मॉब लिंचिंग बिहार के बाद अब झारखंड में मौत का काला साया लेकर आई है। झारखंड से मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है जिसके मुताबिक वहां एक महिला समेत चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
घटना के मुताबिक महिला सहित चार लोगों को भीड़ ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला। अभी तक हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना रविवार तड़के तीन बजे की है। मामले में करीब १२ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रामीणों के एक ग्रुप ने तीन घरों को घेरकर हमला बोल दिया। वे सभी लोगों को घर से उठाकर गांव के बाहर ले गए। आरोप के मुताबिक वहां इन लोगों ने उठाकर लाये लोगों को लाठी-डंडों से इतना पीटा कि चार लोगों की जान चली गयी। ग्रामीणों ने जिन लोगों की ह्त्या की उनमें एक महिला भी है।
मृतकों की पहचान फगनी देवी, चंपा भगत, सुना भगत और पेटी भगत के रूप में हुई है। हत्या के बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ित जादू टोना में शामिल थे। अंधविश्वास के कारण उनकी हत्या हुई है।
अब झारखंड में मॉब लिंचिंग, महिला समेत चार की जान ली
शीला दीक्षित पंच तत्व में विलीन
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का रविवार शाम निगम बोध घाट पर हजारों नम आँखों बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे संदीप दीक्षित ने अपनी मान की पार्थिव देह को अग्नि दी। उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े।
सुबह उनकी पार्थिव देह कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई। यहां सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोनिया ने कहा – ”वह मेरी बड़ी बहन और दोस्त थीं। हमेशा मुझे उनका समर्थन मिला।” याद रहे शनिवार दोपहर राजधानी के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में कॉर्डियक अरेस्ट से दिल्ली को विकास की नई ऊंचाई तक ले जाने वालीं शीला दीक्षित का निधन हो गया था। वे १५ साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने १० जनवरी को उन्हें दिल्ली अध्यक्ष की कमान सौंपी थी।
पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार देर शाम पूर्वी निजामुद्दीन स्थित दीक्षित के आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा – ”शीलाजी के निधन से दुखी हूं। वह मुझे बहुत प्यार करती थीं। दिल्ली और देश के लिए उन्होंने जो किया उसे हमेशा याद रखा जाएगा। वह पार्टी की बड़ी नेता थीं।” राहुल गांधी, जो इस समय अमेरिका में हैं, ने उन्हें कांग्रेस की बेटी बताया। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा – ”कुछ दिन पहले ही शीला जी से मिला था। वह मेरी मां जैसी थीं।”
शीला दीक्षित का जन्म ३१ मार्च, १९३८ को कपूरथला (पंजाब) में हुआ था। २०१४ में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि, उन्होंने २५ अगस्त, २०१४ को इस्तीफा दे दिया था। वे इस साल उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं लेकिन भाजपा के मनोज तिवारी से हार गईं थीं।
शीला यूपी की राजनीति में भी सक्रिय रहीं लेकिन लगातार चार लोकसभा चुनाव हारने के बाद १९९८ में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी दी। शीला ने चुनाव में पार्टी की कमान संभाली और चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने २०१३ तक तीन कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री पूरे किए। शीला ने राजीव सरकार में तीन साल केंद्रीय मंत्री पद भी संभाला।
वेस्ट इंडीज दौरे के लिए टीम घोषित, कोहली कप्तान
बीसीसीआई की चयन समिति ने वेस्टइंडीज दौरे के तीनों फार्मेट के मैचों के लिए भारतीय टीमों का ऐलान कर दिया है। एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समति ने रविवार को मुंबई में कप्तान विराट कोहली की उपस्थिति में हुई बैठक में टीम इंडिया का चयन किया। कोहली पूरे दौरे के लिए सभी फार्मेट के कप्तान रहेंगे।
भारतीय टीम में कई बदलाव किए गए हैं और हाल ही में विश्व कप में खेले कई वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। कई युवा चेहरों को अवसर दिया गया है।
चर्चित युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को तीनों फार्मेट है। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को वनडे और टी२० की के बजाये सिर्फ टेस्ट के लिए चयनित किया गया है। विराट कोहली को तीनों ही फॉर्मेट में कप्तान बनाए रखा गया है।
टीम में विश्व कप के दौरान चोटिल हुए शिखर धवन की टीम में वापसी हुई है। ऋषभ पंत की तरह ही विकेटकीपर रिद्धिमान साहा की टेस्ट टीम में वापसी हुई है। स्टार ओपनर रोहित शर्मा भी टेस्ट टीम में चुने गए हैं। विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन करने वाले हार्दिक पंड्या को आराम दिया गया है। उनके अलावा केदार जाधव और दिनेश कार्तिक भी टीम से बाहर हो गए हैं।
चयन कर्ताओं ने भारत की टी२० टीम में कई युवा खिलाड़ियों को चुना है। इनमें नवदीप सैनी, दीपक चाहर, राहुल चाहर, खलील अहमद और वॉशिंगटन सुंदर शामिल हैं। मनीष पांडेय की वनडे और टी२० दोनों टीमों में वापसी हुई है। नवदीप सैनी और राहुल चाहर पहली बार भारतीय टीम में चुने गए हैं। उधर श्रेयश अय्यर की वनडे और टी२० टीमों में वापसी हुई है। रवींद्र जडेजा को विश्व कप में लाजवाब प्रदर्शन के लिए तीनों फॉर्मेट में चुना गया है। भारत वेस्ट इंडीज में २ टेस्ट, ३ टी-२० और तीन ही एक दिवसीय मैच खेलेगा।
टेस्ट टीम – विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, रिद्धिमान साहा, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव।
एक दिवसीय टीम – विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडेय, ऋषभ पंत , रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, यजुवेंद्र चहल, केदार जाधव, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, खलील अहमद, नवदीप सैनी।
टी२० टीम – विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडेय, ऋषभ पंत, क्रुणाल पंड्या, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, राहुल चाहर, भुवनेश्वर कुमार, खलील अहमद, दीपक चाहर, नवदीप सैनी।
आनंदीबेन यूपी, टंडन एमपी के राज्यपाल
वेस्ट इंडीज नहीं जायेंगे धोनी
वेस्ट इंडीज दौरे के लिए टीम के चयन की तैयारी के बीच पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने दो महीने क्रिकेट से दूर रहने का फैसला किया है। इस दौरान धोनी सैनिकों के साथ रहेंगे।
”तहलका” की जानकारी के मुताबिक धोनी ने शनिवार को बीसीसीआई को अपने इस फैसले से अवगत करवा दिया है। ऐसे में वेस्ट इंडीज दौरे के लिए धोनी उपलब्ध नहीं रहेंगे। इससे युवा ऋषभ पंत के वेस्ट इंडीज दौरे के लिए जाने की सम्भावना पक्की दिख रही है।
पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज धोनी (३८) के हालांकि संन्यास लेने की सम्भावना नहीं दिख रही है। भले उनपर विश्व कप में धीमी बल्लेबाजी के आरोप लगे हों, ज्यादातर क्रिकेट जानकार मानते हैं कि धोनी को अभी खेलना चाहिए और टी-२० विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।
धोनी ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि वे फिलहाल दो महीने किसी भी तरह की क्रिकेट के लिए अनुपलब्ध रहेंगे। पूर्व कप्तान धोनी अगले दो महीनों के लिए पैरा सैन्य रेजिमेंट में शामिल रहेंगे। धोनी ने हालांकि, संन्यास का एलान नहीं किया है।
प्रियंका से मिल रो पड़े सोनभद्र के पीड़ित
पिछले २६ घंटे से पुलिस हिरासत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिलकर सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित रो पड़े। करीब १७ पीड़ित मिर्जापुर में प्रियंका गांधी से मिलने आये थे लेकिन पुलिस-प्रशासन ने उनसे सिर्फ दो ही लोगों से मिलने दिया। प्रियंका अब वहां धरने पर बैठीं हैं।
प्रियंका को पुलिस ने जमानत पर छोड़ने की बात कही लेकिन कांग्रेस नेता ने इससे साफ़ कर दिया। उन्होंने कि उन्होंने कोइ क़ानून नहीं तोड़ा जो जमानत दें। प्रियंका ने भी कड़ा प्रतिवाद किया कि उन्हें बिना किसी कारण यहाँ रोका गया है। प्रियंका से किये गए इस व्यवहार के लिए कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किये हैं।
कांग्रेस नेता तारिक़ अनवर ने आरोप लगाया है कि प्रियंका को इसलिए रोका गया है कि ताकि उनके साथ मीडिया भी सोनभद्र जाकर कहीं दुःख पीड़ित आदिवासियों का दर्द सामने न ले आये और योगी सरकार की पोल खुल जाए।
प्रियंका के आंदोलन से यूपी की राजनीति में हलचल मच गयी है। योगी सरकार भी रक्षात्मक दिख रही है। अब सोनभद्र नरसंहार पर सियासी संग्राम बढ़ गया है। याद रहे शुक्रवार को नरसंहार पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने मिर्जापुर में ही रोक लिया, जिसके बाद कांग्रेस महासचिव की पूरी रात पुलिस हिरासत में कटी।
देर रात तक अफसरों का मिर्जापुर गेस्ट हाउस में आना-जाना लगा रहा। प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया कि वो नरसंहार पीड़ितों से मिले बगैर वापस नहीं लौटेंगी। प्रियंका ने कहा कि जब तक उन्हें सोनभद्र नहीं जाने दिया जाएगा तब तक वो पीछे नहीं हटेंगी। गांधी ने प्रशासन से कहा कि अगर सोनभद्र में धारा १४४ लागू है तो वो पीड़ित परिवारों से मिर्जापुर या वाराणसी में भी मिल सकती हैं जिसके बाद सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिजन प्रियंका गांधी से मिलने चुनार गेस्ट हाउस पहुंचे लेकिन प्रशासन ने सिर्फ दो लोगों को ही प्रियंका गांधी से मिलने की इजाजत दी।
सोनभद्र पीड़ितों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को राज्य प्रशासन की तरफ से मिर्ज़ापुर में ही रोके जाने के बाद खासा बवाल मचा हुआ है। हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका रात भर मिर्जापुर के गेस्ट हाउस में रही। प्रियंका के साथ कई पार्टी कार्यकर्ता गेस्टहाउस के बाहर धरने पर बैठे हैं। प्रियंका ने ट्वीट भी किया कि वह पीड़ितों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगी। ”मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ़्तारी हर तरह से गैर-क़ानूनी है। पुलिस के लोगों ने मुझे सरकार का संदेश दिया है कि मैं पीड़ित परिजनों से नहीं मिल सकती।”
इस बीच टीएमसी के चार सांसदों के एक दल, जो पीड़ितों से मिलने जा रहा था, को वाराणसी एयरपोर्ट पर रोक लिया गया। टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन और अन्य अब घायलों से मिलने अस्पताल जा रहे हैं।
Priyanka Gandhi Vadra
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@priyankagandhi
मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।
सिद्धू का इस्तीफा मंजूर
पंजाब में मंत्री पद से नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को स्वीकार कर लिया। पिछले हफ्ते सिद्धू ने ट्वीट कर राहुल गांधी को सौंपे अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी और उसके बाद मुख्यमंत्री को भी अपना इस्तीफा भेज दिया था। सम्भावना जताई जा रही है कि सिद्धू को कांग्रेस संगठन में पद दिया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक रविवार को मुख्यमंत्री ने सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है जिसके बाद पंजाब में इन दोनों नेताओं के बीच लड़ाई का पहला दौर ख़तम हो गया है। रविवार को सीएम अमरिंदर ने सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करते हुए इसे राज्यपाल विजेंद्र पाल सिंह बदनोर के पास भेज दिया है।
देखना है कि सिद्धू को पार्टी आलाकमान अब क्या जिम्मेबारी देती है। हो सकता है कि उन्हें पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाए हालांकि आलाकमान को यह भी आशंका है कि इससे पंजाब में कैप्टेन-सिद्धू के बीच जंग का नया दौर शुरू हो जाए। ऐसे में उन्हें एआईसीसी में महासचिव या उपाध्यक्ष जैसा कोइ पद दिया जाए।
याद रहे फेरबदल में अपना विभाग बदले जाने से नवजोत सिंह सिद्धू नाराज चल रहे थे। इसके बाद वे १० जून को दिल्ली में राहुल गांधी से मिले थे और अपना इस्तीफा लिखा पत्र लिफ़ाफ़े में उन्हें सौंप दिया था। पिछले हफ्ते सिद्धू ने अपना इस्तीफा सीएम को भेजा था। इस तरह अब सिद्धू की मंत्री पद से पहली पारी समाप्त हो गयी है।
पुणे-सोलापुर मार्ग पर हादसे में ९ छात्रों की मौत
एक बड़े हादसे में शनिवार पुणे-सोलापुर हाईवे पर ९ छात्रों की मौत हो गयी। चालक के वाहन पर से नियंत्रण खोने के बाद कार डिवाइडर से जा टकराई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा पुणे-सोलापूर हाईवे पर हुआ। हादसा इतना भीषण था कि घटनास्थल पर ही इन युवकों की मौत हो गई। यह सभी कालेज छात्र थे। हादसे में जान गंवाने वाले सभी छात्र पुणे के यावत गांव के रहने वाले बताये गए हैं। हादसा देर रात कदम बस्ती के पास हुआ। जिस कार में यह छात्र सफर कर रहे थे उसका चालाक अचानक अपना नियंत्रण खो बैठा और कार डिवाइडर तोड़कर सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई।
घटना में जान गंवाने वाले सभी छात्र युवकों की पहचान कर ली गई है। उनके नाम अक्षय भारत वाईकर, विशाल सुभाष यादव, निखिल चंद्रकांत वाबले, सोनू ऊर्फ नूर महमद अब्बास दाया, परवेज आशपाक अत्तार, शुभम रामदास भिसे, अक्षय चंद्रकांत घिगे, दत्ता गणेश यादव, और जुबेर अजिज हैं। हादसे का शिकार छात्र यावत गांव जा रहे थे जब यह हादसा हुआ।
जानकारी के मुताबिक यह छात्र शुक्रवार सुबह कोकण इलाके के रायगढ़ में घूमने गए थे और लौटते वक्त यह हादसा हो गया। पुलिस ने हादसे के बाद घटनास्थल का जायजा लिया। जांच की जा रही है।










