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इलेक्टोरल बॉन्ड पर संसद में कांग्रेस का हंगामा

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर गुरूवार को संसदमें जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने इस मामले को उठाया और कहा कि जब इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किए गए थे, तो हममें से कई लोगों ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई थी कि कैसे यह खासकर  सत्तारूढ़ पार्टी को प्रभावित करने का एक जरिया बन सकता है।

कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार को घेरा। मुख्य विपक्षी पार्टी ने मांग की कि भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड से मिलने वाले पूरे चंदे का खुलासा करे। लोकसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर पेपर टेबल पर रखने की बात कही। इस मसले को  लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ।

कांग्रेस ने लगातार दूसरे दिन इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें सदन का अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी। याद रहे कांग्रेस बॉन्ड में पारदर्शिता की मांग कर रही है।

कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कारोबारी और अमीर लोग सत्ताधारी पार्टी को चंदा देकर राजनीतिक हस्तक्षेप करेंगे। उधर, राज्यसभा में भी बॉन्ड और पीयूसी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने समेत अन्य मुद्दों पर राज्यसभा में हंगामा हुआ।

कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने कहा कि वे इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। कहा कि बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार को छिपाया गया। यह योजना सिर्फ चुनावों तक सीमित थी, लेकिन २०१८ में एक आरटीआई जानकारी में सामने आया कि सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आरबीआई को दरकिनार कर दिया।

कांग्रेस ने एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि सरकार ने आरबीआई के सुझाव और चेतावनियों को दरकिनार किया। इसके अलावा चुनाव आयोग ने २०१७ में इस योजना को आगे बढ़ा दिया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि २०१८ में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले पीएमओ ने इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री के लिए स्पेशल विंडो खोलने के लिए कहा था। जबकि स्कीम केवल लोकसभा चुनाव तक ही सीमित थी।

महाराष्ट्र में सरकार का रास्ता साफ़, शनिवार को राज्यपाल से मिलेंगे तीनों दलों के नेता

आखिर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता लगभग साफ़ हो गया है। शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल कोशियारी से मिलने जाएगा। इस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक यह सभी दल अपने-अपने विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे।

आज सुबह दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। इसमें महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ सरकार बनाने को लेकर चर्चा हुई। उसके बाद ही यह खबर आई है कि तीनों दल के नेता शनिवार को राज्यपाल से मिलेंगे। इन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय माँगा है।

‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक तीनों दलों में मंत्रालयों, पदों और साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर बात लगभग पूरी हो गयी है और सं चीजें तय कर ली गयी हैं। बहुत ज्यादा सम्भावना है कि शिव सेना का मुख्यमंत्री होगा पहले बनेगा और यह उद्धव ठाकरे होंगे।

एनसीपी और कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री के पद मिल सकते हैं। हो बारी-बारी से हो सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष शिव सेना का नहीं बल्कि कांग्रेस या एनसीपी में के किसी एक का होगा। उच्च अहम महकमे भी एनसीपी और कांग्रेस को मिलेंगे।
इससे पहले बुधवार को किसानों की मांगों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार किसानों की मांगों को लेकर बुधवार को पीएम मोदी से मिले थे जिससे कयासों का दौर शुरू हो गया था। पवार-मोदी मुलाकात के बाद शाम को दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच बैठक भी हुई थी।

फिर शाम को दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच मुलाकात में अहमद पटेल, वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण मौजूद रहे थे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा – “कांग्रेस-राकांपा के बीच विस्तृत और सकारात्मक बातचीत हुई है जो आगे भी जारी रहेगी। हमें उम्मीद है कि हम सभी जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने में सफल होंगे।”

मनु भाकर ने आईएसएसएफ में जीता गोल्ड

भारत की निशानेबाज हरियाणा की रहनी वाली मनु भाकर ने गुरुवार को पुतियान में  आईएसएसएफ विश्व कप फाइनल में विश्व रेकार्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। मनु सिर्फ १७ साल की हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की स्टार शूटर ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल में देश को पहला गोल्ड दिलाया और १० मीटर एयर पिस्टल में जूनियर वर्ल्ड कप रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया। इसके बाद भारत की  इलावेनिल वालारिवान  ने १० मीटर राइफल में देश को गोल्ड दूसरा गोल्ड दिलाया। मनु आईएसएसएफ विश्व कप में महिलाओं की १० मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली हिना सिद्धू के बाद दूसरी भारतीय निशानेबाज बन गईं हैं।

मनु भाकर ने जुनियर वर्ल्ड कप में १० मीटर एयर पिस्टल फाइनल्स में उन्होंने २४४.७ का स्कोर हासिल करते हुए जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया। दस मीटर एयर पिस्टल में मनु भाकर के साथ हिस्सा ले रही यशस्विनी देसवाल मेडल से चूक गईं और छठे स्थान पर रहीं। भाकर के बाद सर्बिया की जोरना ओरुनोविच २४१.९ अंकों के साथ दूसरे और चीन की वैंग २२१.८ अंकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

मनु आईएसएसएफ विश्व कप में महिलाओं की १० मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली हिना सिद्धू के बाद दूसरी भारतीय निशानेबाज बन गईं हैं।

इस स्पर्धा के फाइनल राउंड में भारत की यशस्विनी सिंह देसवाल छठे स्थान पर रहीं।  रजत पदक सर्बिया की जोराना अरुनोविक ने जीता, जबकि चीन की क्वियान वांग ने कांस्य पदक हासिल किया। पुरुषों की १० मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में अभिषेक वर्मा और सौरभ चौधरी ने फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। क्वालिफिकेशन में अभिषेक वर्मा ५८८ के साथ टॉप पर रहे, जबकि सौरभ चौधरी ५८१ सातवें स्थान पर रहे।

दिलचस्प यह है कि बुधवार को मनु शूटिंग वर्ल्ड कप फाइनल्स में महिलाओं के २५  मीटर एयर पिस्टल वर्ग में फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं। मनु और यशस्विनी दोनों ही अगले साल टोक्यो ओलंपिक के लिए १० मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कोटा हासिल कर चुकी हैं।

बच्चों को बंधक बनाने के आरोपी बाबा नित्यानंद के खिलाफ केस दर्ज

बच्चों को बंधक बनाकर अपने अनुयायियों से चंदा जुटाने का काम करवाने के आरोपी स्वयंभू बाबा नित्यानंद के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने नित्यानंद की दो शिष्याओं साध्वी प्राण प्रियनंदा और प्रियतत्व रिद्धि किरण को गिरफ्तार किया है।

नित्यानंद की दोनों शिष्याओं पर चार बच्चों का अपहरण, फ्लैट में बंधक बनाकर रखने और बाल मजदूरी करवाने का आरोप है। पुलिस ने जिस नित्यानंद के खिलाफ मामला दर्ज किया है उसके खिलाफ आरोप है कि उसने अहमदाबाद स्थित आश्रम के   संचालन के लिए बच्चों को बंधक बनाकर अपने अनुयायियों से चंदा जुटाने का काम करवाया।  इसके अलावा, पुलिस ने नित्यानंद की दो शिष्याओं साध्वी प्राण प्रियनंदा और प्रियतत्व रिद्धि किरण को भी गिरफ्तार किया है।

अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के मुताबिक एक फ्लैट और योगिनी सर्वज्ञपीठम आश्रम से चार बच्चों को मुक्त कराया गया था। इनके बयान दर्ज के आधार पर नित्यानंद के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक, आश्रम से छुड़ाए गए नौ और दस साल के बच्चों ने बताया कि उन्हें यातनाएं दी जा रही थीं और बाल श्रमिक के तौर पर उनसे काम करवाया जा रहा था।

इन बच्चों का आरोप है कि उन्हें फ्लैट में दस दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। इन आरोपों के बाद नित्यानंद की दोनों शिष्याओं को गिरफ्तार किया गया। फ्लैट से मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, जो उनके परिजनों का पता लगा रही है।

पवार-पीएम मुलाकात, कांग्रेस-एनसीपी बैठक

किसानों की मांगों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बुधवार को पीएम मोदी से मिलने से लेकर महाराष्ट्र से जुड़ी कई हलचल के बावजूद अभी वहां सरकार गठन की तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। पवार-मोदी मुलाकात के बाद शाम को जो दूसरी बड़ी हलचल हुई वह दिल्ली में कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच बैठक थी। अभी तक के संकेत यही हैं कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सुस्त रफ़्तार ही सही, बातचीत जारी है।

दिल्ली में शाम को कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच मुलाकात में अहमद पटेल, वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण मौजूद थे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा – “कांग्रेस-राकांपा के बीच विस्तृत और सकारात्मक बातचीत हुई है जो आगे भी जारी रहेगी। हमें उम्मीद है कि हम सभी जल्द ही महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने में सफल होंगे।”

सुबह जिस घटना की सबसे ज्यादा चर्चा रही, वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार की  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात थी। यह मुलाकात सूबे के किसानों को लेकर थी। पवार ने पीएम को एक पात्र सौंपा जिसमें उन्होंने दो जिलों मराठवाड़ा और विदर्भ में भारी बारिश से फसल की बर्बादी को लेकर जुटाए तथ्य साझे किये हैं। पवार  कहा – ”राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है, ऐसे में आपका इस मामले में दखल देना बेहद जरूरी है। यदि आप प्रभावित किसानों की मदद के लिए कुछ त्वरित निर्णय करते हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा। मैं इस संबंध में और भी जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं। आपको जल्द से जल्द भेजूंगा।”

इन दो घटनाओं से इतर एक ब्यान शिवसेना सांसद संजय राउत की तरफ से भी आया। उन्होंने कहा – ”कल (गुरुवार) तक सरकार को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। दिसंबर के पहले हफ्ते तक महाराष्ट्र में नई सरकार गठित हो जाएगी। राज्य में सबसे बड़ा दल भाजपा स्थिर सरकार नहीं दे पा रहा लिहाजा अन्य दलों पर यह जिम्मेदारी आ जाती है कि वे राज्य में एक स्थिर सरकार दें।”

उधर शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा – ”उद्धव ठाकरे ने सभी शिव सेना विधायकों को आधार कार्ड के साथ २२ नवंबर को मातोश्री बुलाया है।”

व्हाट्सएप ने जासूसी मामले में भारत सरकार से ‘खेद’ जताया

सरकार के लोकसभा को यह बताने कि सीबीआई, ईडी और आईबी समेत दस केंद्रीय एजेंसियों को टेलीफोन बातचीत टैप करने का अधिकार होने और उन्हें फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेना जरूरी है, के एक दिन बाद बुधवार को व्हाट्सएप ने हाल में सामने आये भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी मामले में भारत सरकार से खेद जताते हुए कहा है कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) इस मामले की जांच कर रहा है।

इससे पहले भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने व्हाट्सऐप उपयोक्ताओं के लिये एक चेतावनी जारी की जिसमें कहा गया कि एक एमपी४ फाइल के साथ वायरस फैल रहा है, जिसके कारण व्हाट्सऐप के उपयोक्ताओं को पता चले बिना उनकी निजी जानकारियां चोरी होने का जोखिम है।

व्हाट्सएप ने सरकार से कहा कि उन्हें सरकार के साथ अधिक तालमेल की जरूरत है। उसने सभी सुरक्षा उपायों का भरोसा भी दिया है। व्हाट्सएप के भारत सरकार से खेद जताने के बाद सरकार ने उम्मीद जताई कि व्हाट्सएप अपने सेफ्टी वाल को मजबूत करेगा। साथ ही कहा कि अब व्हाट्सएप में सुरक्षा उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ”सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है”।

इससे पहले आज लोकसभा में सरकार ने कहा कि हैंकिग और स्पाईवेयर से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट में पयार्प्त प्रावधान हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर भी काम कर रही है और इसे संसद में जल्द पेश किया जाएगा।

लोकसभा चुनाव नतीजों के आंकड़ों में ‘गड़बड़ी’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

लोक सभा के मई में हुए चुनाव में ईवीएम में कथित धांधली के आरोप के साथ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी है। इस याचिका में दावा किया गया है कि ५४२ निर्वाचन क्षेत्रों में ३४७ सीटों पर मतदान और मतगणना में विसंगतियां थीं।
यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सर्वोच्च अदालत में दायर की है। इसमें मांग है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह किसी भी चुनाव के अंतिम फैसले की घोषणा से पहले वोट डाटा का वास्तविक और सटीक मिलान स्थापित करे। साथ ही इसमें २०१९ के लोकसभा चुनाव परिणामों से संबंधित आंकड़ों में सामने आईं ऐसी सभी गड़बड़ियों  की जांच की भी मांग की है।

इस याचिका में चुनाव आयोग की चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा गया है कि कई मौकों पर चुनाव आयोग ने २०१९ के लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अपने ऐप – माई वोटर्स टर्नआउट – में मतदान का डाटा बदला था।

याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि डाटा में किए गए यह फेरबदल गड़बड़ियां छिपाने के लिए गए हो सकते हैं। याचिका के मुताबिक विशेषज्ञों की एक टीम ने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में पड़े मतों की संख्या और गिने गए मतों की संख्या के बीच गड़बड़ियों का अध्ययन किया। यह अध्ययन २८ मई और ३० जून, २०१९ को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के साथ-साथ उसके ऐप – माय वोटर्स टर्नआउट ऐप – पर बेस्ड था।

याचिका के मुताबिक इन दो आंकड़ों पर याचिकाकर्ता की नजर में निष्कर्ष निकलता  है कि ५४२ निर्वाचन क्षेत्रों में ३४७ सीटों पर मतदान फिगर और मतगणना फिगर में विसंगतियां थीं। विसंगतियां एक वोट से १,०१,३२३ वोट तक हुई हैं। छह सीटें ऐसी हैं, जहां वोटों में विसंगति जीत के अंतर से अधिक है। याचिका के मुताबिक विसंगतियों के कुल वोट ७,३९,१०४ हैं।

याचिकाकर्ता की मांग है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह किसी भी चुनाव के अंतिम फैसले की घोषणा से पहले वोट डाटा का वास्तविक और सटीक मिलान स्थापित करे। याचिका में २०१९ के लोकसभा चुनाव परिणामों से संबंधित आंकड़ों में सामने आईं ऐसी सभी गड़बड़ियों की जांच की भी मांग की गयी है।

एसपीजी कवर हटने के बाद सोनिया गांधी को दी गयी १० साल पुरानी एसयूवी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की १९९१ में एलटीटीई के आतंकियों के हाथों हत्या के बाद गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के बाद राजीव गांधी की  विधवा और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को १० साल पुरानी गैर बुलेट प्रूफ एसयूवी और पुलिस की सुरक्षा सरकार की तरफ दी गयी है। कांग्रेस ने यह मुद्दा पहले लोकसभा और अब राज्यसभा में उठाते हुए सरकार से कहा है कि सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।

एसपीजी का गठन १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। राजीव गांधी को दिया जा रहा एसपीजी कवर उनके ऑफिस छोड़ने के बाद हटा दिया गया था और इसी दौरान उनकी हत्या हो गयी थी। उनकी हत्या के गंभीर खतरे को देखते हुए  सोनिया गांधी और उनके बच्चों- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के सरकार के फैसले से पहले पूर्व पीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी वापस ले ली गयी थी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को एसपीजी की तरफ से बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू कर दी गई है। अब देश में सिर्फ पीएम मोदी के पास यह सुरक्षा कवर है।

सरकार का कहना कि सुरक्षा व्‍यवस्‍था में बदलाव स मामले की सुरक्षा समिति की सिफारिश के आधार पर कहा  गया है कि गांधी परिवार के थ्रेट परसेप्शन को देखते हुए उन्हें अब एसपीजी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। अब गांधी परिवार को १० साल पुरानी टाटा सफारी और पुलिस सुरक्षा दी गई है। मंगलवार के बाद बुधवार को भी संसद में कांग्रेस ने इस मामले को उठाया और पीएम मोदी से सुरक्षा व्‍यवस्‍था में किए गए बदलाव पर जवाब मांगा।

गौरतलब है कि इस महीने के शुरु में गांधी परिवार से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) कवर को हटा दिया गया था और उन्हें जेड-प्ल्स सिक्योरिटी दी गई थी।  जेड-प्ल्स सिक्योरिटी के तहत सौ सुरक्षाकर्मी सुरक्षा जिम्मा संभालते हैं। एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी ने एसपीजी का उन्हें इतने साल तक सुरक्षा देने के लिए आभार जताया था।

साल १९९१ में श्रीलंका स्थित आतंकवादी समूह एलटीटीई ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी जिसके बाद से ही गांधी परिवार को कड़ी सुरक्षा दी जा रही थी। लेकिन वर्तमान सरकार के मुताबिक गांधी परिवार को अब कम खतरा है और इस वजह से उनकी सुरक्षा को पहले से कम कर दिया गया है।

अब जेड-प्ल्स सिक्योरिटी में दिल्ली पुलिस को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घरों का जिम्मा सौंपा गया है। साथ ही अब गांधी परिवार को स्पेशल बुलेट प्रूफ गाड़ियों की बजाए १० साल पुरानी २०१० मेड टाटा सफारी दी गई है। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी पहली रेंज रोवर गाड़ि‍यों का उपयोग करती थीं जो किसी किस्‍म के धमाकों से बचने  में भी सक्षम होती थीं जबकि राहुल गांधी फॉर्च्यूनर कार का उपयोग करते थे। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को एसपीजी की तरफ से बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू कर दी गई है।

एनआरसी प्रक्रिया पूरे देश में लागू होगी : शाह

मोदी सरकार ने बुधवार को कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा। कोई भी हो, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, सभी को एनआरसी के तहत लाना एक प्रक्रिया है। इसकी जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दी। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एनआरसी को लेकर पूछे गए सभी सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के बीच के अंतर को स्पष्ट किया। शाह ने कहा – ”एनआरसी एक अलग प्रकिया है और सिटीजनशिप अमेडमेंट बिल एक अलग प्रक्रिया है। एनआरसी की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा। कोई भी हो, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, सभी को एनआरसी के तहत लाना एक प्रक्रिया है।”

गृह मंत्री ने कहा – ”लोगों को एनआरसी और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर कंफ्यूजन है। एनआरसी के अंदर कोई प्रावधान नहीं है कि धर्मों के आधार पर लोगों को रजिस्टर में न लिया जाए।”

राज्यसभा में शाह ने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया हाथ में ली गई थी। एनआरसी की प्रक्रिया जब पूरे देश में होगी तो असम में एनआरसी की प्रक्रिया फिर से की जाएगी। किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।

इस बीच गृह मंत्री शाह के राज्यसभा में ब्यान के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री  ममता बनर्जी ने पलटवार किया है। बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर साफ़ कहा कि हम एनआरसी को बंगाल में नहीं लागू होने देंगे।

रोहतांग में बर्फीले तूफ़ान में फंसे २० वाहन

हिमाचल में सैलानियों की मनपसंद सैरगाह रोहतांग में बर्फीला तूफ़ान आने से करीब २० वहां वहां फंस गए हैं। रोहतांग दर्रा बुधवार सुबह ही वाहनों के लिए बहाल हुआ था लेकिन दोपहर में तूफ़ान आने से लोग वहां फंस गए।

जानकारी के मुताबिक प्रशासन को इस बात की चिंता है कि मौसम खराब हो रहा है और ऐसे में बर्फबारी शुरू हुई तो वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू करना कठिन हो सकता है लिहाजा उससे पहले ही उन्हें वहां से निकलने की कोशिश हो रही है। बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अलावा प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गयी है।

बुधवार सुबह मौसम साफ़ होने से रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया था। ऐसे होते ही लाहुल में पिछले चार दिन से फंसे वाहनों को निकालने का आम  शुरू कर दिया गया। बीआरओ ने प्राथमिकता के आधार पर लाहुल में फंसे वाहनों को मनाली भेजना शुरू किया। बीआरओ ने मंगलवार शाम भी बीस से अधिक चौपहिया वहां दर्रा पार करवाए थे।

हालांकि, बुधवार दोपहर अचानक बर्फीला तूफान आने से सड़क बर्फ के तोदों से भर   गयी। तापमान माइनस में होने से यह सड़क पर जम गई जिससे कई वाहन यहां फंस गए। रोहतांग दर्रे के ऊपर बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है।  बर्फबारी होते ही रोहतांग दर्रा फिर बंद हो जाएगा और यहां फंसे वाहनों सहित लोगों को निकालना बीआरओ और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगा।