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सिद्धू को आखिर पाकिस्तान जाने की सशर्त मंजूरी !

पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को तीन बार चिट्ठी लिखने के बाद आखिर विदेश मंत्रालय ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान जाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, उनके लिए शर्त रखी गयी है कि वे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के जत्थे के साथ ही करतार कॉरिडोर से ही  पाकिस्तान जा पाएंगे।

‘तहलका’ को मिली जानकारी के मुताबिक शाम ७ बजे के करीब विदेसह मंत्रालय ने सिद्धू को यह मंजूरी प्रदान की है। सिद्धू ने विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर को पत्र लिखकर करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान जाने की मंजूरी मांगी थी।

सिद्धू ने अपने पत्र में कहा था – ”पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने मुझे करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के लिए न्योता भेजा है। इस समारोह में भाग लेने के लिए मैं ९ नवंबर को सुबह साढ़े नौ बजे डेरा बाबा नानक की तरफ बने कॉरिडोर से पाकिस्तान जाना चाहता हूं ताकि साढ़े ११ बजे शुरू होने वाले उद्घाटन समारोह में पहुंच सकूँ।”

इस समारोह में हिस्सा लेने से पहले सिद्धू गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में नतमस्तक होकर श्रीगुरु नानक देवजी की कॉरिडोर बख्शीश के लिए शुकराना की अरदास करेंगे और एक सिख की तरह पंगत में बैठकर संगत के साथ लंगर छकेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद वह कॉरिडोर के रास्ते से लौट आएंगे।

सिद्धू ने जयशंकर को लिखे पत्र में कहा कि उनके लिए यह संभव नहीं है कि वह गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए एक दिन पहले आठ नवंबर को अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान जाएं। उसी दिन रात्रि वह गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में ठहरें। वह 9 नवंबर के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर कॉरिडोर के रास्ते ही लौटना चाहते  हैं। सिद्धू ने पत्र में लिखा कि उनके पास पाकिस्तान जाने का वीजा नहीं है। पाकिस्तान से मिले इन्वाइट की कॉपी भी सिद्धू विदेश मंत्रालय को भेज चुके हैं।

घाटी में ४ आतंकी गिरफ्तार

जम्मू -कश्मीर में आतंकियों के अप्रवासी मजदूरों पर हमलों के बीच सोपोर में भारतीय सेना में बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चार आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है। आशंका है कि यह आतंकी किसी बड़े हमले की तैयारी में थे।

जानकारी के मुताबिक सेना ने सोपोर में अमले की साजिश रचते हुए इन आतंकियों को पकड़ा है। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चला है कि पकडे गए आतंकी किस संगठन से जुड़े हैं। गिरफ्तार किए आतंकियों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही इस मामले में खुलासा हो सकता है।

इन आतंकियों को तब पकड़ा गया जब सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि सोपोर में कुछ संदिग्ध छिपे हुए हैं और बड़ी घटना कर सकते हैं। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने उस इलाके की घेराबंदी कर ली। घेरा कड़ा करते हुए बलों ने उन्हें एक घर से  गिरफ्तार कर लिया।

आतंकियों के पास से सुरक्षाबलों को हथियार भी मिले हैं। पकड़े लोगों की पहचान रमीज अहमद मल्ला, रियाज खालिक पार्रे, वसीम मंज़ूर गाज़ी और इखलाक इम्तियाज़ शेख के रूप में हुई है। उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही और उनके षड्यंत्र की जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है।

पाकिस्तानी वीडियो संगीत सांग में भिंडरावाले की फोटो पर भारत का विरोध

करतारपुर कॉरिडोर का अभी उद्धघाटन होना है लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान की हरकतों से बड़ा विवाद पैदा हो गया है। दरअसल पाकिस्तान ने एक वीडियो संगीत सांग जारी किया है, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी भिंडरावाले समेत दो और आतंकवादियों के फोटो शामिल हैं। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वीडियो में खालिस्तानी आतंकवादी भिंडरावाले समेत तीन आतंकवादियों की तस्वीर भी हैं जिससे पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

भारत ने इसे लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। पहले से यह आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान में कुछ लोग करतारपुर कॉरिडोर के बहाने खालिस्तान समर्थक लोगों की भावनाओं को भड़काने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

सरकारी स्तर पर पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है। हालांकि, अब  भिंडरावाले और दो अन्य आतंकवादियों के फोटो वाला संगीत वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान की नीयत पर भारत में सवाल उठाये जा रहे हैं।

शिवसेना को’ हॉर्स ट्रेडिंग’ का डर! सभी विधायकों को रंग शारदा होटल में रहने का आदेश!

भले ही सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, बीजेपी के सामने झुकने को तैयार नहीं है और बार-बार कह रही है कि वह बैकफुट पर नहीं है, लेकिन विधायकों के फूट को लेकर वह डरी हुई है।

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर उद्धव ठाकरे ने अपने निवास स्थान ‘मातोश्री’ में शिवसेना के विधायकों के साथ मीटिंग की। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने नवनिर्वाचित विधायकों को उनके कार्यों को लेकर गुरु मंत्र दिया है लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें आदेश दिया गया कि वह किसी भी हालात में बीजेपी वह अन्य के नेताओं से के संपर्क में न रहेंं।

‘मातोश्री’ में मीटिंग के बाद सभी विधायकों को बांद्रा के ही रंग शारदा होटल में पहुंचने का आदेश दिया गया अब वे सभी विधायक अगले (कम से कम 2 दिनों तक) आदेश तक वहीं रहेंगे।

हालांकि शिवसेना नेता संजय राउत ने इस बात से इनकार किया है और कहा है कि विधायकों को अलग नहीं रखा जा रहा है। संजय राउत ने बताया कि बैठक में सभी विधायकों ने उद्धव ठाकरे के निर्णय पर विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला चीफ मिनिस्टर कौन बनेगा।

शिवसेना ने अपने माउथ पीस ‘सामना’ में बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है।अपने एडिटोरियल मेंं सामना लिखता है बीजेपी महाराष्ट्र में पैसे और गुंडों का इस्तेमाल कर रही है सत्ता का इस्तेमाल बांटने में हो रहा है। बीजेपी के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बीजेपी पर लगे आरोपों पर कहा है कि शिवसेना के विधायक तोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।

खबर यह भी है कि शिवसेना में सरकार बनाने को लेकर दो फाड़ हो गए हैं एक चाहता है कि शिवसेना बीजेपी के साथ सरकार न बनाएं लेकिन दूसरा धड़ा इस पक्ष में नहीं है। गौरतलब हैकि सरकार बनाने की कवायद के दौरान बीजेपी के सांसद संजय काकडेे दावा किया 45 नवनिर्वाचित देवेंद्र विधायक देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में है हालांकि फडणवीस इन बातों को गलत कहा था।

बर्फबारी, हिमस्खलन से कश्मीर में ५ लोगों की मौत

कश्मीर में भारी बर्फबारी हुई है। भारी बर्फ से हिमस्खलन हुआ है जिससे हंदवाड़ा में सेना के दो जवानों की मौत हो गयी है। पिछली रात भी सेना से जुड़े दो पोर्टर एक नागरिक बर्फ के कारण मौत का शिकार हो गए जिससे बर्फबारी से मरने वालों की संख्या ५  हो गयी है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक बुधवार को हंदवाड़ा में हिमस्खलन से सेना के २ जवानों की मौत हो गयी। जबकि मंगलवार की रात सेना से जुड़े दो पोर्टर बर्फ में दबने के बाद जान गँवा बैठे। उधर राज्य मुख्यालय श्रीनगर सहित कई जगह यातायात ठप हो गया है और टेलीफोन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। वह १८ घंटे से बिजली भी गुल है।

बर्फबारी के बाद यातायात प्रभावित होने से लोगों की दिक्क्तें बढ़ गयी हैं। श्रीनगर में यातायात पर तो असर पड़ा ही है, टेलीफोन सेवा भी कमोवेश ठप हो गई हैं। पहले से कश्मीर गए सैलानियों में, हालांकि, बर्फबारी से उत्साह है। गुलमर्ग में अधिकतम और न्यूनतम तापमान माइनस में पहुंच गया है जबकि लेह का न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है।

कश्मीर में भारी बर्फबारी के बाद यातायात, टेलीफोन सेवाएं ठप

पहले से ही समस्यायों में फंसे जम्मू-कश्मीर में अब भारी बर्फबारी ने कहर ढा दिया  है। कश्मीर में बर्फबारी हुई है। इसके बाद राज्य मुख्यालय श्रीनगर सहित कई जगह
यातायात ठप हो गया है और टेलीफोन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

बर्फबारी के बाद यातायात प्रभावित होने से लोगों की दिक्क्तें बढ़ गयी हैं। श्रीनगर में यातायात पर तो असर पड़ा ही है, टेलीफोन सेवा भी कमोवेश ठप हो गई हैं। पहले से कश्मीर गए सैलानियों में, हालांकि, बर्फबारी से उत्साह है। गुलमर्ग में अधिकतम और न्यूनतम तापमान माइनस में पहुंच गया है जबकि लेह का न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है।

धारा ३७० ख़त्म होने और राज्य का विशेष सूबे का दर्जा ख़त्म किये जाने के बाद पैदा हुई समस्यायों के बीच जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में बुधवार को मौसम का पहला हिमपात हुआ। जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है।

पर्यटन स्थल गुलमर्ग के ऊंचाई वाले इलाकों में करीब दो फुट जबकि तंगदार में डेढ़ फुट बर्फ गिर चुकी है। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में बर्फबारी तड़के शुरू हो गई। गुलमर्ग से मिली रिपोर्टस के मुताबिक वहां करीब १२५-३० सैलानी हैं।

वैसे गुलमर्ग में सामान्य हालत में हज़ारों लोगों की भीड़ रहती रही है। फिलहाल वहां  पर्यटन कारोबार तीन महीने से ढीला है। बर्फबारी के बाद पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद ज़रूर बंधी है। बर्फबारी से माता श्रीवैष्णो देवी और कटड़ा में तापमान में गिरावट देखी गयी है। लगभग पूरे कश्मीर में बर्फबारी के बाद शीत लहर है।

उधर हिमाचल प्रदेश के किनौर और लाहुल स्पीति के अलावा उत्तराखंड में भी बर्फबारी की सूचना है।

महा’ चक्रवात: मुंबई से सटे पालघर मे अलर्ट ! गुजरात में एनडीआरएफ तैनात।

भूकंप के झटकों से उबर रहे पालघर अब ‘महा’ चक्रवात के चपेट में आने को है।अरब सागर में बने तूफानी ‘महा’ चक्रवात के मद्देनजर मुंबई से सटे सागर किनारे बसे पालघर के नागरिक परेशान हैं,डरे डरे से हैं।

एहतियातन तौर पर आज 6 नवंबर से 8 नवंबर तक स्कूल कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। सारी सरकारी एजेंसी अलर्ट मोड पर हैं।

मछुआरों को चेतावनी दी है किक वह अगले 2-3 दिनों तक मछली पकड़ने समंदर में ना जाएं। जो मछुआरे समंदर में गए हैं उन्हें भी तुरंत लौटा इमेज कहां गया है नागरिकों से कहां गया है कि जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलें।

पालघर में टूरिस्टो का भी जमावड़ा रहता है इसे देखते हुए समुद्र के किनारे होटल और रिसॉर्ट में रह जाए लोगों को होटल खाली करने का निर्देश दिया गया है। ये होटल और रिसॉर्ट अगले 3 दिनों तक बंद रहेंगे।

पालघर जिले के तटीय इलाकों में बसे 67 गांवों में
एहतियातन तौर अस्थाई तौर पर आवासीय व्यवस्था की गई है। स्कूल के अधिकारी व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। डॉक्टरों की टीम और फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट अलर्ट हैं।

समुद्री किनारे में बसे होने की वजह से यहां का मुख्य व्यवसाय मत्स्य उद्योग है। जानकारी के मुताबिक पालघर में पौने तीन हजार के करीब बोट हैं। जिनका मुख्य इस्तेमाल मछली पकड़ने में किया जाता है इनमें से लगभग 288 समुद्र में जा चुकी हैं। चिंता की बात यह है कि 138 बूट समंदर 10 मिलीलीटर चली गई हैं। प्रशासनिक इकाइयां उनकी वापसी में लगी हुई हैं ताकि किसी अनहोनी घटनाओं के चपेट में आने से बच जाएं।

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र से तटीय इलाकों को बांटने वाले गुजरात भी हाई अलर्ट मोड पर है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘महा’ केंद्र शासित प्रदेश दीव के पास गुजरात तट पर गुरुवार को टकराने से पहले कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इससे गुजरात के अलग अलग हिस्सों में भारी बारिश होने के साथ साथ में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।’महा’ चक्रवात पोरबंदर तट से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में करीब 650 किलोमीटर और अरब सागर में वेरावल के पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में 700 किलोमीटर दूरबताया जा रहा है जो पूर्व-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ सकता है। इसके तेजी से कमजोर पड़ने पर यह सात नवंबर की सुबह चक्रवाती तूफान बनकर दीव के पास गुजरात तट को पार कर सकता है। इस दरम्यान 70-80 से ल 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।

मौसम विभाग का मानना है कि सात नवंबर को जब ‘महा’ चक्रवात जब तट पर टकराएगा तो, भावनगर, सूरत, भरूच, आणंद, अहमदाबाद, बोटाद और वडोदरा में सात नवंबर को भारी बारिश के साथ मौसम तेजी से बदल सकता है। एहतियातन तौर पर इन इलाकों में नीवी व एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं।

क्या-क्या हो सकते हैं सत्ता समीकरण महाराष्ट्र में!

कल जिस तरह बीजेपी के चंद्रकांत पाटील ने दावा किया महाराष्ट्र सरकार बन जाएगी उसे देखते हुए भले ही माना जा सकता है कि देवेंद्र फडणवीस गुरुवार या शुक्रवार को दूसरी बार चीफ मिनिस्टर हद की शपथ लेने लेकिन शिवसेना के हट को देखते हुए यहां पर पेंच फंसा दिखाई देता है।

यह मानलें कि मामला सुलझ जाता है तो बीजेपी शिवसेना गठबंधन की सरकार बन सकती है।

यदि मामला नहीं सुुलझता, शिवसेना समर्थन नहीं देती तो बीजेपी अपने 105 सीटों के साथ इंडिपेंडेंट और छोटी मोटी पार्टियों को साथ जोड़कर सत्ता हासिल कर सकती है जो टेढ़ी खीर है।

बार-बार एनसीपी के साथ शिवसेना सांसद संजय राउत की मीटिंग को देखते हुए शिवसेना का एनसीपी के साथ मिलकर और कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ शिवसेना सत्ता में आ सकती है।

बीजेपी 2014 की तरह एनसीपी के बाहरी समर्थन आकर अपनी सरकार बनाएं और शिवसेना का इंतजार करें।

और यह सभी विकल्प फेल हो जाते हैं तो ऐसी सूरत में राष्ट्रपति शासन संवैधानिक विकल्प के तौर पर रह जाता है। राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य के सभी अधिकार गवर्नर के पास होते हैं। 9 नवंबर को मौजूदा सरकार का कार्यकाल अपने आप समाप्त हो जाएगा।

सरकार बनेगी ? उद्धव ठाकरे की महत्वपूर्ण मीटिंग आज। क्या बदल सकते हैं सत्ता के समीकरण ?

बीजेपी के सरकार बनाने के दावे के बाद शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे सुबह 11:30 बजे अब अपने निवास स्थान ‘मातोश्री’ में शिवसेना के MLAके साथ मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग की खबर के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनने के नये समीकरणों को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे नवनिर्वाचित विधायकों और सेना के आला लीडरों के साथ सरकार बनाने को लेकर शिवसेना की अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे।

बीजेपी के नेता चंद्रकांत पाटिल के इस दावे के बाद की शिवसेना और बीजेपी के बीच मामला सुलझ गया है शिवसेना की तरफ से तुरंत कोई रिएक्शन नहीं आया लेकिन सूत्रों का मानना है कि शिवसेना फिर भी चीफ मिनिस्टर पोस्ट के लिए हट बनाए हुए है। दूसरी ओर बीजेपी खेमे के हवाले से खबरों के मुताबिक बीजेपी अब शिवसेना को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और 16 मंत्री पद देने के लिए तैयार है लेकिन अमित शाह का निर्णय सीएम पद बीजेपी के पास ही बने रहने का है।

शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और आर एस एस सर संघ संचालक मोहन भागवत के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को के मद्देनज़र इस मतभेद को सुलझाने के लिए देवेंद्र फडणवीस ने भागवत से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात का का सकारात्मक प्रभाव इस खींचतान पर पड़ेगा।

कल शिवसेना के माउथपीस ‘सामना’ के दफ्तर में संजय राउत और कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई की मीटिंग का असर उद्धव ठाकरे की मीटिंग में दिखाई पड़ेगा यह देखने वाली बात होगी! भले ही एनसीपी और कॉन्ग्रेस यह कह रही है की बीजेपी- शिवसेना को मिले जनादेश के अनुसार सरकार बना लेनी चाहिए और वह विपक्ष की भूमिका में बैठना पसंद करेंगे लेकिन कहीं न कहीं वह बीजेपी को सत्ता से दूर देखने का स्वप्न भी पाले हुए हैं, जिसके चलते वह शिवसेना को सत्ता में देखते के लिए उन्हें सपोर्ट देने के लिए तैयार हो सकते हैं।इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना सरकार का रास्ता खुला?

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही नौटंकी लगभग 2 सप्ताह के बाद अब थम गई सी लगती नजर आ रही है। बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया है कि शिवसेना के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बनाएगी। इस सिलसिले में बीजेपी स्टेट चीफ चीफ चंद्रकांत पाटील गवर्नर भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात करेंगे। आज महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं को लेकर हो रही मीटिंग चल रही है ऐसा जाहिर किया गया लेकिन असली चर्चा किसानों की समस्याओं को लेकर नहीं बल्कि बीजेपी शिवसेना के आपसी मतभेदों को सुलझाने को लेकर हुई। मीटिंग के बाद मुनगंटीवार का कहना था कि महाराष्ट्र की जनता ने जनादेश बीजेपी शिवसेना महागठबंधन को दिया था इसलिए वह अपने सहयोगी दलों के साथ ही सत्ता बनाएगी। हालांकि इस विषय पर शिवसेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बैठक में बीजेपी के आला नेताओं के साथ-साथ शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, रामदास कदम आला लीडरान शामिल थे। इसके पहले आज दिन भर बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की अलग-अलग मीटिंग का सिलसिला चलता रहा।

एनसीपी ने साफ-साफ कह दिया कि वह विपक्ष में बैठना पसंद करेगी क्योंकि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। ऑडियोलॉजी डिफरेंस इसके चलते हैं कांग्रेस के एक गुट ने शिवसेना से गठबंधन कर सरकार बनाने से इंकार कर दिया था। माना जा रहा है कि शरद पवार और सोनिया गांधी की मीटिंग में भी सोनिया ने इन संभावना पर नकारात्मक रुख अपनाया था। शरद पवार से बार-बार मीटिंग शिवसेना द्वारा बीजेपी पर दबाव डालने के लिए की जा रही रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।

यदि अगले 72 घंटों के भीतर बीजेपी, सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होने के चलते सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करती तो यह दावा शिवसेना के कोर्ट में होता। और यदि दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा नहीं पेश करती तो 9 तारीख को संवैधानिक तौर पर महाराष्ट्र की सरकार विसर्जित हो जाती और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता था।
इस पूरे परिपेक्ष में भले ही एनसीपी भले ही कहती रही कि उसे मौका मिलने पर वह सत्ता बना सकती है कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर, लेकिन उसके लिए यह संभव उस सूरत मे होता जब बीजेपी सत्ता बनाने का दावा कर फ्लोर में अपना बहुमत साबित करने में असफल हो जाती।

इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 शिवसेना को 56 कांग्रेस को एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी। गौरतलब है बीजेपी शिवसेना आरपीआई आदि पार्टियों ने मिलकर अपना एक महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था दूसरी ओर कांग्रेस एनसीपी ने महागठबंधन बनाकर चुनावी महासमर में कूदी थी।