चक्र सुदर्शन
इस्तीफा दें या नहीं, मन में भारी पीर, दिल धकधक-धकधक करे छूट न जाए तीर. छूट न जाए तीर तनी आलाकामान है, और निकट ही विकट चुनावी घमासान है. चक्र सुदर्शन, हमें चाहिए नए खलीफा, अच्छा हो यदि सबके सब दे दें इस्तीफा. अशोक चक्रधर |
चक्र सुदर्शन
इस्तीफा दें या नहीं, मन में भारी पीर, दिल धकधक-धकधक करे छूट न जाए तीर. छूट न जाए तीर तनी आलाकामान है, और निकट ही विकट चुनावी घमासान है. चक्र सुदर्शन, हमें चाहिए नए खलीफा, अच्छा हो यदि सबके सब दे दें इस्तीफा. अशोक चक्रधर |