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जीत से आगाज़ कर भारत ने गंवाई सीरीज़

क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कम ही हुआ है कि किसी टीम ने पहले दो मैच कार कर पांच मैचों की सीरीज़ अपने नाम कर ली है। पर इस बार आस्ट्रेलिया ने भारत की धरती पर यह कर दिखाया। उसने हैदराबाद, और नागपुर में पहले दो मैच गंवाने के बाद सीरीज़ जीत ली। विश्व कप से पूर्व भारत के लिए यह अंतिम सीरीज़ थी। इस दौरान क्रिकेट बोर्ड ने विश्व काप को ध्यान में रखकर कुछ नए खिलाड़ी भी आजमाए।

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच निर्णायक मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में खेला गया। इस में मेहमान टीम ने वह कर दिखाया जिसकी किसी को भी बिलकुल उम्मीद नहीं थी। आस्ट्रेलिया ने वह किया जो वनडे क्रिकेट के इतिहास में भारत की धरती पर कोई टीम नही कर सकी। भारत में आज तक कोई टीम 0-2 से पिछडऩे के बाद वनडै सीरीज़ नहीं जीत पाई थी। अपने ही घर में जिस टीम को कुछ समय पहले भारत के हाथों करारी हाल मिली थी उसी टीम ने भारत को उसकी सरजमी पर पांच मैचों की सीरीज़ में 3-2 से पटखनी दी। फिरोजशाह कोटला में भारत को आखिरी वनडे में 35 रन से हराकर आस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद भारत में वनडे सीरीज़ जीती। इससे पहले 2009 में उसने छह मैचों की सीरीज़ 4-2 से जीती थी। विराट कोहली को पहली बार वनडे सीरीज़ में अपने ही घर में हार सहनी पड़ी है।

पंाचवे व अंतिम मैच में आस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 273 रनों का लक्ष्य दिया। भारतीय टीम इस लक्ष्य का पीछा करने में असफल रही। इस मैच में बल्लेबाजों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। अकेले रोहित शर्मा ने अर्धशतक (52) रन बनाए। घरेलू मैदान पर न तो शिखर धवन (12) चले और न ही कोहली (20) के बल्ले से रन निकले। 132 के स्कोर पर भारत के 6 विकेट गिर गए थे। उस समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय पारी जल्दी ही सिमट जाएगी। लेकिन केदार जाधव (44) के साथ भुवनेश्वर कुमार (46) ने 91रन जोड़ कर कुछ उम्मीद जगाई। लेकिन इनके आउट होते ही भारत की उम्मीदें धराशायी हो गई।

आस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उस्मान ख्वाजा (100) ने सीरीज़ के दूसरे शतक से टीम ने बड़े स्कोर की आधारशिला रखी। 33 ओवर में स्कोर एक विकेट 175 रन था। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने विकेट चटकाना आरम्भ किया और स्कोर सात विकेट पर स्कोर 229 रन हो गया। आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने नौ विकेट पर 272 रनो का स्कोर बनाया। हैड्सकॉम्ब ने 53, फिंच ने 27 व स्टोइनिस और टर्नर ने 20-20 रन बनाए। उस्मान ख्वाज मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज़ बने। उन्होंने पूरी सीरीज़ में दो शतक लगाकर 383 रन बनाए।

सीरीज़ का तीसरा मैच रांची में खेला गया था जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा। मेहमान टीम ने 32 रन से मैच जीता था। आस्ट्रेलिया की टीम ने 50 ओवरों में 313 रन का विशाल स्कोर बनाया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम कवेल 281 रन ही बना सकी, विराट कोहली ने 123 रन बनाकर वनडे करियर का 41वां शतक लगाया। उस्मान ख्वाजा (104) मैन ऑफ द मैच चुने गए।

चौथा मैच मोहाली में खेला गया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 358 रनों का विशाल स्कोर बनाया। लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया की टीम ने 47.5 ओवर में 6 विकेट गंवा कर 359 रन बनाए और मैच जीत कर सीरीज़ में बराबरी हासिल कर ली। धवन ने 143 रनों की शानदार पारी खेली उन्होंने 115 गेंदों में 18 चैके और तीन छक्के लगाए। मेहमान टीम के पीटर हैड्सकॉम्ब पे 117 औश्र उस्मान ख्वाजा ने 91, एश्टन टर्नर ने 84 रन बनाए। दोनों टीमें दो-दोमैच जीत कर बराबरी के स्थान पर थी। सीरीज़ का अंतिम मैच निर्णायक मैच था।

भारत ने दूसरा एक दिवसीय ८ रन से जीता

नागपुर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे एक दिवसीय मैच में भारत की आठ रन की जीत ने न केवल पांच मैचों की श्रंखला में भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी बल्कि कुछ आयाम भी स्थापित किए।यहां भारतीय कप्तान विराट कोहली ने 120 गेंदों में 116 रन बना कर अपना 40वां शतक पूरा किया और भारत ने एक दिवसीय मैचों में अपनी 500वीं जीत दर्ज की। इसके अलावा वीसीए स्टेडियम पर भारत की आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों में चैथी जीत भी रही।

कोहली के 116 रनों की बदौलत नागपुर की इस पिच पर निर्धारित ओवरों में 250 रन बनाने में सफल रहा। इस लक्ष्य का पीछा करती आस्ट्रेलिया की टीम 49.3 ओवर में 242 रन पर आउट हो गई। भारत के लिए कुलदीप यादव ने 54 रन देकर तीन विकेट, विजय शंकर ने 15 रन पर दो बुमरा ने 29 रन देकर दो विकेट लिए और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

भारत के लिए खेल की शुरूआत ठीक नहीं रही। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा पहले ही ओवर की अंतिम गेंद पर बिना कोई रन बनाए पेवलियन लौट गए। उस समय भारत का खाता भी नहीं खुला था। उसके बाद कप्तान विराट कोहली और शिखर धवन के बीच 38 रन की छोटी सी भागेदारी हुई। नौवें ओवर में शिखर धवन 21 रन बना कर मैक्सवेल का शिकार बने। रायडु भी ज़्यादा देर नहीं टिके और 32 गेंदों में 18 रन बना कर चलते बने। उस समय भारत का स्कोर 75 रन था। कप्तान विराट कोहली एक छोर पर डटे हुए थे। यह विकेट 17वें ओवर में गिरी। इसके बाद नए खिलाडी विजय शंकर और कोहली के बीच 81 रन की भागेदारी हुई। इससे भारत का स्कोर 29 वें ओवर में 156 तक पहुंच गया। इस स्कोर पर विजय शकंर रन आउट हो गए। उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 41गेंदों पर 46 रन बना डाले।

इसके बाद केदार जाधव (11) और धोनी (0) सस्ते में निपट गए। धोनी तो पहली ही गेंद पर एडम जंपा का शिकार बन गए। लेकिन रविंद्र जाडेजा ने संभल कर खेलते हुए 40 गेंदों में न केवल 21 महत्वपूर्ण रन बनाए बल्कि कोहली के साथ सातवें विकेट के लिए 67 रन की साझेदारी भी निभाई। जब यह विकेट गिरा उस समय भारत का स्कोर 238 पर था। जाडेजा का विकेट कुमिंस ने लिया। इसके बाद भारतीय पारी 250 रन पर सिमट गई। उस पिच पर यह चुनौतीपूर्ण स्कोर था। आस्ट्रेलिया के लिए पैट कुमिंस ने 29 रन देकर चार विकेट लिए। एडम ज़ंपा ने दो खिलाड़ी आऊट किए।

भारत के इस स्कोर के सामने आस्ट्रेलिया ने काफी सधी हुई शुरूआत की। उनके सलामी बल्लेबाज ऐरोन फिंच और उसमान ख्वाजा ने पहली विकेट के लिए 14.3 ओवर में 83 रन जोड़ दिए। उस समय फिंच 37 रन बना कर कुलदीप यादव की गेंद पर पगबाधा आऊट हो गए। अगले ही ओवर में ख्वाजा भी 38 रन बना कर केदार जाधव की गेंद पर विराट कोहली को कैच दे बैठे। शॉन मार्श और पीटर हैंडसकॉब के बीच 39 रन की साझेदारी हुई जिसे रविंदर जाडेजा ने तोड़ दिया। मार्श का कैच धोनी ने लपका। मार्श 27 गेंदों पर 16 रन बना सके। ग्लेन मैक्सवेल को भी कुलदीप ने चार के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया। उस समय आस्ट्रेलिया काफी संकट में लग रहा था। पर माक्र्स सोटोनिस ने अर्धशतक जमा कर अपनी टीम को फिर से बराबरी पर ला दिया। जब तक स्टोनिस रहे तब तक आस्ट्रेलिया की जीत की संभावना बरकरार रही। सोटोनिस का उनके विकेटकीपर ऐलेक्स कैरी ने अच्छा साथ निभाया। कैरी ने 24 गेंदों पर 22 रन बनाए। पर बाद के खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। इसके बावजूद टक्कर अंतिम ओवर तक चली। अंतिम ओवर में आस्ट्रेलिया को जीत के लिए 11 रन चाहिए थे और उसके दो विकेट शेष थे। यह ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी गई हरफनमौला खिलाडी विजय शंकर को। उसने पहली ही गेंद पर जमे हुए बल्लेबाज टोनेस को पगबाधा आऊट कर दिया। अब उन्हें पांच गेंदों पर 11 रन चाहिए थे। दूसरी गेंद पर आस्ट्रेलिया के एडम ज़ंपा ने दो रन लिए। अब चार गेंदों पर नौ रन बनाने थे पर तीसरी गेंद पर विजय शंकर ने ज़ंपा को बोल्ड आऊट कर दिया। इस प्रकार उनकी टीम 242 रन पर आऊट हो गई और भारत आठ रन से यह मैच जीत गया।

बदला: रहस्य-रोमांच से भरी दिलचस्प कहानी

फिल्म ‘बदला’ एक ऐसी कहानी है जो बदला लेने के तौर-तरीके समझने पर है। अभिनय में नामी अमिताभ बच्चन वकील हैं। जिन्हें उस महिला से उन हालातों को समझना है जिसके कारण उसके प्रेमी की कार दुर्घटना में मौत या हत्या हो गई। शादीशुदा इस महिला का पति और बच्चा भी है। पुलिस को संदेह महिला पर है सवाल है क्या वह बरी होगी?

तापसी पन्नू ने उस महिला की भूमिका अदा की है। अमिताभ बच्चन उसकी ओर से बादल गुप्त नाम के वकील हैं। क्या वे कामयाब हो पाते हैं। यह जानने-समझने में कि कार से टक्कर में तापसी के प्रेमी की मौत हुई। यह मौत दुर्घटना ही थी या हत्या। इसे जानना और उसके रहस्यों से परतें हटाने का काम वकील की भूमिका में अमिताभ बच्चन के जिम्मे है। कहानी का रोमांच आखिर तक बना रहता है और फिल्म में एक के बाद दूसरी घटना उभरती है जो पूरे मामले को रहस्यमय और रोमांचक बनाए रखती है।

पूरी फिल्म में जिस तरह तापसी ने संवाद अदायगी की है। वह वाकई अद्भूत है। उनके प्रेमी की दुर्घटना में मौत क्या हत्या थी यह जानना ज़रूरी है। अमिताभ पूरी दास्तान समझने के लिए तर्क-वितर्क, बातचीत और बहस से पाठक को भी साथ ले लेते हैं। उधर तापसी ने अभिनय के विभिन्न रूपों को कौशन से पेश किया है। पूरी फिल्म को रोमांचक बनाए रखने में उनकी खासी भूमिका है।

बदला मे वकील के कौशल को खुफिया तौर पर जानना-समझना, हालातों को फिर  से तकनीकी आधार पर देखने और सबूत जुटाने का पूरा प्रयास अमिताभ के अभिनय से दिखता है। फिल्म वाकई तारीफ लायक है।

इस फिल्म में अमृता सिंह पंजाबी मां की भूमिका में खासी सराहनीय हैं। मलयाली अभिनेता टोनी ल्यूक जो तापसी के पे्रमी हैं। उनकी यह पहली हिंदी फिल्म है। अपने छोटे अभिनय में भी उन्होंने काफी बेहतर भूमिका निभाई है।

‘बदला’ फिल्म स्पैनिश क्राइम थ्रिलर ‘द इंविंसिबिल गेस्ट’ का बॉलीवुड रीमेक है। फिल्म निर्देशक सुजाय घोष ने इसे बेखूबी निर्देशित किया है। उन्होंने भारतीय परिवेश में इस फिल्म को देखने लायक बनाया है। फिल्म की ज़्यादातर शूटिंग यूरोपीय लोकेशन में हुई है। फिल्म देखने लायक है।

तहलका ब्यूरो

चोरी आपने की तो पूरा देश चौकीदार क्यों बने : राहुल 

जहाँ भाजपा ”चौकीदार” को अपना चुनावी जुमला बनाने पर तुली है वहीं  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी पर इसे लेकर हमला कर रहे हैं। मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में भाजपा के ”चौकीदार अभियान” पर कटाक्ष करते  हुए राहुल ने कहा कि ”तीस हजार करोड़ रुपये की चोरी आपने की और अपने दोस्त अनिल अंबानी को पैसा दे दिया। लेकिन आप पूरे देश को चौकीदार क्यों बना रहे हैं।”
उन्होंने ”चौकीदार चोर है” का नारा दोहराते हुए कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के गुनहगार को चीन ने बचा लिया और पीएम नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूल रहे थे। ”नरेंद्र मोदी की देशभक्ति यही है”।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश में जबरदस्ती देर रात ड्रामा कर जीएसटी लागू किया, जो कि गब्बर सिंह टैक्स है। ”उन्होंने कहा था कि वे आपको १५ लाख देंगें लेकिन पीएम ने जनता की जेब से ही उसका ही पैसा निकाल लिया।” राहुल ने ऐलान किया कि हमारी सरकार आएगी, तो जीएसटी को आसान किया जाएगा।
पीएम मोदी के ”मैं भी चौकीदार” अभियान पर भी कांग्रेस अध्यक्ष ने निशाना साधा।  राफेल का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी ”पकड़े” जाने पर पूरे देश को चौकीदार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।  ”लेकिन सवाल यह है कि चोरी आपने की तो पूरा देश क्यों चौकीदार बने।”
राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर ”चौकीदार चोर है” के नारे के साथ प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा – ”चौकीदार चोरी में शामिल था और जब वह पकड़ा गया तो चौकीदार ने कहा कि पूरा हिंदुस्तान ही चौकीदार है। लेकिन पकड़े जाने से पहले, पूरा हिंदुस्तान चोर नहीं था।”
राहुल ने कहा कि जब वह (मोदी) प्रधानमंत्री बने थे, उन्होंने कहा था कि मुझे प्रधानमंत्री मत बनाइए, मुझे चौकीदार बनाइए। याद है आपको? उन्होंने कभी नहीं कहा कि पूरे हिंदुस्तान को चौकीदार बना देंगे।

सत्तर साल की रट की भी एक्सपायरी डेट होती है : प्रियंका ‘

यूपी में इन दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ही चर्चा है। जहाँ भाजपा के कुछ नेता उनपर भद्दी टिप्णियों के कारण ट्रोल हो रहे हैं वहीं प्रियंका इन सबसे बेपरवाह  तीन दिवसीय पूर्वांचल दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार को सीतामढ़ी के मंदिर में पूजा अर्चना की और बाद में कंतित शरीफ मजार भी  गईं और वहां चादर चढ़ाई। इस बीच प्रियंका ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा – ”सत्तर साल की रट की भी एक्सपायरी डेट होती है।” गौरतलब है कि मोदी अपने तमाम भाषणों में पिछले ७० साल की सरकारों को फेल बताते हुए कांग्रेस पर हमला करते हैं।
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सीतामढ़ी के मंदिर में पूजा अर्चना की और उसके बाद वहां जुटे मीडिया के लोगों से बातचीत भी की। कांग्रेस नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर बरसीं। प्रियंका ने बिना नाम लिए पीएम मोदी पर हमला बोला और पूछा कि ५६ इंच के सीने वाले रोजगार क्यों नहीं देते हैं?
इस मौके पर प्रियंका ने कहा – ”आप (मोदी) कहते हैं आप शक्तिमान हैं, बड़े नेता हैं, आपका 56 इंच का सीना है तो फिर रोजगार क्यों नहीं दे सकते हैं? ये इनकी दुर्बलता है, इनकी सरकार एक दुर्बल सरकार है।” उन्होंने पूछा कि पांच साल में केंद्र सरकार ने क्या किया? ”कुछ भी नहीं किया।”प्रियंका ने सत्तर साल के मुद्दे पर पीएम मोदी पर कटाक्ष किया – ”सत्तर साल की रट की भी एक्सपायरी डेट होती है।”
यूपी में योगी सरकार के दो साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि उपलब्धियां गिनाने से कुछ नहीं होता, क्योंकि जमीन पर कुछ असर नहीं दिख रहा है। गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री उपलब्धियों की बात करते हैं, लेकिन मैं यहां जमीन पर घूम रही हूं और आम लोगों से बात कर रही हूं, किसान-आम लोग अब भी परेशान हैं। गौरतलब है कि आज ही योगी सरकार के दो साल पूरे हो गए।
प्रियंका के तीन दिवसीय पूर्वांचल दौरे का आज दूसरा दिन है। सोमवार को उन्होंने प्रयागराज में संगम में पूजा अर्चना की, जिसके बाद बोट यात्रा की शुरुआत की।  प्रियंका की बोट यात्रा १४० किलोमीटर की है, जिसमें वह प्रयागराज से निकल कर मिर्जापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेंगी। मंदिर दर्शन के बाद प्रियंका गांधी कंतित शरीफ मजार भी गईं और कांग्रेस नेता ने वहां चादर चढ़ाई।

कांग्रेस ने ५६, शिवपाल ने ३१ उम्मीदवार घोषित किये 

उत्तर प्रदेश के राजनीति का पारा लगातार चढ़ रहा है। जहाँ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने तीन दिन के दौरे से सूबे की राजनीति में जबरदस्त गर्मी पैदा कर दी है वहीं सुबह कांग्रेस ने अपनी पांचवीं सूची में ५६ उम्मीदवारों के नाम जारी किये हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी से अलग हुए अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को ३१ प्रत्याशियों के नाम घोषित किये हैं।
कांग्रेस की पांचवीं सूची में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और लक्षद्वीप की ५६ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम हैं। कांग्रेस ने आंध्र विधानसभा चुनाव के लिए १३२ और ओडिशा विधानसभा सीटों के लिए ३६ सीटों पर भी उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं।
सूची जारी करते हुए पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक ने बयान में बताया कि उत्तर प्रदेश की तीन, आंध्र प्रदेश की २२, असम की पांच, ओडिशा की छह, तेलंगाना की आठ, पश्चिम बंगाल की ११ और लक्षद्वीप की एक लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गए हैं।
कांग्रेस सूची में यूपी के गाजियाबाद से डॉली शर्मा, बुलन्दशहर से बंशीलाल पहाड़िया और मेरठ से हरेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया गया है जहाँ पहले ओमप्रकाश शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया था। पश्चिम बंगाल में जांगीपुर से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी, बहरामपुर से अधीर रंजन चौधरी और रायगंज से दीपा दास मुंशी को उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लिए पहले ही चार चरणों में ८१ उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
उधर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव ने लोकसभा चुनावों के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी है। शिवपाल यादव खुद फिरोजाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे जिससे साफ़ हो गया है कि उनका मुकाबला अपने भतीजे अक्षय यादव से होगा। पहले चर्चा थी कि वे कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते हैं लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं दिखा है।

गिरगिट की व्यथा

गिरगिट के आंसू देखे नहीं जा रहे थे। वह गिरगिट था, इसलिए उन आंसुओं को मगरमच्छ के आंसू तो कह नहीं सकते। वैसे भी हमने नेताओं के इतने घडिय़ाली आंसू देखे हंै कि अब हमें असली और मगरमच्छ के आंसुओं में फर्क साफ नजऱ आ जाता है। उस गिरगिट के आंसू गिरगिट के ही थे। उसकी सुबकियों में एक दर्द और वेदना थी। वह पीडा़ थी जो आज के दौर में किसी इंसान को दिखाई नहीं देती। पर खुदा का शुक्र है कि हम इंसान नहीं हैं। हम जानवर हैं वे भी ‘मूर्ख’ प्रजाति के, इसलिए हमें दूजों के दुख-दर्द साफ नजऱ आते हैं। हम उन्हें महसूस कर सकते हैं। हम ताबूतों की परिक्रमा दिखावे के लिए नहीं अपितु श्रद्धा के भाव से करते हैं। श्रद्धा दिखाने के लिए हमें कैमरों की ज़रूरत भी नहीं होती। हमारे यहां राजनैतिक व्यवस्था नहीं है इसलिए हम लाशों पर राजनीति नहीं करते। हम सीधे प्राणी हैं, और केवल अपना जीवन बचाने की कोशिश करते रहते हैं।

जाहिर था गिरगिट के आंसुओं में वही पीड़ा थी जो किसी भी नेता को उसकी कुर्सी जाने पर हो सकती है। पर गिरगिट के पास तो कोई कुर्सी नहीं थी तो वह इतना व्याकुल, परेशान और दर्द में डूबा क्यों था। हमने उससे व्यथा पूछी, तो वह अपने आंसुओं को पलकों पर रोकने का असफल प्रयास करते हुए बोला-‘अब क्या बताऊं’? रंग बदलने का मेरा एकाधिकार खतरे में आ गया है। मुझ से जल्दी तो नेता रंग बदलने लगे हैं। मैं अपनी जान बचाने के लिए रंग बदलता हूं पर वे तो कुर्सी हथियाने के लिए यह सब कर रहे हैं।

जिनकी राष्ट्र भक्ति को जीएसटी, आधार कार्ड और एफडीआई फूटी आंख नहीं सुहाते थे, आज उन्होंने ऐसा रंग बदला कि उसी जीएसटी, आधारकार्ड और एफडीआई में उन्हें सबसे बड़ी देशभक्ति दिखने लगी है। यह कलाबाजी हमारी छोटी सी बुद्धि में नहीं आई। उनके रंग और भी न्यारे हैं कहते हैं हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देंगे पर पहले ही साल में 37 लाख नौकरियों की बलि ले ली। हर एक के खाते में 15 लाख रुपए आने की बात को तो उन्होंने ‘जुमला’ बता कर दरकिनार ही कर दिया। अरे भाई जब कुछ करने की नीयत ही नहीं है तो फिर इतनी लंबी-लंबी छोडऩे की ज़रूरत क्या है? अब, जब नेता मेरी जगह लेने लग गए हैं तो मेरा क्या काम? मैं ‘मिनिस्टर बिदाऊट पोर्टफोलियों ‘ तो नहीं रह सकता, नेता रह सकते हैं पर मुझ में आत्मसम्मान है। मैं आत्महत्या करने की सोच रहा हंू।

हमने उसे समझाने का प्रयास उसी अंदाज में किया जिस अंदाज में कभी भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में किया था। हम ने बताया कि आत्महत्या पाप है। जान लेने का हक केवल उसी को है ‘जिसने जान दी है।’ गिरगिट ने तीखी नजऱों से हमें देखा और बोला-‘पूरी तरह ग़लत, आज तो जान लेने का हक ‘भीड’़ के पास है। चाहे जि़ंदा जला दे, चाहे पीट-पीट कर मार दे, किसी को घर में घुस कर मार दे, फ्रिज की तलाशी लेकर मार दे, किसी राजनेता की आलोचना करने पर मार दे, अखबार में लिखने पर मार दे। गोदरा, दिल्ली, मुजफ्फरनगर इसकी जिंदा मिसालें हैं। वैसे भी ‘आनर किलिंग’ के नाम पर कितनी जानें जाती हैं, कभी गिना है?’ अर्थ यह कि अब मारने का विभाग यमराज के पास नहीं ‘भीड़’ के पास या मवालियों के पास है, जिन्हें राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त है।

गिरगिट की बात कड़वी पर सच्ची थी। हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं था। नेताओं का जो रूप हमारे सामने आ रहा था उससे हम पूरी तरह अनभिज्ञ तो नहीं थे पर उसे भूल आवश्य चुके थे। गिरगिट की बातों ने हमारी यादाश्त पर पड़ा पर्दा हटा दिया और हमें गिरगिट के साथ न जाने क्यों सहानुभूति हो गई। अब हमें नेता और गिरगिट में से गिरगिट का अस्तित्व बचाना ज़रूरी लग रहा था। पर डर था कि कहीं यदि नेता जी को पता चल गया कि हम लोग गिरगिट को उन से बेहतर मान रहे हैं तो अपनी खैऱ नहीं। वैसे भी गौरी लंकेश को सबक सिखाने वाला या वाले अभी तक बाहर ही सैर कर रहे हैं। नेता जी का एक इशारा और हमारी आत्मा हमारा नश्वर शरीर त्याग कर परमात्मा में लीन हो जाएगी।

सावंत गोआ के नए सीएम 

पेशे से एक आयुर्वेद चिकित्सक और अभी तक स्पीकर प्रमोद सावंत गोवा के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा के शीर्ष नेताओ की दिल्ली में हुई बैठक में इसका फैसला किया गया। वहां कांग्रेस भी सरकार बनाने की काव्याद में थी लिहाजा भाजपा ने आज ही रात नए सीएम को शपथ का फैसला किया है। गोवा में सत्ता संतुलन साधने के लिए दो उप मुख्यमंत्री बनाने का  भी फैसला हुआ है।
जानकारी के मुताबिक गोवा के अपने सहयोगी दलों से सलाह मशविरा के बाद भाजपा ने सावंत के नाम पर मुहर लगा दी है। गोआ में सीएम का पद मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद खाली हुआ है जिनका आज शाम ६ बजे अंतिम संस्कार किया गया। प्रमोद सावंत आज रात मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
सांवत के सीएम बनने के साथ  ही प्रदेश में दो डिप्टी सीएम सुदिन धवलीकर और विजय सरदेसाई होंगे। सुदिन एमजेपी जबकि विजय जीएफपी के। सावंत उत्तरी गोवा स्थित सैनक्वलिम विधानसभा सीट से विधायक थे। वह पेशे से एक आयुर्वेद चिकित्सक हैं, उन्हें पर्रिकर का करीबी माना जाता था।
सावंत करोड़ो की संपत्ति के मालिक हैं और उनका जीवन भी पर्रिकर से अलग है। उनके पास ५ कारें बताई जाती हैं। निवेश के मालमे में सावंत काफी आगे हैं।

पर्रिकर का अंतिम संस्कार

गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का सोमवार शाम पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पुत्र उत्पल ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर तमाम बड़े नेता उपस्थित थे। उनका रविवार को निधन हो गया था।
गोवा के मिरामार बीच पर सोमवार शाम उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग जुटे। पीएम मोदी सहित तमाम बड़े नेताओं ने पर्रिकर को पणजी में श्रद्धांजलि दी। मिरामार बीच पर गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बंडोदकर का भी स्मारक है। पर्रिकर पिछले साल फरवरी से ही अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे थे।
पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था। उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई दिग्गजों ने उन्हें पणजी पहुंच श्रद्धांजलि दीं।
सादगी पसंद और उसी अंदाज़ में अपनी जिंदगी जीने वाले गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गोआ में बहुत लोकप्रिय नेता थे। सुबह उनका शव बीजेपी मुख्यालय में अंंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। उन्हे श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। पर्रिकर के निधन के बाद केंद्र सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है तो वही गोवा में सात दिन के शोक का ऐलान किया गया है। गोवा में आज सभी सरकारी दफ्कर बंद हैं।
इस बीच गोआ में भाजपा नए मुख्यमंत्री की तलाश भी शिद्दत से कर रही है। कांग्रेस ने भी राज्यपाल से मिलकर सबसे बड़े दल के नाते दावा पेश किया है। देखना है इस मामले में राजनीति क्या करबट लेती है।

हम भाजपा के खिलाफ लड़ रहे : प्रियंका

कांग्रेस के प्रति इन दिनों कड़वे बोल बोल रहीं बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस के यूपी में गठबंधन (सपा-बसपा-आरएलडी) को ७ सीटें छोड़ने के फैसले से बहुत गुस्से में हैं। वैसे खुद इस गठबंधन ने कांग्रेस के लिए महज २ सीटें छोड़ी थीं। अब मायावती की टिप्पणी कि ”कांग्रेस जबरदस्ती सीट छोड़ने का भ्रम (कन्फ्यूजन) न फैलाए” का जवाब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कुछ ऐसे दिया है – ”हमारे अंदर किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं है, हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
दोनों के बयानों से साफ़ है कि कांग्रेस को लेकर बसपा कुछ असुरक्षित महसूस कर रही है। मायावती के विपरीत उनकी सहयोगी सपा कांग्रेस के प्रति बहुत सोच-विचार कर ही टिप्पणी कर रही है। यह भी माना जा रहा है कि सपा के भीतर कुछ नेताओं का विचार है कि मायावती सपा को अपने मकसद के लिए ”इस्तेमाल” कर रही हैं।
अब जबकि लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा समय नहीं रह गया है। मायावती की कांग्रेस से नाराजगी की एक बड़ी बजह को राजनीतिक विश्लेषक इसलिए भी मान रहे हैं कि कांग्रेस जितनी मजबूत होगी यूपी में इसका सबसे ज्यादा नुक्सान मायावती और बसपा को उठाना पड़ेगा।
अब मायावती को प्रयागराज से वाराणसी तक बोट यात्रा कर रहीं प्रियंका गांधी ने दो टूक जवाब दिया है। प्रियंका ने कहा –  ”हमारे अंदर किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं है, हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रहे हैं।” प्रियंका के इस ब्यान का एक मतलब यह भी निकलता है कि लोक सभा चुनाव में उसका मुकाबला सिर्फ भाजपा से है और बसपा (गठबंधन) कहीं नहीं है। हालाँकि प्रियंका के कहने का मकसद सम्भवता यह रहा होगा कि ”कांग्रेस की महागठबंधन से कोइ लड़ाई नहीं। वह तो भाजपा को हारने के लिए काम कर रही है।
गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के लिए सात सीटें छोड़ने का ऐलान किया था। इससे यह सन्देश गया कि कांग्रेस खुद को भाजपा का असली विरोधी बताकर महागठबंधन को छोटा करके आंक रही हैं जिससे मायावाती भड़क गईं। मायावती ने कहा कि कांग्रेस से किसी भी प्रकार का गठबंधन और तालमेल नहीं है।

वाघेला के घर चोरी, चौकीदार पर शक 

गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और अब एनसीपी के नेता शंकरसिंह वाघेला के घर में लाखों की नकदी और गहने चोरी हो गए हैं। उनके घर पर तगड़ी सुरक्षा है फिर भी चोरी होने से पुलिस परेशान है। फिलहाल चोरी का शक चौकीदार पर जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चोरी को लेकर पेथापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिस चौकीदार पर शक जताया गया है उसकी पहचान बासुदेव नेपाली उर्फ शंभू गोरखा के रूप में हुई है। वारदात में उसकी पत्नी शारदा के भी शामिल होने की आशंका पुलिस को है।
जानकारी के मुताबिक शंभू गोरखा वाघेला के वसंत वागडो नामक बंगले में चौकीदार है। पुलिस में लिखवाई गयी रिपोर्ट के मुताबिक  बंगले से तीन लाख रुपयेके करीब की नकदी और दो लाख रुपये के गहने चोरी कर लिए गए। पुलिस के अनुसार, वाघेला के साथ काम करने वाले पेथापुर के निवासी ३५ साल के सूर्यसिंह हेमटूजी चावड़ा ने रविवार शाम एफआईआर दर्ज कराई।
इस एफआईआर में कहा गया है कि हमने चार साल पहले नेपाली को नौकरी पर रखा था और वह वसंत वागड़ो में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहा करता था। ”इसी दो  फरवरी को वाघेला ने मुझे बताया कि नेपाली अपने बच्चों और पत्नी के साथ अक्टूबर में निकल गया था और तब से वापस नहीं लौटा। ७ फरवरी को अलमारी में ७  लाख रुपये के गहने और नकदी नहीं मिले, जहां उन्हें रखा गया था।
जिस कमरे में अलमारी रखी गई थी, वहां तक नेपाली और उसकी पत्नी की ही पहुंच थी।” पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी इस मामले में नहीं हुई है।