नतीजों से पहले सत्ता की चिंता शुरू, भाजपा और कांग्रेस अभी से कवायद में जुटे  

पांच राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव नतीजे आने से दो दिन पहले ही देश की दो मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेशों में सत्ता अपने हाथ से बाहर नहीं जाने देने के लिए कवायद शुरू कर दी है। खासकर चार राज्यों गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में दोनों दल क्षेत्रीय दलों के नेताओं से बातचीत शुरू कर चुके हैं ताकि सत्ता पाने के लिए सीटों में कुछ कमी रहने की सूरत में जुगाड़ किया जा सके।

गोवा के भाजपा नेता प्रमोद सावंत आज दिल्ली में पीएम मोदी से मिले हैं जबकि कांग्रेस ने सभी चुनाव राज्यों के लिए आज प्रभारी घोषित किये हैं जो सरकार बनने के लिए सीटें कम पड़ने की स्थिति में मोर्चा संभालेंगे। पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह भी आज दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक भाजपा मान रही है कि गोवा, मणिपुर और पंजाब में हो सकता है त्रिशंकु विधानसभाएं आएं। उधर कांग्रेस गोवा और उत्तराखंड को लेकर काफी उम्मीद है और गोवा में अपनी सरकार की संभावना मान रही है जबकि पंजाब में उसे अपने सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के पक्के आसार लग रहे हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा सत्ता में लौटने का दवा कर रही है लेकिन  इसके कुछ नेता आशंकाओं से घिरे हैं। लिहाजा वहां समाजवादी पार्टी कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों से संपर्क साध रही है। समाजवादी पार्टी को पक्का भरोसा है कि उनका गठबंधन सत्ता में आ रहा है।

एग्जिट पोल के बाद स्थिति उलझी है क्योंकि कुछ राज्यों के नतीजों को लेकर भ्रम  बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में एग्जिट पोल भाजपा को पूर्ण बहुमत दिखा रहे हैं। लेकिन नतीजों में होगा क्या यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। गोवा में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की संभावना एग्जिट पोल दिखा रहे हैं, हालांकि, कांग्रेस वहां जीत की उम्मीद कर रही है।

इस बीच गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने आज दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मिले हैं और उन्हें गोवा में भाजपा की सत्ता बनाए रखने की पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा की। सावंत अब गोवा के पार्टी प्रभारी देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मिलने वाले हैं। पार्टी की महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ बातचीत चलने की चर्चा है। भाजपा और कांग्रेस जीत सकने वाले निर्दलीयों से भी सम्पर्क में हैं।

उत्तराखंड में नतीजों को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों के अपने-अपने दावे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की उम्मीद जताई है। जबकि भाजपा खेमे से ऐसे ही दावे किये जा रहे हैं। यह माना जाता है कि उत्तराखंड में बदलाव की हवा थी, हालांकि, भाजपा ने सीएम धामी के चेहरे के कारण कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है।

पंजाब में 32 फीसदी दलित मतों के आधार पर कांग्रेस चन्नी को समर्थन मिलने की उम्मीद कर रही है और उसे पक्का भरोसा है कि वह सबसे बड़ा दल होगी या बहुमत की सरकार बनाएगी। वहां आप भी काफी मजबूती से लड़ी है और अकाली दल ने शुरुआती तौर पर पिछड़ने के बाद अपनी स्थिति थोड़ी बेहतर की है। भाजपा पंजाब में शायद 5 का आंकड़ा भी न छू पाए। वहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर है। कुछ एग्जिट पोल ने पंजाब में आप की सरकार  बनती हुई दिखाई गयी है, हालांकि, नतीजों से पता चलेगा कि केजरीवाल की मेहनत कितनी रंग लाई।

मणिपुर में भाजपा को जीत की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस से इस बार उसे कड़ी टक्कर मिली है। वहां सुरक्षा बालों को विशेष अधिकार वाले क़ानून (आफ्सपा) को लेकर लोगों में काफी नारजगी है, जिसका भाजपा को नुक्सान हो सकता है। कांग्रेस को भी उम्मीद है कि वह सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है।

फिलहाल इन पांच में से चार राज्यों में भाजपा की सरकार है और यदि वह कुछ राज्य खोती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उसकजे राह कठिन बनेगी। कांग्रेस हाल के खराब प्रदर्शनों के बाद जीत के इन्तजार में है और अब 2-3 राज्य जीतकर वह वापसी करना चाहती है।