जापान चलाएगा भारत में पहली बुलेट ट्रेन

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अब ये तय हो गया है कि भारत में पहली बुलेट ट्रेन जापान के सहयोग से दौड़ेगी. बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर 12 दिसंबर को भारत और जापान के बीच करार हो गया है. दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस डील पर हस्ताक्षर किए. 98 हजार करोड़ रुपये की इस योजना पर करार होने के बाद मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का रास्ता साफ हो गया है. दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 505 किलोमीटर है जिसे ट्रेन से तय करने में अभी अमूमन 7 घंटे का वक्त लगता है. बुलेट ट्रेन चलने के बाद यह दूरी मात्र 2 घंटे में तय की जा सकेगी. इसमें एक तरफ की यात्रा करने का किराया लगभग 2800 रुपये होगा. इस परियोजना पर अनुमानित खर्च 98,805 करोड़ रुपये है जिसमें 2017 से 2023 के बीच निर्माण काल के दौरान मूल्य और ब्याज वृद्धि भी शामिल है. पटरी, ट्रेन और संचालन प्रणाली से जुड़े सभी उपकरण जापान ही उपलब्ध कराएगा. जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) और भारत के रेल मंत्रालय ने 2 साल पहले हाईस्पीड रेल नेटवर्क बनाने और चलाने संबंधी पहलुओं के अध्ययन पर काम शुरू किया था. जेआईसीए की फाइनल रिपोर्ट में कहा गया था कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि बुलेट ट्रेन का व्यावसायिक संचालन 2024 से शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि चीन भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर उत्साहित था लेकिन जापान के हाथ बाजी लगने के बाद भी चीन दुखी नहीं है. इस परियोजना के लिए चीन अधिक ब्याज दर पर पैसा देना चाहता था जिसके चलते मामला आगे नहीं बढ़ पाया. इस बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘ये डील गंवाने के बाद भी चीन हाईस्पीड रेल नेटवर्क के क्षेत्र में भारत का सहयोग करने के लिए आगे बढ़ेगा.’