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हमीं सरकार बनाएंगे, नंबर हमारे साथ:  शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर के बीच शनिवार को सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा सरकार हमीं बनाएंगे, नंबर हमारे साथ है। फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। प्रेस कांफ्रेंस में ऐसे कुछ विधायक मौजूद भी थे जिन्होंने कहा कि उन्हें (अजित पवार ने) धोखे से फोन करके बुलाया, उन्हें कुछ पता नहीं था। पवार ने कहा हमें जो एक्शन लेना होगा, हम लेंगे।  अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ विधायकों के परेड भी शरद पवार ने पीसी में करवाई।

शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। इस मौके पर कांग्रेस का कोइ नेता उपस्थित नहीं था।

पवार ने कहा कि कुल १६९ विधायकों का समर्थन शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के पास था जिनमें १५६ हमारे तीन दलों के थे। सुबह हमने देखा कि अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। तीन दलों ने सरकार बनाने का फैसला किया था। अजित पवार उच्च एमएलए लेकर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने कहा हमें यहाँ लाया गया है। सुबह सुबह शपथ ग्रहण से हमें हैरानी हुई।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र का मजाक चल रहा है। यह खेल चल रहा है। ये सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। जनादेश का हमने आदर किया है। शिव सेना को करती है, खुलेआम करती है। शिव सेना सीधे-सीधे बात करती है। वे लोगों को तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं। जो हुआ उससे चुनाव ा कोइ मायने नहीं रह जाता। चुनाव करना ही बंद कर देना चाहिए।

 पवार ने कहा कि अजित पवार ने खुद भाजपा के समर्थन का फैसला किया। एनसीपी अजित के फैसले के साथ नहीं है। अजित कुछ एमएलए लेकर राजभवन पहुंचे थे। हम अजित के फैसले के साथ नहीं। हमें जो भी करना होगा करेंगे। करीब १०-११ विधायक उनके साथ हैं। कई विधायक हमारे पास पहुँच रहे हैं जो दूर से आ रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हम भाजपा के सख्त खिलाफ हैं। अमरा भाजपा को समर्थन का सवाल ही नहीं। इस मौके पर अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ    विधायक भी उपस्थित थे जिससे जाहिर होता है कि सभी विधायकों का अजित को समर्थन नहीं है।

इनमें से एक विधायक ने कहा हमें जानकारी नहीं थी कि राजभवन आने के लिए क्यों कहा गया है। बाद में पता चला जब अजित पवार को शपथ दिलाई गयी। एक और विधायक ने कहा कि उन्हें भी कुछ मालुम नहीं था कि क्यों बुलाया गया है। बाद में धोखे का पता चला।

मोदी, शाह ने फडणवीस, अजित पवार को बधाई दी

महाराष्ट्र में रातों-रात भाजपा की एनसीपी नेता अजित पवार की मदद से बनी सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्वीट के जरिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी दोनों को बधाई दी है। शनिवार तड़के अचानक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन ख़त्म करके राज्यपाल ने भगत सिंह कोशियारी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

अब यह लगभग साफ़ हो गया है कि अजित पवार ने एनसीपी से टूटकर भाजपा सरकार को समर्थन दिया है। अभी यह साफ़ नहीं कि अजित पवार के साथ कितने विधायक हैं। एनसीपी के तरफ से अब यह आरोप भी लगाया जाने लगा है कि विधायक दल के दस्तखतों वाली चिट्ठी में कथित रूप से गड़बड़ की गयी है। यह भी कहा जा रहा है कि शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस मिलकर या अलग-अलग सुप्रीम कोर्ट में जाकर राज्यपाल के रात में राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने, फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने और एनसीपी विधायक दल के पत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्वीट के जरिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा – ”महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर क्रमश: देवेंद्र फडणवीस जी और अजीत पवार जी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।”

पीएम का बधाई वाला ट्वीट –
Narendra Modi

@narendramodi
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.

‘तहलका’ की खबर सच हुई। महाराष्ट्र में बीजेपी की वापसी ,सीएम बनें फडणवीस।

भले ही महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की वापसी को अचंभे के तौर पर देखा जा रहा है, इसे सियासी बड़ा उलटफेर माना जा रहा है लेकिन ‘तहलका’ ने 8 नवंबर को ही खबर दे दी थी कि महाराष्ट्र में बीजेपी वापसी करेगी और चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस ही बनेंगे।

जब शिवसेना महाविकास आघाड़ी के साथ सरकार बनाने की तैयारी में जुटी थी तब भी बीजेपी के सूत्र बता रहे थे कि सरकार हर हालत में बीजेपी की ही बनेगी।
महाराष्ट्र में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के चलते शिवसेना का सत्ता पर काबिज होने का सपना चकनाचूर है। सरकार गठन के दावे को लेकर आज गवर्नर से मिलने की खबर भी थी लेकिन उनसे पहले ही बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेला और शिवसेना के हाथ से सत्ता फिसल गई ।
बीजेपी ने एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार को साथ लेकर सरकार बना ली। बीजेपी के इस ‘ स्ट्राइक’ की भनक शिवसेना को नहीं लग पायी। शनिवार सुबह8 बजे गवर्नर भगत सिंह कोश्‍यारी ने देवेंद्र फडणवीस को चीफ मिनिस्टर और अजित पवार डेप्युटी चीफ मिनिस्टर पद की शपथ दिलाई। अब 30 नवंबर को बहुमत साबित करना है इसकी तैयारी भी कर ली गई है।

महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर, भाजपा-एनसीपी सरकार बनी

एक ही रात में महाराष्ट्र की राजनीति बदल गयी। जो सत्ता में आने वाले थे वे विपक्ष में चले गए हुए शिव सेना का अपना मुख्यमंत्री होने का सपना किसी कच्चे कांच की भांति बिखर गया। सिर्फ १० घंटे में बदली राजनीति का यह असर है कि वहां अब भाजपा-एनसीपी (अजित पवार) की सरकार बन गयी है। शरद पवार ने ट्वीट करके ”ऑन रेकार्ड” कहा है कि इस सरकार को एनसीपी का समर्थन नहीं है और यह अजित पवार का निजी समर्थन है। ऐसा लगता है कि एनसीपी टूट गयी है।

आज हलांकि, पवार और उद्धव ठाकरे साझी प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं। शिव सेना ने कहा है कि शरद पवार ने धोखा नहीं किया है बल्कि अजित पवार ने धोखा किया है। कल जिस तरह राज्यपाल का अचानक दिल्ली जाना रद्द हो गया था उसके बाद यह कहा गया था कि चूँकि शनिवार को शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस के नेता उनसे मिलने वाले हैं इसलिए उनका दिल्ली जाना रद्द हुआ। लेकिन अब समझ आ रहा है कि भाजपा इसकी तैयारी इतनी गुपचुप तरीके से कर रही थी कि शरद पवार और अहमद पटेल जैसे राजनीति के चतुर  खिलाड़ी भी गच्चा खा गए।

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दो दशक पहले इसी तरह की राजनीति बुनकर हिमाचल प्रदेश में सुख राम की हिमाचल विकास कांग्रेस के चार विधायकों को सुख राम के ही सहयोग से भाजपा में मिला लिया था और प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनी थी।

अब महाराष्ट्र में जो हुआ है उससे हर कोइ हैरान है। शिव सेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि उन्हें अजित पवार की भूमिका पर शुक्रवार शाम शक हुआ था क्योंकि वे अचानक मीटिंग से चले गए थे ”वे नजर से नजर मिलकर बात भी नहीं कर रहे थे जिससे हमें कुछ आशंका तो हुई थी।”

महाराष्ट्र के इस बड़े सियासी उलटफेर में भाजपा-एनसीपी की सरकार बन गयी है। देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं जबकि एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। रातों-रात बदले इस सियासी घटनाक्रम से हर कोइ हैरान रह गया है।

शुक्रवार शाम तक शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस की मिली जुली सरकार बनना लगभग तय था और आज इन दलों के नेताओं को राज्यपाल से मिलना था। लेकिन एक ही रात में सबकुछ बदल गया। शरद पवार ने कुछ देर पहले एक ब्यान में कहा है कि उन्हें नहीं पता यह कैसे हुआ। कहा एनसीपी का इस सरकार को समर्थन नहीं हुआ। हालांकि कांग्रेस ने शरद पवार पर विश्वासघात का आरोप लगाया है।

महाराष्ट्र में भाजपा और एनसीपी के गठबंधन की सरकार का किसी ने सपना तक नहीं लिया था लेकिन सब कुछ बदल गया। शिव सेना देखती ही रह गयी। शपथ के बाद फडणवीस ने कहा कि वे पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और जेपी नड्डा के आभारी हैं कि उन्हें एक बार और सीएम के रूप में अवसर दिया है।

खेल तब बदला जब एनसीपी के नेता अजित पवार ने अचानक भाजपा को समर्थन कर दिया। यह अभी साफ़ नहीं है कि क्या इस सारे घटनाक्रम को शरद पवार का भी समर्थन है।

आज सुबह फडणवीस ने राज्यपाल से भेंट की और बताया की भाजपा-अजित पवार के विधायकों के साथ वे सरकार बनाने की स्थिति में हैं। इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन ख़त्म कर दिया गया और राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी।

अभी यह साफ़ नहीं कि अजित पवार ने शरद पवार से धोखा किया है या शरद पवार का भी इस खेल को परदे के पीछे से समर्थन है।

महाराष्ट्र मेंं नयी सरकार के चाणक्य होंगे पवार !

एनसीपी के हवाले से मिली खबरों पर विश्वास करें तो महाराष्ट्र में अब सत्ता की बागडोर महाविकास आघाड़ी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के हाथ होगी। कैप्टन ऑफ द शिप शिवसेना का होगा लेकिन सेलिंग के लिए डिरेक्शन एनसीपी चीफ़ का ही होगा।

नये सत्ता समीकरण को लेकर दोनों दलों के बीच एकमत राय बन चुकी है। मुख्य तौर से मसला आइडिलॉजिकल डिफरेंसेस का था जो आपसी सहमति से निपटा लिया गया है।

तीनों दलों का सबसे बड़ा एजेंडा किसी भी हालत में बीजेपी को सत्ता से दूर रखना था और उसके सब दल अपने सिद्धांतों से समझौता करने के लिए तैयार हो गए। तीनों ही दल विधानसभा में अपने सीटों के हिसाब से मंत्रालयों के बंटवारे पर भी सैद्धांतिक तौर पर एकमत हो चुके हैं।

कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मामला पहले ही सुलझ चुका है। शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर सॉफ्ट रहेगी। मुस्लिम तुस्टिकरण के चलते अब्दुल सत्तार , संजय राउत के साथ मीडिया पर एक्टिव हो गए हैंं।

चीफ मिनिस्टर के तौर पर उद्धव ठाकरे का नाम तय माना जा रहा है। हालांकि उद्धव के अलावा अनिल देसाई और एकनाथ शिंदे, अरविंद सावंत के नामों को पर्याय के तौर पर देखा जा रहा है। संजय राउत ने ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता चीफ मिनिस्टर के तौर पर उद्धव ठाकरे को देखना चाहती है मजेदार बात है कि संजय का नाम भी सीएम पद के लिए उछाला जा रहा है।

डेप्युटी सीएम के लिए कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के नामों की चर्चा थी लेकिन माना जा रहा है कि अब कांग्रेस से पूर्व चीफ मिनिस्टर इस पद को सुशोभित कर सकते हैं। एनसीपी से अजित पवार और सुप्रिया सुले के नामों की चर्चा थी। लेकिन माना जा रहा है कि उनके ‘शॉट टेंपर्ड’ होने की वजह एनसीपी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। भविष्य में मिली जुली सरकार में कई सेंसेटिव क्षण आ सकते हैं।हालांकि संभावना को खारिज़ नहीं किया जा सकता है।

सभी पार्टियों की मंशा होम,फिनांस, पीडब्ल्यूडी,रेवेन्यू, और अरबन डेवलपमेंट जैसे खास मिनिस्टरी की है।खबर है कि पहले तीन एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना को मिल सकते हैं।16,15और12 के रेशियो मेंं मिनिस्टरी का बंटवारा तय किया गया है। सत्ता गठन की कवायद के बीच सबसे अहम मसला है गवर्नर के पास जाकर सरकार गठन के दावे को पेश करना। अगले 24 घंटों में यह मामला सुलझा लिए जाने का दावा किया जा रहा है।
जहां एक ओर 20 साल के बाद शिवसेना और पहली बार ठाकरे परिवार का कोई व्यक्ति (उद्धव ठाकरे) संवैधानिक पद (सीएम) संभालने जा रहा है वहीं दूसरी ओर नई सरकार के गठन पर बीजेपी के सीनियर लीडर नितिन गडकरी ने कमेंट किया है ऐसी मौकापरस्त सरकार ज्यादा नहीं चल पाएगी! वही कांग्रेस के इस कदम से खफा संजय निरुपम ने इसे कांग्रेस का घातक कदम बताया है। ऐसे में उन्हीं की नाम राशि संजय राऊत का शेर बहुत कुछ बयान कर जाता है ‘कभी-कभी कुछ र‍िश्‍तों से बाहर आना ही अच्‍छा होता है। अहंकार के लिए नहीं…स्‍वाभिमान के लिए।’

भारत का ‘पिंक पंच’, बांग्लादेश १०६ पर ढेर

कोलकाता में क्रिकेट प्रशंसकों की दीवानगी बताती है कि सौरव गांगुली का डे-नाईट टेस्ट मैच मैच और पिंक बाल का प्रयोग उन्हें बहुत भाया है। टेस्ट मैच में बहुत समय बाद ऐसी भीड़ दिखी है। ऐसा लग रहा है कि दर्शक टेस्ट नहीं ”वन डे” देखने आये हैं। दर्शकों की इस दीवानगी को भारतीय टीम ने काम नहीं होने दिया और पहली बार पिंक बाल से खेलते हुए बांग्लादेश को महज १०६ रन पर ढेर कर दिया। जवाब में भारत यह रिपोर्ट लिखे जाने तक चेतेश्वर पुजारा के अर्धशतक और कप्तान विराट कोहली के ३८ रन की बदौलत २ विकेट पर ११७ रन बना लिए थे। दोनों क्रीज पर हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच इस ऐतिहासिक पल का गबाह बना कोलकाता का ईडन गार्डन्स स्टेडियम। डे-नाइट टेस्ट मैच में भारत ने बांगलादेश को १०६ रन पर समेट दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी बांग्लादेश की टीम फिरफ ३०.३ ओवर में ही ढेर हो गई।

भारतीय गेंदबाजों ने पिंक बॉल से शानदार प्रदर्शन किया। बांग्लादेश के लिए  शादमान इस्लाम ने सबसे ज्यादा २९ रन बनाए जबकि लिटन दास (रिटायर्ड हर्ट) ने २४ रन जबकि मेहदी हसन ने आठ रन बनाए। भारत की तरफ से ईशांत शर्मा ने सबसे ज्यादा पांच विकेट लिए। उमेश यादव ने तीन और मोहम्मद समी ने एक विकेट झटका। दोनों ही टीमों का यह पहला दिन-रात टेस्ट मैच है। भारत ने इस मैच में कोई बदलाव नहीं किया है जबकि बांग्लादेश ने दो बदलाव किए हैं।

भारी बर्फबारी के बाद रोहतांग दर्रा बंद

हिमाचल का मशहूर पर्यटक स्थल रोहतांग भारी बर्फबारी के बाद बंद हो गया है। शुक्रवार को वहां २४ सेंटीमीटर बर्फ रेकॉर्ड की गयी है। केलांग-जिस्पा मार्ग भी  भूस्खलन के बाद बंद हो गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल में पश्चिम विक्षोभ सक्रिय है जिसके चलते मौसम  के मिजाज बिगड़े हुए हैं। प्रदेश के ऊंचाई वााले इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है जिससे  निचले इलाकों में भी ठंड बढ़ गई है। रोहतांग दर्रे और लाहुल घाटी में शुक्रवार फिर बर्फबारी हुई और दोपहर तक २४ सेंटीमीटर बर्फ पड़ी थी।
इस बर्फबारी के बाद रोहतांग दर्रा फिर यातायात के लिए बंद हो गया है। केलांग-जिस्पा मार्ग भी भूस्खलन के चलते बंद किया गया है। बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने तीन दिन पहले ही रोहतांग दर्रा यातायात के लिए बहाल किया था। लेकिन उसके बाद अचानक बर्फबारी से वहां कुछ वहां भी फंस गए थे जिन्हें बाद में निकाल लिया गया।
शुक्रवार को फिर बर्फबारी से दर्रा बंद होने से लाहुल के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसके अलावा कोकसर और मढ़ी में भी बर्फबारी हुई है। ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है। राजधानी शिमला सहित अन्य इलाकों में आसमान में बादल छाए हैं। कांगड़ा की धौलाधार चोटियों पर भी बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग ने आने वाले २४ घंटों में आठ जिलों में बादलों की गरज और बिजली के साथ भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है।

पांच साल हमारा सीएम : राउत

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का पूरा कार्यक्रम अब मुंबई में केंद्रित हो गया है। शिव सेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि पूरे पांच साल तक उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री होने की बात पर तीनों दलों में सहमति हो गयी है। हालांकि, शिव सेना मुख्यमंत्री पद के लिए किसे आगे करेगी, यह अभी तक साफ़ नहीं है। कांग्रेस ही आज अपने विधायक दल के नेता का चुनाव कर लेगी।

कांग्रेस के बड़े नेता आज मुम्बई में जुट रहे हैं और एनसीपी के साथ बैठकों का लंबा दौर चलने के बाद अब शिव सेना के साथ उनकी बैठक हो सकती है। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक ज्यादातर मसलों पर सहमति बन चुकी है और अब सिर्फ औपचारिक घोषणा होना ही बाकी है। आज शाम को तीनों दल साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं और शनिवार को राज्यपाल से मिलने जा सकते हैं ताकि सरकार बनाने का दवा किया जा सके।

शिव सेना में अभी मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति साफ़ नहीं है। यह माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अपने स्वास्थ्य के कारण खुद यह पद लेने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, एनसीपी का शिव सेना पर जोर है कि उद्धव ही सीएम पद संभालें ताकि तीनों दलों में तालमेल को लेकर दिक्कत न आये।

शिव सेना ने एकनाथ शिंदे को अपना विधायक दल नेता पहले ही चुन लिया था हालाँकि यह भी हो सकता हैं कि शिव सेना की तरफ से अचानक कोइ तीसरा नाम सामने आ जाए। यह नाम संजय राउत का भी हो सकता है जो चुनाव के बाद शिव सेना की सारी राजनीति और एनसीपी-कांग्रेस से बातचीत के सूत्रधार रहे हैं।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक एनसीपी और कांग्रेस को उप मुख्यमंत्री पद के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मिल सकता है। साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) की काफी बातें तय हो गयी हैं। आज इनका औपचारिक ऐलान हो सकता है। गुरुवार देर रात एनसीपी चीफ शरद पवार के घर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ पहुंचे। एनसीपी और शिवसेना नेताओं के बीच आधा घंटे से भी ज्यादा देर तक बातचीत हुई।

मुंबई में आज काफी गहमागहमी रहेगी। बैठकों के कई दौर चलेंगे। मातोश्री में शिवसेना विधायकों के साथ पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की बैठक चल रही है। यह भी खबर है कि सभी शिवसेना विधायक अगले ५ दिन के लिए जयपुर चले जाएंगे ताकि कोइ टूटफूट न करवा सके। दोपहर २ बजे के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आखिरी दौर की बातचीत होगी और शाम ४ बजे कांग्रेस अपने विधायक दल का नेता चुनेगी। देर शाम तक शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होने की संभावना है।

भारत का गुलाबी गेंद से पहला मैच आज

क्रिकेट के इतिहास का आज ख़ास दिन है। पहली बार क्रिकेट के खेल में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। यह गुलाबी गेंद शुक्रवार (आज) कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम में होने वाले भारत-बंगलादेश डे-नाईट मैच में इस्तेमाल होगी।

यह मैच दोपहर एक बजे शुरू होगा और इसमें देखने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना,  गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अललवा बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी मौजूद रहेंगे।

इस तरह ईडन गार्डन स्टेडियम एक और इतिहास का गवाह बनेगा। भारत के लिए यह पहला डे-नाइट टेस्ट होगा। बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज का यह दूसरा मैच गुलाबी गेंद से हो रहा है। वैसे पहला डे-नाइट टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। अब तक ११ डे-नाइट मैच हुए हैं और अच्छीबाट यह है कि सभी मैचों में नतीजे आये हैं।

सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद क्रिकेट को नया कुछ मिलने की संभावना पहले से जताई जा रही थी और इसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल भी शामिल है। भारत के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि गुलाबी गेंद से खेलना एक बड़ी चुनौती होगी।

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्मिथ का कहना है कि डे-नाइट टेस्ट शानदार इनोवेशन है। वैसे ऑस्ट्रेलिया टीम गुलाबी गेंद से खेल कर प्रदर्शन के लिहाज से सबसे सफल टीम है। उसने ५ मैच गुलाबी गेंद से खेले और सभी जीते। इंडीज ने ३ में से एक भी नहीं जीता। अभी तक ६ देशों में गुलाबी गेंद से टेस्ट खेला जा चुका है। भारत सातवां देश बनेगा।

साध्वी प्रज्ञा सिंह रक्षा मंत्रालय की समिति की सदस्य बनीं

अपने बयानों को लेकर कई बार विवादों में घिर चुकीं भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की कमेटी में जिम्मेदारी दी गयी है। इस कमेटी की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जिस रक्षा मंत्रालय कमेटी में जगह दी गयी है उसमें कुल २१ सदस्य हैं। कमेटी के अध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली साध्वी प्रज्ञा के बयानों पर लोकसभा चुनाव और उसके बाद कई बार  विवाद हुआ है।

रक्षा मामलों की इस कमेटी में कुल २१ सदस्य होंगे। साध्वी प्रज्ञा के आलावा कमेटी में चेयरमैन राजनाथ सिंह, फारुक अब्दुल्ला, ए राजा, सुप्रिया सुले, मीनाक्षी लेखी, राकेश सिंह, शरद पवार, जेपी नड्डा भी अन्य के अलावा हैं।

यहाँ यह भी गौरतलब है साध्वी प्रज्ञा सिंह २००८ के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और इस समय जमानत पर बाहर हैं। ये मामला अदालत में चल रहा है। चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे की तारीफकरने के कारण विवादों में घिर गयी थी।