हमीं सरकार बनाएंगे, नंबर हमारे साथ:  शरद पवार

अजित पवार के साथ गए कुछ एमएलए प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में सत्ता के उलटफेर के बीच शनिवार को सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा सरकार हमीं बनाएंगे, नंबर हमारे साथ है। फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। प्रेस कांफ्रेंस में ऐसे कुछ विधायक मौजूद भी थे जिन्होंने कहा कि उन्हें (अजित पवार ने) धोखे से फोन करके बुलाया, उन्हें कुछ पता नहीं था। पवार ने कहा हमें जो एक्शन लेना होगा, हम लेंगे।  अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ विधायकों के परेड भी शरद पवार ने पीसी में करवाई।

शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। इस मौके पर कांग्रेस का कोइ नेता उपस्थित नहीं था।

पवार ने कहा कि कुल १६९ विधायकों का समर्थन शिव सेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के पास था जिनमें १५६ हमारे तीन दलों के थे। सुबह हमने देखा कि अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। तीन दलों ने सरकार बनाने का फैसला किया था। अजित पवार उच्च एमएलए लेकर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने कहा हमें यहाँ लाया गया है। सुबह सुबह शपथ ग्रहण से हमें हैरानी हुई।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र का मजाक चल रहा है। यह खेल चल रहा है। ये सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। जनादेश का हमने आदर किया है। शिव सेना को करती है, खुलेआम करती है। शिव सेना सीधे-सीधे बात करती है। वे लोगों को तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं। जो हुआ उससे चुनाव ा कोइ मायने नहीं रह जाता। चुनाव करना ही बंद कर देना चाहिए।

 पवार ने कहा कि अजित पवार ने खुद भाजपा के समर्थन का फैसला किया। एनसीपी अजित के फैसले के साथ नहीं है। अजित कुछ एमएलए लेकर राजभवन पहुंचे थे। हम अजित के फैसले के साथ नहीं। हमें जो भी करना होगा करेंगे। करीब १०-११ विधायक उनके साथ हैं। कई विधायक हमारे पास पहुँच रहे हैं जो दूर से आ रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हम भाजपा के सख्त खिलाफ हैं। अमरा भाजपा को समर्थन का सवाल ही नहीं। इस मौके पर अजित पवार के साथ राजभवन गए कुछ    विधायक भी उपस्थित थे जिससे जाहिर होता है कि सभी विधायकों का अजित को समर्थन नहीं है।

इनमें से एक विधायक ने कहा हमें जानकारी नहीं थी कि राजभवन आने के लिए क्यों कहा गया है। बाद में पता चला जब अजित पवार को शपथ दिलाई गयी। एक और विधायक ने कहा कि उन्हें भी कुछ मालुम नहीं था कि क्यों बुलाया गया है। बाद में धोखे का पता चला।