असहिष्णुता के मुद्दे पर बयान देकर विवादों में घिरे बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने बुधवार को अपनी सफाई दी. आमिर ने अपने बयान में कहा है, ‘सबसे पहले मैं एक बात साफ करना चाहूंगा, न मेरा, न मेरी पत्नी का देश छोड़ने का कोई इरादा है. न हमारा ऐसा कोई इरादा था, न है और न होगा. जो कोई भी ऐसी बात फैलाने की कोशिश कर रहा है, उसने या तो मेरा इंटरव्यू नहीं देखा, या जानबूझकर गलतफहमी फैलाना चाह रहा है. भारत मेरा देश है, मैं इससे बेइंतहा प्यार करता हूं और यही मेरी सरज़मीं है.
दूसरी बात, इंटरव्यू के दौरान जो भी मैंने कहा है, मैं उस पर अटल हूं. जो लोग मुझे देशद्रोही कह रहे हैं उनसे मैं कहूंगा, मुझे गर्व है अपने हिन्दुस्तानी होने पर और इस सच्चाई के लिए मुझे न किसी की इजाजत की जरूरत है और न ही किसी के सर्टिफिकेट की. जो लोग इस वक्त मुझे गालियां दे रहे हैं, क्योंकि मैंने अपने दिल की बात कही है, उनसे मैं कहना चाहूंगा कि मुझे बड़ा दुख है कि वो मेरा कहा सच साबित कर रहे हैं और उन सारे लोगों का मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जो आज इस वक्त मेरे साथ खड़े हैं. हमें हमारे खूबसूरत और बेमिसाल देश के चरित्र को सुरक्षित रखना है. हमें सुरक्षित रखना है इसकी एकता को, इसकी अखंडता को, इसकी विविधता को, इसकी सभ्यता और संस्कृति को, इसके इतिहास को, इसके अनेकतावाद के विचार को, इसकी विविध भाषाओं को, इसके प्यार को, इसकी संवेदनशीलता को और इसकी जज्बाती ताकत को.’
आखिर में मैं रवींद्रनाथ टैगोर की एक कविता दोहराना चाहूंगा. कविता नहीं बल्कि यह एक प्रार्थना है-
जहां उड़ता फिरे मन बेखौफ
और सर हो शान से उठा हुआ
जहां ज्ञान हो सबके लिए बेरोकटोक
बिना शर्त रखा हुआ
जहां घर की चौखट सी छोटी
सरहदों में न बंटा हो जहां
जहां सच की गहराइयों से निकले हर बयान
जहां बाजुयें बिना थके
लकीरें कुछ मुकम्मल तराशें
जहां सही सोच को धुंधला न
पाएं उदास मुर्दा रवायतें
जहां दिलो-दिमाग तलाशें नए
ख्याल और उन्हें अंजाम दे
ऐसी आजादी के स्वर्ग में,
ऐ भगवान, मेरे वतन की हो नई सुबह
जय हिंद