क्लास में ड्यूटी लगा दी गयी कि बच्चों को सी डी की ए बी सी डी बतायी जाये, सो साहब शुरु हुआ।
बच्चो सीडी के बारे में क्या जानते हो-मैंने शुरुआत की।
प्रियंका चोपड़ा जी की सीडी होती है, राखी सावंतजी की सीडी होती है। कलियों का चमन बनता है- गाने की भी सीडी होती है, , जिसमें काम करने वाले बहुत कम कपड़े पहनते हैं या पहनती हैं। सरकार बनाने और गिराने की सीडी भी होती है, इसमें काम करने वाले यूं तो पूरे कपड़े पहनते हैं, फिर पता नहीं क्यों लगता है कि वो कपड़े बगैर ही स्क्रीन पर आ रहे हैं-एक बच्चे ने बताया।
शटअप, कलियों के चमन और सरकार का कंपेरीजन मत करो, बी सीरियस-मैंने डांटा।
राइट, कोई कंपेरीजन नहीं हो सकता है, कलियों का चमन एकैदम साफ सुथरा होता है। कोई कली दूसरी कली पर आरोप नहीं लगाती है कि हमसे पैसे लेकर उधर दूसरी तरफ भाग ली-दूसरे बच्चे ने क्लेरिफिकेशन दिया।
ओफ्फो, तुम समझ नहीं रहे हो, लोकतंत्र में सीडी के कई आयाम होते हैं। बच्चो बताओ, सीडी देखकर तुम्हे क्या समझ में आता है-मैंने बच्चों को नये सिरे से समझाने की कोशिश की।
सर यही समझ में आता है कि सीडी बहुत बोरिंग होती है। आप बताइए घंटों-घंटों सिर्फ नोटों के लेन देन को कोई कैसे देखे। सीडी में कुछ इंटरेस्टिंग एलीमेंट्स डाले जाने चाहिए। जैसे इस पार्टी का बंदा नोट लेकर उस पार्टी में जा रहा हो, तो पीछे से वह गाना बजना चाहिए-हे जोनी गद्दार. आज नकद और कल उधार, हे जोनी गद्दार, सब चलता है खेल में, हे जोनी गद्दार लग जा तू भी सेल में। जोनी……………। एकदम सस्पेंस का सीन हो जायेगा। पब्लिक देख लेगी, पांच दस मिनट। अभी तो ये सीडी बहुत बोरिंग होती हैं-एक बच्चे ने पूरी गंभीरता से बताया।
शटअप, ये किस तरह की बातें कर रहे हो। तुम सीडी के सारे पक्ष समझने की कोशिश करो-मैंने जोर से डांटा।
जी बिलकुल सही कह रहे हैं। सारे पक्ष नहीं समझ रहे हैं बच्चे। सरजी हम सीडी में नाट्य रुपांतरण डाल सकते हैं इस लेन देन को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए। मसलन शक्ति कपूरजी, गुलशन ग्रोवरजी को दिखा सकते हैं, नोटों का लेन देन करते हुए। पीछे से प्रियंका चोपड़ाजी गाना गा रही हों, अरे दीवानों मुझे पहचानो, मैं हूं डान। सर अब तक की सारी सीडियों में दिक्कत यह है कि लेडीज लोग का रोल नहीं दिखाया गया है। थर्टी परसेंट की डिमांड तो संसद में रिजर्वेशन को लेकर है। सीडी में प्रियंका चोपड़ा का नाट्य रुपांतरण दिखाया जाना चाहिए-एक बच्चा सीडी के और नये आयाम लेकर सामने आ गया है।
ये तुम क्या नयी नयी बातें लेकर आ रहे हो-मैंने अबकी बार बहुत ही जोर से डांटा।
यस सर आप सही कह रहे हैं-एक छात्र उठा, यह पुरानी फिल्मी गीतों का प्रेमी था।
वह बोला-सर हमें पुराने गीतों को भी सीडी में जगह देनी चाहिए। वह वाला गीत भी इसमें डालिये, तेरा पीछा ना छोड़ूंगा, भेज दे चाहे जेल में।
तुम तो सारे फिल्मों लोगों को, विलेनों को ही पालिटिक्स में डालने पर आमादा हो। ये क्या हो रहा है-मैंने बच्चों से पूछा।
जी शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर टाइप सारे पालिटिक्स में आने को तैयार हैं। कह रहे हैं कि उठाईगिरी, चोरी, डकैती, अपहरण करके भी एक झटके में पच्चीस करोड़ नहीं मिलते, यहां मिल जाते हैं-बच्चा जवाब दे रहा है।
बच्चो तुम सीडी की बात समझ नहीं पा रहे हो-मैंने निराश होकर कहा।
सर आप सीडी की बातें समझा ही कहां पा रहे हैं-सारे बच्चों ने एक साथ मिलकर कहा
वैसे मुझे लगता है कि शायद बच्चे सही कह रहे हैं।
आलोक पुराणिक