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प्रियंका गांधी हिरासत में

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को शुक्रवार हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका ने उन्हें रोकने आई पुलिस से उन्हें रोकने के कानूनी कागज़ दिखाने को कहा लेकिन इनमें से एक पुलिसवाले ने कहा कि ”उन्हें ऊपर से फोन पर आदेश मिले हैं”। इस घटना के बाद राजनीतिक बबाल खड़ा हो गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता को उनके काफिले के साथ रोका। इस पर प्रियंका ने कहा कि यहाँ धारा १४४ नहीं है। वे काफिले के साथ नहीं जा रहीं बल्कि ४ लोगों के साथ हत्याकांड के शिकार लोगों के परिजनों का दुःख बांटने जा रही हैं। प्रियंका के  काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया।

याद रहे बुधवार को सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद पर १० लोगों की हत्या कर दी गई थी और २८ घायल हो गए थे। ख़बरों के मुताबिक मूर्तिया के बाहरी इलाके में सैकड़ों बीघा खेत है, जिस पर कुछ ग्रामीण पुश्तैनी तौर पर खेती करते आ रहे हैं। अब गाँव के प्रधान पर मामला दर्ज किया गया है।

जमीन विवाद में सोनभद्र में १० लोगों की हत्या के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए वहां जा रही थीं। सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा – ”हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ चार लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया है उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया है। जानकारी के मुताबिक एसडीएम की गाड़ी में प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस लाया गया है। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता वहां जमे हैं और उन्होंने सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि वे (कांग्रेस) झुकेंगे नहीं।

इससे पहले सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी ने पुलिस के पास रोके जाने का ऑर्डर नहीं होने की दलील दी। प्रियंका गांधी को मिर्जापुर के करीब नारायणपुर में रोका गया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। प्रियंका ने पूछा कि उन्हें किस आदेश के तहत रोका गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से पहले प्रियंका वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र की घटना में घायलों से मिलीं। उन्हें सोनभद्र हत्याकांड के घायलों के परिजनों ने आपबीती सुनाई।

आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार

दुर्दांत आतंकी हाफ़िज़ सईद को बुधवार को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया।  उस समय वो लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था जब पाक आतंक निरोधी दस्ते ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया  है। कुछ जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए यह नाटक किया है।

बुधवार को पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज को जेल भेज दिया। पाकिस्तान हाफिज पर पहले भी ऐक्शन करता  हालांकि उसे ढोंग ही माना जाता रहा है। पाक ने कभी उसके खिलाफ प्रभावी कदम नहीं उठाया है।

गौरतलब है कि हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित है। अमेरिका भी उसे अपनी तरफ से वैश्विक आतंकवादी घोषित करते हुए भारी-भरकम इनाम रखा है। हाफिज ने ही नवंबर २००८ में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रची थी। भारत ने उसके खिलाफ पाकिस्तान को कई सबूत दिए, लेकिन वह हाफिज पर ठोस कार्रवाई की जगह दिखावा ही करता रहा है।

ग्लेशियर गिरने के बाद श्रीखंड महादेव यात्रा रुकी

हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा बुधवार सुबह ग्लेशियर गिरने के बाद अस्थाई तौर पर रोक दी गयी है। ग्लेशियर गिरने से सात श्रद्धालु घायल हुए  हैं जबकि ६० को सुरक्षित निकाला गया है। सावन मास में इस यात्रा में बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु श्रीखंड महादेव यात्रा करते हैं। फिलहाल यात्रा को भीम द्वार पर रोक दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक पार्वती बैग के पास नैन सरोवर में बुधवार सुबह एक ग्लेशियर  गिरने के बाद यात्रा को रोका गया। घटना में सात तीर्थयात्री घायल हुए जिन्हें पार्वती बाग लाया गया और प्राथमिक उपचार दिया गया। ग्लेशियर गिरने के कारण करीब ६० तीर्थयात्री फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकालकर भीम द्वार पहुंचाया गया है।
नैन सरोवर में ग्लेशियर टूटने, विभिन्न बिंदुओं पर पहाड़ी खिसकने और बारिश होने के कारण शीर्ष की ओर तीर्थयात्रियों का आवागमन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। कुल्लू जिले के उपमंडल आनी के एसडीएम चेत सिंह के मुताबिक बुधवार तड़के  सिंहगाड़ में कोई यात्री पंजीकरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा – ”मौसम खराब चल रहा है और पार्वती बाग से आगे बर्फीले रास्ते पर चलना मुश्किल है। जैसे ही रेस्क्यू टीम निरीक्षण करेगी और मौसम साफ होगा तो यात्रा फिर से शुरू की जाएगी।”

उधर अहमदाबाद की एक महिला दिव्यांगनी व्यास को पार्वती बाग से एक किलोमीटर आगे ऑक्सीजन की कमी के कारण घुटन होने पर प्राथमिक चिकित्सा दी गई। उन्हें भी पार्वती बैग शिविर में लाया गया है।

कुलभूषण जाधव पर आईसीजे का आज आएगा फैसला

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार (आज) फैसला सुनाएगा। यह फैसला भारतीय समय के अनुसार शाम ६.३० बजे आएगा। देश भर में जाधव के लिए दुआ की जा रही है।

भारत ने बार-बार यह मसला उठाया है कि पाकिस्तान ने जाधव को अभी तक कांसुलर एक्सेस नहीं दी है। इसी आधार पर भारत ने २०१७ में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पाकिस्तान की अदालत ने जाधव को मृत्युदंड दिया है जिसे भारत ने  चुनौती दी है। भारत का कहना है कि जाधव जासूस नहीं हैं।

गौरतलब है कि जाधव एक रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी हैं। उन्हें पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल २०१७ में मौत की सजा सुनाई थी।

आईसीजे से आज आने वाले फैसले पर भारत ही नहीं पाकिस्तान की भी निगाह है। जाधव के हक़ में फैसला आया तो यह भारत की बड़ी जीत होगी। वैसे कई जानकार कहते हैं कि अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट का फैसला मानने के लिए कोई देश बाधित नहीं है। हालांकि जाधव के हक़ में फैसला आने पर भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के जरिये दवाब  बनाकर पाकिस्तान को इसे मानने के लिए बाध्य कर सकता है। इसी साल जनवरी में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि फैसला यदि भारत के पक्ष में आता है तो वह उसको मानने के लिए बाधित हैं।

स्पीकर करें फैसला, एमएलए विश्वास मत में आने के लिए बाध्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कर्नाटक में बागी विधायकों के मामले में फैसला  हुए कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर अपनी इच्छा से फैसला ले सकते हैं। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि बागी विधायकों को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। विधायकों के विधानसभा में आने की वाध्यता से मुक्त होने से सरकार बचाने की मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की कोशिश के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है।

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस-जद(एस) के १५ बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग करने को लेकर याचिका दायर की  गयी है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी है।  जो सवाल उठे हैं उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे।

सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को मामले से जुडी सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को  बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

उधर स्पीकर ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी होने के नाते उन्हें इन विधायकों के इस्तीफे पर पहले फैसला करने और बाद में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग पर फैसला करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी गुरुवार को विधानसभा में विश्वासमत का प्रस्ताव पेश करेंगे और अगर विधानसभा अध्यक्ष इन बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सरकार उससे पहले ही गिर सकती है। गुरूवार को बागी विधायक अनुपस्थित रहे तो विश्वास मत जीतने के लिए २०८ की संख्या आधार बन जाएगी। कांग्रेस-जेडीएस के पास सिर्फ १०१  विधायक हैं लिहाजा उनके लिए विश्वास मत जीतना आसान नहीं होगा।

इस्तीफों के बाद अब राहुल क्या करें…

लोकसभा चुनाव के पहले मुंबई कांग्रेस के चीफ के तौर पर विराजे, मिलिंद देवड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले अशोक चव्हाण भी महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ़ के पद से इस्तीफा दे चुके हैैं।

दोनों ही लोकसभा चुनावों में अपनी काबिलियत साबित करने में कामयाब नहीं रहे।हालांकि चुनावी नतीजों के तुरंत बाद उन्होंने असफलता की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश नहीं की। लेकिन राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस चीफ़ के पद से इस्तीफे के बाद यह फैसला लिया है। राहुल के इस्तीफे के बाद कांग्रेसियों में इस्तीफे की लाइन लगी हुई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पद अपना इस्तीफा दे दिया है।इससे पहले केशव चंद यादव ने भारतीय युवा कांग्रेस के चीफ पद से त्यागपत्र दे दिया था। कांग्रेस की एससी सेल से नितिन राउत पद छोड़ अलग हो चुके थे। समेन मित्रा,कमल नाथ ,राज बब्बर सुनील जाखड़,अजय कुमार आदि के इस्तीफों के साथ – साथ कांग्रेसी नेताओं द्वारा राहुल पर इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव बनाने वास्ते आत्महत्या करने और खूनी ख़त लिखने जैसे ड्रामें चापलूसी की हद नहीं तो और क्या है।इन इस्तीफों की फेहरिस्त और लंबी होती दिखेगी।

इन इस्तीफों में इन कांग्रेसी नेताओं की देश और कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्धता और नैतिक जिम्मेदारी के बजाय राहुल गांधी और गांधी परिवार के प्रति परंपरागत प्रतिबद्धता अधिक दिखाई देती है। जाहिर तौर पर इन इस्तीफों को कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के प्रति सामूहिक मजबूती दिखाने की कोशिशों के तौर पर दर्शाया जा रहा है।

जहां तक मिलिंद देवड़ा की बात की जाए तुम्हें एक मास लीडर के तौर पर कभी स्वीकारें नहीं गए। भले ही दक्षिण मध्य मुंबई से कांग्रेस की कैंपेनिंग में वह वह कोटक और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को शामिल करने में सफल हुए लेकिन वह अपनी सीट नहीं बचा पाए। मिलिंद को महाराष्ट्र से ज्यादा दिल्ली में अपनी सही भूमिका दिखाई देती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम देवड़ा पर तंज़ कसते हुए कहते हैं कि वह राष्ट्रीय स्तर के पद के लिए बहुत उत्सुक हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव तक मुम्बई पार्टी इकाई की देखरेख के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की एक समिति बनाए जाने के सुझाव पर निरुपम कहते हैं कि ऐसे कदम से पार्टी को और नुकसान होगा। यह राजनीतिक पार्टी है कोई कारपोरेट कंपनी नहीं।संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा , ‘इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है।यहां तो दूसरे क्षण ‘नेशनल’ लेवल का पद मांगा जा रहा है। यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए।’

लेकिन जाकिर अहमद- उपाध्यक्ष मुम्बई कांग्रेस कहते हैं, ‘उलूल जुलूल ! बयान देना संजय निरुपम का शगल है। वे अपने बडबोलेपन के चलते खुद का भी और पार्टी का भी नुकसान करते हैं। अपने बयानों के चलते वे पार्टी र्काकर्ताओं और ’ मुंबईकरों में अत्यधिक अलोकप्रिय हैं। चुनाव परिणाम इसका उदाहरण है।’

इसे मुंबई कांग्रेस में आपसी कलह की बू के तौर पर देखें जाने में कोई हर्ज नहीं है। यह अंतर्कलह मुंबई में है, महाराष्ट्र में है, राजस्थान में है, देश की हर कॉन्ग्रेस इकाई में है।

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद इस्तीफों का सिलसिला सारे देश में चलता रहेगा लेकिन सोचने की बात यह है कि कांग्रेस के यह कार्यकर्ता वाकई कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्धता रखते और पार्टी को जिताने का माद्दा रखते हैं तो यह स्थिति नहीं आती ।और यदि इनमें कांग्रेस की हार को लेकर नैतिकता बची हुई थी तो क्यों नहीं राहुल गांधी के इस्तीफे के पहने इन्होंने अपने इस्तीफे पेश कर दिए।

हाल ही में मुंबई के शिवड़ी कोर्ट में अपनी पेशी पर पहुंचे राहुल गांधी ने मुंबई के नेताओं से एक चुभता हुआ सवाल किया था। सवाल यह था कि जब मुंबई(मूसलाधार बारिश के चलते) डूब रही थी तब सारे नेता कहां थे ?क्यों नहीं वे सड़कों पर लोगों की सहायता करने उतरे?

जाहिर है इस तरह के सवालों का जवाब सिर्फ मुंबई के ही नेता नहीं बल्कि देशभर के कांग्रेसी नेताओं के पास नहीं है। अपनी अगली पीढ़ी के लिए जुताई- बुआई में मशगूल इन नेताओं के पास अगर जवाब होता तो वाकई लोकसभा में बुरी तरह मुंह की नहीं खानी पड़ती कांग्रेस को। राहुल शायद आम लोगों के दर्द को समझने और पहचानने में कुछ हद तक सफल रहे हैं।

दरअसल स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी और आजाद भारत की पहली दूसरी कड़ी तक जो कांग्रेस थी वह अब नहीं रही। मास की जगह क्लास तक सीमित रही कांग्रेस को अब भी वक्त है कि वह आम लोगों से जुड़े। लोकसभा में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को भी यह समझ में आ जाना चाहिए कि उसे महात्मा गांधी के उन पंक्तियों को याद कर राजनीति करनी चाहिए जो कहती है कि सत्ता का सुख देश के सबसे कमजोर और गरीब नागरिक तक पहुंचे।

हालांकि सत्ता का सुख चाहने वाले कांग्रेसी जरूर मौकापरस्ती नहीं चूकेंगे। महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए और उन्हें महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में कैबिनेट का दर्जा भी मिल गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी गिरीश महाजन ने दावा किया है कांग्रेस के कई नेता उनके संपर्क में है और पार्टी छोड़ना चाहते हैं। गुजरात में दो सीटों के लिए हुए चुनाव में भी ऐसा ही हुआ। कर्नाटक, गोवा में चल रहे महाभारत में भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है।कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप अपनी जगह पर सही हो सकते हैं लेकिन आरोप लगाने से उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी।सत्ता का लोभ होता ही इसी प्रकार है। कांग्रेस की कमान छोड़कर रााुलह भले ही यह साबित करने की कोशिश करें कि उन्हें सत्ता का लोभ नहीं है , वह खानदानी राजनीति के खिलाफ हैं और उनका कदम कांग्रेस की भलाई के लिए है । लेकिन इससेे ज्यादा जरूरी यह है कि कांग्रेस आज जनता के बीच जााए। उनके सुख दुख को समझे ,उनमें सहभागी बने। रफाल डील भ्रष्टाचार, नोटबंदी ,जीएसटी, हिंदुत्व जैसे कई मुद्दे हैं जिन पर कांग्रेस खूब बोल चुकी है। यह बात दीगर है चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इन मुद्दों को भुनाने की कोशिश की लेकिन उनका तंत्र आम लोगों तक इन मुद्दों की गहराई को समझाने में नाकामयाब रहा। राहुल को जरूरत है कि वह कांग्रेस की ओवरहालिंग करें। चिंतन मनन तो ठीक है अपनी युवा टीम के साथ भारत की पदयात्रा करें ।गली मोहल्लों में झोपड़ पट्टियों में जाएं। गांव की यात्रा करें। देश गांव में बसता है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जवान सीमाओं में डटे हैं उनके परिवार से मिलें। शहीदों के परिजनों की पीड़ा समझें।मजदूरों की सुनें। गरीबों की सुनें। दलितों की सुनें। एक रात किसी झोपड़ी में गुजार कर उनका मिशन पूरा नहीं होगा। देश की सबसेे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के सामने अब अपने अस्तित्व का सवाल खड़ा हो गया है। ऐसे घड़ी में कांग्रेसियों का यह स्यापा कांग्रेस के साथ बेइमानी नहीं तो और क्या है?

सीडब्ल्यूसी को लिखे पत्र राहुल के पत्र पर कांग्रेसी गौर करें

‘….स्वयंसेवक संघ और उनके द्वारा कब्जायी गई संस्थाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मैं लड़ा क्योंकि मैं भारत को प्यार करता हूं। कई बार मैं पूरी तरह अकेला खड़ा था….’ इस पत्र में छलका राहुल का दर्द इन इस्तीफों से खत्म हो जाएगा ?

अनुपस्थित मंत्रियों से पीएम नाखुश

पीएम मोदी अपने उन मंत्रियों से सख्त नाराज हैं जो रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते। पीएम ने ऐसे मंत्रियों के बारे में उसी दिन शाम तक उन्हें सूचित करने को कहा है।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक में यह बात कही। मोदी ने बैठक में कहा कि जो मंत्री रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते हैं, उनके बारे में उसी दिन शाम तक उन्हें बताया जाए। उन्होंने सांसदों को कहा कि सरकारी काम और योजनाओ के अलावा सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें।  साथ ही मोदी ने सांसदों से कहा कि जब संसद चल रही हो तो सदन में उपस्थित रहें।

इस मौके पर मोदी ने कहा कि सांसदों को राजनीति से हटकर काम करना चाहिए।  उन्होंने कहा – ”देश के सामने जल संकट है, इसलिए उसके लिए भी सांसदों को काम करना चाहिए। अपने इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनता की समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए। सांसदों और मंत्रियों को संसद में रहना चाहिए।”

पीएम ने कहा – ”सांसदों को अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताना चाहिए। पहली जो छाप होती है वही आखिरी छाप होती है। राजनीति से हटकर भी सांसदों को काम करना चाहिए।”
मोदी ने सुझाव दिया कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक इनोवेटिव काम करें। जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करें। राजनिति के साथ साथ सामाजिक काम करें। जानवरों की बीमारियों पर भी काम करें। टीबी, कोढ़ जैसे बीमारियों पर  मिशन मोड में काम करें।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन भी उपस्थित रहे। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद थे।

मुंबई के डोंगरी में ईमारत गिरी, ४५ दबे, २ की मौत

मुंबई में एक चार मंजिला ईमारत का बड़ा हिस्सा गिरने से उसमें कम से कम ४५ लोग मलबे में दब गए हैं। अभी तक की जानकारी  मुताबिक २ लोगों की मौत हो गयी है  जबकि कुछ जख्मी हैं। अभी तक दो बच्चों सहित सात लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दूसरे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम वहां पहुँच गयी हैं। लोग भी एक-एक पत्थर/मिट्टी निकालकर राहत कार्य में मदद कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक जहाँ यह ईमारत गिरी है वो बहुत संकरी गली है जिससे वहां जेसीबी ले जाने में दिक्कत आ रही है। इलाके में ६०-७० साल तक पुरानी इमारतें हैं। बारिश के बाद यहाँ इमारतों को नुक्सान का ख़तरा बढ़ा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुम्बई के डोंगरी इलाके में यह चार मंजिला ईमारत भरभरा कर ढह गई। हादसे में करीब ४५ लोगों के फंसे होने की आशंका है। सूचना मिलते ही दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।

राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के मुताबिक, संकरी गली होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मौके से सात लोगों को रेस्क्यू किया गया है। आसपास की इमारतें खाली करवाई जा रही हैं।

10 से 13 अक्टूबर के बीच हो सकते हैं महाराष्ट्र के असेंबली इलेक्शन !

चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले मिनिस्टर गिरीश महाजन की बात पर विश्वास करें तो महाराष्ट्र में असेंबली इलेक्शन 10 से 13 अक्टूबर के बीच हो सकते हैं। और 10 से 12 सितंबर के बीच आचार संहिता लागू हो सकती है।

गिरीश महाजन मेडिकल एजुकेशन और वॉटर रिसोर्सेस मिनिस्ट्री संभालते हैं और महाराष्ट्र की राजनीति अच्छी दखल रखते हैं।

हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह अंदाजा 2014 में हुए असेंबली इलेक्शन के तारीखों के आधार पर है। महाजन नासिक में हुए एक मीटिंग में बोल रहे थे।
महाजन ने कॉन्ग्रेस और एनसीपी से बीजेपी ज्वॉइन कर रहे आ रहे लीडर्स के बाबत उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों के कद्दावर नेता, फर्स्ट रैंक के नेता बीजेपी में आने के लिए इच्छुक हैं क्योंकि उनके पास और कोई ऑप्शन नहीं बचा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात को शुभकामनाएं देते हुए महाजन ने चुनौती भी दे डाली। उन्होंने कहा इलेक्शन में कांग्रेस और एनसीपी मिलकर 50 एमएलए भी नहीं जीता पाएगी।

सोलन हादसे में अब तक १२ शव निकले

हिमाचल प्रदेश के सोलन के पास रविवार शाम होटल भवन गिरने के हादसे में अब तक मलबे से १२ शव निकाले जा चुके हैं। इनमें ११सेना के जवान हैं। होटल मालिक की पत्नी की भी इस हादसे में मौत हो गयी।

कुम्हारहट्टी-नाहन मार्ग पर हुए इस हादसे में रेस्टोरेंट की बिल्डिंग गिरने के मामले की न्यायिक जांच के आदेश सरकार ने दिए हैं। रविवार देर रात और सोमवार सुबह  ९ और शव मलबे से  निकाले गए हैं। मलबे से अभी तक १२ शव निकाले जा चुके हैं जिनमें ९ सेना के जवान हैं। माना जा रहा कि दो और जवान अभी मलबे में दबे हैं।

अभी मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन जारी है। रविवार शाम सेना के एक जवान और रेस्टोरेंट मालिक की पत्नी का शव निकाला गया था।  और इसके बाद देर शाम जवानों के पांच और शव निकाले गए, जबकि तीन शव सोमवार सुबह आठ बजे निकाले।

डीसी सोलन के मुताबिक अब तक कुछ आर्मी जवानों सहित २३ लोगों को बचाया गया है। घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। रविवार शाम कुम्हारहट्टी-नाहन मार्ग पर कुम्मारहट्टी से आधा मील दूर एक रेस्टोरेंट की बिल्डिंग गिरने से असम राइफल के ३० जवानों सहित ४२ लोग मलबे में दब गए थे।

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ने सोमवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया। इसी मौके पर उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए। जयराम ने घायलों का हाल जानने के लिए अस्पताल का दौरा किया।