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छत्तीसगढ़ को 2050 तक बनाएंगे विकसित राज्य: मोदी

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बिलासपुर। बिल्हा के मोहभट्ठा मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़़ को हमने बनाया है और हम ही संवारेंगे। अपने 42 मिनट के भाषण में करीब दो लाख लोगों की भीड़ के सामने पीएम मोदी ने दावा और वादा किया कि अगले 25 सालों यानि 2050 तक छत्तीसगढ़ विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। राज्य की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलेंगी। इसके लिए उन्होंने प्रदेशवासियों से सहयोग और साथ मांगा। 33 हजार 700 करोड़ के 22 प्रोजेक्ट्स लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह सारी योजनाएं प्रदेशवासियों को सुविधा देने के लिए हैं। इसमें लोगों के घर का सपना पूरा हो रहा है तो निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी। घरों तक पाइप लाइन से गैस पहुंचेगी तो नए उद्योग लगने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इन योजनाओं में स्कूल, सड़क भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने लोगों की चिंता कभी नहीं की और सिर्फ घोटाले और गड़बड़ी की। कांग्रेस की सरकार में भर्ती परीक्षाओं में खूब घोटाले हुए। भाजपा सरकार इन घोटालों की जांच कराते हुए परीक्षाओं में पूरी पारदर्शित बरती जाए इसकी व्यवस्था कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल्हा के मोहभट्ठा मैदान में बड़ी जनसभा को संबाधित किया। इस दौरान उन्होंने 33 हजार 700 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इनमें पॉवर, गैस पाइपलाइन, रेल व नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। पीएम मोदी करीब डेढ़ घंटे बिलासपुर में रहे। करीब 3.20 मिनट पर वे सभा में पहुंचे और करीब पौने पांच बजेे रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने भारत माता की जय, मां महामाया की जय और जय जोहार से सभा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय बिजली व्यवस्था खस्ताहाल थी। लोगों को बिजली नहीं मिलती थी। हमारी सरकार बिजली प्लांट लगा रही है। आपके घरों में जीरो बैलेंस के लिए पीएम सोलर योजना शुरू की गई है। इसके जरिए आप बिजली बनाने के साथ बेच भी सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार यहां गैस पाइप लाइनें बिछा रही है। घरों में खाना बनाने की गैस अब पाइप से आ पाएगी। जैसे पाइप से किचन में पानी आता है, वैसे ही अब गैस आएगी। अभी 2 लाख से ज्यादा घरों में सीधे पाइप से गैस पहुंचाने का लक्ष्य है। बाद में इसे और बढ़ाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गैस उपलब्ध होने से यहां छत्तीसगढ़ में नए उद्योग लगाना भी संभव हो पाएगा। इससे बड़ी संख्या में यहीं पर रोजगार बनेंगे। गैस पाइप लाइन आने से यहां सीएनजी से गाड़ियां चल पाएंगी। पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ समुंदर से दूर है, तो यहां तक गैस पहुंचाना इतना आसान नहीं है। पहले जो सरकार थी, उसने गैस पाइप लाइन पर भी जरूरी खर्च नहीं किया। हम इस चुनौती का भी समाधान कर रहे हैं। इससे पेट्रोलियम से जुड़े उत्पादों को ट्रकों से ट्रांसपोर्ट करने की मजबूरी कम होगी। यह चीजें कम कीमत में लोगों को मिलने लगेंगी।

पीएम मोदी कहा कि भाजपा सरकार आदिवासी समाज के विकास के लिए भी विशेष अभियान चला रही है। इसके लिए धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत 80 हजार करोड़ रुपए आदिवासी इलाकों में खर्च किए जा रहे हैं। इससे छत्तीसगढ़ के करीब 7 हजार आदिवासी गांवों को फायदा हो रहा है। आदिवासियों में भी अति पिछड़ी आदिवासी जनजातियां होती है। पहली बार भाजपा सरकार ने अति पिछड़े आदिवासियों के लिए पीएम जन-मन योजना बनाई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में 2 हजार से अधिक बसाहटों में काम किया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि देशभर में पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों में करीब 5 हजार किलोमीटर की सड़कें स्वीकृत की गई हैं। इनमें आधी सड़कें छत्तीसगढ़ में ही बनाई जानी हैं। यानी ढाई हजार किलोमीटर सड़कें यहां पीएम जन-मन योजना के तहत बनेंगी।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में पीएम आवास के बारे में खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन छत्तीसगढ़ के 3 लाख गरीब परिवार अपने नए घर में गृहप्रवेश कर रहे हैं। मुझे यहां तीन लाभार्थियों से मिलने का अवसर मिला। उनके चेहरे पर खुशी नहीं समां रही थी। मां तो अपना आनंद रोक नहीं पा रही थी। पीएम ने कहा कि गरीब परिवारों के सिर पर पक्की छत प्रदेश की जनता के कारण संभव हो सका है क्यों आपने मोदी की गारंटी पर भरोसा किया। पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला और कहा कि लाखों परिवारों के पक्के घर का सपना पहले की सरकार ने फाइलों में गुमा दिया था।

पीएम मोदी ने कहा कि इसके बाद हमने गारंटी दी थी। यह सपना हमारी सरकार पूरा करेगी। इसलिए विष्णुदेव की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में 18 लाख घर बनाने का निर्णय लिया गया। उनमें से 3 लाख घर बनकर तैयार हैं। मुझे खुशी है, इसमें बहुत सारे घर आदिवासी क्षेत्रों में बने हैं। बस्तर और सरगुजा के अनेक परिवारों को अपने पक्के घर मिले हैं। जिन परिवारों की अनेक पीढ़ियों ने झोपड़ियों में बेहाल जीवन बिताया है। ये उनके लिए कितना बड़ा उपहार है। पीएम मोदी ने कहा कि इन घरों को बनाने के लिए भले ही सरकार ने मदद दी है, लेकिन घर कैसे बनेगा यह सरकार ने नहीं बल्कि हर लाभार्थी ने खुद तय किया है। हमारी सरकार केवल चार दिवारी के घर में नहीं बनाती, बल्कि इन घरों में रहने वालों की जिंदगी भी बनाती है। श्री मोदी ने कहा कि इन घरों को टायलेट, बिजली, उज्जवला की गैस, नल से जल सभी सुविधाओं से जोड़ने का प्रयास है

आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा ने कहा कि ऊर्जा, रेलवे, सड़क, आवास और शिक्षा के सेक्टर में 33 हजार 700 करोड़ की सौगात मिलने से प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। सीएम ने विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से आह्वान किया था कि उस समय की भ्रष्टाचारी कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकना है। जनता ने इस आह्वान और मोदी की गारंटी पर भरपूर भरोसा जताया। इसी विश्वास के कारण भाजपा को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हुई और डबल इंजन की सरकार बनी। इसके बाद स्थानीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज के चुनाव में जनता का भरपूर आशीर्वाद भाजपा को मिला। 

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में केन्द्रीय आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़ी जनसभा है। खट्टर ने जय जोहार से लोगों को संबोधित किया। श्री खट्टर ने कहा कि 2047 तक देश विकसित राष्ट्र के रूप में जाना जाए। उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार मिलेगा और उसके लिए ऊर्जा की जरूरत होगी। इस आमसभा में राज्यपाल रमेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ,उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू,वित्त मंत्री ओपी चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यण किरण सिंह देव के साथ प्रदेश के सभी मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद थे।

हिमाचल में भयानक भूस्खलन, पेड़ गिरने से 6 लोगों की दर्दनाक मौत

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मणिकरण में रविवार शाम गुरुद्वारे के पास भूस्खलन हुआ और एक बड़ा पेड़ गिर गया। हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। घटना शाम करीब पांच बजे हुई। उस समय गुरुद्वारे के सामने सड़क किनारे कई लोग बैठे हुए थे।

जानकारी के अनुसार, पहाड़ी से मलबे के साथ एक विशाल पेड़ अचानक सड़क पर आ गिरा, जिसकी चपेट में कई लोग आ गए। मृतकों में सड़क किनारे खड़ा एक रेहड़ी संचालक, एक सूमो गाड़ी में सवार दो लोग और तीन पर्यटक शामिल हैं। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। कुल्लू के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अश्वनी कुमार ने बताया कि इस हादसे में छह लोगों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। घायलों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल रही हैं।

पहाड़ी से भूस्खलन के कारण कुल्लू को मणिकरण से जोड़ने वाली सड़क जाम हो गई है और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पुलिस ने हालात को संभालने के लिए मणिकरण से पहले ट्रैफिक रोक दिया है, ताकि स्थिति और न बिगड़े। यह हादसा मणिकरण जैसे व्यस्त और धार्मिक स्थल पर होने के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और घटनास्थल से दूर रहने की अपील की है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

7 bledow, ktorych warto unikac jako nowy gracz w Vox Casino

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5. Wybór nieodpowiednich automatów do gry

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Sloty o wysokiej zmienności:

  • Rzadkie, ale wysokie wygrane
  • Dla graczy z większym budżetem i cierpliwością
  • Przykłady: Dead or Alive 2, Gates of Olympus, Legacy of Dead

Sloty o niskiej zmienności:

  • Częstsze, mniejsze wygrane
  • Idealne do spełniania warunków bonusów
  • Przykłady: Starburst, Blood Suckers, Twin Spin

Rada: przed rozpoczęciem gry sprawdź zmienność i RTP wybranego slotu. Dopasuj typ gry do swojego stylu i celów – czy zależy Ci na zabawie, czy realizacji konkretnej strategii?

6. Brak weryfikacji konta na czas

Nowi gracze często odwlekają proces weryfikacji tożsamości (KYC), sądząc, że jest to zbędne lub czasochłonne. Tymczasem bez ukończenia weryfikacji wypłata środków z konta nie będzie możliwa. Dodatkowo opóźnienia mogą pojawić się wtedy, gdy gracz chce szybko zrealizować wygraną.

Rada: przejdź pełny proces weryfikacji zaraz po rejestracji – wystarczy skan dowodu tożsamości oraz dokument potwierdzający adres. Dzięki temu unikniesz opóźnień przy wypłacie środków.

7. Gra bez znajomości systemów obstawiania

Niektórzy gracze od razu próbują zastosować popularne systemy jak Martingale w ruletce czy Fibonacci w blackjacku, nie rozumiejąc ich ryzyka. Martingale polega na podwajaniu stawki po każdej przegranej, by po wygranej odzyskać stratę. Problem w tym, że taka strategia wymaga dużego kapitału i stołu bez limitów zakładów, co w praktyce rzadko występuje.

Rada: traktuj systemy obstawiania jako ciekawostkę, a nie gwarancję wygranej. Zawsze testuj je w trybie demo i nigdy nie opieraj całej strategii na jednym schemacie matematycznym.

Podsumowanie

Rozpoczynając grę w Vox Casino, warto podejść do niej z wiedzą i planem. Unikanie podstawowych błędów pozwoli nie tylko na lepsze wykorzystanie bonusów, ale również na dłuższą i bardziej satysfakcjonującą rozgrywkę. Dzięki legalnej licencji Curaçao, szerokiej ofercie gier i przejrzystym zasadom, Vox Casino to idealne miejsce dla świadomych graczy, którzy wiedzą, jak grać odpowiedzialnie i skutecznie. Zacznij od testowania slotów, zaplanuj swój budżet i korzystaj z promocji z głową – to najlepszy sposób na rozpoczęcie przygody bez rozczarowań.

शादी से डरता है क्यूं ?

डर और अविश्वास के दौर में शादियां खतरे में

बृज खंडेलवाल द्वारा

संयुक्त परिवारों के बुजुर्ग आजकल लड़कों की शादी करने से घबराने लगे हैं, बहुओं का खौफ सता रहा है। उधर नौकरी कर रहे युवा अकेले रहना पसंद करने लगे हैं, शादियों के बंधन से मुक्त लिव इन रिलेशन में, अंजाम जो भी हो। सात जन्मों का बंधन सात साल चल जाए तो शादी सफल मानी जा रही है।

सोशल एक्टिविस्ट वत्सला प्रभाकर द्वारा महिला सशक्तिकरण पर यूथ हॉस्टल में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने नई उम्र के नए डर या खतरे गिनाए। एक ने तो बड़ी वेदना के साथ अपनी छोटी सी शादी शुदा जिंदगी का मार्मिक वर्णन कर माहौल को हिला कर रख दिया।

दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाहित जोड़ों द्वारा आत्महत्याओं और निर्मम  हत्याओं की एक श्रृंखला के बाद, बैंगलोर से मेरठ तक, शादी का पवित्र संस्थान खतरे में दिखाई दे रहा है। ऐसे चरम कदमों की वजह हैं, अहंकार के टकराव से लेकर बेवफाई, महत्वाकांक्षी स्ट्रेस आदि तक हैं। भारतीय समाजशास्त्रियों का कहना है कि शादियाँ, जिन्हें कभी समाज की नींव माना जाता था, अब गंभीर तनाव और जाँच के दायरे में हैं। दुनिया भर में, युवा पुरुष और महिलाएँ तेजी से विवाह से बच रहे हैं।

प्रोफेसर पारस नाथ चौधरी के मुताबिक, “भारत में, जहाँ शादी को कभी एक निर्विवाद सामाजिक दायित्व माना जाता था, युवाओं की बढ़ती संख्या अकेले रहने का विकल्प चुन रही है—कुछ व्यक्तिगत पसंद से, कुछ सिर्फ डर से। वह संस्था जिसका उद्देश्य प्यार, स्थिरता और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देना था, अब संदेह, यहाँ तक कि डर से देखी जा रही है। सवाल यह है: क्या शादी अप्रचलित हो रही है, और यदि ऐसा है, तो समाज के भविष्य के लिए इसका क्या अर्थ है? हाल की सुर्खियाँ डरावनी रही हैं—सशक्त पत्नियों द्वारा अपने पतियों  की हत्याओं को अंजाम देने, निर्दोष पुरुषों को फँसाने के लिए कानूनी खामियों का फायदा उठाने और वैवाहिक कानूनों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कहानियाँ।”

हालाँकि ऐसे मामले सामान्य नहीं हैं, लेकिन उनके सनसनीखेज होने ने गहरे घाव छोड़े हैं। सोशल एक्टिविस्ट मुक्ता बेंजामिन कहती हैं “युवा पुरुष शादी से तेजी से सावधान हो रहे हैं, झूठे आरोपों और कानूनी उत्पीड़न (धारा 498ए जैसे कानूनों के दुरुपयोग के साथ), संयुक्त परिवारों में अहंकार के टकराव और कुसमायोजन से जहरीले वातावरण, वित्तीय शोषण—उच्च दहेज की माँग, गुजारा भत्ता का बोझ और घर चलाने की बढ़ती लागत का डर है। परिणाम? पुरुषों की एक पीढ़ी जो शादी को साझेदारी के रूप में नहीं बल्कि संभावित जीवन बर्बाद करने वाले जुए के रूप में देखती है।”

महानगरों में शादी का आकर्षण कम हो रहा है, जहाँ युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा लिव-इन रिलेशनशिप का विकल्प चुन रहा है। एलजीबीटीक्यू का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इस चलन में भारत अकेला नहीं है। पश्चिम दशकों से शादियों में लगातार गिरावट देख रहा है: स्वीडन और जर्मनी जैसे देशों में शादी की दरें गिर गई हैं, सहवास और अकेलापन सामान्य हो गया है, चीन और जापान: बढ़ती व्यक्तिवाद, आर्थिक दबाव और बढ़ते लैंगिक विभाजन ने “विवाह हड़ताल” को जन्म दिया है, लाखों लोग इससे बाहर निकल रहे हैं। महानगरों में  पेशेवर युवा शादी में देरी करते हैं या शादी ही नहीं करते, सामाजिक अपेक्षाओं से अधिक करियर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता देते हैं,” कहती हैं बिहार की समाज शास्त्री डॉ विद्या चौधरी झा। यहाँ तक कि ग्रामीण भारत में भी, जहाँ कभी परंपरा जल्दी शादी की हुआ करती थी, युवा पुरुष और महिलाएँ 30 के दशक तक अविवाहित रहते हैं—एक पीढ़ी पहले अनसुनी घटना।

जो लोग शादी का बचाव करते हैं, उनका तर्क है कि यह जिम्मेदार नागरिक बनाता है—वे व्यक्ति जिनकी दुनिया में भावनात्मक, वित्तीय और सामाजिक हिस्सेदारी होती है। जब लोग शादी करते हैं और परिवार पालते हैं, तो वे भविष्य में निवेश करते हैं, सामाजिक स्थिरता में योगदान करते हैं। लेकिन जब शादी कम हो जाती है तो क्या होता है, ये सवाल एक्टिविस्ट पद्मिनी अय्यर ने किया है।

अविवाहित व्यक्तियों में सामुदायिक कल्याण के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की कमी हो सकती है।  गिरती शादियों से जनसंख्या कम होती है, जैसा कि जापान में देखा गया है, आर्थिक स्थिरता को खतरा है।  पारिवारिक बंधन के बिना, मानसिक स्वास्थ्य संकट और खराब हो सकता है। इस दृष्टिकोण में, शादी सिर्फ एक व्यक्तिगत पसंद नहीं बल्कि एक सामाजिक अनुबंध है—जो सामूहिक जिम्मेदारी सुनिश्चित करता है।

तमिल बुद्धिजीवी टी एन सुब्रमनियन का कहना है “हालाँकि शादी-विरोधी मानसिकता बढ़ रही है, लेकिन यह अपरिवर्तनीय नहीं है। विवाह में विश्वास को पुनर्जीवित करने के लिए, प्रणालीगत परिवर्तन की आवश्यकता है, जैसे कि दुरुपयोग को रोकने और विश्वास बहाल करने के लिए लिंग-तटस्थ कानूनों को सुनिश्चित करना, आवास लागत को कम करना, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और परिवारों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना, रिश्तों में संघर्ष समाधान को प्रोत्साहित करना, वैवाहिक परामर्श को बढ़ावा देना और सामाजिक दबाव को कम करना।”

शादी में गिरावट सिर्फ एक व्यक्तिगत पसंद नहीं है—यह एक सभ्यतागत चुनौती है। यदि युवा लोग शादी को एक जोखिम भरा, अप्रतिस्पर्धी प्रयास मानते रहते हैं, तो समाज को एक ऐसे भविष्य का सामना करना पड़ सकता है जहाँ प्रतिबद्धता, जिम्मेदारी और अंतर-पीढ़ीगत बंधन मिट जाते हैं। समाधान अनिच्छुक व्यक्तियों पर शादी को मजबूर करने में नहीं है, बल्कि इसे एक सुरक्षित, संतोषजनक और टिकाऊ संस्था बनाने में है।

कश्मीर के लिए पहले बंदे भारत ट्रेन 19 अप्रैल से

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 30  मार्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को कश्मीर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन करेंगे। यह ट्रेन रियासी जिले के कटड़ा शहर से चलेगी और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को पार करते हुए श्रीनगर और फिर उत्तरी कश्मीर के बारामूला में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचेगी।सूत्रों के अनुसार उद्घाटन ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद  प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का दौरा भी करेंगे और उसी दिन कटरा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित भी करेंगे।
शुरुआत में यह ट्रेन कटरा और श्रीनगर/बारामुला के बीच चलेगी। नई वंदे भारत इस अंतर को भरेगी, जो कटरा से श्रीनगर/बारामुला तक चलेगी, जिससे यात्री पहली बार ट्रेन से सीधे कश्मीर जा सकेंगे।वर्तमान में कश्मीर में ट्रेन सेवाएं केवल बारामुल्ला और संगलदान के बीच चलती हैं, जबकि लंबी दूरी की ट्रेनें कटरा में समाप्त होती हैं। शुरुआत में कटरा और श्रीनगर रूट पर सिर्फ़ एक कश्मीर-विशिष्ट वंदे भारत ट्रेन चलेगी। एक अधिकारी ने कहा, “लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर इस रूट पर और ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएँगी। सुरक्षा चिंताओं के बीच यात्रियों को कटरा रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा और वहां से आगे की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन पकड़नी होगी। दिल्ली से श्रीनगर या देश के किसी भी अन्य हिस्से से श्रीनगर जाने वाली ट्रेन में चढ़ने वाले सभी लोगों की गहन तलाशी ली जाएगी।
इसके अलावा, बोर्डिंग के समय उनके सामान की जांच की जाएगी। कटरा स्टेशन पर उतरने के बाद प्रस्थान लाउंज में सामान की फिर से जांच की जाएगी। दूसरी ट्रेन में चढ़ने से पहले सुरक्षाकर्मियों द्वारा उनकी फिर से तलाशी ली जाएगी।
कश्मीर रूट पर ट्रेनें केवल दिन के समय चलेंगी। शाम के समय घाटी में कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी क्योंकि शाम को एजेंसियों द्वारा सुरक्षा तैनाती हटा ली जाती है।
सूत्रों के अनुसार, अगस्त से जम्मू रेलवे स्टेशन पर विस्तार कार्य पूरा होने के बाद, जम्मू से श्रीनगर/बारामुला के बीच ट्रेन चलने की उम्मीद है। हालांकि, अभी दिल्ली से श्रीनगर के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं होगी।
इस समारोह में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे।
स्टेशन का काम पूरा होने के बाद सेवा को जम्मू तक बढ़ाया जाएगा।
यह ट्रेन उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के घटकों में से एक है, जो क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है। यह रेल लिंक 272 किलोमीटर लंबा है। इस मार्ग की एक खास विशेषता है चेनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है.

मोदी सरकार ने हमारे बैंक को कलेक्शन एजेंट बना दिया- मल्लिकार्जुन खड़गे

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 29 मार्च- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क बढ़ाने की सरकार के निर्णय को जन विरोधी करार देते हुए कहा है कि सरकार बैंकों के माध्यम से देश की जनता को लूटने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बैंकों को “कलेक्शन एजेंट” बना दिया है। खड़गे ने इस बात का जिक्र किया कि सरकार ने विभिन्न शुल्कों को लागू किया है. जो आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं।
 खड़गे ने कहा बैंक एटीएम केवाईसी व्हाट्सएप पर निकासी तथा जमा संबंधी संदेश देने ग्राहक का अपने खाते का विवरण हासिल करने आदि पर पैसे वसूल कर आम लोगों को लूटने में लगी है.पहले बैंक इसका डाटा  देते थे लेकिन अब सरकार  ने यह कहते हुए डाटा  देने से इनकार कर दिया कि रिजर्व बैंक डाटा  नहीं रखता है,यह परंपरा बंद कर दी गई है। खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने इन शुल्कों से प्राप्त राशि का विवरण संसद में देना बंद कर दिया है। 
बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्कों का विवरण देते हुए खड़गे ने कहा बैंकों को सालाना निष्क्रियता शुल्क 100 से 200 रुपए है. स्टेटमेंट जारी करने का शुल्क 50 से 100 है। एसएमएस अलर्ट के लिए प्रति तिमाही   25 का शुल्क लिया जाता है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो डॉलर के मुकाबले उसे समय ₹60 थे और वह कहते थे रुपया आईसीयू में चला गया है लेकिन आज डॉलर की तुलना रुपया 89 पर है रुपया वेंटिलेटर पर है. लेकिन मोदी खामोश है.खड़गे ने इस पर भी कटाक्ष करते हुए कहा बेतहाशा महंगाई , बेलगाम लूट यह  भाजपा का जबरन वसूली मंत्र है ।  मोदी सरकार ने हमारे बैंक को कलेक्शन एजेंट बना दिया है।

टोन्टो थाना क्षेत्र में नक्सलियों के विस्फोटक डंप का खुलासा, सुरक्षा बलों ने किया नष्ट

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा झारखंड के सारंडा-कोल्हान क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है। प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा अपने दस्ता सदस्यों के साथ इस क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सक्रिय हैं। इनके विरुद्ध चाईबासा पुलिस, कोबरा 203 और 209 बटालियन, झारखंड जगुआर तथा सीआरपीएफ की 26, 60, 134, 174, 193 और 197 बटालियन का संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

वर्ष 2022 से लगातार इस अभियान को गोईलकेरा और टोन्टो थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों और जंगलों में संचालित किया जा रहा है। अभियान के तहत कुईड़ा, छोटा कुईड़ा, मारादिरी, मेरालगड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेडा, बोयपाईससांग, कटम्बा, बायहातु, बोरोय, लेमसाडीह, हुसिपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटातोरब, गोबुरू और लुईया के सीमावर्ती इलाकों में विशेष कार्रवाई की जा रही है।

इसी कड़ी में सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने टोन्टो थाना क्षेत्र के जंगलों और पहाड़ी इलाकों में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद छिपाकर रखा है। इस सूचना के आधार पर 28 मार्च 2025 को वनग्राम सरजामबुरू और जीम्कीइकीर के आसपास व्यापक सर्च अभियान शुरू किया गया। इस दौरान सुरक्षा बलों को एक पुराने नक्सली डंप का पता चला, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई।

सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए पहले से लगाए गए आईईडी और अन्य विस्फोटकों को बम निरोधक दस्ते की मदद से सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा, बरामद किए गए नक्सल डंप को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। बरामद सामग्री में 28 तैयार आईईडी, 23 डेटोनेटर, 25 किलोग्राम यूरिया, 1 किलोग्राम गन पाउडर, 50 स्विच, 250 मीटर कॉर्डेक्स वायर, 150 मीटर सेफ्टी फ्यूज, 1 सिंटेक्स टैंक और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।

यह नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी है और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम नक्सलियों की विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता बरत रही है।

यूपी में गुरुजी ही निकले फर्जी; सीतापुर में 16 शिक्षक बर्खास्त, फर्जी सर्टिफिकेट पर पायी थी नौकरी

यूपी : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के निर्देश पर सीतापुर में 16 शिक्षकों बर्खास्त कर दिया गया है. इन शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का मामला आया है. जिसके बाद मंत्री ने तुरंत विभाग के उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) सीतापुर ने इन सभी शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया.

बर्खास्त शिक्षकों की सूची जारी : जारी सूची के मुताबिक, जिन 16 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं, उनमें बबलू यादव, रंजना, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, गोपाल सिंह, जीतेंद्र कुमार, राहुल कुमार, अकबर शाह, प्रदीप कुमार यादव, दिनेश कुमार यादव, प्रमोद कुमार, भूपेंद्र सिंह, सुनील कुमार और ओमवीर सिंह के नाम शामिल हैं. इनमें अधिकांश के टीईटी प्रमाण पत्र और दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने दी चेतावनी : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार किसी भी स्थिति में फर्जीवाड़े को सहन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह अभियान और तेज होगा. शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है. जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐसे सभी फर्जी नियुक्तियों की जांच कर कार्रवाई जारी रहेगी. भविष्य में भी जो कोई गड़बड़ी करेगा, उसे इसी तरह कठोर दंड मिलेगा.

यह था मामला : बता दें कि यह फर्जीवाड़ा 12,460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में हुई नियुक्तियों में सामने आया. जांच में पाया गया कि 16 शिक्षकों ने फर्जी टीईटी प्रमाण पत्रों और अन्य कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की थी. सत्यापन के दौरान जब यह धोखाधड़ी उजागर हुई और मामला बेसिक शिक्षा मंत्री के संज्ञान में आया. उन्होंने विभाग को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया.

केंद्र के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में 2% की वृद्धि

बिहार में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड आरा-सासाराम कॉरिडोर को हरी झंडी

अंजलि भाटिया
नई दिल्ली , 28 मार्च
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए योजनाओं की झड़ी लगा दी है। इसमें बिहार में 4-लेन ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर 120.10 किमी के निर्माण को हरी झंडी दे दी। इसके अलावा साल दर साल कोसी के कहर से लोगों को बचाने के लिए एक बहु प्रशिक्षित योजना कोसी मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना पर भी मुहर लगा दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर से क्षेत्रीय और अंतरराज्यीय संपर्क बढ़ेगा और यात्रा का समय कम होगा । इसकी अनुमानित लागत 3,712 करोड़ रुपये है। चार लेन वाला यह मार्ग हाइब्रिड एन्युटी मोड-एचएएम पर विकसित किया जाएगा। मौजूदा समय में सासाराम, आरा और पटना के बीच संपर्क मौजूदा राज्य के बनाए राजमार्गों पर निर्भर करता है, इससे यातायात की दुश्वारियां होती हैं। इसके चलते इस सफर को तय करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं।
ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किलोमीटर के बढ़ने के साथ एक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसी घनी आबादी वाले इलाके भी यातायात के लिहाज से हल्के हो सकेंगे। इस कॉरिडोर के बनने से लखनऊ,पटना, रांची और वाराणसी के मध्य संपर्क और बेहतर हो जाए। इससे 48 लाख मानव दिवसों के बराबर रोजगार भी सृजित होंगे।
इसके अलावा कैबिनेट ने उर्वरक खरीद के लिए सब्सिडी और इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी। आर्थिक मामलों के मंत्री मंडल ने कोसी मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना को मंजूरी दी है। इसका मकसद राज्य में संपर्क को बढ़ाना और कृषि सिंचाई को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- पीएमकेएसवाई- एआईबीपी में इस योजना को मंजूरी दी है। कुल योजना 6,282.32 करोड़ की है। इसमें राज्य का हिस्सा छोड़कर केंद्र से 3,652.56 करोड़ रुपया मिलेगा। इस 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को महानंदा बेसिन में कृषि भूमि की सिंचाई के लिए मोड़ना है। इससे अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 2.10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्रफल लाभान्वित होगा। बाढ़ से मुक्ति मिलेगी। बेहतर जल वितरण के लिए पूर्वी कोसी मुख्य नहर-ईडीएमसी का उन्नयन सुनिश्चित हो सकेगा। पूरे क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी। इस योजना से 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार जुड़ेंगे। इसका लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रानिक्स आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाना है। इलेक्ट्रॉनिक्स शीर्ष-3 निर्यातित वस्तुओं में से एक है । इस पहल से घरेलू और वैश्विक स्तर पर बड़े निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे और एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 59,350 करोड़ का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। इससे 4,56,500 करोड़ के उत्पादों का उत्पादन हो सकेगा। यह योजना छह साल के लिए है, इसमे एक साल का गर्भावधि शुल्क शामिल है। इसके साथ की प्रोत्साहन रोजगार सृजन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के अनुसार किया जाएगा।
इस योजना से निर्यात बढ़ाने, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग के हब के रुप में भारत दुनिया के नक्शे पर स्थापित हो सकेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल खरीफ मौसम के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों पर खरीफ, 2025 के लिए 37,216 करोड़ रुपयों की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को भी मंजूरी दी है। इसका मकसद मिट्टी की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उसे पोषक तत्व उपलब्ध कराना है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए यह पहल खेती किसानी के लिहाज से खासी अहम है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डीएपी-डायअमोनिया फॉस्टेट की खुदरा कीमत वर्तमान स्तर पर बनी रहें। खरीफ सीजन के लिए सब्सिडी राशि की आवश्यकता करीब 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक है, जो रबी सीजन 2024-25 के बजटीय प्रावधानों से ज्यादा है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते व महंगाई राहत (डीए व डीआर) में 2% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के साथ, डीए और डीआर 53% से बढ़कर 55% हो जाएगा। इससे कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में वृद्धि होगी। पिछली बार डीए में वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थी, जब इसे 50% से बढ़ाकर 53% किया गया था।

यूएई ने 500 भारतीय समेत 1500 से अधिक कैदियों को किया रिहा

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने रमजान के पवित्र महीने के अंत में एक बड़ा मानवीय कदम उठाया है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने अलग-अलग आदेश जारी करते हुए कुल 2,813 कैदियों बड़ी राहत दी है।

राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 1,295 कैदियों को माफी दी है, जबकि प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 1,518 कैदियों को क्षमादान दिया है, इनमें 500 से अधिक भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। यह घोषणा फरवरी के आखिरी सप्ताह में राष्ट्रपति द्वारा रमजान से पहले कैदियों को माफी देने की बात कहे जाने के बाद आई है। इस कदम का उद्देश्य रिहा किए गए कैदियों को अपने परिवारों के साथ ईद का त्योहार मनाने का अवसर प्रदान करना है।

गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय समुदाय एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यूएई की कुल आबादी में भारतीयों की हिस्सेदारी 37.96 प्रतिशत है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यूएई में 35 लाख 68 हजार 848 (3.6 मिलियन) भारतीय निवास करते थे, जो दुनिया में भारतीयों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। यूएई के विकास में यहां रहने वाले भारतीयों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।