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महाराष्ट्र पर कल फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र में सरकार के मसले पर शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर दूसरे दिन सुनवाई और सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय की  जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने सोमवार को सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि मंगलवार को सुबह १०.३० बजे फैसला सुनाया जाएगा।

उधर मुंबई में राजभवन के बाहर सीआईएसएफ लगा दी गयी है। शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सुबह राजभवन में राज्यपाल को एक पत्र सौंप कर दावा किया कि उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया जाए क्योंकि बहुमत उनके पास है। जो चिट्ठी शिव सेना ने राज्यपाल को सौंपी है उसमें एनसीपी के हिस्से में ५३ विधायकों के हस्ताक्षर सहित  कुल १५४ विधायकों के समर्थन का दावा है। गौरतलब है कि एनसीपी के कुल ५४ विधायक हैं, ऐसे में लगता है कि भाजपा को समर्थन देने वाले अजित पवार अकेले रह गए हैं।

इससे पहले कोर्ट में भाजपा पक्षकार वकील की तरफ से ज्यादा समय पर जोर दिया गया। उनका कहना था कि इतने संवेदनशील मसले को ऐसी जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता। शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी के पक्षकार वकील ने कहा कि बहुमत उनके पास है। तत्काल फ्लोर टेस्ट ही सच साबित कर सकता है। कपिल सिब्बल ने राज्यपाल की कार्यवाही को गलत बताया। सिब्बल ने कहा हमारे पास १५४ विधायकों का समर्थन है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा अजित पवार की तरफ से राज्यपाल को कवरिंग लेटर के साथ दिया पत्र समर्थन वाला पत्र नहीं था। इसमें कहीं भाजपा के समर्थन की बात नहीं है। सिर्फ कवरिंग पत्र में ऐसा लिखा गया है।

सुनवाई के दौरान एसजी ने कहा कि चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को विधायक दल का नेता बताया, इसपर अदालत ने चिट्ठी का ट्रांसलेशन मांगा। २२ नवंबर की चिट्ठी में अजित पवार ने खुद को एनसीपी विधायक दल का नेता बताया और कहा कि ५४  विधायकों ने उन्हें अधिकार दिया है।

यह चिट्ठी राज्यपाल को मिली, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने का अनुरोध किया। २३ नवंबर को राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी। फडणनीस ने राज्यपाल को १७० विधायकों का समर्थन दिखाया था। एसजी ने कहा कि राज्यपाल के पास चिट्ठी आई थी, राज्यपाल का काम जांच करवाना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सबसे पहले चिट्ठी किसकी आई थी? इसपर एसजी ने कहा कि फडणनीस ने सबसे पहले चिट्ठी लिखी थी। भाजपा के १०५ विधायकों के अलावा अजित पवार ने ५४ विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था, जिसमें अजित ने खुद को विधायक दल का नेता बताया। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में चिट्ठी पढ़कर सुनाई।  अदालत में भाजपा निर्दलीय विधायकों और अजित पवार के समर्थन पत्र को पढ़कर सुनाया।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि विपक्ष की ओर से अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया, हमारे पास राज्यपाल के आदेश की कॉपी हैं। तुषार मेहता ने गवर्नर के सचिव की चिट्ठी अदालत को सौंपी, जिसमें विधायकों के हस्ताक्षर हैं।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि क्या कोर्ट गवर्नर के फैसले को पलट सकती है।  अब तुषार मेहता अदालत में दलील रख रहे हैं। उन्होंने इस दौरान राज्यपाल को मिले संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि भाजपा और शिवसेना के गठबंधन की जानकारी राज्यपाल को थी। इसके अलावा भाजपा और शिवसेना के हक में ही नतीजे थे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि राज्यपाल के पास नतीजे थे, भाजपा ही सबसे बड़ी पार्टी थी और शिवसेना के पास ५६ सीटें थीं। राज्यपाल ने काफी दिन इंतजार किया, उसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाया।

दिन-रात के पहले टेस्ट में भारत की पारी से जीत

भारत और बांग्‍लादेश के बीच दूसरे टेस्‍ट मैच में तीसरे दिन ही भारत ने अपने प्रतिद्वंदी को पारी से हराकर सीरीज में २-० की अजय बढ़त बना ली है। भारत ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी की जिससे लगता है कि भारतीय गेंदबाजों, खासकर तेज गेंदबाजों, को पिंक बाल बहुत रास आई है। भारत का यह पहला दिन-रात टेस्ट भी था लिहाजा उसकी जीत और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत के लिए उमेश यादव ने ५ और इशांत शर्मा ने ४ विकेट लिए। भारत ने यह मैच पारी और ४६ रन से जीत लिया।
आज बांगलादेश ने छह विकेट पर १५२ रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें रन बनाने के ज्यादा मौके नहीं दिए। बांग्लादेश पहली पारी में भी १०६ रन पर ढेर हो गई थी। भारत ने अपनी पहली पारी नौ विकेट के नुकसान पर ३४७ रन पर घोषित कर २४१ रन की बड़ी बढ़त ले ली थी। दूसरी पारी में बांग्लादेश की टीम महज १९५ रन पर ढेर हो गयी। उमेश यादव ने बहुत शानदार बॉलिंग की और पांच विकेट लिए।
मुश्फीकुर रहीम ने बांग्लादेश के लिए शानदार ७४ रन बनाये। भारत ने कप्तान विराट कोहली के १३६ रन के दम पर मजबूत स्कोर खड़ा किया था। महमुदुल्लाह ने ३९ रन बनाये। यह मैच जीतकर भारत ने बांग्लादेश से इस सीरीज में २-० की अजय बढ़त बना ली है।

कल सुबह राज्यपाल के सभी दस्तावेज पेश करें : सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह  कोशियारी के अलसुबह भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजित पवार को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने और फडणवीस को सरकार बनाने के लिए बुलाने के फैसले और बिना केबिनेट की बैठक के राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने को चुनौती देने वाली याचिका पर रविवार को आदेश दिया है कि तुषार मेहता सोमवार सुबह १०.३० बजे राज्यपाल की शपथ से जुड़े सभी पत्र कोर्ट में पेश करें। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है। तुषार केंद्र सरकार के वकील इस मामले में हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने

मुख्यमंत्री फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजित पवार (जिन्होंने शनिवार सुबह शपथ ली) को भी नोटिस जारी किया है।

जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने सुबह ११.३० बजे शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर सुनवाई शुरू की। सभी पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं। इन तीनों दलों ने राज्यपाल के फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने और फडणवीस को सरकार बनाने के लिए बुलाने के फैसले को चुनौती दी। साथ ही शपथ से जुड़ा सारा रेकॉर्ड अदालत में रखने की भी गुहार लगाई।

तीनों दलों की तरफ से कपिल सिब्बल और मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने अपना आदेश सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट में भाजपा के लिए पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि रविवार को सुनवाई क्यों हो रही है, रविवार को कोई सुनवाई नहीं होनी चाहिए। मेरे अनुसार इस मामले (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका) को सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए। हालाँकि कोर्ट ने कहा कि मामला दाखिल हो गया है लिहाजा इसपर कुछ नहीं हो सकता। तीन दलों के वकील कपिल सिब्बल ने और दिया कि आज या कल में ही फ्लोर टेस्ट हो।

इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार को लेकर जारी खींचतान के बीच रविवार सुबह दो बड़ी घटनाएं हुई हैं। एक यह कि एनसीपी ने कहा कि अजित पवार को मानाने की कोशिश जारी है और शाम तक कोइ सकारात्मक नतीजा आ जायेगा और दूसरी यह कि सुबह भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकडे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने उनके घर पहुंचे। एनसीपी नेता जयंत पाटील भी उस समय वहां मौजूद थे।

मुंबई में हलचल तेज रही। एनसीपी विधायक दल नेता जयंत पाटील राजभवन पहुंचे और पार्टी की तरफ से जानकारी दी गयी कि अजित पवार को बहुतमत से हटाकर जयंत पाटील को नेता चुना गया है। एनसीपी (शरद पवार) के समर्थक विधायकों की सूची भी उन्होंने राजभवन में दी है।

उधर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अजीत पवार ने गलती की है। उन्हें समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उधर शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर तंज कस्ते हुए ट्वीट करते हुए फडणवीस के शपथ ग्रहण को ”एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण” बताया। उधर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि वे पवार से मिले हैं। ”मुझे बताया गया है कि विधायकों के पत्र का दुरुपयोग अजित पवार ने किया था, पवार साहब (शरद पवार) के विधायकों ने उस पत्र के माध्यम से किसी भी प्रकार का समर्थन देने से इन्कार किया है, उनका कहना है कि इस पत्र का दुरुपयोग किया गया था।”

उधर भाजपा ने दावा किया है कि उसके पास १७० विधायकों का समर्थन है और फडणवीस आसानी से अपना बहुमत साबित कर देंगे।

‘…भैया लौट आइए ‘ बहन सुप्रिया सुले की अजीत पवार से गु़जारिश

पवार परिवार में सत्ता के चलते आए बिखराव से आहत शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने भाई अजीत पवार को डेप्युटी चीफ मिनिस्टरी छोड़ने का अनुरोध किया है।

सुप्रिया रिक्वेस्ट करती है- ‘सत्ता के लिए परिवार में बिखराव मत आने दीजिए, आप कुछ भी करिए लेकिन उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दीजिए।’

महाराष्ट्र की राजनीति में आए अनएक्सपेक्टेड ट्विस्ट के चलते महाराष्ट्र को झटका लगा ही है ,साथ-साथ एनसीपी पार्टी व पवार परिवार को भी व्यक्तिगत तौर पर गहरा धक्का लगा है। शनिवार की सुबह एनसीपी के अजीत पवार अपने विधायकों के साथ महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के पास पहुंचे और बीजेपी के साथ गठबंधन बनाते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर पद की शपथ ली। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरी बार चीफ मिनिस्टर बन गए।

खबर जंगल में आग की तरह फैलती चली गई। बीजेपी के खेमे में खुशी छा गई बधाइयों का तांता लग गया।लेकिन इस नये राजनीतिक समीकरण का सबसे गहरा सदमा एनसीपी चीफ शरद पवार को लगा। पवार को अपनी सफाई में कहना पड़ा कि उन्हें अजित पवार के इस कदम के बारे में जानकारी नहीं थी और यह अजीत पवार का निजी फैसला था। आहत सुप्रिया सुले ने अपने स्टेटस में जो लिखा उससे वह भाई के इस कदम से कितनी आहत थी समझा जा सकता है। उन्होंने लिखा ‘family and party Splits’ यानी परिवार और पार्टी टूट गई।

सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारे परिवार के बारे में सारा महाराष्ट्र जानता है। सत्ता के खेल के लिए हमारे परिवार में फूट नहीं पड़नी चाहिए। आपको जो चाहिए उस पर चर्चा की जा सकती है। उपाय जरूर निकलेगा लेकिन आप इस्तीफ़ा देकर वापस लौट आईए।

बहन सुप्रिया के इस अनुरोध पर अजीत पवार की तरफ से क्या रिस्पांस आया है यह पता नहीं चल पाया है। लेकिन चाचा पवार ने अजित पवार को पार्टी के विधायक दल नेता के पद से चलता कर दिया है। इतना ही नहीं सुबह अजीत पवार के साथ शपथ विधि में उपस्थित विधायकों ने भी चाचा पवार के साथ रहने की बात दोहराई है। दूसरी ओर अजीत पवार को मनाने की कोशिशें लगातार चलती रहीं। उधर शिवसेना ने बीजेपी के इस तरह से सरकार बनाने के प्रयास को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। शिवसेना एनसीपी कांग्रेस का दावा है कि महाराष्ट्र में सरकार उन्हीं की बनेगी। महाराष्ट्र में सत्ता की नौटंकी फिलहाल चल ही रही है ।

भारत जीत के करीब, कोहली का २७वां शतक

बांग्लादेश के खिलाफ पहले रात-दिनी टेस्ट मैच में शतक ठोककर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को पीछे छोड़ दिया है। उधर तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक बांग्लादेश हार की कगार पर खड़ा दिख रहा है। उसने दूसरी पारी में महज १५२ पर ६ विकेट खो दिए हैं। पारी की हार बचाने के लिए उसे अभी भी ८९ रन की दरकार है।

पहली पारी में ५ विकेट चटकाने वाले इशांत शर्मा दूसरी पारी में भी बांग्लादेश के लिए भारी साबित हुए हैं और उन्होंने अभी तक ४ विकेट लिए हैं।  बाकी २ विकेट उमेश यादव के हिस्से आये हैं। एम रहीम ५९ पर नावाद हैं।

इससे पहले भारत ने पहली पारी ३४७/९ पर घोषित कर दी। भारत के लिए विराट कोहली ने शतक बनाया। यह विराट का २७वां टेस्ट शतक है। इस मैच भारत अब मजबूत स्थिति में पहुँच गया है।  वन डे और टेस्‍ट मैचों को मिला दें, तो यह विराट कोहली का ७०वां शतक है।

विराट कोहली के बराबर शतक अब वेस्‍टइंडीज के गौरी सोबर्स के भी हैं हालांकि  लेकिन अब उन्‍हें भी विराट कोहली ने पछाड़ दिया है। कोहली २७ शतक के साथ दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्‍मिथ और आस्‍ट्रेलिया के एलन बार्डर के बराबर पहुंच गए हैं।

भारत ने दोपहर को १७४/३ के साथ पारी आगे बढ़ाई। विराट कोहली ने अपना अर्धशतक पहले दिन शुक्रवार को ही पूरा कर लिया था। पहले दिन का खेल खत्‍म होने पर वे ५९ रन पर नाबाद लौटे थे, इसके लिए उन्‍होंने ९३ गेंदे खेलीं और आठ चौके मारे थे। पहले दिन उनके साथ उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी नाबाद लौटे थे, हालांकि दूसरे दिन अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद अजिंक्‍य रहाणे आउट हो गए।

विराट से सामने कोई ऐसा बल्‍लेबाज नहीं है जो इस वक्‍त टेस्‍ट क्रिकेट खेल रहा हो और शतक के मामले में उनके लिए बाधा बने। उनके आगे के सभी खिलाड़ी अब क्रिकेट से संन्‍यास ले चुके हैं। ऐसे में विराट कोहली के लिए रास्ता साफ़ है। आस्‍ट्रेलिया के स्‍टीव स्‍मिथ जरूर उनके लिए चुनौती हैं जो उनके बराबर चल रहे हैं।

वन डे और टेस्‍ट मैचों को मिलकर कोहली का यह ७०वां शतक है।

अजित पवार एनसीपी विधायक दल नेता पद से हटाए गए, जयंत पाटिल बने नए नेता

शरद पवार से दगा करने की पहली बड़ी सजा भाजपा के साथ जाने वाले अजित पवार को मिली है। एनसीपी ने उन्हें पार्टी विधायक दल के नेता पद से बाहर कर दिया है और जयंत पाटिल एनसीपी विधायक दल के नए नेता बनाये गए हैं। अजित पवार आज सुबह ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक ५४ में से ५१ विधायक शरद पवार के साथ बैठक में शामिल हुए।

देर शाम किये गए फैसले में एनसीपी विधायल दल ने अजित पवार को नेता पद से हटाकर जयंत पाटिल को नया नेता चुन लिया। एनसीपी विधायक दल की बैठक से जाहिर हो गया है कि अजित पवार एनसीपी के बड़े ग्रुप को तोड़ने में बुरी तरह नाकाम रहे हैं। इस कारण चिंतित भाजपा ने अब निर्दलीय जीतकर आये विधायकों पर नजर गड़ा दी है।

शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी पहले ही राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। इस तरह महाराष्ट्र की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर पहुँच गयी है। शरद पवार ने एनसीपी पर अपनी पकड़ साबित करते हुए अजित पवार को एक तरह से अकेला कर दिया है, अभी तक के घटनाक्रम से कुछ ऐसा ही दिखता है।

अभी तक यह साफ़ नहीं है कि राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने भाजपा-अजित पवार को कब तक बहुमत साबित करने का समय दिया है क्योंकि राजभवन से इसे लेकर कोइ आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है। कुछ हलकों में ३० नवंबर की तारीख जरूर बताई गयी है।

सुबह जो शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी खेमा निराश सा दिख रहा था, शाम आते-आते वहां माहौल बदला दिख रहा था। तीनों दलों के नेताओं ने दावा किया है कि उसकी गठबंधन सरकार ही बनेगी।

शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल

शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के क्रमशः सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी याचिका दाखिल कर ली गयी है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े आज दिल्ली से बाहर हैं लिहाजा यह साफ़ नहीं है कि इस याचिका पर जल्दी सुनवाई को लेकर सर्वोच्च अदालत का क्या निर्णय आता है। कमसे कम आज रात इसकी सुनवाई की संभावना काम ही दिखती है।
तीनों दलों ने साझी याचिका में इस मामले की सुनवाई आज ही करने की फ़रियाद की है। कर्नाटक के मामले में ऐसा एक बार हुआ था कि और उस वक्त अदालत ने २४ घंटे के भीतर सीएम पद की शपथ लेने वाले बीएस येद्दियुरप्पा को बहुमत सिद्ध करने को कहा था और ऐसा नहीं कर पाने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस बीच महाराष्ट्र  के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी भी दिल्ली पहुँच गए हैं।
महाराष्ट्र में रात में तेजी से घटे घटनाक्रम में शनिवार तड़के राष्ट्रपति शासन ख़त्म करके तीन घंटे के भीतर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला दी थी। यह सब घटनाक्रम इतनी तेजी से हुआ कि इसमें किसी भी गणमान्य व्यक्ति को नहीं बुलाया गया जैसा कि आमतौर पर शपथ ग्रहण के वक्त किया जाता है। अब महाराष्ट्र का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है।
उधर एनसीपी की जो बैठक आज शाम से जारी है उसमें ज्यादा विधायकों के पहुँचने से लगता है कि भाजपा की सरकार को समर्थन देने और उप मुख्यमंत्री पद की सुबह शपथ लेने वाले अजित पवार के साथ बहुत कम लोग रह गए हैं। जानकारी के मुताबिक अजित पवार के साथ ज्यादा विधायक न होने के चलते ही बाकी लोग उनसे छिटककर वापस एनसीपी (शरद पवार के साथ) में लौट आये हैं इनमें धनंजय मुंडे भी शामिल हैं। एनसीपी ने पहले ही अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाकर जयंत पाटिल को नेता बना दिया है।
शाम को शिव सेना ने दोबारा दावा किया है कि सरकार उनकी पार्टी की ही बनेगी। ऐसा ही बात सुबह कांग्रेस नेता अहमद पटेल और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी कह चुके हैं। शाम की बात की जाये तो शिव सेना के खेमे में दोबारा भरोसा दिखने लगा है, जबकि सुबह उनके चेहरे मुरझाये से दिख रहे थे। तब तक यही लग रहा था कि शरद पवार ने ही धोखा दिया है। लेकिन बाद में शरद पवार ने तीन दलों के गठबंधन का समर्थन कर राजनीतिक स्थिति बदल दी।

हम तीनों साथ, विश्वास मत नाकाम कर अपनी सरकार बनाएंगे : अहमद पटेल

महाराष्ट्र के राजनीतिक घटना को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि हम इक्कट्ठे होकर भाजपा की कोशिशों को फेल कर देंगे। हम तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ेंगे और सरकार बनाएंगे उधर शिव सेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है और सामना में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया जाएगा।

एक प्रेस कांफ्रेंस जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेता भी थे। पटेल ने कहा कि बीच में एनसीपी के कुछ विधायक दूसरी तरफ चले गए जिससे सारा मामला उलट पलट हुआ। कहीं न कहीं उच्च गलत हुआ। पटेल ने दावा किया कि हमारी ही सरकार बनेगी और उससे पहले तीनों (शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस) मिलकर विश्वास मत (फडणवीस का) को फेल करने की कोशिश करेंगे। हम तीनों के बीच कोइ बड़ा मसला नहीं है और सभी मुद्दे सॉल्व कर मजबूत गठबंधन बनाएंगे।
इससे पहले शिव सेना नेता संजय राउत ने दावा किया कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है। उनके मुताबिक इसका सारा ब्योरा उनके पास है और इसका सामना में खुलासा किया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि अन्य विधायक ही नहीं, खुद अजित पवार भी वापस गठबंधन में आ जायेंगे।
इधर पटेल ने कहा हमारे सभी विधायक पार्टी के साथ हैं। महाराष्ट्र को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि हमने सब कुछ शरद पवार के हिसाब से किया लिहाजा हमारी तरफ से कोइ देरी नहीं हुई। उन्होंने आवा किया सरकार हमारी ही बनेगी।
अहमद पटेल ने कहा कि न बैंड न बाजा न बरात। जिस तरह मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गयी। यह महाराष्ट्र की राजनीति में पहली बार हुआ है। पहले भाजपा को बुलाया, फिर शिव सेना को बुलाया फिर शिव सेना को बुलाया लेकिन कांग्रेस को नहीं बुलाया।
जो हुआ है सब कुछ चुप चाप हुआ है। मीडिया तक को नहीं बताया गया। जाहिर है कहीं न कहीं कुछ गलत हुआ है। संबिधान में हमारा भरोसा है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई गयी हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। लोकतंत्र की प्रक्रिया के तहत कुछ नहीं। हुआ।
एनसीपी से हमारी बात हुई। मुद्दों पर हमारी सहमति बनी। शिव सेना के कुछ जरूरी चीजें डिस्कस होनी थीं। आज शिव सेना से हमारी चर्चा होनी थी। लेकिन उससे पहले ही यह सब कुछ हुआ है।

हमीं सरकार बनाएंगे, नंबर हमारे साथ:  शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर के बीच शनिवार को सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा सरकार हमीं बनाएंगे, नंबर हमारे साथ है। फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। प्रेस कांफ्रेंस में ऐसे कुछ विधायक मौजूद भी थे जिन्होंने कहा कि उन्हें (अजित पवार ने) धोखे से फोन करके बुलाया, उन्हें कुछ पता नहीं था। पवार ने कहा हमें जो एक्शन लेना होगा, हम लेंगे।  अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ विधायकों के परेड भी शरद पवार ने पीसी में करवाई।

शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। इस मौके पर कांग्रेस का कोइ नेता उपस्थित नहीं था।

पवार ने कहा कि कुल १६९ विधायकों का समर्थन शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के पास था जिनमें १५६ हमारे तीन दलों के थे। सुबह हमने देखा कि अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। तीन दलों ने सरकार बनाने का फैसला किया था। अजित पवार उच्च एमएलए लेकर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने कहा हमें यहाँ लाया गया है। सुबह सुबह शपथ ग्रहण से हमें हैरानी हुई।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र का मजाक चल रहा है। यह खेल चल रहा है। ये सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। जनादेश का हमने आदर किया है। शिव सेना को करती है, खुलेआम करती है। शिव सेना सीधे-सीधे बात करती है। वे लोगों को तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं। जो हुआ उससे चुनाव ा कोइ मायने नहीं रह जाता। चुनाव करना ही बंद कर देना चाहिए।

 पवार ने कहा कि अजित पवार ने खुद भाजपा के समर्थन का फैसला किया। एनसीपी अजित के फैसले के साथ नहीं है। अजित कुछ एमएलए लेकर राजभवन पहुंचे थे। हम अजित के फैसले के साथ नहीं। हमें जो भी करना होगा करेंगे। करीब १०-११ विधायक उनके साथ हैं। कई विधायक हमारे पास पहुँच रहे हैं जो दूर से आ रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हम भाजपा के सख्त खिलाफ हैं। अमरा भाजपा को समर्थन का सवाल ही नहीं। इस मौके पर अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ    विधायक भी उपस्थित थे जिससे जाहिर होता है कि सभी विधायकों का अजित को समर्थन नहीं है।

इनमें से एक विधायक ने कहा हमें जानकारी नहीं थी कि राजभवन आने के लिए क्यों कहा गया है। बाद में पता चला जब अजित पवार को शपथ दिलाई गयी। एक और विधायक ने कहा कि उन्हें भी कुछ मालुम नहीं था कि क्यों बुलाया गया है। बाद में धोखे का पता चला।

मोदी, शाह ने फडणवीस, अजित पवार को बधाई दी

महाराष्ट्र में रातों-रात भाजपा की एनसीपी नेता अजित पवार की मदद से बनी सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्वीट के जरिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी दोनों को बधाई दी है। शनिवार तड़के अचानक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन ख़त्म करके राज्यपाल ने भगत सिंह कोशियारी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

अब यह लगभग साफ़ हो गया है कि अजित पवार ने एनसीपी से टूटकर भाजपा सरकार को समर्थन दिया है। अभी यह साफ़ नहीं कि अजित पवार के साथ कितने विधायक हैं। एनसीपी के तरफ से अब यह आरोप भी लगाया जाने लगा है कि विधायक दल के दस्तखतों वाली चिट्ठी में कथित रूप से गड़बड़ की गयी है। यह भी कहा जा रहा है कि शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस मिलकर या अलग-अलग सुप्रीम कोर्ट में जाकर राज्यपाल के रात में राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने, फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने और एनसीपी विधायक दल के पत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्वीट के जरिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा – ”महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर क्रमश: देवेंद्र फडणवीस जी और अजीत पवार जी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।”

पीएम का बधाई वाला ट्वीट –
Narendra Modi

@narendramodi
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.