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बुन्देलखंड में भाजपा और सपा के बीच रस्साकशी जारी रूझान में

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुन्देलखंड की 19 विधानसभा वाली सीटों में सुबह 10 बजे तक के रूझानों में सपा और भाजपा के बीच काफी कांटे की टक्कर रही है। भाजपा को बुन्देलखंड में 2017 में 19 में 19 सीटो पर जीत मिली थी।
इस बार 2022 के चुनाव के पहले भी भाजपा को लगने लगा था कि चुनाव में 2017 वाला दबदबा नहीं रहेगा। फिलहाल जो भी रूझान भाजपा के पक्ष में आ रहे है।उससे भाजपा काफी खुश है।भाजपा के नेताओं ने तहलका को बताया कि जिस प्रकार विरोधी दल भाजपा की हार को लेकर जो बातें कर रहे थे। वे सारी बातें व्यर्थ गयी है।
सपा का मानना है जब तक पूरी तरह से चुनाव परिणाम घोषित नहीं हो जाते है। तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है। खैर चुनाव में जो भी परिणाम बुन्देलखंड में सामने आये । पर पूरे प्रदेश मेंं भाजपा की ही सरकार बन रही है। इससे भाजपा गदगद है।जहां तक बसपा और कांग्रेस का सवाल है। सो इन दोनों के नेताओं और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का पहले ही पता चल गया था। कि चुनाव में उनका बुन्देलखंड में कोई जनाधार नहीं दिख रहा है।लेकिन बसपा और कांग्रेस  ने यहां चुनाव अपने अस्तित्व बनाये रखने के लिये ही लड़ा था। 
सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि प्रदेश में बुन्देलखंड राज्य को लेकर जरूर भाजपा के विरोध में जो माहौल बना था। लेकिन वो सारा का सारा माहौल धरा का धरा ही रह गया है। लोगों ने दोबारा भाजपा के पक्ष में अपना मतदान कर बता दिया है कि प्रदेश में योगी बाबा की सरकार बनेगी। सुबह  से ही बुन्देलखंड के नेताओं के बीच सरकार बनाने के लेकर हलचल तेज हो गयी थी। बुन्देलखंड में चुनाव परिणामों के बीच रूझान आ रहे थे। तब सपा और भाजपा के बीच काफी तीखीं झड़पें हुई है। और ईवीएम मशीनों  पर हेरा-फेरी के आरोप लगाये गये। 

सुप्रीम कोर्ट से राजीव गांधी हत्या के दोषी पेरारीवलन को जमानत

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में  दोषी पेरारीवलन को जमानत दे दी। सर्वोच्च अदालत ने साथ ही तमिलनाडु सरकार की सितंबर 2018 की रिहाई की सिफारिश पर फैसला न लेने को लेकर राज्यपाल पर सवाल उठाया है।

पेरारीवलन पिछले 32 साल से जेल में है। आज सुनवाई के दौरान रिहाई की सिफारिश पर सवाल उठाते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि क्या इस संबंध में राज्य के राज्यपाल का कोई विवेक है? राज्यपाल की तरफ से 2 साल 5 महीने बाद राष्ट्रपति को राज्य सरकार की सिफारिश भेजने की भी सर्वोच्च अदालत ने आलोचना की।

याद रहे पेरारीवलन को टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।  बाद में उसकी दया याचिका की सुनवाई में हुई देरी के चलते उसकी मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया था। तमिलनाडु सरकार ने पेरारीवलन की उम्र कैद को भी खत्म कर रिहा करने के लिए प्रस्ताव पास किया था।

फिलहाल यह मामला राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित है। अब सर्वोच्च अदालत  ने पेरारीवलन को जमानत दे दी है। इसका आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि जेल में रहते हुए उसके आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमात दी जा रही है।

आज शाम 5 बजे होगी निकाय चुनाव कार्यक्रम की घोषणा

आज शाम 5 बजे राज्य चुनाव आयोग (एसईसी)  दिल्ली में तीन नगर निगमों (272 वार्ड) के चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। घोषणा में नामांकन की तारीख, उनकी जांच, उम्मीदवारी वापस लेने, मतदान की तारीख समेत मतगणना की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

मंगलवार को चुनाव के लिए समीक्षा बैठक करने वाले एसईसी अधिकारियों ने कहा कि, मतदाता सूची में संशोधन और मतदान केंद्रों की पहचान जैसी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। साथ ही मतदान 23 अप्रैल से पहले होने की संभावना है।

आपको बता दें, चुनाव की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस महीनों पहले से ही लगी है। वर्ष 2017 में भाजपा ने 272 वार्डों मे से 181 जीतकर तीनों निगमों पर अपनी सत्ता वापसी की थी। इसी के साथ आप पार्टी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी। पिछले 15 साल से नगर निकाय चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा है।

वर्ष 2020 में लगातार दूसरी बार दिल्ली में सरकार बनाने वाली आप पार्टी भाजपा को निकाय चुनावों में हराने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। हालांकि भाजपा, आप और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), बिहार की सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) पार्टियां दिल्ली के नगरपालिका चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारती है।

फिलहाल देश में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की हवा चल रही है। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च (यानी कल) को घोषित होने है। इसके बाद नगर निगम के चुनाव होंगे।

दो साल बाद, 27 मार्च से फिर से शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन सेवाएं

कोविड-19 के चलते दो साल से बंद अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन 27 मार्च से फिर से शुरू होगा। सरकार का यह फैसला कोरोना महामारी के मामलों में गिरावट के चलते मंगलवार को लिया गया है। जिसमें अंदर व बाहर सभी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं को शुरू किया जाएगा।

भारत ने 23 मार्च 2020 को निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने का फैसला किया था। हालांकि जुलाई 2020 से 37 देशों के साथ एक तथाकथित एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत के साथ 37 देशों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित रही।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, “हितधारकों के साथ विचार-विमर्श और कोविड-19 केस लोड में गिरावट को ध्यान में रखते हुए, हमने 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया है। और इस कदम के साथ मुझे विश्वास है कि यह क्षेत्र नयी ऊंचाइयों को छुएगा।“

हालांकि, मंत्रालय के एक बयान ने निर्णय को और स्पष्ट करते हुए कहा कि, “दुनिया भर में बढ़े टीकाकरण कवरेज पर आधारित है।“

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार घटती ओमाइक्रोन लहर के परिणामस्वरूप घरेलू हवाई यात्री यातायात में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो कि जनवरी 2022 में 6.4 मिलियन थी वह अब फरवरी 2022 में बढ़कर लगभग 7.6 मिलियन रही।

आपको बता दें, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बुधवार के डाटा के अनुसार भारत में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 179.33 करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले 24 घंटों में 18.69 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। इसी के साथ रिकवरी रेट 98.69 प्रतिशत है। बीते 24 घंटों में नए मामलों की संख्या 4,575 है।

किसान आंदोलन फिर हो सकता है शुरू

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित होने के बाद देश में तमाम मुद्दों पर हलचल तेज हो सकती है। जिसमें से एक है किसान आंदोलन है। किसानों का कहना है कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है।

किसान नेता व एडवोकेट चौ. बीरेन्द्र सिंह ने तहलका को बताया कि केन्द्र सरकार ने किसानों के साथ सिर्फ डिजिटल समझौता किया है। लिखित में नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान नेता राकेश टिकैत कई बार किसानों को सम्बोधित कर ये बता चुके है। अगर सरकार ने किसानों से लिखित में हमारी मांगों को नहीं माना तो, किसान आंदोलन के लिये तैयार रहे। जिसके लिये किसानों की एक कमेटी गठित की जायेगी। जो आगे की रणनीति तय करेगी।

चौ. बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि वे किसान नेता के साथ वकील भी है। और किसानों के अधिकारों के लिये लंबे समय से संघर्ष कर रहे है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिये कमेटी गठन करने समेत किसी आश्वासन का पालन नहीं किया है। जिससे देश भर का किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। इसलिये अब की बार किसान जो आंदोलन करेगा। वह बड़ा होगा।

उन्होंने आगे बताया कि 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार को यह पता चल जायेगा कि उसके साथ जनता है कि नहीं है। क्योंकि सरकार ने सत्ता के नशे में किसानों के साथ दमनकारी नीतियों का पालन किया है। सैकड़ो किसान मारे गये है। मारे गये किसानों के साथ कोई न्याय नहीं हो रहा है। इन्ही तामाम मुद्दों पर किसान आंदोलन फिर से शुरू कर सकता है।

भारत ने नियमित अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानें 27 मार्च शुरू करने का ऐलान किया

भारत में 23 मार्च, 2020 से बंद नियमित अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानें 27 मार्च से फिर शुरू हो जाएंगी। इसका फैसला मंगलवार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने किया है। हालांकि, इस दौरान एयर बबल के तहत उड़ानें चलती रही थीं।

अब दो साल तक निलंबित रहने के बाद नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 27 मार्च से फिर से शुरू होंगी और इस दौरान विदेशी आगमन और प्रस्थान के लिए भारतीय हवाई अड्डों पर प्रभावी सभी अधिकारी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक होगा। सरकार ने आज कहा – ‘दुनिया में बढ़े हुए टीकाकरण कवरेज को मान्यता देने के बाद और संबंधित हितकारकों से चर्चा के बाद यह निर्णय किया गया
है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत के लिए/भारत से शेड्यूल कॉमर्शियल इंटरनेशनल यात्री उड़ानों का निलंबन, इस प्रकार, 26.03.2022 को केवल 2359 बजे भारतीय समय तक बढ़ाया गया है और इस प्रकार एयर बबल व्यवस्था को केवल इस सीमा तक बढ़ाया जाएगा।

शिवसेना पदाधिकारी के घर आयकर विभाग की छापेमारी: महाराष्ट्र

शिवसेना के पदाधिकारी व शिरडी ट्रस्ट के सदस्य राहुल कनाल के घर आयकर विभाग ने मंगलवार को छापेमारी की है। राहुल कनाल महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे के करीबी भी माने जाते है।

इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी को लेकर आदित्य ठाकरे ने कहा है कि, “महाराष्ट्र पर इस प्रकार के हमले पहले भी कर्इ बार हुए है। इस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का पहले बंगाल, आंध्र प्रदेश और अब चुनाव से पहले महाराष्ट्र में भी दुरुपयोग किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियां भाजपा की ही प्रचार की मशीनरी हो गर्इ है लेकिन, हम झुकेंगे नहीं, महाराष्ट्र झुकेगा नहीं।“

आयकर विभाग की कार्यवाही से भड़के शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, “केंद्रीय एजेंसियां पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र में केवल कुछ चुनिंदा लोगों को क्यों निशाना बना रही है? क्या उन्हें किसी दूसरे राज्य से कोर्इ नहीं मिलता? यह केवल एमवीए सरकार पर दबाव बनाने व अस्थिर करने की एक रणनीति है।“

आपको बता दें, पिछले महीने आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में महाराष्ट्र में शिवसेना के पार्षद यशवंत जाधव के परिसरों पर छापेमारी की थी। जाधव ग्रेटर मुंबई नगर निगम के खर्च के एक बड़े हिस्से का लेखा-जोखा रखने वाली समिति के प्रमुख है।

हालांकि शिवसेना और राकांपा ने आरोप लगाया है कि उनके नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है जिससे की महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर किया जा सके। परंतु केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है।

नतीजों से पहले सत्ता की चिंता शुरू, भाजपा और कांग्रेस अभी से कवायद में जुटे  

पांच राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव नतीजे आने से दो दिन पहले ही देश की दो मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेशों में सत्ता अपने हाथ से बाहर नहीं जाने देने के लिए कवायद शुरू कर दी है। खासकर चार राज्यों गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में दोनों दल क्षेत्रीय दलों के नेताओं से बातचीत शुरू कर चुके हैं ताकि सत्ता पाने के लिए सीटों में कुछ कमी रहने की सूरत में जुगाड़ किया जा सके।

गोवा के भाजपा नेता प्रमोद सावंत आज दिल्ली में पीएम मोदी से मिले हैं जबकि कांग्रेस ने सभी चुनाव राज्यों के लिए आज प्रभारी घोषित किये हैं जो सरकार बनने के लिए सीटें कम पड़ने की स्थिति में मोर्चा संभालेंगे। पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह भी आज दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक भाजपा मान रही है कि गोवा, मणिपुर और पंजाब में हो सकता है त्रिशंकु विधानसभाएं आएं। उधर कांग्रेस गोवा और उत्तराखंड को लेकर काफी उम्मीद है और गोवा में अपनी सरकार की संभावना मान रही है जबकि पंजाब में उसे अपने सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के पक्के आसार लग रहे हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा सत्ता में लौटने का दवा कर रही है लेकिन  इसके कुछ नेता आशंकाओं से घिरे हैं। लिहाजा वहां समाजवादी पार्टी कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों से संपर्क साध रही है। समाजवादी पार्टी को पक्का भरोसा है कि उनका गठबंधन सत्ता में आ रहा है।

एग्जिट पोल के बाद स्थिति उलझी है क्योंकि कुछ राज्यों के नतीजों को लेकर भ्रम  बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में एग्जिट पोल भाजपा को पूर्ण बहुमत दिखा रहे हैं। लेकिन नतीजों में होगा क्या यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। गोवा में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की संभावना एग्जिट पोल दिखा रहे हैं, हालांकि, कांग्रेस वहां जीत की उम्मीद कर रही है।

इस बीच गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने आज दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मिले हैं और उन्हें गोवा में भाजपा की सत्ता बनाए रखने की पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा की। सावंत अब गोवा के पार्टी प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मिलने वाले हैं। पार्टी की महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ बातचीत चलने की चर्चा है। भाजपा और कांग्रेस जीत सकने वाले निर्दलीयों से भी सम्पर्क में हैं।

उत्तराखंड में नतीजों को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों के अपने-अपने दावे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की उम्मीद जताई है। जबकि भाजपा खेमे से ऐसे ही दावे किये जा रहे हैं। यह माना जाता है कि उत्तराखंड में बदलाव की हवा थी, हालांकि, भाजपा ने सीएम धामी के चेहरे के कारण कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है।

पंजाब में 32 फीसदी दलित मतों के आधार पर कांग्रेस चन्नी को समर्थन मिलने की उम्मीद कर रही है और उसे पक्का भरोसा है कि वह सबसे बड़ा दल होगी या बहुमत की सरकार बनाएगी। वहां आप भी काफी मजबूती से लड़ी है और अकाली दल ने शुरुआती तौर पर पिछड़ने के बाद अपनी स्थिति थोड़ी बेहतर की है। भाजपा पंजाब में शायद 5 का आंकड़ा भी न छू पाए। वहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर है। कुछ एग्जिट पोल ने पंजाब में आप की सरकार  बनती हुई दिखाई गयी है, हालांकि, नतीजों से पता चलेगा कि केजरीवाल की मेहनत कितनी रंग लाई।

मणिपुर में भाजपा को जीत की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस से इस बार उसे कड़ी टक्कर मिली है। वहां सुरक्षा बालों को विशेष अधिकार वाले क़ानून (आफ्सपा) को लेकर लोगों में काफी नारजगी है, जिसका भाजपा को नुक्सान हो सकता है। कांग्रेस को भी उम्मीद है कि वह सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है।

फिलहाल इन पांच में से चार राज्यों में भाजपा की सरकार है और यदि वह कुछ राज्य खोती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उसकजे राह कठिन बनेगी। कांग्रेस हाल के खराब प्रदर्शनों के बाद जीत के इन्तजार में है और अब 2-3 राज्य जीतकर वह वापसी करना चाहती है।

अपने सियासी गुणा-भाग में लगें है सभी छोटे दल

उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव 7 चरणों मेें शांतिपूर्ण संपन्न हो गये है। चुनाव परिणाम 10 मार्च को आने है। चुनाव परिणाम आने के पूर्व जो तामाम सर्वे बता रहे है। कि फलां-फलां पार्टी की सरकार बनेगी और फलां-फलां पार्टी की सरकार नहीं बनेगी। इन्ही सर्वे को लेकर पार्टियों के प्रवक्ताओं के अपने-अपने दावें है।
लेकिन इस बीच एक बात जो सामने निकलकर आ रही है। कि जो छोटे दल है वे अभी से इसी सियासी गुणा-भाग में लग गये है। कि किसी पार्टी को उनके बहुमत की दरकार पड़ सकती है। उसी लिहाज से छोटे दल के नेता अभी चुप्पी साधें हुये है। या फिर कुछ बोल रहे है। उससे ये नहीं लगता है। कि वे चुनाव परिणाम आने के बाद किस के साथ जा सकते है।
उत्तर प्रदेश के इस बार के चुनाव में कुछ ऐसा माहौल देखने को मिला है कि एक दल को एक तरफा चुनाव में जीत हासिल नहीं दिख रही है। यानि की चुनाव के पूर्व ही सपा और भाजपा के बीच कांटे का संघर्ष दिखा है। सात चरणों में हुये चुनाव में अलग-अलग चरण का अपना रूझान देखने को मिला है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और रालोद गठबंधन का बढ़त रही है। जबकि बुन्देलखंड में भाजपा को बढ़त बतायी जा रही है। पूर्वोचंल में सपा और भाजपा के बीच वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर चुनाव फंसा नजर आ रहा है। पूर्वाचंल की राजनीति के जानकार सुकेश कुमार का कहना है कि चुनाव पूर्व तो अनुमान ही लगया जा सकता है कि कौन सी पार्टी सरकार बनाएंगी और कौन सी नहीं।
लेकिन इतना जरूर है कि चुनाव एक तरफा नहीं हुआ है। भाजपा और सपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों ने भी अच्छा खासा चुनाव लड़ा है। सुकेश कुमार का कहना है कि पहले इस बात का माहौल बनाया जा रहा था। कि सपा और भाजपा के बीच ही मुकाबला है। लेकिन दूसरे चरण के बाद छोटे दलों को मैसेज गया है कि अगर वे चुनाव में जीत हासिल करते है। तो किसी भी दल को बहुमत कम मिलने पर वे निर्णायक भूमिका निभा सकते है। सो छोटे दलों ने पूरे दम खम के साथ चुनाव लडा है। अब वे उसी उम्मीद के साथ चुनाव परिणाम की आस में है जैसे ही किसी दल को  बहुमत से कम सीटें मिलती है। तो वेे अपने समर्थन दें सकते है।

पीएम मोदी ने पुतिन, जेलेंस्की को किया फोन, भारतीयों की वापसी पर चर्चा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से वर्तमान हालात और यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर बात की। यह बातचीत करीब 50 मिनट तक चली।

रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों नेताओं ने यूक्रेन को लेकर चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन और रूस के दलों के बीच हो रही बातचीत का भी ब्यौरा दिया। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से अपील की कि मौजूदा समय में दोनों देशों के दलों के बीच हो रहे वार्तालाप के अलावा वो यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ सीधी बातचीत करें।

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में सुमी जैसे इलाकों में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए रूस की तरफ से किए गए युद्धविराम की प्रशंसा की। हालांकि, ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन ने ऐसा करने से मना कर दिया है और अपने लोगों को वहीं बने रहने की अपील की है।

आज की बातचीत में मोदी ने पुतिन से भारतीय नागरिकों की सुमी से जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी की ज़रुरत जताई। पुतिन ने मोदी को भरोसा दिलाया कि भारतीयों की यूक्रेन से सुरक्षित वापसी के लिए उनका देश हर संभव सहयोग करेगा।

मोदी ने सुबह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी फोन पर बात की थी। यह बातचीत 35 मिनट तक चली जिसमें दोनों नेताओं ने यूक्रेन स्थिति पर चर्चा की। मोदी पहले ही रूस और यूक्रेन के बीच सीधी बातचीत की प्रशंसा कर चुके हैं। मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन सरकार की सहायता के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का आभार जताया।