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मुंबई में मानसून ….जनजीवन अस्त व्यस्त !

अंतराल के बाद एक बार फिर मुंबई में मानसून ने दस्तक दी है और इस बरसात ने हमेशा की तरह मुंबई , नवी मुंबई ,ठाणे और आसपास के इलाकों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। देर रात हुई मूसलाधार बारिश मुंबई के कई इलाकों को जलमग्न कर दिया। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है। तेज बारिश के कारण सड़कों पर गाड़ी चलाना तक मुश्किलों भरा हो रहा है। बुधवार सुबह अंधेरी फ्लाईओवर में लो विजिबिलिटी के कारण तीन कारें आपस में टकरा गई। जिसमें आठ लोग घायल हो गए।

मानसून के शुरुआती दौर में तेज़ बारिश ने मुंबई में तकरीबन तीस लोगों की जान ले ली थी। मालाड, ठाणे में दीवार गिरने, गोरेगांव में नाले में बच्चे के बहने की घटनाओं ने मुंबई के लोगों को दहलाकर रख दिया है।

मुंबई के निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है। ट्रैफिक जाम लगा हुआ है।रेलवे लोकल ट्रेनें अपने समय से विलंब चल रही है। मौसम विभाग ने आने वाले 2 दिनों में तेज बारिश की चेतावनी दी है।

नाबालिग बच्चे ने किया एक्सीडेंट तो जेल जायेंगे मां-बाप

ट्राफिक क़ानून में संशोधन हो गया है और अब यदि नाबालिग बच्चा (बेटा-बेटी) यदि वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है या फिर वो एक्सीडेंट कर देता है और उसमें किसी  की जान चली जाती है, तो अब सजा (या जेल) उसके माता-पिता को होगी। सरकार के मुताबिक संशोधन का मकसद ट्रैफिक नियमों का बेहतर पालन और हादसों में कमी लाना है।

संशोधन के मुताबिक बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अब जुर्माना ५००० रूपये कर दिया गया है। इसी तरह मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर भी ५००० रूपये जुर्माना भरना होगा। और यदि शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े गए तो जेब पर सीधा १० हजार रूपये का फटका लगेगा।

ट्रैफिक नियमों का पालन मजबूती से किया जाए, इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट १९८८ में बदलाव कर मोटर व्हीकल (संशोधन) बिल २०१९ को लोकसभा में पास किया गया। याद रहे यह बिल अप्रैल २०१७ में भी लोकसभा में पास हुआ था हालांकि राज्यसभा में अटक गया था। नए क़ानून में तय मानक से कमतर इंजन बनाने पर गाड़ी बनाने वाली कंपनियों पर ५०० करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने या वाहन का पंजीकरण करवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा।

अब सीमा से अधिक गति में गाड़ी चलाने पर ५००० रूपये जुर्माना भरना होगा। सामान्य (धारा-१७७) और (नई धारा-१७७ए) के तहत ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पहले १०० रूपये जुर्माना था जो अब ५०० रुपए कर दिया गया है। बिना टिकट बस में यात्रा (धारा-१७८) के तहत पहले बस में बिना टिकट यात्रा पर जुर्माना २०० की जगह ५००, ट्रैफिक विभाग के संबंधित अधिकारियों के आदेश को नहीं मानने (धारा-१७९) पर ५०० की जगह २०००, बगैर लाइसेंस जुर्माना ५०० की जगह ५०००, बिना योग्यता गाड़ी चलाने पर ५०० की जगह १० हजार, ओवरसाइज वाहन चलाने पर ५००० (नया नियम), तय सीमा से अधिक गति में गाड़ी चलाने पर ४०० की जगह अब एलएमवी पर १००० और एमएमवी (मध्यम) यात्री गाड़ियों पर २००० रूपये जुर्माना, कहतरनाक ड्राइविंग पर १००० की जगह ५००० रूपये जुर्माना, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर २००० की जगह अब भारी भरकम १० हज़ार जुर्माना, तेज गति से वहां चलाना या रेस करने पर ५०० की जगह ५०००, ओवरलोडिंग पर २०००/प्रति टन की जगह २० हजार प्रति टन, यात्रीवाहन में ओवरलोडिंग पर प्रत्येक अतिरिक्त यात्री १००० रूपये, सीट बेल्ट नहीं लगाने पर १०० की जगह अब १००० रूपये जुर्माना भरना पडेगा।

इसी तरह दोपहिया वाहनों की ओवरलोडिंग पर १०० की जगह २००० (तीन महीने  लाइसेंस रद्द भी हो जाएगा), आपातकालीन गाड़ी (एंबुलेंस आदि) को रास्ता नहीं देने पर १०,००० रूपये (नया नियम) जुर्माना, बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर १००० की जगह अब २०००, हिट एंड रन के मामले में सरकार अब २५ हजार की जगह २ या उससे अधिक मुआवजा निकट परिजन को, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात करते पकड़े जाने पर १००० की जगह ५००० रूपये जुर्माना और बिना हेलमेट दोपहिया चलाने पर अब १०० की जगह १००० जुर्माना (तीन महीने के लिए लाइसेंस भी जब्त) भरना होगा।

जनता के साथ धोखा -अन्ना हजारे

केंद्र सरकार द्वारा आरटीआई कानून में किए गए संशोधन से नाराज वरिष्ठ सामाजिक नेता अन्ना हजारे नाराज दिख रहे हैं ।उन्होंने इस संशोधन को देश के नागरिकों के साथ धोखा करार दिया है।

अन्ना हजारे ने कहा किसी कानून का मसौदा तैयार करते समय सरकार को जनता की राय लेनी चाहिए। बिना जनता की राय लिए मसौदा और कानून दोनों को केवल सरकार बनाएगी तो यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है। उन्होंने कहा कि 2005 में देश को सूचना का अधिकार मिला था उसमें संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं थी ।वह अपने आप में एक मुकम्मल अधिकार था जो हिंदुस्तान की जनता को मिला था लेकिन कानून में संशोधन कर सरकार देश की जनता को धोखा दे रही है।

अन्ना ने कहा इसके पहले भी अन्य सरकार द्वारा आरटीआई कानून को कमजोर करने की कोशिश की गई थी लेकिन उस वक्त उन्होंने आंदोलन किया जिसके चलते कानून बना रहा और जनता के हाथ अधिकार बना रहा। सरकार द्वारा आरटीआई कानून में संशोधन के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि यदि देश के लोग आरटीआई कानून की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए सड़कों पर उतरने तैयार हैं तो वह उनका एक बार फिर साथ देंगे हालांकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कर्नाटक के स्पीकर को आशा आज फ्लोर टेस्ट हो जाएगा

सर्वोच्च न्यायालय में कर्नाटक मसले पर सुनवाई मंगलवार को फिर टल गई। अदालत ने कहा कि स्पीकर आशावादी हैं। उम्मीद है आज फ्लोर टेस्ट हो जाएगा।

इसके बाद अदालत ने दो निर्दलीय विधायकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कल (बुधवार) तक के लिए स्‍थगित कर दी। उधर जिन विधायकों को स्पीकर ने बातचीत के बुलाया था, उन्होंने मिलने के लिए चार हफ्ते का वक्त माँगा है।

अदालत ने कहा कि स्पीकर चर्चा करवा रहे हैं, शाम तक वोटिंग हो सकती है। लिहाजा सुनवाई बुधवार को ही होगी। कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब याचिका दायर की गई है तो स्पीकर मतदान कैसे करा दें? सरकार को गिरना है आज या कल। इस पर अदालत ने कहा कि ये हम नहीं तय करेंगे कि सरकार कब गिर रही है लेकिन स्पीकर आशावादी हैं और बहस की बात कर रहे हैं। न्यायालय मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की तरफ से पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिये इन विधायकों की याचिका पर अब बुधवार को करेगा सुनवाई।

बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि स्‍पीकर शक्ति परीक्षण के तहत होने वाली वोटिंग को जानबूझ कर लटकाने की कोशिश कर रहे हैं। रोहतगी ने सर्वोच्‍च अदालत से यह गुजारिश की कि वह स्पीकर को निर्देश दे कि वह आज ही शाम को छह बजे तक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की विश्वासमत के लिए वोटिंग की प्रक्रिया को पूरा कराएं।

मंगलवार को अदालत में स्‍पीकर की ओर से यह कहा गया कि आज शाम तक विश्‍वास मत पर वोटिंग होने की संभावना है। इस पर अदालत ने दो निर्दलीय विधायकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कल यानी बुधवार तक के लिए स्‍थगित कर दी।

गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने सोमवार को आधी रात के बाद मतदान कराए बगैर ही सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। आज फिर से विश्वास मत पर बहस हो रही है। उम्‍मीद है कि शाम तक शक्ति प‍रीक्षण पर वोटिंग कराई जा सकती है। फिलहाल आज शाम तक कर्नाटक को लेकर स्थिति कुछ साफ़  है।

कश्मीर मध्यस्थता मामले पर बबाल

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे से बबाल मच गया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि दो हफ्ते पहले जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिले थे तो उन्होंने उन्हें (ट्रम्प को) कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का ”आग्रह” किया था। ट्रम्प ने यह दावा इमरान खान के साथ मुलाकात के बाद साझा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान किया। इसके बाद भारत में राजनीतिक तूफ़ान उठ खड़ा हुआ जिसके बाद सरकार को ब्यान जारी  करना पड़ा और उसने ट्रम्प के दावे को ”झूठ” बताया है।

उधर कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मध्यस्थता का आग्रह करने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को लेकर मंगलवार को मोदी पर जबरदस्त हमला बोला। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री जवाब दें कि उन्होंने यह पेशकश की थी या फिर ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं।

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा – ”अब व्हाइट हाउस ने लिखित रूप से यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प से कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा था। हमारे प्रधानमंत्री कब जागेंगे और अगर ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं तो उसे बकवास बताएंगे? या फिर वही सवाल कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मध्यस्थता के लिए कहा था?”

उधर भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के दावे के कुछ देर में बाद ही इसे खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा – ”भारत का रूख हमेशा से यही रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे।” भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया – ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई बात नहीं कही है। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए सीमा पार से आतंकवाद बंद होना अनिवार्य है।”

आज लोक सभा और राज्य सभा में भी कांग्रेस ने इस मसले पर सवाल उठाये हैं। दिलचस्प यह भी है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशी थरूर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता मोदी ऐसा कह सकते हैं क्योंकि कश्मीर पर भारत का स्टैंड दशकों से साफ़ रहा है कि यह द्विपक्षीय मसला है। ”विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि भारत ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है।”

उधर सुरजेवाला ने एक और ट्वीट में कहा – ”भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया। किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है।”

याद रहे सोमवार को पाक पीएम इमरान खान के साथ साझी प्रेस कांफ्रेंस में ट्रम्प ने कहा – ”मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रम्प ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी। मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी।”

हालाँकि ट्रम्प के इस दावे के तुरंत बाद भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई और विपक्ष ने इसे देश से विश्वासघात करार दिया। कांग्रेस लगातार इस मसले पर मोदी को घेर रही है और उनसे इसपर ब्यान देने को कह रही है।

आम्रपाली निवेशकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम्रपाली के करीब ४२,००० निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसले में नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) को आदेश दिया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करे। कोर्ट ने आम्रपाली के बंद पड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू करने को कहा है।

अदालत के इस फैसले से निवेशकों को बड़ी राहत मिली है। उधर कोर्ट ने मंगलवार के अपने आदेश में प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली की फंड में की गई गड़बड़ी की जांच करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर और अन्य निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज हो। हर तीन महीने में जांच की जानकारी कोर्ट को देने के लिए भी कहा गया है।

याद रहे नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के अधूरे प्रोजेक्ट पूरा करने में संसाधनों की कमी की बात कहकर हाथ खड़े करने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में १० मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों प्राधिकरणों ने घर खरीदारों के हितों को देखते हुए और सियासी दबाव के चलते आम्रपाली पर लीज एग्रीमेंट रद्द करने जैसी कोई कार्रवाई करने में खुद को लाचार बताया था। अब अदालत ने एनबीसीसी को ६ महीने में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्देश दिया है।

मुंबई बांद्रा एमटीएनएल बिल्डिंग आग । 80 लोगों को बचाया गया। कुछ लोगों के आग फंसे होने की संभावना।

रोबोट फायर फाइटर की मदद से बांद्रा MTNL बिल्डिंग में लगी भीषण आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। लोगों को अंदेशा है कि बिल्डिंग के अंदर कुछ लोग फंसे हुए हैं और उनकी आवाज सुनाई दे रही है। फायर ब्रिगेड आफिसर का भी मानना है कि बिल्डिंग में लोग फंसे हो सकते हैं और उनकी पूरी कोशिश है कि जब तक एक भी व्यक्ति बिल्डिंग आग में फंसा हुआ है तब तक उनका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। इस बिल्डिंग के छत पर 100 से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। इनमें से अभी तक लगभग 70 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। 30-35 लोग अभी भी इमारत की छत पर फंसे हुए हैं। तीसरी मंजिल और पांचवीं मंजिल पर कई लोगों के फंसे होने की खबर है। पांचवीं मंजिल पर MTNL का कैंटिन है। खबर है कि इस बिल्डिंग में कुछ कर्मचारी अपने परिवार के साथ रहते थे। अभी भी उनके फंसे होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।

रेस्क्यु ऑपरेशन के दौरान धुंवे से दम घुटने के कारण एक फायर ब्रिगेड के एक अफसर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फायर ब्रिगेड की 14 गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं। मुंबई बीजेपी प्रेसिडेंट आशीष शेलार ने बताया कि राहत भरी खबर यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं मिली है।

चीफ फायर ऑफिसर के अनुसार एमटीएनएल की बिल्डिंग में फायर फाइटिंग सिस्टम काम नहीं करने की वजह से स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो गई है। 9 मंजिली इमारत चौथे मंजिल पर दोपहर 3:00 बजे के करीब आग लगी थी।

कर्नाटक के बागी विधायकों को सर्वोच्च अदालत में झटका, तत्काल सुनवाई नहीं

कर्नाटक के बागी विधायकों को सोमवार को सर्वोच्च अदालत से झटका मिला है। सर्वोच्च अदालत ने उनकी तुरंत सुनवाई करने की फ़रियाद नामंजूर कर दी है। उधर कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों को समन भेजकर उनसे २३ जुलाई को सुबह ११ बजे दफ्तर में मिलने को कहा है। इससे आज (सोमवार) को विश्वास मत पर वोटिंग की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है जिससे भाजपा की बेचैनी बढ़ गयी है।
इस तरह कर्नाटक की राजनीतिक में उथल-पुथल जारी है। विधानसभा में आज (सोमवार) को विश्वास मत पर वोटिंग होनी है। उधर दो बागी विधायकों को सर्वोच्च न्यायालय ने झटका दिया है। अदालत ने दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। इन विधायकों ने अदालत से आज विधानसभा में विश्वास मत कराने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। मुकुल रोहतगी ने निर्दलीय विधायकों की तरफ से मामला उठाया तो प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि असंभव, आज सुनवाई नहीं हो सकती है।
इस बीच कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों को समन भेजकर उनसे २३ जुलाई को सुबह ११ बजे दफ्तर में मिलने को कहा है। गठबंधन नेताओं की तरफ से अयोग्य ठहराए जाने वाली बागी विधायकों की याचिका पर नोटिस भेजा गया है। स्पीकर ने कहा – ”मुझे भरोसा है कि विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा आज पूरी हो जाएगी और सदन वोटिंग के लिए सहमत होगा। मैं अकेले इस पर फैसला नहीं कर सकता, लेकिन मुझे विश्वास है कि सरकार वोटिंग आज कराने के अपने वादे को निभाएगी।”
इससे पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विश्वास मत के लिए बुधवार का दिन निश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तब तक इस पर चर्चा पूर्ण हो जाएगा। अब यह साफ़ हो गया है कि कमसे कम आज विशवास मत नहीं होगा।

उल्टी गिनती शुरू, कुछ देर में चंद्रयान-२ की उड़ान

भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-२ की तकनीकी गड़बड़ी दूर कर लेने  के बाद अब इसके प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। अब से करीब पोने दो घंटे बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा – ”सभी तैयारियां हो गई हैं। गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है। प्रक्षेपण पूर्व अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया।” चंद्रयान-२ को आज (सोमवार) २.४३ बजे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया जायेगा।
सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-२ के प्रक्षेपण की तैयारी पूरी है। मिशन की लागत करीब ९७८ करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि १५ जुलाई को तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसका प्रक्षेपण रोक दिया गया था। तीन दिन पहले इसे प्रक्षेपित किये जाने की नई तारीख का ऐलान किया गया था। इसरो ने घोषणा की कि रविवार की शाम ६.४३ बजे प्रक्षेपण के लिए २० घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी।
इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-२ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। वहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। यादरहे ११ साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन चंद्रयान-१ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के ३,४०० से ज्यादा चक्कर लगाए और यह ३१२ दिन (२९ अगस्त, २००९ तक) काम करता रहा। अब चंद्रयान २ देशवासियों के सपनों को ऊंची उड़ान देने के लिए तैयार है।

सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों से मिले योगी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नरसंहार पीड़ितों को लेकर मजबूत स्टैंड लेने और २६ घंटे हिरासत में रहने के बाद उनसे मिलने के एक दिन बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को सोनभद्र पहुंचे और पीड़ितों से मिले। प्रियंका को योगी प्रशासन ने सोनभद्र जाने से रोक दिया था। अब प्रियंका गांधी ने योगी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि देर से ही सही आपको पीड़ितों की याद तो आई। सीएम ने आज कहा आरोपियों पर एनएसए के तहत मामला चलेगा।
मुख्यमंत्री योदी आदित्यनाथ ने हत्याकांड के पीड़ित परिवार वालों से मुलाकात की। गौरतलब है कि सोनभद्र के उम्भा गांव में १७ जुलाई को जमीन के विवाद में १० लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। योगी ने सोनभद्र में जिम्मेदार पुलिसवालों को सस्पेंड करने के आदेश दिए। उन्होंने हत्याकांड में जान गंवाने वाले  लोगों के परिवारवालों को साढ़े १८ लाख रुपये (प्रत्येक) की आर्थिक मदद जबकि घायलों को ढाई लाख के मुआवजे का ऐलान किया।
गौरतलब है कि प्रियंका गांधी को जब सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया था  हिरासत में ले लिया था, तो नरसंहार के पीड़ित १७ लोग खुद उनसे मिलने मिर्जापुर आ पहुंचे थे। वे प्रियंका से मिलकर खूब रोये थे और कांग्रेस नेता ने उन्हें ढांढस बंधाया था।
योगी आदित्यनाथ से पहले कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी लेकिन उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद वो धरने पर बैठ गई थीं और शनिवार को २४ घंटे बाद धरना तब खत्म किया था जब पीड़ित उनसे मिल लिए। प्रियंका ने उन्हें हरसंभव मदद का वादा भी किया था। माना जाता है कि प्रियंका की इस राजनीति ने योगी सरकार को दवाब में ला दिया।
इस मामले में अब तक २९ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और चार अधिकारी भी निलंबित किये गए हैं। आज फिर मुख्यमंत्री योगी ने सोनभद्र नरसंहार के लिए कांग्रेस को ”जिम्मेदार” ठहराया। यह भी कहा कि आरोपी सपा का नेता है।