ये करे तो मरे
वो करे तो मरे
आदमी क्या करे
ये नहीं सूझता
वो नहीं बूझता
ये नहीं काम का
वो नहीं दाम का
ये करे गलतियां
और सजा वो भरे
आदमी क्या करे
ये जो हैं आफतें
तो वो हैं शामतें
ये हुआ तो अजब
वो हुआ तो गजब
ये नहीं मिल रहा
और वो भी है परे
आदमी क्या करे
विकास बहुगुणा