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दिल्ली सरकार और नौकरशाह में भिड़ंत

आम आदमी पार्टी -आप पार्टी- के गठन के दौरान से ही पार्टी अपनी शर्तो पर चलने की इस कदर हावी हो गई है, कि कोई भी अगर पार्टी के खिलाफ आवाज उठायें या फिर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कि विरोध में कुछ भी बोले तो आप पार्टी अपने तरीके से उसके साथ जो दुव्यर्वहार करती है वो पूरा जमाना देखता है, एक दौर ऐसा था जब पार्टी में केजरीवाल ही बोलते थे ,अब ऐसा है कि पार्टी के प्रवक्ता से लेकर पार्टी के विधायक अपने तरीके से आप पार्टी के विरोध बोलने वालों को सबक खिखाने में गुरेज नहीं करते है। पर जो भी पार्टी में हाक रहा है उसकी कांग्रेस और भाजपा ने कड़ी शब्दों में निदा ही नही ंकहीं बल्कि कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सत्ता के नशे में इस कदर चूर है कि सारी मर्यादाओं को तार -तार कर रहे है। इसी कड़ी में जो दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुआ है वो जरूर जांच का विषय है पर पार्टी की तानाशाही रवैया पूरा देश देख रहा है। बताते चले दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये आरोप लगता है वो जो भी पार्टी और सरकार के विरोध में बोलता है तो अरविन्द केजरीवाल उसको शक दायरे में देखते है कि ये केन्द्र सरकार का आदमी है और भाजपा नीत सरकार के इशारे पर बोल रहा है उसका ये नतीजा सामने आता है बात सुलझने की वजाये उलझती जाती है और तकरार बढ़ता जाता है जिसके कारण दिल्ली की जनता को काफी परेशानी होती है।
अब बात करते है दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की जिसकी वजह दिल्ली सरकार का काम -काज प्रभावित हुआ और पूरे देश के अफसरों में एक मैसेज गया कि अब अफसरों के साथ नेताओं की दादागिरी सामने आ रही है। मौजूदा हालात् में 56 वर्षीय दिल्ली के मुख्य सचिव अंशुप्रकाश जो 1986 बैच आईएएस अफसर है के साथ जो मारपीट वाली घटना जो सामने आयी है उससे आप पार्टी का रवैया तानाशाही वाला सामने आया है।जिस तरीके से 19 फरवरी 2018 को दिल्ली के मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री के निवास पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की मौजूदगी में एक बैठक में आप पार्टी के विधायक अमानतुल्ल खान और विधायक प्रकाश जेरवाल ने बदसलूकी की है उसकी शिकायत मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस को शिकायत में बताया कि दोनों विधायकों ने हमला किया और मारपीट की है। अंशु प्रकाश ने बताया कि सरकार से जुड़े इलेक्टनिक मीडिया से जुड़े विज्ञापनों को लेकर आप के दोनों विधायक दस कदर भड़क गये और गालीगलौज करने लगे और बंधक बनाने की बात करने लगें और धमकी देने लगे की कि एस सी एसटी एक्ट में फंसा देगेंं समझ में आ जायेगा। अंशु प्रकाश ने पुलिस शिकायत में कहा कि बड़ी मुश्किल में वे जान बचाकर भागे है।
बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के अलावा आप पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल और अजय दत्त ने अपनी पुलिस रिर्पोट में कहा कि न तो जातीय एक्ट का मामला है और न ही विज्ञापन वाली कोई बात है मुख्य मामला यह है कि विधायकों ने जब दिल्ली के मुख्य सचिव से कहा कि जब से दिल्ली में आधार कार्ड लिंक हुये है तब से करीब ढाई लाख लोगों को राशन नहीं मिल पा राह है तो इसी बात को लेकर भडक गये और भनभनातें हुए मुख्य सचिव चले गये और मुख्य सचिव विधायकों को सबक सिखाने की बात कहकर चले गये। अजय दत्त ने कहा कि इन दोनों विधायकों ने कहा कि वह विधान सभा क्षैत्र में गरीबों को राशन वितरित नहीं करा पा रहे हैं इसके कारण विधायकों को क्षैत्र की जनता से शिकायतें मिल रही है।
आप पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भाऱ़द्वाज का कहना र्है कि दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ जो भी अच्छा या बुरा हुआ है वो 19 फरवरी की सीसीटीवी की फुटेज है उस फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि अंशु प्रकाश अपने गार्ड के साथ जा रहे है। रहा सवाल मारपीट का तो 20 फरवरी को ही रिर्पोट क्यों लिखवायी अंशु प्रकाश तो बड़े अफसर है उनको इतनी देर क्यों हुई है ये सारी बाते जरूर एक सोची समझी चाल की ओर इशारा करती है।दिल्ली में मचे बवाल के दौरान एक और मामला सामने आया जब दिल्ली सरकार मंत्री इमरान हुसैन और उनके पीए हिमांशु और आप पार्टी के नेता दिलीप पांडें के साथ भी दिल्ली सचिवालय में मारपीट का मामला सामने आया। जिसकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल दिल्ली पुलिस अंशु प्रकाश की शिकायत पर। दोनों विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को गिरफतार कर लिया है।
जब दिल्ली में मारपीट को लेकर सियायी मामला गर्माया हुआ था तब दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की गिरफतारी से लेकर दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग तेज हो गई थी कांग्रेस पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिये। दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि जब दिल्ली में आप पार्टी की सरकार बनी है तब दिल्ली में विकास कार्य ठप्प पड़ा ह ैअब तो सरकार अपनी कमी छिपाने के लिये अफसरों के साथ मारपीट पर उतारू हो गये है। वही भाजपा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निवास पर जमकर प्रदर्शन किया और अरविन्द केजरीवाल होश में आओं के नारे लगायें।
इस सारे मामले में भाजपा के नेता शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के पक्ष में दिखे और इशारों -इशारों में पीएनबी घोटाले से ध्यान बांटने वाली भाजपा की चाल बताया। आईएसए संध और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एस के कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार में जो भी अफसरों के साथ हो रहा है उससे दिल्ली में विकास कार्य को पलीता लगेगा। और तालमेल का अभाव दिखेगा।
आप पार्टी के नेता व राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ सौतेला व्यवहार व षडय़ंत्र कर रही है उससे तो ये साफ है कि मोदी सरकार अपनी कमी छिपाने के लिये जो कर रही है वो लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री के निवास पर छापे मारे विधायकों के निवास की तलाशी हो रही है वो सब ठीक नहीं है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को जान से मारने की धमकी मिली है। अब पुलिस यह धमकी देने वाले आरोपी से पूछताछ कर रही है .पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया है।  उसने यह धमकी सोशल मीडिया पर दी है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हर पहलू से इसकी जांच कर रही है। गौरतलब है कि हाल ही में हेत राम नामक एक युवक ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को जान से मारने की धमकी दी थी। यह धमकी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक में उसे दी है। मिली जानकारी के मुताबिक  १६ फरवरी को शाम ८.59 बजे हेत राम नामक व्यक्ति ने अपने फेसबुक अकाउंट पर डाली अपनी  पोस्ट में लिखा है ”भाईयों मैं मरना चाहता हूं पर जय राम को मारकर जाऊंगा”।
पुलिस के मुताबिक आरोपी हेत राम सराज संघर्ष समिति का सचिव है। सराज मुख्यमंत्री जय राम के गृह हल्का भी है। यह भी बताना ज़रूरी है कि सराज समिति के बैनर तले ही जंजैहली में एसडीएम कार्यालय की मांग को लेकर बीते करीब चार हफ्ते से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस मामले में और तेजी सोमबार को आई जब लोग  क्रमिक अनशन पर बैठ गए। इस मामले की बहुत चर्चा इस लिए भी है क्योंकि कुछ रोज पहले पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा था कि इस विरोध प्रदर्शन से उनका कुछ लेना देना नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनका नाम इस आंदोलन के पीछे उछाला गया था।
अब फेसबुक पर मुख्यमंत्री को मिली धमकी से मामले में दिलचस्प मोड़ आ गया है। जब सोशल मीडिया पर यह पोस्ट डाली गई तो उसके बाद रोड पंचायत के उपप्रधान टेक सिंह ने इस बाबत जंजैहली थाना में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए आईपीसी की धारा 506 के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक आरोपी हेतराम से पूछताछ ही की जा रही है, उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
मंडी के जिला पुलिस प्रमुख ने तहलका से बातचीत में पुष्टि करते हुए बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई जारी है। इस बीच आरोपी हेतराम ने इस पोस्ट के अगले दिन एक और पोस्ट डाली है, जिसमें लिखा है – ”जिस किसी ने भी यह हरकत की है उसका नबंर जल्द ही ट्रेस कर लिया जाएगा”। इस पोस्ट के माध्यम से हेतराम ने अपने फेसबुक अकाउंट के साथ छेड़छाड़ होने का शक जताया है। बहरहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। इस मामले के राजनितिक रंग लेने की पूरी संभावना है।

बैंक घोटाले के राजनीतिक दंश

देश के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक – पंजाब नेशनल बैंक – में 11500 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले ने देश में हलचल मचा दी है। इसका राजनीति पर भी असर पड़ा है और कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है। जो जानकारियां सामने आ रही हैं उससे भाजपा बैचेनी महसूस कर रही है। सोशल मीडिया में इस घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की दावोस के सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीरें आने के बाद भाजपा रक्षात्मक दिख रही है जबकि कांग्रेस लगातार हमलावर होती जा रही है। नार्थ ईस्ट के तीन राज्यों में चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह घोटाला दिक्कत पैदा कर सकता है। इसी साल के आखिर में कुछ और बड़े राज्यों में भी चुनाव होने हैं लिहाजा कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस मामले में भाजपा और मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुट गया है जबकि भाजपा के नेता भी इस पर विपक्ष को जवाब देने में जुटे हैं।
सरकार इस मामले को लेकर कितने दबाव में है इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि घोटाला सामने आने के बाद १४ फरवरी को ही सार्वजनिक अवकाश के बावजूद मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों को इस मामले में तेजी दिखने के लिए सक्रिय किया। सरकार ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को फौरन इस पर कार्रवाई करने को कहा। इसी का नतीजा था कि जांच एजेंसियों ने १५ फरवरी को ही सुबह सबेरे नीरव मोदी और उससे जुड़े व्यक्तियों और कंपनियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।
घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया – ”भारत को लूटने की नीरव मोदी द्वारा दी गई गाइड:  प्रधानमंत्री को गले लगाओ, उनके साथ दावोस में दिखो। इस प्रभाव का इस्तेमाल कर 12 हजार करोड़ लूटो और जब सरकार दूसरी तरफ मुंह कर ले तो माल्या की तरह देश से भाग जाओ। ” गांधी ने यह ट्वीट कांग्रेस सासंद गौरव गोगोई के उस ट्वीट के बाद किया, जिसमें दावोस में विश्व आर्थिक फोरम में प्रधानमंत्री मोदी की भारत के तमाम मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की तस्वीर दिखाई गई है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में भगोड़ा हीरा व्यापारी दूसरी पंक्ति में दिख रहा है और प्रधानमंत्री मोदी पहली पंक्ति के बीच में हैं।
कांग्रेस ही नहीं माकपा ने भी सर्कार को घेरा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्वीटर पर यह फोटो शेयर करके हुए लिखा – ”नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में हो सकता है, जहां वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ दिखा था। येचुरी ने कहा – ”अगर यह व्यक्ति 31 जनवरी को दर्ज की गई एफआईआर से पहले भाग गया है तो फिर वह यहां है। दावोस में प्रधानमंत्री के साथ उसकी फोटो है, जोकि एफआईआर से एक सप्ताह पहले की है। क्या भारत से भागने के बाद एफआईआर हुई? मोदी सरकार को अवश्य स्पष्ट करना चाहिए। यह एक तरीका सा बन गया है जिसमें जो बैंक के साथ धोखाधड़ी करता है, उसे मोदी सरकार की तरफ से भगा दिया जाता है।” तृणमूल कांग्रेसne भी मोदी सर्कार को इस मसले पर घेरा है। जाहिर है विपक्ष इस घोटाले को राजनितिक रूप से भुनाने में कोइ कसार नहीं छोड़ना चाहता।
इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला बताया जा रहा है। हाल के वर्षों में ललित मोदी और विजय माल्या के बाद यह तीसरा मामला है जिसमें मुख्या आरोपी देश छोड़ कर भाग गया है। उधर बेंगलुरु के एक बिजनेसमैन ने इस मामले पर यह दावा करके मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है कि उन्होंने (व्यापारी) हरि प्रसाद एसवी ने २०१६ में ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को मेहुल चौकसी की गड़बड़ियों के बारे में सूचना दे दी थी लेकिन उनकी इस शिकायत पर ठंडा रुख अख्तियार किया गया।
गौरतलब है कि मेहुल चौकसी गीतांजलि ज्वेलरी सीरीज का मालिक है और उसका भी नाम पीएनबी घोटाले में शामिल है। इस घोटाले में मेहुल के साथ-साथ नीरव मोदी भी शामिल है। घोटाले का खुलासा होने के बाद केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी, उनके भाई निशाल और मेहुल चौकसी के खलाफ 280 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक में बिजनेसमैन हरि प्रसाद का दावा है कि ”अगर साल 2016 में पीएमओ को दी गई जानकारी पर एक्शन लिया गया होता तो पहले ही इस घोटाले का पर्दाफाश किया जा सकता था।” घोटाले के दोनों आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर भाग चुके हैं। कहा जा रहा है कि मेहुल चार जनवरी को ही विदेश भाग गया था, जबकि नीरव मोदी घोटाले का खुलासा होने के बाद देश छोड़कर भागा।
घोटाला सामने आने के बाद राष्ट्रीयकृत बैंक पंजाब नैशनल बैंक का कहना है कि मुंबई स्थित उसकी एक शाखा में करीब 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का जो घोटाला नज़र में आया है, उसका असर कुछ अन्य बैंकों पर भी पड़ सकता है। सेबी को दी जानकारी में बैंक ने कहा – ”पंजाब नेशनल बैंक ने धोखाधड़ी के लिए अनधिकृत रूप से किए गए कुछ लेनदेन मुंबई स्थित अपनी एक शाखा में पकड़े हैं, जो ‘कुछ चुनिंदा खाताधारकों को लाभ पहुंचाने’ के लिए किए गए थे।” फर्ज़ीवाड़ा कर किए गए लेन देन बैंक की वर्ष 2017 की शुद्ध आय (13.2 अरब रुपये) की आठ गुणा रकम के बराबर हैं। घोटाला सामे आने के बाद इसके शेयर ७.५ फीसदी तक गिर गए और अक्टूबर २०१७ के बाद बैंक ने सबसे कम दाम पर कारोबार किया।
पूरे घोटाले की जड़ मे ”लेटर ऑफ अंडरटेकिंग” जिसे एलओयू कहा जाता है, है। तकनीकी बात करें तो यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक खातेदार को पैसा मुहैया कराते हैं। यदि खातेदार डिफॉल्ट कर जाए तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाए का भुगतान करे। इस मामले में पीएनबी के उप प्रभंधक गोकुलनाथ शेट्टी पर आरोप है की उसने कथित तौर पर स्विफ्ट मेसेजिंग सिस्टम का दुरुपयोग किया। बैंक इसी नियम के आधार पर विदेशी लेन देन में एलओयू  के जरिए दी गारंटी को प्रमाणित करते हैं।
पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच ने अरबपति ज्वैलर नीरव मोदी और उनसे जुड़ी कंपनियों को (एलओयू) लैटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लैटर ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी किए जिसके आधार पर उन्होंने विदेशों में स्थित भारतीय बैंकों से कर्ज उठाया। एलओयू दरअसल एक पत्र होता है जो एक बैंक अपने ग्राहक के लिए दूसरे बैंक को जारी करता है। एलओयू जारी होने पर दूसरा बैंक उक्त ग्राहक को उस पत्र के आधार पर लोन दे सकता है। जनवरी मे जब एलओयू की अवधि खत्म हो गई और भारतीय बैंकों की विदेशी शाखओं को कर्ज की रकम वापस नहीं मिली तो घोटाले का खुलासा हुआ। पीएनबी ने अपने दर्जन भर कर्मचारियों को इस मामले में निलंबित भी किया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार पीएनबी फ्रॉड मामले में छह कंपनियों को 9539.38 करोड़ रुपये के एलओयू और 1799.36 करोड़ रुपये के एफएलसी जारी हुए। इसके आधार पर सोलर एक्सपोर्ट, स्टेलर डायमंड, डायमंड आर यूएस, गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया, नक्षत्र और चंद्री पेपर्स को जारी हुए।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद विपक्ष ने निशाने पर आई मोदी सरकार ने ”सख्त रुख” दिखने की कोशिश की है। सरकार ने कहा है कि मामले में सरकारी बैंक की पूरी धनराशि वसूल की जाएगी और किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक इस मामले के लिए जरूरी प्रॉविजनिंग (घाटे की भरपाई के लिए अलग से धन रखना) करेगा और इसके लिए उसके पास पर्याप्त धन है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक बैंक के एक ब्रांच का है और दोषी व्यक्ति के खिलाफ हर संभव कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएनबी फ्रॉड में सभी परिसंपत्तियों को वसूल किया जाएगा और किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले का असर अन्य बैंकों पर नहीं पड़ेगा। जांच एजेंसियां इस मामले की पड़ताल कर रही हैं। साथ ही अन्य बैंकों को भी इस मामले के बारे में सतर्क कर दिया गया है।
दो पब्लिक सेक्टर बैंक और एक प्राइवेट बैंक पर इस घोटाले का असर पद सकता है। इसमें यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं जिन्होंने आरोपी को क्रेडिट की पीएनबी के लेटर ऑफ़ अंडरटेकिंग के आधार पर पेशकश की थी।
अब यह घोटाला राजनितिक अखाड़े में पहुंच गया है। बैंक घोटाला मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा।  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा – ”हीरा व्यापारी नीरव मोदी के देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक से 11,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी ”भारत को लूटने” का तरीका है, जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकी बढ़ाई, उन्हें गले लगाया और फिर शराब कारोबारी विजय माल्या की तरह देश से फरार हो गया।
पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया । कांग्रेस नेता ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा क‍ि ‘लूटो और भाग जाओ’ मोदी सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जुलाई, 2016 में ही वित्‍तीय फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई थी, इसके बावजूद क्‍या मोदी सरकार सोई हुई थी?

सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोटाले पर कार्रवाई करने में 15 दिन क्‍यों लगाए, जबकि 29-30 जनवरी को ही यह मामला सामने आया गया था। उन्‍होंने पूछा कि इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक ने इतनी देरी से केस क्‍यों दर्ज कराया? ईडी ने छापा मारने में 15 दिन क्‍यों लगा दिए? सरकार ने इस मामले को महत्‍व क्‍यों नहीं दिया? सुरजेवाला ने कहा क‍ि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के बारे में जानकारी दी गई थी और पीएम से कार्रवर्इ की मांग भी की गई थी। उनके मुताबिक, पीएमओ ने शिकाय‍त को कार्रवाई के लिए रजिस्‍ट्रार ऑफ कंपनीज के पास भेज दिया था। इसके बावजूद न तो पीएमओ ने कुछ किया और न ही वित्‍त मंत्रालय ने कदम उठाया। इस बीच, छोटे मोदी (नीरव मोदी) 11,000 करोड़ रुपये की चपत लगाकर देश से चंपत हो गए।

कांग्रेस के तीखे हमले से परेशां सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला कानून मंत्री रविशंकर प्रशाद ने।
प्रसाद ने बाकायदा संवाददाता सम्मेलन करके कहा – ”नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ऐसा कोई ऋण नहीं दिया गया, जो एनपीए बन गया हो। नीरव मोदी को संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान ऋण दिया गया था।” उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा था कि हमारी सरकार ने ऐसा कोई ऋण नहीं दिया है, जो एनपीए बन गया हो। एनपीए की विरासत हमें कांग्रेस से मिली है।’ उन्होंने नीरव मोदी और उन सब के खिलाफ भी कार्रवाई करने का वादा किया, जिन्होंने उन्हें भगाने में मदद की। प्रसाद ने कहा, ‘किसी को बख्शा नहीं जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘धोखाधड़ी का पता लगने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। आयकर विभाग नीरव मोदी के खिलाफ काफी कड़ी कार्रवाई कर रहा है।’ प्रसाद ने नीरव मोदी को ‘छोटा मोदी’ कहने पर भी कांग्रेस को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी अपनी क्षमता की वजह से नहीं, बल्कि अपने परिवार की वजह से एक पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह किस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं?’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना से प्रधानमंत्री की छवि पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री की छवि कांग्रेस और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला जैसी खराब नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री के पास भारत के लोगों का आशीर्वाद है।’

नीरव मोदी 11 हजार करोड़ नहीं बल्कि 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करके फरार

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपी नीरव मोदी ने 17 और बैंकों से भी कथित तौर पर 3,000 करोड़ रुपये लिये और देश छोड़ कर फ़रार हो गया।
इन बैंकों ने नीरव मोदी की विभिन्न कंपनियों को , जिसमें उसकी प्रमुख फर्म फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल है , क़र्ज़ दिया था।
पीएनबी के अलावा नुकसान उठाने वाले बैंकों में भारतीय सेंट्रल बैंक (करोड़ 194 रुपये), देना बैंक (करोड़ 153.25 रुपये), विजया बैंक (करोड़ 150.15 रुपये), बैंक ऑफ इंडिया (करोड़ 127 रुपये), सिंडिकेट बैंक (करोड़ 125 रुपये), ओरिएंटल थे बैंक ऑफ कॉमर्स (120 करोड़ रुपये), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (110 करोड़ रुपये) और आईडीबीआई बैंक और इलाहाबाद बैंक (प्रत्येक 100 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
नीरव मोदी और कुछ अन्य के खिलाफ 280 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई, दिल्ली और गुजरात में छापेमारी में 5,100 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के आभूषण जब्त किए।
ईडी ने नीरव मोदी के 17 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई पीएनबी: की शिकायत पर की गई है. एजेंसी ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल और कारोबारी भागीदार मेहुल चौकसी के खिलाफ कल मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शामिल 47 वर्षीय नीरव मोदी पर सीबीआई ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। सीबीआई के मुताबिक,मोदी ने शिकायत मिलने से पहले 1 जनवरी को देश छोड़ दिया था।
उधर प्रियंका चोपड़ा, जो अरबपति जौहरी के विज्ञापन अभियान में शामिल थीं, वर्तमान में ब्रांड के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने के लिए कानूनी राय मांगी है।
चोपड़ा के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “अटकलें हैं कि प्रियंका चोपड़ा ने निरूपव मोदी पर मुकदमा दायर कर दिया है। यह सच नहीं है। हालांकि, वह वर्तमान में निरोध मोदी के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों के सामने ब्रांड के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने के संबंध में कानूनी राय मांग रही है। ”
अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा, जिन्होंने प्रियंका के साथ उसी विज्ञापन में काम किया था, ने पीटीआई को बताया कि उनका अनुबंध पहले ही खत्म हो चुका है, वह किसी कानूनी कार्रवाई की योजना नहीं बना रहा है।

दिल्ली स्थित जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग

दिल्ली के मंगोलपुरी इंडस्ट्रियल एरिया में एक जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियां मौके पर कार्यरत हैं हैं।

दुर्घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं मिली है। लेकिन आग लगने से लाखों रुपये का सामान खाक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इससे पहले दिल्ली के बवाना में 20 जनवरी को आग लगने की घटना सामने आई थी जिसमें कुल 17 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में बवाना मिल के मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था।

आग से जिंदा जलने वालों में 9 महिलाएं और 1 नाबालिग लड़की भी शामिल थी। दो अन्य लोग घायल हो गए थे, जिनमें एक पुरुष और एक महिला थी।

विमुद्रीकरण के 15 महीने बाद भी आरबीआई गिन रही है पुराने नोट

हाल ही में दाख़िल की गयी आरटीआई से पता लगा है कि विमुद्रीकरण के पंद्रह महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों द्वारा लौटाए गए नोटों की गिनती, गुणा-भाग और उनके असली-नकली होने की पहचान में लगा है।
ख़बरों मुताबिक़ केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह तेजी से इस काम को कर रहा है। साथ ही वह लौटाए गए नोटों के ‘असली-नकली’ होने के साथ ही उनकी सही गिनती, गणतीय रूप से मिलान करने का काम कर रहा है।
सूचना के अधिकार के तहत ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा दाखिल अर्जी का जवाब देते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, “इन बैंक नोटों की अंकगणितीय सटीकता और वास्तिवकता की पहचान की जा रही है और इनका मिलान भी किया जा रहा है। इसलिए इस संबंध में मिलान एवं गणना की प्रक्रिया के पूरे होने पर ही जानकारी साझा की जा सकती है।”
नोटबंदी के दौरान बंद हुए नोटों की संख्या जानने के लिए दाखिल की गई इस अर्जी के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘रिजर्व बैंक को मिले पुराने नोटों का अनुमानित मूल्य 30 जून 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, सत्यापन, गणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें भविष्य में संशोधन की संभावना बनी रहेगी।’
इस काम के खत्म होने की समयसीमा के बारे में बैंक ने कहा कि वह बहुत तेज गति से इसे अंजाम दे रहा है. जांच और सत्यापन की 59 मशीनें काम में लगी हैं। हालांकि, बैंक ने इन मशीनों के स्थान के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी नहीं दी।
सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके स्थान पर 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे।

उच्चतम न्यायालय अयोध्या केस को भूमि विवाद के रूप में सुनेगी

उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रहे सभी पक्षकारों से आज कहा कि वह इस मामले को विशुद्ध रूप से ‘‘भूमि विवाद’’ के रूप में सुनेगी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भान और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने यह भी संकेत दिया कि उच्च न्यायालय के समक्ष जो लोग नहीं थे उनकी इसमें पक्षकार बनने के लिये दायर अर्जियों को बाद मे देखा जायेगा।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सभी पक्षकार उनके द्वारा अपील के साथ दाखिल दस्तावेजों का अंग्रेजी रूपांतरण दो सप्ताह के भीतर दाखिल करें।

तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर 14 मार्च को सुनवाई की जायेगी। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा इस मामले को कभी भी रोजाना सुनने का नहीं रहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उन भाषाई पुस्तकों का, जिन्हें इस मामले में आधार बनाया गया है,अंग्रेजी में रूपांतरण कराया जाये और इन्हें आज से दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाये।

पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के रिकार्ड का हिस्सा रहे वीडियो कैसेट की प्रतियां संबंधित पक्षकारों को वास्तविक लागत पर उपलब्ध कराई जाये।

विशेष पीठ के समक्ष मालिकारना हक को लेकर चार वादों में सुनाये गये फैसले के खिलाफ 14 अपील विचारार्थ हैं।

याद रहे कि उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2010 में बहुमत के फैसले में विवादित भूमि को तीन समान भागों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में विभक्त करने का आदेश दिया था।

राफेल सौदा: कांग्रेस ने माँगा श्वेत पत्र; सरकार ने कहा इससे सुरक्षा को खतरा

जबकि कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान की ख़रीद को मोदी सरकार का “सबसे बड़ा घोटाला” करार दिया और इस पर एक श्वेत पत्र माँगा, रक्षा मंत्रालय ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा कि 36 राफेल जेट विमानों के लिए 58,000 करोड़ रुपये के सौदे का खुलासा करने से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती है।
लोकसभा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा, “यह सरकार देश की सुरक्षा के साथ खेल रही है और एक उदाहरण राफेल सौदा है … यह सबसे बड़ा घोटाला है।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा को लेकर मंगलवार को एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए इसे ‘‘बड़ा राफेल रहस्य’’ करार दिया था।
साथ ही पार्टी ने इस सौदे में राष्ट्रीय हित एवं सुरक्षा के साथ सौदा करने का आरोप लगाया और कहा कि इसमें घोटाले की बू आ रही है क्योंकि सौदे के लिए बातचीत में कोई पारदर्शिता नहीं है.
वहीं रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह सौदा क्षमता, कीमत, उपकरणों , हथियारों , आपूर्ति, रख रखाव और प्रशिक्षण जैसे सभी मामलों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा किए गए सौदे से कहीं बेहतर है। मंत्रालय ने कहा कि इसमें रक्षा खरीद प्रक्रिया के सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों और फ्रांस के साथ 2008 में हुए एक द्विपक्षीय समझौते के चलते लड़ाकू विमान सौदे की पूरी कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि विमान सौदे की अनुमानित कीमत को लेकर पूर्व में संसद में बयान दिया जा चुका है लेकिन विमान सौदे के हर वस्तु की कीमत का बिंदुवार ब्योरा देना संभव नहीं है।
इन विमानों को देश की रक्षा जरूरत के अनुरूप उपकरणों, हथियारों से सुसज्जित किया गया है, जिसकी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। दूसरे, फ्रांस के साथ 2008 में हुए एक समझौते के तहत भी पूरे सौदे की वस्तुवार जानकारी नहीं दी जा सकती है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जिस सौदे को यूपीए सरकार दस सालों में अंजाम नहीं दे पाई उसे एनडीए ने महज एक साल में पूरा किया। दूसरे, राफेल के चयन मे बारे में कहा कि 2012 में यूपीए सरकार में ही प्रक्रिया पूरी कर राफेल को एल-1 घोषित किया गया था। इसलिए इस मामले में किसी दूसरे विक्रेता से बातचीत संभव नहीं थी।
राहुल गाँधी ने इसके जवाब में कहा ‘पहली बार रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम देश को नहीं बतायेंगे. सबसे बड़ा सौदा हुआ है, वायुसेना की रीढ़ की हड्डी (का मामला है) और रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम नहीं बतायेंगे. यह गोपनीय है. पेरिस, फ्रांस में हमने जो सौदा किया है, वह गोपनयीय है, हम देश को नहीं बता पायेंगे.”

फिल्म स्टार जीतेन्द्र पर यौन उत्पीड़न का आरोप

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एक बहुत पुराने मामले में फिल्म स्टार जितेंद्र के खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। शिकायतकर्ता महिला जितेंद्र की रिश्ते में बहन  हैं। उन्होंने शिमला में बुधवार को प्रदेश पुलिस प्रमुख ( डीजीपी) यह शिकायात सौंपी है।
शिकायत में महिला ने बताया है कि यह मामला 1971 का है। उस समय शिकायतकर्ता महिला की उम्र 18 साल थी और जितेंद्र करीब 28 साल के थे। डीजीपी को सौंपी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि जितेंद्र ने शिमला के एक होटल में कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया। आरोप के मुताबिक जितेंद्र शिमला में उसे फिल्म की शूटिंग दिखाने के बहाने लाए थे।
महिला ने अपने आरोप में बताया है कि जनवरी 1971 को रवि कपूर (जितेंद्र का सली नाम) कार में उसके (महिला) घर आया। कार में ड्राइवर के अलावा दो अभिनेत्रियां भी बैठी थीं। महिला के मुताबिक   वह भी जितेंद्र के साथ कार में बैठ गई और सभी दिल्ली से शिमला आ गए।
डीजीपी को सौंपी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उसे यह नहीं बताया गया कि शिमला में किस फिल्म की शूटिंग हो रही है, जिसे देखने वे जा रहे हैं। जब वे शिमला पहुंचे तो सीधे होटल चले गए। महिला के मुताबिक वह थक चुकी थी, इसलिए होटल के कमरे में सो गईं। महिला के आरोप के मुताबिक रात को जब वह सोई हुई थीं तो जितेंद्र उसके कमरे में आए और कथित तौर पर  उसका यौन उत्पीड़न किया। उसके मुताबिक जितेंद्र ने उस समय शराब पी रखी थी।
महिला के मुताबिक इस दौरान उन्होंने जितेंद्र को धक्का देने की कोशिश भी की। लेकिन, वह नहीं माने। महिला ने यह भी बताया कि वह इतने साल माता-पिता की वजह से चुप रहीं। लेकिन, अब उनके निधन के बाद उन्होंने शिकायत करने का फैसला लिया है। शिकायतकर्ता महिला ने डीजीपी से जितेंद्र के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस शिकायत की छानबीन कर रही है।

लोकसभा में मोदी ने ‘शेर’ से किया कांग्रेस पर हमला

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बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक सभा और राज्य सभा दोनों में बोले। आज का दिन शेर-ओ-शायरी और कांग्रेस पर उनके हमले का दिन था। लोक सभा में प्रधानमंत्री ने कहा – ”दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों”। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद भाषण दिया। बाद में
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए उनकी कविता की यह पंक्ति भी पढ़ी – ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।’ शेर-ओ-शायरी के साथ मोदी ने विपक्षी कांग्रेस, बल्कि यों कहिये गांधी परिवार, पर जोरदार हमला बोला। कहा – आपने (कांग्रेस) पूरा समय एक परिवार के गीत गाने में लगा दिया। एक ही परिवार को देश याद रखे इसी में सारी ऊर्जा लगा दी। अगर नीयत साफ होती तो ये देश जहाँ है, उससे कहीं आगे होता।”
मोदी के धन्यवाद भाषण के बीच विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की। विपक्षी सदस्यों ने सदन में “झूठे भाषण बंद करो, झूठे आश्वसान बंद करो” के नारे भी लगाए। लोक सभा में शायरी कांग्रेस के संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की। मोदी ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच बोलना शुरू किया। विपक्ष का आरोप था उसकी आवाज को दबाया जा रहा है। खड़गे ने बशीर बद्र का शेर पढ़ा था । जवाब में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा – ”जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता”। मोदी बोले, ” कांग्रेस अपने गीत गाती है और आंख बंद करके रहती है।” राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के पूर्व ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की गठबंधन सहयोगी तेलगु देशम पार्टी ने सदन में सरकार को तेवर दिखाए। कुछ रोज पहले भी टीडीपी ने एनडीए से बाहर जाने की धमकी दी थी लेकिन बाद में अपना फैसला बदल दिया था। टीडीपी ने विपक्ष के साथ लोकसभा में हंगामा किया। पीएम  मोदी ने कांग्रेस पर देश के विभाजन कराने का आरोप लगाया। पीए मोदी ने कहा कि कांग्रेस अपने शासन का बखान करती है। पीएम मोदी ने कहा, “आपने भारत मां के टुकड़े कर दिए, फिर भी देश आपके साथ रहा। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आंध्र प्रदेश की अनदेखी कर तेलंगाना बनाने का भी आरोप लगाया।
मोदी ने कहा कि “ये नरेन्द्र मोदी लाल किला  से कहता है कि देश आज जहां है उसमें पिछली सारी सरकारों का योगदान है, ऐसा कभी  कांग्रेस नेता ने कभी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि आपकी तरफ से ही आशंका थी की मोदी आधार को खत्म कर देगा, पर जब आधार अच्छे ढंग से लागू हो गया, गरीब को उसका फायदा मिलने लगा।  तो आपको उसमें खामियां क्यों नजर आने लगीं हैं।  उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार सिर्फ अखबार की सुर्खियों के लिए घोषणा नहीं की, हमने जो कहा वो करके दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के आखिरी 3 साल में करीब 1100 किमी नई रेल लाइन बनी, हमारी सरकार के शुरुआती 3 साल में 2100 किमी का निर्माण हुआ। कहा कि ‘हम देश में बंद पड़े प्लांट्स को दोबारा खोल रहें हैं। बेरोजगारी के सवालों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा पूरे देश का होता है। जब बेरोजगारी का आंकड़ा दिया जाता है तो देश का लेकिन रोजगारी का आंकड़ा राज्य के आधार पर दिया जाता है। राज्य सरकारों द्वारा दिए गए आकड़ों कि मानें तो करीब 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, और यह आंकड़ा गैर-एनडीए राज्य सरकारों ने दिया है। सिर्फ बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, केरल में ही एक करोड़ रोजगार मिला है। पीएम ने कहा किआज  माध्यम वर्गी परिवार का नौजवान नौकरी के लिए भीख नहीं मांग रहा है। बल्कि युवा स्टार्टअप की तैयारी कर रहे हैं, हम उनकी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने ने बताया कि सरकार ने पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 करोड़ लोगों लोन दिया गया। मोदी ने तंज कसा कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन आ रही थी, उसके आगे में लिखा था 21वीं सदी। प्लेटफॉर्म पर मौजूद सारे युवा दौड़ लगाने लगे, वहीं प्लेटफार्म पर मौजूद एक बुजुर्ग ने कहा क्यो दौड़ लगा रहे हो, 21वीं सदी लिखी ट्रेन खुद ही अपने पास आ जाएगी।
सदन में अपनी उपलब्धिया गिनवाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमने इस साल 900 हवाई जहाज खरीदने का ऑर्डर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमने 4 करोड़ गरीबों को मुफ्त बिजली देने की योजना बनाई, जिसे पूरा किया है। कांग्रेस राज में देश की बड़ी आबादी 18वीं शताब्दी में रहने को मजबूर थी। मोदी ने कहा कि कांग्रेस का मंत्र है लूटो और देश को लूटो। पीएम ने बताया कि विश्व में आज भारत का सम्मान बढ़ा है।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह (गांधी) विदेशों में देश की छवि खराब करते हैं। उन्होंने कहा कि जब देश डोकलाम के लिए बॉर्डर पर लड़ रहा था तब आप चीन में जाके लोगों से मिल रहे थे। लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि देश कांग्रेस को एनपीए के पाप के लिए माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वजह से देश को नुकसान हुआ है।  कीचड़ उछालने की राजनीति चल रही है। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा।
मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने गांधी-नेहरू परिवार की तीन पीढ़ियों को निशाने पर लिया। पीएम ने कहा कि, कांग्रेस के मुंह पर लोकतंत्र शोभा नहीं देता और उन्हें भाजपा को लोकतंत्र का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस ने मां भारती के टुकड़े कर दिए, इसके बावजूद ये देश आपके साथ रहा, आप उस जमीन और देश में राज कर रहे थे जिस समय विपक्ष न के बराबर था। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, जब डोकलाम विवाद चल रहा था, तब आप चीन से बात कर रहे थे। भारत का विदेशों में मान सम्मान बढ़ा है, आप विदेशों में जाकर देश का अपमान करते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक पर आप सवालिया निशान खड़ा करते हो। पीएम बोले, हिट और रन की राजनीति चल रही है, कीचड़ उछालो और भागो। लेकिन जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर मोदी ने  हमला करते हुए कहा,’श्रीमान राजीव जी ने खुलेआम दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था। ये तेलगुदेशम पार्टी, ये एनटी रामाराव उस अपमान की आग में से पैदा हुए थे। रामाराव को उस अपमान का बदला लेने के लिए अपना फिल्म करियर छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्यों में उभरती पार्टियों को फेंक दिया गया। कहा कि सरदार पटेल के साथ अन्याय किया गया। अगर देश के पहले पीएम पटेल होते तो कश्मीर पूरा हमारा होता।

 

 राफेल पर राहुल के सवाल 

लोक सभा में प्रधानमंत्री के हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सदन से बाहर मोदी पर कई सवाल दागे । उन्होंने कहा – देश आपसे सवाल करता है और आपको देश का पीएम होने के नाते सभी सवालों का जवाब देना चाहिए। राहुल ने पूछा कि क्या आपने पेरिस जाकर खुद राफेल डील बदली है? फिर पूछा क्या आपने सुरक्षा मामलों में केबिनेट से मंजूरी ली? राहुल ने यह भी पूछा कि राफेल डील का सौदा कितने में किया, यह देश आपसे जानना चाहता है। कहा कि यह बहुत सीधे सवाल हैं और आपको देश को बताना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी ने लोकसभा में एक घंटे तक भाषण दिया लेकिन उन्होंने एक भी बार किसानों या बेरोजगारों पर बात नहीं की। जबकि उन्होंने पीएम बनने से पहले हर भाषण में युवाओं को दो करोड़ रोजगार देने की बात कही थी। उन्होंने किसानों की फसल का सही दाम देने की बात कही थी। सुरक्षा देने की बात की थी, लेकिन आज ये सब मुद्दे गायब हैं। राहुल ने कहा कि किसानों और बेरोजगारों को भाजपा सरकार ने ”बंबू” दे दिया है। वह अपने भाषण में सिर्फ कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं की बात करते हैं। वायु सेना हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है। लेकिन इस डील को देश से छिपाया जा रहा है। पीएम मोदी पिछले 70 सालों की बात करते हैं लेकिन आज देश की क्या स्थिति है इस पर बात नहीं होती है। देश का किसान और युवा क्या कर रहा है इस पर कभी बात नहीं करते हैं।