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सोनिया गांधी बनीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष

सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनाई गयी हैं। वे १९९८ से २०१७ तक लगातार १९ साल तक कांग्रेस की चुनी अध्यक्ष रह चुकी हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष पर बने रहने का प्रस्ताव हुआ लेकिन राहुल ने अपना इस्तीफा वापस लेने से मना कर दिया।

सीडब्ल्यूसी ने शाम को अपनी दूसरी बैठक में तीन प्रस्ताव पास किये जिनमें राहुल की अध्यक्षता की प्रशंसा की गयी। बैठक में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। वे अध्यक्ष के चुनाव तक अंतरिम अध्यक्ष का जिम्मा संभालेंगी। अब ऐसा लगता है कि जब भी दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होगा प्रियंका गांधी के अध्यक्ष बनने की ज्यादा संभावना रहेगी क्योंकि सीडब्ल्यूसी में राहुल के  बाद प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की सबसे ज्यादा मांग थी।

बैठक में बुलाये गए तमाम पीसीसी अध्यक्षों, सीएलपी नेताओं ने राहुल के मना  करने पर सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने पर जोर दिया। सभी का मानना था कि पार्टी को एकजुट रखने के लिए सोनिया गांधी को अध्यक्ष का जिम्मा संभालना चाहिए।

सुबह पांच उपसमितियां बनाई गयी थीं। इनके कमोवेश सभी सदस्यों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाये रखने के हक़ में फैसला दिया लेकिन राहुल ने साफ़ कर दिया कि वे अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगें। इसके बाद कार्यसमिति ने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालें। पहले न करने के बाद जब उनपर जोर  दिया गया तो सोनिया इसके लिए सहमत हो गईं।

सर्वसम्मिति से सीडब्ल्यूसी की बैठक में जम्मू कश्मीर की स्थिति पर भी चिंता जताई गयी। सरकार से मांग की गयी कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी जाए।

फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं वेणुगोपाल और सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। पांच जोन के आधार पर ली गई राय में सोनिया गांधी का नाम ही सामने आया। पहले तो उन्होंने मना लिया। लेकिन नेताओं के बहुत कहने पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के लिए हामी भर दी।

शाम सवा आठ बजे से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के तमाम नेता पार्टी मुख्यालय पहुंचे। बैठक में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और एके एंटनी समेत कई बड़े नेता मौजूद थे।

पहले पार्टी नेता बैठक में राहुल गांधी का इंतजार करते रहे। काफी कहने के बाद राहुल गांधी बैठक में पहुंचे और थोड़ी देर बाद वहां से चले गए। बैठक से निकलते वक्त उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर पर चर्चा की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष के चयन पर अभी फैसला नहीं हुआ है। मीटिंग चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर से हिंसा की खबरें आ रही हैं, हम इस बारे में चिंतित हैं। सरकार को बताना चाहिए कि वहां क्या चल रहा है।

लौट आओ गांधी !

कांग्रेस असमंजस में है। गांधी परिवार से बाहर वो अध्यक्ष चुने तो किसे चुने। कौन ऐसा है जो सर्वमान्य हो सकता है। मंथन चल रहा है। आज सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई जिसमें पांच उपसमितियां बनाई गयी हैं जिन्हें शाम आठ बजे तक अपनी राय बतानी है। राहुल गांधी ने अपने फैसले पर दृढ़ रहते हुए साफ़ कर दिया है वे अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। गांधी परिवार ने खुद को नया अध्यक्ष, भले कार्यवाहक ही, चुनने की प्रक्रिया से भी अलग कर लिया है। कांग्रेस में ”लौट आओ गांधी” की पुकार है, लेकिन गांधी तटस्थ मुद्रा में हैं।

अभी तक गांधी परिवार के कंधों पर अपना सुख-दुःख ढोती रही कांग्रेस के पास लोकतांत्रिक तरीके से अपना अध्यक्ष चुनने का अवसर है। यदि वो गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष आज चुनती है तो उसकी सबसे बड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंदी – भाजपा – का कांग्रेस के खिलाफ सबसे बड़ा ”परिवार निंदा हथियार” कुंद हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के लोक सभा चुनाव में अपनी जनसभाओं में बार-बार जब भी कांग्रेस की आलोचना की थी, उसमें ”गांधी परिवार” उनके निशाने पर सबसे ऊपर रहा था।

हो सकता है अध्यक्ष पद गांधी परिवार से बाहर जाने से कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष जैसी स्थिति भी बने, तो भी कांग्रेस को आज इस खतरे का सामना करते हुए और हिम्मत दिखाते हुए बाहर अध्यक्ष चुन लेना चाहिए। राहुल गांधी ने जिस तरह लोक सभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और तमाम भीतरी दबावों  बावजूद उस फैसले पर दृढ रहे, उससे जनता में उनके प्रति सकारात्मक संदेश गया है।

राहुल गांधी ऐसे नेता नहीं हैं जो अध्यक्ष नहीं रहने पर पार्टी में अप्रसांगिक हो जायेंगे। पिछले लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता थे। उनके नेतृत्व में कांग्रेस को १२ करोड़ से कुछ ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है जो कि भाजपा के २२ करोड़ से दस करोड़ ही कम है। कांग्रेस को भले सीटें ५५ ही मिलीं, १२ करोड़ लोगों का समर्थन पार्टी को कोइ छोटा समर्थन नहीं है। यह भी कि २०१४ में कांग्रेस को करीब १० करोड़ मत मिले थे, यानि इस बार उसे २ करोड़ ज्यादा लोगों ने पसंद किया। यह राहुल नेतृत्व में हुआ है।

बहुत से राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पुलवामा घटना नहीं हुई होती तो कांग्रेस के लिए सत्ता वापसी का अवसर भी बन सकता था। बहुत से निष्पक्ष विश्लेषक यह भी मानते है कि एक बड़े मीडिया वर्ग के चुनाव के समय ”पक्षपाती” हो जाने और पूरे लोक सभा चुनाव की धारा ”हिन्दू-मुस्लिम” और ”भारत पाकिस्तान” में बदल देने के बावजूद, सिर्फ राहुल गांधी ही ऐसे नेता थे जिन्होंने अकेले अपने बूते ताकतवर मोदी से मुकाबला किया। देश के ज्वलंत मुद्दों के नेपथ्य में चले जाने और ”धर्म और उग्र राष्ट्रवाद” के बहुत भावनात्मक मुद्दे के बावजूद राहुल जनता से जुड़े मुद्दों पर प्रचार करते रहे।

धारा ३७० पर जैसा साफ़ रुख राहुल गांधी ने दिखाया है, वह उन कांग्रेसियों के लिए सबक है जो ”वोट” के डर से अलग सुर अलापने लगे हैं। देश के क़ानून और संविधान की कीमत पर फैसले बाद में दुःख भी दे सकते हैं, लिहाजा राहुल के धारा ३७० पर रुख को देश में बहुत से चिंतक  सही मानते हैं।

लेकिन इन सबके बावजूद राहुल और प्रियंका गांधी में से किसी को अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए। गांधी परिवार का फैसला कांग्रेस को मानना चाहिए। भाजपा को  रणनीतिक रूप से भले गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष ज्यादा ”सूट” करता हो और भले उसे लगता हो कि इससे कांग्रेस में ”टूटफूट” का रास्ता खुल सकता है, कांग्रेस को इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। उसे गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष बनाकर और फिर पूरी एकजुटता दिखाकर अपने विरोधी राजनीतिक दलों को यह बताना चाहिए कि उसे इतना कमजोर समझना गलत है।

भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। वैसे ही जैसे कांग्रेस २००९ में आई थी।  तब भाजपा में भी निचले स्तर तक काडर में गहरी निराशा थी। लेकिन भाजपा सत्ता में आई और लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। इस देश की राजनीति में कोइ  अपरिहार्य नहीं। जनता गुण-दोष देखकर फैसला करती है। देश में  गंभीर आर्थिक चुनौतियों और मनमाने फैसलों से लेकर सरकारी प्रतिष्ठानों के दुरूपयोग के कई बड़े मुद्दे कांग्रेस के पास हैं। उसके पास देश के सामने खुद को दोबारा साबित करने के असंख्य मौके हैं।

राहुल ने कहा भी है कि अध्यक्ष न रहकर भी वे सक्रिय रहेंगे। अगले चुनाव में भी मोदी के मुकाबले जनता और कांग्रेस की स्वाभाविक पसंद राहुल ही रहेंगे। उनकी बहन प्रियंका भी लोकप्रियता में कम नहीं। लिहाजा कांग्रेस के पास ”क्रिस्मैटिक” और ”मास अपील वाली” लीडरशिप की कमी नहीं है। राहुल अध्यक्ष पद से मुक्त होकर जनता के बीच ज्यादा वक्त दे सकेंगे। सरकार की नीतियों पर ज्यादा आक्रमक होकर जनता के बीच जा सकेंगे।

इसलिए आज शाम कांग्रेस के पास एक बोल्ड फैसला लेने का अवसर है। उसके सामने दृढ इच्छाशक्ति और हिम्मत दिखाने का सुनहरा अवसर है। उसे यह अवसर और किसी ने नहीं गांधी परिवार ने ही दिया है। राहुल गांधी की मजबूत इच्छाशक्ति ने दिया है। कांग्रेस ”लौट आओ गांधी” का राग छोड़कर नया और गैर गांधी अध्यक्ष चुनती है तो यह कांग्रेस ही नहीं, गांधी परिवार की भी जीत होगी !

चर्चा में नाम
पांच-छह नाम हैं। मुकुल वासनिक से लेकर सुशील कुमार शिंदे तक। लेकिन कांग्रेस को ऐसा अध्यक्ष नहीं बनाना चाहिए जो ”कामचलाऊ” लगे। या ऐसा लगे कि उनके पीछे पार्टी को गांधी परिवार ही चलाएगा। सक्रिय अध्यक्ष चुनना ही कांग्रेस के लिए बेहतर होगा भले वो कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस ऐसा कर सकी तो लोगों में इससे बहुत बेहतर सन्देश जाएगा। पार्टी में से किसी ऐसे मध्य आयु के  नेता को अध्यक्ष बनाना चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके और अध्यक्ष जैसा लग सके। वासनिक, शिंदे से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे, मीरा कुमार, ग़ुलाम नबी आज़ाद, ज्योतरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट जैसे नाम सामने हैं। देखते हैं कांग्रेस क्या फैसला करती है !

रूस में राकेट परीक्षण के दौरान ब्लास्ट होने से ५ परमाणु वैज्ञानिकों की मौत

एक राकेट परीक्षण के दौरान ब्लास्ट होने से रूस में पांच परमाणू वैज्ञानिकों की मौत हो गयी है। इस हादसे में ९ लोग घायल हुए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना रूस के न्योनोस्का की है। रॅाकेट परीक्षण के वक्त  अचानक धमाका हो गया। इस धमाके में ५ वैज्ञानिकों की मौत हो गयी। हादसे में ९  लोग घायल हैं। हादसे के उपरांत न्योनोस्को से ४७ किलोमीटर दूर सेवेरोद्विंस्क शहर में रेडिएशन फैल गया है। रूस की मेडिकल टीम ने घायलों को टेस्ट साइट से बाहर निकाल लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद सेवेरोद्विंस्क शहर में रेडिएशन का स्तर सामान्य से २०  गुना ज्यादा बढ़ गया है। अधिकारियों ने हालांकि दावा किया है कि ४० मिनट के भीतर ही हालात पर काबू पा लिया गया।

हादसा तब हुआ जब वैज्ञानिक रॅाकेट के लिक्किड प्रोपेलेंट इंजन (एलपीई) का परीक्षण कर रहे थे। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिस समय धमाका हुआ उस वक्त वैज्ञानिक आइसोटोप के जरिए प्रपिल्शन सिस्टम (पीएस) को चलाने की कोशिश कर रहे थे। धमाके से टेस्ट साईट को भी काफी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल हालात सुधारने की कोशिश की जा रही है।

जेटली स्थिर, नायुडु ने हाल जाना

सांस लेने में दिक्कत के बाद शुक्रवार को दिल्ली के ”एम्स” में दाखिल किये गए वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत स्थिर बताई गयी। है शनिवार सुबह उप राष्ट्रपति वेंकैया नायुडु उनका हाल जानने एम्स पहुंचे।

उनका इलाज कर रहे डाक्टरों जेटली की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। शनिवार सुबह जेटली का हाल जानने के लिए उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू अस्पताल पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने डॉक्टरों से जेटली की सेहत के बारे में जानकारी ली। जेटली को कल शाम से ही आईसीयू में ऱखा गया है।

पिछले कल पीएम  मोदी सहित कई मंत्री जेटली का हाल जानने एम्स पहुंचे थे। मोदी   अलावा गृहमंत्री अमित शाह भी जेटली से मिलने एम्स पहुंचे थे। अरुण जेटली को शुक्रवार को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद उन्हें यहां लाया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्डियोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर वीके बहल की निगरानी में ट्रीटमेंट एंडोक्रिनोलोजिस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों द्वारा जेटली का इलाज किया जा रहा है। शनिवार सुबह नायुडु ने एम्स जा कर डाक्टरों से जेटली का कुशलक्षेम जाना और उनके परिजनों से बातचीत की।

डाक्टरों के मुताबिक जेटली की स्थिति स्थिर है और उपचार से स्थिति में सुधार हो रहा है। पिछले काफी समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे हैं और इसी वजह से दूसरी मोदी सरकार की केबिनेट में शामिल होने से उन्होंने मना कर दिया था।

खट्टर का कश्मीर की बेटियों पर विवादित बयान

इन दिनों भाजपा नेताओं के कश्मीर को लेकर अजीबोगरीब ब्यान आ रहे हैं। एक भाजपा विधायक का कश्मीर की बेटियों को लेकर बहुत विवादित ब्यान आया था और अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने विवादित बात कह दी है। उनके ब्यान वाला वीडियो वायरल हो गया है और लोग इस पर निंदा वाली टिप्णियां कर रहे हैं।
फतेहबाद में एक कार्यक्रम में सीएम ने अपने एक मंत्री की बात का रेफेरेंस देते हुए कहा – ”धनखड़ जी बिहार से बहु लाने की बात करते थे, अब तो कश्मीर का रास्ता साफ़ हो गया है।”
खट्टर के इस ब्यान से भूचाल मच गया है। उनके इस ब्यान की कड़ी निंदा की जा रही है।  सीएम के समर्थक कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने यह बात मजाक में कही थी और उनका कोइ गलत प्रयोजन नहीं था, खट्टर के इस ब्यान की हर तरफ निंदा हो रही है।
फतेहबाद में महर्षि भागीरथ जयंती कार्यक्रम में सीएम ने यह बेहद विवादित ब्यान दिया। इस कार्यक्रम में खट्टर ने खा – ”हमारे धनखड़जी (हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़) कहते थे कि बिहार से बहु लाएंगे। आजकल लोग कहने लगे हैं अब कश्मीर का रास्ता साफ हो गया है और कश्मीर से लड़की  लाएंगे।” जब खट्टर ने यह बात कही वे हरियाणा में सेक्स रेशो बढ़ने पर चर्चा कर रहे थे।
भले खट्टर ने यह बात ”मजाक” में कही लेकिन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री होने के कारण उन पर यह नैतिक दायित्व है कि वह मजाक में भी ऐसी बात न कहें जो मर्यादा को लांघती हो और बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी साबित हो और किसी की भावनाएं आहत होती हैं।
मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के फैसले के बाद देश भर में भाजपा नेताओं की तरफ से बेहूदे ब्यान आये हैं। सोशल मीडिया में भी बहुत आपत्तिजनक सन्देश फैलाये जा रहे हैं। बहुत से लोगों का कहना है कि मोदी-शाह जो सन्देश देश को अपनी सरकार के फैसले से देना चाहते हैं उसे भाजपा के ही नेता पलीता लगा रहे हैं।

अंधाधुन को श्रेष्ठ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म ”अंधाधुन” को जबकि बेस्ट पॉपुलर फिल्म का अवार्ड फिल्म ”बधाई” को मिला है। आयुष्मान खुराना को ”अंधाधुुन” और विक्की कौशल को ”उरी” के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया है जबकि बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड कीर्ति सुरेश को तेलगु फिल्म ”महानती” को मिला है।

इन अवार्ड्स की घोषणा ६६वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में की गयी है। दिल्ली के शास्त्री भवन में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में इन पुरस्कारों का ऐलान किया जा रहा है। फीचर फिल्मों के ३१ श्रेणियों में नेशनल अवॉर्ड दिए गए हैं जबकि २३ गैर फीचर और ३१ फीचर फिल्म में पुरस्कार दिए गए हैं। मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के लिए उत्तराखंड को अवॉर्ड दिया गया है।

कार्यक्रम में की गयी घोषणा के मुताबिक बेस्ट पॉपुलर फिल्म का अवार्ड ”बधाई हो” को दिया गया है। बेस्ट फीचर फिल्म का अवार्ड ”हेलारू” को मिला है जो गुजराती फिल्म है। बेस्ट डायरेक्शन का अवार्ड आदित्य धर की ”उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक” को दिया गया है।

अवार्ड्स की घोषणा के मुताबिक बेस्ट एक्टर का अवार्ड आयुष्मान खुराना को ”अंधाधुुन” और विक्की कौशल को ”उरी” के लिए दिया गया है। बेस्ट डेब्यू डायेक्टर का अवार्ड सुधाकर रेड्डी यकंती को उनकी मराठी फिल्म ”नाल” के लिए मिला है।

बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड सुरेखा सीकरी को ”बधाई हो” के लिए मिला है। बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड स्वानंद किरकिरे को ”चुंबक” के लिए दिया गया है। बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवार्ड अरिजीत सिंह को सॉन्ग बिंते दिल… फिल्म पद्मावत के लिए दिया गया है।
बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार बिंदू मालिनी के हिस्से गया है। उन्हें यह अवार्ड कन्नड़ फिल्म ”नाथीचरामी” के गीत के लिए मिला है। बेस्ट अडाप्टेड स्क्रीनप्ले का अवार्ड ”अंधाधुन’ को मिला है जबकि बेस्ट डायलॉग का अवार्ड ”तारीख” जो कि बंगाली फिल्म है को मिला है।

बेस्ट कास्ट्यूम डिजाइनर इंद्राक्षी पटनायक, गौरांग शाह, अर्चना राव को तेलगु फिल्म ”महानती” के लिए मिला है। बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर अवार्ड संजय लीला भंसाली को ”पद्मावत” के लिए दिया गया है। बेस्ट बैकग्राउंड म्यूजिक सास्वत सचदेवा को ”उरी” के लिए दिया गया है।

उधर बेस्ट कोरियोग्राफी में पद्मावत ने ”घूमर” के लिए बाजी मारी है जबकि बेस्ट लिरिक्स का अवार्ड ”नाथीचरामी” के लिए मिला है जो कन्नड़ फिल्म है। बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स का अवार्ड कन्नड़ फिल्म केजीएफ और एडब्ल्यूई (तेलुगू) को दिया गया है।

विस चुनावों के लिए भाजपा प्रभारी घोषित

जम्मू काश्मीर में धारा ३७० ख़त्म करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के बाद भाजपा अब आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है। शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव वाले राज्यों के लिए पार्टी प्रभारियों के नामों का ऐलान कर दिया।

गौरतलब है कि दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में   विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने इन चारों राज्यों में के लिए चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी बनाया है और केशव प्रसाद मौर्य और लक्ष्मण सवदी को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

उधर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली का चुनाव प्रभारी बनाया है वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और नित्यानंद राय को चुनाव सह प्रभारी भी बनाया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू को प्रदेश संगठन प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ को सह प्रभारी बनाया गया है।

 हरियाणा के लिए नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रभारी बनाया गया है, वहीं भूपेंद्र सिंह को सह प्रभारी बनाया गया है। झारखंड की जिम्मेदारी ओम प्रकाश माथुर को दी गई है, वहीं नंद किशोर यादव को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

उन्नाव मामले में सेंगर पर आरोप तय

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को उन्नाव दुष्कर्म मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ बलात्कार के आरोप तय कर दिए हैं। सेंगर के सहयोगी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के संबंध में आरोप तय किए हैं।

कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई कल (१० अगस्त) को करने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति ली जाएगी। अनुमति मिलती है तो सुनवाई शनिवार या मंगलवार को होगी क्योंकि सोमवार को ईद की छुट्टी है। तीस हजारी कोर्ट के जिला और सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के समक्ष सीबीआई ने आरोप पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता के पिता की पहले बुरी तरह पिटाई की गई थी और उसके कपड़े फाड़ दिए गए थे।

अपनी जांच के आधार पर सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि जो कट्टा और चार कारतूस पीड़िता की निशानदेही पर बरामद किये गए वह उसके नहीं थे। आरोपियों ने पुलिस के साथ मिलीभगत कर यह किया था। इसके अलावा एसआई कामता प्रसाद की गिरफ्तारी के एक माह बाद उसके घर से एक कट्टा बरामद हुआ था। कामता प्रसाद के वकील भरत सिंह की आपत्ति करने पर सीबीआई ने कहा कि उस हथियार की बरामदगी का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है।

बचाव पक्ष के वकीलों ने इन आरोपियों की ओर से आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई का केस पूरी तरह झूठा व बेबुनियाद है। इस बात को कोई साक्ष्य नहीं है कि पीड़िता के पिता को अवैध हथियार के मामले में फंसाया गया। पुलिस ने खुद उससे कट्टा और चार कारतूस बरामद किए थे।

समझौता एक्सप्रेस भी बंद की पाकिस्तान ने

भारतीय उच्चायुक्त को देश से बाहर करने के फरमान के बाद पाकिस्तान ने गुरूवार को समझौता एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया। अपने देश में भारतीय फिल्मों को भी पाकिस्तान ने बैन कर दिया। पाकिस्तान ने यह सारे फैसले भारत सरकार के धारा ३७० को ख़त्म करने और जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने के फैसले के बाद किया है।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बुधवार को नैशनल सेक्युरिटी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की थी।

नैशनल असेंबली में भी इमरान खान ने ”कश्मीरी भाइयों” के  समर्थन का ऐलान किया और भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिश्ते कम करने की भी बात कही जिसके बाद ही यह तमाम घटनाएं घटी हैं।

इस बीच पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवन ने इस बात का ऐलान किया कि भारतीय फिल्मों को अब पाकिस्तान के सिनेमाघर में प्रदर्शित नहीं किया जाएगा। भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल ३७० को कमजोर करने और ३५-ए को हटाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

याद रहे इससे पहले पाकिस्तान सरकार की तरफ समझौता एक्सप्रेस को रोकने का ऐलान किया गया है। वहीं पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध घटाते हुए व्यापारिक संबंध निलंबित करने का भी ऐलान किया है।

नाव पलटने से महाराष्ट्र में ९ की मौत

महाराष्ट्र में गुरूवार को बाढ़ राहत कार्य से जुडी एक नाव पलट जाने से ९ लोगों की मौत हो गयी। करीब १६ लोगों को बचा लिया गया।

महाराष्ट्र के सांगली जिले में यह हादसा तब हुआ जब ग्रामीणों से भरी नाव पलट गयी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्लॉक के भामनाल के पास गुरुवार को हुए इस हादसे में ९ ग्रामीणों की मौत हो गई। प्रशासन ने १६ लोगों को रेसक्यू कर लिया।

कर्नाटक और महाराष्ट्र में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है और कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।

रिपोर्ट्स  मुताबिक नाव में करीब ३० लोग सवार थे। बाकी ग्रामीणों की तलाश में रेसक्यू टीम ऑपरेशन चला रही है। हादसा उस वक़्त हुआ जब रेस्क्यू टीम का बोट ग्रामीणों को एक जगह से दूसरे जगह सुरक्षित बचाकर ले जा रही थी। राज्य में बने बाढ़ के हालात पर रक्षा मंत्रालय का कहना है कि लगातार बारिश और जलाशयों के पानी छोड़े जाने के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। दोनों राज्यों में प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं इसके लिए सेना सेना भी मदद कर रही है।

महाराष्ट्र के २०४ गांव और ११ हजार परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। जिसके लिए इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, नौसेना और वायु सेना की मदद ली जा रही है। भारी बारिश के चलते देश के कई हिस्से इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।