भाजपा नेता और भोपाल लोक सभा सीट से उसकी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के २६/११ मुंबई आतंकी हमले के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए अपमानजनक बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को नोटिस जारी कर एक दिन में जवाब मांगा है। निर्वाचन अधिकारी ने साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे पर की गई टिप्पणी को चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना है. भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस में बताया है कि यदि साध्वी एक दिन के भीतर अपना जवाब नहीं देती है तो उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है है कि सितंबर २००८ में महाराष्ट्र के मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। यह ब्लास्ट रमजान के वक्त हुआ था। ब्लास्ट के पीछे हिंदू संगठन का हाथ होने की बात सामने आई थी जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी असीमानंद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था।
फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और साध्वी प्रज्ञा जमानत पर हैं। भाजपा ने उन्हें भोपाल से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के मुकाबले चुनाव में उतारा है। इसे लेकर भाजपा की विपक्षी दल निंदा कर रहे हैं। यहाँ बता दें पीएम नरेंद्र मोदी ने मालेगांव धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के लोकसभा चुनाव लड़ने का बचाव किया है। मोदी का कहना है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी जमानत पर बाहर हैं।
हालांकि, साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में दो दिन पहले एक कार्यक्रम में शहीद हेमंत करकरे को लेकर बेहद अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी। उनके मुताबिक मालेगांव ब्लास्ट मामले में करकरे ने उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया था।
साध्वी प्रज्ञा ने अपने इस ब्यान में कहा था कि उन्होंने हेमंत करकरे को कहा था ”मेरा श्राप है तेरा सर्वनाश होगा। इसके ठीक सवा महीने बाद आतंकवादियों ने हेमंत करकरे को मार दिया था और यह मेरे श्राप का नतीजा था।” उनके इस ब्यान से देश में सिआसी तूफ़ान उठ खड़ा हुआ और भाजपा की खूब किरकिरी हुई। इसके बाद साध्वी से ब्यान दिलवाकर कहलवाया गया कि ”यह उनका निजी ब्यान था और इससे भाजपा का कोइ लेना देना नहीं था”। साथ ही उन्होंने इस ब्यान के लिए माफी भी माँगी थी।