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा वह इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित करे कि इस मामले को अब उसने (सुप्रीम कोर्ट) ने ले लिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की पीठ को प्रशांत भूषण ने बताया था कि मिश्रा को जमानत मिलने के बाद अन्य आरोपी भी हाईकोर्ट पहुंच रहे हैं लिहाजा इसे रोका जाना चाहिए।

याद रहे लखीमपुर खीरी मामले में पीड़ित किसान परिवार भी सर्वोच्च न्यायालय कोर्ट पहुंचे हैं. घटना के मुताबिक 4 किसानों और एक पत्रकार को कार से कुचल दिया गया था। याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई है.

सुनवाई के दौरान आज वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि परिवार के सदस्यों को सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि यूपी की सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने में नाकाम रही है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने जमानत देते समय मिश्रा के खिलाफ बड़े सबूतों पर विचार नहीं किया क्योंकि उसके खिलाफ चार्जशीट रिकॉर्ड में नहीं लाई गई.

याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट  ने अपराध की जघन्य प्रकृति, चार्जशीट में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत, पीड़ित और गवाहों के संदर्भ में आरोपी की स्थिति की संभावना पर विचार किए बिना जमानत दी थी. आरोपी न्याय से भाग रहा है और अपराध को दोहरा रहा है. साथ ही उसके न्याय के रास्ते में बाधा डालने की संभावना है.

लास्ट राउंड के चुनाव को लेकर जोर आजमाइस

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर का मतदान अब 7 मार्च को होना शेष बचा है। प्रदेश के पिछलें छह चरणों में हुये चुनाव से सियासतदांन चाहे जो भी आंकलन निकालें । लेकिन 10 मार्च के चुनाव परिणाम से ही सही पता चलेंगा कि कौन सा दल सरकार बना है और कौन सा दल सरकार बनाने से रह गया है।
बताते चलें इस बार चुनाव को सपा और भाजपा के बीच दिखाया गया है। लेकिन कई जिलों में और विधानसभा सीटों पर चुनाव में बसपा का हाथी भी दौड़ा है। प्रदेश की राजनाीति के जानकार प्रमोद गर्ग का कहना है कि 7 मार्च को होने वाले चुनाव में वनारस जिले की सीट पर चुनाव है। जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा सीट है। इस लिहाज से इस सीट पर देश के नेताओं की पैनी नजर है। वही विरोधी राजनीतिक दलों ने वनारस सीट पर ज्यादा ही मेहनत की है। ताकि वनारस से भाजपा को हराया जा सकें।
वहीं भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ -साथ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने घर -घर जाकर एक -एक वोट को सांधने का प्रयास किया  है।यहां के  लोगों का कहना है कि वनारस में काम और विकास भी हुये है। गंगा घाट को सजाया और संभारा गया है वहीं बहुत से ऐसे काम हुये है। जिससे जनता प्रसन्न है।
जानकारों का कहना है कि सपा ने इस बार चुनाव में भाजपा की ही तर्ज पर यहां पर राजनीति की है। जैसे पूरे चुनाव प्रचार में हिन्दु मतदाता को रिझाने का काम किया है। जिससे भाजपा के वोट बैंक पर आसानी से सेंध लगायी गई है।प्रमोद गर्ग का कहना है कि राजनीति दलों का मानना है कि लास्ट राऊण्ड के चुनाव मेंं जात हासिल करने के लिये जोर-आजमाइस जमकर हो रही है। इसलिये सारे जातीय और धार्मिक समीकरण को सांधा जा रहा है। ताकि कोई कोर -कसर चुनाव में न रह जाये।

यूक्रेन में अब एक भारतीय छात्र को गोली लगी, अस्पताल में भर्ती किया गया

युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव में अब एक छात्र को गोली मारने की बात सामने आई है। इससे पहले वहां दो छात्रों की मौत हो गयी थी जिनमें एक की दिल का दौरा पड़ने से हुई बताई गयी थी। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के मुताबिक खौफ के चलते छात्र कीव से भागने की कोशिश कर रहा था तभी गोलीबारी में घायल हो गया। इस बीच रूस ने यूक्रेन के सबसे प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गोली में घायल छात्र को शहर में वापस लाया गया है। फिलहाल उसका औरअस्पताल में भर्ती कराया गया है। याद रहे सिंह देश के उन मंत्रियों में  शामिल हैं जो युद्धग्रस्त यूक्रेन में विशेष दूत के रूप में भारतीयों की मदद का जिम्मा देख रहे हैं।

फिलहाल रूस-यूक्रेन में युद्ध जारी है। रूस ने यूक्रेन के सबसे प्रमुख परमाणु ऊर्जा चेरनिबेल पर हमला कर दिया है। हमले के बाद संयंत्र में आग लग गई है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला बंद करने का आह्वान किया है। रूस ने खारकीव के अधिकतर हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया है।

उधर फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमेनुअल मैकरॉन ने रूसी समकक्ष व्‍लादिमीर पुतिन से बात की है। फ्रांस के राष्‍ट्रपति के एक सहयोगी के मुताबिक पुतिन ने पूरे देश (यूक्रेन) पर कब्ज़ा करने का इरादा जताया है।

मुझ पर भाजपाइयों का हमला इस बात का संकेत कि यूपी में भाजपा हार रही है : ममता

मुदित माथुर
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी गठबंधन की एक चुनाव रैली में गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल पार्टी की नेता ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का वाराणसी में गंगा आरती में शामिल होने के लिए दशाश्वमेध घाट जाते हुए उनपर हमला यह दर्शाता है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा उत्तर प्रदेश चुनाव में सत्ता खो रही है। बनर्जी ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को अपना समर्थन देने के लिए आयोजित रैली में कही।वरिष्ठ नेता ने इस मौके पर जनता से ‘योगी-राज’ हटाने की अपील की और उसे उन्होंने धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित करने वाला ‘गुंडा-राज’ बताया। भगवा कार्यकर्ताओं की तरफ से बुधवार को ‘ममता वापस जाओ’ के नारे लगाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा – ‘मैंने काले झंडे दिखाने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं को  कार से नीचे उतरकर  चुनौती दी कि वह इस तरह के कायरतापूर्ण कृत्यों से नहीं डरती हैं।’

बनर्जी ने उत्साह में भरे गठबंधन कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि वे एक लड़ाकू हैं और ऐसी चीजों से नहीं डरतीं। उन्होंने कहा – ‘बंगाल में माकपा के कार्यकर्ताओं ने मुझे कई बार पीटा। मुझ पर गोलियां और डंडों से हमला किया, लेकिन मैं कभी नहीं झुकी।’

भाजपा पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने सवाल किया कि वह वाराणसी, मथुरा, आजमगढ़, लखीमपुर या इलाहाबाद क्यों नहीं जा सकतीं? उन्होंने कहा – ‘आप सभी पश्चिम बंगाल में गंगा सागर आते हैं, वहां अपने लोगों से पूछें कि उन सभी के साथ कितना अच्छा व्यवहार किया जाता है।’

बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वायड के नाम पर लड़के-लड़कियों का अपमान करती है। ये भाजपा वाले कहां थे जब लोग कोविड के दौरान पैदल चलकर अपने घर जा रहे थे? ममता ने कहा – ‘हमने यूपी से गंगा सागर में तैरते शवों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया। भाजपा अपने चुनावी अभियानों में मंदिर मुद्दे और हिंदू-मुस्लिम बहस को भड़काती है।’

तृणमूल नेता ने कहा, ‘मुझे जय सिया राम बोलने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन आप (भाजपा) सीता माता के नाम का सम्मान क्यों नहीं करते? इसके बजाय, वे जय श्री राम कहते हैं जबकि यह ‘जय सिया राम’ है। बनर्जी ने मंच से दुर्गा स्तुति के कुछ भजन के अंश भी इस मौके पर सुनाये।

टीएमसी सुप्रीमो ने नोटबंदी को लेकर भाजपा सरकार पर भी हमला बोला और कहा –  ‘इन लोगों ने अच्छे दिन के नाम पर नोटबंदी की और अब वे अच्छे दिन के नाम पर खेती, रेलवे, हवाई अड्डे, बैंक और यहां तक कि जीवन बीमा भी बेच रहे हैं। उन्होंने आपके बैंक खातों में 15 लाख रुपये का वादा भी किया, क्या वे आए? बेरोजगारी बढ़ रही है, लड़के-लड़कियां नौकरी की तलाश में राज्य से बाहर जा रहे हैं।’

पश्चिम बंगाल की सीएम ने लोगों से सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को वोट देने की अपील की और वादा किया कि वह राज्य के अगले सीएम के रूप में अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी।

इस बीच समाजवादी गठबंधन ने आज वाराणसी में अपने सहयोगियों राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, महान दल के केशव देव मौर्य, अपना दल (कमेरावादी) के कृष्णा पटेल, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के शिवपाल यादव के ताकत दिखाते हुए मेगा शो किया। जनवादी पार्टी (समाजवादी) के संजय चौहान और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पीएम मोदी आज क्वैड नेताओं की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे, पुतिन से की बात  

यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक दोनों नेताओं ने यूक्रेन के हालात पर चर्चा की। इनमें खासकर खारकीव को लेकर चर्चा हुई जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। मोदी ने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर चर्चा की। इस बीच पीएम मोदी क्वैड नेताओं की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे। ये बैठक आज ही होगी।

रूस लगातार अपना सैन्य अभियान सघन करता जा रहा है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का अभियान जारी है। अभी तक जो जानकारियां छात्रों के जरिये भारत पहुँची हैं उनसे जाहिर होता है कि छात्र वहां बहुत गंभीर संकट झेल रहे हैं।

पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और उनसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में बताया गया है कि पीएम ने पुतिन से फोन पर बात की।

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर भारत में गहरी चिंता पसरी हुई है। खारकीव में रूसी सेना व्यापक स्तर पर गोलीबारी कर रही है और वहां यूक्रेन की सेना पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई कर रही है। इससे पहले 25 फरवरी को पीएम ने पुतिन से बातचीत में शांति बनाये रखने पर जोर दिया था।

इस बीच पीएम मोदी क्वैड नेताओं की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे। ये बैठक आज ही होगी। मोदी के अलावा इसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भाग लेंगे।

युद्ध किसी के लिये अवसर, तो किसी के लिये मुसीबत

यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध के बीच भारत देश में व्यापारियों के बीच शंका और आशंका का अजब सा माहौल देखने को मिल रहा है। कोई व्यापारी कहता है कि युद्ध लंबा चला तो देश में महगांई के सारे रिकार्ड टूट जायेगे। वहीं एक व्यापारी ग्रुप तमाम संभावनाओं को देखते हुये काला बाजारी करने की फिराक में है।
बताते चलें युद्ध के दौरान स्वाभाविक तौर पर कुछ वस्तुओं में महगांई होती है। लेकिन सोशल मीडिया के युग में जिस अंदाज में ये बताया जा रहा है कि पांच राज्यों में चुनाव होने के बाद ही 20 से 25 रूपये डीजल-पेट्रोल के दाम और घरेलू गैस के दाम बढ़ेगे। इससे जरूर एक बडा व्यापारी वर्ग अभी से जमाखोरी करने को बढ़ावा दे रहा है। ताकि विपत्ति के दौर में ज्यादा पैसा कमा सकें।
दिल्ली के व्यापारियों ने तहलका को बताया कि अभी से खाद्य सामानों की जमाखोरी होने लगी है। साथ ही खाने के तेल का स्टॉक अचानक कम होने लगा है। इस मामले सरकार को बाजार में जाकर पता लगाना चाहिये। क्योंकि इसके पीछे कुछ सियासतदाँनों का व्यापारी वर्ग से बड़ा गठजोड़ है। जो सोशल मीडिया के जरिया महगांई का माहौल बना रहा है। जबकि अभी देश में कुछ भी ऐसा असर युद्ध का असर नहीं दिख रहा है।
महगांई का माहौल बनाने के पीछे का मुख्य मकसद ये है कि गरीब और मध्यम वर्ग पहले से ही महगांई को झेलने को तैयार रहे। सूत्रों की माने तो देश के बडे व्यापारियों के माध्यम से नहीं बल्कि इस बार मझोले व्यापारियों के माध्यम से महगांई का बम्ब फोडा जायेगा। फिर स्वयं ही बड़े व्यापारियों के हाथ में कारोबार होगा। दिल्ली के बड़े व्यापारियों ने भारत सरकार से अपील की है कि युद्ध को लेकर जो भारत में माहौल खासकर महगांई को लेकर बनाया जा रहा है। वो ठीक नहीं है। इस पर नजर रखने की जरूरत है। ताकि अफरा-तफरी का माहौल न बन सकें।

मतपेटियों में बंद होगा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह के भाग्य का फैसला

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के 7 चरण मे होने वाले चुनाव के आज छठे चरण में मतदान हो रहा है। आखिरकार शनैः शनैः छठे चरण तक आ गया है। छठे दौर के चुनाव में बड़े-बड़े नेताओं के भाग्य का फैसला आज मतपेटियों में बंद हो जायेगा। सातवें चरण के लिए मतदान दस जिलों की 57 सीटों पर होने जा रहा है।
सातवें चरण के मतदान में मुख्य तौर पर दो सीटों पर दो बड़े नेताओं की सांख दांव पर लगी है। एक गोरखपुर विधानसभा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तो दूसरी कुशीनगर जिले की तमकुहीराज विधानसभा सीट से लगातार कांग्रेस के दो बार प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह (लल्लू)  की। चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता हैै चुनाव जीतने के लिये समीकरण सांधे जाते है। लेकिन इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण नेताओं की छवि होती है। 
बतातें चले, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे है। लेकिन वर्ष 2022 मेंं उनका पहला विधानसभा का चुनाव है। चुनाव भी पूरे प्रदेश में उन्ही की अगुवाई में लड़ा जा रहा है। गोरखपुरसीट में भाजपा का दबादबा रहा है। क्योंकि इस सीट पर गोरक्षपीठ का गहरा प्रभाव है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह के चुनाव में कडा मुकाबला की वजह ये है क्योंकि उनकी सीट पर सपा और बसपा पूरी दावेंदारी के साथ चुनाव लड़ रही है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार प्रमोद गर्ग का कहना है कि चुनाव छठे दौर के मतदान के बाद अब 7वें दौर का मतदान ही लास्ट बचा है। सो ज्यादात्तर नेताओं का जमावड़ा अब यहां पर देखने को मिला है। जिसमें सबसे ज्यादा भाजपा और सपा के नेताओं की जनसभायें भी हुई है। प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति काफी पतली चुनाव के पहले से मानी जाती रही है।
लेकिन अजय सिंह की छवि ठीक है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी है। उनको भाजपा को छोड़ अन्य दलों से ये उम्मीद थी कि वे कुछ सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ मजबत उम्मीदवार नहीं उतारेगें। पर ऐसा होना सका क्योंकि ये मौजूदा दौर की राजनीति है। प्रमोद गर्ग का कहना है कि जैसे -जैसे चुनाव आखिरी दौर में आता जा रहा है। वैसे -वैसे जातीय-धार्मिक समीकरण के साथ ध्रुवीकरण की राजनीति पर जोर दिया जा रहा है।

देश मेंं मेडिकल कॉलेजों की संख्या को बढ़ाया जाना जरूरी है

अगर आज देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की पर्याप्त संख्या होती तो हमारे देश की युवा पीढ़ि उच्च शिक्षा के लिये रूस और यूक्रेन सहित अन्य देशों में डिग्री लेने नहीं जाती । देश को आजाद हुये 75 साल से ज्यादा हो गये है। तब से सरकारी मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बहुत ही कम बढ़ाई गयी है। जबकि प्राइवेट कॉलेजो की संख्या में जमकर इजाफा हुआ है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ अनिल बंसल का कहना है कि जब वे 1978 में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। तब देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग एक सौ के करीब थी। तब से अब तक देश में बहुत ही कम मेडिकल कॉलेजों को खोला गया है। लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी आज काफी बढ़ोत्तरी हुई है। उनका कहना है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज वालों की फीस काफी अधिक होने से मध्यम और गरीब वर्ग का छात्र अपने ही देश में फीस देने में अक्षम होता है।
ऐसे में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र मजबूरी में विदेशों में जाकर पढ़ाई करते है।सरकार को चाहिये की समय रहते अपने ही देश में मेडिकल काँलेजों की संख्या बढ़ाये ताकि, अपने देश के छात्र अपने ही देश में पढ़ सकें और अपने देश की इकाँनामि अपने देश में रहे । डॉ बंसल का कहना है कि सरकार कहती है कि सरकार मेडिकल खोलने के लिये पर्याप्त बजट नहीं है। जबकि सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। डॉ बंसल का कहना है कि भारत जैसे बढ़ी संख्या वाले देश में डाँक्टरों की बढ़ी कमी है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक हजार की संख्या पर एक डॉक्टर होना चाहिये। लेकिन यहां पर नहीं है। यहां पर 15 हजार से अधिक संख्या पर एक डॉक्टर है।
डॉ बंसल ने बताया कि देश में जिस अनुपात में जनसंख्या बढ़ रही है उस अनुपात में डाक्टरों की जनसंख्या न के बराबर बढ़ रही है। वजह साफ है कि मेडिकल काँलेजों की कमी का होना। उनका कहना है कि अगर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को खोलना है तो फीस कम से कम ऐसी होनी चाहिये ताकि मध्यम और गरीब वर्ग का पढने वाला छात्र आसानी से एडमिशन लें सकें।