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रोहतांग में बर्फीले तूफ़ान में फंसे २० वाहन

हिमाचल में सैलानियों की मनपसंद सैरगाह रोहतांग में बर्फीला तूफ़ान आने से करीब २० वहां वहां फंस गए हैं। रोहतांग दर्रा बुधवार सुबह ही वाहनों के लिए बहाल हुआ था लेकिन दोपहर में तूफ़ान आने से लोग वहां फंस गए।

जानकारी के मुताबिक प्रशासन को इस बात की चिंता है कि मौसम खराब हो रहा है और ऐसे में बर्फबारी शुरू हुई तो वहां फंसे लोगों को रेस्क्यू करना कठिन हो सकता है लिहाजा उससे पहले ही उन्हें वहां से निकलने की कोशिश हो रही है। बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अलावा प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गयी है।

बुधवार सुबह मौसम साफ़ होने से रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल कर दिया गया था। ऐसे होते ही लाहुल में पिछले चार दिन से फंसे वाहनों को निकालने का आम  शुरू कर दिया गया। बीआरओ ने प्राथमिकता के आधार पर लाहुल में फंसे वाहनों को मनाली भेजना शुरू किया। बीआरओ ने मंगलवार शाम भी बीस से अधिक चौपहिया वहां दर्रा पार करवाए थे।

हालांकि, बुधवार दोपहर अचानक बर्फीला तूफान आने से सड़क बर्फ के तोदों से भर   गयी। तापमान माइनस में होने से यह सड़क पर जम गई जिससे कई वाहन यहां फंस गए। रोहतांग दर्रे के ऊपर बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है।  बर्फबारी होते ही रोहतांग दर्रा फिर बंद हो जाएगा और यहां फंसे वाहनों सहित लोगों को निकालना बीआरओ और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन जाएगा।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके

दिल्‍ली- एनसीआर में मंगलवार शाम को भूकंप के झटके महसूस क‍िए गए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल में कहीं था। यह झटके कितनी तीव्रता के थे, इसकी जानकारी नहीं है।
कुछ जगह भूकंप के झटके महसूस कर लोग घरों से बहार निकल आये। यह झट शाम को ७.०७ के आसपास महसूस किये गए हैं। फिलहाल किसी जानमाल के नुक्सान की कोइ खबर नहीं है।
भूकंप के झटके लखनऊ में भी महसूस किये गए। अभी तक की जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल में कहीं था।

आंदोलन जारी रखेंगे जेएनयू छात्र

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ छात्रों का आंदोलन अभी जारी है। मंगलवार को जेएनयू छात्र संघ ने सीधे-सीधे सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह झुकने वाले नहीं हैं। संघ ने कहा कि जब तक सरकार बढ़ाई फीस पूरी तरह वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही ऐलान किया है कि यदि ज़रुरत पड़ी तो बार-बार संसद घेरने की कोशिश की जाएगी।

जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने मंगलवार को ऐलान किया – ”अगर बार-बार संसद घेरने की जरूरत हुई तो वो भी करेंगे। हम पिछले २३ दिन से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है।” आज छात्र संघ ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस भी की जिसमें आंदोलन जारी रखने की बात कही गयी है।

छात्रों ने कहा – ”हम पिछले २३ दिन से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। दिल्ली पुलिस ने जो लाठीचार्ज किया गया, वह बर्बरता है।” कई छात्र जो घायल हैं, वह प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं बन पाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक छात्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के पुरुष जवान छात्राओं को पकड़ रहे थे, जो कि पूरी तरह गलत है।

इन छात्रों का कहना है कि हमारी बात कोई नहीं सुन रहा था, इसलिए हमने संसद सत्र के पहले दिन को चुना ताकि हम अपनी आवाज पहुंचा सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रालय की ओर से जिस कमेटी का गठन किया गया, उसने छात्रों से मिलने से इनकार कर दिया। याद रहे छात्रों के सोमवार के प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। सोमवार को धारा १४४ के बावजूद सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र घायल भी हो गए थे। कानून का उल्लंघन करने के आरोप में किशनगढ़ थाने में ये मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया कि जिस बस में उन्हें पुलिस पकड़ कर ले गई, वो सीधा पुलिस स्टेशन नहीं ले गए बल्कि यूं ही घुमाते रहे। जब वीसी हमसे बात के लिए तैयार नहीं, तो हम अपना प्रदर्शन क्यों रोकें। वीसी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, पुलिस के दमपर हम डरने वाले नहीं हैं और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।”

प्रणब मुखर्जी, मनमोहन, सोनिया ने इंदिरा जयंती पर शक्ति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की १०२वीं जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा गांधी की समाधि शक्ति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है।

कांग्रेस के नेताओं ने शक्ति स्थल पर मंगलवार सुबह इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी थे। इंदिरा गांधी ने लगातार तीन बार और कुल चार बार देश की बागडोर संभाली और वह देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। उनके ही शासन काल में पूर्वी पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश बनाया गया था जिसके बाद   उन्हें ‘लौह महिला’ का खिताब दिया गया।

‘लौह महिला’ के नाम से ने जाने वालीं इंदिरा गांधी की जयंती पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है – ‘पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती पर मैं श्रद्धांजलि देता हूं।’ इस बीच महिला कांग्रेस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर दिल्ली के सभी १४ जिलों में ‘इंदिरा प्रियदर्शनी सम्मेलन’ आयोजित करेगी। पहला ऐसा सम्मेलन आज यानि १९ नवंबर को पटपड़गंज जिले में आयोजित किया जा रहा है।

इसका उद्घाटन अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव करेंगी। यह जानकारी दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दी।   जिला सम्मेलनों में पेशेवर डॉक्टर, वकील, अध्यापक और अन्य सम्मान प्राप्त महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। कांग्रेस की राज्य इकाइयां भी देश भर में इंदिरा गांधी की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं।

सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान में फंस चार सैनिकों सहित ६ की मौत

सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन से सेना की पेट्रोलिंग पार्टी के आठ जवान दब गए जिनमें से ४ शहीद हो गए हैं। इनके अलावा २ कुलियों की भी मौत हुई है। कुछ लोगों को बचा लिया गया है और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन सभी की शहादत पर शोक जताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में  हिमस्खलन की चपेट में आने से भारतीय सेना की आठ सदस्यों की पेट्रोलिंग पार्टी  तूफान में फंस गयी। इन आठ में सात बुरी तरह घायल थे, जिन्हें तुरंत मेडिकल दल के साथ हेलिकॉप्टर से नजदीकी सेना अस्पताल भेजा गया।

हालांकि ज्यादा खराब हालत होने से इनमें से चार जवानों सहित छह लोगों की मौत हो गई। चार सैनिकों के अलावा अन्य दो कुली थे। चिकित्सकों के मुताबिक इनकी मौत शरीर का तापमान बहुत ज्यादा कम हो जाने (हाइपोथर्मिया) के कारण हुई। जिस इलाके में यह घटना हुई वह १९,००० फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। यह घटना सोमवार की है।

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियाचिन ग्लेशियर में जवानों की शहादत पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। रक्षा मंत्री ने कहा – ”सियाचिन में हिमस्खलन के कारण जवानों के शहीद होने से गहरा दुख हुआ। मैं उनके साहस और राष्ट्र की सेवा को सलाम करता हूं। उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदना।” याद रहे ऐसी ही एक घटना २०१६ में भी हुई थी जब भारतीय सेना के दस  जवान सियाचिन मेंं जिंदा दफन हो गए थे।

लोकसभा में विपक्ष ने सरकार से पूछा – फारुक अब्दुल्ला कहां हैं ?

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदस्यों ने लोकसभा में सरकार से पूछा कि सदन के सदस्य और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला कहां हैं। इस मौके पर  लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने विपक्ष पर हमला बंद करो, फारुक अब्दुल्लाजी को रिहा करो के नारे भी लगाए। उधर पीएम मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करत हुए कहा कि स्थायित्व और विविधता इस सदन की सबसे बड़ी खासियत है।

लोक सभा में सत्र की शुरुआत होते ही राष्ट्रगान के बाद फारुक अब्दुल्ला से जुड़ा मामला टीएमसी के सदस्य सौगत रॉय ने उठाया। उन्होंने सवाल किया ”सर फारुक अब्दुल्ला यहां पर नहीं हैं”, इस पर स्पीकर ने कहा कि पहले नये सदस्यों को शपथ लेने दें। बाद में लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने ‘विपक्ष पर हमला बंद करो, फारुक अब्दुल्लाजी को रिहा करो’, के नारे लगाए। याद रहे अब्दुल्ला ७ अगस्त के बाद से कश्मीर में नजरबन्द हैं।

उधर पीएम मोदी ने २५०वें सत्र में राज्यसभा को संबोधित करत हुए कहा – ”स्थायित्व और विविधता इस सदन की सबसे बड़ी खासियत है। राज्य सभा के सत्र के दौरान मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं। २५० सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।”

महाराष्ट्र में भले एनसीपी भाजपा की साथी शिव सेना के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर रही हो, पीएम मोदी ने अपने भाषण में एनसीपी की तारीफ़ की कि उसके और बीजेडी के सदस्यों ने यह तय किया हुआ है कि वे वेल में नहीं आएंगे। मोदी ने कहा कि यह सम्मान योग्य फैसला है और इससे इन दलों का कद छोटा नहीं हो गया। ”हम सभी को इससे सीख लेनी चाहिए।” वैसे पीएम मोदी के एनसीपी की तारीफ़ करने को महाराष्ट्र से जोड़कर देखा जा रहा है।

बीकानेर हादसे में १० की मौत, २४ घायल

राजस्थान के बीकानेर  एक सड़क हादसे में १० लोगों की मौत हो गयी है जबकि २४ लोग घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। हादसा इतना जबरदस्त था कि ट्रक से टकराने के बाद बस में आग लग गयी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसा बीकानेर जिले के पास श्रीडूंगरगढ़ में हुआ जब राष्ट्रीय राजमार्ग – ११ पर एक ट्रक और बस में आमने-सामने भिड़ंत हो गई। हादसे में १०  लोगों की मौत हो गई जबकि २४ लोग घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक बीकानेर-जयपुर राजमार्ग पर जोधासर और सेरूणा गांव के बीच सोमवार सुबह साढ़े सात बजे यह हादसा हुआ। यात्रियों से भरी बस बीकानेर से जयपुर जा रही थी कि रास्ते में ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस में आग लग गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही प्रशासन-पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे।  उन्होंने लोगों की मदद से  घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई गयी है।

जेएनयू छात्रसंघ का लाठीचार्ज का आरोप

छत्रावास फीस में बड़ी बढ़ौतरी के खिलाफ सोमवार को दिल्‍ली के जेएनयू छात्रों और प्रशासन के बीच तो टकराव जारी ही रहा, छात्रों और पुलिस के बीच भी झड़प हो गयी। छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। छात्र बढ़ी  फीस पूरी तरह वापस लेने की मांग के साथ संसद तक मार्च कर रहे हैं हालांकि उन्हें पुलिस ने सफदरजंग में रोक लिया है।

अभी तक की ख़बरों के मुताबिक छात्रों और पुलिस के बीच कई बार भिड़ंत हो चुकी है। इस बीच छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया है।पुलिस ने कहा है कि लाठीचार्ज के छात्रों की आरोपों की जानकारी ली जाएगी। कहा गया है कि कई छात्र नेता हिरासत में लिए गए हैं।

छात्रों के आंदोलन को देखते हुए सोमवार को कुछ ऐसे मेट्रो स्टेशन जो संसद के आस-पास हैं, को बंद किया गया। इनमें पटेल चौक, उद्योग भवन और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन प्रमुख हैं। संसद का सत्र भी आज शुरू हो गया, छात्र आंदोलन को देखते हुए उसके आसपास धारा १४४ लगाई गयी है।

संसद मार्च को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने कहा है कि देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है लिहाजा समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आए हैं। छात्र संघ ने सीबीएसआई, आईआईटी, नवोदय विद्यालय और उत्तराखंड में भी बढ़ी हुई फीस को भी खारिज किया है, साथ ही कहा है कि भारत के अन्य विश्वविद्यालयों में भी फीस कम की जाए। छात्र संघ का कहना है कि देश में विदेशी विश्वविद्यालय नहीं खुलने चाहिए, साथ ही किसी भी तरह से पब्लिक फंडेड यूनिवर्सिटी पर प्रहार नहीं होना चाहिए।

जस्टिस बोबड़े ने प्रधान न्यायाधीश की शपथ ली  

जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े देश  सर्वोच्च अदालत के नए प्रधान न्यायाधीश बन गए हैं। उन्होंने सोमवार को देश के ४७वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।

उनका कार्यकाल २३ अप्रैल, २०२१ तह होगा। जस्टिस बोबड़े रंजन गोगोई की जगह नए प्रधान न्यायाधीश बने हैं जो आज सेवानिवृत्त हो गए। जस्टिस बोबड़े अयोध्या रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद जमीनी विवाद मामले में फैसला देने वाले पांच जजों के संविधान पीठ में शामिल रहे हैं। वे निजता के अधिकार के लिए गठित सात जजों की संविधान पीठ में भी शामिल थे।

जस्टिस शरद बोबड़े ”आधार” को लेकर उस बेंच में भी रहे जिसने कहा था कि जिन लोगों के पास आधार नहीं है उन्हें सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा। उन्होंने १९७८ में नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र में नामांकन दर्ज किया।

उन्होंने २१ साल तक बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की और सुप्रीम कोर्ट में भी पेश हुए। उन्हें १९९८ में वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया और बाद में मार्च २००० में बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

क्यों नहीं जा रहे हैंं उद्धव ठाकरे अयोध्या

शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे सत्ता के फेरे में ऐसे उलझे हैं कि अब वह अयोध्या भी नहीं जा पा रहे हैं।

पिछले साल 24 नवंबर को उद्धव ठाकरे अपने परिवार और शिवसैनिकों के दल बल के साथ अयोध्या पहुंचे थे। पहले मंदिर फिर सरकार का नारा उद्धव ने दिया था। राम मंदिर निर्माण के लिए शिवसेना पहले से ही आक्रमक रही है। अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे व बड़े पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ उद्धव ठाकरे शिवनेरी की मिट्टी भी अयोध्या ले गए थे।

श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि वह 24 नवंबर को एक बार फिर अयोध्या जाएंगे। उन्होंने इस दिन को भारत के इतिहास का सुनहरा दिन बताते हुए कहा,’आज के दिन हम ख़ुशी जरूर मनायेंगे लेकिन इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि किसी को तकलीफ ना हो!’ उद्धव ने कहा था यदि अयोध्या मेंं कानून व्यवस्था सुव्यवस्थित रही तो 24 नवंबर को अयोध्या जाएंगे।

महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के बाद सरकार बनाने को लेकर जो पेंंच फंसा हुआ है वह जल्द ही सुलझता नजर नहीं आ रहा है। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी द्वारा महाराष्ट्र में सत्ता बनाने का दावा साबित न कर पाने की वजह से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है।

बावजूद इसके महाराष्ट्रा की सत्ता पर काबिज़ करने के लिए एक ओर शिवसेना अपने मित्र पक्ष बीजेपी का दामन छोड़ एनसीपी, कांग्रेस के संग प्रयासरत है वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी पीछे नहीं हट रही है। इस बार शिवसेना किसी भी सूरत में महाराष्ट्र की गद्दी पर काबिज होना चाहती है। हालांकि एनसीपी व कांग्रेस की ओर से बार-बार मदद का आश्वासन मूर्त रूप नहीं ले पा रहा है और सरकार गठन का मामला आगे ही बढ़ता जा रहा है।
ऐसी स्थिति में अब शिवसेना चीफ पहले सत्ता के मुद्दे को प्राथमिकता दे रहे हैं। खबर है कि महाराष्ट्रा की सत्ता पर काबिज़ होने के बाद ही उद्धव ठाकरे गाजे-बाजे के साथ अयोध्या जाना चाहते हैं।